16 जुलाई 2011

ट्रांसफार्मर चोरी की वारदातों से निगम के होश उड़े

डबवाली | 'आपके खेत में लगे ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द कोई अनजान व्यक्ति या गाड़ी चक्कर लगाती नजर आए, तो इसकी सूचना तुरंत हमें या थाना में दें। एरिया में ट्रांसफार्मर चोर घुसे हुए हैं। चोरों को पकड़वाने में आप गांव वासी बिजली निगम की मदद करें।Ó यह अनाऊसमेंट दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा ट्रांसफार्मर चोरी की बढ़ी घटनाओं के बाद गांवों में बने धार्मिक स्थलों पर करवाई जा रही है।
22 ट्रांसफार्मर चोरी
निगम के मण्डल डबवाली के अंतर्गत आने वाले उपमण्डल डबवाली, चौटाला तथा कालांवाली एरिया से टयूब्बैलों पर लगे ट्रांसफार्मर चोरी होने की घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से बढ़ौतरी हुई है। निगम रिकॉर्ड के अनुसार 9 मार्च से लेकर अब 22 ट्रांसफार्मरों से कॉपर वायर तथा ऑयल चोरी हो चुका है। जिससे निगम को करीब दस लाख रूपए का नुक्सान हुआ है।
ऑयल का क्या होता है
निगम का मानना है कि ट्रांसफार्मर से चोरी की गई कॉपर वायर बाजार में आसानी से बिक जाती है। लेकिन निगम हैरान है कि ऑयल का क्या किया जाता है। चूंकि ट्रांसफार्मरों में भरा जाने वाला ऑयल विशेष प्रकार का ऑयल होता है। जोकि साधारण प्रयोग में नहीं आता। इस ऑयल की कीमत भी करीब 52 रूपए प्रति लीटर होती है। यह ऑयल अधिकांशतय: मोटर, स्टार्टर तथा स्टेबलाईजरों में यूज होता है। 10केवी क्षमता वाले ट्रांसफार्मर में करीब 50 लीटर तेल होता है। लेकिन ट्रांसफार्मर से कॉपर वायर के साथ-साथ तेल चोरी होने की एकाएक बढ़ती घटनाओं ने निगम के होश उड़ा दिए हैं।
निगम का रिकॉर्ड कहता है कि 9 मार्च 2011 से अब तक उपमण्डल डबवाली से 9, चौटाला से दो तथा कालांवाली से 11 ट्रांसफार्मरों से अज्ञात चोर सामान चुरा ले गए हैं। जिसकी आज तक भनक नहीं लग पाई है। लेकिन अब निगम ऐसी घटनाओं से निबटने के लिए गांव-गांव जाकर धार्मिक स्थल से चोरों को पकड़वाने की अनाऊसमेंट करवा रहा है।
निगम खुद परेशान
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता वीके रंजन ने स्वीकार किया कि क्षेत्र में ट्रांसफार्मर से सामान चोरी करने की वारदातों में वृद्धि हुई है। इससे निगम भी परेशान है। अभियंता के अनुसार कंयूमर की खुद की जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने ट्रांसफार्मर की निगरानी करे। लेकिन फिर भी ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए निगम उपरोक्त मुनादी क्षेत्र के गांवों में करवा रहा है। कुछ गांवों में मुनादी करवाई भी जा चुकी है। मण्डल अभियंता के अनुसार यह एक गैंग है जो कभी किसी क्षेत्र में तो कभी किसी क्षेत्र में उपरोक्त वारदातों को अंजाम देता है। लगता है यह गैंग डबवाली एरिया में आया हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार का कार्य निगम का कार्य जानने वाला व्यक्ति ही कर सकता है। निगम इस पर नजर बनाए हुए है।
सिटी थाना के कार्यकारी प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि ट्रांसफार्मर चोरों को पकडऩे के लिए रात्रि गश्त बढ़ा दी गई है। ऐसी वारदातों में पूर्व में पकड़े गए अपराधियों से भी पूछताछ की जा रही है। जल्द आरोपी पुलिस के शिकंजे में होंगे।

एसडीओ अदालत में तलब

डबवाली (लहू की लौ) सिविल जज (वरिष्ठ मंडल) डॉ. अतुल मडिया की अदालत ने गांव चौटाला के मछली पालन ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त सिरसा, उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली तथा ग्राम पंचायत चौटाला को 16 जुलाई को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है।
गांव चौटाला के जगदीश चंद्र पुत्र त्रिलोक चंद ने सिविल जज (वरिष्ठ मंडल) डबवाली की अदालत में 13 जुलाई को एक याचिका दायर करके कहा था कि उसने 10 अप्रैल 2010 को गांव चौटाला के पंचायती तालाब को मछली पालन के लिए आठ वर्ष के लिए 1 लाख 45 हजार रूपए प्रति वर्ष के हिसाब से लीज पर लिया था। मौका पर 72 हजार 500 रूपए की राशि भी पंचायत को जमा करवा दी थी। इसे उसने बोली पर सबसे ऊंची बोली देकर लीज पर लिया था।
लीज पर लेने के बाद इस तालाब में मछली पालन के लिए तीन लाख रूपए की राशि का बीज भी डाल दिया। लेकिन ग्राम पंचायत ने उपायुक्त सिरसा को एक निवेदन भेजकर उसकी लीज कैंसल करने का अनुरोध किया। जिसे उपायुक्त ने उपमण्डल अधिकारी (ना.) को मार्क कर दिया। जिसका फैसला सुनाते हुए उपमण्डल अधिकारी (ना.) ने 2-6-2011 को आदेश दिए कि जगदीश ने मछली पालन की जो लीज ली है उसे कैंसल कर दिया गया है। जगदीश ने इसे प्रशासन की मनमानी करार देते हुए इस आदेश को गलत बताते हुए दीवानी अदालत में अपनी याचिका दायर करके इस फैसले पर स्थगन देने का अनुरोध किया।
अदालत ने याचिका की सुनवाई करते हुए इसी दिन आदेश जारी किए कि उपायुक्त सिरसा, उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली तथा ग्राम पंचायत 16 जुलाई को अदालत में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करे।

हजारों के मोबाइल चोरी

डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में बीती रात अज्ञात चोर एक टेलीकॉम शॉप में सेंध लगाकर करीब 60 हजार रूपए का सामान चुरा कर ले गए। जिसमें दो हजार रुपए की नकदी, 35 हजार रूपए के पुराने मोबाइल और 15 हजार रुपये की मोबाइल एसेसरी शामिल है। रामपुरा बिश्नोईयां के निवासी गोपी राम ने बताया कि शुक्रवार प्रात: उसने दुकान का शट्टर उठाया तो उसने देखा कि उसका सारा सामन बिखरा पड़ा है और चोर उसके पास रिपेयर के लिए आए 35 मोबाइल, दो हजार रूपए की नकदी और करीब 15 हजार रूपए की मोबाइल एसेसरी जिसमे चार्जर, बैटरी, मोबाइल की बॉडी चुरा कर ले गये। चोर दुकान के पीछे बने दरवाजे को तोड़कर अन्दर घुसे और इस वारदात को अंजाम दिया। चोरी की सूचना चौटाला पुलिस चौकी को दी गई है।

हजारों के मोबाइल चोरी

डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में बीती रात अज्ञात चोर एक टेलीकॉम शॉप में सेंध लगाकर करीब 60 हजार रूपए का सामान चुरा कर ले गए। जिसमें दो हजार रुपए की नकदी, 35 हजार रूपए के पुराने मोबाइल और 15 हजार रुपये की मोबाइल एसेसरी शामिल है। रामपुरा बिश्नोईयां के निवासी गोपी राम ने बताया कि शुक्रवार प्रात: उसने दुकान का शट्टर उठाया तो उसने देखा कि उसका सारा सामन बिखरा पड़ा है और चोर उसके पास रिपेयर के लिए आए 35 मोबाइल, दो हजार रूपए की नकदी और करीब 15 हजार रूपए की मोबाइल एसेसरी जिसमे चार्जर, बैटरी, मोबाइल की बॉडी चुरा कर ले गये। चोर दुकान के पीछे बने दरवाजे को तोड़कर अन्दर घुसे और इस वारदात को अंजाम दिया। चोरी की सूचना चौटाला पुलिस चौकी को दी गई है।

घूसखोरी के खिलाफ कामरेड 'लालÓ

डबवाली (लहू की लौ) वामपंथी दलों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर टेलीफोन एक्सचैंज के सामने धरना दिया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके जोरदार प्रदर्शन किया। बाद में पीएम के नाम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा, अखिल भारतीय किसान सभा के सुरजीत सिंह ऐलनाबाद, सीटू के निरंजन सिंह हैबूआना, भारतीय खेत मजदूर यूनियन (सीपीआई) के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम, किसान सभा के जिला उपप्रधान ओमप्रकाश कर रहे थे। राजकुमार शेखूपुरिया ने कहा कि राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर टेलीफोन विभाग का 2-जी स्पेक्ट्रम का महाघोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में गोलमाल, वोट के बदले नोट, आदर्श सोसाईटी घोटाला और अब कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकालने के ठेके में रिलायंस कंपनी को लूट करने की खुली अनुमति दिए जाने का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लूटे गए सार्वजनिक धन की मात्रा इतनी बड़ी है जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनके अनुसार उपरोक्त प्रकार के भ्रष्टाचार पर एक कारगार लोकपाल कानून ही नकेल कस सकता है।
चार घंटे के धरने और प्रदर्शन के बाद वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने भारत दूर संचार विभाग के एसडीई मनमोहन शर्मा को पीएम मनमोहन सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से वामंपथी  दलों ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध कारगार लोकपाल कानून बनाने, उच्चतर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन, चुनावों में धन-बल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली समेत चुनाव सुधारों की पालना, विदेशी बैंकों में जमा धन तथा देश में मौजूद काले धन को जब्त करने, हरियाणा में रेडक्रॉस के धन का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पीएम से की है।

पीएचसी पर ताला जड़कर ग्रामीणों ने मांगा डॉक्टर का तबादला

डबवाली (लहू की लौ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह के पीछे लगा एएनएम से छेड़छाड़ का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। डेपूटेशन से वापिस पीएचसी में ज्वाईन करवाने पर गांव के लोग भड़क उठे और उन्होंने शुक्रवार को पीएचसी पर ताला जड़ दिया। बाद में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ से आश्वासन पाने के बाद ग्रामीणों ने ताला खोल दिया।
बीते मई माह में पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह पर गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर में तैनात एएनएम ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। यह मामला पुलिस से लेकर एएनएम एसोसिएशन तक पहुंचा। कई दिन तक यह मामला ज्वलंत बना रहा। आखिर में डॉ. गुरजीत सिंह का वहां से तबादला और माफी मांगने पर मामला ठंडा पड़ गया था। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर डॉ. गुरजीत सिंह तथा पीएचसी में ही कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर दड़बा कलां भेज दिया गया था। लेकिन वहां से लौटते ही गांव देसूजोधा के ग्रामीणों ने बवाल खड़ा कर दिया। ग्रामीणों की मांग पर एकबारगी फिर डॉक्टर दम्पत्ति को डेपूटेशन पर भेज दिया गया। इसके बाद पीएचसी में चिकित्सक का पद रिक्त रहा। इस पद को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दम्पत्ति को पुन: देसूजोधा पीएचसी में भेज दिया। उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाईन कर लिया। लेकिन गुरूवार से यह डॉक्टर दम्पत्ति छुट्टी पर है। जिससे पीएचसी में आने वाले मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाक समिति डबवाली के वाईस चेयरमैन कुलदीप सिंह, अमी चंद पंच, दर्शन सिंह, यादविंद्र सिंह, काला सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रेम सिंह प्रधान गुरूद्वारा साहिब देसूजोधा, संतोख सिंह, करतार सिंह, हरफूल सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमीत सिंह, बीरबल सिंह, लखबीर ढिल्लों ने बताया कि उपरोक्त डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी पत्नी डॉ. अमनदीप कौर दो दिन से छुट्टी पर चल रहे हैं। जिससे पीएचसी में इलाज कराने आने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे गांव देसूजोधा के दर्शन सिंह की भतीजी बिट्टू को डिलीवरी के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे जरूरी उपचार नहीं दिया गया। वहीं गांव फुल्लो में हुए एक झगड़े में घायल जसविंद्र कौर पीएचसी में इलाज के लिए तड़पती रही। जिससे गांव में रोष पनप गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एएनएम से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे डॉक्टर को वे पीएचसी में नहीं रखना चाहते। डेपूटेशन होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पुन: देसूजोधा में भेज दिया। पीएचसी में काफी समय तक उपरोक्त ग्रामीणों की अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट तरसेम चंद से नोंक-झोंक होती रही। फार्मासिस्ट ने सीएमओ से भी मोबाइल पर उनकी बात करवाई। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामीण डॉक्टर के तबादले तथा पीएचसी में व्यवस्था सुधार पर अड़े रहे। सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने भी मोबाइल पर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद्द पर काबिज रहे। उन्होंने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन पीएचसी में डिलीवरी के लिए आई गांव की महिला के स्वास्थ्य तथा डॉ. एमके भादू से सोमवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन पाने के बाद पंद्रह मिनट बाद ताला खोल दिया।
इस संबंध में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक न होने के कारण उपरोक्त डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। गुरूवार को डॉ. गुरजीत सिंह ने कहा था कि उनके प्रति गांव में माहौल खराब है। इसके चलते उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी गई थी। भादू के अनुसार चिकित्सक के तबादले के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पहले ही सिफारिश भेजी जा चुकी है।