06 सितंबर 2010

बिजली आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों ने लगाया जाम

सिरसा। जिला के गांव पनिहारी के खेतों में घर बनाकर रह रहे लोगों ने बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग अवरूद्ध कर दिया जिससे वाहनों की लम्बी कतार लग गई और लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
 ग्रामीण निर्मल सिंह,हुक्मचंद, मक्खन, गुरबचन, जंडीराम, गोपीराम, गुरमीत सिंह,कशमीर सिंह,गुरचरण सिंह,पाल सिंह,वजीर सिंह,भाला सिंह सहित काफी किसान आज प्रात:सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग पर आ डटे और जाम लगा दिया।  ग्रामीणों की मांग है कि उनकी करीब आधा सैंकड़ा ढाणियों को रात्री के समय बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही जिससे मच्छर परेशान करते हैं। मच्छरों के काट खाने से मलेरिया व अन्य बिमारियां पनप रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम की सूचना मिलने पर बिजली निगम के एस डी ओ ओ.पी. बिश्रोई,सदर थाना से ए.एस.आई. सतबीर सिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद गांव पनिहारी के सरपंच मनविन्द्र सिंह द्वारा समझाने के बाद बिजली निगम के अध्किारियों द्वारा रात्री 7 से सुबह 4 बजे तक दो फेज बिजली आपूर्ति के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने जाम खोला।

भूमि अधिग्रहण मामले में गोरखपुर के किसान भूख हड़ताल पर बैठे

सिरसा। परमाणु सयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पिछली 20 अगस्त से धरने पर बैठे गोरखपुर के किसानो ने अपना विरोध अब और तेज कर दिया है। किसानों ने आज से फतेहाबाद लघुसचिवालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने बताया कि सरकार उनकी मांग पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। आज की भूख हड़ताल में संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज सिवाच, बलराज शर्मा, इंद्र सिवाच, शमशेर सिंह श्योकंद, रिसाल सिंह सिवाच शामिल हुए। हर रोज पांच किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
  समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
  उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

मंत्री के चालक ने किया रेप

नई दिल्ली। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री के चालक द्वारा एक युवती से दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का अभियोग दर्ज किया है। युवती को चिकित्सकीय जांच के लिए सफदरगंज अस्पताल में ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा  की भांजी गुडग़ांव स्थित एमएलए फ्लैट्स सैक्टर नं. 28, मकान नं. 405 में रह रही है। उसके घर सिलीगुड़ी निवासी रिचा (काल्पनिक नाम)कार्यरत है। विगत 26 अगस्त को मंत्री की भांजी ने किसी कार्यवश बाहर जाना था। रिचा को उसने उसकी सहेली वसंत विहार में रहने वाली खुशी के घर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक अगले ही दिन मंत्री का चालक सुनील लालबत्ती लगी टक्शन गाड़ी लेकर खुशी के घर जा पहुंचा। सुनील ने रिचा को यह कहकर गाड़ी में बैठा लिया कि मैडम लौट आई हैं। रिचा सुनील के साथ गाड़ी में सवार होकर घर पहुंची। यहां सुनील ने रिचा के साथ बलात्कार किया। रिचा किसी को इस बारे में न बताए उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अगले दिन रिचा ने सारा वाक्या मंत्री की भांजी को बताया। उसने भी मामले पर लीपापोती करनी चाही। मानसिक रूप से पीडि़त रिचा को पुन: उसकी सहेली खुशी के घर भेज दिया। सूत्रों के अनुसार रिचा को ब्लीडिंग शुरू हो गई। खुशी रिचा को लेकर अस्पताल पहुंची, यहां चिकित्सकों ने रिचा से बलात्कार होने की बात कही। खुशी ने सुनील को फोन कर धमकाया। तैश में आए सुनील ने कल अपने साथियों गौतम, संजू व अमरजीत को खुशी के घर उसी टक्शन गाड़ी में भेजा। यहां उक्त तीनों ने रिचा व खुशी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह खुशी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और टक्शन गाड़ी व उक्त तीनों आरोपियों को मौके पर ही धरदबोचा। फिलहाल खुशी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उक्त तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। रिचा से हुए दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस को सूचित कर दिया है। रिचा की चिकित्सकीय जांच के लिए उसे सफदरगंज दिल्ली अस्पताल ले जाया गया। जब इस सम्बंध में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुनील नामक युवक उनका चालक नहीं है। जो गाड़ी पुलिस द्वारा काबू की गई है वह उनकी नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों की है।

400 फीडरों का होगा रख-रखाव

चण्डीगढ़। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा अपने क्षेत्र में शुरू किए गए बिजली आपूर्ति प्रणाली रख्र-रखाव पखवाड़ा के दौरान 11 के.वी. स्तर के 400 फ ीडरों का रख्र-रखाव किया जाएगा। निगम द्वारा शुरू किया गया रख्र-रखाव पखवाड़ा 20 सितम्बर तक जारी रहेगा।
     निगम के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान निगम के ऑप्रेशन विंग के कर्मचारियों ने इन फ ीडरों पर रख-रखाव का कौन सा काम कहां किया जाना है कि पहचान कर ली है। इससे पूर्व पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण कर ऐसे 400 फ ीडरों की पहचान की गई थी, जिन पर रख्र-रखाव के कार्य की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत है।
     प्रवक्ता ने बताया कि रखरखाव कार्यों में लाईनों के पास की वृक्षों की टहनियां काटना, ढीले तारों को खिंचना, जम्फ र सही करना, 11 के.वी. जम्फ र की मेल- फि मेल का उचित मिलान, जी.ओ.स्विचों की कार्यप्रणाली ठीक करना, कम से कम पहले एच पोल की अर्थिग प्रणाली ठीक करना, असुरक्षित क्षेत्रों में सही गार्डिगं, स्टे वायर को कसना व एग इन्सूलेटर आदि को चैक करने का कार्य शामिल होगा।
     उन्होंने बताया कि पाक्षिक रख-रखाव के अलावा गत मई मास में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत अभी तक 11 के.वी. स्तर के 428 फ ीडरों का रख-रखाव कर लिया गया है। इस अभियान के तहत 11 के.वी. स्तर के सभी 2628 फ ीडरों का समयबद्ध रख-रखाव किया जाएगा ताकि तूफ ानी व प्रतिकूल मौसम में भी बाधा रहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा कम बाधाओं वाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ तकनीकी घाटा भी कम से कम हो। इस अभियान के तहत फ ीडर का सब-स्टेशन से लेकर बिजली वितरक ट्रांसफ ार्मर तक पूरी प्रणाली का रख-रखाव किया जा रहा है व तारों की जमीन से उचित दूरी सुनिश्चित करने के लिए उनको खींचा जा रहा है।

मुआवजा राशि में वृद्धि की घोषणा

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज हरियाणा विधानसभा में बाढ़ से नलकूपों और फसलों को हुए नुकसान के लिये दिये जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्घि करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नलकूपों की क्षतिपूर्ति के लिये 5000 रुपये की बजाय 7500 रुपये की राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने फसली मुआवजे में भी प्रति एकड़ 500 रुपये की वृद्घि करने की घोषणा की। जिन किसानों की फसलों में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई हैं, उन्हें 5000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 5500 रुपये प्रति एकड़, जिनकी फसलों में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच क्षति हुई हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय  4500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जायेगा और जिन किसानों की फसलों को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 3500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों को लगभग 11.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
    इससे पूर्व संसदीय मामले मंत्री श्री रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुए जिला अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, सिरसा, यमुनानगर एवं फतेहाबाद में करवाई गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए 111.09 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अतिरिक्त, सरकार ने जिन किसानों के बाढ़ प्रभावित खेतों में दोबारा बिजाई नहीं हो सकी है, उनके बिजली के बिलों की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया है और इन जिलों में क्षतिग्रस्त नलकूपों के लिए राहत देने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
    उन्होंने बताया कि जिन किसानों की भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और खेतों की दोबारा बिजाई नहीं की जा सकी है, उनके  बिजली के बिजलों की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अवधि के दौरान किसानों के पम्प सैट पानी में डूबे रहे, चाहे नलकूल खराब हुआ या नहीं, के लिए मुआवजे की राशि न्यूनतम मासिक चार्ज 200 रुपये प्रति बीएचपी वार्षिक के आधार पर होगी।
    उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण जिला फतेहाबाद में 66613 एकड़, सिरसा में 33171 एकड़, कुरूक्षेत्र में 53813 एकड़,अम्बाला में 16436 एकड़, कैथल में 54708 और यमुनानगर में 1434 एकड़ क्षेत्र में फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में किसानों को 32.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला सिरसा में 16.53 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कुरूक्षेत्र में 26.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला अम्बाला में 7.89 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कैथल में 27.15 करोड़ रुपये से अधिक और जिला यमुनानगर में 58.48 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी।  
    उन्होंने कहा कि इन जिलों में 3044 नलकूप भी क्षतिग्रस्त हुए है और इसके लिए राहत देने का मामला सरकार के विचाराधीन है। इसी प्रकार, जिला यमुनानगर में क्षतिग्रस्त मकानों के  लिए लगभग 47.87 लाख रुपये और जिला अम्बाला में 35.65 लाख रुपये वितरित किए गए हैं,जबकि उपायुक्त सिरसा को 2.91 करोड़ रुपये की राशि मकानों की क्षति के लिए राहत देने के लिए दी गई है। अन्य जिलों में पानी देर से उतरने के कारण सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका है और इन क्षेत्रों को भी शीघ्र ही राहत दे दी जाएगी।
    उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2010 में बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 208.22 करोड़ रुपये के लघु अवधि के ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में  बदला जाएगा।  इसी प्रकार, बिजली विभाग द्वारा बाढ़ में क्षतिग्रस्त 1476 खम्बे एवं 400 एसपी मीटर  बदले गए और 301 वितरण ट्रांसफार्मों की मरम्मत की गई।
    उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसलवार प्रभावित रकबा पहचाना गया और  किसानों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल लेने बारे शिक्षित किया गया। उन्हें धान की पौध उपलब्ध होने पर क्षतिग्रस्त रकबे में धान की रोपाई  दोबारा करने और खेत खाली रहने पर अगस्त मास के अन्त में तोरिया जैसी अन्य फसलें लेने का परामर्श दिया गया।  किसानों को  धान बासमती, मूंग और उड़द के प्रमाणित बीज 75 प्रतिशत सबसिडी और शंकर मक्की के बीच 90 प्रतिशत सबसिडी पर दिए गए। इसके अतिरिक्त, किसानों को शंकर बाजरा, तोरिया व बाजरे की बीज मिनी किटस के रूप में मुफ्त दिए गए। इसके अतिरिक्त, फसलों की दोबारा बिजाई के कारण खरीफ 2010 के लिए  मांग पूर्ण करने हेतू यूरिया खाद के ऐलोकेशन 8.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की ऐलोकेशन 3.20 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.60 लाख मीट्रिक टन की गई।
    उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010 में  बाढ़ कार्यों पर 106.60 करोड़़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने 522.18 करोड़ रुपये  लागत की बाढ़ नियंत्रण की 149 स्कीमें  मंजूर की है, जिनमें से 72 नई और 77 पुरानी चल रही योजनाएं हैं। इनमें से 63 स्कीमें पहले ही पूरी हो चुकी है और 37 पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों, डे्रनों एव नदियों को पानी की सुरक्षित निकासी के लिए साफ रखा जाएगा और पंजाब व हरियाणा के साथ अन्तर्राजीय मामलें सुलझाए जाएंगे।
    उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदेश में 1778 किलोमीटर लम्बी एक हज़ार सड़कें पानी में डूब गई थी, जिसके कारण अधिकतम सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 480 ऐसी सड़कें ,जिन पर यातायात बंद कर दिया गया था, में से 451 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं और शेष को पुन: बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पुलों को भी भारी नुकसान हुआ जिससे कुछ सड़कों एवं पुलों पर यातायात निलम्बित रहा। इन पुलों पर यातायात बहाल करने का कार्य किया गया।
    उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लोगों को पीने के  पानी की आपूर्ति टैंकरों से की गई। विभाग द्वारा रा वाटर स्टोरेज टैंकों व क्लीयर वाटर स्टोरेज टैंकों  की सफाई व डी-सील्ट किया गया।  नलकूप चलाने के लिए डीजल जनरेटर सैट किराए पर लिए गए । इसके अतिरिक्त, पानी जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सुपर क्लोरिनेशन किया गया।
    उन्होंने कहा कि जिला अम्बाला में 65, कुरूक्षेत्र में 143, कैथल में 77, फतेहाबाद में 88 और सिरसा में 50 चिकित्सीय तथा अर्ध-चिकित्सीय स्टाफ टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पानी के सैंपल लिए गए तथा सभी स्तरों पर दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके अतिरिक्त, पशु सुरक्षा के उपाए भी किए गए।

हरियाणा में लगेगा टोकन हाऊस टैक्स

चंडीगढ़।  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज घोषणा की कि प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग जो 250 वर्ग गज तक के क्षेत्र वाले घरों में रह रहे हैं, के हितों को ध्यान में रखते हुए उनसे एक रुपया प्रतिवर्ग गज की दर से टोकन हाउस टैक्स लेने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
    शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए  नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण  स्वयं आकलन के आधार पर  करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर  कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
    उन्होंने कहा कि  देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के  उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
    इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर  उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
    यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
    उन्होंने कहा कि गृहकर बारे  सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर  लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि  नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
    सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।

LAHOOKILAU: हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब#links#links

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हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब

डबवाली (लहू की लौ) जब किसी व्यक्ति के सिर पर कोई धुन सवार हो जाती है, तो वह निर्धारित लक्ष्य को पूरा करके ही दम लेता है। ऐसा ही एक व्यक्ति डबवाली में है। जिसने चार वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद श्री गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखकर अपने दिल में उतारा। हरियाणा में इस प्रकार का काम करने वाला यह व्यक्ति पहला शख्स है।
डबवाली में वर्कशॉप चलाने वाले गुरमीत सिंह (54) पुत्र रिछपाल सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि उनका परिवार प्रारंभ से ही गुरू सिक्ख परिवार है। सिक्ख धर्म में उनकी आगाध श्रद्धा है। 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के सियालकोट को छोड़कर भारत में आ गया और तभी से वे लोग डबवाली में अपना कारोबार जमाए हुए हैं। उनका परिवार नितनेमी होने के कारण उसमें भी गुरूग्रंथ साहिब के प्रति श्रद्धा जगी। उसने निश्चय किया कि वह गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखेगा। भले ही इसके लिए उसे कितना ही समय क्यों न लगाना पड़े। वर्कशॉप में दिन-भर काम करने के बाद रात को जो आराम करने का समय मिलता, उसमें से उसने गुरूग्रंथ साहिब के लिए समय निकालने का निश्चय किया और हर रोज रात को 12 बजे के बाद जब वातावरण शांत हो जाता, तो वह उठता और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद वह गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना शुरू कर देता।
इस उत्साही व्यक्ति के अनुसार उसने 1 सितंबर 2004 को श्री गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना प्रारंभ किया। वर्ष 2008 को चार वर्षों के अंतराल के बाद उसने अपने इस कार्य को फलीभूत करने में सफलता हासिल की। उस द्वारा लिखा गया हस्तलिखित गुरूग्रंथ साहिब इन दिनों डबवाली के गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा में संभला हुआ है। गुरमीत सिंह के अनुसार वे बात को जगजाहिर नहीं करना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने दो वर्ष तक इसे सहेजे रखा। बाद में उन्होंने सिक्ख नवयुवकों के पथभ्रष्ट होने से बचाने के लिए इसे जगजाहिर किया, ताकि वे इस बात से प्रेरणा लेकर नशा आदि का त्याग करके गुरूवाले बनें।
हस्तलिखित श्री गुरूग्रंथ साहिब का साईज 17 गुणा 14 ईंच है। जिसके 1430 अंग है। प्रत्येक अंग पर 19 लाईन है और प्रत्येक लाईन में 28 शब्द हैं। उसकी इच्छा है कि उस द्वारा लिखे गए श्री गुरूग्रंथ साहिब का प्रकाश हजूर साहिब, नांदेड (महाराष्ट्र) में हो। इसके अतिरिक्त गुरमीत सिंह के अनुसार वह नित नेम, सुखमणि साहिब, 9वीं पातशाही श्री गुरू तेज बहादर की वाणी भी अपने हाथों से लिख चुका है।
गुरमीत सिंह पेंटिंग करने के शौकिन भी हैं। उनके द्वारा पेंट की गई पंज प्यारों को अमृत छकाते हुए श्री गुरू गोबिंद सिंह की फोटो नन्दगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब में लगी हुई है।
बकौल गुरमीत सिंह वह 17 गुणा 14 ईंच का श्री गुरूग्रंथ साहिब लिखने के बाद 27 गुणा 34 ईंच का गुरूग्रंथ साहिब लिखना चाहते हैं। वे इसे ब्रश की सहायता से लिखेंगे। इस पर जल्द ही कार्य शुरू होगा।