डबवाली। रेल लाईन पर ट्रेफिक की अधिकता के चलते अक्सर रेलवे फाटक बंद रहता है। जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। यातायात पर नियंत्रण के अभाव के चलते वाहन आपस में टकराते हैं, झगड़े होते हैं।
जानकारी अनुसार बठिंडा-डबवाली-हनुमानगढ़ रेल ट्रेक पर रोजाना 12 सवारी गाडिय़ां और 35 माल गाडिय़ां डबवाली रेलवे स्टेशन से होकर जाती हैं। जिसके कारण हर बीस मिनट बाद रेलवे फाटक बंद हो जाते हैं। इस बीच रेलवे फाटकों के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग जाती हैं। गाड़ी निकलने के बावजूद अवरोध खत्म होने में घंटो लग जाते हैं। जिससे पब्लिक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है। ऐसे कई मौके आए हैं जब सिर फुटेल हुई और मामला अस्पताल से थाना में भी पहुंचा। पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। इसके बावजूद प्रशासन ने ट्रेफिक कंट्रोल के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। जबकि जीटी रोड़ रेलवे फाटक तथा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक ट्रेफिक के लहजे से रेलवे की ए श्रेणी में आते हैं।
इस संदर्भ में रेलवे के जूनियर इंजीनियर एसके पासवान से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डबवाली के जीटी रोड़ तथा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक ए श्रेणी में आते हैं। इन दोनों फाटकों पर सप्ताह भर का ट्रेफिक व्हीकल यूनिट 70 हजार से भी ऊपर का है। एक सप्ताह में जीटी रोड़ रेलवे फाटक से करीब अढ़ाई लाख वाहन क्रॉस करते हैं, जबकि कलोनी रोड़ रेलवे फाटक से दो लाख वाहन क्रॉस करते हैं। इन दोनों रेलवे फाटकों पर ट्रेफिक एक गंभीर समस्या है। लेकिन ट्रेफिक को कंट्रोल करने की जिम्मेवारी रेलवे की नहीं है। यह जिम्मेवारी सिविल पुलिस और प्रशासन की है।
इस मामले को लेकर जिला सिरसा यातायात प्रभारी कृष्णा यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डबवाली में ट्रेफिक बड़ी प्रॉब्लम बन गया है। इस संबंधी उन्हें काफी शिकायतें मिली हैं। डबवाली रेलवे फाटक पर ट्रेफिक को कंट्रोल करने के लिए एसपी सिरसा सतिन्द्र गुप्ता के आदेश पर डबवाली पुलिस को दो जवान उपलब्ध करवा दिए गए हैं। आने वाले दिनों में डबवाली में ट्रेफिक व्यवस्था सुधर जाएगी।
आम नागरिकों के अनुसार जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर यातायात कंट्रोल का हल केवल रेलवे ओवरब्रिज से ही संभव है। इस ओवरब्रिज के निर्माण के लिए करीब पिछले 40 वर्षों से राजनीतिक डबवाली की जनता को लॉलीपाप थमाते आ रहे हैं। इस संबंध में तत्कालीन सांसद कुमारी सैलजा, डॉ. सुशील इंदौरा ने भी प्रयास किए। वर्तमान सांसद अशोक तंवर का कहना है कि वे पुल के लिए प्रयासरत हैं। इस संबंध में उन्होंने फाईल बनाकर उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर डिविजन को भेज दी है। रेलवे मंत्रालय से इस संबंध में बातचीत चल रही है।
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Lahoo Ki Lau
13 नवंबर 2010
10 नवंबर 2010
सुषमा के हौसले ने छुड़ाए बदमाशों के पसीने
डबवाली। सिरसा जिले के चौटाला गांव की एक महिला ने सोमवार को अपने हौसले और बहादुरी से दो बदमाशों के पसीने छुड़ा दिए। ये बदमाश महिला का पर्स छीनकर भाग रहे थे, लेकिन सड़क पर गिरने के बावजूद महिला ने अपना पर्स नहीं छोड़ा और उनसे भिड़ गई। आखिरकार बदमाश उसका पर्स छोड़कर फरार हो गए। बाजार में महिला की बहादुरी के चर्चे हैं। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची महिला अपने गांव जा चुकी थी, जिससे बदमाशों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हो सका।
गांव चौटाला निवासी सुषमा (38) ने बताया कि वह डबवाली से सामान खरीदने के बाद एटीएम से एक हजार रुपये निकलवाने गई थी, लेकिन एटीएम से पैसे नहीं निकले। इसी दौरान उसके पीछे आए दो युवकों ने उससे पूछा कि एटीएम से पैसे निकल रहे हैं या नहीं, जिस पर उसने मना कर दिया। इसके बाद वह रिक्शा में बैठकर बस स्टैंड की ओर चल दी। उसने बताया कि कालोनी रोड पर पीछे से मोटरसाइकिल पर आए युवकों ने लपक कर उसका पर्स छीनना चाहा, लेकिन उसने पर्स को दोनों हाथों से पकड़ लिया। इससे वह रिक्शे से रोड पर गिर गई। युवक उसे घसीटते हुए करीब 20 फुट दूर तक ले गए। उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां एकत्र हो गए। लोगों को देख दोनों युवक पर्स उसके हाथ में ही छोड़कर फरार हो गए।
मौके पर मौजूद दुकानदार राजेश ने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ बदमाशों का पीछा किया, लेकिन वे डूमवाली बैरियर क्रास करने के बाद फरार हो गए। दुकानदारों ने महिला को सहारा दिया और कुछ देर आराम करने के बाद महिला अपने गांव चली गई। थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू ने बताया कि लोगों का फोन आने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक महिला जा चुकी थी।
09 नवंबर 2010
शराब ने मारा दिहाड़ीदार मजदूर
डबवाली (लहू की लौ) शराब की आदत गांव पन्नीवाला मोरिकां के गुरदेव सिंह की मौत का कारण बन गई। नशे में गंदे पानी के जोहड़ में गिरने के 17 घंटो के बाद उसके शव को बाहर निकाला गया।
गांव पन्नीवाला मोरिकां निवासी गुरदेव सिंह (60) दिहाड़ीदार मजदूर था। रविवार शाम करीब 7 बजे वह डबवाली में दिहाड़ी करके घर वापिस आया। उसकी पत्नी बलवीर कौर (58) ने उसे खाना खाने को कहा। लेकिन उसने गांव में बने शराब के ठेके पर जाने की जिद पकड़ ली और चल दिया। शराब ठेका पर उसने शराब पी। शराब का अत्यधिक सेवन करने के बाद वह खुद पर नियंत्रण नहीं रख सका और गांव के बस अड्डा पर आकर गिरने लगा।
गांव के सोनी खान (23), चेला राम (40), पिरथी (30) ने बताया कि रविवार रात को वे गांव के बस अड्डा पर बैठे थे। इसी दौरान गुरदेव की भेंट उनसे हुई। उस समय गुरदेव सिंह शराब पीए हुए था। उन्होंने उसे संभाला। कुछ देर बाद गुरदेव वहां से चला गया। निकट स्थित गंदे पानी के जोहड़ में कोई वस्तु गिरने की आवाज हुई। गुरदेव सिंह भी कहीं दिखाई नहीं दिया। वे लोग मौका पर पहुंचे, कोई व्यक्ति जोहड़ से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था। शोर मचाने पर काफी लोग मौका पर जमा हो गए। जोहड़ में डूबते व्यक्ति को बचाने के लिए गांव के जगजीत सिंह, कैंची, भोला नामक तीन युवक जोहड़ में उतर गए। गांव के गुरूद्वारा में इस घटना की सूचना दी गई। गुरदेव को बचाने के लिए ग्रामीणों का हजूम उमड़ पड़ा। रात करीब अढ़ाई बजे तक प्रयास चलते रहे। लेकिन ग्रामीणों की तमाम कोशिशें धरी की धरी रह गई।
सोमवार सुबह पुन: तीन फीटर लगाकर 15 फुट गहरे जोहड़ का पानी निकाला गया। ग्रामीणों को 17 घण्टों के अथक प्रयास के बाद उस समय सफलता हाथ लगी, जब ग्रामीणों की दृष्टि गुरदेव के शव पर पड़ी। उसे बाहर निकाला गया। गांव के सरपंच जगदीप सिंह, ग्रामीण जगजीत सिंह, राजा सिंह, जोगिन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, मक्खन सिंह, राजू सिंह, बंसी सिंह, हरप्रीत सिंह, दीपा सिंह, परमेश्वर सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने कभी भी गुरदेव सिंह को लड़ते-झगड़ते नहीं देखा। लेकिन वह शराब पीने का आदि था। शराब ही उसकी मौत की वजह बन गई।
गुरदेव के तीन बेटे गोपाल, इकबाल और विजय सिंह हैं। वे भी दिहाड़ी मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। मृतक गुरदेव की पत्नी बलवीर कौर ने भी स्वीकारा कि उसका पति शराब पीने का आदि था।
गांव पन्नीवाला मोरिकां निवासी गुरदेव सिंह (60) दिहाड़ीदार मजदूर था। रविवार शाम करीब 7 बजे वह डबवाली में दिहाड़ी करके घर वापिस आया। उसकी पत्नी बलवीर कौर (58) ने उसे खाना खाने को कहा। लेकिन उसने गांव में बने शराब के ठेके पर जाने की जिद पकड़ ली और चल दिया। शराब ठेका पर उसने शराब पी। शराब का अत्यधिक सेवन करने के बाद वह खुद पर नियंत्रण नहीं रख सका और गांव के बस अड्डा पर आकर गिरने लगा।
गांव के सोनी खान (23), चेला राम (40), पिरथी (30) ने बताया कि रविवार रात को वे गांव के बस अड्डा पर बैठे थे। इसी दौरान गुरदेव की भेंट उनसे हुई। उस समय गुरदेव सिंह शराब पीए हुए था। उन्होंने उसे संभाला। कुछ देर बाद गुरदेव वहां से चला गया। निकट स्थित गंदे पानी के जोहड़ में कोई वस्तु गिरने की आवाज हुई। गुरदेव सिंह भी कहीं दिखाई नहीं दिया। वे लोग मौका पर पहुंचे, कोई व्यक्ति जोहड़ से बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा था। शोर मचाने पर काफी लोग मौका पर जमा हो गए। जोहड़ में डूबते व्यक्ति को बचाने के लिए गांव के जगजीत सिंह, कैंची, भोला नामक तीन युवक जोहड़ में उतर गए। गांव के गुरूद्वारा में इस घटना की सूचना दी गई। गुरदेव को बचाने के लिए ग्रामीणों का हजूम उमड़ पड़ा। रात करीब अढ़ाई बजे तक प्रयास चलते रहे। लेकिन ग्रामीणों की तमाम कोशिशें धरी की धरी रह गई।
सोमवार सुबह पुन: तीन फीटर लगाकर 15 फुट गहरे जोहड़ का पानी निकाला गया। ग्रामीणों को 17 घण्टों के अथक प्रयास के बाद उस समय सफलता हाथ लगी, जब ग्रामीणों की दृष्टि गुरदेव के शव पर पड़ी। उसे बाहर निकाला गया। गांव के सरपंच जगदीप सिंह, ग्रामीण जगजीत सिंह, राजा सिंह, जोगिन्द्र सिंह, लक्ष्मण सिंह, मक्खन सिंह, राजू सिंह, बंसी सिंह, हरप्रीत सिंह, दीपा सिंह, परमेश्वर सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने कभी भी गुरदेव सिंह को लड़ते-झगड़ते नहीं देखा। लेकिन वह शराब पीने का आदि था। शराब ही उसकी मौत की वजह बन गई।
गुरदेव के तीन बेटे गोपाल, इकबाल और विजय सिंह हैं। वे भी दिहाड़ी मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। मृतक गुरदेव की पत्नी बलवीर कौर ने भी स्वीकारा कि उसका पति शराब पीने का आदि था।
16 साल की लड़की को भगा ले गया
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली से एक 16 वर्षीय लड़की को एक युवक भगा ले गया। पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज करके लड़की तथा आरोपी की तालाश में छापामारी शुरू कर दी है।
गांव डबवाली के महिन्द्र सिंह (47) ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय लड़की सर्वजीत कौर गांव के ही सरकारी हाई स्कूल की 9वीं कक्षा की छात्रा है। 3 नवम्बर को सुबह 7 बजे स्कूल के घर से गई थी लेकिन शाम तक जब घर नहीं लौटी तो उन्होंने रिश्तेदारी में तालाश शुरू कर दी। वह कहीं नहीं मिली।
शिकायतकर्ता के अनुसार इसी दिन से उसके चाचा निहाल सिंह के सांडू जोगिन्द्र सिंह का 19 वर्षीय लड़़का जसवीर सिंह उर्फ वीर सिंह निवासी गुरूसर माडी जिला मोगा भी गायब है जो कि गांव डबवाली में आया हुआ था।
थाना शहर पुलिस डबवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि महिन्द्र सिंह के ब्यान पर आरोपी युवक के खिलाफ लड़की को भगा ले जाने के आरोप में धारा 363/366ए आईपीसी के तहत केस दर्ज करके जिला मुक्तसर और मोगा में संदिग्ध स्थानों पर छापामारी शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों का पता नहीं चल पाया है।
गांव डबवाली के महिन्द्र सिंह (47) ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय लड़की सर्वजीत कौर गांव के ही सरकारी हाई स्कूल की 9वीं कक्षा की छात्रा है। 3 नवम्बर को सुबह 7 बजे स्कूल के घर से गई थी लेकिन शाम तक जब घर नहीं लौटी तो उन्होंने रिश्तेदारी में तालाश शुरू कर दी। वह कहीं नहीं मिली।
शिकायतकर्ता के अनुसार इसी दिन से उसके चाचा निहाल सिंह के सांडू जोगिन्द्र सिंह का 19 वर्षीय लड़़का जसवीर सिंह उर्फ वीर सिंह निवासी गुरूसर माडी जिला मोगा भी गायब है जो कि गांव डबवाली में आया हुआ था।
थाना शहर पुलिस डबवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि महिन्द्र सिंह के ब्यान पर आरोपी युवक के खिलाफ लड़की को भगा ले जाने के आरोप में धारा 363/366ए आईपीसी के तहत केस दर्ज करके जिला मुक्तसर और मोगा में संदिग्ध स्थानों पर छापामारी शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों का पता नहीं चल पाया है।
मां-बेटा घायल
डबवाली (लहू की लौ) पड़ौसियों को लड़ाई में हस्तक्षेप करना उस समय महंगा पड़ा जब हमला करने आई पार्टी ने मां-बेटे को घायल कर दिया।
घायल सर्वजीत कौर (45) पत्नी सुखमन्दर सिंह निवासी गांव डबवाली ने बताया कि उनके पड़ौसी नाहर सिंह के साथ कुछ लोग हाथापाई कर रहे थे। जिस पर वह और उसका बेटा सुखजीत सिंह (25) छुड़ाने के लिए चले गये तो हमलावरों ने उनके चोटें मारीं और घायल कर दिया।
मौका पर उपस्थित नाहर ङ्क्षसह (30) पुत्र भगत सिंह ने बताया कि उसने गांव के ही शालू से 2800 रूपये कीमत का रस्सा लेना है और उसके 500 रूपये देने हैं। इसी बात को लेकर शालू के साथ उसका झगड़ा हो गया। शालू ने अपने साथियों की मदद से उस पर हमला बोल दिया लेकिन उसे छुड़ाने आये उनके पड़ौसी इस हमले में घायल हो गये।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि अभी दोनों पक्षों के ब्यान होने बाकी हैं। उसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
घायल सर्वजीत कौर (45) पत्नी सुखमन्दर सिंह निवासी गांव डबवाली ने बताया कि उनके पड़ौसी नाहर सिंह के साथ कुछ लोग हाथापाई कर रहे थे। जिस पर वह और उसका बेटा सुखजीत सिंह (25) छुड़ाने के लिए चले गये तो हमलावरों ने उनके चोटें मारीं और घायल कर दिया।
मौका पर उपस्थित नाहर ङ्क्षसह (30) पुत्र भगत सिंह ने बताया कि उसने गांव के ही शालू से 2800 रूपये कीमत का रस्सा लेना है और उसके 500 रूपये देने हैं। इसी बात को लेकर शालू के साथ उसका झगड़ा हो गया। शालू ने अपने साथियों की मदद से उस पर हमला बोल दिया लेकिन उसे छुड़ाने आये उनके पड़ौसी इस हमले में घायल हो गये।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त जस्सू ने बताया कि अभी दोनों पक्षों के ब्यान होने बाकी हैं। उसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
पांच ट्राली पराली जली
डबवाली (लहू की लौ) गांव लखुआना में शनिवार रात को एक गाय के नौहरे में आग लग जाने से करीब पांच ट्राली धान की पराली जल कर राख हो गई। जिस पर मौका पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया।
गांव लखुआना में गौ पाल गोबिन्द पुत्र लेखराज शर्मा ने बताया कि शनिवार रात को पटाखों से उनकी गौशाला में पड़ी धान की पराली में आग लग गई। जिससे पांच ट्राली पराली जल कर राख हो गई। गांव वालों की सहायता से गायों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
मौका पर पहुंची फायर ब्रिगेड के एएफएसओ धर्मपाल, फायरमैन रविकान्त, नन्द राम, चालक इन्द्रजीत ने बताया कि उन्हें आग पर काबू पाने में 4 घंटे लगे। इस आग से 20 हजार रूपये कीमत की धान की पराली जल गई।
उन्होंने यह भी बताया कि इसी दिन डबवाली के बस अड्डा की वर्कशाप में पड़े कूड़े-कचरे में आग लग गई। जिस पर काबू पाने में उन्हें आधा घंटा तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
गांव लखुआना में गौ पाल गोबिन्द पुत्र लेखराज शर्मा ने बताया कि शनिवार रात को पटाखों से उनकी गौशाला में पड़ी धान की पराली में आग लग गई। जिससे पांच ट्राली पराली जल कर राख हो गई। गांव वालों की सहायता से गायों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
मौका पर पहुंची फायर ब्रिगेड के एएफएसओ धर्मपाल, फायरमैन रविकान्त, नन्द राम, चालक इन्द्रजीत ने बताया कि उन्हें आग पर काबू पाने में 4 घंटे लगे। इस आग से 20 हजार रूपये कीमत की धान की पराली जल गई।
उन्होंने यह भी बताया कि इसी दिन डबवाली के बस अड्डा की वर्कशाप में पड़े कूड़े-कचरे में आग लग गई। जिस पर काबू पाने में उन्हें आधा घंटा तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
कालूआना में झगड़ा, 7 घायल
डबवाली (लहू की लौ) गांव कालूआना में घर में तांक झांक को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों के 7 लोगों को चोटें आयी हैं। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया है। घायल कपिल देव (27) पुत्र पिरथी राम निवासी कालूआना ने बताया कि वह दिहाड़ीदार मजदूर है। 5 नवम्बर को उसका छोटा भाई रवि (14) नरमा की ट्राली भरने के बाद घर वापिस लौट रहा था कि गांव की गली में कीचड़ होने के कारण राजेन्द्र बगैरा के घर के आगे बनी नाली के ऊपर से गुजरने लगा तो राजेन्द्र ने पकड़ कर उसे पीट दिया। लेकिन उस समय दोनों पक्षों में समझौता हो गया। रविवार रात को वह (कपिल देव), उसका पिता पिरथी राम (55), उसका भाई रवि (14) तथा ममेरा भाई सुनील (22) निवासी खारियां जब अपने पुराने घर जा रहे थे तो मार्ग में राजू, रोहताश, सुन्दरपाल, राकेश, संदीप, मांगेराम व 7-8 अन्य ने उन पर तेजघार हथियारों से हमला करके उन्हें चोटें मारीं।
इधर दूसरे पक्ष के घायल सुन्दरपाल (30) पुत्र दयाल राम निवासी कालूआना ने बताया कि रवि अक्सर उनकी गली से गुजरते समय गली में से न गुजर कर उनकी नाली के ऊपर से गुजरता है और घर की दीवार छोटी का लाभ उठा कर उनके घर में तांक झांक करता है। कई बार उसे समझाया-बुझाया भी लेकिन वह नहीं माना। रविवार रात को रवि बगैर उनके घर के आगे आकर उन्हें गालियां निकालने लगे। इस पर उन्होंने ऐतराज किया तो तैश में आये उपरोक्त आरोपियों ने तेजधार हथियारों से उन पर हमला कर दिया। जिसमें वह (सुन्दरपाल), उसका भाई राजेन्द्र (36), रोहताश (25) घायल हो गये।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई रमेश कुमार ने बताया कि अभी दोनों पक्षों के ब्यान होने बाकी हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
इधर दूसरे पक्ष के घायल सुन्दरपाल (30) पुत्र दयाल राम निवासी कालूआना ने बताया कि रवि अक्सर उनकी गली से गुजरते समय गली में से न गुजर कर उनकी नाली के ऊपर से गुजरता है और घर की दीवार छोटी का लाभ उठा कर उनके घर में तांक झांक करता है। कई बार उसे समझाया-बुझाया भी लेकिन वह नहीं माना। रविवार रात को रवि बगैर उनके घर के आगे आकर उन्हें गालियां निकालने लगे। इस पर उन्होंने ऐतराज किया तो तैश में आये उपरोक्त आरोपियों ने तेजधार हथियारों से उन पर हमला कर दिया। जिसमें वह (सुन्दरपाल), उसका भाई राजेन्द्र (36), रोहताश (25) घायल हो गये।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई रमेश कुमार ने बताया कि अभी दोनों पक्षों के ब्यान होने बाकी हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
एचपीएस में मानसिक विकास एवं योग्यता विषय पर सेमिनार
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा पब्लिक स्कूल में मानसिक विकास एवं योग्यता विषय पर रविवार शाम को सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में वैदिक गणित के माध्यम से सैकण्डों में अनेकों जोड़, गुणा, भाग, वर्ग तथा क्यूब के सवालों को हल करके दिखाया गया।
सेमिनार में मैमोरी एन एम जयपुर के मेंटर सूरज मैहता ने बताया कि भारत में लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से पूर्व गुरूकुल पद्धति में सारी शिक्षा मौखिम रूप में दी जाती थी। यहां तक की वेद की ऋचाएं भी गुरूजन कंठस्थ करवा देते थे। उन्होंने कहा कि युग बदल रहा है। भारत फिर से विश्व में नैतिक और शिक्षा के रूप में सिरमौर शक्ति बनने जा रहा है। ऐसे में बच्चों की मानसिक क्षमता के सदुपयोग करने वाली विधाओं का विकास किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में हम अपने मस्तक का केवल 0.01 प्रतिशत भाग ही प्रयोग कर पाते हैं और शेष को कैसे प्रयोग करना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मैमोरी बढ़ाने के लिए 16 घण्टे के प्रशिक्षण से जादू जैसे परिणाम सामने आ सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने दो घंटे के सेमिनार में इसके अचूक नमूने प्रस्तुत किए। जिसमें 10वीं के विद्यार्थी नीतिश तथा मनोज ने 100 शब्दों को केवल मात्र सुनकर उनसे संबंधित सभी सवालों का सही उत्तर दिया। यहां तक की 10वीं कक्षा के विज्ञान के प्रथम 100 पृष्ठों से पूछे गए सवालों का भी सही उत्तर देकर उपस्थित अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। इस सेमिनार का शुभारंभ डॉ. योगेश गुप्ता ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। इस मौके पर मैमोरी एन एम टीम के विशाल वत्स, नरेश शर्मा, महेश शास्त्री उपस्थित थे। विद्यालय के आचार्य निदेशक रमेश सचदेवा ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। डॉ. प्रेमचन्द सचदेवा मैमोरियल समिति की ओर से महेन्द्र सचदेवा, डॉ. योगेश गुप्ता, एमएल ग्रोवर, सुल्तान सिंह वर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सेमिनार में मैमोरी एन एम जयपुर के मेंटर सूरज मैहता ने बताया कि भारत में लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से पूर्व गुरूकुल पद्धति में सारी शिक्षा मौखिम रूप में दी जाती थी। यहां तक की वेद की ऋचाएं भी गुरूजन कंठस्थ करवा देते थे। उन्होंने कहा कि युग बदल रहा है। भारत फिर से विश्व में नैतिक और शिक्षा के रूप में सिरमौर शक्ति बनने जा रहा है। ऐसे में बच्चों की मानसिक क्षमता के सदुपयोग करने वाली विधाओं का विकास किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में हम अपने मस्तक का केवल 0.01 प्रतिशत भाग ही प्रयोग कर पाते हैं और शेष को कैसे प्रयोग करना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मैमोरी बढ़ाने के लिए 16 घण्टे के प्रशिक्षण से जादू जैसे परिणाम सामने आ सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने दो घंटे के सेमिनार में इसके अचूक नमूने प्रस्तुत किए। जिसमें 10वीं के विद्यार्थी नीतिश तथा मनोज ने 100 शब्दों को केवल मात्र सुनकर उनसे संबंधित सभी सवालों का सही उत्तर दिया। यहां तक की 10वीं कक्षा के विज्ञान के प्रथम 100 पृष्ठों से पूछे गए सवालों का भी सही उत्तर देकर उपस्थित अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। इस सेमिनार का शुभारंभ डॉ. योगेश गुप्ता ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। इस मौके पर मैमोरी एन एम टीम के विशाल वत्स, नरेश शर्मा, महेश शास्त्री उपस्थित थे। विद्यालय के आचार्य निदेशक रमेश सचदेवा ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। डॉ. प्रेमचन्द सचदेवा मैमोरियल समिति की ओर से महेन्द्र सचदेवा, डॉ. योगेश गुप्ता, एमएल ग्रोवर, सुल्तान सिंह वर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
08 नवंबर 2010
हेडमास्टर सस्पेंड, टीचर डेपूटेशन पर
डबवाली (लहू की लौ) उपमण्डल डबवाली के गांव लम्बी में स्थित सरकारी मिडिल स्कूल के छात्रा छेड़छाड़ प्रकरण में आरोपी मुख्य अध्यापक को शिक्षा विभाग हरियाणा ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं। जबकि एक अन्य अध्यापक को डेपूटेशन पर वहां से बाहर भेज दिया गया है।
गांव लम्बी के सरकारी माध्यमिक विद्यालय में 8वीं की छात्रा मनजीत कौर पुत्री डूंगर सिंह से छेड़छाड़ करने के आरोपी विद्यालय के मुख्याध्यापक मामराज को निलंबित करने और विद्यालय को स्टाफ के तबादले को लेकर ग्रामीण 29 अक्तूबर से ही स्कूल को ताला जड़े हुए थे। इस प्रकरण को लेकर आज ग्रामीण गांव के सरपंच ओमप्रकाश, पंच पाल सिंह, रामप्रताप, देवीलाल, बलदेव सिंह, डूंगर सिंह, रतन सिंह, रामकिशन, गोपीराम के नेतृत्व में धरना पर बैठे हुए थे। इसकी सूचना पाकर मंगलवार को मौका पर डीईओ आशा किरण, डिप्टी डीईओ यज्ञदत्त पहुंचे। उन्होंने पीडि़त लड़की, ग्रामीणों तथा अध्यापकों के ब्यान कलमबद्ध किए।
डीईओ आशा किरण ने जांच के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस मामले की जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी डबवाली मंजू जैसवाल ने की थी और उस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही हरियाणा शिक्षा निदेशालय चण्डीगढ़ ने आरोपी मुख्याध्यापक मामराज को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए आज उन्होंने जांच की तो जांच के दौरान लड़की को सौंपे गए प्रेम पत्र की लिखावट आरोपी मुख्याध्यापक की लिखावट से मेल खाती हुई लग रही है। फिर भी जांच विशेषज्ञ से करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर विज्ञान अध्यापक भिन्द्र सिंह को डेपूटेशन पर लम्बी से बाहर भेज दिया गया है। ग्रामीणों को संतुष्ट करवाने का प्रयास करते हुए डीईओ ने ग्रामीणों को बताया कि मामराज के खिलाफ सख्त कार्रवाई कार्रवाई करते हुए 29 अक्तूबर से लेकर आज तक का उसका वेतन रोक दिया गया है और आगे भी विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी। डीईओ के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने नरम होते हुए मंगलवार को स्कूल पर लगे ताले को खोल दिया। इस मौके पर पंचायत की शिकायत पर डीईओ ने स्कूल में कार्यरत कुक पर भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिलाया।
गांव लम्बी के सरकारी माध्यमिक विद्यालय में 8वीं की छात्रा मनजीत कौर पुत्री डूंगर सिंह से छेड़छाड़ करने के आरोपी विद्यालय के मुख्याध्यापक मामराज को निलंबित करने और विद्यालय को स्टाफ के तबादले को लेकर ग्रामीण 29 अक्तूबर से ही स्कूल को ताला जड़े हुए थे। इस प्रकरण को लेकर आज ग्रामीण गांव के सरपंच ओमप्रकाश, पंच पाल सिंह, रामप्रताप, देवीलाल, बलदेव सिंह, डूंगर सिंह, रतन सिंह, रामकिशन, गोपीराम के नेतृत्व में धरना पर बैठे हुए थे। इसकी सूचना पाकर मंगलवार को मौका पर डीईओ आशा किरण, डिप्टी डीईओ यज्ञदत्त पहुंचे। उन्होंने पीडि़त लड़की, ग्रामीणों तथा अध्यापकों के ब्यान कलमबद्ध किए।
डीईओ आशा किरण ने जांच के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस मामले की जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी डबवाली मंजू जैसवाल ने की थी और उस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही हरियाणा शिक्षा निदेशालय चण्डीगढ़ ने आरोपी मुख्याध्यापक मामराज को निलंबित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए आज उन्होंने जांच की तो जांच के दौरान लड़की को सौंपे गए प्रेम पत्र की लिखावट आरोपी मुख्याध्यापक की लिखावट से मेल खाती हुई लग रही है। फिर भी जांच विशेषज्ञ से करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर विज्ञान अध्यापक भिन्द्र सिंह को डेपूटेशन पर लम्बी से बाहर भेज दिया गया है। ग्रामीणों को संतुष्ट करवाने का प्रयास करते हुए डीईओ ने ग्रामीणों को बताया कि मामराज के खिलाफ सख्त कार्रवाई कार्रवाई करते हुए 29 अक्तूबर से लेकर आज तक का उसका वेतन रोक दिया गया है और आगे भी विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी। डीईओ के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने नरम होते हुए मंगलवार को स्कूल पर लगे ताले को खोल दिया। इस मौके पर पंचायत की शिकायत पर डीईओ ने स्कूल में कार्यरत कुक पर भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिलाया।
आईआरबी जवान ने ट्रक चालक को जड़ा थप्पड़
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली नगर के साथ लगते जिला बठिंडा के डूमवाली बैरियर में आईआरबी के एक कांस्टेबल की तरफ से ट्रक ड्राईवर को थप्पड़ जडऩे से विवाद खड़ा हो गया। इसके बाद लाईन में खड़े ड्राईवरों ने जमकर हंगामा बरपाया। सड़क पर चार घंटे जाम लगाकर रोष जताया। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। एनएच 64 पर तीन किलोमीटर लम्बी वाहनों की कतार लग गई।
जानकारी अनुसार कोटगुरू निवासी ट्रक ड्राईवर सुखदीप सिंह (28) पुत्र बन्ता सिंह अपने ट्रक पर दिल्ली से अनाज लोड़ करके जगराओं (पंजाब) के लिए चला था। सोमवार रात करीब सवा आठ बजे वह डबवाली-बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर पहुंचा। फार्म जमा करवाने के लिए लाईन में लगा हुआ था। वहां पर एक कार चालक की कार बैरियर की दीवार से टकरा गई। इस पर लाईन में लगे सुखदीप ने उस पर कमेंट कर दिया। आरबीआई के कंस्टेबल जसपाल सिंह ने ट्रक ड्राईवर सुखदीप सिंह के थप्पड़ जड़ दिया। सुखदीप कुछ कह पाता जसपाल सिंह व उसके साथी हवलदार संजीव कुमार ने उसकी डंडों से पिटाई कर दी। सुखदीप की जेब में पड़े 32 हजार रूपए व मोबाइल फोन भी मौका पर गिर गया। इस घटना को देख रहे लाईन में लगे अन्य ट्रक ड्राईवर सुखदीप के समर्थन में उतर आए। उन्होंने आरबीआई कर्मी की इस कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर धरना लगाकर चक्का जाम कर दिया। जिससे डबवाली-बठिंडा के दोनों तरफ करीब 4 घण्टे तक जाम लगा रहा। मामला गंभीर होता देख बठिंडा थाना सदर पुलिस के प्रभारी एसआई परमजीत सिंह डोड, थाना रामा मंडी के प्रभारी एसआई हरबन्स सिंह पुलिस बल के साथ मौका पर पहुंच गये। बुलाया गया। पुलिस की तरफ से आरोपी कर्मचारी पर कार्रवाई के आश्वासन पर धरना उठाया गया। बैरियर पर तैनात आईआरबी के कांस्टेबल जसपाल सिंह ने बताया कि ईटीओ आरएन शर्मा अपनी मारूति गाड़ी को बैक कर रहे थे और गाड़ी दीवार के साथ लगने पर ट्रक ड्राईवर ने उन पर अश्लील कमेंट कसा। उसे समझाने पर ट्रक ड्राईवर हाथापाई पर उतर आया और उसकी वर्दी फाड़ दी। उसे छुड़ाने के लिए आये मौका पर तैनात इंस्पेक्टर रणधीर सिंह तथा आईआरबी के हवलदार संजीव कुमार को भला-बुरा कहा। मौका पर पहुंचे थाना सदर बठिंडा के प्रभारी एसआई परमजीत सिंह डोड ने बताया कि दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर समझौता करवा दिया गया है।
जानकारी अनुसार कोटगुरू निवासी ट्रक ड्राईवर सुखदीप सिंह (28) पुत्र बन्ता सिंह अपने ट्रक पर दिल्ली से अनाज लोड़ करके जगराओं (पंजाब) के लिए चला था। सोमवार रात करीब सवा आठ बजे वह डबवाली-बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर पहुंचा। फार्म जमा करवाने के लिए लाईन में लगा हुआ था। वहां पर एक कार चालक की कार बैरियर की दीवार से टकरा गई। इस पर लाईन में लगे सुखदीप ने उस पर कमेंट कर दिया। आरबीआई के कंस्टेबल जसपाल सिंह ने ट्रक ड्राईवर सुखदीप सिंह के थप्पड़ जड़ दिया। सुखदीप कुछ कह पाता जसपाल सिंह व उसके साथी हवलदार संजीव कुमार ने उसकी डंडों से पिटाई कर दी। सुखदीप की जेब में पड़े 32 हजार रूपए व मोबाइल फोन भी मौका पर गिर गया। इस घटना को देख रहे लाईन में लगे अन्य ट्रक ड्राईवर सुखदीप के समर्थन में उतर आए। उन्होंने आरबीआई कर्मी की इस कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर धरना लगाकर चक्का जाम कर दिया। जिससे डबवाली-बठिंडा के दोनों तरफ करीब 4 घण्टे तक जाम लगा रहा। मामला गंभीर होता देख बठिंडा थाना सदर पुलिस के प्रभारी एसआई परमजीत सिंह डोड, थाना रामा मंडी के प्रभारी एसआई हरबन्स सिंह पुलिस बल के साथ मौका पर पहुंच गये। बुलाया गया। पुलिस की तरफ से आरोपी कर्मचारी पर कार्रवाई के आश्वासन पर धरना उठाया गया। बैरियर पर तैनात आईआरबी के कांस्टेबल जसपाल सिंह ने बताया कि ईटीओ आरएन शर्मा अपनी मारूति गाड़ी को बैक कर रहे थे और गाड़ी दीवार के साथ लगने पर ट्रक ड्राईवर ने उन पर अश्लील कमेंट कसा। उसे समझाने पर ट्रक ड्राईवर हाथापाई पर उतर आया और उसकी वर्दी फाड़ दी। उसे छुड़ाने के लिए आये मौका पर तैनात इंस्पेक्टर रणधीर सिंह तथा आईआरबी के हवलदार संजीव कुमार को भला-बुरा कहा। मौका पर पहुंचे थाना सदर बठिंडा के प्रभारी एसआई परमजीत सिंह डोड ने बताया कि दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर समझौता करवा दिया गया है।
सरपंचों और पंचों को परोसा निम्न स्तर का भोजन, बीडीपीओ को घेरा
डबवाली (लहू की लौ) निम्न स्तर का खाना परोसने को लेकर खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय में प्रशिक्षण के लिए आये पंच-सरपंचों ने बीडीपीओ को खूब खरी-खोटी सुनाई और उनकी बात सुने बिना भाग रहे बीडीपीओ को घेर लिया।
मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय में पंच-सरपंचों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इस दौरान पंचायत विभाग द्वारा जारी मीनू के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए पंच-सरपंचों को खाना दिया जाना था। बीडीपीओ कार्यालय द्वारा दिया खाना मीनू अनुसार न होने और निम्न स्तर का होने का आरोप लगाते हुए दोपहर खाने के दौरान पंच-सरपंच भड़क उठे और उन्होंने खाना खाने से इंकार कर दिया।
इस प्रशिक्षण शिविर में चौटाला, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, अबूबशहर गांवों के पंच सरंपच हिस्सा ले रहे थे। गांव चौटाला के सरपंच आत्मा राम, पंच रणवीर सिंह, श्रीराम, रामचन्द्र, ओमप्रकाश, रामप्रताप, रामकुमार, शान्ति देवी, सन्तरो देवी, चन्दो, आसाखेड़ा से सरपंच रामकुमार, पंच प्रभु राम, भारूखेड़ा से सरपंच मनोज कुमार, पंच महिन्द्र, बंसीलाल, अबूबशहर से सरपंच अमानती देवी, पंच इन्द्रपाल, राजेन्द्र ङ्क्षसह, वीरपाल ने बताया कि दोपहर को जो भोजन उन्हें बीडीपीओ कार्यालय द्वारा परोसा गया उसमें गाजर-मटर की सब्जी, 4 चपाती के साथ-साथ स्वीडिश के नाम पर दो लड्डू और आचार के नाम पर तली हुई मिर्च, सलाद में 4-4 फाड़ी मूली और खीरा थे। परोसी गई चपाती सूखी, तली हुई मिर्च में कीट चल रहे थे। दो कप चाय की बजाय एक कप चाय दिया गया। उन्होंने इस प्रकार का खाना परोसे जाने का विरोध किया और बीडीपीओ राम सिंह से जब शिकायत की तो वह कार्यालय छोड़ कर भागने की कोशिश करने लगे तो उन्हें घेर लिया और उनसे जवाब मांगा।
मौका पर बीडीपीओ राम सिंह ने बताया कि भोजन के संबंध में उसकी कोई जिम्मेवारी न थी। बल्कि इसकी जिम्मेवारी सीपीओ रामप्रकाश को सौंपी गई थी। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि भोजन में कमी थी। लेकिन बुधवार के भोजन के लिए वह चाहें तो कमेटी गठित कर लें।
सीपीओ रामप्रकाश ने बताया कि उसे केवल यह बताया गया था कि भोजन पर केवल 45 रूपये खर्च होने हैं। उसी अनुसार उसने भोजन की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि परीक्षाणार्थियों को भोजन के साथ-साथ दो कप चाय, बिस्कुट और लड्डू दिये गये हैं। उसने कहा कि उन्होंने भोजन व्यवस्था में पूरा ध्यान रखा है लेकिन फिर भी कोई न कोई रह सकती है। मौका पर उपस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मेनपाल सिहाग ने बताया कि सरकार की ओर से प्रति प्रशिक्षणार्थी 75 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से पंचायत विभाग को दिये जाते हैं। भोजन की व्यवस्था करवाने की जिम्मेवारी बीडीपीओ कार्यालय की है। मीनू के अनुसार भोजन में पहले दिन सफेद चने, चपाती, मिक्स सब्जी, चावल, रायता, सलाद, स्वीटडिश, दो बार चाय व बिस्कुट शामिल हैं।
मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय में पंच-सरपंचों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी के तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इस दौरान पंचायत विभाग द्वारा जारी मीनू के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए पंच-सरपंचों को खाना दिया जाना था। बीडीपीओ कार्यालय द्वारा दिया खाना मीनू अनुसार न होने और निम्न स्तर का होने का आरोप लगाते हुए दोपहर खाने के दौरान पंच-सरपंच भड़क उठे और उन्होंने खाना खाने से इंकार कर दिया।
इस प्रशिक्षण शिविर में चौटाला, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, अबूबशहर गांवों के पंच सरंपच हिस्सा ले रहे थे। गांव चौटाला के सरपंच आत्मा राम, पंच रणवीर सिंह, श्रीराम, रामचन्द्र, ओमप्रकाश, रामप्रताप, रामकुमार, शान्ति देवी, सन्तरो देवी, चन्दो, आसाखेड़ा से सरपंच रामकुमार, पंच प्रभु राम, भारूखेड़ा से सरपंच मनोज कुमार, पंच महिन्द्र, बंसीलाल, अबूबशहर से सरपंच अमानती देवी, पंच इन्द्रपाल, राजेन्द्र ङ्क्षसह, वीरपाल ने बताया कि दोपहर को जो भोजन उन्हें बीडीपीओ कार्यालय द्वारा परोसा गया उसमें गाजर-मटर की सब्जी, 4 चपाती के साथ-साथ स्वीडिश के नाम पर दो लड्डू और आचार के नाम पर तली हुई मिर्च, सलाद में 4-4 फाड़ी मूली और खीरा थे। परोसी गई चपाती सूखी, तली हुई मिर्च में कीट चल रहे थे। दो कप चाय की बजाय एक कप चाय दिया गया। उन्होंने इस प्रकार का खाना परोसे जाने का विरोध किया और बीडीपीओ राम सिंह से जब शिकायत की तो वह कार्यालय छोड़ कर भागने की कोशिश करने लगे तो उन्हें घेर लिया और उनसे जवाब मांगा।
मौका पर बीडीपीओ राम सिंह ने बताया कि भोजन के संबंध में उसकी कोई जिम्मेवारी न थी। बल्कि इसकी जिम्मेवारी सीपीओ रामप्रकाश को सौंपी गई थी। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि भोजन में कमी थी। लेकिन बुधवार के भोजन के लिए वह चाहें तो कमेटी गठित कर लें।
सीपीओ रामप्रकाश ने बताया कि उसे केवल यह बताया गया था कि भोजन पर केवल 45 रूपये खर्च होने हैं। उसी अनुसार उसने भोजन की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि परीक्षाणार्थियों को भोजन के साथ-साथ दो कप चाय, बिस्कुट और लड्डू दिये गये हैं। उसने कहा कि उन्होंने भोजन व्यवस्था में पूरा ध्यान रखा है लेकिन फिर भी कोई न कोई रह सकती है। मौका पर उपस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक मेनपाल सिहाग ने बताया कि सरकार की ओर से प्रति प्रशिक्षणार्थी 75 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से पंचायत विभाग को दिये जाते हैं। भोजन की व्यवस्था करवाने की जिम्मेवारी बीडीपीओ कार्यालय की है। मीनू के अनुसार भोजन में पहले दिन सफेद चने, चपाती, मिक्स सब्जी, चावल, रायता, सलाद, स्वीटडिश, दो बार चाय व बिस्कुट शामिल हैं।
जीजा-साला दो दिन के रिमांड पर
डबवाली। शराब ठेका के करिंदे के हत्यारोपी जीजा-साला को पुलिस ने रविवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपियों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर को अज्ञात व्यक्तियों ने शेरगढ शराब ठेका ब्रांच के सेल्जमेन कृष्ण पुत्र राममूर्ति निवासी धारनिया जिला फतेहाबाद की सिर में ईंटे मार कर हत्या कर दी थी। थाना शहर पुलिस डबवाली ने मृतक के पिता राममूर्ति के ब्यान पर 1 अक्तूबर 2010 को भादंसं की धारा 302,379 के तहत अभियोग दर्ज कर घटना की जांच शुरू की। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत सिंह जस्सू ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि 30 सितंबर की रात को शेरगढ़ रकबा में देसी शराब ठेका के करिंदे कृष्ण कुमार पुत्र राममूर्ति निवासी धारणियां की हत्या करने वाले डबवाली क्षेत्र में घूम रहे हैं। मुखबरी के आधार पर पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए युवकों ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने करिंदा की सिर में ईंट मारकर हत्या की है। हत्या आरोपियों ने अपनी पहचान स्वराज उर्फ सागा (19) पुत्र नछत्तर सिंह निवासी बडिंगखेड़ा और बलकरण सिंह उर्फ बग्गी (25) पुत्र जगराज सिंह उर्फ गोलू निवासी गांव मलवाला थाना रामां मण्डी के रूप में करवाई। थाना प्रभारी के अनुसार स्वराज उर्फ सागा ने स्वीकार किया कि उसने कृष्ण की ईंट मारकर हत्या की थी। इससे पूर्व उन्होंने ठेका से एक पौवा शराब खरीदी थी और इसे पीने के बाद शराब की ओर मांग की। लेकिन करिंदे ने यह कहकर शराब देने से इंकार कर दिया कि उसे नींद आ रही है। वह सुबह आएं। इसी तैश में आकर उन्होंने सोये हुए करिंदा की हत्या कर दी तथा उसकी जेब में रखी ठेका की चाबी निकालकर ठेका का ताला खोलकर गल्ले में पड़ी नकदी चुरा ली और फरार हो गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके गहन-पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस को संदेह है कि इन हत्यारों से इस संबंध में और भी सुराग मिल सकता है। पुलिस ने यह भी बताया कि बलकरण सिंह स्वराज का बहनोई है। दोनों आरोपियों को डबवाली पुलिस ने रविवार को अदालत के सम्मुख पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपियों को दो दिन के रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।
सरकार के खिलाफ मूवमेंट शुरू करेगी इनेलो
डबवाली (लहू की लौ) इनेलो के प्रधान महासचिव तथा हल्का डबवाली से विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ पार्टी शीघ्र ही एक राज्य स्तरीय मूवमेंट शुरू करने जा रही है। वे रविवार को नई अनाज मण्डी स्थित इनेलो कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर तरफ से असफल साबित हुई है। रैलियों द्वारा इनेलो सरकार को बार-बार चेता चुकी है। लेकिन सरकार ने जन हितैषी नीतियों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। अब इनेलो शीघ्र ही एक आंदोलन चलाकर लोगों को सरकार के खिलाफ जागरूक करेगी। एक सवाल के जवाब में अजय चौटाला ने कहा कि पंजाब में बादल परिवार के बीच में इन दिनों चल रहा मामला पारिवारिक मामला है। इनेलो प्रयासरत है कि पारिवारिक मामला राजनीतिक रंगत न लें। इसलिए वे मध्यस्ता करके मनप्रीत सिंह बादल और प्रकाश सिंह बादल के बीच में जो दूरियां पैदा हुई हैँ, उन्हें समाप्त करवाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वागत तथा कॉमनवेल्थ गेम्स पर हजारों करोड़ रूपए खर्च कर सकती है। लेकिन देश के गरीब और भूखे बच्चों के लिए एक पाई भी खर्च नहीं कर रही। उनके अनुसार कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए भ्रष्टाचार में कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों पर अंगुलियां उठ रही हैं। इस अवसर पर राधेराम गोदारा, मनिन्द्र पाल सिंह मीनू, विनोद अरोड़ा, एडवोकेट कुलदीप सिधू, टेकचन्द छाबड़ा, ओम बाबा, प्रहलाद राय, दर्शन मोंगा, गुरजीत सिंह, सुखजिन्द्र सिंह जापानी, गुरचरण नम्बरदार, शैलेन्द्र जौड़ा आदि उपस्थित थे।
उन्होंने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्वागत तथा कॉमनवेल्थ गेम्स पर हजारों करोड़ रूपए खर्च कर सकती है। लेकिन देश के गरीब और भूखे बच्चों के लिए एक पाई भी खर्च नहीं कर रही। उनके अनुसार कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए भ्रष्टाचार में कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों पर अंगुलियां उठ रही हैं। इस अवसर पर राधेराम गोदारा, मनिन्द्र पाल सिंह मीनू, विनोद अरोड़ा, एडवोकेट कुलदीप सिधू, टेकचन्द छाबड़ा, ओम बाबा, प्रहलाद राय, दर्शन मोंगा, गुरजीत सिंह, सुखजिन्द्र सिंह जापानी, गुरचरण नम्बरदार, शैलेन्द्र जौड़ा आदि उपस्थित थे।
24 अक्टूबर 2010
ग्रंथी ने पुजारिन का कत्ल करके शव गुरूद्वारा में दबाया
डबवाली (लहू की लौ) गांव पंजावा के संतोषी माता मंदिर की पुजारिन की गांव के ही गुरूद्वारा के ग्रंथी ने सब्बलों से गोंद कर हत्या कर दी और शव को गुरूद्वारा में दबा दिया।
गांव पंजावा के संतोषी माता मंदिर के पुजारी रेशम लाल शर्मा (50) पुत्र हंसराज ने बताया कि वीरवार शाम को करीब 6.30 बजे उसकी पत्नी अविनाश रानी (48) हर रोज की तरह मंदिर के निकट बने जोहड़ के पास शौच के लिए गई थी। लेकिन जब एक घंटे तक वापिस नहीं लौटी तो उसने घर में आवाज लगा कर उसे ढूंढऩे का प्रयास किया। चूंकि मंदिर में जोत जलाने का समय हो रहा था। उसके घर पर न मिलने पर वह टॉर्च लेकर जोहड़ के पास गया लेकिन वहां भी उसे नहीं मिली। इस पर ग्रामीणों व रिश्तेदारों को साथ लेकर शुक्रवार को लम्बी पुलिस में अविनाश रानी के लापता होने की सूचना और उसकी खोज भी जारी रखी।
अन्तत: संदेह की सूई गुरूद्वारा के ग्रंथी गुलाब सिंह पुत्र गुरजन्ट सिंह निवासी ढोल नगर संगरिया पर गई और उसने इस बात को लम्बी पुलिस को बताया। पुलिस ने गं्रथी को संदेह के आधार पर हिरासत में ले लिया। सख्ती करने पर ग्रंथी ने सबकुछ उगल दिया। शनिवार सुबह गुरूद्वारा के प्रांगण में बने चूल्हा के नीचे दबाई हुई अविनाश रानी की लाश बरामद कर ली गई। सूचना पाकर पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौका पर पहुंचे।
इस अवसर पर डीएसपी मलोट मुखविन्द्र सिंह भुल्लर, नायब तहसीलदार लम्बी लखविन्द्र सिंह, थाना लम्बी प्रभारी एसआई हरिन्द्र सिंह चमेली पहुंचे और लाश को बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल मलोट ले जाया गया। थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि ग्रंथी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उसने सब्बलों से पुजारिन की हत्या की है। हत्या का कारण उसने यह बताया कि वह उसके चोले के संबंध में अपशब्द बोलती थी। इसके चलते उसने वीरवार को शौच के लिए आई अविनाश रानी को पकड़ लिया और गुरूद्वारा में ले जाकर उसकी हत्या करने के बाद उसके शव को चूल्हे के नीचे खड्डा खोद कर और नमक डाल कर दबा दिया। ऊपर से गोबर का लेप कर दिया।
पुलिस ने गिरफ्तार किये गये गुरूद्वारा के ग्रंथी को मलोट अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड ले लिया।
गांव पंजावा के संतोषी माता मंदिर के पुजारी रेशम लाल शर्मा (50) पुत्र हंसराज ने बताया कि वीरवार शाम को करीब 6.30 बजे उसकी पत्नी अविनाश रानी (48) हर रोज की तरह मंदिर के निकट बने जोहड़ के पास शौच के लिए गई थी। लेकिन जब एक घंटे तक वापिस नहीं लौटी तो उसने घर में आवाज लगा कर उसे ढूंढऩे का प्रयास किया। चूंकि मंदिर में जोत जलाने का समय हो रहा था। उसके घर पर न मिलने पर वह टॉर्च लेकर जोहड़ के पास गया लेकिन वहां भी उसे नहीं मिली। इस पर ग्रामीणों व रिश्तेदारों को साथ लेकर शुक्रवार को लम्बी पुलिस में अविनाश रानी के लापता होने की सूचना और उसकी खोज भी जारी रखी।
अन्तत: संदेह की सूई गुरूद्वारा के ग्रंथी गुलाब सिंह पुत्र गुरजन्ट सिंह निवासी ढोल नगर संगरिया पर गई और उसने इस बात को लम्बी पुलिस को बताया। पुलिस ने गं्रथी को संदेह के आधार पर हिरासत में ले लिया। सख्ती करने पर ग्रंथी ने सबकुछ उगल दिया। शनिवार सुबह गुरूद्वारा के प्रांगण में बने चूल्हा के नीचे दबाई हुई अविनाश रानी की लाश बरामद कर ली गई। सूचना पाकर पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौका पर पहुंचे।
इस अवसर पर डीएसपी मलोट मुखविन्द्र सिंह भुल्लर, नायब तहसीलदार लम्बी लखविन्द्र सिंह, थाना लम्बी प्रभारी एसआई हरिन्द्र सिंह चमेली पहुंचे और लाश को बरामद करके पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल मलोट ले जाया गया। थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि ग्रंथी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उसने सब्बलों से पुजारिन की हत्या की है। हत्या का कारण उसने यह बताया कि वह उसके चोले के संबंध में अपशब्द बोलती थी। इसके चलते उसने वीरवार को शौच के लिए आई अविनाश रानी को पकड़ लिया और गुरूद्वारा में ले जाकर उसकी हत्या करने के बाद उसके शव को चूल्हे के नीचे खड्डा खोद कर और नमक डाल कर दबा दिया। ऊपर से गोबर का लेप कर दिया।
पुलिस ने गिरफ्तार किये गये गुरूद्वारा के ग्रंथी को मलोट अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड ले लिया।
ब्रिटिश विद्यार्थी बने परीक्षा की मशीन
यूके से जवाहर नवोदय बडिंगखेड़ा में आई अध्यापिका डायना हेमेन ने किया खुलासा
डबवाली (लहू की लौ) यूके के बूस्टर शहर बर्मिंघम किंग चाल्र्स फस्र्ट के शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका डायना हेमेन ने कहा कि यूके में बच्चों पर परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं के भारी दबाव ने उनकी जिन्दगी की खुशियां छीन ली हैं। जबकि भारत के स्कूलों के बच्चे खुश हैं और उनमें नैतिक शिक्षा आज भी कायम है।
वे गांव बडिंगखेड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय में इस संवाददाता से भारत और यूके के एजूकेशन सिस्टम पर बातचीत कर रही थीं। वे अन्तर्राष्ट्रीय प्ररेणा-2010 के तहत यूके के इसी स्कूल के कम्प्यूटर अध्यापक गैरे केने और छह विद्यार्थियों एलेक्स, एरोन, निक, रियान, रिचेल, बेकी के साथ जवाहर नवोदय विद्यालय बडिंगखेड़ा में भारत की शैक्षणिक व्यवस्था, संस्कृति और विद्यार्थियों की खेलकूद संबंधी गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूके के विद्यार्थियों के सामने चुनौतियां लगभग एक जैसी हैं और शैक्षणिक सिस्टम में भी काफी समानता है। लेकिन इसके बावजूद यूके के विद्यार्थियों की अपेक्षा भारत के विद्यार्थियों में वेल्यू एजूकेशन अधिक है।
उन्होंने बताया कि यूके में भारत की तरह क्लॉस रूम में शिक्षा नहीं दी जाती। बल्कि वहां विकेन्द्रीयकरण के तहत बच्चों को ग्रुप डिसक्शन करके शिक्षा प्राप्त करने की आजादी है। उनका मानना है कि बच्चों को शिक्षा में स्वतंत्रता के साथ-साथ नियंत्रित भी किया जाना चाहिए। इस प्रकार की मिक्स शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। उनके अनुसार यूके और भारत की शिक्षा पद्धतियों का समन्वय करके विद्यार्थियों को शिक्षा दी जानी चाहिए।
डायना के अनुसार भारत के लोग खुश हैं और उनकी खुशी को वे भी महसूस कर रही हैं। यूके का एजूकेशन सिस्टम केवल मॉडल बनकर रह गया है और उसमें खुशी नहीं रही है। बच्चे परीक्षा की मशीन बन चुके हैं। जिन्दगी में मिलने वाली खुशी पीछे छूट गई है। प्राय: बच्चे इसी के चलते टेंशन में रहते हैं। वहां की शिक्षा व्यवस्था इस प्रकार की है कि आम विद्यार्थी महंगी पढ़ाई नहीं कर सकता। नॉकरी के चांस भी कम हैं। अक्सर बच्चा पढ़ाई करके भी पूछता है कि इतनी मेहनत के बावजूद भी क्या उसे रोजगार मिल पाएगा। रोजगार प्राप्ति के लिए वह अधिक से अधिक मेहनत करता है, परंतु नौकरी पाने के प्रयास बहुत ही कम सफल होते हैं।
इस मौके पर उपस्थित यूके के कम्प्यूटर अध्यापक गेरे केने ने अपनी सहयोगी अध्यापिका के विचारों से सहमति प्रकट करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि बच्चों की रोजगार संबंधी टेंशन को दूर करने में ब्रिटेन सरकार कोई मदद नहीं दे सकती। क्योंकि वह सरकार भी अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी से जूझ रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को टेंशन फ्री रखने के लिए समय-समय पर योग और मेडीटेशन के शिविर विद्यालय में आयोजित किए जाते हैं। लेकिन ये शिविर उसी समय ही आयोजित होते हैं, जब कोई बाहर से इस प्रकार की शिक्षा देने के लिए आता है। इसके बावजूद परीक्षा के समय अवश्य विशेष तौर पर बच्चों के मेडीटेशन के पीरियड लगते हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टेंशन से ब्रिटेन (यूके) के बच्चों का व्यवहार बदल रहा है। लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो अपना सौ प्रतिशत समय पढ़ाई पर खर्च करते हैं। कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो टेंशन के चलते शैतानी की ओर जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ टीवी, फिल्में, म्यूजिक, सेलिब्रेट को भी जिम्मेवार ठहराया।
कंग चाल्र्स फस्र्ट, यूके के 11वीं कक्षा के विद्यार्थी बेकी और रिचेल ने अपने दिल की बात कहते हुए कहा कि अगर उन्हें भारत में अपनी अध्यापिका डायना के साथ पढऩे का मौका मिले, तो वे ब्रिटेन छोड़कर भारत में पढऩा बेहतर समझेंगे। उन्होंने भारतीय सभ्यता को अच्छा बताते हुए कहा कि यहां का पढ़ाई का दृष्टिकोण उन्हें बहुत पसंद आया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि ये बच्चे जब इस संवाददाता को मिले तो उन्होंने सबसे पहले नमस्ते शब्द बोलकर संवाददाता का अभिवादन किया।
जवाहर नवोदय विद्यालय बडिंगखेड़ा के प्रिंसीपल एन कुमार ने बताया कि भारत के चुनिंदा 12 नवोदय विद्यालयों में से उनका ये एकमात्र विद्यालय है, जिसे यूके के उपरोक्त स्कूल के अध्यापकों और विद्यार्थियों से विचार सांझे करने का मौका मिला। बडिंगखेड़ा के नवोदय स्कूल के विद्यार्थियों ने अपने विदेशी मेहमानों को यह आभास नहीं होने दिया कि वे यूके में हैं या फिर दूर भारत में। उनके अनुसार विद्यालय प्रशासन का प्रयास रहेगा कि उनके स्कूल के विद्यार्थियों का एक ग्रुप इसी प्रकार यूके के इस स्कूल में जाए और वहां की स्कूल की गतिविधियों, सांस्कृति और खेल कूद संबंधी जानकारी हासिल करे।
इस मौके पर लिंक टीचर संजीव पांडे ने बताया कि विद्यार्थियों का इस प्रकार से एक-दूसरे देश के विद्यार्थियों के साथ तालमेल की नीति बच्चों में आत्मविश्वास जगाती है तथा उन्हें आगे बढऩे का मौका पर प्रदान करती है। इस प्रकार के लिंक विद्यार्थियों में स्थापित होने चाहिए। इस अवसर पर नवोदय विद्यालय की टयूटर मीनू टॉक भी उपस्थित थीं।
इस मौके पर विदेशी मेहमानों ने नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा उनके लिए आयोजित खो-खो और कबड्डी मैचों को भी निकटता से देखा। साथ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सेदारी डाली। इन खेलों के दौरान ही विदेशी विद्यार्थियों ने भारतीय विद्यार्थियों से इन खेलों के संबंध में जानकारी जुटाई।
डबवाली (लहू की लौ) यूके के बूस्टर शहर बर्मिंघम किंग चाल्र्स फस्र्ट के शारीरिक शिक्षा की अध्यापिका डायना हेमेन ने कहा कि यूके में बच्चों पर परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं के भारी दबाव ने उनकी जिन्दगी की खुशियां छीन ली हैं। जबकि भारत के स्कूलों के बच्चे खुश हैं और उनमें नैतिक शिक्षा आज भी कायम है।
वे गांव बडिंगखेड़ा में जवाहर नवोदय विद्यालय में इस संवाददाता से भारत और यूके के एजूकेशन सिस्टम पर बातचीत कर रही थीं। वे अन्तर्राष्ट्रीय प्ररेणा-2010 के तहत यूके के इसी स्कूल के कम्प्यूटर अध्यापक गैरे केने और छह विद्यार्थियों एलेक्स, एरोन, निक, रियान, रिचेल, बेकी के साथ जवाहर नवोदय विद्यालय बडिंगखेड़ा में भारत की शैक्षणिक व्यवस्था, संस्कृति और विद्यार्थियों की खेलकूद संबंधी गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और यूके के विद्यार्थियों के सामने चुनौतियां लगभग एक जैसी हैं और शैक्षणिक सिस्टम में भी काफी समानता है। लेकिन इसके बावजूद यूके के विद्यार्थियों की अपेक्षा भारत के विद्यार्थियों में वेल्यू एजूकेशन अधिक है।
उन्होंने बताया कि यूके में भारत की तरह क्लॉस रूम में शिक्षा नहीं दी जाती। बल्कि वहां विकेन्द्रीयकरण के तहत बच्चों को ग्रुप डिसक्शन करके शिक्षा प्राप्त करने की आजादी है। उनका मानना है कि बच्चों को शिक्षा में स्वतंत्रता के साथ-साथ नियंत्रित भी किया जाना चाहिए। इस प्रकार की मिक्स शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। उनके अनुसार यूके और भारत की शिक्षा पद्धतियों का समन्वय करके विद्यार्थियों को शिक्षा दी जानी चाहिए।
डायना के अनुसार भारत के लोग खुश हैं और उनकी खुशी को वे भी महसूस कर रही हैं। यूके का एजूकेशन सिस्टम केवल मॉडल बनकर रह गया है और उसमें खुशी नहीं रही है। बच्चे परीक्षा की मशीन बन चुके हैं। जिन्दगी में मिलने वाली खुशी पीछे छूट गई है। प्राय: बच्चे इसी के चलते टेंशन में रहते हैं। वहां की शिक्षा व्यवस्था इस प्रकार की है कि आम विद्यार्थी महंगी पढ़ाई नहीं कर सकता। नॉकरी के चांस भी कम हैं। अक्सर बच्चा पढ़ाई करके भी पूछता है कि इतनी मेहनत के बावजूद भी क्या उसे रोजगार मिल पाएगा। रोजगार प्राप्ति के लिए वह अधिक से अधिक मेहनत करता है, परंतु नौकरी पाने के प्रयास बहुत ही कम सफल होते हैं।
इस मौके पर उपस्थित यूके के कम्प्यूटर अध्यापक गेरे केने ने अपनी सहयोगी अध्यापिका के विचारों से सहमति प्रकट करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि बच्चों की रोजगार संबंधी टेंशन को दूर करने में ब्रिटेन सरकार कोई मदद नहीं दे सकती। क्योंकि वह सरकार भी अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी से जूझ रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को टेंशन फ्री रखने के लिए समय-समय पर योग और मेडीटेशन के शिविर विद्यालय में आयोजित किए जाते हैं। लेकिन ये शिविर उसी समय ही आयोजित होते हैं, जब कोई बाहर से इस प्रकार की शिक्षा देने के लिए आता है। इसके बावजूद परीक्षा के समय अवश्य विशेष तौर पर बच्चों के मेडीटेशन के पीरियड लगते हैं। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टेंशन से ब्रिटेन (यूके) के बच्चों का व्यवहार बदल रहा है। लेकिन फिर भी ऐसे बहुत से बच्चे हैं, जो अपना सौ प्रतिशत समय पढ़ाई पर खर्च करते हैं। कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो टेंशन के चलते शैतानी की ओर जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ टीवी, फिल्में, म्यूजिक, सेलिब्रेट को भी जिम्मेवार ठहराया।
कंग चाल्र्स फस्र्ट, यूके के 11वीं कक्षा के विद्यार्थी बेकी और रिचेल ने अपने दिल की बात कहते हुए कहा कि अगर उन्हें भारत में अपनी अध्यापिका डायना के साथ पढऩे का मौका मिले, तो वे ब्रिटेन छोड़कर भारत में पढऩा बेहतर समझेंगे। उन्होंने भारतीय सभ्यता को अच्छा बताते हुए कहा कि यहां का पढ़ाई का दृष्टिकोण उन्हें बहुत पसंद आया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि ये बच्चे जब इस संवाददाता को मिले तो उन्होंने सबसे पहले नमस्ते शब्द बोलकर संवाददाता का अभिवादन किया।
जवाहर नवोदय विद्यालय बडिंगखेड़ा के प्रिंसीपल एन कुमार ने बताया कि भारत के चुनिंदा 12 नवोदय विद्यालयों में से उनका ये एकमात्र विद्यालय है, जिसे यूके के उपरोक्त स्कूल के अध्यापकों और विद्यार्थियों से विचार सांझे करने का मौका मिला। बडिंगखेड़ा के नवोदय स्कूल के विद्यार्थियों ने अपने विदेशी मेहमानों को यह आभास नहीं होने दिया कि वे यूके में हैं या फिर दूर भारत में। उनके अनुसार विद्यालय प्रशासन का प्रयास रहेगा कि उनके स्कूल के विद्यार्थियों का एक ग्रुप इसी प्रकार यूके के इस स्कूल में जाए और वहां की स्कूल की गतिविधियों, सांस्कृति और खेल कूद संबंधी जानकारी हासिल करे।
इस मौके पर लिंक टीचर संजीव पांडे ने बताया कि विद्यार्थियों का इस प्रकार से एक-दूसरे देश के विद्यार्थियों के साथ तालमेल की नीति बच्चों में आत्मविश्वास जगाती है तथा उन्हें आगे बढऩे का मौका पर प्रदान करती है। इस प्रकार के लिंक विद्यार्थियों में स्थापित होने चाहिए। इस अवसर पर नवोदय विद्यालय की टयूटर मीनू टॉक भी उपस्थित थीं।
इस मौके पर विदेशी मेहमानों ने नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा उनके लिए आयोजित खो-खो और कबड्डी मैचों को भी निकटता से देखा। साथ में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सेदारी डाली। इन खेलों के दौरान ही विदेशी विद्यार्थियों ने भारतीय विद्यार्थियों से इन खेलों के संबंध में जानकारी जुटाई।
20 अक्टूबर 2010
नकली नोट प्रकरण : बेनकाब हो सकते हैं कई चेहरे
डबवाली (लहू की लौ) भारत सरकार की जाली करंसी बाजार में चलाने के आरोप में पकड़ी गई महिलाओं ने पुलिस के समक्ष कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। लेकिन साथ में ये महिलाएं पुलिस को उलझाने के लिए एक-दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार नकली नोटों को लेकर भारत के विभिन्न राज्यों में काफी शोर-शराबा मचा हुआ है। हालांकि कुछ स्थानों पर यह धंधा करने वाले पकड़े भी गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी नकली नोटों का प्रचलन रूकने का नाम नहीं ले रहा। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान की त्रिवेणी कहे जाने वाले नगर डबवाली भी जाली करंसी चलाने वालों के निशाने पर है। इसका रहस्योद्घटन सोमवार को डबवाली के मीना बाजार में एक हजार और पांच सौ रूपए के नकली नोट चलाने के आरोप में पकड़ी गई महिलाओं ने किया।
पुलिस पूछताछ के दौरान महिला जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति निवासी बठिंडा ने बताया कि वह बीए पास है। उसकी शादी फिरोजपुर में ईटीओ के पद पर तैनात हरविन्द्र पाल से हुई थी। लेकिन किसी कारणवश वे लोग साल 1986 में अलग-अलग रहने लग गए। साल 1997 में उनका तलाक हो गया। उसी समय वह अपने माता-पिता के पास बठिंडा में रह रही है। उसके पिता रघुवीर सिंह के पास करीब 23 एकड़ जमीन है। जमीन ठेके पर दी हुई है, जो राशि आती है, उससे गुजारा चलता है। उसका भाई सतविन्द्र उर्फ सतिन्द्र सिंह जिला मुक्तसर के गांव चन्नू में उसके माता-पिता से अलग रहता है। सतिन्द्र सिंह की बेटी अमृतसर के एक कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रही है। उसी कॉलेज में गांव चम्बल जिला तरनतारण की कोमलप्रीत कौर की बेटी पढती है और उसकी भतीजी की रूम मेट है।
करीब पांच-छह माह पूर्व कोमलप्रीत कौर अपनी बेटी के साथ उसकी भतीजी को छोडऩे के लिए गांव चन्नू आई। शॉपिंग के बहाने वे लोग बठिंडा आ गए। इसी दौरान उसकी मुलाकात कोमलप्रीत से हुई। उस समय कोमलप्रीत ने अपनी पहचान जसवीर कौर के रूप में करवाई। दो-चार मुलाकातों के बाद कोमलप्रीत उर्फ जसवीर कौर का असली चेहरा सामने आने लगा। उसने उसे जाली नोटों के धंधे में फंसा लिया। लालच में वह उसके साथ मिल गई। कोमलप्रीत शॉपिंग के बहाने बठिंडा के बजारों में आती और उसे साथ लेकर नकली नोटों से काफी कपड़ा खरीदकर वापिस चली जाती। धीरे-धीरे वह भी नकली नोटों की मदद से सामान खरीदने लगी और बकाया राशि कोमलप्रीत को देने लगी। कोमलप्रीत उर्फ जसवीर द्वारा दिए गए नोटों से वह घर का घरेलू सामान खरीदती और चेंज होने वाले पैसों को वापिस कोमलप्रीत को दे देती यानि 1000 रूपए के जाली नोट से 300 रूपये का सामान खरीदा। बचे 700 रूपए (असली नोट) वापिस दे देती।
करीब डेढ़ माह पूर्व कोमलप्रीत उर्फ जसवीर के पीछे पंजाब पुलिस लग गई। पुलिस से बचती हुई वह 1 लाख 80 हजार रूपए के नकली नोटों सहित बठिंडा पहुंची और उसने उसके यहां यह रूपए रखे। उसकी एवज में उसने 10 हजार रूपए नकली नोट लिए। इसी दौरान कोमलप्रीत उर्फ जसवीर कौर एक आदमी के साथ कार पर सवार होकर बठिंडा आने लगी। जिसे वह अपने मृतक पति बलविन्द्र सिंह हवलदार पंजाब पुलिस का मित्र बताती थी और वह व्यक्ति भी स्वयं को पंजाब पुलिस में तैनात बताता था। लेकिन नाम कभी नहीं बताया। कई बार इन लोगों ने रात भी उनके घर बठिंडा में गुजारी। नकली नोटों से शॉपिंग करके कपड़ों की कार भरकर ये लोग तरनतारण लेजाने लगे। बदले में उसे भी मुनाफा होने लगा।
जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति के अनुसार करीब चार माह पूर्व वह कार पर सवार होकर डबवाली आई थी। उस समय उन्होंने करीब 4000 रूपये के नकली नोटों से खरीददारी की और आराम से कार द्वारा बठिंडा के लिए रवाना हो गए। उसका लालच और गहराता गया। उसने इस काम के बदले फिफ्टी-फिफ्टी करने की बात कोमलप्रीत उर्फ जसवीर से की और नकली नोटों के सौदागरों से मिलने की इच्छा प्रकट की। उस समय कोमलप्रीत ने उसे बताया कि अमृतसर क्षेत्र में नकली नोट आसानी से पकड़े जाने लगे हैं। लेकिन बरनाला, बठिंडा, सिरसा, हिसार, संगरिया, हनुमानगढ़ इसके लिए उपयुक्त जगह है। कोमलप्रीत कौर उर्फ जसवीर कौर ने उसे यह भी बताया कि नकली नोट बॉर्डर पार से भारत में आते हैं। नकली नोट पहुंचाने वाले किसी से नहीं मिलते।
डबवाली में नकली नोट चलाने के लिए उन्होंने शुक्रवार को आना था। लेकिन कोमलप्रीत उस दिन बठिंडा नहीं आई। सोमवार को वे लोग बस से डबवाली आए और बाजार में खरीददारी करने लगे। लोगों को नकली नोट की भनक लग गई। इधर कोमलप्रीत निवासी गांव चम्बल जिला तरनतारण 7वीं पास ने भी पूछताछ के दौरान अहम खुलासे किए हैं। उसने भी अपने बेटी के जरिए बठिंडा निवासी जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति से मुलाकात का जिक्र किया है। कोमलप्रीत के अनुसार छुट्टियों के समय वह अपनी बेटी के साथ उसकी सहेली के गांव चन्नू आई थी। बाद में बठिंडा में उसकी मुलाकात ज्योति से हुई। ज्योति नकली नोटों का धंधा करती है। एक-दो मुलाकात के समय ज्योति उस पर इसके लिए दबाव डालने लगी। लालच में पड़कर वह झांसे में आ गई। कुछ दिन पहले उसके पास कोमलप्रीत का फोन आया और 60 हजार रूपए की मांग की। मांगे गए रूपयों के बदले भोपाल से आए एक लाख नकली नोट देने का भरोसा दिया। वह बिना पैसों के सोमवार को बठिंडा आई। यहां से ज्योति उसे डबवाली ले आई। कोमलप्रीत ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका पहला पति बलविन्द्र सिंह तरनतारण पुलिस में हवलदार के पद पर था। साल 1996 में उसकी मौत होने के बाद उसने गांव चम्बल के गुरूद्वारा के ग्रंथी रणजीत सिंह से विवाह रचा लिया।
फिलहाल दोनों ही आरोपी महिलाएं एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करके पुलिस को उलझाकर स्पष्ट बताने से बच रही हैं। पुलिस का मानना है कि यह मामला काफी बड़े गिरोह का हो सकता है। इस मामले में कौन लोग संलिप्त हैं और यह पैसा कैसे आता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने मंगलवार को उपमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में इन महिलाओं को पेश करके तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया
प्राप्त जानकारी अनुसार नकली नोटों को लेकर भारत के विभिन्न राज्यों में काफी शोर-शराबा मचा हुआ है। हालांकि कुछ स्थानों पर यह धंधा करने वाले पकड़े भी गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी नकली नोटों का प्रचलन रूकने का नाम नहीं ले रहा। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान की त्रिवेणी कहे जाने वाले नगर डबवाली भी जाली करंसी चलाने वालों के निशाने पर है। इसका रहस्योद्घटन सोमवार को डबवाली के मीना बाजार में एक हजार और पांच सौ रूपए के नकली नोट चलाने के आरोप में पकड़ी गई महिलाओं ने किया।
पुलिस पूछताछ के दौरान महिला जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति निवासी बठिंडा ने बताया कि वह बीए पास है। उसकी शादी फिरोजपुर में ईटीओ के पद पर तैनात हरविन्द्र पाल से हुई थी। लेकिन किसी कारणवश वे लोग साल 1986 में अलग-अलग रहने लग गए। साल 1997 में उनका तलाक हो गया। उसी समय वह अपने माता-पिता के पास बठिंडा में रह रही है। उसके पिता रघुवीर सिंह के पास करीब 23 एकड़ जमीन है। जमीन ठेके पर दी हुई है, जो राशि आती है, उससे गुजारा चलता है। उसका भाई सतविन्द्र उर्फ सतिन्द्र सिंह जिला मुक्तसर के गांव चन्नू में उसके माता-पिता से अलग रहता है। सतिन्द्र सिंह की बेटी अमृतसर के एक कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रही है। उसी कॉलेज में गांव चम्बल जिला तरनतारण की कोमलप्रीत कौर की बेटी पढती है और उसकी भतीजी की रूम मेट है।
करीब पांच-छह माह पूर्व कोमलप्रीत कौर अपनी बेटी के साथ उसकी भतीजी को छोडऩे के लिए गांव चन्नू आई। शॉपिंग के बहाने वे लोग बठिंडा आ गए। इसी दौरान उसकी मुलाकात कोमलप्रीत से हुई। उस समय कोमलप्रीत ने अपनी पहचान जसवीर कौर के रूप में करवाई। दो-चार मुलाकातों के बाद कोमलप्रीत उर्फ जसवीर कौर का असली चेहरा सामने आने लगा। उसने उसे जाली नोटों के धंधे में फंसा लिया। लालच में वह उसके साथ मिल गई। कोमलप्रीत शॉपिंग के बहाने बठिंडा के बजारों में आती और उसे साथ लेकर नकली नोटों से काफी कपड़ा खरीदकर वापिस चली जाती। धीरे-धीरे वह भी नकली नोटों की मदद से सामान खरीदने लगी और बकाया राशि कोमलप्रीत को देने लगी। कोमलप्रीत उर्फ जसवीर द्वारा दिए गए नोटों से वह घर का घरेलू सामान खरीदती और चेंज होने वाले पैसों को वापिस कोमलप्रीत को दे देती यानि 1000 रूपए के जाली नोट से 300 रूपये का सामान खरीदा। बचे 700 रूपए (असली नोट) वापिस दे देती।
करीब डेढ़ माह पूर्व कोमलप्रीत उर्फ जसवीर के पीछे पंजाब पुलिस लग गई। पुलिस से बचती हुई वह 1 लाख 80 हजार रूपए के नकली नोटों सहित बठिंडा पहुंची और उसने उसके यहां यह रूपए रखे। उसकी एवज में उसने 10 हजार रूपए नकली नोट लिए। इसी दौरान कोमलप्रीत उर्फ जसवीर कौर एक आदमी के साथ कार पर सवार होकर बठिंडा आने लगी। जिसे वह अपने मृतक पति बलविन्द्र सिंह हवलदार पंजाब पुलिस का मित्र बताती थी और वह व्यक्ति भी स्वयं को पंजाब पुलिस में तैनात बताता था। लेकिन नाम कभी नहीं बताया। कई बार इन लोगों ने रात भी उनके घर बठिंडा में गुजारी। नकली नोटों से शॉपिंग करके कपड़ों की कार भरकर ये लोग तरनतारण लेजाने लगे। बदले में उसे भी मुनाफा होने लगा।
जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति के अनुसार करीब चार माह पूर्व वह कार पर सवार होकर डबवाली आई थी। उस समय उन्होंने करीब 4000 रूपये के नकली नोटों से खरीददारी की और आराम से कार द्वारा बठिंडा के लिए रवाना हो गए। उसका लालच और गहराता गया। उसने इस काम के बदले फिफ्टी-फिफ्टी करने की बात कोमलप्रीत उर्फ जसवीर से की और नकली नोटों के सौदागरों से मिलने की इच्छा प्रकट की। उस समय कोमलप्रीत ने उसे बताया कि अमृतसर क्षेत्र में नकली नोट आसानी से पकड़े जाने लगे हैं। लेकिन बरनाला, बठिंडा, सिरसा, हिसार, संगरिया, हनुमानगढ़ इसके लिए उपयुक्त जगह है। कोमलप्रीत कौर उर्फ जसवीर कौर ने उसे यह भी बताया कि नकली नोट बॉर्डर पार से भारत में आते हैं। नकली नोट पहुंचाने वाले किसी से नहीं मिलते।
डबवाली में नकली नोट चलाने के लिए उन्होंने शुक्रवार को आना था। लेकिन कोमलप्रीत उस दिन बठिंडा नहीं आई। सोमवार को वे लोग बस से डबवाली आए और बाजार में खरीददारी करने लगे। लोगों को नकली नोट की भनक लग गई। इधर कोमलप्रीत निवासी गांव चम्बल जिला तरनतारण 7वीं पास ने भी पूछताछ के दौरान अहम खुलासे किए हैं। उसने भी अपने बेटी के जरिए बठिंडा निवासी जितेन्द्र कौर उर्फ ज्योति से मुलाकात का जिक्र किया है। कोमलप्रीत के अनुसार छुट्टियों के समय वह अपनी बेटी के साथ उसकी सहेली के गांव चन्नू आई थी। बाद में बठिंडा में उसकी मुलाकात ज्योति से हुई। ज्योति नकली नोटों का धंधा करती है। एक-दो मुलाकात के समय ज्योति उस पर इसके लिए दबाव डालने लगी। लालच में पड़कर वह झांसे में आ गई। कुछ दिन पहले उसके पास कोमलप्रीत का फोन आया और 60 हजार रूपए की मांग की। मांगे गए रूपयों के बदले भोपाल से आए एक लाख नकली नोट देने का भरोसा दिया। वह बिना पैसों के सोमवार को बठिंडा आई। यहां से ज्योति उसे डबवाली ले आई। कोमलप्रीत ने पुलिस को यह भी बताया कि उसका पहला पति बलविन्द्र सिंह तरनतारण पुलिस में हवलदार के पद पर था। साल 1996 में उसकी मौत होने के बाद उसने गांव चम्बल के गुरूद्वारा के ग्रंथी रणजीत सिंह से विवाह रचा लिया।
फिलहाल दोनों ही आरोपी महिलाएं एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करके पुलिस को उलझाकर स्पष्ट बताने से बच रही हैं। पुलिस का मानना है कि यह मामला काफी बड़े गिरोह का हो सकता है। इस मामले में कौन लोग संलिप्त हैं और यह पैसा कैसे आता है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने मंगलवार को उपमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में इन महिलाओं को पेश करके तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया
जाली करंसी सहित दो महिलाएं काबू
डबवाली (लहू की लौ) यहां के मीना बाजार में 1000, 500 रूपये के नकली नोट आने से दुकानदारों में खलबली मच गई। कुछ दुकानदार तो इन नकली नोटों का शिकार होकर सामान बेच भी चुके थे।
मीना बाजार के बाहर स्थित रानी बाजार के दुकानदार सुनील सेठी ने बताया कि एक अपटूडेट महिला उसके पास आयी और उसने उससे 200 रूपये की पैंट शर्ट खरीदी। 500 रूपये का नोट उसे देकर 300 रूपये वापिस ले गई। इसी प्रकार मीना बाजार के हैप्पी दुपट्टा हाऊस के मालिक हैप्पी ने बताया कि उससे महिला ने 90 रूपये की चुनरी लेकर 1000 रूपये नोट थमाते हुए 910 रूपये वापिस ले लिये। बब्बर शॉपिंग के मालिक नवीन बब्बर ने बताया कि एक महिला ने 170 रूपये का सामान खरीदा और एक हजार का नोट थमा दिया। हरीश सिंगला मालिक सिटी कोलेक्शन ने बताया कि उससे 280-280 रूपये अलग-अलग दो महिलाओं ने सूट खरीदे और उसे 1000-1000 रूपये का नोट थमा दिया। इसी प्रकार से गर्ग फैन्सी स्टोर, शगुन फैशन, स्माईल ब्यूटी सैन्टर पर भी ऐसा कुछ हुआ।
इन दुकानदारों को जैसे ही पता चला कि उनके साथ धोखादेही हुई है, जो नोट उन्हें थमाये गये हैं वह नकली हैं। वे तुरन्त इन महिलाओं की तालाश में निकल पड़े और उन्होंने एक-एक करके दोनों महिलाओं को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर जसवन्त ने बताया कि पकड़ी गई महिलाओं में से एक ने अपनी पहचान जितेन्द्र पाल उर्फ ज्योति पत्नी हरिन्द्रपाल सिधू निवासी भागू रोड़, बठिंडा के रूप में करवाते हुए बताया कि उसका पति फिरोजपुर में ईटीओ लगा हुआ है। उसे तो बठिंडा से उसके साथ आई कोमलप्रीत लेकर आयी थी और वहीं इन जाली नोटों को लेकर आयी है।
दूसरी महिला ने अपनी पहचान कोमलप्रीत पत्नी रणजीत सिंह गांव चम्बल थाना सिराड़ी जिला तरनतारन के रूप में करवाते हुए बताया कि वह तो बठिंडा में ज्योति को मिलने आई थी और ज्योति ही उसे दवाइयां खरीदने के लिए डबवाली के बठिंडा चौक में लायी थी। इसके बाद वह इसे बाजार में ले गई। जाली नोट इसी के पास थे। थाना शहर प्रभारी ने बताया कि दोनों महिलाओं से काफी भारी मात्रा में राशि बरामद की है। लेकिन इनमें से 7 नोट 500-500 के और 7 नोट 1000-1000 रूपये के जाली पाये गये हैं। जाली नोटों की पहचान पंजाब नैशनल बैंक के हैडकैशियर राकेश मदान ने की है। सुनील सेठी के ब्यान पर महिलाओं के खिलाफ जाली करंसी के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है।
मीना बाजार के बाहर स्थित रानी बाजार के दुकानदार सुनील सेठी ने बताया कि एक अपटूडेट महिला उसके पास आयी और उसने उससे 200 रूपये की पैंट शर्ट खरीदी। 500 रूपये का नोट उसे देकर 300 रूपये वापिस ले गई। इसी प्रकार मीना बाजार के हैप्पी दुपट्टा हाऊस के मालिक हैप्पी ने बताया कि उससे महिला ने 90 रूपये की चुनरी लेकर 1000 रूपये नोट थमाते हुए 910 रूपये वापिस ले लिये। बब्बर शॉपिंग के मालिक नवीन बब्बर ने बताया कि एक महिला ने 170 रूपये का सामान खरीदा और एक हजार का नोट थमा दिया। हरीश सिंगला मालिक सिटी कोलेक्शन ने बताया कि उससे 280-280 रूपये अलग-अलग दो महिलाओं ने सूट खरीदे और उसे 1000-1000 रूपये का नोट थमा दिया। इसी प्रकार से गर्ग फैन्सी स्टोर, शगुन फैशन, स्माईल ब्यूटी सैन्टर पर भी ऐसा कुछ हुआ।
इन दुकानदारों को जैसे ही पता चला कि उनके साथ धोखादेही हुई है, जो नोट उन्हें थमाये गये हैं वह नकली हैं। वे तुरन्त इन महिलाओं की तालाश में निकल पड़े और उन्होंने एक-एक करके दोनों महिलाओं को दबोच कर पुलिस के हवाले कर दिया।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर जसवन्त ने बताया कि पकड़ी गई महिलाओं में से एक ने अपनी पहचान जितेन्द्र पाल उर्फ ज्योति पत्नी हरिन्द्रपाल सिधू निवासी भागू रोड़, बठिंडा के रूप में करवाते हुए बताया कि उसका पति फिरोजपुर में ईटीओ लगा हुआ है। उसे तो बठिंडा से उसके साथ आई कोमलप्रीत लेकर आयी थी और वहीं इन जाली नोटों को लेकर आयी है।
दूसरी महिला ने अपनी पहचान कोमलप्रीत पत्नी रणजीत सिंह गांव चम्बल थाना सिराड़ी जिला तरनतारन के रूप में करवाते हुए बताया कि वह तो बठिंडा में ज्योति को मिलने आई थी और ज्योति ही उसे दवाइयां खरीदने के लिए डबवाली के बठिंडा चौक में लायी थी। इसके बाद वह इसे बाजार में ले गई। जाली नोट इसी के पास थे। थाना शहर प्रभारी ने बताया कि दोनों महिलाओं से काफी भारी मात्रा में राशि बरामद की है। लेकिन इनमें से 7 नोट 500-500 के और 7 नोट 1000-1000 रूपये के जाली पाये गये हैं। जाली नोटों की पहचान पंजाब नैशनल बैंक के हैडकैशियर राकेश मदान ने की है। सुनील सेठी के ब्यान पर महिलाओं के खिलाफ जाली करंसी के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है।
कांग्रेस सम्मानित नहीं, अपमानित करती है-अभय चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस कभी किसी को सम्मानित नहीं कर सकती। गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार का बोझ लादकर अपमानित जरूर कर सकती है। वे सोमवार को चौधरी मार्किट में तेलूराम बांसल के व्यापारिक संस्थान पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
इनेलो नेता ने कहा कि चौ. देवीलाल ने हरियाणा को अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पार्टी ने हर्ष साल 1 नवंबर को हरियाणा दिवस पर उनका जन्म दिन मनाने का निर्णय लिया है। इस बार 1 नवंबर को उनके जन्म दिवस पर विशाल जनसभा करके सरकार की नाकामियों को जनता के समक्ष रखा जाएगा। इनेलो विधायक ने कहा कि कभी बंसीलाल का परिवार, तो कभी सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का परिवार अपने आपको हरियाणा का निर्माता करार देता है। लेकिन हकीकत यह है कि पंजाब से हरियाणा को अलग प्रदेश बनाकर देश में उसे पहचान देने का काम चौ. देवीलाल ने किया। जबकि उस समय कैबिनेट के पद पर विराजमान सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा प्रदेश के निर्माण में रोड़ा बने हुए थे। चापलूसी के सिवा ये लोग कुछ नहीं कर सकते। इन लोगों के तो खून में भी झूठ, मक्कारी और चपलूसी है। चापलूसी की वजह से आज भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हरियाणा प्रदेश के सीएम बन बैठे हैं। एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री हुड्डा खेल में भी राजनीति करने में लगे हुए हैं। इनेलो ने 1 नवंबर को राष्ट्रमंडल खेलों में मैडल पाने वाले राज्य के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। लेकिन मुख्यमंत्री को डर था कि कहीं खिलाड़ी सम्मानित होकर इनेलो की ओर न चले जाएं। इसी डर के चलते मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को उसी दिन सम्मानित करने की घोषणा की। लेकिन इनेलो खेलों में राजनीति नहीं चाहती। खिलाडिय़ों को इनेलो एशियन गेम्स के बाद नए वर्ष के मौके पर सम्मानित करेगी।
अभय चौटाला ने कहा कि इनेलो की ओर से साल 2001 में बनाई गई स्पोट्र्स पॉलिसी का ही परिणाम है कि आज हरियाणा का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। देश के 469 खिलाडिय़ों में से राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के मात्र 49 खिलाडिय़ों शामिल थे। जिनमें से 32 पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों को मिले। जिसमें 16 गोल्ड, 8 सिल्वर और 8 ताम्र पदक शामिल हैं। इनेलो की स्पोट्र्स पॉलिसी को बेहतरीन पॉलिसी करार देकर उसे साल 2009 में राज्य में लागू करने वाली प्रदेश की सरकार इसे हुड्डा पॉलिसी कहकर मजे लूट रही है। इनेलो विधायक ने मांग की कि अगर हरियाणा सरकार खिलाडिय़ों की सच्ची हितैषी है तो वह राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड पदक लाने वाले प्रदेश के खिलाड़ी को 35 लाख, सिल्वर पदक लाने वाले खिलाड़ी को 25 लाख और ताम्र पदक लाने वाले खिलाड़ी को 20 लाख रूपए का पुरस्कार देकर सम्मानित करे। इसके साथ खिलाडिय़ों की कामयाबी के पीछे एसोसिएशन तथा अन्य लोगों को भी सम्मानित करे।
इससे पूर्व अभय सिंह चौटाला ने अग्रवाल धर्मशाला में इनेलो कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। उन्होंने रैली के संबंध में कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य रणवीर सिंह गंगवा, जिला परिषद सिरसा के अध्यक्ष डॉ. सीता राम, पदम जैन, रणवीर सिंह राणा, कुलदीप सिंह एडवोकेट, डॉ. गिरधारी लाल, विनोद अरोड़ा, जगदीश अरोड़ा, बलदेव भीटीवाला, सर्वजीत सिंह मसीतां, नरेन्द्र सिंह बराड़, गुरप्रीत सिंह कुलार, दर्शन मोंगा, प्रिन्स जुनेजा, गुरजीत सिंह, टेकचन्द छाबड़ा, नीलकान्त मैहता लवली, प्रहलाद राय, महेन्द्र डूडी, सुरिन्द्र छिन्दा, सुखविन्द्र सरां, राजा पेन्टर, पुष्पा दैड़ान, विक्की शर्मा, जोगिन्द्र सिंह डाल आदि उपस्थित थे।
इनेलो नेता ने कहा कि चौ. देवीलाल ने हरियाणा को अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पार्टी ने हर्ष साल 1 नवंबर को हरियाणा दिवस पर उनका जन्म दिन मनाने का निर्णय लिया है। इस बार 1 नवंबर को उनके जन्म दिवस पर विशाल जनसभा करके सरकार की नाकामियों को जनता के समक्ष रखा जाएगा। इनेलो विधायक ने कहा कि कभी बंसीलाल का परिवार, तो कभी सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का परिवार अपने आपको हरियाणा का निर्माता करार देता है। लेकिन हकीकत यह है कि पंजाब से हरियाणा को अलग प्रदेश बनाकर देश में उसे पहचान देने का काम चौ. देवीलाल ने किया। जबकि उस समय कैबिनेट के पद पर विराजमान सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा प्रदेश के निर्माण में रोड़ा बने हुए थे। चापलूसी के सिवा ये लोग कुछ नहीं कर सकते। इन लोगों के तो खून में भी झूठ, मक्कारी और चपलूसी है। चापलूसी की वजह से आज भूपेन्द्र सिंह हुड्डा हरियाणा प्रदेश के सीएम बन बैठे हैं। एक सवाल के जवाब में चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री हुड्डा खेल में भी राजनीति करने में लगे हुए हैं। इनेलो ने 1 नवंबर को राष्ट्रमंडल खेलों में मैडल पाने वाले राज्य के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था। लेकिन मुख्यमंत्री को डर था कि कहीं खिलाड़ी सम्मानित होकर इनेलो की ओर न चले जाएं। इसी डर के चलते मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को उसी दिन सम्मानित करने की घोषणा की। लेकिन इनेलो खेलों में राजनीति नहीं चाहती। खिलाडिय़ों को इनेलो एशियन गेम्स के बाद नए वर्ष के मौके पर सम्मानित करेगी।
अभय चौटाला ने कहा कि इनेलो की ओर से साल 2001 में बनाई गई स्पोट्र्स पॉलिसी का ही परिणाम है कि आज हरियाणा का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। देश के 469 खिलाडिय़ों में से राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के मात्र 49 खिलाडिय़ों शामिल थे। जिनमें से 32 पदक हरियाणा के खिलाडिय़ों को मिले। जिसमें 16 गोल्ड, 8 सिल्वर और 8 ताम्र पदक शामिल हैं। इनेलो की स्पोट्र्स पॉलिसी को बेहतरीन पॉलिसी करार देकर उसे साल 2009 में राज्य में लागू करने वाली प्रदेश की सरकार इसे हुड्डा पॉलिसी कहकर मजे लूट रही है। इनेलो विधायक ने मांग की कि अगर हरियाणा सरकार खिलाडिय़ों की सच्ची हितैषी है तो वह राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड पदक लाने वाले प्रदेश के खिलाड़ी को 35 लाख, सिल्वर पदक लाने वाले खिलाड़ी को 25 लाख और ताम्र पदक लाने वाले खिलाड़ी को 20 लाख रूपए का पुरस्कार देकर सम्मानित करे। इसके साथ खिलाडिय़ों की कामयाबी के पीछे एसोसिएशन तथा अन्य लोगों को भी सम्मानित करे।
इससे पूर्व अभय सिंह चौटाला ने अग्रवाल धर्मशाला में इनेलो कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। उन्होंने रैली के संबंध में कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य रणवीर सिंह गंगवा, जिला परिषद सिरसा के अध्यक्ष डॉ. सीता राम, पदम जैन, रणवीर सिंह राणा, कुलदीप सिंह एडवोकेट, डॉ. गिरधारी लाल, विनोद अरोड़ा, जगदीश अरोड़ा, बलदेव भीटीवाला, सर्वजीत सिंह मसीतां, नरेन्द्र सिंह बराड़, गुरप्रीत सिंह कुलार, दर्शन मोंगा, प्रिन्स जुनेजा, गुरजीत सिंह, टेकचन्द छाबड़ा, नीलकान्त मैहता लवली, प्रहलाद राय, महेन्द्र डूडी, सुरिन्द्र छिन्दा, सुखविन्द्र सरां, राजा पेन्टर, पुष्पा दैड़ान, विक्की शर्मा, जोगिन्द्र सिंह डाल आदि उपस्थित थे।
लूट के इरादे से एसबीआई के एटीएम में तोडफ़ोड़
डबवाली (लहू की लौ) अज्ञात लोगों ने रात को भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा में लगे दो एटीएम में तोडफ़ोड़ करके लूटपाट का प्रयास किया।
प्राप्त जानकारी अनुसार थाना सदर पुलिस के एक कर्मचारी इन्द्र सिंह ने बाहर जाना था और वह भारतीय स्टेट बंैक के एटीएम पर मंगलवार सुबह सवा पांच बजे जब राशि निकलवाने के लिए पहुंचा तो उसने देखा कि बैंक में लगे दोनों एटीएम टूटे पड़े हैं। उसने इसकी सूचना थाना शहर पुलिस को दी। मौका पर थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त कुमार जस्सू पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया।
भारतीय स्टेट बंैक की डबवाली शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक बीएस सरपाल ने बताया कि वह छुट्टी पर चल रहा है। लेकिन उन्हें सुबह जैसे ही इस घटना की सूचना मिली तो वह मौका पर पहुंचे और देखा कि अज्ञात लोगों ने एटीएम में तो तोडफ़ोड़ की है, साथ में सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ डाले। उनके अनुसार इस तोडफ़ोड़ से एटीएम की मशीनरी का 3 लाख रूपये का नुक्सान हुआ है। उनके अनुसार अभी तक एक एटीएम का ताला नहीं खुल पाया है जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ डाला था। इस ताले के खुलने के बाद ही पता चल पायेगा कि कैश का कोई नुक्सान हुआ है या नहीं। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त कुमार जस्सू ने बताया कि शाखा प्रबंधक के ब्यान पर रपट लिख कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी अनुसार थाना सदर पुलिस के एक कर्मचारी इन्द्र सिंह ने बाहर जाना था और वह भारतीय स्टेट बंैक के एटीएम पर मंगलवार सुबह सवा पांच बजे जब राशि निकलवाने के लिए पहुंचा तो उसने देखा कि बैंक में लगे दोनों एटीएम टूटे पड़े हैं। उसने इसकी सूचना थाना शहर पुलिस को दी। मौका पर थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त कुमार जस्सू पहुंचे और घटना का निरीक्षण किया।
भारतीय स्टेट बंैक की डबवाली शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक बीएस सरपाल ने बताया कि वह छुट्टी पर चल रहा है। लेकिन उन्हें सुबह जैसे ही इस घटना की सूचना मिली तो वह मौका पर पहुंचे और देखा कि अज्ञात लोगों ने एटीएम में तो तोडफ़ोड़ की है, साथ में सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ डाले। उनके अनुसार इस तोडफ़ोड़ से एटीएम की मशीनरी का 3 लाख रूपये का नुक्सान हुआ है। उनके अनुसार अभी तक एक एटीएम का ताला नहीं खुल पाया है जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ डाला था। इस ताले के खुलने के बाद ही पता चल पायेगा कि कैश का कोई नुक्सान हुआ है या नहीं। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवन्त कुमार जस्सू ने बताया कि शाखा प्रबंधक के ब्यान पर रपट लिख कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
28 सितंबर 2010
हिन्दुस्तानी पर लट्टू हुए गोरे
डीडी गोयल
मो. 093567-22045
डबवाली। जोधपुर के लोग और मुकाम की धार्मिक यात्रा पर आए श्रद्धालु जिस व्यक्ति को पॉलीथीन का कचरा बीनते देखकर पागल की संज्ञा देते थे, आज वह व्यक्ति केवल पर्यावरण प्रेमी के नाम से ही विख्यात नहीं है, बल्कि विदेशों में भी प्रेरणा का स्त्रोत बनकर विश्व को पॉलीथीन के कचरे के खिलाफ खड़ा करने का एक आंदोलन बन गया है। गोरे उस पर इतने लट्टू हुए हैं कि उन्होंने उस पर वीडियो फिल्म तैयार करनी शुरू कर दी है।
यह व्यक्ति कोई ओर नहीं, बल्कि हिन्दोंस्तान के राजस्थान राज्य के जोधपुर का एमकॉम पास खमु राम बिश्नोई है। जोकि राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में न्यायिक सहायक के पद पर कार्यरत है। खमु राम बिश्नोई डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला में गुरूवार को बिश्नोई समाज द्वारा खेजड़ी के शहीदों समर्पित पर्यावरण रैली में भाग लेने के लिए आए हुए थे और इस संवाददाता से पर्यावरण पर विशेष बातचीत कर रहे थे। पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण संस्थान, जोधपुर के संस्थापक खमुराम बिश्नोई ने बताया कि उसे प्लास्टिक का कचरा बीनने की न तो कोई सनक है और न ही इसे इक्ट्ठा करके कबाडिय़ों को बेचना उसका पेशा है। बल्कि वह निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज, राज्य, देश और विश्व के भले के लिए इस काम को अंजाम दे रहा है। उसका एकमात्र उद्देश्य है कि पृथ्वी के पर्यावरण को संतुलित रखकर प्रदूषण से कैसे बचाए रखा जा सकें। यहीं कारण है कि वह स्थान-स्थान पर यहां भी उसे प्लास्टिक का कचरा दिखाई देता है, वह उसे बीनने लग जाता है।
खमुराम के अनुसार वे इस बात से भली प्रकार से परिचित हैं कि प्लास्टिक के कचरे को जलाने से निकलने वाली हानिकारक गैसें वातावरण को प्रदूषित करती हैं, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक है। यदि कचरे को मिट्टी में दबा दिया जाए, तो वह दब तो जाता है, लेकिन सैंकड़ों सालों तक भी वह नष्ट नहीं होता।
उन्होंने बताया कि वे पहली बार हरियाणा की भूमि पर आए हैं और उन्हें पंजाब, राजस्थान तथा हरियाणा की त्रिवेणी कही जाने वाली मण्डी डबवाली में आने का सौभाग्य ही प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि इस मिट्टी की सुगंधी को अपने मात्थे से लगाने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। विशेषकर ऐसे मौके पर जब पर्यावरण के लिए 281 वर्ष पूर्व 363 बिश्नोईयों ने शहीदी दी और उसमें भी एक विरांगना अमृता देवी शामिल थी। जिसका आज स्मृति दिवस है।
उन्होंने बताया कि वे एमकॉम करने के बाद राजस्थान सरकार की न्यायिक सेवा में चला गया। लेकिन इसके बावजूद भी उसके दिल में पर्यावरण के प्रति एक टीस थी। धरती को बिगड़ रहे पर्यावरण से कैसे बचाया जा सके, इससे सुरक्षा पाने की सनक उसके सिर पर सवार थी। उसने धरती मां की रक्षा के लिए जब कचरा बीनने की सेवा का कार्य अपने हाथ में लिया तो जोधपुर नगर के लोग उसे पागल कहने लगे। कुछ लोग तो उससे नफरत भी करने लगे। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि वे यह काम अपने लिए नहीं, उन लोगों के लिए कर रहा है तो उन्होंने धीरे-धीरे उसका साथ देना शुरू किया। उन्होंने दुकानदारों को भी समझाया कि वे पॉलीथीन को काम में न लेकर कागज की थैलियों, गत्ते के डिब्बों या फिर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें। नक्कारखाना में तूती की आवाज कौन सुनता, लेकिन वह भी अपनी धुन का पक्का था। उसने कपड़े के थैले बनाए और उसे बाजार में लोगों को नि:शुल्क दिया। देखते-देखते पर्यावरण संरक्षण के लिए और भी लोग आगे आए। जोधपुर महानगर उसका मिशन बन गया और मारवाड़ को मुक्त करने का अभियान शुरू हो गया। गांधीवाद के आदर्शों पर चलते हुए उसने विरोधियों के पैर छुए और अपने मिशन में सफलता अर्जित की।
परिणामस्वरूप साल 2004 में फ्रांस से पर्यावरण शोधकर्ता फ्रेंक वोगेल अपनी थीसिस के सिलसिले में भारत आए और इसी दौरान वह राजस्थान के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर निकल पड़े। वोगेल की दृष्टि एक मेले में प्लास्टिक का कचरा बीननते खमुराम पर पड़ी। खमुराम इस मेले में केवल कचरा ही नहीं बीनन रहा था, बल्कि लोगों को इस कचरे के खतरों से सचेत और जागरूक भी कर रहा था। जिससे प्रभावित होकर फ्रेंक ने उससे बातचीत की और उसके ढ़ेर सारे फोटो खींचकर अपने देश ले गया। फ्रेंक ने यूरोपीय देशों की इस भ्रांति को दूर करने का प्रयास किया कि भारतीय पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। फ्रेंक वोगेल की इस दृष्टि ने खमुराम को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। 11 दिसंबर 2008 को कोर्चेवेल सिटी (पेरिस) में प्रारम्भ होने वाले तीन दिवसीय इंटरनेशनल प्लेनेट वर्कशॉप में केवल शामिल होने का गौरव ही प्राप्त नहीं हुआ। बल्कि एशिया महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिला। इस वर्कशॉप में वल्र्ड के 300 पर्यावरण शोधकर्ताओं ने शिरकत की थी।
खमुराम ने बताया कि उस पर फ्रेंक वोगेल द्वारा बनाई जा रही डाक्यूमेंट्री (फिल्म) का पहला चरण पूरा हो चुका है। पुन: इसकी शूटिंग 29 सितंबर से जोधपुर में होनी है। इस फिल्म में शोधकर्ता ने प्लास्टिक के प्रभाव को दिखाते हुए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। खमुराम का मानना है कि सरकारें पर्यावरण की रक्षा के लिए कानून तो बना रहीं हैं, लेकिन इसको एम्पलीमेंट करने में लापरवाह हैं। जिसके चलते पर्यावरण की रक्षा उतनी तीव्र गति से नहीं हो रही है, जितनी तीव्र गति से होनी चाहिए। उनके अनुसार सावन और भादो में बड़ी तादाद में वृक्षारोपण किया जाता है और यह वृक्षारोपण केवल नाटक ही साबित होता है। चूंकि वृक्षारोपण के बाद उसकी पालना करना हम सब भूल जाते हैं। पर्यावरण प्रेमी खमुराम ने बताया कि पिछले दस वर्षों के दौरान वह और उसकी संस्था के सदस्य करीब एक करोड़ लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर चुके हैं। यहां भी मेला भरता है, वे लोग वहीं पहुंच जाते हैं।
मो. 093567-22045
डबवाली। जोधपुर के लोग और मुकाम की धार्मिक यात्रा पर आए श्रद्धालु जिस व्यक्ति को पॉलीथीन का कचरा बीनते देखकर पागल की संज्ञा देते थे, आज वह व्यक्ति केवल पर्यावरण प्रेमी के नाम से ही विख्यात नहीं है, बल्कि विदेशों में भी प्रेरणा का स्त्रोत बनकर विश्व को पॉलीथीन के कचरे के खिलाफ खड़ा करने का एक आंदोलन बन गया है। गोरे उस पर इतने लट्टू हुए हैं कि उन्होंने उस पर वीडियो फिल्म तैयार करनी शुरू कर दी है।
यह व्यक्ति कोई ओर नहीं, बल्कि हिन्दोंस्तान के राजस्थान राज्य के जोधपुर का एमकॉम पास खमु राम बिश्नोई है। जोकि राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में न्यायिक सहायक के पद पर कार्यरत है। खमु राम बिश्नोई डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला में गुरूवार को बिश्नोई समाज द्वारा खेजड़ी के शहीदों समर्पित पर्यावरण रैली में भाग लेने के लिए आए हुए थे और इस संवाददाता से पर्यावरण पर विशेष बातचीत कर रहे थे। पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण संस्थान, जोधपुर के संस्थापक खमुराम बिश्नोई ने बताया कि उसे प्लास्टिक का कचरा बीनने की न तो कोई सनक है और न ही इसे इक्ट्ठा करके कबाडिय़ों को बेचना उसका पेशा है। बल्कि वह निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज, राज्य, देश और विश्व के भले के लिए इस काम को अंजाम दे रहा है। उसका एकमात्र उद्देश्य है कि पृथ्वी के पर्यावरण को संतुलित रखकर प्रदूषण से कैसे बचाए रखा जा सकें। यहीं कारण है कि वह स्थान-स्थान पर यहां भी उसे प्लास्टिक का कचरा दिखाई देता है, वह उसे बीनने लग जाता है।
खमुराम के अनुसार वे इस बात से भली प्रकार से परिचित हैं कि प्लास्टिक के कचरे को जलाने से निकलने वाली हानिकारक गैसें वातावरण को प्रदूषित करती हैं, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक है। यदि कचरे को मिट्टी में दबा दिया जाए, तो वह दब तो जाता है, लेकिन सैंकड़ों सालों तक भी वह नष्ट नहीं होता।
उन्होंने बताया कि वे पहली बार हरियाणा की भूमि पर आए हैं और उन्हें पंजाब, राजस्थान तथा हरियाणा की त्रिवेणी कही जाने वाली मण्डी डबवाली में आने का सौभाग्य ही प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि इस मिट्टी की सुगंधी को अपने मात्थे से लगाने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। विशेषकर ऐसे मौके पर जब पर्यावरण के लिए 281 वर्ष पूर्व 363 बिश्नोईयों ने शहीदी दी और उसमें भी एक विरांगना अमृता देवी शामिल थी। जिसका आज स्मृति दिवस है।
उन्होंने बताया कि वे एमकॉम करने के बाद राजस्थान सरकार की न्यायिक सेवा में चला गया। लेकिन इसके बावजूद भी उसके दिल में पर्यावरण के प्रति एक टीस थी। धरती को बिगड़ रहे पर्यावरण से कैसे बचाया जा सके, इससे सुरक्षा पाने की सनक उसके सिर पर सवार थी। उसने धरती मां की रक्षा के लिए जब कचरा बीनने की सेवा का कार्य अपने हाथ में लिया तो जोधपुर नगर के लोग उसे पागल कहने लगे। कुछ लोग तो उससे नफरत भी करने लगे। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि वे यह काम अपने लिए नहीं, उन लोगों के लिए कर रहा है तो उन्होंने धीरे-धीरे उसका साथ देना शुरू किया। उन्होंने दुकानदारों को भी समझाया कि वे पॉलीथीन को काम में न लेकर कागज की थैलियों, गत्ते के डिब्बों या फिर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें। नक्कारखाना में तूती की आवाज कौन सुनता, लेकिन वह भी अपनी धुन का पक्का था। उसने कपड़े के थैले बनाए और उसे बाजार में लोगों को नि:शुल्क दिया। देखते-देखते पर्यावरण संरक्षण के लिए और भी लोग आगे आए। जोधपुर महानगर उसका मिशन बन गया और मारवाड़ को मुक्त करने का अभियान शुरू हो गया। गांधीवाद के आदर्शों पर चलते हुए उसने विरोधियों के पैर छुए और अपने मिशन में सफलता अर्जित की।
परिणामस्वरूप साल 2004 में फ्रांस से पर्यावरण शोधकर्ता फ्रेंक वोगेल अपनी थीसिस के सिलसिले में भारत आए और इसी दौरान वह राजस्थान के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर निकल पड़े। वोगेल की दृष्टि एक मेले में प्लास्टिक का कचरा बीननते खमुराम पर पड़ी। खमुराम इस मेले में केवल कचरा ही नहीं बीनन रहा था, बल्कि लोगों को इस कचरे के खतरों से सचेत और जागरूक भी कर रहा था। जिससे प्रभावित होकर फ्रेंक ने उससे बातचीत की और उसके ढ़ेर सारे फोटो खींचकर अपने देश ले गया। फ्रेंक ने यूरोपीय देशों की इस भ्रांति को दूर करने का प्रयास किया कि भारतीय पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। फ्रेंक वोगेल की इस दृष्टि ने खमुराम को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। 11 दिसंबर 2008 को कोर्चेवेल सिटी (पेरिस) में प्रारम्भ होने वाले तीन दिवसीय इंटरनेशनल प्लेनेट वर्कशॉप में केवल शामिल होने का गौरव ही प्राप्त नहीं हुआ। बल्कि एशिया महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिला। इस वर्कशॉप में वल्र्ड के 300 पर्यावरण शोधकर्ताओं ने शिरकत की थी।
खमुराम ने बताया कि उस पर फ्रेंक वोगेल द्वारा बनाई जा रही डाक्यूमेंट्री (फिल्म) का पहला चरण पूरा हो चुका है। पुन: इसकी शूटिंग 29 सितंबर से जोधपुर में होनी है। इस फिल्म में शोधकर्ता ने प्लास्टिक के प्रभाव को दिखाते हुए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। खमुराम का मानना है कि सरकारें पर्यावरण की रक्षा के लिए कानून तो बना रहीं हैं, लेकिन इसको एम्पलीमेंट करने में लापरवाह हैं। जिसके चलते पर्यावरण की रक्षा उतनी तीव्र गति से नहीं हो रही है, जितनी तीव्र गति से होनी चाहिए। उनके अनुसार सावन और भादो में बड़ी तादाद में वृक्षारोपण किया जाता है और यह वृक्षारोपण केवल नाटक ही साबित होता है। चूंकि वृक्षारोपण के बाद उसकी पालना करना हम सब भूल जाते हैं। पर्यावरण प्रेमी खमुराम ने बताया कि पिछले दस वर्षों के दौरान वह और उसकी संस्था के सदस्य करीब एक करोड़ लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर चुके हैं। यहां भी मेला भरता है, वे लोग वहीं पहुंच जाते हैं।
रात को सरकारी अस्पताल में हंगामा
डबवाली (लहू की लौ) सरकारी अस्पताल में बुधवार रात को घायल को उपचार के लिए बाहर लेजाने के लिए एम्बूलैंस उपलब्ध न होने पर घायल के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। मौका पर उपस्थित डॉक्टर को खूब खरी खोटी सुनाई।
जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला का मंदर सिंह (40) अपने बाईक से गांव की ओर जा रहा था। जोगेवाला मार्ग पर अचानक उसकी बाईक स्लिप कर गई। सूचना पाकर डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। उन्होंने घायल को उठाया और डबवाली के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। सिर पर चोट होने की वजह से डॉक्टर ने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया। उस समय अस्पताल में एम्बूलैंस मौजूद नहीं थी।
दुर्घटना की सूचना पाकर घायल मंदर सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। करीब अढ़ाई घंटे उन्हें एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं हुई। जिससे परिजनों का गुस्सा उफन गया। गांव के बलराज सिंह नंबरदार, सर्वजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह, हरदीप सिंह, सुरेन्द्र, लवली, राजपाल आदि ने मौका पर उपस्थित डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार डॉक्टर ने घायल की सही तरीके से देखभाल नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल के मरहम-पट्टी तक नहीं की गई। घायल को रैफर किए हुए अढ़ाई घंटे हो चुके हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में एम्बूलैंस तक उपलब्ध नहीं है। इसी बीच ग्रामीणों की डॉक्टर से काफी तकरार हुई। अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के एसआई भागीरथ, हवलदार खेता राम तथा जय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने भी ग्रामीणों को शांत करवाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर ने फौरी तौर पर प्राईवेट अस्पताल की एम्बूलैंस मंगवाकर घायल को रैफर किया।
इस संबंध में जब मौका पर उपस्थित डॉक्टर सुखवंत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती गई। घायल के सिर पर चोट होने के कारण उन्होंने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल की एम्बूलैंस एक मरीज को छोडऩे के लिए बाहर गई हुई थी। इसी के चलते घायल मंदर सिंह को रैफर करने में देरी हुई।
जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला का मंदर सिंह (40) अपने बाईक से गांव की ओर जा रहा था। जोगेवाला मार्ग पर अचानक उसकी बाईक स्लिप कर गई। सूचना पाकर डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। उन्होंने घायल को उठाया और डबवाली के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। सिर पर चोट होने की वजह से डॉक्टर ने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया। उस समय अस्पताल में एम्बूलैंस मौजूद नहीं थी।
दुर्घटना की सूचना पाकर घायल मंदर सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। करीब अढ़ाई घंटे उन्हें एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं हुई। जिससे परिजनों का गुस्सा उफन गया। गांव के बलराज सिंह नंबरदार, सर्वजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह, हरदीप सिंह, सुरेन्द्र, लवली, राजपाल आदि ने मौका पर उपस्थित डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार डॉक्टर ने घायल की सही तरीके से देखभाल नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल के मरहम-पट्टी तक नहीं की गई। घायल को रैफर किए हुए अढ़ाई घंटे हो चुके हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में एम्बूलैंस तक उपलब्ध नहीं है। इसी बीच ग्रामीणों की डॉक्टर से काफी तकरार हुई। अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के एसआई भागीरथ, हवलदार खेता राम तथा जय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने भी ग्रामीणों को शांत करवाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर ने फौरी तौर पर प्राईवेट अस्पताल की एम्बूलैंस मंगवाकर घायल को रैफर किया।
इस संबंध में जब मौका पर उपस्थित डॉक्टर सुखवंत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती गई। घायल के सिर पर चोट होने के कारण उन्होंने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल की एम्बूलैंस एक मरीज को छोडऩे के लिए बाहर गई हुई थी। इसी के चलते घायल मंदर सिंह को रैफर करने में देरी हुई।
ड्रेन टूटा,खेतों में घुसा पानी
डबवाली (लहू की लौ) यहां से 5 किलोमीटर दूर पंजाब के बठिंडा जिला के साथ लगते गांव डूमवाली के रकबा में पडऩे वाली बरसाती डे्रेन का बांध बुधवार शाम को टूट जाने से पानी नरमा के खेतों में बह गया। जिससे किसानों में हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना पाकर एसडीएम बठिंडा मौका पर पहुंचे।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
स्वाईन फ्लू का रोगी मिला
डबवाली (लहू की लौ) मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र लम्बी के गांव मण्डी किलियांवाली में राजस्थान से आए स्वाईन फ्लू के रोगी ने स्वास्थ्य विभाग पंजाब में हड़कम्प मचा दिया।
मण्डी किलियांवाली के बस अड्डा के सामने स्थित क्वालिटी फर्नीचर हाऊस वाली गली के निवासी राजेन्द्र पाल गर्ग ने बताया कि उसका बेटा राहुल (17) 11वीं का छात्र है और वह 13 अप्रैल 2010 को कोटा के बांसल कोचिंग सैन्टर में पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की कोचिंग ले रहा है। उन्हें सूचना मिली कि राहुल बीमार है और कंपकंपी लगकर उसे बुखार आ रहा है। कोटा में राहुल के रक्त की जांच करवाई गई। इधर वे उसे डबवाली ले आए। बुधवार रात को कोटा से जो रिपोर्ट उनके पास आई, उसमें स्वाईन फ्लू घोषित किया गया था। जिस पर उन्होंने डबवाली के सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टरों से सलाह-मश्विरा किया और उनकी सलाह पर उसे पीजीआई रोहतक में ईलाज के लिए लेजाया गया है।
इस संदर्भ में लम्बी सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. रीटा गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है की कोटा से राहुल नामक छात्र किलियांवाली में आया है। जोकि स्वाईन फ्लू का रोगी है। एतिहात के तौर पर कदम उठाते हुए राहुल के कनटेक्ट में आने वाले उसके परिवार के आठों सदस्यों को स्वाईन फ्लू की दवा टैनी फ्लू दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक टीम भी गठित की गई है, जोकि उसके परिवारिक सदस्यों और आसपास के लोगों पर स्वाईन फ्लू को लेकर निगाह बनाए रखेगी। इस टीम में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक बहुउद्देश्यीय कर्मचारी, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्वाईन फ्लू से बचने के लिए स्वाईन फ्लू के रोगी से दूर रहा जाए। रोगी खांसी व जुकाम के समय अपने मुंह पर रूमाल रखे। रोगी के साथ हाथ न मिलाया जाए। और अगर रोगी के साथ हाथ लगता है, तो उसे अच्छी प्रकार से धोया जाए। बुखार, खांसी और सिरदर्द होने पर आवश्य ही अपने आस-पड़ौस के सरकारी अस्पताल से टैस्ट करवाकर इस संदर्भ में राए ली जाए।
इधर डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि स्वाईन फ्लू का रोगी अस्पताल में आया था। उसे स्वाईन फ्लू से संबंधी ट्रीटमेंट दे दिया गया है।
मण्डी किलियांवाली के बस अड्डा के सामने स्थित क्वालिटी फर्नीचर हाऊस वाली गली के निवासी राजेन्द्र पाल गर्ग ने बताया कि उसका बेटा राहुल (17) 11वीं का छात्र है और वह 13 अप्रैल 2010 को कोटा के बांसल कोचिंग सैन्टर में पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की कोचिंग ले रहा है। उन्हें सूचना मिली कि राहुल बीमार है और कंपकंपी लगकर उसे बुखार आ रहा है। कोटा में राहुल के रक्त की जांच करवाई गई। इधर वे उसे डबवाली ले आए। बुधवार रात को कोटा से जो रिपोर्ट उनके पास आई, उसमें स्वाईन फ्लू घोषित किया गया था। जिस पर उन्होंने डबवाली के सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टरों से सलाह-मश्विरा किया और उनकी सलाह पर उसे पीजीआई रोहतक में ईलाज के लिए लेजाया गया है।
इस संदर्भ में लम्बी सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. रीटा गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है की कोटा से राहुल नामक छात्र किलियांवाली में आया है। जोकि स्वाईन फ्लू का रोगी है। एतिहात के तौर पर कदम उठाते हुए राहुल के कनटेक्ट में आने वाले उसके परिवार के आठों सदस्यों को स्वाईन फ्लू की दवा टैनी फ्लू दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक टीम भी गठित की गई है, जोकि उसके परिवारिक सदस्यों और आसपास के लोगों पर स्वाईन फ्लू को लेकर निगाह बनाए रखेगी। इस टीम में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक बहुउद्देश्यीय कर्मचारी, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्वाईन फ्लू से बचने के लिए स्वाईन फ्लू के रोगी से दूर रहा जाए। रोगी खांसी व जुकाम के समय अपने मुंह पर रूमाल रखे। रोगी के साथ हाथ न मिलाया जाए। और अगर रोगी के साथ हाथ लगता है, तो उसे अच्छी प्रकार से धोया जाए। बुखार, खांसी और सिरदर्द होने पर आवश्य ही अपने आस-पड़ौस के सरकारी अस्पताल से टैस्ट करवाकर इस संदर्भ में राए ली जाए।
इधर डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि स्वाईन फ्लू का रोगी अस्पताल में आया था। उसे स्वाईन फ्लू से संबंधी ट्रीटमेंट दे दिया गया है।
ड्रेन टूटा,खेतों में घुसा पानी
डबवाली (लहू की लौ) यहां से 5 किलोमीटर दूर पंजाब के बठिंडा जिला के साथ लगते गांव डूमवाली के रकबा में पडऩे वाली बरसाती डे्रेन का बांध बुधवार शाम को टूट जाने से पानी नरमा के खेतों में बह गया। जिससे किसानों में हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना पाकर एसडीएम बठिंडा मौका पर पहुंचे।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
खुली हवा में सांस लेंगे हीरा और जग्गा
डबवाली (लहू की लौ) वर्षों से जंजीरों में जकड़े गांव पन्नीवाला रूलदू के गुरदीप और जगवीर को खुली हवा में सांस लेने की उम्मीद आखिर जगी है। अखबारों की खबर के बाद डॉक्टरों की टीम ने जाकर दोनों की हिस्ट्री जानी और अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने बताया कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को गांव पन्नीवाला रूलदू में गुरदीप उर्फ हीरा और जगवीर उर्फ जग्गा को उनके अभिभावकों द्वारा बीमारी के चलते जंजीरों में जकडऩे का पता चला तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर इसकी जांच के लिए डॉ. गुरजीत सिंह सिधू मैडीकल अधिकारी पीएचसी देसूजोधा की डयूटी लगाई। इस पर डॉ. गुरजीत सिंह जगवीर और गुरदीप के घर पहुंचे और उनके अभिभावकों से हिस्ट्री जानी और रिपोर्ट उसकेे समक्ष प्रस्तुत की।
महिपाल के अनुसार जगवीर के भाई हरफूल सिंह ने बताया कि जग्गा 9 वर्ष का था तो वह घर के सदस्यों से अलग ही अपनी दुनिया में रहने लगा तथा इतना आक्रमिक हो गया, उसके सामने जो भी आता उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताये घर से भाग जाता। उसके इलाज के लिए तीन वर्ष सिरसा और दो वर्ष बठिंडा के अस्पतालों में हजारों रूपये उन्होंने खर्च कर डाले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उसकी हरकतों से तंग आकर मां-बाप ने मजबूरन जग्गा को जंजीरों में डाल दिया। यदि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग उसके भाई के इलाज के लिए उनका सहयोग करती है तो वह उसका इलाज करवाने के लिए उसे यहां भी विभाग कहेगा वहां ले जाने को तैयार हैं।
इधर गुरदीप उर्फ हीरा की माता हरबन्स कौर ने चिकित्सक को बताया कि हीरा जब एक वर्ष का था तो अचानक घर में बनी डिग्गी में गिर गया था। 5वीं पास करने के बाद हीरा के दिमाग में पता नहीं क्या आया कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और गुमसुम रहने लगा। कुछ ही दिनों बाद लोगों को मारने के लिए दौडऩे लगा। जिस पर उसे 17 वर्ष की आयु में जंजीरों से बांधना पड़ा, हालांकि वह बीड़ी पीने का शौकीन है, भोजन, चाय आदि मांग लेता है। हरबन्स कौर ने बताया कि उन्होंने जगह-जगह हीरा के इलाज के लिए पैसे पानी की तरह बहाये, अब उनके पास उसके इलाज के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची। अगर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग उसके बेटे को सामान्य करने में उनकी मदद करता है तो वह विभाग के निर्देश अनुसार इलाज करवाने के लिए तैयार हैं।
एसएमओ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने डॉक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमओ सिरसा और उपमंडलाधीश डबवाली को भेज दिया है। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग से हीरा और जग्गा के अभिभावकों ने इलाज की तैयारी के लिए 2 दिन का समय मांगा है। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें पीजीआई रोहतक में भेज दिया जायेगा। इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग हरियाणा वहन करेगा।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने बताया कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को गांव पन्नीवाला रूलदू में गुरदीप उर्फ हीरा और जगवीर उर्फ जग्गा को उनके अभिभावकों द्वारा बीमारी के चलते जंजीरों में जकडऩे का पता चला तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर इसकी जांच के लिए डॉ. गुरजीत सिंह सिधू मैडीकल अधिकारी पीएचसी देसूजोधा की डयूटी लगाई। इस पर डॉ. गुरजीत सिंह जगवीर और गुरदीप के घर पहुंचे और उनके अभिभावकों से हिस्ट्री जानी और रिपोर्ट उसकेे समक्ष प्रस्तुत की।
महिपाल के अनुसार जगवीर के भाई हरफूल सिंह ने बताया कि जग्गा 9 वर्ष का था तो वह घर के सदस्यों से अलग ही अपनी दुनिया में रहने लगा तथा इतना आक्रमिक हो गया, उसके सामने जो भी आता उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताये घर से भाग जाता। उसके इलाज के लिए तीन वर्ष सिरसा और दो वर्ष बठिंडा के अस्पतालों में हजारों रूपये उन्होंने खर्च कर डाले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उसकी हरकतों से तंग आकर मां-बाप ने मजबूरन जग्गा को जंजीरों में डाल दिया। यदि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग उसके भाई के इलाज के लिए उनका सहयोग करती है तो वह उसका इलाज करवाने के लिए उसे यहां भी विभाग कहेगा वहां ले जाने को तैयार हैं।
इधर गुरदीप उर्फ हीरा की माता हरबन्स कौर ने चिकित्सक को बताया कि हीरा जब एक वर्ष का था तो अचानक घर में बनी डिग्गी में गिर गया था। 5वीं पास करने के बाद हीरा के दिमाग में पता नहीं क्या आया कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और गुमसुम रहने लगा। कुछ ही दिनों बाद लोगों को मारने के लिए दौडऩे लगा। जिस पर उसे 17 वर्ष की आयु में जंजीरों से बांधना पड़ा, हालांकि वह बीड़ी पीने का शौकीन है, भोजन, चाय आदि मांग लेता है। हरबन्स कौर ने बताया कि उन्होंने जगह-जगह हीरा के इलाज के लिए पैसे पानी की तरह बहाये, अब उनके पास उसके इलाज के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची। अगर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग उसके बेटे को सामान्य करने में उनकी मदद करता है तो वह विभाग के निर्देश अनुसार इलाज करवाने के लिए तैयार हैं।
एसएमओ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने डॉक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमओ सिरसा और उपमंडलाधीश डबवाली को भेज दिया है। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग से हीरा और जग्गा के अभिभावकों ने इलाज की तैयारी के लिए 2 दिन का समय मांगा है। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें पीजीआई रोहतक में भेज दिया जायेगा। इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग हरियाणा वहन करेगा।
डूमवाली बैरियर पर बवाल
डबवाली (लहू की लौ) डूमवाली बैरियर पर मंगलवार रात को जमकर बवाल मचा। शराब के नशे में धुत्त एक पुलिस कर्मी ने ट्रक चालक पर बंदूक तान दी।
जानकारी अनुसार बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर अक्सर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। जिसके कारण इस मार्ग पर जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मंगलवार रात को एक ट्रक चालक ने अपने ट्रक को सड़क पर रोका और उसके भीतर सो गया। जिसको लेकर ट्रक चालक और आईआरबी के जवान के बीच तूतू-मैंमैं हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि तैश में आए जवान ने ट्रक चालक को पीटना शुरू कर दिया। बचाव में उतरे ट्रक चालकों पर उक्त जवान ने बंदूक तान ली। जिससे मामला और भी बिगड़ गया।
गुजरात से सामान लेकर बठिंडा जा रहे ट्रक चालक कैलाश चन्द्र ने बताया कि वह रात को अपनी गाड़ी पास करवाने के लिए बैरियर पर रूका हुआ था। इसी दौरान एक ट्रक चालक ने मार्ग में ट्रक खड़ा कर दिया था। बैरियर पर मौजूद आईआरबी जवान ने उसे ट्रक साईड में लगाने को कहा। चालक ट्रक को साईड में लगा रहा था, इसी बीच दोनों में गर्मा-सर्दी हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि शराब के नशे में धुत्त जवान ने उसे नीचे उतार लिया और पीटना शुरू कर दिया। डंडों की मार से ट्रक चालक के खून बहने लगा। इंसानियत के नाते उसने ट्रक चालक को छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन शराब के नशे में धुत्त जवान ने उस पर बंदूक तान ली। जवान के साथियों ने बीच-बचाव करके उसे बचाया। जवान ने अपनी वर्दी और उस पर लगी नेम प्लेट तक तोड़ डाली। सेल टैक्स बैरियर के उच्च अधिकारियों के मौका पर पहुंच जाने से उस समय मामला शांत हो गया।
इधर आईआरबी जवान नरिन्द्र पाल ने बताया कि वह रात को डयूटी पर था। एक ट्रक चालक ने मार्ग में ही ट्रक खड़ा कर दिया था। जब वह उसे ट्रक साईड खड़ा करने के लिए कहने गया, तो वह उससे उलझ गया। ट्रक चालक गाली-गलौच पर उतर आया। जब उसने विरोध किया तो वह उससे मारपीट करने लगा। उसने उसकी वर्दी तक फाड़ डाली।
इस संदर्भ में जब टैक्स बैरियर के मंगलवार रात्रि डयूटी के समय इंचार्ज रणधीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास दोनों पक्षों में से किसी की शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी अनुसार बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर अक्सर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। जिसके कारण इस मार्ग पर जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मंगलवार रात को एक ट्रक चालक ने अपने ट्रक को सड़क पर रोका और उसके भीतर सो गया। जिसको लेकर ट्रक चालक और आईआरबी के जवान के बीच तूतू-मैंमैं हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि तैश में आए जवान ने ट्रक चालक को पीटना शुरू कर दिया। बचाव में उतरे ट्रक चालकों पर उक्त जवान ने बंदूक तान ली। जिससे मामला और भी बिगड़ गया।
गुजरात से सामान लेकर बठिंडा जा रहे ट्रक चालक कैलाश चन्द्र ने बताया कि वह रात को अपनी गाड़ी पास करवाने के लिए बैरियर पर रूका हुआ था। इसी दौरान एक ट्रक चालक ने मार्ग में ट्रक खड़ा कर दिया था। बैरियर पर मौजूद आईआरबी जवान ने उसे ट्रक साईड में लगाने को कहा। चालक ट्रक को साईड में लगा रहा था, इसी बीच दोनों में गर्मा-सर्दी हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि शराब के नशे में धुत्त जवान ने उसे नीचे उतार लिया और पीटना शुरू कर दिया। डंडों की मार से ट्रक चालक के खून बहने लगा। इंसानियत के नाते उसने ट्रक चालक को छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन शराब के नशे में धुत्त जवान ने उस पर बंदूक तान ली। जवान के साथियों ने बीच-बचाव करके उसे बचाया। जवान ने अपनी वर्दी और उस पर लगी नेम प्लेट तक तोड़ डाली। सेल टैक्स बैरियर के उच्च अधिकारियों के मौका पर पहुंच जाने से उस समय मामला शांत हो गया।
इधर आईआरबी जवान नरिन्द्र पाल ने बताया कि वह रात को डयूटी पर था। एक ट्रक चालक ने मार्ग में ही ट्रक खड़ा कर दिया था। जब वह उसे ट्रक साईड खड़ा करने के लिए कहने गया, तो वह उससे उलझ गया। ट्रक चालक गाली-गलौच पर उतर आया। जब उसने विरोध किया तो वह उससे मारपीट करने लगा। उसने उसकी वर्दी तक फाड़ डाली।
इस संदर्भ में जब टैक्स बैरियर के मंगलवार रात्रि डयूटी के समय इंचार्ज रणधीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास दोनों पक्षों में से किसी की शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
10 सितंबर 2010
15 सालों से जंजीरों में जगवीर
डबवाली (लहू की लौ) 'तेलू दे मुंडे की लत बड़ी करड़ी है, किन्ना भी मोड़ी जाईए मुडदी ही नहींÓ अपने बेटे के यह शब्द किलकारी बनकर उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू की एक दम्पत्ति के कानों में गूंज रहे हैं। उनका बेटा अब 28 सालों का हो गया है। लेकिन मानसिक रूप से परेशान है। शायद यही कमजोरी उसका कसूर बन गई। जिसके कारण मजबूर दम्पत्ति ने अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में जकड़ दिया।
गांव पन्नीवाला रूलदू में रहने वाले घग्घी सिंह (52) का बेटा जगवीर उर्फ जग्गा पिछले 15 सालों से जंजीरों में जकड़ा घर के एक कोने में बैठा हुआ है। लेकिन जन्म से वह ऐसा नहीं था। गांव के सरकारी स्कूल से कक्षा पहली, दूसरी और फिर तीसरी पास की। लेकिन चौथी कक्षा में कदम रखते ही न जाने जग्गा को क्या हुआ। हंसता-खेलता चेहरा एकदम से मायूस पड़ गया। स्कूल छोड़ दिया, घर के सदस्यों से बात करनी छोड़कर अपनी ही दुनियां में खो गया। बीतता समय उसका जख्म और गहरा करता गया। 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वह इतना आक्रमक हो गया कि जो भी उसके सामने आता वह उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताए वह घर से भाग जाने लगा। उसके मां-बाप उसे दिखाने के लिए कभी तांत्रिक, तो कभी डॉक्टर के पास लेजाते। इसके बावजूद भी उसकी आदतें नहीं बदली। अलबत्ता वह ओर ज्यादा खूंखार हो गया। मासूम चेहरे पर हैवान का चेहरा कैसे लग गया। यह किसी की समझ में नहीं आया। मजबूरन हरकतों से तंग आए मां-बाप ने जग्गा को जंजीरों में डाल दिया।
बकौल घग्घी सिंह (52) वह एक दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे हरफूल (32) तथा जगवीर उर्फ जग्गा (28) हैं। हरफूल विवाहित है। लेकिन जगवीर को वे लोग बांधने को मजबूर हैं। चौथी कक्षा में दाखिल होते ही उसके बेटे को दौरे पडऩे लगे। कई बार उसे शिक्षा प्राप्त करते हुए कक्षा में ही दौरा पड़ा और वे उसे घर ले आए। दौरा पडऩे से पहले वह आक्रमक भी होने लगा। उसे डबवाली, सिरसा, बठिंडा, गंगानगर के चिकित्सकों के पास लेजाया गया। जगवीर के उपचार पर उसने अपनी दो कैनाल भूमि, घर में पुरूखों की दौलत तक लगा डाली। लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वह घर से भागने लगा। जगवीर की हरकतें दिन-ब-दिन बढऩे लगी, वह घर के सदस्यों से भी उलझने लगा। जिसके कारण उसे अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में बांधना पड़ा।
घग्घी सिंह की पत्नी सुखदेव कौर (50) ने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि जगवीर को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तथा उसके दिमाग की नसें भी कमजोर हैं। जगवीर की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वह और अधिक आक्रमक होता जा रहा है। जिसके कारण उसे नशे के इंजेक्शन तथा टेबलेट दी जा रही है।
मजबूर मां-बाप अपने बेटे जगवीर का ईलाज करवाकर थक चुके हैं। लेकिन अब भी उन्हें उनके घर में भगवान रूपी इंसान के पहुंचने की उम्मीद है। उन्हें आशा है कि वह इंसान जल्द आएगा और उसके बेटे के चेहरे की हंसी दोबारा लौटेगी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें आज ही जानकारी मिली है। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी की डयूटी लगा दी गई है। स्वास्थ्य कर्मी की रिपोर्ट के बाद जगवीर का ईलाज करवाया जाएगा।
गांव पन्नीवाला रूलदू में रहने वाले घग्घी सिंह (52) का बेटा जगवीर उर्फ जग्गा पिछले 15 सालों से जंजीरों में जकड़ा घर के एक कोने में बैठा हुआ है। लेकिन जन्म से वह ऐसा नहीं था। गांव के सरकारी स्कूल से कक्षा पहली, दूसरी और फिर तीसरी पास की। लेकिन चौथी कक्षा में कदम रखते ही न जाने जग्गा को क्या हुआ। हंसता-खेलता चेहरा एकदम से मायूस पड़ गया। स्कूल छोड़ दिया, घर के सदस्यों से बात करनी छोड़कर अपनी ही दुनियां में खो गया। बीतता समय उसका जख्म और गहरा करता गया। 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वह इतना आक्रमक हो गया कि जो भी उसके सामने आता वह उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताए वह घर से भाग जाने लगा। उसके मां-बाप उसे दिखाने के लिए कभी तांत्रिक, तो कभी डॉक्टर के पास लेजाते। इसके बावजूद भी उसकी आदतें नहीं बदली। अलबत्ता वह ओर ज्यादा खूंखार हो गया। मासूम चेहरे पर हैवान का चेहरा कैसे लग गया। यह किसी की समझ में नहीं आया। मजबूरन हरकतों से तंग आए मां-बाप ने जग्गा को जंजीरों में डाल दिया।
बकौल घग्घी सिंह (52) वह एक दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे हरफूल (32) तथा जगवीर उर्फ जग्गा (28) हैं। हरफूल विवाहित है। लेकिन जगवीर को वे लोग बांधने को मजबूर हैं। चौथी कक्षा में दाखिल होते ही उसके बेटे को दौरे पडऩे लगे। कई बार उसे शिक्षा प्राप्त करते हुए कक्षा में ही दौरा पड़ा और वे उसे घर ले आए। दौरा पडऩे से पहले वह आक्रमक भी होने लगा। उसे डबवाली, सिरसा, बठिंडा, गंगानगर के चिकित्सकों के पास लेजाया गया। जगवीर के उपचार पर उसने अपनी दो कैनाल भूमि, घर में पुरूखों की दौलत तक लगा डाली। लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वह घर से भागने लगा। जगवीर की हरकतें दिन-ब-दिन बढऩे लगी, वह घर के सदस्यों से भी उलझने लगा। जिसके कारण उसे अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में बांधना पड़ा।
घग्घी सिंह की पत्नी सुखदेव कौर (50) ने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि जगवीर को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तथा उसके दिमाग की नसें भी कमजोर हैं। जगवीर की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वह और अधिक आक्रमक होता जा रहा है। जिसके कारण उसे नशे के इंजेक्शन तथा टेबलेट दी जा रही है।
मजबूर मां-बाप अपने बेटे जगवीर का ईलाज करवाकर थक चुके हैं। लेकिन अब भी उन्हें उनके घर में भगवान रूपी इंसान के पहुंचने की उम्मीद है। उन्हें आशा है कि वह इंसान जल्द आएगा और उसके बेटे के चेहरे की हंसी दोबारा लौटेगी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें आज ही जानकारी मिली है। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी की डयूटी लगा दी गई है। स्वास्थ्य कर्मी की रिपोर्ट के बाद जगवीर का ईलाज करवाया जाएगा।
गुरदीप 'हीराÓ को इंसाफ मिलने की उम्मीद
डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला रूलदू का हीरा क्या एक बार फिर खुली हवा में सांस ले सकेगा? इस प्रश्न का उत्तर तो प्रशासन के आला अधिकारी ही दे सकते हैं। लेकिन सबकुछ मालूम होते हुए भी वे अनजान बने हुए हैं। लेकिन हीरा इंसाफ मिलने की उम्मीद लिए हुए जी रहा है।
उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू का गुरदीप 'हीराÓ पिछले 18 वर्षों से जंजीरों में बंधा है। हीरा को जो बीमारी है उसे साईंस के विशेषज्ञ लाईलाज नहीं मानते हैं। इलाज के बाद हीरा आजाद पंछी की तरह खुली हवा में अपने पंख फैलाकर उड़ सकता है। लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब प्रशासन उसके प्रति संजीदा हो और उसका उपचार करवाए। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि प्रशासन ने आज तक हीरा की ओर कदम नहीं बढ़ाया है। यहां बता दें कि गुरदीप उर्फ हीरा भाइयों में से सबसे छोटा है। उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है। बाल्यकाल से ही हीरा किसी से कुछ नहीं कहता था। स्कूल से वापिस घर आने के बाद वह गुमसुम सा घर के एक कोने में बैठा रहता। जैसे-तैसे उसने गांव के सरकारी स्कूल से पांचवी पास की। लेकिन 6वीं में प्रवेश पाते ही उसने स्कूल जाना छोड़ दिया। जवानी में पांव रखते ही उसे न जाने क्या हुआ वह घर के सदस्यों से बदसलूकी करने लगा। इसी दौरान हीरा के पिता कौर सिंह की हृदय घात से मौत हो गई। वे सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद हीरा और तनाव में रहने लगा। वह परिवार के सदस्यों से मारपीट भी करने लगा। बिना बताए वह घर से दूर जाने लगा। सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य उसे ढूंढकर घर वापिस लाते। हीरा का चैकअप सिरसा और बठिंडा के डॉक्टरों को भी करवाया। डॉक्टरों की सलाह थी कि हीरा मानसिक रूप से बीमार है। उसे घर में ही रखें।
30 अगस्त को इस मामले में एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि हीरा की पूरी मदद की जाएगी। जिला सिरसा में कोई भी मनोरोग चिकित्सक नहीं है। इसके चलते हीरा को रोहतक में भेजा जाएगा। अस्पताल की ओर से रोहतक लेजाने के लिए उसे एम्बूलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू का गुरदीप 'हीराÓ पिछले 18 वर्षों से जंजीरों में बंधा है। हीरा को जो बीमारी है उसे साईंस के विशेषज्ञ लाईलाज नहीं मानते हैं। इलाज के बाद हीरा आजाद पंछी की तरह खुली हवा में अपने पंख फैलाकर उड़ सकता है। लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब प्रशासन उसके प्रति संजीदा हो और उसका उपचार करवाए। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि प्रशासन ने आज तक हीरा की ओर कदम नहीं बढ़ाया है। यहां बता दें कि गुरदीप उर्फ हीरा भाइयों में से सबसे छोटा है। उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है। बाल्यकाल से ही हीरा किसी से कुछ नहीं कहता था। स्कूल से वापिस घर आने के बाद वह गुमसुम सा घर के एक कोने में बैठा रहता। जैसे-तैसे उसने गांव के सरकारी स्कूल से पांचवी पास की। लेकिन 6वीं में प्रवेश पाते ही उसने स्कूल जाना छोड़ दिया। जवानी में पांव रखते ही उसे न जाने क्या हुआ वह घर के सदस्यों से बदसलूकी करने लगा। इसी दौरान हीरा के पिता कौर सिंह की हृदय घात से मौत हो गई। वे सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद हीरा और तनाव में रहने लगा। वह परिवार के सदस्यों से मारपीट भी करने लगा। बिना बताए वह घर से दूर जाने लगा। सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य उसे ढूंढकर घर वापिस लाते। हीरा का चैकअप सिरसा और बठिंडा के डॉक्टरों को भी करवाया। डॉक्टरों की सलाह थी कि हीरा मानसिक रूप से बीमार है। उसे घर में ही रखें।
30 अगस्त को इस मामले में एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि हीरा की पूरी मदद की जाएगी। जिला सिरसा में कोई भी मनोरोग चिकित्सक नहीं है। इसके चलते हीरा को रोहतक में भेजा जाएगा। अस्पताल की ओर से रोहतक लेजाने के लिए उसे एम्बूलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी।
09 सितंबर 2010
मलेरिया के खिलाफ उठ खड़ा हुआ पंजाब स्वास्थ्य विभाग
डबवाली (लहू की लौ) स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने लम्बी हल्के में मलेरिया से लडऩे के लिए कमर कस ली है। गांव सिंघेवाला में मलेरिया से एक युवती की मौत के बाद विभाग ने गांव के लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए दो टीमों का गठन किया है।
एसएमओ लम्बी डॉ. अजमेर सिंह धालीवाल ने स्वीकार किया कि लम्बी हल्के में मलेरिया अपने पांव पसार रहा है। उनके अनुसार अगस्त माह से लेकर अब तक इस हल्के में लगभग 1650 बीमार लोगों की सलाईडें तैयार की गईं, जिनमें से तीन केस पॉजीटिव पाये गये। उनके अनुसार लालबाई में बलजिन्द्र सिंह पुत्र कौर सिंह, अबुलखुराना में जसकरण सिंह पुत्र बलवीर सिंह, किलियांवाली में चमकौर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह मलेरिया का शिकार पाया गया और उन्हें मौका पर ही इसकी चिकित्सा भी उपलब्ध करवा दी गई।
लेकिन हाल में गांव सिंघेवाला में लक्ष्मी (17) पुत्री जसवन्त सिंह की मलेरिया से मौत की खबर विभाग को मिली है। तभी से विभाग ने इस गांव में मलेरिया पर सर्वे करवाने का निर्णय लेते हुए इसके लिए हैल्थ वर्करों पर आधारित दो टीमें गठित की हैं। इन टीमों को दो या तीन दिन के भीतर गांव सिंघेवाला तथा इसी गांव के स्कूल के बच्चों पर सर्वे करके इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये गये हैं।
धालीवाल के अनुसार यह टीमें 8 और 9 सितम्बर को गांव और स्कूल में जाकर बुखार से प्रभावित लोगों की सलाईडें बनायेंगी। सलाईडों की जांच के बाद जो भी मलेरिया से प्रभावित पाया जायेगा उनका इलाज भी सरकारी खर्चे पर करवाया जायेगा।
एसएमओ लम्बी डॉ. अजमेर सिंह धालीवाल ने स्वीकार किया कि लम्बी हल्के में मलेरिया अपने पांव पसार रहा है। उनके अनुसार अगस्त माह से लेकर अब तक इस हल्के में लगभग 1650 बीमार लोगों की सलाईडें तैयार की गईं, जिनमें से तीन केस पॉजीटिव पाये गये। उनके अनुसार लालबाई में बलजिन्द्र सिंह पुत्र कौर सिंह, अबुलखुराना में जसकरण सिंह पुत्र बलवीर सिंह, किलियांवाली में चमकौर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह मलेरिया का शिकार पाया गया और उन्हें मौका पर ही इसकी चिकित्सा भी उपलब्ध करवा दी गई।
लेकिन हाल में गांव सिंघेवाला में लक्ष्मी (17) पुत्री जसवन्त सिंह की मलेरिया से मौत की खबर विभाग को मिली है। तभी से विभाग ने इस गांव में मलेरिया पर सर्वे करवाने का निर्णय लेते हुए इसके लिए हैल्थ वर्करों पर आधारित दो टीमें गठित की हैं। इन टीमों को दो या तीन दिन के भीतर गांव सिंघेवाला तथा इसी गांव के स्कूल के बच्चों पर सर्वे करके इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये गये हैं।
धालीवाल के अनुसार यह टीमें 8 और 9 सितम्बर को गांव और स्कूल में जाकर बुखार से प्रभावित लोगों की सलाईडें बनायेंगी। सलाईडों की जांच के बाद जो भी मलेरिया से प्रभावित पाया जायेगा उनका इलाज भी सरकारी खर्चे पर करवाया जायेगा।
ट्रक ने युवक सहित दो कुचले
गांव चौटाला स्थित टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात करीब 1 बजे घटित हुआ हादसा
डबवाली (लहू की लौ) चौटाला के सेल्ज टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात को करीब एक बजे एक अज्ञात ट्रक दो जनों को कुचल कर फरार हो गया। घायलों की कुछ समय बाद मौत हो गई।
चौटाला टैक्स बैरियर पर कार्यरत इंस्पेक्टर बलराज सिंह ने बताया कि रात को वह डयूटी पर था। रात के करीब एक बजे डबवाली साईड से तेजगति से आया ट्रक बैरियर पर पहले खड़े सीमेंट के भरे ट्रक से जा टकराया। इसके बाद जब ट्रक चालक ट्रक को भगाने लगा तो बैरियर पर तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मी सोहन लाल (36) पुत्र साहब राम निवासी कर्मगढ़ जिला सिरसा अपने साथियों के साथ ट्रक को रोकने लिए इसके नजदीक पहुंचा तो ट्रक चालक ने साईड मार कर सोहन लाल को घायल कर दिया।
इंंस्पेक्टर के अनुसार तेजगति से दौड़ता यह ट्रक वहीं पर स्थित कीकर से जा टकराया और ट्रक की पाईपें कीकर में धंस गईं। ट्रक चालक इसके बावजूद ट्रक को कीकर से निकाल कर संगरिया की ओर फरार हो गया। जाते-जाते बैरियर के नजदीक ही यह ट्रक एक अन्य युवक को रौंद गया। बलराज सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में सोहन लाल को सिरसा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना सदर के अन्तर्गत आने वाली चौटाला चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बलराज सिंह के ब्यान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चला कर दो व्यक्तियों को कुचलने के आरोप में धारा 279/304ए/427 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके ट्रक चालक की तालाश शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि बैरियर के पास मृत मिले युवक की पहचान नहीं हो पायी है।
डबवाली (लहू की लौ) चौटाला के सेल्ज टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात को करीब एक बजे एक अज्ञात ट्रक दो जनों को कुचल कर फरार हो गया। घायलों की कुछ समय बाद मौत हो गई।
चौटाला टैक्स बैरियर पर कार्यरत इंस्पेक्टर बलराज सिंह ने बताया कि रात को वह डयूटी पर था। रात के करीब एक बजे डबवाली साईड से तेजगति से आया ट्रक बैरियर पर पहले खड़े सीमेंट के भरे ट्रक से जा टकराया। इसके बाद जब ट्रक चालक ट्रक को भगाने लगा तो बैरियर पर तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मी सोहन लाल (36) पुत्र साहब राम निवासी कर्मगढ़ जिला सिरसा अपने साथियों के साथ ट्रक को रोकने लिए इसके नजदीक पहुंचा तो ट्रक चालक ने साईड मार कर सोहन लाल को घायल कर दिया।
इंंस्पेक्टर के अनुसार तेजगति से दौड़ता यह ट्रक वहीं पर स्थित कीकर से जा टकराया और ट्रक की पाईपें कीकर में धंस गईं। ट्रक चालक इसके बावजूद ट्रक को कीकर से निकाल कर संगरिया की ओर फरार हो गया। जाते-जाते बैरियर के नजदीक ही यह ट्रक एक अन्य युवक को रौंद गया। बलराज सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में सोहन लाल को सिरसा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना सदर के अन्तर्गत आने वाली चौटाला चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बलराज सिंह के ब्यान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चला कर दो व्यक्तियों को कुचलने के आरोप में धारा 279/304ए/427 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके ट्रक चालक की तालाश शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि बैरियर के पास मृत मिले युवक की पहचान नहीं हो पायी है।
जोरदार होगा क्वींस बैटन का स्वागत
डबवाली (लहू की लौ) आगामी 26 सितम्बर को डबवाली में प्रवेश करने पर क्वींस बैटन रिले का जोरदार स्वागत किया जाएगा। स्वागत के लिए उपमंडल स्तर पर एक दर्जन से भी अधिक कमेटियों का गठन किया है। यह जानकारी डबवाली के उपमंडल अधिकारी (ना.) मुनीश नागपाल ने विभिन्न कमेटियों में शामिल सभी अधिकारियों की बैठक में दी। उन्होंने कहा कि क्वींस बैटन रिले के स्वागत के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेवारियों सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि क्वींस बैटन के आगमन पर सुरक्षा व यातायात के नियंत्रण की जिम्मेवारी उपपुलिस अधीक्षक, डबवाली तथा सचिव परिवहन प्राधिकरण अधिकारी, सिरसा को सौंपी गई है। इसी प्रकार से वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी, डबवाली सहित एक मैडीकल टीम द्वारा एंबुलेस आदि की व्यवस्था की जिम्मेवारी सांैपी गई है। इसके साथ-साथ मार्केट कमेटी के सचिव व फायर ब्रिगेड ऑफिसर मार्केट कमेटी डबवाली की भी फायर टैंडर संबंधी जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई है। नागपाल ने बताया कि सफाई आदि की व्यवस्था सुचारु रखने संबंधी जिम्मेवारी सचिव नगरपालिका, डबवाली, गांवों मेंसफाई आदि की व्यवस्था के लिए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, पीने के पानी व्यवस्था की जिम्मेवारी खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, डबवाली, सचिव मार्केट कमेटी डबवाली तथा एसएमओ डबवाली को सौंपी गई है। इसके साथ-साथ शहर में सड़कों आदि की मरम्मत संबंधी जिम्मेवारी व लोक निर्माण विश्राम गृह को सुज्जित करने का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग के उपमंडल अभियंता सिरसा को सौंपा गया है। उन्होंने आगे बताया कि रिले के दौरान आने वाले सभी खिलाडिय़ों के ठहरने व अन्य सुविधाओं के लिए जिला खेल अधिकारी अपने स्तर पर स्वयं प्रबंध करेंगे। रिले के दौरान क्रेन आदि की व्यवस्था के लिए यातायात प्रबंधक हरियाणा राज्य परिवहन डबवाली को जिम्मेवारी सौंपी गई है। बिजली आपूर्ति के लिए कार्यकारी अभियंता दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, रैली के मार्ग में पडऩे वाले गांवों में पंचायतों के माध्यम से स्वागत गेट लगवाने का कार्य सचिव नगरपालिका, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली व उपमंडल जन स्वास्थ्य अधिकारी, डबवाली का होगा। इसके अतिरिक्त दोपहर के खाने की व्यवस्था जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी व सहायक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की देखरेख में होगी। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डबवाली भोजन की शुद्वता की जांच करेंगे। जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी द्वारा सेना बैंड भी सुनिश्चित किया जाएगा। रिले के मार्ग में पडऩे वाले टेढे मेढ़े वृक्षों आदि की ठीक प्रकार से काट छांट का कार्य वन राजिक अधिकारी डबवाली द्वारा किया जाएगा।
बिज्जूवाली-बनवाला मार्ग किया जाम
बनवाला (जसवंत जाखड़) विद्यार्थियों ने बस सुविधा की मांग को लेकर गांव बिज्जूवाली-बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। यह जाम दो घंटे तक लगा रहा।
गांव रिसालियाखेड़ा, औढां तथा कालांवाली में पढऩे के लिए जाने वाले गांव बिज्जूवाली के विद्यार्थियों ने बस सुविधा का अभाव होने का आरोप लगाते हुए सुबह 8 बजे अचानक गांव के बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। जोकि दो घंटे तक चला। विद्यार्थी अनु, सतपाल, पवन, राजेन्द्र, मोहन लाल, हेमराज, मनीराम और पवन कुमार ने बताया कि कालूआना-कालांवाली मार्ग पर सुबह केवल एक प्राईवेट बस चलती है और उसमें विद्यार्थी पूरे नहीं आते। विद्यार्थियों की संख्या उस समय ज्यादा होने के कारण अक्सर प्राईवेट बस चालक भी बस का यह समय मिस कर देते हैं। जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी होती है और लेट होने पर अध्यापक भी उन्हें विद्यालय में प्रवेश नहीं देते।
उनकी मांग है कि सरकार उनके लिए इस रूट पर रोड़वेज की बस चलाये और विद्याािर्थयों को समय पर पहुंचाने का दायित्व संभाले। जाम की सूचना पाकर गांव के सरपंच राजाराम, पंच देवपाल, राजपाल, दिनेश कुमार, रामपाल भी मौका पर पहुंच गये। इधर गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई रमेश कुमार अपने दलबल के साथ पहुंचे। उनके समझाने बुझाने और उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने व प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत करके इस समस्या का समधान निकलवाने का आश्वासन देने पर ही छात्र शांत हुए। दो घंटे का बाद जाम खुल सका।
इस संबंध में एसआई रमेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों की मांग जायज है और उन्हें पूरा करवाने के लिए प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत की जायेगी। बस मालिक को इसके लिए थाना में बुलाया गया है।
गांव रिसालियाखेड़ा, औढां तथा कालांवाली में पढऩे के लिए जाने वाले गांव बिज्जूवाली के विद्यार्थियों ने बस सुविधा का अभाव होने का आरोप लगाते हुए सुबह 8 बजे अचानक गांव के बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। जोकि दो घंटे तक चला। विद्यार्थी अनु, सतपाल, पवन, राजेन्द्र, मोहन लाल, हेमराज, मनीराम और पवन कुमार ने बताया कि कालूआना-कालांवाली मार्ग पर सुबह केवल एक प्राईवेट बस चलती है और उसमें विद्यार्थी पूरे नहीं आते। विद्यार्थियों की संख्या उस समय ज्यादा होने के कारण अक्सर प्राईवेट बस चालक भी बस का यह समय मिस कर देते हैं। जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी होती है और लेट होने पर अध्यापक भी उन्हें विद्यालय में प्रवेश नहीं देते।
उनकी मांग है कि सरकार उनके लिए इस रूट पर रोड़वेज की बस चलाये और विद्याािर्थयों को समय पर पहुंचाने का दायित्व संभाले। जाम की सूचना पाकर गांव के सरपंच राजाराम, पंच देवपाल, राजपाल, दिनेश कुमार, रामपाल भी मौका पर पहुंच गये। इधर गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई रमेश कुमार अपने दलबल के साथ पहुंचे। उनके समझाने बुझाने और उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने व प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत करके इस समस्या का समधान निकलवाने का आश्वासन देने पर ही छात्र शांत हुए। दो घंटे का बाद जाम खुल सका।
इस संबंध में एसआई रमेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों की मांग जायज है और उन्हें पूरा करवाने के लिए प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत की जायेगी। बस मालिक को इसके लिए थाना में बुलाया गया है।
06 सितंबर 2010
बिजली आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों ने लगाया जाम
सिरसा। जिला के गांव पनिहारी के खेतों में घर बनाकर रह रहे लोगों ने बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग अवरूद्ध कर दिया जिससे वाहनों की लम्बी कतार लग गई और लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
ग्रामीण निर्मल सिंह,हुक्मचंद, मक्खन, गुरबचन, जंडीराम, गोपीराम, गुरमीत सिंह,कशमीर सिंह,गुरचरण सिंह,पाल सिंह,वजीर सिंह,भाला सिंह सहित काफी किसान आज प्रात:सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग पर आ डटे और जाम लगा दिया। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी करीब आधा सैंकड़ा ढाणियों को रात्री के समय बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही जिससे मच्छर परेशान करते हैं। मच्छरों के काट खाने से मलेरिया व अन्य बिमारियां पनप रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम की सूचना मिलने पर बिजली निगम के एस डी ओ ओ.पी. बिश्रोई,सदर थाना से ए.एस.आई. सतबीर सिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद गांव पनिहारी के सरपंच मनविन्द्र सिंह द्वारा समझाने के बाद बिजली निगम के अध्किारियों द्वारा रात्री 7 से सुबह 4 बजे तक दो फेज बिजली आपूर्ति के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने जाम खोला।
ग्रामीण निर्मल सिंह,हुक्मचंद, मक्खन, गुरबचन, जंडीराम, गोपीराम, गुरमीत सिंह,कशमीर सिंह,गुरचरण सिंह,पाल सिंह,वजीर सिंह,भाला सिंह सहित काफी किसान आज प्रात:सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग पर आ डटे और जाम लगा दिया। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी करीब आधा सैंकड़ा ढाणियों को रात्री के समय बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही जिससे मच्छर परेशान करते हैं। मच्छरों के काट खाने से मलेरिया व अन्य बिमारियां पनप रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम की सूचना मिलने पर बिजली निगम के एस डी ओ ओ.पी. बिश्रोई,सदर थाना से ए.एस.आई. सतबीर सिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद गांव पनिहारी के सरपंच मनविन्द्र सिंह द्वारा समझाने के बाद बिजली निगम के अध्किारियों द्वारा रात्री 7 से सुबह 4 बजे तक दो फेज बिजली आपूर्ति के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने जाम खोला।
भूमि अधिग्रहण मामले में गोरखपुर के किसान भूख हड़ताल पर बैठे
सिरसा। परमाणु सयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पिछली 20 अगस्त से धरने पर बैठे गोरखपुर के किसानो ने अपना विरोध अब और तेज कर दिया है। किसानों ने आज से फतेहाबाद लघुसचिवालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने बताया कि सरकार उनकी मांग पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। आज की भूख हड़ताल में संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज सिवाच, बलराज शर्मा, इंद्र सिवाच, शमशेर सिंह श्योकंद, रिसाल सिंह सिवाच शामिल हुए। हर रोज पांच किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
मंत्री के चालक ने किया रेप
नई दिल्ली। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री के चालक द्वारा एक युवती से दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का अभियोग दर्ज किया है। युवती को चिकित्सकीय जांच के लिए सफदरगंज अस्पताल में ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा की भांजी गुडग़ांव स्थित एमएलए फ्लैट्स सैक्टर नं. 28, मकान नं. 405 में रह रही है। उसके घर सिलीगुड़ी निवासी रिचा (काल्पनिक नाम)कार्यरत है। विगत 26 अगस्त को मंत्री की भांजी ने किसी कार्यवश बाहर जाना था। रिचा को उसने उसकी सहेली वसंत विहार में रहने वाली खुशी के घर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक अगले ही दिन मंत्री का चालक सुनील लालबत्ती लगी टक्शन गाड़ी लेकर खुशी के घर जा पहुंचा। सुनील ने रिचा को यह कहकर गाड़ी में बैठा लिया कि मैडम लौट आई हैं। रिचा सुनील के साथ गाड़ी में सवार होकर घर पहुंची। यहां सुनील ने रिचा के साथ बलात्कार किया। रिचा किसी को इस बारे में न बताए उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अगले दिन रिचा ने सारा वाक्या मंत्री की भांजी को बताया। उसने भी मामले पर लीपापोती करनी चाही। मानसिक रूप से पीडि़त रिचा को पुन: उसकी सहेली खुशी के घर भेज दिया। सूत्रों के अनुसार रिचा को ब्लीडिंग शुरू हो गई। खुशी रिचा को लेकर अस्पताल पहुंची, यहां चिकित्सकों ने रिचा से बलात्कार होने की बात कही। खुशी ने सुनील को फोन कर धमकाया। तैश में आए सुनील ने कल अपने साथियों गौतम, संजू व अमरजीत को खुशी के घर उसी टक्शन गाड़ी में भेजा। यहां उक्त तीनों ने रिचा व खुशी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह खुशी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और टक्शन गाड़ी व उक्त तीनों आरोपियों को मौके पर ही धरदबोचा। फिलहाल खुशी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उक्त तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। रिचा से हुए दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस को सूचित कर दिया है। रिचा की चिकित्सकीय जांच के लिए उसे सफदरगंज दिल्ली अस्पताल ले जाया गया। जब इस सम्बंध में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुनील नामक युवक उनका चालक नहीं है। जो गाड़ी पुलिस द्वारा काबू की गई है वह उनकी नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों की है।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा की भांजी गुडग़ांव स्थित एमएलए फ्लैट्स सैक्टर नं. 28, मकान नं. 405 में रह रही है। उसके घर सिलीगुड़ी निवासी रिचा (काल्पनिक नाम)कार्यरत है। विगत 26 अगस्त को मंत्री की भांजी ने किसी कार्यवश बाहर जाना था। रिचा को उसने उसकी सहेली वसंत विहार में रहने वाली खुशी के घर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक अगले ही दिन मंत्री का चालक सुनील लालबत्ती लगी टक्शन गाड़ी लेकर खुशी के घर जा पहुंचा। सुनील ने रिचा को यह कहकर गाड़ी में बैठा लिया कि मैडम लौट आई हैं। रिचा सुनील के साथ गाड़ी में सवार होकर घर पहुंची। यहां सुनील ने रिचा के साथ बलात्कार किया। रिचा किसी को इस बारे में न बताए उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अगले दिन रिचा ने सारा वाक्या मंत्री की भांजी को बताया। उसने भी मामले पर लीपापोती करनी चाही। मानसिक रूप से पीडि़त रिचा को पुन: उसकी सहेली खुशी के घर भेज दिया। सूत्रों के अनुसार रिचा को ब्लीडिंग शुरू हो गई। खुशी रिचा को लेकर अस्पताल पहुंची, यहां चिकित्सकों ने रिचा से बलात्कार होने की बात कही। खुशी ने सुनील को फोन कर धमकाया। तैश में आए सुनील ने कल अपने साथियों गौतम, संजू व अमरजीत को खुशी के घर उसी टक्शन गाड़ी में भेजा। यहां उक्त तीनों ने रिचा व खुशी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह खुशी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और टक्शन गाड़ी व उक्त तीनों आरोपियों को मौके पर ही धरदबोचा। फिलहाल खुशी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उक्त तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। रिचा से हुए दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस को सूचित कर दिया है। रिचा की चिकित्सकीय जांच के लिए उसे सफदरगंज दिल्ली अस्पताल ले जाया गया। जब इस सम्बंध में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुनील नामक युवक उनका चालक नहीं है। जो गाड़ी पुलिस द्वारा काबू की गई है वह उनकी नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों की है।
400 फीडरों का होगा रख-रखाव
चण्डीगढ़। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा अपने क्षेत्र में शुरू किए गए बिजली आपूर्ति प्रणाली रख्र-रखाव पखवाड़ा के दौरान 11 के.वी. स्तर के 400 फ ीडरों का रख्र-रखाव किया जाएगा। निगम द्वारा शुरू किया गया रख्र-रखाव पखवाड़ा 20 सितम्बर तक जारी रहेगा।
निगम के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान निगम के ऑप्रेशन विंग के कर्मचारियों ने इन फ ीडरों पर रख-रखाव का कौन सा काम कहां किया जाना है कि पहचान कर ली है। इससे पूर्व पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण कर ऐसे 400 फ ीडरों की पहचान की गई थी, जिन पर रख्र-रखाव के कार्य की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत है।
प्रवक्ता ने बताया कि रखरखाव कार्यों में लाईनों के पास की वृक्षों की टहनियां काटना, ढीले तारों को खिंचना, जम्फ र सही करना, 11 के.वी. जम्फ र की मेल- फि मेल का उचित मिलान, जी.ओ.स्विचों की कार्यप्रणाली ठीक करना, कम से कम पहले एच पोल की अर्थिग प्रणाली ठीक करना, असुरक्षित क्षेत्रों में सही गार्डिगं, स्टे वायर को कसना व एग इन्सूलेटर आदि को चैक करने का कार्य शामिल होगा।
उन्होंने बताया कि पाक्षिक रख-रखाव के अलावा गत मई मास में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत अभी तक 11 के.वी. स्तर के 428 फ ीडरों का रख-रखाव कर लिया गया है। इस अभियान के तहत 11 के.वी. स्तर के सभी 2628 फ ीडरों का समयबद्ध रख-रखाव किया जाएगा ताकि तूफ ानी व प्रतिकूल मौसम में भी बाधा रहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा कम बाधाओं वाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ तकनीकी घाटा भी कम से कम हो। इस अभियान के तहत फ ीडर का सब-स्टेशन से लेकर बिजली वितरक ट्रांसफ ार्मर तक पूरी प्रणाली का रख-रखाव किया जा रहा है व तारों की जमीन से उचित दूरी सुनिश्चित करने के लिए उनको खींचा जा रहा है।
निगम के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान निगम के ऑप्रेशन विंग के कर्मचारियों ने इन फ ीडरों पर रख-रखाव का कौन सा काम कहां किया जाना है कि पहचान कर ली है। इससे पूर्व पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण कर ऐसे 400 फ ीडरों की पहचान की गई थी, जिन पर रख्र-रखाव के कार्य की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत है।
प्रवक्ता ने बताया कि रखरखाव कार्यों में लाईनों के पास की वृक्षों की टहनियां काटना, ढीले तारों को खिंचना, जम्फ र सही करना, 11 के.वी. जम्फ र की मेल- फि मेल का उचित मिलान, जी.ओ.स्विचों की कार्यप्रणाली ठीक करना, कम से कम पहले एच पोल की अर्थिग प्रणाली ठीक करना, असुरक्षित क्षेत्रों में सही गार्डिगं, स्टे वायर को कसना व एग इन्सूलेटर आदि को चैक करने का कार्य शामिल होगा।
उन्होंने बताया कि पाक्षिक रख-रखाव के अलावा गत मई मास में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत अभी तक 11 के.वी. स्तर के 428 फ ीडरों का रख-रखाव कर लिया गया है। इस अभियान के तहत 11 के.वी. स्तर के सभी 2628 फ ीडरों का समयबद्ध रख-रखाव किया जाएगा ताकि तूफ ानी व प्रतिकूल मौसम में भी बाधा रहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा कम बाधाओं वाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ तकनीकी घाटा भी कम से कम हो। इस अभियान के तहत फ ीडर का सब-स्टेशन से लेकर बिजली वितरक ट्रांसफ ार्मर तक पूरी प्रणाली का रख-रखाव किया जा रहा है व तारों की जमीन से उचित दूरी सुनिश्चित करने के लिए उनको खींचा जा रहा है।
मुआवजा राशि में वृद्धि की घोषणा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज हरियाणा विधानसभा में बाढ़ से नलकूपों और फसलों को हुए नुकसान के लिये दिये जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्घि करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नलकूपों की क्षतिपूर्ति के लिये 5000 रुपये की बजाय 7500 रुपये की राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने फसली मुआवजे में भी प्रति एकड़ 500 रुपये की वृद्घि करने की घोषणा की। जिन किसानों की फसलों में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई हैं, उन्हें 5000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 5500 रुपये प्रति एकड़, जिनकी फसलों में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच क्षति हुई हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 4500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जायेगा और जिन किसानों की फसलों को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 3500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों को लगभग 11.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
इससे पूर्व संसदीय मामले मंत्री श्री रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुए जिला अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, सिरसा, यमुनानगर एवं फतेहाबाद में करवाई गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए 111.09 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अतिरिक्त, सरकार ने जिन किसानों के बाढ़ प्रभावित खेतों में दोबारा बिजाई नहीं हो सकी है, उनके बिजली के बिलों की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया है और इन जिलों में क्षतिग्रस्त नलकूपों के लिए राहत देने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों की भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और खेतों की दोबारा बिजाई नहीं की जा सकी है, उनके बिजली के बिजलों की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अवधि के दौरान किसानों के पम्प सैट पानी में डूबे रहे, चाहे नलकूल खराब हुआ या नहीं, के लिए मुआवजे की राशि न्यूनतम मासिक चार्ज 200 रुपये प्रति बीएचपी वार्षिक के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण जिला फतेहाबाद में 66613 एकड़, सिरसा में 33171 एकड़, कुरूक्षेत्र में 53813 एकड़,अम्बाला में 16436 एकड़, कैथल में 54708 और यमुनानगर में 1434 एकड़ क्षेत्र में फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में किसानों को 32.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला सिरसा में 16.53 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कुरूक्षेत्र में 26.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला अम्बाला में 7.89 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कैथल में 27.15 करोड़ रुपये से अधिक और जिला यमुनानगर में 58.48 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में 3044 नलकूप भी क्षतिग्रस्त हुए है और इसके लिए राहत देने का मामला सरकार के विचाराधीन है। इसी प्रकार, जिला यमुनानगर में क्षतिग्रस्त मकानों के लिए लगभग 47.87 लाख रुपये और जिला अम्बाला में 35.65 लाख रुपये वितरित किए गए हैं,जबकि उपायुक्त सिरसा को 2.91 करोड़ रुपये की राशि मकानों की क्षति के लिए राहत देने के लिए दी गई है। अन्य जिलों में पानी देर से उतरने के कारण सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका है और इन क्षेत्रों को भी शीघ्र ही राहत दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2010 में बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 208.22 करोड़ रुपये के लघु अवधि के ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में बदला जाएगा। इसी प्रकार, बिजली विभाग द्वारा बाढ़ में क्षतिग्रस्त 1476 खम्बे एवं 400 एसपी मीटर बदले गए और 301 वितरण ट्रांसफार्मों की मरम्मत की गई।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसलवार प्रभावित रकबा पहचाना गया और किसानों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल लेने बारे शिक्षित किया गया। उन्हें धान की पौध उपलब्ध होने पर क्षतिग्रस्त रकबे में धान की रोपाई दोबारा करने और खेत खाली रहने पर अगस्त मास के अन्त में तोरिया जैसी अन्य फसलें लेने का परामर्श दिया गया। किसानों को धान बासमती, मूंग और उड़द के प्रमाणित बीज 75 प्रतिशत सबसिडी और शंकर मक्की के बीच 90 प्रतिशत सबसिडी पर दिए गए। इसके अतिरिक्त, किसानों को शंकर बाजरा, तोरिया व बाजरे की बीज मिनी किटस के रूप में मुफ्त दिए गए। इसके अतिरिक्त, फसलों की दोबारा बिजाई के कारण खरीफ 2010 के लिए मांग पूर्ण करने हेतू यूरिया खाद के ऐलोकेशन 8.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की ऐलोकेशन 3.20 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.60 लाख मीट्रिक टन की गई।
उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010 में बाढ़ कार्यों पर 106.60 करोड़़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने 522.18 करोड़ रुपये लागत की बाढ़ नियंत्रण की 149 स्कीमें मंजूर की है, जिनमें से 72 नई और 77 पुरानी चल रही योजनाएं हैं। इनमें से 63 स्कीमें पहले ही पूरी हो चुकी है और 37 पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों, डे्रनों एव नदियों को पानी की सुरक्षित निकासी के लिए साफ रखा जाएगा और पंजाब व हरियाणा के साथ अन्तर्राजीय मामलें सुलझाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदेश में 1778 किलोमीटर लम्बी एक हज़ार सड़कें पानी में डूब गई थी, जिसके कारण अधिकतम सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 480 ऐसी सड़कें ,जिन पर यातायात बंद कर दिया गया था, में से 451 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं और शेष को पुन: बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पुलों को भी भारी नुकसान हुआ जिससे कुछ सड़कों एवं पुलों पर यातायात निलम्बित रहा। इन पुलों पर यातायात बहाल करने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों से की गई। विभाग द्वारा रा वाटर स्टोरेज टैंकों व क्लीयर वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई व डी-सील्ट किया गया। नलकूप चलाने के लिए डीजल जनरेटर सैट किराए पर लिए गए । इसके अतिरिक्त, पानी जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सुपर क्लोरिनेशन किया गया।
उन्होंने कहा कि जिला अम्बाला में 65, कुरूक्षेत्र में 143, कैथल में 77, फतेहाबाद में 88 और सिरसा में 50 चिकित्सीय तथा अर्ध-चिकित्सीय स्टाफ टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पानी के सैंपल लिए गए तथा सभी स्तरों पर दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके अतिरिक्त, पशु सुरक्षा के उपाए भी किए गए।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नलकूपों की क्षतिपूर्ति के लिये 5000 रुपये की बजाय 7500 रुपये की राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने फसली मुआवजे में भी प्रति एकड़ 500 रुपये की वृद्घि करने की घोषणा की। जिन किसानों की फसलों में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई हैं, उन्हें 5000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 5500 रुपये प्रति एकड़, जिनकी फसलों में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच क्षति हुई हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 4500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जायेगा और जिन किसानों की फसलों को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 3500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों को लगभग 11.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
इससे पूर्व संसदीय मामले मंत्री श्री रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुए जिला अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, सिरसा, यमुनानगर एवं फतेहाबाद में करवाई गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए 111.09 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अतिरिक्त, सरकार ने जिन किसानों के बाढ़ प्रभावित खेतों में दोबारा बिजाई नहीं हो सकी है, उनके बिजली के बिलों की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया है और इन जिलों में क्षतिग्रस्त नलकूपों के लिए राहत देने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों की भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और खेतों की दोबारा बिजाई नहीं की जा सकी है, उनके बिजली के बिजलों की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अवधि के दौरान किसानों के पम्प सैट पानी में डूबे रहे, चाहे नलकूल खराब हुआ या नहीं, के लिए मुआवजे की राशि न्यूनतम मासिक चार्ज 200 रुपये प्रति बीएचपी वार्षिक के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण जिला फतेहाबाद में 66613 एकड़, सिरसा में 33171 एकड़, कुरूक्षेत्र में 53813 एकड़,अम्बाला में 16436 एकड़, कैथल में 54708 और यमुनानगर में 1434 एकड़ क्षेत्र में फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में किसानों को 32.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला सिरसा में 16.53 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कुरूक्षेत्र में 26.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला अम्बाला में 7.89 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कैथल में 27.15 करोड़ रुपये से अधिक और जिला यमुनानगर में 58.48 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में 3044 नलकूप भी क्षतिग्रस्त हुए है और इसके लिए राहत देने का मामला सरकार के विचाराधीन है। इसी प्रकार, जिला यमुनानगर में क्षतिग्रस्त मकानों के लिए लगभग 47.87 लाख रुपये और जिला अम्बाला में 35.65 लाख रुपये वितरित किए गए हैं,जबकि उपायुक्त सिरसा को 2.91 करोड़ रुपये की राशि मकानों की क्षति के लिए राहत देने के लिए दी गई है। अन्य जिलों में पानी देर से उतरने के कारण सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका है और इन क्षेत्रों को भी शीघ्र ही राहत दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2010 में बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 208.22 करोड़ रुपये के लघु अवधि के ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में बदला जाएगा। इसी प्रकार, बिजली विभाग द्वारा बाढ़ में क्षतिग्रस्त 1476 खम्बे एवं 400 एसपी मीटर बदले गए और 301 वितरण ट्रांसफार्मों की मरम्मत की गई।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसलवार प्रभावित रकबा पहचाना गया और किसानों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल लेने बारे शिक्षित किया गया। उन्हें धान की पौध उपलब्ध होने पर क्षतिग्रस्त रकबे में धान की रोपाई दोबारा करने और खेत खाली रहने पर अगस्त मास के अन्त में तोरिया जैसी अन्य फसलें लेने का परामर्श दिया गया। किसानों को धान बासमती, मूंग और उड़द के प्रमाणित बीज 75 प्रतिशत सबसिडी और शंकर मक्की के बीच 90 प्रतिशत सबसिडी पर दिए गए। इसके अतिरिक्त, किसानों को शंकर बाजरा, तोरिया व बाजरे की बीज मिनी किटस के रूप में मुफ्त दिए गए। इसके अतिरिक्त, फसलों की दोबारा बिजाई के कारण खरीफ 2010 के लिए मांग पूर्ण करने हेतू यूरिया खाद के ऐलोकेशन 8.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की ऐलोकेशन 3.20 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.60 लाख मीट्रिक टन की गई।
उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010 में बाढ़ कार्यों पर 106.60 करोड़़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने 522.18 करोड़ रुपये लागत की बाढ़ नियंत्रण की 149 स्कीमें मंजूर की है, जिनमें से 72 नई और 77 पुरानी चल रही योजनाएं हैं। इनमें से 63 स्कीमें पहले ही पूरी हो चुकी है और 37 पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों, डे्रनों एव नदियों को पानी की सुरक्षित निकासी के लिए साफ रखा जाएगा और पंजाब व हरियाणा के साथ अन्तर्राजीय मामलें सुलझाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदेश में 1778 किलोमीटर लम्बी एक हज़ार सड़कें पानी में डूब गई थी, जिसके कारण अधिकतम सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 480 ऐसी सड़कें ,जिन पर यातायात बंद कर दिया गया था, में से 451 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं और शेष को पुन: बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पुलों को भी भारी नुकसान हुआ जिससे कुछ सड़कों एवं पुलों पर यातायात निलम्बित रहा। इन पुलों पर यातायात बहाल करने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों से की गई। विभाग द्वारा रा वाटर स्टोरेज टैंकों व क्लीयर वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई व डी-सील्ट किया गया। नलकूप चलाने के लिए डीजल जनरेटर सैट किराए पर लिए गए । इसके अतिरिक्त, पानी जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सुपर क्लोरिनेशन किया गया।
उन्होंने कहा कि जिला अम्बाला में 65, कुरूक्षेत्र में 143, कैथल में 77, फतेहाबाद में 88 और सिरसा में 50 चिकित्सीय तथा अर्ध-चिकित्सीय स्टाफ टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पानी के सैंपल लिए गए तथा सभी स्तरों पर दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके अतिरिक्त, पशु सुरक्षा के उपाए भी किए गए।
हरियाणा में लगेगा टोकन हाऊस टैक्स
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज घोषणा की कि प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग जो 250 वर्ग गज तक के क्षेत्र वाले घरों में रह रहे हैं, के हितों को ध्यान में रखते हुए उनसे एक रुपया प्रतिवर्ग गज की दर से टोकन हाउस टैक्स लेने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण स्वयं आकलन के आधार पर करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा कि गृहकर बारे सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण स्वयं आकलन के आधार पर करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा कि गृहकर बारे सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।
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हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब
डबवाली (लहू की लौ) जब किसी व्यक्ति के सिर पर कोई धुन सवार हो जाती है, तो वह निर्धारित लक्ष्य को पूरा करके ही दम लेता है। ऐसा ही एक व्यक्ति डबवाली में है। जिसने चार वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद श्री गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखकर अपने दिल में उतारा। हरियाणा में इस प्रकार का काम करने वाला यह व्यक्ति पहला शख्स है।
डबवाली में वर्कशॉप चलाने वाले गुरमीत सिंह (54) पुत्र रिछपाल सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि उनका परिवार प्रारंभ से ही गुरू सिक्ख परिवार है। सिक्ख धर्म में उनकी आगाध श्रद्धा है। 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के सियालकोट को छोड़कर भारत में आ गया और तभी से वे लोग डबवाली में अपना कारोबार जमाए हुए हैं। उनका परिवार नितनेमी होने के कारण उसमें भी गुरूग्रंथ साहिब के प्रति श्रद्धा जगी। उसने निश्चय किया कि वह गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखेगा। भले ही इसके लिए उसे कितना ही समय क्यों न लगाना पड़े। वर्कशॉप में दिन-भर काम करने के बाद रात को जो आराम करने का समय मिलता, उसमें से उसने गुरूग्रंथ साहिब के लिए समय निकालने का निश्चय किया और हर रोज रात को 12 बजे के बाद जब वातावरण शांत हो जाता, तो वह उठता और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद वह गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना शुरू कर देता।
इस उत्साही व्यक्ति के अनुसार उसने 1 सितंबर 2004 को श्री गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना प्रारंभ किया। वर्ष 2008 को चार वर्षों के अंतराल के बाद उसने अपने इस कार्य को फलीभूत करने में सफलता हासिल की। उस द्वारा लिखा गया हस्तलिखित गुरूग्रंथ साहिब इन दिनों डबवाली के गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा में संभला हुआ है। गुरमीत सिंह के अनुसार वे बात को जगजाहिर नहीं करना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने दो वर्ष तक इसे सहेजे रखा। बाद में उन्होंने सिक्ख नवयुवकों के पथभ्रष्ट होने से बचाने के लिए इसे जगजाहिर किया, ताकि वे इस बात से प्रेरणा लेकर नशा आदि का त्याग करके गुरूवाले बनें।
हस्तलिखित श्री गुरूग्रंथ साहिब का साईज 17 गुणा 14 ईंच है। जिसके 1430 अंग है। प्रत्येक अंग पर 19 लाईन है और प्रत्येक लाईन में 28 शब्द हैं। उसकी इच्छा है कि उस द्वारा लिखे गए श्री गुरूग्रंथ साहिब का प्रकाश हजूर साहिब, नांदेड (महाराष्ट्र) में हो। इसके अतिरिक्त गुरमीत सिंह के अनुसार वह नित नेम, सुखमणि साहिब, 9वीं पातशाही श्री गुरू तेज बहादर की वाणी भी अपने हाथों से लिख चुका है।
गुरमीत सिंह पेंटिंग करने के शौकिन भी हैं। उनके द्वारा पेंट की गई पंज प्यारों को अमृत छकाते हुए श्री गुरू गोबिंद सिंह की फोटो नन्दगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब में लगी हुई है।
बकौल गुरमीत सिंह वह 17 गुणा 14 ईंच का श्री गुरूग्रंथ साहिब लिखने के बाद 27 गुणा 34 ईंच का गुरूग्रंथ साहिब लिखना चाहते हैं। वे इसे ब्रश की सहायता से लिखेंगे। इस पर जल्द ही कार्य शुरू होगा।
डबवाली में वर्कशॉप चलाने वाले गुरमीत सिंह (54) पुत्र रिछपाल सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि उनका परिवार प्रारंभ से ही गुरू सिक्ख परिवार है। सिक्ख धर्म में उनकी आगाध श्रद्धा है। 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के सियालकोट को छोड़कर भारत में आ गया और तभी से वे लोग डबवाली में अपना कारोबार जमाए हुए हैं। उनका परिवार नितनेमी होने के कारण उसमें भी गुरूग्रंथ साहिब के प्रति श्रद्धा जगी। उसने निश्चय किया कि वह गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखेगा। भले ही इसके लिए उसे कितना ही समय क्यों न लगाना पड़े। वर्कशॉप में दिन-भर काम करने के बाद रात को जो आराम करने का समय मिलता, उसमें से उसने गुरूग्रंथ साहिब के लिए समय निकालने का निश्चय किया और हर रोज रात को 12 बजे के बाद जब वातावरण शांत हो जाता, तो वह उठता और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद वह गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना शुरू कर देता।
इस उत्साही व्यक्ति के अनुसार उसने 1 सितंबर 2004 को श्री गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना प्रारंभ किया। वर्ष 2008 को चार वर्षों के अंतराल के बाद उसने अपने इस कार्य को फलीभूत करने में सफलता हासिल की। उस द्वारा लिखा गया हस्तलिखित गुरूग्रंथ साहिब इन दिनों डबवाली के गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा में संभला हुआ है। गुरमीत सिंह के अनुसार वे बात को जगजाहिर नहीं करना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने दो वर्ष तक इसे सहेजे रखा। बाद में उन्होंने सिक्ख नवयुवकों के पथभ्रष्ट होने से बचाने के लिए इसे जगजाहिर किया, ताकि वे इस बात से प्रेरणा लेकर नशा आदि का त्याग करके गुरूवाले बनें।
हस्तलिखित श्री गुरूग्रंथ साहिब का साईज 17 गुणा 14 ईंच है। जिसके 1430 अंग है। प्रत्येक अंग पर 19 लाईन है और प्रत्येक लाईन में 28 शब्द हैं। उसकी इच्छा है कि उस द्वारा लिखे गए श्री गुरूग्रंथ साहिब का प्रकाश हजूर साहिब, नांदेड (महाराष्ट्र) में हो। इसके अतिरिक्त गुरमीत सिंह के अनुसार वह नित नेम, सुखमणि साहिब, 9वीं पातशाही श्री गुरू तेज बहादर की वाणी भी अपने हाथों से लिख चुका है।
गुरमीत सिंह पेंटिंग करने के शौकिन भी हैं। उनके द्वारा पेंट की गई पंज प्यारों को अमृत छकाते हुए श्री गुरू गोबिंद सिंह की फोटो नन्दगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब में लगी हुई है।
बकौल गुरमीत सिंह वह 17 गुणा 14 ईंच का श्री गुरूग्रंथ साहिब लिखने के बाद 27 गुणा 34 ईंच का गुरूग्रंथ साहिब लिखना चाहते हैं। वे इसे ब्रश की सहायता से लिखेंगे। इस पर जल्द ही कार्य शुरू होगा।
05 सितंबर 2010
किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के सदस्य नियुक्त करने का निर्णय
चण्डीगढ़ | हरियाणा सरकार ने किशोर न्याय बोर्ड (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2000 के तहत किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती सरोज सिवाच ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य के लिए आवेदन करने हेतु हरियाणा अधिवासी सामाजिक कार्यकता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता के पास सामाजिक कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोविज्ञान, बाल विकास या किसी अन्य सामाजिक विज्ञान संकाय मेंं स्नातकोत्तर की उपाधि हो और वह कम से कम सात वर्षों से बाल कल्याण से सम्बन्धित योजना बनाने, क्रियान्वयन और प्रशासनिक कायों में सक्रिय रूप से संलिप्त होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों के सदस्यों के लिए आवेदन करने वाले हरियाणा अधिवासी कार्यकर्ता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। बाल कल्याण समितियों के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति एक अध्यापक, डाक्टर या सामाजिक कार्यकर्ता, जिसने कम से कम 10+2 या इसके समकक्ष परीक्षा उत्र्तीण की हो, होना चाहिए और वह बच्चों से सम्बन्धित कार्यों में संलिप्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें सम्बन्धित क्षेत्र में कम से कम सात वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
आवेदकों को 20 सितम्बर, 2010 तक सम्बन्धित जिले के समेकित बाल विकास सेवा के प्रोग्राम अधिकारी को शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्र और अनुभव के साथ-साथ अपने आवेदन पत्र व बॉयोडाटा भेजने चाहिए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती सरोज सिवाच ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य के लिए आवेदन करने हेतु हरियाणा अधिवासी सामाजिक कार्यकता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता के पास सामाजिक कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोविज्ञान, बाल विकास या किसी अन्य सामाजिक विज्ञान संकाय मेंं स्नातकोत्तर की उपाधि हो और वह कम से कम सात वर्षों से बाल कल्याण से सम्बन्धित योजना बनाने, क्रियान्वयन और प्रशासनिक कायों में सक्रिय रूप से संलिप्त होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों के सदस्यों के लिए आवेदन करने वाले हरियाणा अधिवासी कार्यकर्ता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। बाल कल्याण समितियों के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति एक अध्यापक, डाक्टर या सामाजिक कार्यकर्ता, जिसने कम से कम 10+2 या इसके समकक्ष परीक्षा उत्र्तीण की हो, होना चाहिए और वह बच्चों से सम्बन्धित कार्यों में संलिप्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें सम्बन्धित क्षेत्र में कम से कम सात वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
आवेदकों को 20 सितम्बर, 2010 तक सम्बन्धित जिले के समेकित बाल विकास सेवा के प्रोग्राम अधिकारी को शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्र और अनुभव के साथ-साथ अपने आवेदन पत्र व बॉयोडाटा भेजने चाहिए।
34 अध्यापक राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजे गए
चंडीगढ़ | हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे सच्चाई, ईमानदारी और नैतिकता के उच्च आदर्शों को बच्चों के सामने प्रस्तुत करें और वे सदाचार, आत्मीयता, विनम्रता और नैतिकता की प्रतिमूर्ति बनें, क्योंकि अध्यापकों का बच्चे के कोमल मन पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे गुण आत्मसात करके बच्चे राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सकेंगे।
यह उदगार राज्यपाल ने आज यहां राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस के अवसर पर अध्यापकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुडïडा के साथ 34 अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित अध्यापकों को सम्बोधित हुए व्यक्त किए।
भारत के पूर्व राष्टï्रपति सर्वपल्ली डॉ0 राधाकृष्ण को भाव भीने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे उच्च दर्जे के चिन्तक, महान् दर्शनिक, उच्च विचारक थे। जिनका जन्म पूरे देश में 'शिक्षक दिवसÓ के रूप में मनाया जा रहा है।
श्री पहाडिय़ा ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की जा रही गुणात्मक शिक्षा की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुडïडा के नेतïृत्व में हïïरियाणा सरकार बदलते हुए परिवेश के अनुसार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने पर विशेष बल दे रही है ताकि हमारे बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण करके वैश्वीकरण के इस युग में आ रही चुनौतियों का मुकाबला करते हुए आगे बढ़ सकें।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल कोरा किताबी ज्ञान नहीं है बल्कि वास्तविक शिक्षा मैं उसको मानता हूं जो हमें चुनौतियों का सामना करना सिखाए और जिससे बौद्धिक और मानसिक विकास सम्भव हो सके। वैश्वीकरण के इस युग में अध्यापकों के सामने भी नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए अध्यापकों को विशेष रुप से आगे आना होगा। आज शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है जिसका असर न केवल तकनीकी, विज्ञान और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है अपितु शिक्षा प्रणाली पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, 'आज कल शिक्षकों के आचरण का पतन और अनुपस्थिति की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो हमारे लिए चिन्ता का विषय हैÓ। सफल अध्यापक वही है जो अपने विवेक से कार्य करते हुए विद्यार्थियों की शंकाओं का तत्परता से निवारण करें।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापकों को बधाई देते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि दूसरे अध्यापक भी उनका आचरण करते हुए इस का पालन करेंगे कि ''गुरू एक ऐसा दीपक है, जिसके प्रकाश में तीन पीढिय़ां आलौकित हो जाती हैं।ÓÓ
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अध्यापक राज्य पुरस्कार की राशि 11 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की घोषणा की और शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालना करते हुए कहा कि राज्य पुरस्कार के तहत दी जाने वाली 21 हजार रुपये की राशि आज सम्मानित हुए 34 अध्यापकों को भी दी जायेगी और पुरस्कार की बकाया राशि विभाग द्वारा शीघ्र ही दे दी जायेगी।
शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य शिक्षक सम्मान समारोह में पुरस्कृत शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होते है और वे ही एक मज़बूत समाज का निर्माण करते है।
भारत के दूसरे राष्टï्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को महान दार्शनिक तथा शिक्षाविद् बताते हुए श्री हुड्डा ने उनके साथ हुई एक व्यक्तिगत भेंटवार्ता का जिक्र भी किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी महान विभूति से मिलने का अवसर मिला।
शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा अगले 5 से 7 सालों में राष्टï्रीय ही नहीं, अपितु अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर शिक्षा का एक हब बनेगा और राज्य में हर किस्म एवं स्तर पर बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार देश का पहला रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने वाईएमसीए को विश्वविद्यालय का दर्जा देने, केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के रूप में उत्तरी भारत के पहले महिला विश्वविद्यालय स्थापना तथा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने जैसे अहम कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक दौर में काफी हमारे सामने कई चुनौतियां है और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए बदलाव जरूरी है इसलिए हमने राजीव गांधी एजुकेशन सिटी बनाने की एक परियोजना शुरू की है, जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। इस एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रतिष्ठïानों द्वारा अपने संस्थान खोलने के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि सभी को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है और पिछले पांच वर्षों के दौरान शिक्षा के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि भी की गई है।
शिक्षामंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने कहा कि अध्यापकों को पुरस्कार देने में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करते समय केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे पुरस्कारों की तर्ज को आधार बनाया गया और पुरस्कारों के चयन के लिए पूरी पारदर्शिता बरतते हुए उनके लिए तीन कमेटियां बनाई गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि अध्यापकोंं को राज्य स्तरीय पुरस्कारों के रूप में दी जाने वाली राशि 11 हजार रुपये से बढाकर 21 हजार रुपये कर दी जाए और मुख्यमंत्री ने उदारता का परिचय देते हुए इसी वर्ष से पुरस्कार के रूप में अध्यापकों को 21 हजार रुपये देने की घोषणा की।
जिन अध्यापकों को पुरस्कार दिया गया उनमें हरिपाल सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, महम; जलधीर सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, सहलांगा (झज्जर); सुनीता नैन, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पंचकूला; सपना जैन, पिं्रसीपल राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; राम कुमार, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, सीसर खरबला; विनोद कुमार शर्मा, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, बलरी (करनाल); राजवन्ती राठी, मास्टर, डी.पी.ई., राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद; श्री भगवान, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय उच्च विद्यालय, थाना कलां (सोनीपत); कमला देवी, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; देशराज, लैक्चरर कॉमर्स, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, नन्द रामपुर बास; रोहताश सिंह, मास्टर साईंस, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, झोझूकलां; सतिन्दर जीत सिंह, लैक्चरर कैमिस्ट्री, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; ओम प्रकाश, मास्टर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, जटवाड़ा; लहणा सिंह, लैक्चरर गणित, जीएमएसएसएसएस, पानीपत; सुशील बंसल, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; ऊषा वर्मा, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; सतपाल सिंह, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, निसिंग; अरविन्द कुमार, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बाछौद; केशो राम, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बगथला; रूद्र दत्त, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भानकपुर; अजैब सिंह सन्धू, लैक्चरर इतिहास, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोरीवाला; राजेश कुमारी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; रोशनी देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, दुजाना; कृष्णा देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; निर्मल मोर, मास्टर सामाजिक अध्ययन, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना; प्रताप सिंह, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी दादरी; गणेश दत्त शर्मा, लैक्चरर हिन्दी, जीएमएसएसएस, पंचकूला; सुशीला फौगाट, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी; भीमसैन शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पाई; रविन्द्र कुमार, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद ओल्ड; सिलक राम, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बवानीखेड़ा; दीपक शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, अटेली; यतिन्द्र कुमार शर्मा, सी एण्ड वी संस्कृत, राजकीय हाई स्कूल, सेहतपुर और सुजीता, लैक्चरर गणित, डीआईईटी, बिरहीकलां शामिल हैं।
इस अवसर पर बादली के विधायक श्री नरेश शर्मा, रोहतक के विधायक श्री बी बी बत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री छत्तर सिंह, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती अनुराधा गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान विशेष कार्य अधिकारी श्री एम एस चौपड़ा, राज्यपाल के सचिव श्री मोहिन्द्र कुमार,राज्यपाल की सुपुत्री सुश्री हिमानी पहाडिय़ा, शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव श्रीमती सुरीना राजन, सकैण्डरी एजुकेशन विभाग के निदेशक श्री बिजेन्द्र कुमार, राज्यपाल के संयूक्त सचिव श्री इंद्रजीत सुखीजा, राज्यपाल के परिसहाय श्री जग प्रवेश दहिया भी उपस्थित थे।
यह उदगार राज्यपाल ने आज यहां राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस के अवसर पर अध्यापकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुडïडा के साथ 34 अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित अध्यापकों को सम्बोधित हुए व्यक्त किए।
भारत के पूर्व राष्टï्रपति सर्वपल्ली डॉ0 राधाकृष्ण को भाव भीने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे उच्च दर्जे के चिन्तक, महान् दर्शनिक, उच्च विचारक थे। जिनका जन्म पूरे देश में 'शिक्षक दिवसÓ के रूप में मनाया जा रहा है।
श्री पहाडिय़ा ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की जा रही गुणात्मक शिक्षा की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुडïडा के नेतïृत्व में हïïरियाणा सरकार बदलते हुए परिवेश के अनुसार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने पर विशेष बल दे रही है ताकि हमारे बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण करके वैश्वीकरण के इस युग में आ रही चुनौतियों का मुकाबला करते हुए आगे बढ़ सकें।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल कोरा किताबी ज्ञान नहीं है बल्कि वास्तविक शिक्षा मैं उसको मानता हूं जो हमें चुनौतियों का सामना करना सिखाए और जिससे बौद्धिक और मानसिक विकास सम्भव हो सके। वैश्वीकरण के इस युग में अध्यापकों के सामने भी नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए अध्यापकों को विशेष रुप से आगे आना होगा। आज शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है जिसका असर न केवल तकनीकी, विज्ञान और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है अपितु शिक्षा प्रणाली पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है।
उन्होंने कहा, 'आज कल शिक्षकों के आचरण का पतन और अनुपस्थिति की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो हमारे लिए चिन्ता का विषय हैÓ। सफल अध्यापक वही है जो अपने विवेक से कार्य करते हुए विद्यार्थियों की शंकाओं का तत्परता से निवारण करें।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापकों को बधाई देते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि दूसरे अध्यापक भी उनका आचरण करते हुए इस का पालन करेंगे कि ''गुरू एक ऐसा दीपक है, जिसके प्रकाश में तीन पीढिय़ां आलौकित हो जाती हैं।ÓÓ
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अध्यापक राज्य पुरस्कार की राशि 11 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की घोषणा की और शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालना करते हुए कहा कि राज्य पुरस्कार के तहत दी जाने वाली 21 हजार रुपये की राशि आज सम्मानित हुए 34 अध्यापकों को भी दी जायेगी और पुरस्कार की बकाया राशि विभाग द्वारा शीघ्र ही दे दी जायेगी।
शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य शिक्षक सम्मान समारोह में पुरस्कृत शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होते है और वे ही एक मज़बूत समाज का निर्माण करते है।
भारत के दूसरे राष्टï्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को महान दार्शनिक तथा शिक्षाविद् बताते हुए श्री हुड्डा ने उनके साथ हुई एक व्यक्तिगत भेंटवार्ता का जिक्र भी किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी महान विभूति से मिलने का अवसर मिला।
शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा अगले 5 से 7 सालों में राष्टï्रीय ही नहीं, अपितु अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर शिक्षा का एक हब बनेगा और राज्य में हर किस्म एवं स्तर पर बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार देश का पहला रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने वाईएमसीए को विश्वविद्यालय का दर्जा देने, केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के रूप में उत्तरी भारत के पहले महिला विश्वविद्यालय स्थापना तथा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने जैसे अहम कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक दौर में काफी हमारे सामने कई चुनौतियां है और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए बदलाव जरूरी है इसलिए हमने राजीव गांधी एजुकेशन सिटी बनाने की एक परियोजना शुरू की है, जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। इस एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रतिष्ठïानों द्वारा अपने संस्थान खोलने के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि सभी को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है और पिछले पांच वर्षों के दौरान शिक्षा के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि भी की गई है।
शिक्षामंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने कहा कि अध्यापकों को पुरस्कार देने में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करते समय केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे पुरस्कारों की तर्ज को आधार बनाया गया और पुरस्कारों के चयन के लिए पूरी पारदर्शिता बरतते हुए उनके लिए तीन कमेटियां बनाई गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि अध्यापकोंं को राज्य स्तरीय पुरस्कारों के रूप में दी जाने वाली राशि 11 हजार रुपये से बढाकर 21 हजार रुपये कर दी जाए और मुख्यमंत्री ने उदारता का परिचय देते हुए इसी वर्ष से पुरस्कार के रूप में अध्यापकों को 21 हजार रुपये देने की घोषणा की।
जिन अध्यापकों को पुरस्कार दिया गया उनमें हरिपाल सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, महम; जलधीर सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, सहलांगा (झज्जर); सुनीता नैन, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पंचकूला; सपना जैन, पिं्रसीपल राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; राम कुमार, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, सीसर खरबला; विनोद कुमार शर्मा, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, बलरी (करनाल); राजवन्ती राठी, मास्टर, डी.पी.ई., राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद; श्री भगवान, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय उच्च विद्यालय, थाना कलां (सोनीपत); कमला देवी, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; देशराज, लैक्चरर कॉमर्स, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, नन्द रामपुर बास; रोहताश सिंह, मास्टर साईंस, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, झोझूकलां; सतिन्दर जीत सिंह, लैक्चरर कैमिस्ट्री, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; ओम प्रकाश, मास्टर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, जटवाड़ा; लहणा सिंह, लैक्चरर गणित, जीएमएसएसएसएस, पानीपत; सुशील बंसल, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; ऊषा वर्मा, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; सतपाल सिंह, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, निसिंग; अरविन्द कुमार, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बाछौद; केशो राम, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बगथला; रूद्र दत्त, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भानकपुर; अजैब सिंह सन्धू, लैक्चरर इतिहास, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोरीवाला; राजेश कुमारी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; रोशनी देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, दुजाना; कृष्णा देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; निर्मल मोर, मास्टर सामाजिक अध्ययन, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना; प्रताप सिंह, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी दादरी; गणेश दत्त शर्मा, लैक्चरर हिन्दी, जीएमएसएसएस, पंचकूला; सुशीला फौगाट, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी; भीमसैन शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पाई; रविन्द्र कुमार, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद ओल्ड; सिलक राम, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बवानीखेड़ा; दीपक शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, अटेली; यतिन्द्र कुमार शर्मा, सी एण्ड वी संस्कृत, राजकीय हाई स्कूल, सेहतपुर और सुजीता, लैक्चरर गणित, डीआईईटी, बिरहीकलां शामिल हैं।
इस अवसर पर बादली के विधायक श्री नरेश शर्मा, रोहतक के विधायक श्री बी बी बत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री छत्तर सिंह, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती अनुराधा गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान विशेष कार्य अधिकारी श्री एम एस चौपड़ा, राज्यपाल के सचिव श्री मोहिन्द्र कुमार,राज्यपाल की सुपुत्री सुश्री हिमानी पहाडिय़ा, शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव श्रीमती सुरीना राजन, सकैण्डरी एजुकेशन विभाग के निदेशक श्री बिजेन्द्र कुमार, राज्यपाल के संयूक्त सचिव श्री इंद्रजीत सुखीजा, राज्यपाल के परिसहाय श्री जग प्रवेश दहिया भी उपस्थित थे।
04 सितंबर 2010
स्कूली बच्चों को आई फ्लू
डबवाली (लहू की लौ) उपमंडल डबवाली के गांव सांवतखेड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को आई फ्लू होने से स्कूली बच्चों में दहशत का माहौल पर्याप्त है। विद्यालय के करीब 50 विद्यार्थी इस रोग से पीडि़त हैं। शुक्रवार को विद्यालय प्रशासन ने पीडि़त छात्रों को छुट्टी दे दी। साथ में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव सांवतखेड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में 6वीं से लेकर 8वीं तक कुल 117 बच्चे हैं। जबकि प्राथमिक विंग में 135 बच्चे क,ख,ग पढ़ रहे हैं। स्कूली बच्चों में आई फ्लू रोग तेजी से अपनी जड़े जमा रहा है। कुल 252 बच्चों में से 50 बच्चे आई फ्लू का शिकार हो गए हैं। पीडि़त बच्चों में से अधिकतर विद्यालय आ रहे हैं। ऐसे में फ्लू के ओर अधिक फैलने का भय बन गया है। एतिहात के तौर पर विद्यालय का प्रशासन पीडि़त बच्चों को घर भेज रहा है।
कक्षा तीसरी की पवनदीप कौर, चौथी के भगवान, दविन्द्र, अनिता, हरमन कौर, राजिन्द्र सिंह, कुलदीप कौर, पांचवी के मदन लाल, मनदीप, अजय, साहिल, एकता, रजनी, कोमल, ममता, कुलदीप, लवप्रीत, पूनम, हरजिन्द्र सिंह, जसविन्द्र कौर, 6वीं की वीरपाल कौर, 7वीं के विशाल, स्वतंत्र, प्रगट, नवदीप, गुरप्रीत, तरूण, राहुल, शिवराज, सुखविंद्र, राजकुमार, 8वीं का विकास आई फ्लू की गिरफ्त में हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय के मुख्य शिक्षक मलकीत सिंह ने बताया कि विद्यालय के बच्चों में यह रोग तेजी से फैल रहा है। पीडि़त बच्चों को आंखों पर गोगलस लगाकर या विद्यालय में न आने की सलाह दी जा रही है। अगर कोई पीडि़त बच्चा विद्यालय में आता है, तो उसे छुट्टी दे दी जाती है, ताकि स्वस्थ बच्चे को यह रोग न हो। उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को भी उन्होंने एक पत्र भेजकर मामले से अवगत करवा दिया है।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ विनोद महिपाल के अनुसार आई फ्लू एक वायरल है। जो पीडि़त व्यक्ति को छूने या पास बैठने से फैलता है। यह रोग अधिकतर वर्षा के मौसम में होता है। आंख में दर्द, खुजली, सिर दर्द, आंख में लाली आना, आंख की पलक का चिपक जाना यह सब इस रोग के लक्षण है।
एसएमओ के अनुसार यह रोग सात-आठ दिन का होता है। लेकिन इसमें विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। पीडि़त व्यक्ति आंख पर गोगलस लगाए रखे, घर से बाहर न निकले, किसी के संपर्क में न आए इत्यादि। एसएमओ विनोद महिपाल ने बताया कि लापरवाही बरतने पर यह रोग घातक साबित हो सकता है। रोग बढऩे से आंख पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इतना ही नहीं आंख में घाव हो सकते हैं।
एसएमओ के अनुसार डबवाली के सामान्य अस्पताल में फ्लू के प्रथम चरण का ईलाज संभव है। लेकिन रोग बढऩे से आंख में इंफेक्शन होने पर विशेषज्ञ की राय पर ही ईलाज आगे बढ़ता है। डबवाली के सामान्य अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ न होने संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव सांवतखेड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में 6वीं से लेकर 8वीं तक कुल 117 बच्चे हैं। जबकि प्राथमिक विंग में 135 बच्चे क,ख,ग पढ़ रहे हैं। स्कूली बच्चों में आई फ्लू रोग तेजी से अपनी जड़े जमा रहा है। कुल 252 बच्चों में से 50 बच्चे आई फ्लू का शिकार हो गए हैं। पीडि़त बच्चों में से अधिकतर विद्यालय आ रहे हैं। ऐसे में फ्लू के ओर अधिक फैलने का भय बन गया है। एतिहात के तौर पर विद्यालय का प्रशासन पीडि़त बच्चों को घर भेज रहा है।
कक्षा तीसरी की पवनदीप कौर, चौथी के भगवान, दविन्द्र, अनिता, हरमन कौर, राजिन्द्र सिंह, कुलदीप कौर, पांचवी के मदन लाल, मनदीप, अजय, साहिल, एकता, रजनी, कोमल, ममता, कुलदीप, लवप्रीत, पूनम, हरजिन्द्र सिंह, जसविन्द्र कौर, 6वीं की वीरपाल कौर, 7वीं के विशाल, स्वतंत्र, प्रगट, नवदीप, गुरप्रीत, तरूण, राहुल, शिवराज, सुखविंद्र, राजकुमार, 8वीं का विकास आई फ्लू की गिरफ्त में हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय के मुख्य शिक्षक मलकीत सिंह ने बताया कि विद्यालय के बच्चों में यह रोग तेजी से फैल रहा है। पीडि़त बच्चों को आंखों पर गोगलस लगाकर या विद्यालय में न आने की सलाह दी जा रही है। अगर कोई पीडि़त बच्चा विद्यालय में आता है, तो उसे छुट्टी दे दी जाती है, ताकि स्वस्थ बच्चे को यह रोग न हो। उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को भी उन्होंने एक पत्र भेजकर मामले से अवगत करवा दिया है।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ विनोद महिपाल के अनुसार आई फ्लू एक वायरल है। जो पीडि़त व्यक्ति को छूने या पास बैठने से फैलता है। यह रोग अधिकतर वर्षा के मौसम में होता है। आंख में दर्द, खुजली, सिर दर्द, आंख में लाली आना, आंख की पलक का चिपक जाना यह सब इस रोग के लक्षण है।
एसएमओ के अनुसार यह रोग सात-आठ दिन का होता है। लेकिन इसमें विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। पीडि़त व्यक्ति आंख पर गोगलस लगाए रखे, घर से बाहर न निकले, किसी के संपर्क में न आए इत्यादि। एसएमओ विनोद महिपाल ने बताया कि लापरवाही बरतने पर यह रोग घातक साबित हो सकता है। रोग बढऩे से आंख पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इतना ही नहीं आंख में घाव हो सकते हैं।
एसएमओ के अनुसार डबवाली के सामान्य अस्पताल में फ्लू के प्रथम चरण का ईलाज संभव है। लेकिन रोग बढऩे से आंख में इंफेक्शन होने पर विशेषज्ञ की राय पर ही ईलाज आगे बढ़ता है। डबवाली के सामान्य अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ न होने संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है।
03 सितंबर 2010
मोबाइल सप्लायर को पीटा
डबवाली (लहू की लौ) गांव रत्ताखेड़ा के पास बुधवार रात को रंजिशन हुए एक झगड़े में एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए गोरीवाला के सरकारी अस्पताल में लाया गया।
घायल सुभाष सहारण (22) पुत्र छोटू राम सहारण निवासी गोरीवाला ने बताया कि वह एरोमा कम्पनी के मोबाइल सप्लाई करने का काम करता है। बुधवार शाम को औढां से बाईक से वापिस अपने गांव गोरीवाला आ रहा था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने जैसे ही नुइयांवाली नहर क्रॉस की तो उसके पीछे एक जीप और कार लग गई। रत्ताखेड़ा और रामपुरा बिश्नोइयां के बीच उसके आगे जीप लगा कर उसे घेर लिया और उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। लड़ाई का कारण उसने मंगलवार को इसी रोड़ पर साईड को लेकर कुछ युवकों के साथ हुई तूतू मैंमैं बताया।
गंगा निवासी रवि (22) पुत्र बनवारी लाल ने बताया कि वह ही अपने दोस्त सुभाष सहारण को घायल अवस्था में गोरीवाला के सरकारी अस्पताल लेकर आया। लेकिन प्राथमिक चिकित्सा के बाद सुभाष को सिरसा रैफर कर दिया गया।
इस संबंध में थाना औढां के प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि एमएलआर उनके पास आ चुकी है। घायल के ब्यानों के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
घायल सुभाष सहारण (22) पुत्र छोटू राम सहारण निवासी गोरीवाला ने बताया कि वह एरोमा कम्पनी के मोबाइल सप्लाई करने का काम करता है। बुधवार शाम को औढां से बाईक से वापिस अपने गांव गोरीवाला आ रहा था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने जैसे ही नुइयांवाली नहर क्रॉस की तो उसके पीछे एक जीप और कार लग गई। रत्ताखेड़ा और रामपुरा बिश्नोइयां के बीच उसके आगे जीप लगा कर उसे घेर लिया और उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। लड़ाई का कारण उसने मंगलवार को इसी रोड़ पर साईड को लेकर कुछ युवकों के साथ हुई तूतू मैंमैं बताया।
गंगा निवासी रवि (22) पुत्र बनवारी लाल ने बताया कि वह ही अपने दोस्त सुभाष सहारण को घायल अवस्था में गोरीवाला के सरकारी अस्पताल लेकर आया। लेकिन प्राथमिक चिकित्सा के बाद सुभाष को सिरसा रैफर कर दिया गया।
इस संबंध में थाना औढां के प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि एमएलआर उनके पास आ चुकी है। घायल के ब्यानों के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
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