06 सितंबर 2010

भूमि अधिग्रहण मामले में गोरखपुर के किसान भूख हड़ताल पर बैठे

सिरसा। परमाणु सयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पिछली 20 अगस्त से धरने पर बैठे गोरखपुर के किसानो ने अपना विरोध अब और तेज कर दिया है। किसानों ने आज से फतेहाबाद लघुसचिवालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने बताया कि सरकार उनकी मांग पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। आज की भूख हड़ताल में संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज सिवाच, बलराज शर्मा, इंद्र सिवाच, शमशेर सिंह श्योकंद, रिसाल सिंह सिवाच शामिल हुए। हर रोज पांच किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
  समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
  उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

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