15 अप्रैल 2010

सायरन बजते ही सिहर उठे लोग

डबवाली (लहू की लौ) दिन बुधवार। घड़ी पर समय था सुबह के 9 बजकर 32 मिनट। सब्जी मण्डी में अचानक फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों के सायरन बजने लगे। एकाएक फायर ब्रिगेड की तीन गाडिय़ों के क्षेत्र में दाखिल होते ही लोग घटना का अंदेशा पाकर दुकानों के शट्टर गिराकर भाग खड़े हुए। सूचना पाकर पुलिस भी मौका पर पहुंची। परिस्थितियों को काबू करते ही सब कुछ सामान्य हो गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार सब्जी मण्डी क्षेत्र से मोहित नामक एक युवक ने सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर अग्निश्मन सेवा केन्द्र में फोन करके क्षेत्र में स्थित एक कपड़ा के शोरूम में आग लगने की सूचना दी। सूचना पाकर 9 बजकर 32 मिनट पर फायर ब्रिगेड की तीन गाडिय़ां मौका पर पहुंची। एकाएक फायर ब्रिगेड की तीन गाडिय़ां क्षेत्र में पहुंचते ही मुख्य बाजार तथा सब्जी मण्डी क्षेत्र के लोगों में हड़कम्प मच गया। कोई अप्रिय घटना घटित होने का अंदेशा लगाकर कई दुकानदार शट्टर गिराकर भाग खड़े हुए। सब्जी विक्रेताओं में भी खलबली मच गई।
महज 3 मिनट के अन्तराल में नगरपालिका फायर ब्रिगेड की दो  तथा मार्किट कमेटी की एक गाड़ी मौका पर पहुंची। इन तीनों गाडिय़ों पर 12 कर्मचारी तैनात थे। कर्मचारियों ने फूर्ती दिखाते हुए कुछ ही पलों में स्थिति को अपने नियंत्रण में कर लिया।
खैर यह एक मॉक ड्रिल रूपी अग्निश्मन विभाग के कर्मचारियों का इम्तिहान था। जिसमें वे पास हुए। जब लोगों को इसकी समझ आई तो सबकुछ सामान्य हो गया। इधर इसकी सूचना पाकर थाना शहर पुलिस के एएसआई शिवरतन भी मौका पर पहुंचे।
मॉक ड्रिल के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए फायर ऑफिसर हरमिन्द्र सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को अग्निश्मक विभाग द्वारा पूरे भारत में अग्निश्मन सेवा दिवस मनाया जाता है। इस बार डबवाली के अग्निश्मक केन्द्र की ओर मॉक ड्रिल आयोजित की गई। सब्जी मण्डी क्षेत्र में एक कपड़ा के शोरूम में आग की सूचना पाकर उनके लड़ाके बिना देरी किये 3 मिनट के भीतर घटना स्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया। उन्होंने यह भी बताया कि इस समय अग्निश्मक केन्द्र कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी उसकी कार्यक्षमता में कोई कमी नहीं है।
फायर ऑफिसर हरमिन्द्र सिंह के अनुसार 14 से 20 अप्रैल तक फायर सप्ताह मनाया जाता है। जिसमें लोगों को आग लगने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में अवगत करवाया जाता है। 14 अप्रैल 1944 को बॉम्बे डक यार्ड में खड़े एक समुन्द्री जहाज में अचानक आग लग गई थी। आग पर नियंत्रण पाते समय अग्निश्मक दस्ते के काफी जवान शहीद हो गये थे। उन जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को फायर सर्विस-डे मनाया जाता है।

सिलेण्डरों में गैस कम होने का भण्डाफोड़

डबवाली (लहू की लौ) इण्डेन गैस एजेंसी डबवाली गैस सर्विस के कुकिंग गैस सिलेंडरों में आपूर्ति के दौरान गैस कम पाये जाने का भंडाफोड़ उस समय हो गया जब उपभोक्ताओं की शिकायत पाकर मौका पर पहुंचे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अधिकारी ने चार गैस सिलेंडर तोल में कम पाये जाने पर जब्त करके सीलबन्द कर दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पास बुधवार सुबह डबवाली गैस सर्विस का कैंटर इंडैन गैस उपभोक्ताओं को गैस की आपूर्ति करवाने के लिए आया था। जब गैस उपभोक्ता नं. 4307 को दी गई तो आपूर्ति ले रहे 20 वर्षीय राजू ने पाया कि सिलेंडर (9363) से बदबू आ रही है तो संदेह होने पर गैस सिलेंडर का तोल करवा लिया जो कि अढ़ाई किलोग्राम वजन में कम पाया गया। उपभोक्ताओं में हड़कम्प मच गया। उपभोक्ताओं की सूचना पाकर मौका पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक अरविन्द कुमार पूनिया भी मौका पर पहुंचे।
मौका पर पहुंचे अरविन्द कुमार पूनिया को राजू ने बताया कि उसको जो रिफिल दिया गया है उसकी सील टूटी हुई है और वजन में भी अढ़ाई किलो कम है। इस पर अन्य उपभोक्ताओं ने भी उनसे कहा कि कैंटर में जितने भी रिफलिंग हैं उनको तोला जाये। इस पर पूनिया ने डबवाली गैस सर्विस के मालिक श्याम सुन्दर सभ्रवाल को फोन किया और स्थिति से अवगत करवाया।
मौका पर पहुंचे डबवाली गैस सर्विस के मैनेजर उमाशंकर की उपस्थिति में कैंटर में से 10 सिलेंडरों का तोल करवाया गया तो उनमें से 3 और सिलेंडर का वजन कम पाया गया। इसकी पुष्टि करते हुए खाद्य एवं विभाग के निरीक्षक अरविन्द पूनिया ने बताया कि सिलेंडर नं. 9363 में अढ़ाई किलोग्राम गैस कम और लीकेज पायी गई। इसके अतिरिक्त सिलेंडर नं. 388004 में एक किलोग्राम, 427152 में 2 किलोग्राम, 606140 में 2 किलोग्राम गैस वजन कम पाया गया।
पूनिया ने बताया कि कम वजन वाले इन 4 गैस सिलेंडरों को जब्त करके खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय के एक कमरे में सील करके इसकी सूचना मापतोल विभाग सिरसा को दे दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि गैस सर्विस के मैनेजर उमाशंकर ने भी उपरोक्त चार गैस सिलेंडरों में गैस का वजन कम पाये जाने की लिखित पुष्टि की है।
इस संबंध में मौका पर उपस्थित गैस सर्विस के मैनेजर उमाशंकर पुत्र राजा राम निवासी रेवाड़ी ने बताया कि सिलेंडर नं. 9363 डिफेक्टिव है और इसकी शिकायत वह कम्पनी को कर चुके हैं। यह सिलेंडर गलती से इस कैंटर में गोदाम से आ गया।
इंडैन गैस एजेंसी डबवाली गैस सर्विस के मालिक श्याम सुन्दर सभ्रवाल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निरीक्षक अरविन्द पूनियां का संदेश मिला था जिस पर उन्होंने स्वयं बाहर होने के कारण गैस एजेंसी के मैनेजर उमाशंकर को मौका पर भेज दिया था। उन्होंने कहा कि उनके गोदाम में इस समय लगभग 600 गैस सिलेंडर का स्टॉक पड़ा है। जिसे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, मापतोल विभाग एवं जिला अधिकारी चैक कर सकते हैं। लेकिन जो आज हुआ है वह तकनीकी लीकेज हो सकती है।