14 दिसंबर 2014

मेन बाजार के लिये रास्ते की मांग, लोगों ने नायब तहसीलदार का सरकारी आवास घेरा

डबवाली (लहू की लौ) मलोट रोड़ पर गुरू तेग बहादर नगर के लोगों को मुख्य बाजार में आवाजाही के लिये रास्ता न दिये जाने का मामला गहराता जा रहा है। आरओबी की दीवार निकाले जाने के विरोध में धरना देने वाले लोगों ने शनिवार को नायब तहसीलदार के सरकारी आवास का घेराव कर लिया। नायब तहसीलदार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन देकर मार्ग की मांग की। उधर आरओबी का कार्य लगातार दूसरे दिन ठप रहा।
शनिवार को विपिन मोंगा, गुरलाल सिंह, गुरदीप सिंह, भजन लाल, सुखराज सिंह, गगनदीप सिंह, नीति गोयल, अनिल कुमार, राकेश कुमार, हरमेल सिंह, अमृतपाल, अजय सिंह, राकेश कुमार के नेतृत्व में लोग लघु सचिवालय पहुंचे। उपमंडलाधीश के छुट्टी पर होने क कारण तहसीलदार मातू राम नेहरा की कोठी की ओर चल दिये। लेकिन तहसीलदार भी नहीं मिले। बाद में लोगों ने नायब तहसीलदार छोटू राम के सरकारी आवास का घेराव कर लिया। शिकायत सुनने के लिये पहुंचे नायब तहसीलदार को लोगों ने दो टूक लफ्जों में कहा कि वे अपनी गलियों के आगे किसी कीमत पर दीवार नहीं बनने देंगे। अगर ऐसा हो गया तो आपातकालीन स्थितियों में एंबुलैंस, फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच पायेगी। मुख्य बाजार से उनका कनेक्शन सदा के लिये कट जायेगा।
हमें ड्राईंग नहीं दिखाई गई
नायब तहसीलदार के एक सवाल का जवाब देते हुये लोगों ने बताया कि उन्हें आरओबी की ड्राईंग तक नहीं दिखाई गई थी। न ही उन्हें यह बताया गया था कि उनकी गलियों के आगे दीवार निकालकर उनका मुख्य बाजार से संपर्क काट दिया जायेगा। शिकायत लेकर पहुंचे लोगों ने बताया कि उनके क्षेत्र में जितनी भी गलियां आती हैं, वे सभी आगे जाकर बंद हो जाती हैं। रास्ता न मिलने से उनकी परेशानी ओर बढ़ जायेगी। नायब तहसीलदार को समस्या से परिचित करवाने पर लोगों ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के नाम ज्ञापन भी दिया।
आपकी समस्या जायज है, सोमवार को करेंगे समाधान
लोगों को समझाते हुये नायब तहलसीदार ने कहा कि उनकी समस्या जायज है। आने-जाने के लिये रास्ता होना चाहिये। सोमवार को एसडीएम आ जाएंगे। आप मेरे मोबाइल नंबर पर संपर्क करके आ जाना। एसडीएम के जरिये हम एनएचएआई के अधिकारियों से बात करके समस्या का समाधान करवाएंगे।
बंद रहा आरओबी का कार्य
गलियों के आगे दीवार बनाये जाने के विरोध में शुक्रवार को लोगों ने धरना देकर आरओबी का कार्य रूकवा दिया था। जोकि लगातार दूसरे दिन भी ठप रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे, जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

सोमवार को बुलाया
लोगों ने ज्ञापन दिया है। जिसे आवश्यक कार्रवाई के लिये उच्च अधिकारियों के पास भेजा जायेगा। सोमवार को एसडीएम की मौजूदगी में बैठक होगी।
-छोटू राम,नायब तहसीलदार, डबवाली

राहगीर में टक्कर मारकर कार फरार

डबवाली (लहू की लौ) बठिंडा रोड़ पर गांव चकरूलदू सिंह वाला के नजदीक एक कार राहगीर में टक्कर मारकर फरार हो गई। भाई घनईया जी सेवा सोसायटी की एंबुलैंस ने उपचार के लिये उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। घायल ने अपनी पहचान दियोन निवासी अमरीक सिंह के रूप में करवाते हुये बताया कि वह बस पकडऩे के लिये सड़क क्रॉस कर रहा था, इसी दौरान तेजगति कार ने उसमें टक्कर मार दी।

पीछे से आये, शीशे के गेट को तोड़कर निकल गये सांड, हजारों का नुक्सान

डबवाली (लहू की लौ) शनिवार को गोल बाजार क्षेत्र में सांड़ों ने जमकर उत्पात मचाया। पुरानी अनाज मंडी की ओर से दो सांड लड़ते हुये एक दुकान में घुस गये। जिससे कोहराम मच गया। लड़ते हुये ये सांड़ दुकान पर लगे शीशे के मुख्य गेट को तोड़ते हुये बाजार तक पहुंच गये। दुकानदार का हजारों रूपये का नुक्सान हुआ।
प्रहलाद शूज मेकर के मालिक प्रहलाद राय ने बताया कि शाम को दो सांड आपस में भिड़ गये। पुरानी अनाज मंडी की ओर से आये ये दोनों सांड दुकान के भीतर आ घुसे। उस समय दुकान पर जूती मेकर चिमन लाल तथा उसका नाती तुषार बैठे हुये थे। सांड सामान को कुचलते हुये मुख्य बाजार में लगे दुकान के मुख्य गेट को तोड़ते हुये बाहर निकल गये। उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। उसका करीब दस हजार रूपये का नुक्सान हुआ है। दुकानदारों ने नगर परिषद से मांग की है कि वे अवारा पशुओं पर नकेल कसकर, इसका स्थाई समाधान करवाये।

दो वाहनों में फंस कर ट्रक चालक घायल, हालत गंभीर

डबवाली (लहू की लौ) गांव सकताखेड़ा के निकट एक व्यक्ति दो गाडिय़ों के बीच में आकर बुरी तरह से घायल हो गया। उपचार के लिये उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
राजस्थान के जिला श्री गंगानगर के गांव मम्मड़ का रहने वाला सरदूल सिंह अपने साथी चालक के साथ ट्रक में राजस्थान के जिला कोटा की रामगंज मंडी से मक्की भरकर पंजाब के खन्ना की ओर जा रहा था। गांव सकताखेड़ा के शेरे पंजाब होटल पर दोनों चाय पीने के लिये उतरे।  चाय पीने के बाद सरदूल सिंह ट्रक का अगला शीशा साफ करने लगा। जैसे ही वह शीशा साफ करके नीचे उतरा, आगे खड़ा ट्रक पीछे की ओर चल दिया। दोनों वाहनों में फंसने के कारण वह बुरी तरह से घायल हो गया। दुर्घटना होने के बाद आरोपी चालक मौका से भाग खड़ा हुआ। होटल मालिक मिंटू ने लोगों के सहयोग से उपचार के लिये उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।

फेसबुक पर अश्लील शब्द लिख भेजे, विरोध पर हुई पिटाई

डबवाली (लहू की लौ) फेसबुक पर अश्लील मैसेज भेजने का उलाहना देने गये एक युवक से मारपीट का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
गांव रिसालियाखेड़ा निवासी उग्रसेन ने बताया कि वह 12वीं कक्षा का छात्र है। उनके गांव के सुरेंद्र ने फेसबुक के जरिये उसे अश्लील शब्द लिखकर भेजे। जिसका उलाहना देने के लिये वह उनके घर गया तो सुरेंद्र बगैरा ने उससे मारपीट की। गोरीवाला चौकी प्रभारी एसआई भाना राम ने बताया कि शिकायत आई है। मामले की जांच की जा रही है।

केंद्र को गैरकानूनी बता, परीक्षा का बहिष्कार किया

डबवाली (लहू की लौ) शनिवार को लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परीक्षा केंद्र को गैरकानूनी बताते हुये परीक्षार्थियों ने परीक्षा देने से इंकार कर दिया। परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ। सूचना पाकर पुलिस मौका पर पहुंची। अब सोमवार को परीक्षा केंद्र तभी खुलेगा, जब पता चलेगा कि केंद्र गैर कानूनी है या कानूनी तौर पर सही।
डिस्टेंस एजूकेशन के जरिये लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीए, एमए, एमकॉम आदि कर रहे गुरप्रीत सिंह, देव जिंदल, अमन, वैभव, गुरदास, कर्ण ने बताया कि यूनिवर्सिटी का स्टडी सैंटर मंडी किलियांवाली में स्थित है। यूजीसी ने पब्लिक नोटिस जारी करके कहा है कि स्टडी सैंटर परीक्षा केंद्र नहीं होंगे और न ही परीक्षा केंद्र को पंजाब राज्य से बाहर बनाया जायेगा। शनिवार को अपनी परीक्षा के पहले दिन वे रोल नंबर लेने के लिये स्टडी सैंटर पर पहुंचे। उन्हें हरियाणा में स्थित एनपीएस स्कूल का पता लिखित रोल नंबर जारी किया गया। जिस पर उन्होंने एतराज किया। चूंकि यूजीसी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुये परीक्षा केंद्र हरियाणा में बनाया गया है। अपनी गाईडलाईनस में यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि वे ऐसे किसी परीक्षा केंद्र को मान्यता नहीं देगी जो संबंधित राज्य से परे होगा। ऐसे में उनका भविष्य दांव पर लग गया है। जवाब मांगने के लिये वे संबंधित केंद्र में गये, तो उन्हें वहां से खिसकने के लिये कह दिया गया। सेंटर हैड से बातचीत की गई तो गोलमोल जवाब मिला।
परीक्षा केंद्र को गैरकानूनी करार दिलाने के लिये युवा शहर थाना पुलिस में पहुंच गये। पुलिस में शिकायत करके केंद्र में हो रही परीक्षा पर रोक लगाने तथा नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। शिकायत के आधार पर शहर थाना पुलिस के एएसआई सुग्रीव सिंह मौका पर पहुंचे। इसी दौरान केंद्र में मौजूद यूनिवर्सिटी के पर्यवेक्षक गुरअवतार सिंह तथा स्टडी सैंटर हैड राजेंद्र कुमार ने युवाओं का सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। बस इतना कहा कि अगर युवाओं ने परीक्षा न दी तो यूनिवर्सिटी को परीक्षा का नया शैड्यूल जारी करना होगा। जिसमें काफी समय लग सकता है। युवा अपनी बात पर जस की तस बरकरार रहे। उन्होंने कहा कि वे गैर कानूनी कार्य नहीं होने देंगे, उनका भविष्य सुरक्षित हो, इसलिये वे देरी से परीक्षा देने के लिये तैयार हैं। एनपीएस निदेशक वेदप्रकाश भारती ने कहा कि यूजीसी की गाईड लाईनस के संबंध में यूनिवर्सिटी से बातचीत की जायेगी। अगर यूजीसी की हिदायतों के अनुसार परीक्षा केंद्र हरियाणा में स्थापित नहीं हो सकता, तो वे सोमवार को परीक्षा केंद्र नहीं खोलेंगे।
यूनिवर्सिटी से आये पर्यवेक्षक गुरअवतार सिंह तथा सेंटर हैड राजेंद्र कुमार ने बताया कि उन्हें मालूम नहीं कि परीक्षा केंद्र हरियाणा में बनाया जा सकता है या नहीं। वे इस संबंध में यूनिवर्सिटी से बातचीत करेंगे।
शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह तथा मामले की जांच कर रहे एएसआई सुग्रीव सिंह ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सेंटर वैध या अवैध। शिकायतकर्ताओं ने अपने कागजात प्रस्तुत किये हैं। संबंधित परीक्षा केंद्र से भी जवाब तलबी की गई है। निर्णय होने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

सात साल में कार्यकारी प्रिंसीपल का रहा दबदबा, नहीं मिले प्राध्यापक

कॉलेज में 25 प्राध्यापकों में से 11 पद खाली, 3 गेस्ट

डबवाली (लहू की लौ) राजकीय महाविद्यालय में प्राध्यापकों के आधे पद रिक्त पड़े हैं। पांच विषयों के प्राध्यापक महाविद्यालय की स्थापना से ही नहीं मिले हैं। ऐसे में राजकीय महाविद्यालय में पढऩे आने वाले 1100 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। इतना ही नहीं महाविद्यालय के संचालन के लिये प्रिंसीपल का पद भी 30 नवंबर 2014 को खाली हो गया है।
डबवाली में कॉलेज की मांग करीब चार दशक पुरानी थी। जो पिछली सरकार के समय सिरे चढ़ गई। वर्ष 2007 में पुराने सिविल अस्पताल के भवन में अस्थाई तौर पर कक्षाएं शुरू हुई थी। 16 फरवरी 2014 को बाबा भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय का नाम मिला। करीब सात वर्षों तक सिविल अस्पताल के भवन में चलने के बाद कॉलेज अगस्त 2014 में गांव डबवाली में नये बने भवन में शिफ्ट हुआ है। लेकिन प्राध्यापकों के पद आज तक भरे नहीं गये हैं। कॉलेज में प्राध्यापकों के कुल 25 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 11 पद अभी भी खाली पड़े हैं। हिंदी, इतिहास, रसायन विज्ञान, गृहविज्ञान तथा शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक तो वर्ष 2007 से नहीं मिले हैं। ऐसी परिस्थितियों में विद्यार्थी कैसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, यह समझ से परे है।
सात वर्षों में रहा कार्यकारी प्रिंसीपल का दबदबा
पिछले सात वर्षों से राजकीय महाविद्यालय प्रिंसीपल के लिये भी तरसता रहा है। अशोक भाटिया ने पहले प्रिंसीपल के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 26 जून 2007 से 12 मई 2008 तक रहे। उनके बाद पीके गर्ग कार्यकारी प्रिंसीपल रहे। हालांकि सात वर्षों के दौरान एमएल कालड़ा, शमीम शर्मा, यूएस सैनी, सुचित्रा भी प्रिंसीपल रहे। लेकिन कार्यकाल बहुत कम समय का रहा। इस दौरान चार बार पीके गर्ग के पास चार्ज रहा। आखिर सरकार ने उन्हें पदोन्नति देकर 14 फरवरी 2013 को प्रिंसीपल नियुक्त किया। जोकि 30 नवंबर 2014 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। प्रिंसीपल का पद एक बार फिर रिक्त हो गया है।

प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति के लिये मांग भेजी गई है। विद्यार्थियों की शिक्षा में बाधा न आये इसके लिये अस्थाई लेक्चर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
    -राकेश वधवा, कार्यकारी प्रिंसीपल राजकीय महाविद्यालय, डबवाली

टीचिंग स्टॉफ की स्थिति
पद स्वीकृत पद भरे खाली गेस्ट
अंग्रेजी 03 01 02 00
हिंदी        01 -- 00 01
ज्योग्रफी  03 03 00 00
इतिहास  01 00 00 01
पंजाबी 01 01 00 00
अर्थशास्त्र 01 01 00 00
गणित 02 01 01 00
साईकोलॉजी 01 01 00 00
राजनीतिक शास्त्र 01 00 01 00
फिजिकल एजूकेशन 01 00 01 00
कॉमर्स 02 02 00 00
केमिस्ट्री 02 01 01 00
फिजिकस 02 00 00 01
होम साईंस 02 00 02 00
कंप्यूटर साईंस 92 00 02 00
कुल 25 11 11 03

मम्मी-पापा आज मैं तोता बनूंगा, मुझे देखने के लिये जरूर आना

डबवाली (लहू की लौ) मम्मी, पापा आज मैं तोता बनऊंगा। मुझे देखने के लिये आप जरूर आना। दादी जी को भी साथ लाना। करीब उन्नीस वर्ष पूर्व 23 दिसंबर 1995 को डीएवी स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में भाग लेने जाते समय रविकांत के यह बोल आज भी उसके पिता वीरेश दत्त के कानों में गूंजते हैं। आंखों से अश्रु टपकने लगते हैं।
डबवाली अग्निकांड में वीरेश कुमार दत्त के परिवार के नौ सदस्य मारे गये थे। जिसमें उनकी पत्नी सरोज रानी (29), दो बेटे रविकांत (9), केशवकांत (3), बेटी नीलम रानी (8), मां लक्ष्मी देवी (54), भाभी सरोज (27) पत्नी सुरेश कुमार, भतीजा घनश्याम (1 साल), भानजा दीपक (6), भानजी चंचल (3) शामिल हैं। वीरेश के अनुसार रविकांत डीएवी की तीसरी कक्षा का छात्र था। जबकि बेटी नीलम दूसरी कक्षा की छात्रा थी। 23 दिसंबर के कार्यक्रम के लिये दोनों ने ठीक एक सप्ताह पूर्व ही तैयारी आरंभ कर दी थी। रविकांत को कार्यक्रम में पिंजरे में बंद तोते का किरदार तथा बेटी ने डांस में अपनी प्रतिभा दिखानी थी। कार्यक्रम के दिन दोनों घर से जाते समय पूरे परिवार को कार्यक्रम में भाग लेने के लिये कहकर गये थे। दोपहर बाद करीब 1 बजे परिवार के उपरोक्त सदस्य कार्यक्रम देखने के लिये गये थे।
दोपहर बाद 3 बजे पता चला
वीरेश के अनुसार वह 1995 में वह पंजाब के निकटवर्ती जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव लंबी में केमिस्ट शॉप चलाता था। 23 दिसंबर को दोपहर बाद करीब 3 बजे उसे उपरोक्त हादसे के बारे में सूचना मिली। मामूली हादसा समझते हुये वह अपने घर पहुंचा। केशवकांत, घनश्याम, चंचल घर में थे, उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि उनकी मौत हो गई है। चूंकि उनके शरीर पर जलने के निशान तक नहीं थे। वह अपनी बहन लीलावती के साथ सिविल अस्पताल में पहुंचा। नीलम सिविल अस्पताल में दाखिल थी। उपचार के बाद उसे रैफर कर दिया गया। रविकांत के शव के बगैर सभी शव मिल गये। किसी के शरीर पर जलने का निशान नहीं मिला।
तोता बने बेटे का शव हाथों में आ गया
24 दिसंबर को फिर वह अपने बेटे रविकांत को ढूंढऩे के लिये गया। सिविल अस्पताल में उसके बेटे का शव मिल गया। वह तोता बना हुआ था। आठ शव लेकर वे रामबाग में पहुंचे। शव जलाने के लिये जगह कम थी। रामबाग के नजदीक एक खेत में शवों को अग्नि दी। इसी बीच उसकी बेटी का शव भी वहां आ गया। उस दिन परिवार की नौ चिताएं जली।
आगजनी के समय पिंजरे में बंद था रविकांत
वीरेश के अनुसार अग्निकांड के कुछ वर्षों बाद उसे पता चला कि कार्यक्रम में आगजनी के दौरान उसका बेटा स्टेज पर पिंजरे में तोता बनकर कैद था। आग लगने पर भगदड़ मची हुई थी। इस दौरान रविकांत चाबी, चाबी चिल्ला रहा था। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। वीरेश के अनुसार उसका बेटा डॉक्टर तथा बेटी अध्यापिका बनना चाहती थी। लेकिन सब कुछ खत्म हो गया।
भगदड़ तथा दम घुटने के कारण मरे बच्चे और महिलाएं
वीरेश के अनुसार अग्निकांड में जलने के कारण उसके परिवार के सदस्यों की मौत नहीं हुई। बल्कि अग्निकांड की भीषणता तथा भगदड़ की वजह से कुचले जाने के कारण मारे गये। बच्चों की जीभ बाहर थी।

ठंडी हवा व हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार सुबह से चली शीत लहर से एकाएक ठंड में वृद्धि होने से सामान्य जनजीवन दिनभर प्रभावित रहा, हालांकि क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी भी रही। जिसके चलते उत्पन्न हुई ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए तो वहीं जगह जगह लोग अलाव सेंकते देखे गए। अनेक लोग काम काज छोड़कर दिनभर घरों में दुबके रहे तो वहीं उधर महीने के दूसरे शनिवार को स्कूलों में छुट्टी होने के कारण विद्यार्थियों को कुछ राहत नसीब हुई लेकिन खेतों में काम करने वाले लोगों को काफी परेशानी महसूस हुई। बढ़ी ठंड के साथ ही गर्म वस्त्रों की अचानक मांग बढ़ गई और गर्म वस्त्र विके्रता पूरा दिन व्यस्त रहे। भले ही इस ठंड व हल्की बूंदाबांदी ने मौसम का मिजाज बदल दिया हो और लोगों को कुछ परेशानियों से भी दो चार होना पड़ा हो लेकिन किसानों की माने तो गेहूं की फसल के लिए उक्त मौसम फायदे का सौदा सिद्ध हुआ है। पिछले कुछ दिनों से दिन के समय तेज धूप के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हो रही थी। ठंड अब उस पर लाभकारी साबित होगी।

पंजाबियां दी शान वखरी पर झूमे दर्शक

बाल वाटिका मॉडल स्कूल का वार्षिक उत्सव आयोजित

डबवाली (लहू की लौ) बाल वाटिका मॉडल स्कूल का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह शनिवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। जिसमें श्री मुक्तसर साहिब के डीईओ दविंद्र राजौरिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
यूकेजी के बच्चों ने झांकी हिंदुस्तान की गाने पर नृत्य करके सबका मन मोह लिया। कक्षा द्वितीय की छात्राओं ने धीयां दा सत्कार करो और रंग दे बसंती चोला पर प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी। नन्हें-मुन्नें बच्चों ने पंजाबियां दी शान वखरी गाने पर नृत्य कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। बच्चों ने भाषण, कविताएं, गीतगाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर प्रधानाचार्या वंदना मेहता ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। मुख्यातिथि ने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये। इस मौके पर प्रबंधक समिति के सदस्य वीपी जिन्दल, अरूण जिन्दल, नीरज जिन्दल, अनिल गोयल,रविन्द्र गर्ग, प्रिंसीपल एसके कौशिक, प्रिंसीपल गुरू नानक कॉलेज डॉ. इन्दिरा अरोड़ा, प्रिंसीपल बीएड कॉलेज डॉ. पूनम गुप्ता, तरसेम जिन्दल, कंचन हरचन्द, एसके दुआ उपस्थित थे।

14 Dec. 2014