15 अगस्त 2010

पत्नी की हत्या कर नहर में कूदा

डबवाली (लहू की लौ) गांव मिड्डूखेड़ा में शुक्रवार देर रात को एक मजदूर ने चरित्र के संदेह में अपनी पत्नी की तेजधार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी और स्वयं गांव के नजदीक से गुजरने वाली राजस्थान कैनाल में कूद गया।
जानकारी अनुसार गांव मिड्डूखेड़ा निवासी रज्जा उर्फ राजा सिंह के बेटे जगसीर सिंह उर्फ सीरा सिंह की शादी करीब चौदह वर्ष पहले गांव दौला निवासी गोरा सिंह की बेटी संदीप कौर से हुई थी। पिछले कुछ सालों से दोनों में मनमुटाव चला आ रहा था। सीरा के भाई मोहन सिंह के अनुसार संदीप कौर उनके घर के पास स्थित शराब के ठेके के करिंदों से अक्सर मिलती-जुलती रहती थी। जिस पर सीरा एतराज करता था। बार-बार समझाने के बावजूद भी संदीप कौर नहीं मानी और सीरा इसे सामाजिक तौर पर अपनी बेइज्जती मानता था। मौका मिलते ही संदीप कौर को उसने तेजधार हथियारों से काट डाला।
घटना की सूचना मिलने पर लम्बी थाना प्रमुख हरिन्द्र सिंह चमेली मौका पर पहुंचे और उन्होंने घटना का निरीक्षण किया। लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मलोट भेज दिया। पुलिस ने मृतका के पिता गोरा सिंह पुत्र काला सिंह के ब्यान पर सीरा सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
थाना लम्बी के प्रभारी एसआई हरिंद्र सिंह चमेली ने बताया कि मृतका के पिता गोरा सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसकी बेटी से सीरा सिंह अक्सर उससे मारपीट करता रहता था। वह उसे कई बार समझा चुके थे। पांच दिन पूर्व सीरा अपनी पत्नी संदीप कौर को मायके से ले गया था। शुक्रवार को उन्हें पता चला कि दोनों में फिर तनाव पैदा हो गया है। जिस पर समझाने-बुझाने के लिए वह गांव मिड्डूखेड़ा में आ गया। जब वह समझा-बुझा रहा था तो उस समय सीरा तैश में आ गया और उसने उसके सामने ही कापे से संदीप कौर को काट डाला और फरार हो गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें बताया है कि हत्या के बाद जगसीर सिंह उर्फ सीरा राजस्थान कैनाल में कूद गया। लेकिन अभी तक उसकी लाश नहीं मिली है। फिलहाल पुलिस ने सीरा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

मूर्ति स्थापना को लेकर दिन-भर रहा तनाव

डबवाली (लहू की लौ) यहां के वाल्मीकि चौक के पास गन्दगी के डिपू को उठवाने के लिए हनुमान के श्रद्धालुओं ने रामसेवक हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी। जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया। प्रशासन के अधिकारी मौका पर पहुंचे। लेकिन काफी देर तक माथापच्ची करने के बाद भी श्रद्धालु अपनी बात से टस से मस नहीं हुए।
रामसेवक हनुमान की मूर्ति की स्थापना के पक्ष और विरोध में दो ग्रुप खड़े हो गये। एक ग्रुप का नेतृत्व प्रवीन सिंगला तथा दूसरे ग्रुप का नेतृत्व कामरेड गणपत राम कर रहे थे। प्रवीन सिंगला ने बताया कि उनके घरों के आगे नगरपालिका ने डिपू बना रखा है और गन्दगी के ढेर यहां लगे रहते हैं, जिसके चलते उनके बच्चे रोगी हो गये हैं। कई बार नगरपालिका को डिपू हटवाने के लिए कहा गया। लेकिन नगरपालिका टस से मस नहीं हुई बल्कि लोगों ने यहां पर मांस तक फेंकना शुरू कर दिया। यहीं नहीं बल्कि लोग इस स्थान पर खड़े होकर पेशाब करते हैं जिसका दुष्प्रभाव उनके परिवारों पर पड़ रहा है। जिसके चलते आसपास के सभी लोगों ने साफ-सफाई करके हनुमान की मूर्ति स्थापित करके इसे पावन स्थान बनाने का प्रयास किया।
इधर दूसरे पक्ष के कामरेड गणपत राम बगैरा का आरोप है कि वह गन्दगी कहां फेंके। जबकि पिछले 25 सालों से यहां कूड़े का डिपू बना हुआ है। इस मामले को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गये। यहां तक कि दोनों पक्षों की महिलाएं भी सड़कों पर आ गईं। तनाव की स्थिति और मंदिर के अवैध निर्माण को लेकर मौका पर उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल तथा नायब तहसीलदार हरि ओम बिश्नोई दल बल के साथ मौका पर पहुंचे। लेकिन जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों ने हनुमान की मूर्ति को हटवाने का प्रयास किया तो श्रद्धालु महिलाएं वहां डट गईं और उन्होंने मूर्ति को चारों ओर से घेर लिया और साथ में चेतावनी दी कि मूर्ति उनकी लाशों के ऊपर से ही उठेगी। मामले को सुलझाने के लिए उपमंडलाधीश ने अग्रवाल पीरखाना में वार्ड नं. 13, 14, 15 के लोगों की एक बैठक बुलाई और उसमें बताया कि सुप्रीम कोर्ट के नवम्बर 2009 के निर्णय अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अवैध रूप से मंदिर का निर्माण करवाना गैरकानूनी है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट रूप से हिदायतें दी गई हैं कि इस अवैध निर्माण को तुरन्त प्रभाव से गिरा दिया जाये वरना वह सभी लोग दोषी होंगे जो इस अवैध निर्माण को देखेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि बठिंडा रोड़ पर स्थित रामभक्त हनुमान मंदिर को भी तोडऩे के आदेश आ चुके हैं। इसे भी कुछ दिनों में गिराया जा सकता है। राम भक्त हनुमान मंदिर प्रबंधक समिति को स्वयं ही मंदिर को हटवा लेेने के लिए कहा गया है। इस मौके पर उन्होंने वार्ड नं. 14 में ताजा स्थापित की गई मूर्ति को हटवाने के लिए 14 मैम्बरी कमेटी का गठन किया। जिसमें पार्षद विनोद बांसल, पार्षद मधु बागड़ी, पार्षद सुरजीत चावला के साथ-साथ सीता राम सिंगला, साहब राम पुहाल, रामरख, चित्रगुप्त छाबड़ा, प्रवीन सिंगला, डॉ. भारत भूषण छाबड़ा, विजय छाबड़ा, संजय कुमार, गणपत राम, आशा वाल्मीकि और कृष्ण कुमार को मनोनित किया गया। लेकिन जब मूर्ति को हटाने का समय आया तो इस क मेटी के अधिकांश सदस्य मौका से फरार हो गये और कहने लगे कि वह अपने हाथों से स्थापित की गई मूर्ति को किसी भी कीमत पर हटा कर पाप नहीं लेंगे। इस मौके पर तनाव की स्थिति इतनी बढ़ गई कि उपमंडलाधीश तो इस मामले को बीच में ही छोड़ कर चले गये। लेकिन दोनों पक्षों की महिलाएं आमने-सामने आ गईं। समय रहते थाना शहर प्रभारी विक्रम नेहरा, थाना सदर प्रभारी भगवान दास और उनके साथियों ने स्थिति को नियंत्रण मेें कर लिया। अन्तत: काफी लम्बे विवाद के बाद करीब 2 बजे दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गये कि मूर्ति को सम्मान सहित हटा कर वाल्मीकि मंदिर में पहुंचा दिया जाये। इस स्थान पर कोई भी कूड़ा नहीं फेंकेगा। बल्कि यहां खड़ी की गई रेहडिय़ों में कूड़ा डाल देगा। पुन: उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने मामले को अपने हाथ में लिया और दोनों पक्षों में अपने कार्यालय में बुलाया। वहां पर मामले को सुलझाने के बाद नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई तथा डीएसपी बाबू लाल के नेतृत्व में मूर्ति को वहां से हटा कर सम्मानपूर्वक वाल्मीकि मंदिर में भेज दिया। वाल्मीकि समाज के साहब राम पुहाल ने कहा कि इस मूर्ति को यहां स्थापित करवायेंगे।

हिल गई डबवाली

डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार रात को एक सीनेटरी शॉप में जोरदार विस्फोट हुआ। विस्फोट से उठी आग की लपटों की चपेट में आकर दो जनें घायल हो गए।  दुकान का सामान और एक बाईक जल गया। आस-पास की दुकानों को भी नुक्सान पहुंचा। पुलिस ने सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। फिलहाल विस्फोट में प्रयुक्त किए गए पदार्थ का पता नहीं चल सका है।
राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर स्थित वैद्य उत्तम चन्द वाली गली में सीनेटरी शॉप मै. हंसराज भूषण कुमार पर गुरूवार रात करीब 10.55 पर जोरदार धमाका हुआ। जिससे दुकान के परखच्चे उड़ गए। दो दुकानों पर लगे शट्टर दुकान से करीब पंद्रह फुट की दूरी पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की दीवार के पास जाकर गिरे। दुकानों के भीतर की दीवारें तहस-नहस हो गई। मौका पर पहुंची दमकल गाडिय़ों ने धमाके बाद उठी आग पर काबू पाया। विस्फोट से साथ पड़ती दुकानों में भी दरारें आ गई। सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के प्रभारी एसआई विक्रम नेहरा, गोल बाजार पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई कृष्ण कुमार अपने दलबल सहित पहुंचे।
मामले की जांच कर रहे गोल बाजार पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई कृष्ण कुमार ने बताया कि गुरूवार रात को उन्हें सूचना मिली कि वैद्य उत्तम चन्द वाली गली में एक सीनेटरी शॉप पर धमाका हुआ है और आग लगी हुई है। दो लोग खून से लथपथ सड़क पर पड़े हैं। वे मौका पर पहुंचे उस समय दुकान के भीतर पड़े सामान और सड़क पर गिरी पड़ी एक बाईक को आग लगी हुई थी। दो दुकानों के शट्टर करीब पंद्रह फुट की दूरी गिर पड़े मिले। जबकि घायल वहां से गायब थे।
जांच अधिकारी के अनुसार दुकान मालिक राकेश कुमार (31) निवासी डबवाली ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि वह रात को करीब 8.30 बजे दुकान मंगल करके घर गया था। रात को करीब 11 बजे उसे पता चला कि उसकी दुकान में विस्फोट हुआ है और दुकान में पड़े सामान को आग लगी हुई है तथा साथ में वहां खड़ी एक बाईक भी जल रही है। सूचना पाकर वह मौका पर पहुंचा।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को दिए ब्यान में यह भी बताया पिछले दो वर्षों से दुकान के कब्जे को लेकर उनका वेदप्रकाश पुत्र मोहन लाल, अमित उर्फ धन्ना, नरेन्द्र उर्फ लीला पुत्रान वेदप्रकाश निवासी डबवाली से झगड़ा चल रहा है और यह विवाद अदालत में विचाराधीन है। ये लोग उसे कई बार धमकियां दे चुके हैं और करीब चार-पांच माह पूर्व उनकी दुकान पर आकर कब्जे का प्रयास भी कर चुके हैं। उसे संदेह है कि इन्हीं लोगों ने रात को विस्फोट करके उसकी दुकान को उड़ाने का प्रयास किया।
थाना शहर पुलिस डबवाली ने राकेश के ब्यान पर वेदप्रकाश पुत्र मोहन लाल, अमित उर्फ धन्ना, नरेन्द्र उर्फ लीला पुत्रान वेदप्रकाश  निवासी डबवाली तथा एक अन्य युवक सोनू के खिलाफ धारा 436/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
एएसआई के अनुसार विस्फोट में घायल होने वाले के नाम अमित   तथा सोनू बताया जाता है। पुलिस को मालूम हुआ है कि घायलों को बठिण्डा लेजाया गया है।
इधर घायलों को बठिण्डा लेजाने वाले मां जगदम्बा वैल्फेयर क्लब डबवाली की एम्बूलैंस के चालक राजू ने मोबाइल पर बताया कि इस समय वह चण्डीगढ़ में है। वह शुक्रवार सुबह 4.30 बजे राज अस्पताल, किलियांवाली से मोटरसाईकिल को आग लगने से घायल हुए युवकों को लेकर बठिण्डा के डॉ. कैलाश गोयल के अस्पताल में दाखिल करवाकर आया है।
बठिण्डा के डॉ. कैलाश गोयल के पास दाखिल अमित उर्फ धन्ना (40) पुत्र वेदप्रकाश निवासी नजदीक पुराना पोस्ट ऑफिस, डबवाली ने संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उसकी टांग में फ्रेक्चर आया है। उसके चाचा दर्शन कुमार ने पहले उसे राज अस्पताल, मण्डी किलियांवाली में दाखिल करवाया था। बारिश की वजह से रात को 10.30 बजे उसका मोटरसाईकिल पुराना बस स्टैण्ड के निकट गिर जाने से उसे चोट लगी। जबकि इसी अस्पताल में उपचाराधीन सोनू (19) पुत्र गोरीशंकर निवासी डबवाली ने बताया कि वह धनराज की करियाणा की दुकान पर काम करता है। डबवाली के पुराना बस स्टैण्ड रोड़ पर मोटरसाईकिल को आग लगने का हादसा होने के कारण वह घायल हो गया। आग कैसे लगी उसे मालूम नहीं।

धमाके की गूंज पंजाब में भी

डबवाली (लहू की लौ) वैद्य उत्तम चन्द वाली गली में एक सीनेटरी की दुकान में विस्फोट की सूचना जैसे ही शुक्रवार सुबह नगर के लोगों को मिली तो इस घटना को देखने के लिए लोगों का हजूम सुबह से ही जमा हो गया। विस्फोट की जांच के लिए सीन ऑफ क्राईम तथा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम मौका पर पहुंची। सीन ऑफ क्राईम के प्रभारी डॉ. जोगिन्द्र सिंह ने अपनी टीम के साथ घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि विस्फोट होने से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन विस्फोट में किस रासायनिक पदार्थ का प्रयोग किया गया जिससे धमाके के साथ दुकान में आग लगी। फिलहाल इसकी जांच चल रही है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि घटना स्थल से जले हुए मोटरसाईकिल, आरओ, दुकान के भीतर पड़े जले हुए गत्ते सहित चार नमूने लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए मधुबन भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इस मौके पर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट रोशन लाल भी उपस्थित थे।
हादसे से यहां डबवाली शहर हिला, वहीं इसकी गूंज पंजाब में भी सुनाई दी। घटना पंजाब राज्य की सीमा तथा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल के नजदीक होने के कारण पंजाब गुप्तचर विभाग के कर्मचारी भी मौका पर पहुंचे और आवश्यक जानकारी जुटाई। बीते शनिवार को बठिण्डा के जोगीनगर इलाके में भी इसी तरह का एक विस्फोट हुआ था। नछत्तर सिंह के दो मंजिला मकान में हुए विस्फोट में नछत्तर सिंह, उसकी माता सदावंती, बेटियों रजनी और गगनदीप, किराएदार नफीस अहमद की चार वर्षीय बेटी अर्शला और गली से गुजरती सुरभि की मौत हो गई थी। पंजाब गुप्तचर विभाग बठिण्डा विस्फोट और डबवाली विस्फोट दोनों को एक जैसा मानकर अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा रहा है।

विस्फोट से दहशत का माहौल

डबवाली (लहू की लौ) स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए हरियाणा में रेड अलर्ट चल रहा है। लेकिन 12 अगस्त की रात को पुराना बस स्टैण्ड रोड़ पर हुए धमाके ने नगर में दहशत फैला दी। धमाका इतना जोरदार था कि एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में इसकी गूंज सुनाई दी।
धमाका स्थल मै. हंसराज भूषण कुमार की सीनेटरी दुकान के पड़ौसी और पुराना बंस स्टैण्ड रोड़ के निवासी रिशव (26) ने बताया कि जैसे ही उन्होंने विस्फोट को सुना, तो उनके घर के सभी लोग दहल उठे और एकदम बाहर निकले। देखा कि सीनेटरी की दुकान में आग लगी हुई है और दुकान के बाहर खड़ी एक बाईक जल रही है। इसकी जानकारी देने के लिए वह स्वयं दुकान के मालिक राकेश कुमार के घर गया और उसे बुलाकर लाया। उसके अनुसार घटना करीब 10.55 मिनट की है।
घटना के दूसरे प्रत्यक्षदर्शी सोहन सिंह (57) ने बताया कि धमाके की आवाज सुनकर वह अपने घर से बाहर आया, तो देखा कि दो युवक राकेश की दुकान के पास से उसकी तरफ बढ़ रहे हैं। ये युवक एक-दूसरे को सहारा देकर उसके पास पहुंचे। जोकि खून से लथपथ थे। एक घायल युवक ने उससे कपड़ा मांगा। इसी दौरान एक व्यक्ति सफेद रंग के वाहन पर आया और दोनों घायलों को ले गया। दुकान के बिल्कुल पीछे स्थित कुएं वाली गली के निवासी रेशम सिंह (57) ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ सो रहा था। रात को करीब 10.55 पर धमाका हुआ। उसे लगा जैसे उसके घर में धमाका हुआ है। वह घर की छत पर गया तो देखा कि वैद्य उत्तम चन्द वाली गली की एक दुकान से आग की लपटें निकल रही हैं।
घटना स्थल के पड़ौसी मनियारी के दुकानदार गुरनाम सिंह (55) ने बताया कि पड़ौसी सोहन सिंह से सूचना पाकर वह मौका पर पहुंचा। उसने देखा कि उसकी दुकान का शट्टर भी उखड़ा हुआ है। दुकान के भीतर दरारें आई हुई हैं।कुएं वाली गली के निवासी बलजिन्द्र सिंह (45) ने बताया कि धमाका बड़ा जबर्दस्त था। यूं लगा जैसे भूकंप आया है। वह अपने घर की छत्त पर जा चढ़ा। वैद्य उत्तम चंद वाली गली में आग की लपटें देखी। वह मौका पर गया तो देखा कि फायर ब्रिगेड आग बुझाने में लगी हुई है।

पुलिस की नजर में व्यक्तिगत रंजिश का मामला

डबवाली (लहू की लौ) वैद्य उत्तम चंद वाली गली में हुए धमाके को पुलिस व्यक्तिगत रंजिश मानकर चल रही है। लेकिन धमाके में प्रयुक्त किए गए पदार्थ के बारे में मौन है। लोग धमाके को लेकर सहमे हुए हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश कुमार (31) पुत्र हंसराज निवासी वार्ड नं. 3, नजदीक श्री वैष्णों माता मंदिर ने बताया कि वह मै. हंसराज भूषण कुमार के नाम से सीनेटरी फिटिंग, पाईप फिटिंग आदि की दुकान करता है। यह दुकान काफी समय से उनके पास एमएन शर्मा सोलन हिमाचल प्रदेश से किराए पर ली हुई है। अब यह दुकान वेदप्रकाश पुत्र मोहन लाल निवासी डबवाली ने खरीद ली थी। करीब दो वर्ष पहले वेदप्रकाश बगैरा ने उन्हें दुकान खाली करने के लिए कहा था। जिस पर उसने अदालत में दावा कर दिया। दुकान का स्टे अदालत से उसे मिला हुआ है। डबवाली अदालत में उसका केस विचाराधीन है।
उसने आगे बताया कि 12 अगस्त 2010 की रात को करीब 8.30 बजे वह अपनी दुकान बंद करके ताले लगाकर अपने घर चला गया था और रात को करीब 11 बजे पड़ौसियों ने आकर बताया कि उसकी दुकान में धमाका हुआ है और आग लगी हुई है। इस पर वह और लीला पुत्र रतन लाल मौका पर आए तो देखा कि उसकी दुकान के दोनों शट्टर बाहर पड़े हैं, सामान बिखरा हुआ है। दुकान के पीछे के शट्टर व छत्त भी उड़ी हुई है और आग लगी हुई है। इतनी देर में दमकल विभाग की गाड़ी आ गई और आग को बुझाया। उनके अनुसार उनकी दुकान के बाहर सामने गली में दूसरे किनारे पर एक मोटरसाईकिल हीरो होंडा बुरी तरह जली हुई हालत में पड़ा है और दुकान के आगे चप्पल पड़ी है। उसे पता चला कि इस हादसे में अमित कुमार पुत्र वेदप्रकाश गुप्ता और अमित का नौकर सोनी उर्फ सोनू को चोटें लगी हैं। घायल अवस्था में वह राज अस्पताल डबवाली में दाखिल है। उसने कहा कि उसे संदेह है कि अमित गुप्ता व उसके नौकर सोनी ने उसकी दुकान को किसी विस्फोटक पदार्थ से धमाका करके आग लगाकर उसे नुक्सान पहुंचाया है। इस हादसे में वेदप्रकाश पुत्र मोहन लाल, नरेन्द्र कुमार उर्फ लीला पुत्र वेदप्रकाश का भी हाथ है।
शिकायतकर्ता के अनुसार उसने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है और उसने पुलिस ने आरोपियों से अपनी जान-माल की सुरक्षा भी मांगी है।
इस संदर्भ में थाना शहर प्रभारी एसआई विक्रम नेहरा ने बताया कि वेदप्रकाश बगैरा से राकेश कुमार बगैरा का दुकान के कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है और फिलहाल मामला दर्ज करके इस पूरे प्रकरण की जांच एएसआई कृष्ण कुमार द्वारा की जा रही है।