16 फ़रवरी 2010

आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में अभय चौटाला को सीबीआई अदालत के सम्मन जारी

नई दिल्ली (लहू की लौ) दिल्ली की एक अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में पेश न होने पर ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला के खिलाफ आज जमानती वारंट जारी किया। विशेष सीबीआई न्यायाधीश पीएस तेजी ने इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक चौटाला को 22 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने चौटाला के खिलाफ यह कदम तब उठाया जब सीबीआई अभियोजक एके दत्त ने अदालत से कहा कि उनके प्रयासों के बावजूद नेता के खिलाफ जारी सम्मन का पालन नहीं हो सका।
अदालत ने सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के बाद अभय चैटाला, उनके भाई अजय चौटाला और अन्य के खिलाफ दो फरवरी को सम्मन जारी किए थे। इस बीच अदालत में पेश होने वाले हरियाणा के विधायक अजय चौटाला और सह अभियुक्त चेतराम, अेमप्रकाश, अभिमन्यु सिंह, राजेंद्र कुमार और नेतराम को अंतरिम जमानत प्रदान कर दी गई। अदालत ने अगली कार्यवाही के लिए मामला 22 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। सीबीआई ने 24 दिसंबर को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के दोनों बेटों अभय और अजय के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
अजय के खिलाफ जारी आरोप पत्र में सीबीआई ने दावा किया है कि उनके पास 27.74 करोड़ रुपए की संपत्ति है जो 1993 से 2006 तक उनकी आय 8.17 करोड़ रुपए से अधिक है। अभय चैटाला के खिलाफ आरोप पत्र में दावा किया गया है कि आयकर विभाग के रिकार्ड के अनुसार उनके पास 2000 से 2005 के दौरान उनकी आय 22.89 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति थी। सीबीआई ने प्राथमिकी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का नाम भी अभियुक्त के रूप में लिया था लेकिन आवश्यक स्वीकृति के अभाव में आरोप पत्र दायर नहीं कर सकी। जांच एजेंसी ने अप्रैल 2006 में मामला दर्ज किया था और चौटाला परिवार के दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और चंडीगढ़ में स्थित 24 परिसरों पर छापे मारे थे। इस दौरान 13 लाख रुपए जब्त किए गए और 1.34 करोड़ रुपए वाले पांच बैंक खाते फ्रीज किए गए। सीबीआई ने चौटाला और उनके परिवार से संबंधित चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा प्राथमिकी में दर्ज किया जो जुलाई 1999 से मार्च 2005 में अर्जित की गई थी। प्राथमिकी के अनुसार चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के गुडग़ांव, हरियाणा, दिल्ली के करोल बाग, हिमाचल प्रदेश के मनाली, उत्तराखंड के नैनीताल और चंडीगढ़ की पाश जगहों पर प्लाट हैं। इसके अतिरिक्त करोल बाग में एक होटल और एक रेस्तरां, एक शापिंग माल, कृषि भूमि के छह प्लाट, छह फार्म हाउस और 50 करोड़ रुपए मूल्य की नकदी तथा आभूषण है।

डबवाली से गांव नुहियांवाली गई ऑर्केस्ट्रा डांसर से बलात्कार

औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) खण्ड के गांव नुहियांवाली के खेतों में आर्केस्ट्रा के बहाने लाई गई लड़की के साथ छेड़छाड़ व बलात्कार करने का मामला प्रकाश में आया है। औढ़ां पुलिस ने रिंकू उर्फ रानी देवी निवासी नजदीक पंजाब पैलेस डबवाली की शिकायत पर सात युवकों के खिलाफ धारा 342, 366, 376, 511, 354 व 34 आइपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
रानी देवी ने अपने बयान में बताया कि वो आर्केस्ट्रा का काम करती है और कल शाम जीवन राम गोरीवाला व सीरा सिंह मिस्त्री जण्डवाला उसे आर्केस्ट्रा करने हेतु डबवाली से 2 हजार रुपए में करके लाए। नुहियांवाली पहुंचकर जब वे उसे खेतों की ओर ले जाने लगे तो उसके एतराज जताने पर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम एक ढाणी में रखा गया है तथा उसे एक नलकूप पर ले गए जहां उनके अन्य 5 साथी जंडवाला निवासी सीरा सिंह व हरविंद्र सिंह एवं नुहियांवाली निवासी सुभाषचंद, राजीव कुमार व संदीप कुमार पहले से मौजूद थे। वहां पहुंचकर उन्होंने उसे उन पांचों के हवाले कर दिया तथा सभी की सहमति से हरविंद्र सिंह ने उसके साथ कुकर्म किया। स्वयं को असहाय पाकर उसने बहाना किया कि उसे शौच जाना है और नग्न अवस्था में अपने ऊपर चादर ओढ़कर वो सरसों के खेत में चली गई तथा आंख बचाकर वहां से भाग निकली। गांव नुहियांवाली में पहुंचकर उसने एक घर का दरवाजा खटखटाया और घर वालों ने उसकी दशा को देखते हुए उसे पहनने को कपड़े दिए तथा सरपंच रामकुमार नेहरा व ओढ़ां पुलिस को सूचित कर दिया।
सूचना मिलते ही ओढ़ां थाना प्रभारी हीरा सिंह मौके पर पहुंचे और रानी देवी को ओढ़ां थाना में लाकर पूछताछ की। हीरा सिंह ने बताया कि लड़की को मेडिकल हेतु सिरसा भेज दिया है और उन सातों के घरों पर छापा मारा गया है लेकिन वे घर पर नहीं मिले। उन्होंने कहा कि सातों आरोपी युवकों को शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

भड़के मनरेगा मजदूर

डबवाली (लहू की लौ) गांव मसीतां में मनरेगा के तहत काम कर रहे 780 मजदूरों ने आज अपनी मांगों को लेकर बीडीपीओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया और धरना दिया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व किसान सभा हल्का डबवाली के प्रधान मनदीप सिंह तथा खेत मजदूर सभा के सन्त राम कर रहे थे।
मनरेगा मजदूर नरेश कुमार, कर्म सिंह, गुरलाल, सुखपाल सिंह, दर्शन सिंह, गुरमेल कौर, बलजीत कौर, चरणजीत कौर, नसीब कौर आदि ने आरोप लगाया कि गांव मसीतां में एक सप्ताह पूर्व जंगल क्लीयरेंस और गडडे खोदने का काम शुरू हुआ था और इस दौरान पंचायत की ओर से 780 मजदूरों को रखा गया था। लेकिन जब मनरेगा के तहत मजदूरी देने का समय आया तो उन्हें दिहाड़ी के अनुसार पेगार नहीं दी गई। जिन्होंने चार दिन काम किया था, उन्हें दो दिन का और जिन्होंने दो दिन काम किया था उन्हें एक दिन का, जिन्होंने एक दिन काम किया था उन्हें मनरेगा के तहत कुछ भी नहीं दिया गया। बल्कि चार दिन काम चलाने के बाद काम को पंचायत ने वहीं रोक दिया।
इन मजदूरों के अनुसार उनसे जितने दिन काम करवाया गया है, उतने दिन की दिहाड़ी दी जाये और साथ में बन्द पड़े काम को फिर से चलाकर उन्हें रोजगार दिया जाये। इन मजदूरों ने हरियाणा सरकार, बीडीपीओ के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
मौका पर उपस्थित बीडीपीओ राम सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पंचायत सचिव बनवारी लाल तथा जेई हंसराज द्वारा उनके समक्ष जो रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उसमें माप के बाद 396 गड्डे खोदे दिखाये गये हैं, वे भी 780 मजदूरों द्वारा। बीडीपीओ ने आगे बताया कि सम्बन्धित मजदूर दिहाड़ी के अनुसार राशि मांग रहे हैं, लेकिन उनको राशि मनरेगा के नियमानुसार दी जा रही है। उनके अनुसार 1 लाख 77 हजार रूपये की राशि पंचायत के खाता में जमा करवाई जा चुकी है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि तीन दिन से काम बन्द है। उन्होंने मजदूरों को आश्वासन दिया कि वे विभाग के जेई परमिन्द्र सिंह से किये गये काम की पेमाईश करवाकर जितनी राशि बनेगी, वे अदा करवा देंगे।

पत्नी की मौत के बाद पति ने जहर घटका

डबवाली (लहू की लौ) तीन दिन पूर्व घरेलू कलह के चलते चूहे मार दवा घटकने वाली महिला की डबवाली के सिविल अस्पताल में मौत हो गई और इस मौत की खबर सुनकर उसके पति ने भी जहरीला पदार्थ निगल लिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार मण्डी किलियांवाली निवासी पूनम पत्नी नीटू ने घरेलू कलह के चलते शनिवार को चूहे मारने वाली दवा खा ली थी। इसकी जानकारी मिलते ही नीटू ने उसे एक प्राईवेट अस्पताल में दाखिल करवा दिया। लेकिन उसकी हालत बिगड़ती देखकर पूनम के मामा ने प्राईवेट अस्पताल से उसे डबवाली के सिविल अस्पताल पहुंचाकर सोमवार को इलाज के लिए दाखिल करवा दिया। लेकिन दवा के प्रभाव को सहन न करते हुए आज सुबह ही पूनम ने दम तोड़ दिया।
जैसे ही पूनम के पति नीटू को पता चला कि पूनम ने दम तोड़ दिया है, तो उसने भी जहरीला पदार्थ निगल लिया और उसे गंभीर हालत में एक प्राईवेट अस्पताल में इलाज के लिए लेजाया गया। पंजाब पुलिस ने पूनम के शव को अपने कब्जे में ले लिया। समाचार लिखे जाने तक पूनम के माता-पिता अस्पताल नहीं पहुंचे थे।

अनेक रेलगाडिय़ां रद्द होंगी, कईयों के मार्ग बदलेंगे

डबवाली (लहू की लौ) भटिंडा जंक्शन पर नई सिग्नल प्रणाली स्थापित किये जाने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस प्रणाली को स्थापित किये जाने के दौरान इस जंक्शन से आने-जाने वाली 13 रेलगाडिय़ों को एक पखवाड़े के लिए रद्द किया जाएगा, जबकि 23 रेलगाडिय़ों के मार्ग परिवर्तित कर दिये जाएंगे। इस कार्य से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर से भटिंडा होकर आने-जाने वाली अनेक रेलगाडिय़ां प्रभावित होंगी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार भटिंडा रेलवे स्टेशन पर रूट रिले इंटरलोकिंग (आरआरआई) सिग्नल प्रणाली को स्थापित किये जाने के साथ कई और सुधारात्मक कार्य अन्तिम चरण में पहुंच गए हैं। आरआरआई सिस्टम लग जाने से भटिंडा स्टेशन से चलने वाली गाडिय़ों की लेट-लतीफी पर अंकुश लगेगा, लेकिन इस सिस्टम को लगाने के लिए कई दिन कार्य चलेगा। इसलिए रेलवे अथोरिटी ने रेलगाडिय़ों को रद्द करने और उनके मार्ग परिवर्तित करने का निर्णय लिया है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार भठिंडा स्टेशन पर आरआरआई के अलावा पुराने सिग्नल कैबिन की जगह नये कैबिन बनाये जायेंगे। रेलवे यार्ड की हालत सुधारी जाएगी। इसके साथ अन्य सेवाओं के आवश्यक रखरखाव के कार्य भी होंगे। सूत्रों ने बताया कि जिन 13 रेलगाडिय़ों को रद्द किया जा रहा है, उनमें एक बीडी धूरी-भठिंडा, एक एसएचबी भठिंडा-श्रीगंगानगर, चार एसएचबी श्रीगंगानगर-भठिंडा, दो एसएचबी श्रीगंगानगर-भठिंडा, तीन एसएचबी भठिंडा-श्रीगंगानगर, 345 जींद-फिरोजपुर, 346 फिरोजपुर-जींद, 341 दिल्ली-फिरोजपुर, 342 फिरोजपुर-दिल्ली, 343 जींद-हिसार, 344 हिसार-जींद, एक आरबी भठिंडा-रेवाड़ी और दो आरबी रेवाड़ी-भठिंडा शामिल हैं।
इसके अलावा जिन रेलगाडिय़ों के मार्ग परिवर्तित किये जा रहे हैं। उनमें 5609/56010 गुवहाटी-लालगढ़ (बीकानेर) एक्सप्रेस मुख्य रूप से शामिल हैं। 8 से 20 मार्च के दौरान यह एक्सप्रेस भठिंडा रेलवे स्टेशन के बजाय भठिंडा के समीप करतारसिंहवाला हाल्ट स्टेशन से होकर आया-जाया करेगी। रेलवे अर्थोटी ने इसके लिए भठिंडा प्रशासन से करतारसिंहवाला स्टेशन पर यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए परिवहन की विशेष व्यवस्था करने का आग्रह किया है। इसी तरह 4887/4888 बाड़मेर-हरिद्वार/कालका एक्सप्रेस भी करतारसिंहवाला स्टेशन पर रूककर आया-जाया करेगी।
रेलवे सूत्रों के अनुसार अन्य प्रभावित होने वाली 19 रेलगाडिय़ों में- 4731-4732 दिल्ली-भठिंडा एक्सप्रेस शामिल हैं, जोकि उक्त अवधि के दौरान भठिंडा की बजाय धूरी से दिल्ली तक आया-जाया करेगी। इसी तरह 4 यूबी भठिंडा-अंबाला ट्रेन अंबाला-धूरी तक चलेगी। 4519/4520 किसान एक्सप्रेस दिल्ली-भठिंडा की बजाय दिल्ली-सिरसा तक चलेगी। 9225-9226 भठिंडा-जम्मूतवी एक्सप्रेस जम्मू-फिरोजपुर तक, 1 एफकेबी, 2 एफकेबी, 3 एफकेबी और 4 एफकेबी भठिंडा-फाजिल्का सवारी रेलगाडिय़ां फाजिल्का-कोटकपूरा तक चलेंगी। इसी तरह 2 एफबी/3 एफबी भठिंडा-फिरोजपुर का आवागमन फिरोजपुर-कोटकपूरा तक रहेगा। 1 बीएसबी/2 बीएसबी सूरतगढ़-भठिंडा रेलगाड़ी सूरतगढ़ से हनुमानगढ़ तक ही चला करेगी। 338/337 लालगढ़ (बीकानेर)-अबोहर पैसेंजर ट्रेन को हनुमानगढ़ तक ही आया-जाया करेगी। 339/340 अबोहर-बीकानेर-जोधपुर सवारी रेलगाड़ी हनुमानगढ़ से ही जोधपुर के बीच चला करेगी।

चौटाला मेरा अपना गांव-मुन्ना भाई

डबवाली (लहू की लौ) ....बेशक मैंने चौटाला गांव की ऐतिहासिक धरा पर जन्म न लिया हो, पर मैं भी चौटाला परिवार का सदस्य हूं। चौटाला गांव मेरा अपना गांव हैं और यहां के लोग ताऊ- चाचा व भाई-बहनें हैं। गांव में पहुंचने पर जो प्यार, स्नेह व आर्शीवाद मिला है, उसे मैं जीवन भर नहीं भूला पाउंगा। ये भावुक शब्द सीने जगत के सुप्रसिद्ध अभिनेता संजय दत्त उर्फ मुन्ना भाई ने कहे। वे रविवार को यहां ऐलनाबाद हलके की जनता के धन्यवादी दौरे के बाद सांय इनेलो महासचिव अजय सिंह चौटाला व विधायक अभय सिंह चौटाला के पैतृक गांव चौटाला में बोल रहे थे। गांव में पहुंचने पर मुन्ना भाई का चौटाला वासियों ने अपने ही अदंाज में भव्य स्वागत किया।
ज्यों ही आज दोपहर फिल्म अभिनेता संजयदत्त के गांव में आने की खबर पहुंची, त्यों ही गांव में उत्सव सा माहौल हो गया और लोग का जोश व उत्साह सातवें आसमान पर था। सांझ तक गांववासी संजयदत्त के गर्मजोशी से स्वागत की तैयारियों मेें लगे रहे। यहां बताते चलें कि सीने अभिनेता संजयदत्त का चौटाला गांव में आने का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित नहीं था परन्तु संजय दत्त ने आज दोपहर स्वयं ने पूर्व उपप्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा रहे स्वर्गीय देवीलाल के गांव चौटाला में आने की इच्छा व्यक्त की थी।
अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला के साथ सीने अभिनेता संजयदत्त गांव में करीब सायं साढ़े छह बजे पहुंचे परन्त गांव वासी चार बजे से ही मुन्ना भाई के स्वागत में गलियों में कतारबद्ध थेे। गांव की मेहमानवाजी देखकर संजय दत्त से रहा नहीं गया और उन्होंने कहा कि मैं यहां मेहमान नहीं हूं बल्कि मैं भी आपका भाई और बेटा हूं और चौटाला परिवार का सदस्य होने के नाते, चौटाला मेरा अपना गांव है। मैं चौधरी देवीलाल की इस पावन भूमि को शत्-शत् नमन क रता हूं।
उन्होंने ठेठ हरियाणावीं अंदाज में राम-राम कह कर गांववासियों का अभिवादन स्वीकर किया। फिल्म अभिनेता ने कांग्रेसियों पर कटाक्ष करते कहा कि इस उपचुनाव में अभय सिंह चौटाला की जीत के बाद बहुरूपिये दिखार्ई नहीं दे रहे हैं।
इससे पहले विधायक अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला ने गांव में पहुंचने पर संजयदत्त का अभिनंदन किया। अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि भाई संजय दत्त चौटाला गांव में आए हैं। इस अवसर पर विधायक कृष्ण कंबोज, अभय सिंह चौटाला के सुपुत्र अर्जुन चौटाला, राजेश गोदारा, मीनू बराड़, प्रदीप सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

आजकल स्कूल, स्कूल कम रिसोर्ट अधिक बन गये हैं--जगजीत सिंह

आजकल स्कूल, स्कूल कम और रिसोर्ट अधिक बन गये हैं। रिसोर्ट महज क्षणिक खुशी देने या समय बिताने का साधन होते हैं, ना कि शिक्षा देकर जीवन बनाने या जीवन लक्ष्य निर्धारित करने के। मैं विद्यालय, स्कूल के आधुनिकीकरण के पक्ष में तो हूं लेकिन राग विलास के स्त्रोत बनाने के विरोध में। हम जिन स्कूलों, कॉलेजों में पढ़कर आये, वहां का फर्नीचर, मैदान, पुस्तकालय आदि वहीं छोड़कर आये। बस वहां से ज्ञान और डिग्रीयां ही हमारे साथ आई। यही विद्यार्थियों की निजी पूंजी होती है। स्कूलों को आधुनिक बनाते समय बच्चों के मनोविज्ञान व कार्यक्षमता का भी ध्यान रखना चाहिए।
बच्चों के आयुवर्ग के अनुसार कार्य लेना होता है, ताकि वे तनाव मुक्त भी रहें और स्तरीय शिक्षा भी प्राप्त करते रहें। आजकल बच्चों को स्कूल,स्कूल कम लगते हैं, जेल ज्यादा। वे अध्यापकों को अपना मार्गदर्शक न मानकर विरोधी समझते हैं। मैं पिछले तेरह सालों से शिक्षा के क्षेत्र में हूं। मैने भारत के अलग-अलग आधुनिक व पिछड़े हुए भागों में पढ़ाया है। मुझे अनुभव हुआ कि विद्यार्थियों को हम अध्यापक के समान या कभी कभार अधिक महत्व देते हैं। जोकि अनुचित सिद्ध होता है। बाल बुद्धि अभी मैच्चौर नहीं हुई होती तो उनके अनुसार स्कूलों के कार्य करने की शैली/ढंग तरीके बदलने के कुपरिणाम सामने आते रहे हैं, और यदि हम आधुनिकता के आवरण में उनकी अपरिपक्व इच्छाओं को पूरा करने के लिए लचीलापन लाते गये तो निश्चित रूप से एक दिन शिक्षा संज्ञाहीन व परिणाम हीन हो जायेगी।
शिक्षा कभी मंहगी नहीं होती और न ही शिक्षक मंहगे होते हैं। लेकिन कुछ प्रबंधक सहुलियतों के नाम तले स्कूलों को रिसार्टस की भांति हाई रेटिड या हाई गेडिड बना लेते हैं। स्कूलों से लाभ कमाना कतई अनुचित नहीं है। लेकिन मां बाप का शोषण करना अमानवीय है। अपने स्कूलों को समृद्ध बनाने के लिए सुविधा के अनुसार वार्षिक खर्चो में बढ़ौतरी करना बुरा नहीं होता। परन्तु 100 रूपये की सुविधा देकर 2000 रूपये की वसूली तो अंडरवल्र्ड की फिरौती जैसी लगती है। मेरे नजरिये में सारी भाषायें सम्मानीय हैं, अंग्रेजी भाषा चूंकि अन्तर्राष्ट्रीय बन गई है तो इसका प्रभाव व महत्व बढ़ गया है। लेकिन क्या मैथ, साईंस, सोशल साईंस विषय महत्वहीन हो गये हैं? नहीं। जैसे सभी अंग पूरे हों, तभी शरीर सही कार्य करता है, उसी प्रकार सभी विषय एक जैसे ही महत्वपूर्ण हैं और उनका पूरा अध्ययन करना ही संपूर्ण शिक्षा है।
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए अंग्रेजी भी उतनी सहायक, जितनी मातृ भाषायें।
विद्यार्थियों पर अपनी अत्याधिक अपेक्षायें लादकर हम उन्हें गधे बनाने पर तुले हुए हैँ। क्या ऐसा नहीं है? हम सभी जानते हैं कि बाप ने न मारा तीर, बेटा तीरदाज। जो हम न बन सके, अपने बच्चों को जबरन वही बनाना चाहते हैं, भले उसमें वो स्टेमिना और इच्छा शक्ति न हो।
नहीं, पूर्ण शिक्षा तो सर्वप्रथम स्वस्थ मानव बनाती है और स्वस्थ मानव ही सफल डाक्टर, पत्रकार, इंजीनियर, दुकानदार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, संपादक बनता है। स्वस्थ व संतुलित माहौल में पढ़े, बढ़े बच्चे ही समाज को संवारत, संभालते है।
मैं इसी तरह का तनाव रहित वातावरण दे रहा हूं, अपने स्कूल केअर वैल इन्टरनैशनल में हम बच्चों को कम्पीटिशन तो दे रहे हैं लेकिन पहली पोजीशन वाले बच्चे से नहीं, बल्कि अपनी पोजीशन से। सैल्फ कम्पीटिशन के सुधारवादी स्वस्थ कम्पीटिशन की सोच से।
साल के शुरू में बच्चे की अपनी परफारमेंस क्या थी। और साल भर उसने सीखने में क्या ग्रोथ की। यही ढंग है, तनावरहित शिक्षा वातावरण का।
गुलाब का फूल कभी नहीं कहता कि उसे गेंदा, चमेली होना है, खरगोश कभी नहीं कहता कि उसे हाथी होना है। फिर मनुष्य क्यों किसी और जैसा होने में अपने बच्चों की मौलिक प्रतिभा को मार रहा है। मैं अपने सभी विद्यार्थियों को अपने जैसा बने रहकर तनाव रहित स्वस्थ शैक्षिक माहौल दे रहा हूं। आओ।़ इस सृजनशीलता में अपने बच्चों को हमारे साथ स्वस्थ वातावरण में पढऩे बढऩे का अवसर दें।
-जगजीत सिंह
प्रिंसीपल/चेयरमैन
केअरवैल इंटरनैशनल स्कूल
मलोट रोड़, ख्योवाली।