17 जनवरी 2011

स्मार्ट कार्ड के बदले पेंशन धारकों से ऐंठे जा रहे पैसे

संवाददाता डीडी गोयल

(93567-22045)

डबवाली। प्रदेश सरकार की ओर से पेंशन धारकों को फ्री में दिए जाने वाले स्मार्ट कार्ड के बदले पैसे वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
हरियाणा सरकार ने पेंशन घोटालों को रोकने के लिए पेंशन धारकों के नि:शुल्क स्मार्ट कार्ड बनाने की योजना शुरू की थी। राज्य में स्मार्ट कार्ड बनाने का ठेका सरकार ने एक्सीज बैंक को दिया। योजना के अंतर्गत पिछले दिनों जिला सिरसा में भी पेंशन धारकों के स्मार्ट कार्ड बनने शुरू हुए। तैयार हुए कार्डों को पेंशन धारकों को बांटने के लिए एक्सीज बैंक ने जिला में अपना कार्य शुरू कर रखा है। इसी के तहत रविवार को शहर के कम्युनिटी हाल में वार्ड नं. ३ के पेंशन धारकों को स्मार्ट कार्ड बांटे जाने का कार्यक्रम था। स्मार्ट कार्ड बांटने के लिए उक्त बैंक की ओर से आए दो युवकों ने पेंशन धारकों से कार्ड के बदले बीस-बीस रूपए लेने शुरू कर दिए। सूचना पाकर यह संवाददाता भी मौका पर पहुंचा और जांच शुरू कर दी।
वार्ड नं. ३ का बशिंदा बनकर गए इस संवाददाता ने स्मार्ट कार्ड वितरित कर रहे ऑपरेटर मनप्रीत और गुड्डू से स्मार्ट कार्ड योजना के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। ऑपरेटरों ने बताया कि जिला के अन्य स्थानों की भांति डबवाली शहर में भी एक्सीज बैंक की ओर से पेंशन धारकों को स्मार्ट कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। डबवाली के पेंशन धारकों को स्मार्ट कार्ड बांटने के लिए उनकी डयूटी लगी है। करीब आधा दर्जन वार्डों के पेंशन धारकों को उन्होंने कार्ड वितरित भी कर दिए हैं। प्रत्येक कार्ड के बदले पेंशन धारक से २०-२० रूपए लिए जा रहे हैं। शनिवार को वार्ड नं. २ में भी पेंशन धारकों से २०-२० रूपए लिए गए हैं। स्मार्ट कार्डों के वितरण से प्राप्त हुई राशि को वे सिरसा में एक्सीज बैंक की ओर से इस योजना के प्रभारी के पास जमा करवा देते हैं। पूरा रंग जमने के बाद संवाददाता ने जब सरकार की इस योजना से ऑपरेटर को परिचित करवाया और नजायज तरीके से वसूले जा रहे २०-२० रूपए का मुद्दा उठाया, तो ऑपरेटर हक्के-बक्के रह गए। ऑपरेटर मनप्रीत और गुड्डू ने बताया कि वे योजना के जिला प्रभारी के आदेश पर ही ऐसा कर रहे हैं।
मौका पर उपस्थित वार्ड नं. ३ के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि एक्सीज बैंक की ओर से आए दो ऑपरेटरों द्वारा स्मार्ट कार्ड के बदले पेंशन धारकों से पैसे वसूले जा रहे थे। उन्होंने योजना की जानकारी सिरसा स्थित एडीसी ऑफिस से जुटाई। उन्हें बताया गया है कि योजना के तहत स्मार्ट कार्ड के बदले कोई पैसा नहीं लिया जाता। इस मामले से उन्होंने उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को अवगत करवाया है।
इस संदर्भ में जब उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उपरोक्त मामले के संबंध में उन्हें मौखिक तौर पर शिकायत मिली है। स्मार्ट कार्ड के बदले पेंशन धारकों से पैसे एकत्रित कर रहे एक्सीज बैंक के ऑपरेटरों को पैसे लेने संबंधी सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों को पेश करने के लिए कहा है। मामले की जांच की जाएगी। सरकारी नियमों के विपरीत कार्य करने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
इधर एक्सीज बैंक की ओर से जिला सिरसा में योजना का कार्य देख रहे पाला राम ने कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार स्मार्ट कार्ड के बदले पेंशन धारकों से पैसे लिए जाने का प्रावधान नहीं है। ऑपरेटरों ने गलती से स्मार्ट कार्ड के बदले पैसे इक्ट्ठे किए हैं। पेंशन धारकों से इक्ट्ठे किए गए पैसे सोमवार को वापिस कर दिए जाएंगे।

दो युवकों को उम्र कैद

सिरसा। हत्या कर शव खुर्द-बुर्द करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो युवकों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोषियों को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की अदायगी न करने पर उन्हें चार-चार माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले के अनुसार मिठड़ी निवासी सुखदेव सिंह का अलीकां निवासी बलजिंद्र उर्फ बिंद्र पुत्र सीता सिंह व तरसेम उर्फ सेमी पुत्र गुलजार सिंह निवासी मत्तड़ ने 10 सितम्बर 2008 को अपहरण कर लिया था। दोनों ने मिलकर सुखदेव की हत्या कर दी। हत्या कर आरोपियों ने शव खुर्द-बुर्द करने की नीयत से एक माईनर में फैंक दिया। करीब 5 माह तक सुखदेव सिंह का कुछ पता नहीं चला। आखिरकार सुखदेव सिंह की पत्नी सुखजीत कौर ने थाना डबवाली में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस को दी शिकायत में सुखजीत कौर ने आरोप लगाया था कि उक्त दोनों ने रंजिशन उसके पति की हत्या की। पैसों के पीछे हत्या उक्त दोनों ने घटना को अंजाम दिया। शिकायत के अनुसार 7 सितम्बर 2008 को उक्त लोगों ने उसके पति से 5 हजार रुपये उधर मांगे थे। सुखदेव सिंह ने राशि देने से इंकार कर दिया। इसी बात को लेकर उक्त दोनों उसके पति से रंजिश रखने लगे। शिकायत में बताया गया था कि बलजिंद्र व तरसेम ने 10 सितम्बर को उसके पति का ट्रैक्टर भी छीन लिया था। तदोपरांत उक्त दोनों ने सुखदेव की हत्या कर तथ्य छुपाने के लिए ट्रैक्टर सिरसा की जेजे कॉलोनी स्थित पुलिस चौकी में छोड़ कर फरार हो गए थे। सुखजीत कौर की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उक्त दोनों को 22 मार्च 2009 को धरदबोचा। पुलिस रिमांड के दौरान उक्त दोनों ने सुखदेव की हत्या किया जाना कबूल कर लिया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त रॉड व अन्य सामान्य बरामद कर लिया। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिंता की धारा 364, 302, 201, 404 व 34 के तहत अभियोग दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। दो वर्ष तक चली कार्रवाई के उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. शिव शर्मा की अदालत ने उक्त दोनों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

सैंकड़ों पेड़ों का कत्ल!

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के सबसे स्वच्छ गांव कालूआना में इन दिनों पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। स्टेडियम और स्कूल की बिल्डिंग खड़ी करने के लिए करीब पंद्रह एकड़ में लगे करीब तेरस सौ पेड़ काटे जा चुके हैं। गांव के कुछ लोगों ने पेड़ों की कटाई रूकवाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है।
ग्रामीण प्रितपाल नम्बरदार, लेखराय नम्बरदार, पंच सुरेश कुमार, विनोद कुमार, प्रहलाद सिंह, जगतपाल, वेदप्रकाश, सतपाल, विकास भादू, संदीप भादू, चेतराम वर्मा, जगदीश, भगड़ावत, सतनारायण, रणवीर गोदारा, सहदेव भादू, इन्द्रपाल, सहदेव जाखड़ व छोटू भादू का कहना है कि गांव के सरपंच जगदेव सहारण द्वारा देवीलाल पार्क व अनाज मंडी में हरियाली खण्ड के तहत रोपित हरे-भरे पेड़ कटवाए जा रहे हैं। इन पेड़ों के लिए हरियाणा सरकार ने हरियाली खण्ड के तहत करोड़ों रूपए की अनुदान राशि खर्च की थी। उन्होंने बताया कि सरपंच पेड़ों को कटवाकर वहां पर स्कूल बनवाना चाहता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि उनको स्कूल बनाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वहां पर हरियाणा सरकार के करोड़ों रूपए खर्च हुए है, अगर स्कूल बनवाना ही है तो पंचायत के पास और भी बहुत जगह खाली पड़ी है, वहां पर स्कूल बनवाया जा सकता है। उन्होंने पेड़ों की अवैध रूप से कटाई के मामले को ग्राम सभा की बैठक में भी उठाया था। लेकिन इसमें भी उनकी सुनवाई नहीं हुई।
इस बारे में गांव के सरपंच जगदेव सहारण का कहना है कि गांव में चौ. देवीलाल के नाम का कोई भी पार्क नहीं है और ना ही वहां पर उद्घाटन का पत्थर अंकित है। न ही इस पार्क का नाम कागजों में चौ. देवीलाल के नाम पर है। वे चौ. देवीलाल का दिल से आदर करते हैं। देवीलाल किसानों के हितैषी थे। उनके दिल में चौ. देवीलाल के प्रति सम्मान है। उन्होंने बताया कि दस एकड़ भूमि पर मॉडल स्कूल बनाया जाना है। मार्च 2010 में मॉडल स्कूल बनाने के लिए ग्राम सभा की आम बैठक में फैसला लिया गया था और इसी फैसले में इस जमीन का चयन किया गया था। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि पंद्रह-सोलह एकड़ भूमि पर 1248 वृक्ष लगे थे। जोकि पुराने थे। उन्हें जिला पंचायत एवं विकास अधिकारी सिरसा के आदेशानुसार व नियमानुसार नीलामी करवाकर काटा गया है। उनके अनुसार वे साल 2005 में सरपंच बने थे। तभी से वृक्षारोपण में सहयोग कर रहे हैं। 25 एकड़ जमीन में वृक्षारोपण किया गया है और वहां पर जितने वृक्ष लगाए गए हैं, वो सारे के सारे अच्छी अवस्था में खड़े हैं। गांव में ही वृक्षों की नर्सरी तैयार करके एक लाख वृक्ष लगवाएं गए हैं। कोई गली और स्कूल व खाली स्थान वृक्षारोपण से वंचित नहीं रखा गया है। जिसे पार्क की बात की जा रही है, उस पार्क में कभी भी घास नहीं लगाई गई थी। बल्कि कंटीली झाडिय़ां थी।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर सभी ग्रामवासी इस बात पर सहमत हों कि यहां स्कूल बनाया जा रहा है, वहां स्कूल नहीं बनना चाहिए, वे अब भी निर्णय को गांव की सहमति से बदलने के लिए तैयार हैं। उनके अनुसार वास्तव में एक प्रतिशत लोग पार्टीबाजी के चलते इसमें अड़चन डाल रहे हैं। लेकिन उनका प्रयास गांव वासियों के सहयोग से अड़चन डालने वालों को मनाने का रहेगा और उनकी जो गलत फहमी है, उसे निकाल दिया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्क स्थल को इसलिए चुना गया, ताकि विद्यालय का गेट कालूआना की ओर निकल सके तथा बच्चों को स्कूल में आने-जाने में कोई बाधा न आए। अगर इस जमीन को स्कूल के लिए न लिया होता, तो इसका गेट बस स्टैण्ड से होकर गुजरता और ऐसे में लड़कियों को विशेष तौर पर स्कूल आने-जाने में असुविधा रहती।
सरपंच ने यह भी कहा कि उपायुक्त सिरसा ने गांव में दो एकड़ भूमि पर पार्क बनाने की अनुमति दे दी है और इस पार्क पर दस लाख रूपए तक खर्च करने का भी अनुमति प्रदान की है। जिसका निर्माण शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।