22 जून 2011

ससुराल आए व्यक्ति की मौत पर बवाल


डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में ससुराल आए एक नाथ की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सिरसा निवासी सुखदेव नाथ ने बताया कि उसका चचेरा भाई बलदेव नाथ पुत्र लेखनाथ सोमवार रात को अपने ससुराल गांव डबवाली में आया हुआ था। लेकिन मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे किसी ने उन्हें सूचना दी कि बलदेव नाथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि उसका भाई नाथों के डेरा के नजदीक कीकर के वृक्ष के पास पड़ा हुआ है। उसने शंका प्रकट की कि उसके भाई की हत्या की गई है। उसके सिर, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, नाक आदि पर चोट के निशान हैं।
मृतक के भाई बन्ना नाथ निवासी सिरसा ने बताया कि उसके भाई के सिर पर गंदाली के निशान हैं और उसकी खोपड़ी भी बाहर को निकली हुई थी। उसके भी संदेह है कि उसके भाई की उसकी भाभी सुरती, सास टरिया बाई, साले बाजार नाथ और अंग्रेज नाथ ने हत्या की है। उसने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि उसका भाई अपनी पत्नी सुरती को अक्सर बुरे काम करने से रोकता था। उसने आरोप लगाया कि सुरती देवी अक्सर मायके में ही रहती थी।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक की बहन तथा बाजार नाथ की पत्नी शिमला बाई के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट, अपहरण के बाद मंगलवार को हुई रजिस्टरी


डबवाली (लहू की लौ) तहसील परिसर में जमीन की रजिस्टरी करवाने आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो लोगों से कुछ व्यक्तियों ने मारपीट की। मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर मारपीट करने वाले फरार हो गए। बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच जमीन की रजिस्टरी हुई।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के मोहन सिंह नंबरदार और भेरू राम ने गांव माधोसिंघाना के कमल सैनी को अपनी 24 कैनाल जमीन बेचने का इकरारनामा किया था। इसी के तहत 17 जून को रजिस्टरी करवाने के लिए खरीददार और विक्रेता तहसील में आए हुए थे। लेकिन गांव के कुछ लोग इस रजिस्टरी को लेकर खफा थे। उन्होंने जमीन बेचने वालों पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें भैरू राम मौका से भागने में सफल हो गया। जबकि मोहन सिंह उनके हाथ आ गया।
मोहन लाल ने बताया कि उस दिन आरोपी उसका अपहरण करके उसे पहले चौटाला ले गए और फिर चौटाला से तीन किलोमीटर दूर अपनी ढाणी में ले गए और बाद में उसे छोड़ दिया। इसी के बाद उसका साथी भेरू राम, कमल सैनी और भेरू राम का साला पृथ्वी राम एसपी सिरसा को मिले। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुनवाई होगी। इसी आधार पर मंगलवार को वे लोग रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए। लेकिन आज भी गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल बगैरा ने उनसे मारपीट की। लेकिन इसकी सूचना पुलिस को दिए जाने पर मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर आरोपी फरार हो गए।
मौका पर उपस्थित थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि वे सूचना पाकर तहसील कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने भेरू राम और मोहन लाल को सुरक्षा प्रदान की। पुलिस सुरक्षा में रजिस्टरी का काम पूरा हो गया।
इधर तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने रजिस्टरी होने की पुष्टि की है।

रूठों को मनाने का चांस



कालांवाली (नरेश सिंगला) पालिका प्रधान व उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए रखी गई बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई। प्रशासन का कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए अभी एक माह का समय बाकी है। इस अवधि में रूठों को मनाने के लिए प्रधान को एक माह का गोल्डन चांस मिला है। हालंाकि पालिका प्रधान राजीव गर्ग ने 20 जून क ो ही अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। पालिका प्रधान से असंतुष्ट चल रहे 11 नगर पार्षदों नेे पालिका प्रधान की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उपायुक्त सिरसा को शपथ पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उपायुक्त ने इसके लिए उपमण्डलाधीश रोशन लाल की डयूटी लगाते हुए  21 जून की तिथि निर्धारित की थी। मंगलवार को इस मामले को लेकर पालिका कार्यालय में प्रात: से ही गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। इस अवसर पर थाना प्रभारी विक्रम नेहरा के नेतृत्व मे भारी पुलिस बल तैनात था। प्रशासन द्वारा रखी गई इस बैठक में इनेलो समर्थित पार्षदो ने बहिष्कार किया। वहीं कंाग्रेसी पार्षदो में भाग लेने वालों में वार्ड 2 की पार्षद रानी देवी, पांच के कालू लुहानी, छह के वेद प्रकाश, 12 के जगसीर सिंह, 13 के भूरा सिंह सहित इनेलो समर्थित वार्ड नं. 11 के राजेश कुमार शामिल थे। बैठक मे पहुंचे उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बैठक मे उपस्थित पार्षदों से बातचीत कर बैठक को समाप्त घोषित किया व अविश्वास प्रस्तावके लिए नियमानुसार एक वर्ष का समय पूरा न होने की बात कही।
बाद में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बताया की नियमानुसार पद ग्रहण के बाद एक साल से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता। जबकि प्रधान के कार्यकाल को एक साल पूरा होने मे लगभग एक महीना बाकी है।
नियमानुसार पालिका प्रधान राजीव गर्ग को अपने पद पर रहने के लिए एक सुनहरी मौका मिला है। एक सप्ताह के भीतर इस्तीफा वापिस लेते है या नहीं यह देखने वाली बात है।
लोगो मे आज दिन भर यह चर्चा बनी रही की जब एक वर्ष से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता है, तो उपायुक्त सिरसा ने असंतुष्ट पार्षदों के शपथ पत्र लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि क्यों निर्धारित की

उन्होंने पार्टी हाईकमान के आदेश पर अपने पद से इस्तीफा दिया था, आगे भी हाईकमान जो आदेश देगी वह उसे मंजूर होगा। -राजीव गर्ग, अध्यक्ष नपा कालांवाली

प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे अत्याचारों के विरोध में दलितों ने निकाला मौन रोष मार्च


डबवाली (लहू की लौ) हिसार में वाल्मीकियों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को डबवाली के दलितों ने भारतीय वाल्मीकि समाज बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में मंगलवार को मौन जुलूस निकाला। तहसीलदार को राज्यपाल हरियाणा के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
इससे पूर्व दलित न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित वाल्मीकि मंदिर में इक्ट्ठे हुए। बैठक के बाद हाथों में दलित समाज पर अत्याचार के संदर्भ में सलोगन लिखित तख्तियां उठाए ये लोग बस स्टैण्ड, चौटाला रोड़, बिश्नोई मंदिर मार्किट से होते हुए उपमण्डलाधीश कार्यालय पर पहुंचे। इस दौरान समाज के लोगों ने मौन धारण किया हुआ था। मौन रखकर इन लोगों ने सरकार का विरोध जताया।
प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल वाल्मीकि समाज न्याय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश गोगा, संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहब राम, राजकुमार, गोपाल बिट्टू, शिव कुमार खाराखेड़ा, जसवंत, श्योपत आदि कर रहे थे। सुरेश गोगा ने कहा कि हरियाणा में दलित समाज पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। कभी दुलीना काण्ड, कभी गोहाना अग्निकांड, गोहाना में लारा हत्याकांड, मिर्चपुर में आगजनी एवं हत्याकांड, बणी में मुखराम हत्याकांड, कर्म सिंह एवं चमेल सिंह हत्याकांड इसके मुख्य उदाहरण हैं। गोगा के अनुसार हिसार में मिर्चपुर काण्ड के पीडि़त परिवारों पर लाठीचार्ज व सिरसा में दलित समाज के लोगों पर झूठे मुकद्दमें बनाकर सरकार और हरियाणा पुलिस उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। जिसे दलित समाज कभी सहन नहीं करेगा।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल की अनुपस्थिति में दलित समाज ने अपनी मांगों के समर्थन में तहसीलदार राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा।
पुलिस रही चौकस
दलित समाज के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन चौकस रहा। वाल्मीकि मंदिर से प्रारंभ हुए प्रदर्शन के साथ-साथ पुलिस पीसीआर चल रही थीं। किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए उपमण्डलाधीश कार्यालय में थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह, थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह अपने दलबल सहित मोर्चा संभाले हुए थे।

......मैं तो साहब बन गया


शराबी बीपीएल सर्वेयर पार्षद के घर में घुसा, छित्तर-परेड़
डबवाली (लहू की लौ) साला, मैं तो साहब बन गया। ये बूट मेरा देखो, ये सूट मेरा देखो। जैसे छोरा कोई लंदन का। लालपरी की धुन में कुछ यही गुनगुनाता एक बीपीएल कार्ड सर्वेयर मंगलवार को वार्ड नं. 14 के पार्षद के निवास स्थान में घुस गया और आराम से सोफे पर जा लेटा। मौका पर पहुंचे पार्षद ने सर्वेयर की छित्तर-परेड़ करते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया।
नगरपालिका डबवाली क्षेत्र में सिरसा साक्षरता मिशन की ओर से बीपीएल कार्डों की जांच का कार्य 17 जून से शुरू किया गया है। यह कार्य 24 जून तक चलना है। यह कार्य वार्डों में डिपू होल्डर की सहायता से किया जा रहा है। मंगलवार को वार्ड नं. 11 से लेकर 15 में सर्वे का कार्य आरंभ हुआ। वार्ड नं. 14 में फोटोग्राफी (सर्वे) के लिए दारा सिंह नामक युवक की डयूटी थी। उसके साथ इसी वार्ड से संबंधित डिपू होल्डर जसवंत सिंह भी था। वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि उसके पास डिपू होल्डर का फोन आया कि फोटोग्राफी कर रहे युवक ने शराब पी हुई है और सर्वे के दौरान उसका रवैया ठीक नहीं है। इसकी जानकारी पाकर वह अपने घर आया। जसवंत घर के बाहर खड़ा था। लेकिन दारा उसके घर के सदस्यों से बिना पूछे घर के अंदर घुस गया और आराम से सोफे पर जाकर सोया हुआ था। बिना अनुमति के घर में घुसने के बारे में पूछने पर शराब के नशे में धुत्त दारा दुव्र्यवहार पर उतर आया। इसी दौरान गली के लोग भी इक्ट्ठे हो गए और फोटोग्राफर की धुनाई कर डाली।
छित्तर परेड़ के बाद गली के लोग शराबी बीपीएल कार्ड सर्वेयर को पकड़कर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में ले आए और कार्रवाई की मांग की। लेकिन विभाग के इंस्पेक्टर अरविंद पूनियां ने कहा कि वे इसके खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम हैं। चूंकि सर्वे साक्षरता मिशन के तहत हो रहा है और मिशन ने ही इसे रखा है।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जिला साक्षरता मिशन के सचिव सुखविंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए इस सर्वेयर को तुरंत सर्वे से हटा दिया। वार्ड पार्षद ने शराबी सर्वेयर को मौका पर पहुंचे थाना शहर पुलिस के एएसआई हंसराज को सौंप दिया।

--दोस्त ने पीला दी माफ कर दो

--आज ही किसी दोस्त  ने पीला दी। गलती हो गई, माफी मांग रहा हूं। मुझे माफ कर दो। आईंदा से शराब पीकर डयूटी नहीं करूंगा। -दारा फोटोग्राफर (सर्वेयर), गांव आनंदगढ़

--साक्षरता मिशन में शराबियों का कोई काम नहीं। दारा को केवल फोटोग्राफी सर्वे से ही नहीं। बल्कि मिशन से ही निकाल दिया गया है।
-सुखविंद्र सिंह, सचिव सिरसा साक्षरता मिशन

--लिखित रूप में शराब के नशे में धुत्त दारा ने माफी मांग ली और मुद्दई ने उसे माफ कर दिया। दोनों पक्षों में राजीनामा होने के बाद यह मामला थाना में निबट गया।
-एसआई महावीर सिंह, थाना शहर प्रभारी

चौबीस घंटे में एक घंटा मिलेगी बिजली!


डबवाली (लहू की लौ) म्हारा हरियाणा गांवों का प्रदेश है। राज्य की एक तिहाई आबादी गांवों में बसती है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण आंचल में बसे लोग ही मूलभूत सुविधाओं से मोहताज चले आ रहे हैं। सुविधाओं में से एक है बिजली। कुछ गांवों में बिजली पहुंची है, तो कुछ में नहीं। लेकिन जिन गांवों में बिजली पहुंची है, उनकी हालत आज भी दयनीय है। चूंकि चौबीस घंटे के भीतर ग्रामीणों को कुछ देर ही बिजली मिलती है। इधर बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने के लिए बिजली निगम के मण्डल अभियंता द्वारा लिखे गए एक पत्र को दरकिनार करते हुए निगम के उच्च अधिकारियों ने जवाब भेजा है कि ग्रामीण आंचल में जैसे बिजली दी जा रही है, वैसे ही बिजली की आपूर्ति होती रहे, शैड्यूल से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले गांवों को मुश्किल से एक-आध घंटा बिजली मिल रही है। ग्रामीण आंचल में बसे लोगों को बिजली न मिलने के कारण पानी की भारी दिक्कत आ रही है। ग्रामीण घने अंधेरे में खाना खाने को मजबूर हैं। बच्चे दीए की रोशनी में पढऩे को बाध्य हैं। बार-बार बिजली निगम के अधिकारियों का कुंडा खटखटाने के बावजूद ग्रामीणों को कहीं भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही। निगम के डबवाली मण्डल में पडऩे वाले गांवों में चार घंटे बिजली मुहैया करवाने के लिए ग्रामीणों की मांग पर मण्डल अभियंता ने एक पत्र भी निगम के उच्च अधिकारियों को लिखा था। मण्डल अभियंता के पत्र से ग्रामीण आंचल के लोगों को कुछ उम्मीद अवश्य बंधी थी। लेकिन यह उम्मीद पत्र के बदले आए उच्च अधिकारियों के साफ इंकार से धराशाई हो गई।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने बताया कि मण्डल डबवाली के अंतर्गत पडऩे वाले गांवों के लोगों की प्रतिदिन चार घंटे बिजली देने की मांग पर उन्होंने एसई (सिस्टम ऑपरेशन) को एक पत्र लिखा था। लेकिन बिजली की कमी के कारण उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया। अब वे दोबारा फिर पत्र लिखकर उनसे गांवों में बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने की मांग करेंगे।

'साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओÓ


डबवाली (लहू की लौ) बिजली निगम ने साड़े नाल धोखा किता है। साड़े पासे बिजलीघर बनना सी। ऐस नाल साड़े पिंडा दी बिजली च वादा हो जांदा। बिजली आलेयां ने ऐह बिजलीघर होर किते बनोन दा फैसला लिता है। हुण साड़े पिंडा विच निगम दे शैड्यूल मुताबिक भी बिजली नी मिलदी। जे तुसीं सानूं बंदे नी समझदे तां साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओ।
ये शब्द हैं मसीतां, अलीकां, मौजगढ़ तथा गोबिंदगढ़ गांव के लोगों के। उपरोक्त गांवों के लोगों ने सोमवार को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मण्डल अभियंता बीके रंजन से मिलकर उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। गांव मसीतां के सरपंच शिवराज सिंह, पूर्व सरपंच मनजीत सिंह दलेह, सर्वजीत सिंह, दर्शन सिंह, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह, भिन्द्र सिंह, हैप्पी सिंह, गांव अलीकां के बलकौर सिंह, जसविंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, नैब सिंह, राजेंद्र सिंह, गोबिंदगढ़ के धर्म सिंह, पप्पू सिंह, नरेश कुमार, बनवारी लाल, गांव मौजगढ़ के देवीलाल, जसवंत सिंह, राईट सिंह, पवन कुमार आदि ने मण्डल अभियंता को बताया कि करीब चार साल पूर्व गांव मसीतां की पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित करके गांव में 33केवी बिजलीघर के लिए बिजली निगम को जमीन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था। इस जमीन पर बिजलीघर स्थापित होने से आस-पास के गांवों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होती। इन लोगों ने बताया कि गांव गंगा स्थित बिजली घर को जाने वाली केबल गांव मसीतां से होकर गुजरती है। ऐसी हालत में अगर गांव मसीतां में बिजलीघर बनता है तो निगम को कम खर्चा उठाना पड़ेगा। लेकिन निगम अधिकारियों ने इस बात को दरकिनार करते हुए यह बिजलीघर कहीं ओर ट्रांसफर कर दिया। उनकी तीन साल की मेहनत पर पानी फेर दिया। यहां तक की वर्तमान समय में उनके गांवों तथा टयूब्बैलों को होने वाली बिजली आपूर्ति भी शैड्यूल अनुसार नहीं की जा रही।
ग्रामीणों ने बताया कि घरों में मात्र एक घंटा तथा टयूब्बैलों को मात्र चार घंटे बिजली दी जा रही है। लेकिन इस आपूर्ति में कई दफा कट लगाए जा रहे हैं। गर्मी अत्याधिक होने की वजह से खेतों में लगी फसल भी जल रही है। बिजली न होने की वजह से गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। ट्रालियों तथा कैंटरों की मदद से अपने घरों पानी लाकर ग्रामीण सूखे गले तर कर रहे हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने मण्डल अभियंता को चेतावनी दे डाली कि अगर बिजली निगम नारेबाजी और प्रदर्शन से जागता है, तो गांवों के सैंकड़ों लोग बिजली निगम कार्यालय में जमा होकर बिजली निगम अधिकारियों का विरोध जताएंगे।
आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने कहा कि गांव मसीतां में 33केवी बिजलीघर का निर्माण हो इसके लिए उनकी ओर से प्रक्रिया जारी है। यहां तक शैड्यूल अनुसार बिजली आपूर्ति का सवाल है, उनके गांवों में पड़ते टयूब्बैल कनेक्शनों को प्रतिदिन छह घंटे बिजली दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त कराया कि 132केवी बिजलीघर डबवाली पर ओवर लोड़ कम करने के उद्देश्य से गांव मांगेआना को 33केवी देसूजोधा से जोड़ा जा रहा है। ऐसा होने के बाद बिजली आपूर्ति में सुधार होना संभव है।