28 सितंबर 2010

रात को सरकारी अस्पताल में हंगामा

डबवाली (लहू की लौ) सरकारी अस्पताल में बुधवार रात को घायल को उपचार के लिए बाहर लेजाने के लिए एम्बूलैंस उपलब्ध न होने पर घायल के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। मौका पर उपस्थित डॉक्टर को खूब खरी खोटी सुनाई।
जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला का मंदर सिंह (40) अपने बाईक से गांव की ओर जा रहा था। जोगेवाला मार्ग पर अचानक उसकी बाईक स्लिप कर गई। सूचना पाकर डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। उन्होंने घायल को उठाया और डबवाली के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। सिर पर चोट होने की वजह से डॉक्टर ने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया। उस समय अस्पताल में एम्बूलैंस मौजूद नहीं थी।
दुर्घटना की सूचना पाकर घायल मंदर सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। करीब अढ़ाई घंटे उन्हें एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं हुई। जिससे परिजनों का गुस्सा उफन गया। गांव के बलराज सिंह नंबरदार, सर्वजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह, हरदीप सिंह, सुरेन्द्र, लवली, राजपाल आदि ने मौका पर उपस्थित डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार डॉक्टर ने घायल की सही तरीके से देखभाल नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल के मरहम-पट्टी तक नहीं की गई। घायल को रैफर किए हुए अढ़ाई घंटे हो चुके हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में एम्बूलैंस तक उपलब्ध नहीं है। इसी बीच ग्रामीणों की डॉक्टर से काफी तकरार हुई। अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के एसआई भागीरथ, हवलदार खेता राम तथा जय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने भी ग्रामीणों को शांत करवाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर ने फौरी तौर पर प्राईवेट अस्पताल की एम्बूलैंस मंगवाकर घायल को रैफर किया।
इस संबंध में जब मौका पर उपस्थित डॉक्टर सुखवंत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती गई। घायल के सिर पर चोट होने के कारण उन्होंने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल की एम्बूलैंस एक मरीज को छोडऩे के लिए बाहर गई हुई थी। इसी के चलते घायल मंदर सिंह को रैफर करने में देरी हुई।

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