21 नवंबर 2017

टूटा पुलिस का 'नशा, रेड करने पर अवैध अहातों में मिले कॉलेज स्टूडेंट

नेशनल हाईवे पर चिकन सेंटर पर सरेआम चल रहे थे अहाते
डबवाली(लहू की लौ)सोमवार को सिटी पुलिस ने नेशनल हाईवे पर स्थित चिकन सेंटरों में चल रहे अवैध अहातों पर छापा मारा। यहां वर्दी वाले भी जाम छलकाने आते थे। जब अहातों पर कार्रवाई चल रही थी तो लोग तंज कस रहे थे कि शायद पुलिस वालों का 'नशाÓ उतर गया है। पुलिस की छापामार कार्रवाई के दौरान अहातों पर पार्टी कर रहे कॉलेज स्टूडेंट मिले। पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया।
गोल चौक पर स्थित किंगरा चिकन सेंटर तथा सोनू चिकन सेंटर संचालकों ने काफी वर्षों से अवैध तरीके से अहाते बना रखे थे। लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी मौज मनाने आते थे। नॉनवेज के साथ दारु उड़ाने वालों की संख्या बढ़ती गई तो सेंटर संचालकों ने अवैध अहातों का विस्तार कर लिया। हर रोज दिन छिपते ही अहातों के आगे वाहनों की संख्या इतनी होती कि जाम जैसे हालात पैदा हो जाते। लेकिन आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। सोमवार को शहर थाना प्रभारी सुखदेव सिंह ने रेड की। किसी के पास अहाता चलाने की परमिशन नहीं थी। लेकिन भीतर मिला भी कुछ नहीं। सुखदेव सिंह के अनुसार कॉलेज स्टूडेंट इंज्वॉय कर रहे थे। उनके पास कोई बीयर या शराब नहीं थी। बल्कि कोल्ड ड्रिंक्स मिली। एक बार युवकों को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें छोड दिया गया। वहीं अवैध अहाता चलाने वालों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है।
यह कर सकती थी पुलिस
एसएचओ के अनुसार सार्वजनिक जगह पर दारु पीना या फिर बिना मंजूरशुदा अहाते में दारु पिलाना अपराध है। अगर उपरोक्त जगह पर शराब मिल जाती तो पुलिस चालान काट सकती थी। हालांकि यह जमानती अपराध की श्रेणी में आता है।

अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की
किंगरा या सोनू चिकन सेंटर ही नहीं शहर में बहुत से ऐसे अहाते हैं, जो बिना मंजूरी के चल रहे हैं। सरेआम शराब, मीट परोसा जा रहा है। कुछ माह पहले पुलिस ने रात के अंधेरे में कार्रवाई की थी। मंजूरशुदा न होने पर पुलिस ने अहातों को बंद करवा दिया था। रात बीतने के बाद सुबह फिर जाम छलकने शुरु हो गए थे। पता नहीं अहाता संचालकों के पास कौन सा ऐसा जादू था, जो कुछ ही घंटों में वे गैर से मंजूरशुदा हो गए।

एक्सपर्ट व्यू : केवल ठेके पर चल सकता अहाता
आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब ठेके पर ही मंजूरी से आहता चल सकता है। उसकी फीस संबंधित ठेके पर निर्भर होती है। बगैर अनुमती के कहीं भी अहाता नहीं चलाया जा सकता। चिकन सेंटर या अन्य जगहों पर अवैध तरीके से अहाता चलाने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। लेकिन पुलिस ही इस पर कार्रवाई कर सकती है। अगर 8-10 बोतल हो तो विभाग 50 से 500 रुपये तक जुर्माना लगा सकता है।


शहर में चल रहे अहातों की चैकिंग की जाएगी। बिन मंजूरशुदा अहातों को बंद करवाया जाएगा।
-सुखदेव सिंह, प्रभारी, शहर थाना, डबवाली

बांस पर टिका रखी है हाई वोल्टेज लाइन

-हर रोज बच्चों को लेकर आते-जाते हैं स्कूल वाहन
-गांव चौटाला के किसान कई बार दर्ज करवा चुके हैं शिकायत
 डबवाली(लहू की लौ) हाई वोल्टेज लाइन, वह भी बांस के सहारे। यह तस्वीर है गांव चौटाला में चौटाला नहर के किनारे। यहां हाई वोल्टेज लाइन नहर को क्रॉस करते हुए किसान राधेराम के खेतों में जाती है। खेतों को जाने वाले आम रास्ते पर करीब पंद्रह ढाणियां बसी हुई हैं। हर समय हादसे का भय बना रहता है। चूंकि बांस के सहारे बिछी उपरोक्त लाइन तले सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। बिजली निगम की लापरवाही के खिलाफ किसानों में रोष व्याप्त है। किसान दया राम उलाणिया, सुरेंद्र शर्मा, चानण राम सिहाग, अनिल जाखड़, पृथ्वी राज शर्मा, विनोद शर्मा ने बताया कि नहर के किनारे आम रास्ता होने के कारण लोगों की आवाजाही बनी रहती है। रात के अंधेरे या फिर गहरी धुंध में हादसा हो सकता है। किसानों के अनुसार अगर तार टूटकर नहरी पानी में गिर गई तो बड़ा नुक्सान हो सकता है। कानूनन नहरें, सड़कें, अन्य रास्तों पर तारों के नीचे गार्डिंग लगनी होनी चाहिए। ताकि अनहोनी के समय उसके सहारे लाइन खड़ी रह सकें। किसानों के अनुसार अनिल जाखड़ तथा डूंगर राम के खेतों में सरसों की फसल को हाइ वोल्टेज लाइन छू रही है। किसानों के अनुसार इसी नहरी रास्ते स्कूल वैन ढाणियों के बच्चों को लेकर आती-जाती है। विभाग कोई बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। किसानों के अनुसार बांस पर टिका रखी बिजली लाइन के कारण हादसे होने की आशंका को लेकर कई बार बिजली निगम कर्मचारियों को शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है।


चौटाला नहर के किनारे बांस पर टिकी हाई वोल्टेज लाइन को दुरुस्त करवाया जाएगा। आज से पहले कभी इस संबंध में शिकायत नहीं मिली थी।
-सुनील कुमार, एसडीओ, बिजली निगम, आसाखेड़ा

मोबाइल एॅप से होना है सर्वे, जिला में सिर्फ 15 फीसद बीएलओ तैयार

जिला सिरसा में कुल 916 बीएलओ हैं, तकनीक से बहुत कम हैं वाकिफ, कइयों के पास एंड्रॉइड मोबाइल नहीं
जो बीएलओ ऑनलाइन नहीं कर सकता वह ऑफलाइन काम करेगा, 30 नवंबर तक होना है सर्वे
डबवाली(लहू की लौ)चुनाव आयोग ने स्पेशल ड्राइव के तहत बीएलओ रजिस्टर मोबाइल एॅप लॉंच की है। जिसके जरिए बीएलओ को डोर टू डोर सर्वे करके संबंधित फैमिली का डेटा जुटाना है। डबवाली के 192 बीएलओ समेत जिला सिरसा में कुल 916 बीएलओ हैं। जिसमें से महज पंद्रह फीसद मोबाइल एॅप के जरिए सर्वे करने को राजी हुए हैं। ऐसे में बीएलओ को तकनीक की कम जानकारी चुनाव आयोग की राह में रोडा बन गई है। हालांकि चुनाव कानूनगो तकनीकी एक्सपर्ट के साथ मिलकर बीएलओ को प्रशिक्षत कर रहे हैं। उन्हें एंड्रॉइड मोबाइल का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। स्पेशल ड्राइव 30 नवंबर तक कंपलीट होनी है। चुनाव कानूनगो राजकुमार मेहता के अनुसार अगर वोटर ने कहीं दूसरी जगह भी वोट बनवा रखी है तो मोबाइल एॅप के जरिए यह पता चल जाएगा। हालांकि जिन बीएलओ के पास एंडॉइड मोबाइल नहीं है या फिर तकनीक की जानकारी नहीं है, वे ऑफ लाइन सर्वे करेंगे।


यह जानकारी जुटा सकेंगे
मोबाइल एॅप के जरिए बीएलएओ को परिवार के मुखिया, उसके बेटे या बेटियों के साथ-साथ उनकी वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी जुटानी होगी। साथ में संबंधित परिवार का मोबाइल नंबर भी अंकित करना होगा। एॅप में दो ऑप्शन भी दिए गए हैं। यह भी पता लगाना होगा कि परिवार का मुखिया बेसिक फोन यूज करता है या फिर स्मार्ट फोन।

नए मतदाता की डिटेल भी भरेंगे
चुनाव आयोग की मोबाइल एॅप में केवल यह नहीं कि केवल वोटर से संबंधित डेटा जुटाया जाएगा। एॅप के जरिए 2 जनवरी 1999 से 1 जनवरी 2000 को जन्में बच्चों का डेटा एॅप में भरा जाएगा। इससे नए मतदाता के बनने की जानकारी चुनाव आयोग तक पहुंच जाएगी।

मतदाता विदेश तो नहीं छोड़ गया
स्पेशल ड्राइव के जरिए चुनाव आयोग यह भी जानेगा कि कितने मतदाता देश छोड़कर विदेशों में रहने लगे हैं। उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल की जाएगी। यहां तक की वे किस पासपोर्ट नंबर के जरिए विदेश गए हैं, उसकी भी जानकारी बीएलओ को मोबाइल एॅप के जरिए देनी होगी। संबंधित वोटर की ई-मेल आइडी समेत उसका मोबाइल नंबर अंकित करना होगा।

जीपीएस से पता चलेगा पोलिंग बूथ
बीएलओ वोटर के साथ-साथ संबंधित पोलिंग स्टेशन की जानकारी भी एॅप के जरिए चुनाव आयोग को देगा। जीपीएस लोकेशन के आधार पर संबंधित स्टेशन की फोटो अपलोड करनी होगी। जीपीएस के जरिए ही निकटवर्ती पोस्ट ऑफिस की जानकारी मुहैया करवानी होगी।

21 Nov. 2017