03 मार्च 2010

गैस गीजर बना खतरों का जाल

डबवाली (लहू की लौ) उपभोक्ताओं की लापरवाही के चलते इन दिनों गैस गीजर से बेहोश होने वालों की संख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। जबकि कुछ घटनाओं में तो शिकार लोग दम भी तोड़ चुके हैं। अकेले डबवाली नगर में इस प्रकार की करीब 50 घटनाएं घटित हो चुकी है। दो महिलाओं की मौत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी अनुसार डबवाली नगर में गैस गीजरों का प्रयोग धड़ल्ले से होता है। चूंकि गैस गीजर से पानी जल्दी गर्म होता है और करंट आदि लगने की आशंका भी नहीं रहती। लेकिन इन गीजरों में थोड़ी सी लापरवाही किसी का जीवन भी ले सकती है। इसकी जानकारी उपभोक्ताओं को होने के बावजूद वे इसके प्रति सतर्क नहीं है।
ताजा घटना के अनुसार होली वाले दिन विक्रमादित्य अस्पताल वाली गली में दो सहेलियां स्नान करते समय गैस गीजर से निकलने वाली कार्बन मोनोडाईऑक्साईड की शिकार हो गई। उन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल लेजाया गया। जिसके चलते अनहोनी होने से बच गई। बताया जाता है कि इन लड़कियों का नाम कनिका और हर्षप्रीत है। हर्षप्रीत अपनी सहेली कनिका के घर आई हुई थी और वे उसके साथ ही स्नान कर रही थी, जब वह बेहोश हो गई।
अगर विशेषज्ञों की माने तो उनका कहना है कि गैस गीजर को हमेशा स्नान घर से बाहर लगाया जाना चाहिए। उनके अनुसार अगर जगह कम है और गैस गीजर स्नान घर में लगा है तो बाल्टी के भर जाने के बाद ही गीजर को बन्द करके स्नान घर में प्रवेश किया जाना चाहिए। उनके अनुसार एलपीजी से खतरा नहीं है, खतरा है तो कॉर्बन मोनोडाईऑक्साईड से। जोकि एलपीजी के प्रयोग के समय अक्सर बनती है।
चिकित्सकों के अनुसार गीजर लगे स्नान घर में जब भी सिरदर्द या चक्कर आने का आभास हो तो तुरन्त स्नान घर से बाहर आ जायें, उनके अनुसार कार्बन मोनोडाईऑक्साईड जब आदमी पर अपना प्रहार करती है तो उसमें इतनी कमजोरी आ जाती है कि वह आवाज भी नहीं लगा सकता। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि घर वालों को भी चाहिए कि अगर स्नान घर में स्नान करते समय दस मिनट से अधिक समय स्नान करने वाले को लगता है, तो वे इसकी जांच जरूर कर लें कि वह भीतर ठीक है। कभी भी कॉर्बन मोनोडाईऑक्साईड का शिकार होने पर लापरवाही न बरतें और फौरन डॉक्टर का सहयोग लें।
डबवाली में गैस गीजरों के चलते करीब 50 घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन इसके बावजूद भी गैस गीजर का उपयोग करने वाले उपभोक्ता अपनी लापरवाही को छोडऩे के लिए तैयार नहीं है। चूंकि प्रत्येक उपभोकता घटना के बाद यही सोचता है कि यह घटना दूसरे के साथ घटित हुई है, उसका इससे क्या सम्बन्ध है। उल्लेखनीय है कि 27 जनवरी को बिमला नामक महिला गैस गीजर के प्रभाव के चलते स्नान करते समय दम तोड़ गई थी।
यह भी पता चला है कि पिछले दिनों आदर्श नगर में गैस गीजर के कारण स्नान कर करते समय सोनिया नामक युवती बेहोश हो गई थी। जिसे तत्काल एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया था। यदि मौका पर फाईनैंसर लवली मैहता न होता तो एक बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती थी।

उपद्रवियों ने लगाई डाकघर में आग

बनवाला/गोरीवाला (जाखड़/सुथार) डबवाली उपमण्डल के गांव गोरीवाला के डाकघर में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगाकर सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार मंगलवार सुबह डाकघर गोरीवाला के सब पोस्टमास्टर राजेंद्र कुमार ने दो दिन की छुट्टी पश्चात जैसे ही डाकघर खोला तो पाया की डाकघर का पीछे वाला दरवाजा टूटा व खुला हुआ था व डाकघर का अधिकतर सामान जला हुआ था। उन्होंने इसकी सूचना ग्राम सरपंच व पुलिस चौकी गोरीवाला को दी। घटना की सूचना मिलते ही ग्राम पंचायत सदस्य, पुलिस चौकी प्रभारी कृष्ण कुमार, सदर डबवाली के एसएचओ भगवान दास अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे व घटना का जायजा लिया। प्रथम दृष्टि से घटना को डेरा समर्थकों द्वारा 27 फरवरी को प्रदेश भर में की गई आगजनी के संदर्भ में देखा जा रहा है। क्योंकि उसी दिन गोरीवाला क्षैत्र के गांव मुन्नावाली व नुहियांवाली में हरियाणा रोड़वेज की दो बसों को आग लगाई होगी। संभव है कि उसी समय डाकघर को आग लगाई गई हो क्योंकि डाकघर के पिछले दरवाजे को तोड़ा गया है व डाकघर की पिछली साईड में कन्या स्कूल है, जहां जनता का आवागमन नहीं है। इसीलिए उपद्रवियों नें पीछे का दरवाजा तोड़कर मिट्टी का तेल डालकर शायद आग लगा दी हो क्योंकि डाकघर के टेबल पर प्लास्टिक की केनी अधजलि अवस्था में पड़ी थी व डाकघर का कुछ सामान जलकर राख हो गया।
आज प्रात:जैसे ही डाकघर खोला गया तो आग जलकर बंद हो चुकी थी व कहीं कोई धुंआ नहीं निकल रहा था व ना ही कोई सामान गर्म था। जब इस बारे में गोरीवाला के सब पोस्टमास्टर राजेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया की इस घटना में नकदी, एनएसवी व टिकट आदि का नुकसान नहीं हुआ है व कुछ पुराने रजिस्टर व कागजात जले हैं। पुलिस चौकी प्रभारी कृष्ण कुमार ने डाकघर गोरीवाला के सब पोस्टमास्टर राजेंद्र कुमार के ब्यान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आइपीसी की धारा 436 के तहत पर्चा दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है और एतहात के तौर पर सरकार ने डबवाली क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने क्षेत्र में बीएसएफ के जवान तैनात कर दिये हैं।