30 मार्च 2011

तेरे मुखडे च मैनूं रब्ब दिखदा.....



डबवाली (लहू की लौ) राजकीय महाविद्यालय का चतुर्थ वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह मंगलवार को महाविद्यालय प्रांगण में संपन्न हुआ। जिसमें 89 मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करके श्रोताओं का मन जीत लिया।
समारोह की शुरूआत बीकॉम द्वितीय वर्ष की मीना, निशा, खुशबू, राखी, ममता, कर्मजीत, शिवाली, बीएससी प्रथम वर्ष की राबिया, नेहा ने हे शारद दे मां, अज्ञानता से हमें तार दे मां...की वंदना  तथा बड़ी मेहरबानी जो आप आए, करें स्वागतम हम दिल से तुम्हारा....स्वागत गीत गाकर की। बीए द्वितीय वर्ष के छात्र गोपाल दास के पंजाबी गीत मेरी हीरीए, फकीरीए...तेरे मुखडे च मैनूं रब्ब  दिखदा.., हिन्दी गीत कोई मिल गया...मुझको ये क्या हो गया है.. ने विद्यार्थियों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मीना और राखी ने पंजाबी गीत चीरे वालेआ, यादां दा दीवां वालेआ...पर नृत्य किया। बीकॉम फाइनल ईयर के छात्र मनजीत ने कोई मिल गया...मुझको ये क्या हो गया है..पर डांस किया। बीए फाइनल ईयर के छात्र लवनिश मित्तल का मैजिक शो देखकर दर्शक दंग रह गए।
इससे पूर्व समारोह का शुभारंभ उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने दीप प्रज्जवलित करके किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पीके गर्ग ने महाविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। मंच का संचालन महाविद्यालय के प्रो. राकेश भट्टी ने
ए चांद तेरी चांदनी की कसम, हमने तो जमीं पे चांद देखा है,
ए चांद तेरी इस दूरी की कसम, हमने तो नजदीक से चांद देखा है,
फर्क सिर्फ इतना है कि तुझे बार-बार, लेकिन उसे सिर्फ एक बार देखा है...जैसी पंक्तियों से अपने शायराना अंदाज में किया। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा, प्राचार्या पूनम गुप्ता, विनोद बांसल, रामलाल बागड़ी, वेदप्रकाश भारती आदि उपस्थित थे।