10 मार्च 2010

छात्रों ने जाम लगाया, कार तोड़ी

सिरसा: जिला के कस्बा नाथूसरी चौपटा में राजकीय चौ. देवीलाल बहुतकनीकी संस्थान के छात्रों ने दो छात्रों की एक प्राध्यापक द्वारा पिटाई को लेकर जाम लगा दिया। गुस्साएं छात्रों ने प्राध्यापक की कार भी तोड़ डाली।
मिली जानकारी के अनुसार संस्थान के छात्र रितेश पुनिया, संदीप, सुमित व सुनील जो कि संस्थान के छात्रावास में रहते हैं। छात्रावास के वार्डन एवं कम्प्यूटर प्राध्यापक जगमेल सिंह प्रात: छात्रावास आए तो उपरोक्त छात्र स्नान इत्यादि कर रहे थे। प्राध्यापक ने आव देखा न ताव और रितेश पुनिया, संदीप, सुमित व सुनील की बार-बार पिटाई करनी आरंभ कर दी। प्राध्यापक ने रितेश पुनिया को संस्थान प्रांगण में घसीटकर छात्र-छात्राओं के समक्ष भी खूब धुना। उपरोक्त छात्रों पर संदीप नामक एक छात्र का फोन चुराने का इल्जाम बताया जा रहा है। संदीप ने दो दिन पहले छात्रावास वार्डन जगमेल सिंह को अपना मोबाइल चोरी होने की शिकायत की थी।
प्राध्यापक द्वारा छात्रों की धुनाई से संस्थान के अन्य छात्र उत्तेजित हो उठे और सिरसा नाथूसरी चौपटा मार्ग को नारेबाजी करते हुए अवरूद्ध कर दिया जिससे वाहनों की लम्बी कतार लग गई और सवारियों को आवाजाही में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। गुस्साए छात्रों ने संस्थान परिसर में प्राध्यापक जगमेल सिंह की खड़ी कार पर डंडों व पत्थरों से वारकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। समाचार लिखे जाने तक दोनों ओर से पुलिस थाने में कोई भी अभियोग दर्ज नहीं करवाया गया था। संस्थान के प्राचार्य डा. एन.के. भ्याना ने बताया कि प्राध्यापक व छात्रों के बीच आपसी सुलह से मामला सुलझा लिया गया है।
इसकी सूचना जब प्रशासनिक अधिकारियों को मिली तो नाथूसरी चौपटा पुलिस थाना के रामकुमार सहायक उपनिरीक्षक दलबल सहित मौके पर पहुंचे मगर छात्रों ने उनकी एक न सुनी और अपने आंदोलन को ओर तेज कर दिया। संस्थान के प्राचार्य डा.एस.के भ्याना ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को उचित कार्यवाही का आश्वासन देकर शांत किया।

विपक्ष का षडयंत्र के तहत विधानसभा से निलम्बन-चौटाला

चण्डीगढ़ (वि.) हरियाणा के विपक्षी विधायकों को विधानसभा से निलम्बित किए जाने की घटना को लोकतन्त्र की हत्या बताते हुए विपक्ष ने आज प्रदेश के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा से तुरन्त इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग की। विपक्षी विधायकों ने हुड्डा सरकार पर प्रजातान्त्रिक मूल्यों, परम्पराओं व मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने एक सोचे-समझे राजनीतिक षडय़ंत्र के तहत उन्हें विधानसभा से निलम्बित किया है। विधानसभा से निलम्बित किए गए विपक्ष के 35 विधायकों जिनमें इनेलो के 31, भाजपा के तीन व अकाली दल के एकमात्र विधायक ने विपक्ष के नेता ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा से मुलाकात कर एक ज्ञापन दिया और हुड्डा सरकार द्वारा लोकतन्त्र को पैरों तले रौंदने का आरोप लगाया।
विपक्षी विधायकों के प्रतिनिधिमण्डल में इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण पाल गुज्जर, भाजपा विधायक दल के नेता अनिल विज, इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला, ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला, इनेलो विधायक दल के उपनेता शेर सिंह बडशामी, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा, भिवानी से भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ, भाजपा के मीडिया प्रभारी राजीव जैन व अकाली दल विधायक चरणजीत सिंह सहित विधानसभा से निलम्बित किए गए सभी 35 विधायक शामिल थे। विपक्ष के नेता ने राज्यपाल को बताया कि मौजूदा सरकार जोड़-तोड़ व दलबदल के सहारे सत्ता में आई है और इसे हर समय यह भय सता रहा है कि इस खरीदो फरोख्त के सहारे हथियाई गई सत्ता का किसी भी समय पतन हो सकता है। इसी भय के चलते सत्तापक्ष ने जानबूझ कर पूरे विपक्ष को सदन की शेष अवधि के लिए निलम्बित किया है।
राज्यपाल को ज्ञापन देने के बाद हरियाणा राजभवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौटाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार का लोकतन्त्र में विश्वास नहीं है और सरकार विपक्ष का सामना करने का साहस नहीं जुटा पा रही। चौटाला ने बताया कि राज्यपाल ने विपक्षी विधायकों की बात को पूरे ध्यान से सुना और उन्होंने जल्द इस मामले में जरूरी कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाया। चौटाला ने कहा कि विपक्ष अगर विधानसभा से बाहर लोगों की बात को उठाता है तो उस पर लाठियां बरसाई जाती हैं और विधानसभा के अन्दर विधायक अगर अपनी बात रखने का प्रयास करें तो पूरे विपक्ष को विधानसभा सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया जाता है। उन्होंने इसे लोकतन्त्र के लिए काला अध्याय बताते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।
विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल को बताया कि प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में जबसे सरकार पर गठन हुआ है तभी से विधानसभा के अंदर व बाहर लगातार लोकतांत्रिक मर्यादाओं, संवैधानिक मूल्यों, प्रजातांत्रिक परम्पराओं व अधिकारों का हनन हो रहा है। सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए प्रजातंत्र की बुनियादी संस्थाओं को तबाह करने में लगी हुई है और लोकतंत्र की सभी स्थापित मर्यादाओं को पैरों तले रौंदा जा रहा है। प्रजातंत्र में लोगों के जनतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने व उन्हें उनके हक दिलाने के लिए विपक्ष की अहम भूमिका होती है। प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों व लोगों के साथ की जा रही ज्यादतियों को समय-समय पर विधानसभा में उठाना व इस बारे आपको भी अवगत करवाना विपक्षी विधायक अपना फर्ज समझते हैं।
चौटाला ने राज्यपाल को बताया कि पिछले कुछ समय से प्रदेश की जनता दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई, सभी जरूरी वस्तुओं के आसमान छूते मूल्यों और डीजल, पेट्रोल व खाद इत्यादि के दामों में निरंतर वृद्धि को लेकर त्राहि-त्राहि कर रही है। आम आदमी के लिए अपना जीवन यापन करना भी बेहद कठिन हो गया है। प्रधानमंत्री व अन्य केंद्रीय नेताओं ने भी अनेक अवसरों पर कहा है कि महंगाई को रोकने में राज्य सरकारों की भी अहम जिम्मेवारी है। केंद्र व राज्य सरकार की अक्षमता के कारण आम व्यक्ति दो वक्त की दाल रोटी से भी वंचित हो गया है। सरकार बढ़ती महंगाई को रोकने में पूरी तरह से विफल रही है। विपक्षी विधायक प्रदेश की जनता द्वारा चुने गए निर्वाचित प्रतिनिधि है, वे प्रदेश की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और लोगों के उचित अधिकारों, परेशानियों, दिक्कतों व समस्याओं को विधानसभा के अंदर व बाहर उठाना उनका नैतिक फर्ज व लोकतांत्रिक अधिकार है।
इनेलो प्रमुख ने राज्यपाल को बताया कि पूरा विपक्ष चाहता था कि जनहित के इस सबसे अहम मुद्दे पर सदन में चर्चा की जाए और इसी आश्य को लेकर हमारी पार्टी की ओर से पांच मार्च को हरियाणा विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमों के नियम 66 व 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव दिया था। इसी संबंध में एक अन्य प्रस्ताव अम्बाला छावनी से भाजपा विधायक अनिल विज की ओर से भी आठ मार्च को दिया गया। राज्यपाल को दोनों स्थगन प्रस्तावों की प्रतियां भी सौंपी गई। पूरा विपक्ष इस अहम मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के जरिए विधानसभा में चर्चा की मांग कर रहा था ताकि महंगाई से त्रस्त प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए व्यापक विचार विमर्श किया जा सके और राज्य सरकार को अहम सुझाव देकर उसकी जनविरोधी नीतियों को दुरूस्त करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से बाध्य किया जा सके। विपक्ष के इन अहम स्थगन प्रस्तावों को स्वीकार करने और महंगाई पर चर्चा करवाने की बजाए सत्ताधारी पार्टी ने एक बार फिर सभी प्रजातांत्रिक मूल्यों, परम्पराओं व मर्यादाओं का गला घोंटते हुए विधानसभा में सभी स्थापित लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी और सरकार ने पूरे विपक्ष (नेता प्रतिपक्ष सहित) को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया। ऐसा करके सत्ताधारी पार्टी ने विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया है जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता और सत्ताधारी पार्टी को अपनी मनमानी करने की छूट नहीं दी जा सकती।
विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में कहा कि स्वयं उनका राजनीतिक जीवन में विधानसभा की कार्यवाही को विभिन्न पदों पर रहकर उसमें हिस्सा लेने और उसका संचालन करने में बहुत लंबा राजनीतिक व प्रशासनिक अनुभव रहा है। वे गांधीवादी जीवन मूल्यों व आदर्शों में आस्था रखते हैं और उन्होंने पूरा जीवन प्रजातांत्रिक मूल्यों व परम्पराओं को सम्मानपूर्वक निर्वहन करने में प्राथमिकता दी है। वे भली भांति जानते हैं कि पूरे विपक्ष को अलोतांत्रिक तरीके से सदन से निलम्बित करके विधानसभा की कार्यवाही का संचालन करना पूरी तरह से प्रजातांत्रिक मूल्यों का हनन है और इससे किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में स्वीकार नहीं किया जा सकता। असल में विपक्ष को सत्तापक्ष द्वारा महंगाई पर दिए गए स्थगन प्रस्ताव के कारण नहीं बल्कि एक सोची समझे राजनीतिक षड्यंत्र के तहत निलम्बित किया गया है। राज्यपाल को यह भी बताया गया कि सरकार ने उनको भी जानबूझ कर गुमराह करने का प्रयास किया है और उनके अभिभाषण में कुछ अंश ऐसे दर्ज किए हैं जो तथ्यों से विपरित है। राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि पूरे विपक्ष को अलोकतांत्रिक तरीके से सत्तापक्ष द्वारा सदन से निलम्बित करके सदन की कार्यवाही को चलाना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं ठहराया जा सकता। ज्ञापन में राज्यपाल से कहा गया कि प्रदेश के संवैधानिक मुखिया होने के नाते प्रजातांत्रिक मूल्यों, जनतांत्रिक परम्पराओं व लोकतंत्र की रक्षा करने और लोगों की भलाई के लिए इस मामले में उनका हस्तक्षेप किया जाना अति अनिवार्य है। साथ ही विपक्ष ने राज्यपाल को दिए ज्ञापन में यह उम्मीद भी जताई कि वे प्रदेश सरकार द्वारा लोगों के हितों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ व कुठाराघात पर रोक लगाते हुए तुरंत इसमें हस्तक्षेप करेंगे।

रामबाग में हंगामा

डबवाली (लहू की लौ) यहां के रामबाग में घुसकर एक व्यक्ति ने खूब हंगामा मचाया और उस पर मौका पर पहुंची पुलिस ने काबू पाया।
रामबाग प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष कश्मीर सिंह तनेजा ने बताया कि मंगलवार सुबह अचानक एक व्यक्ति रामबाग में घुस आया और छत पर जा चढ़ा। देखते-ही-देखते उक्त व्यक्ति गुण्डागर्दी पर उतर आया और अपनी शर्ट उतारकर रौब झाडऩे लगा। वह बेसबाल बैट भी लिये हुए था और उसे हवा में घूमाये जा रहा था। यह तमाशा करीब एक घण्टा तक चलता रहा। उनके अनुसार रामबाग में संस्कार करने आये व्यक्ति भी यह देखकर हैरान रह गये।
तनेजा के अनुसार साहस करते हुए उन्होंने प्रबन्धक कमेटी सदस्यों को साथ लेकर उसे समझाने की कोशिश की। लेकिन वह उनके ही गले पड़ गया और गाली-गलौच करने लगा। मौका पर एएसआई बलवीर सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने उक्त व्यक्ति पर काबू पाया। आरोपी की पहचान विजय निवासी डबवाली के रूप में हुई है।
अध्यक्ष के अनुसार विजय रामबाग में बने शिव मन्दिर के पुजारी प्रेम कुमार का भाई है और उनमें आपस में तकरार चल रही है। उनके अनुसार प्रेम कुमार को समझा दिया गया है कि वह अपने पारिवारिक मामले घर पर ही निपटाये।

बिजली कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया रोष प्रदर्शन

डबवाली (लहू की लौ) संयुक्त कर्मचारी मंच हरियाणा से सम्बन्धित हरियाणा बिजली कर्मचारी मंच के कार्यकर्ताओं ने मंच के प्रदेशाध्यक्ष खेता राम की अध्यक्षता में एक्सीयन तथा एसडीई के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इधर एक्सीयन ने प्रदर्शन को बेहुदा करार देते हुए इसे कामचोरों का प्रदर्शन बताया।
प्रदर्शनकारियों को बिजली कर्मचारी मंच के राज्य प्रधान खेता राम, उपप्रधान राजेन्द्र सिंह राठी, उपमहासचिव मेहर सिंह बांगड़, मुख्य संगठनकर्ता सतपाल सिंह पन्नू, वित्त सचिव राजेन्द्र सिंह मलिक, सोनीपत सर्कल सचिव राजेन्द्र कौशिक, यूनिट सचिव महेन्द्र सिंह मलिक, उपमहासचिव आर.डी. शर्मा, भाग सिंह, सर्कल सचिव हरभजन सिंह गिल, यूनिट प्रधान मोहन लाल ने भी सम्बोधित किया।
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि डबवाली एक्सीयन कार्यालय में कर्मचारियों के एसीपी केस, हाऊस रेंट अलाऊंस केस, सीएफसी फॉर सबस्टेशन, कर्मचारियों की पे स्लीप, पेंशन केस, ड्राईंग सेक्शन के लिए कम्प्यूटर का प्रबन्ध आदि मांगे काफी समय से लम्बित हैं। बार-बार प्रयास करने के बाद भी एक्सीयन ने इस मांगों का कोई समाधान नहीं किया।
उन्होनें आरोप लगाया कि 8 मार्च को 1 बजे का समय एक्सीयन ने यूनियन के साथ बातचीत के लिए दिया था। लेकिन जानबूझकर कार्यालय में हाजिर नहीं हुए। जिसके चलते यूनियन को आज मजबूरन प्रदर्शन का फैसला लेना पड़ा।
राज्य अध्यक्ष खेता राम ने सरकार की कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों, निजीकरण, छंटनी, ठेकेदारी प्रथा आदि की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए सरकार व निगम मैनेजमेंट का गुडग़ाव व पानीपत सर्कलों को फ्रेंचाईजी को सौंपने का फैसला कर्मचारी विरोधी बताया।
इस प्रदर्शन के दौरान इस संवाददाता से बातचीत करते हुए राज्य अध्यक्ष खेता राम ने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया के चलते अधिकारी कर्मचारियों पर ओवर लोड डाल रहे हैं और छुट्टी के दिन भी उन्हें काम के लिए मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गत दिवस बिना किसी कारण के कर्मचारियों का तबादले कर दिये गये। उनकी मांग है कि अधिकारी अपना रवैया बदलें और बिना किसी कारण के किये गये तबादले रद्द किये जायें।
इस प्रदर्शन में रविन्द्र मैहता, सिरसा यूनिट प्रधान मदन लाल, चौटाला सब यूनिट प्रधान मनी राम, उपप्रधान हरविन्द्र सिंह, राजदेव गांव डबवाली भी शामिल हुए। कर्मचारियों ने अधिकारियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस संदर्भ में जब एक्सीयन आरके वर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जनहित में शिकायत के आधार पर सम्बन्धित कर्मचारियों के तबादले किये गये थे। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कर्मचारी निगम के काम को नहीं करना चाहते, इसलिए वे अधिकारियों पर अपना दबाव बनाकर फरलो पर रहना चाहते हैं।

पंजाब में पी ए यू 201 धान का 40 लाख टन का भंडार खराब होने के कगार पर

धान से चावल की प्राप्ति दर की शर्त नरम करने के लिये हरसिमरत द्वारा शरद पवार को अपील
बठिण्डा (लहू की लौ) बठिडा से अकाली दल की लोक सभा सदस्य श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने के न्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार को अपील की कि शीघ्र निर्णय लेते हुये धान से चावल की प्राप्ति की 67 प्रतिशत दर की शर्त को घटा कर 62 प्रतिशत किया जाये ताकि भारतीय खाद्य निगम पंजाब से 40 लाख टन धान का उठवा सके जोकि यहंा पडा खराब हो रहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री को लिखे एक पत्र मेंं श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने उनको परिचित करवाया कि जब से रबी की फसल पकने वाली है, पंजाब को इस की संभाल की बडी समस्या का सामाना करना पड रहा है क्योकि एफ सी आई द्वारा धान को न उठाये जाने के कारण 40 लाख टन धान पंजाब में पडा खराब हो रहा हेै, जबकि इस समय देश भर में हजारों लोगों को प्रतिदिन भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड रहा है।
श्रीमती बादल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री के ध्यान में लाया कि एफ सी आई द्वारा धान की पी ए यू 201 किस्म को यह कह कर उठाया नही जा रहा क्योकि इसमें नकुसान मजंूर शुद्धा 5 प्रतिशत से अधिक है उन्होंने बताया कि अधिक झाड और कम पानी की खपत करने वाली धान की इस किस्म को सी आई पी एच टी टी लुृधियाना द्वारा करवाई गई हेै आई सी आर स्टडी द्वारा पूरी तरह मान्यता मिली हुई हेेै। उन्होंने बताया कि पी एफ के अधिकारियों द्वारा लिये गये नमूनों को भी एक प्रयोग शाला द्वारा ठीक ठहराया जा चुका है।
वातावरण के परिवर्तन के चलते वर्ष 2001-2002 दौरान धान से चावल की प्राप्ति दर को 67 प्रतिशत से घटाकर 64 प्रतिशत करने का हवाला देते हुये श्रीमती बादल ने कहा कि पंजाब में बीती गर्म ऋ तु दौरान 65 प्रतिशत कम वर्षा होने के बावजूद यहां के किसानों और पंजाब सरकार ने अपने हर संभव स्त्रोत का प्रयोग किया ताकि देश की अन्न सुरक्षा को विश्वसनीय बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सदी के सबसे बडे सूखे का सामना करते हुये पंजाब ने इन प्रयत्नों के बावजूद 168.35 लाख टन धान की पैदावार की जबकि देश के अन्य हिस्सों में धान के झाड में बडी कमी आई । श्रीमती बादल ने कहा कि सूखे की स्थिति को मददेनजर रखते हुये केवल कडी मेहनत के लिए तारीफ करने के अतिरिक्त न तो पंजाब के किसानो को और न ही राज्य को कोई मुआवजा दिया गया।
श्रीमती बादल ने अपील की है कि श्री शरद पवार स्वयं दखल अदांजी करते हुये एक बार के आधार पर धान से चावल की प्राप्ति की दर वाली शर्त में नरमी की इजाजत दे ताकि देश के अन्न भंडार केा पेशआ रहे इस संकट से निजात मिल सके।

महिला को विदेश ले जाकर यौन शोषण किया

श्रीगंगानगर। एक विवाहित महिला को विदेश ले जाकर उसका देह शोषण किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इस महिला को विदेश ले जाने वाला युवक हाल ही मलेशिया से वापिस आया है। महिला को भी वह साथ में ले आया। पीडि़त महिला ने आज शाम पदमपुर थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर रघुवीरसिंह निवासी चक 36 आरबी के विरूद्ध धारा 420, 366, 328, 376 में मुकदमा दर्ज किया गया। थानाप्रभारी बलराज मान ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उनके अनुसार महिला मनदीपकौर (नाम तब्दील) की शादी लगभग 20 वर्ष पहले श्रीबिजयनगर के निकट एक चक में हुई थी। उसके 18 वर्ष की पुत्री है। मनदीपकौर का कहना है कि रघुवीरसिंह के साथ उसकी मामूली जान-पहचान थी। लगभग चार महीने पहले जब वह पदमपुर के निकट एक चक में अपने पीहर आई हुई थी, तब रघुवीरसिंह उसे विदेश भिजवाने का कहकर पासपोर्ट ले गया। बाद में उसने वीजा का इंतजाम किया। कुछ दिन बाद रघुवीरसिंह उसे दिल्ली ले गया, जहां एयरपोर्ट पर जाने पर फ्लाईट छूट जाने का कहकर एक होटल में ले गया। मनदीपकौर के मुताबिक होटल में रघुवीरसिंह ने उसे नशीली वस्तु खिला दी और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। अगले दिन रघुवीरसिंह उसे दूसरी फ्लाईट से मलेशिया ले गया, जहां उसे नशा दे-देकर उसके साथ यौन शोषण करता रहा। चार-पांच दिन पहले रघुवीरसिंह उसे वापिस ले गया। थानाप्रभारी के मुताबिक रघुवीरसिंह पुराने ट्रैक्टरों की खरीद-फरोख्त का काम करता था। इसी दौरान उसके कुछ ऐसे व्यक्तियों से संपर्क हुए, जो यहां के लोगों के विदेश भेजने का काम करते थे। इन व्यक्तियों के जरिये रघुवीरसिंह ने भी इस क्षेत्र के कुछ युवाओं को मलेशिया भिजवाया। उन्होंने बताया कि रघुवीरसिंह की तलाश शुरू कर दी गई है। मनदीपकौर का मैडिकल चैकअप करवाया जा रहा है।

विकलांग वृद्ध भिखारी की नृशंस हत्या

बीकानेर। बीकानेर रेलवे स्टेशन के सामने फुटपाथ पर एक विकलांग वृद्ध भिखारी की अज्ञात व्यक्तियों ने नृशंस हत्या कर दी। यह भिखारी आज सुबह अपनी ट्राई साईकिल के समीप चारपाई पर रक्त-रंजित अवस्था में मृत पाया गया। बीती रात इस भिखारी को तीन साधू वेशधारी व्यक्तियों के साथ शराब का सेवन करते हुए देखा गया था। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बीकानेर रेलवे स्टेशन परिसर से इन दिनों जीआरपी-आरपीएफ ने भिखारियों-खानाबदोश व्यक्तियों को खदेड़ा हुआ है। ऐसे व्यक्तियों में से अधिकांश ने अपना ठिकाना स्टेशन के सामने के फुटपाथ को बना लिया है। इसी फुटपाथ पर पिछले कुछ समय डेरा जमाये हुए विकलांग वृद्ध की रात को हत्या हो गई। नजदीक चाय-दूध का खोखा चलाने वाला व्यक्ति आज सुबह जब आया तो उसने भिखारी को मृत देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर डीएसपी (शहर) मुरलीधर किराडू और कोटगेट थानाप्रभारी धर्मसिंह पूनिया पहुंचे। उन्होंने आसपास के लोगों से पूछताछ की। साथ ही उस वजनी वस्तु को तलाश किया, जिससे भिखारी के सिर में चोट मारी गई। थानाप्रभारी श्री पूनिया के अनुसार करीब 60 वर्षीय यह भिखारी पैरों से विकलांग था। उसने अपनी ट्राई साईकिल को फुटपाथ पर लगाकर इसी पर अपना आशियाना बनाया हुआ था। रात को वह नजदीक खोखेवाले की चारपाई पर सो जाता था। इस खोखेवाले के घर से ही उसके लिए खाना आता था। खोखेवाले ने बताया कि वह रात को जब 11 बजे घर जाने लगा, तब उसने भिखारी को साधू वेशधारी तीन भिखारियों के साथ शराब का सेवन करते हुए देखा था। थानाप्रभारी ने बताया कि मृतक गांजे की चिलम भी पीता था। उसके एक हाथ पर अस्पष्ट नाम गुदा हुआ है। यह नाम पढऩे में कैलाशचंद्र अथवा कृष्णचंद्र पराशर आता है। मृतक उत्तरप्रदेश का निवासी होने की संभावना है। उसके शव को अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवाया गया है। उसकी शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं। शिनाख्त नहीं होने पर उसका नाबालिग के रूप में अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया लगता है कि रात को शराब-चिलम का सेवन करते समय इस भिखारी का झगड़ा हो गया और उसके सिर में वजनी वस्तु मारकर हत्या कर दी गई।