13 नवंबर 2010

ट्रेफिक डबवाली की सबसे बड़ी समस्या

डबवाली। रेल लाईन पर ट्रेफिक की अधिकता के चलते अक्सर रेलवे फाटक बंद रहता है। जिससे जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। यातायात पर नियंत्रण के अभाव के चलते वाहन आपस में टकराते हैं, झगड़े होते हैं।
जानकारी अनुसार बठिंडा-डबवाली-हनुमानगढ़ रेल ट्रेक पर रोजाना 12 सवारी गाडिय़ां और 35 माल गाडिय़ां डबवाली रेलवे स्टेशन से होकर जाती हैं। जिसके कारण हर बीस मिनट बाद रेलवे फाटक बंद हो जाते हैं। इस बीच रेलवे फाटकों के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग जाती हैं। गाड़ी निकलने के बावजूद अवरोध खत्म होने में घंटो लग जाते हैं। जिससे पब्लिक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है। ऐसे कई मौके आए हैं जब सिर फुटेल हुई और मामला अस्पताल से थाना में भी पहुंचा। पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। इसके बावजूद प्रशासन ने ट्रेफिक कंट्रोल के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। जबकि जीटी रोड़ रेलवे फाटक तथा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक ट्रेफिक के लहजे से रेलवे की ए श्रेणी में आते हैं।
इस संदर्भ में रेलवे के जूनियर इंजीनियर एसके पासवान से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डबवाली के जीटी रोड़ तथा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक ए श्रेणी में आते हैं। इन दोनों फाटकों पर सप्ताह भर का ट्रेफिक व्हीकल यूनिट 70 हजार से भी ऊपर का है। एक सप्ताह में जीटी रोड़ रेलवे फाटक से करीब अढ़ाई लाख वाहन क्रॉस करते हैं, जबकि कलोनी रोड़ रेलवे फाटक से दो लाख वाहन क्रॉस करते हैं। इन दोनों रेलवे फाटकों पर ट्रेफिक एक गंभीर समस्या है। लेकिन ट्रेफिक को कंट्रोल करने की जिम्मेवारी रेलवे की नहीं है। यह जिम्मेवारी सिविल पुलिस और प्रशासन की है।
इस मामले को लेकर जिला सिरसा यातायात प्रभारी कृष्णा यादव से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डबवाली में ट्रेफिक बड़ी प्रॉब्लम बन गया है। इस संबंधी उन्हें काफी शिकायतें मिली हैं। डबवाली रेलवे फाटक पर ट्रेफिक को कंट्रोल करने के लिए एसपी सिरसा सतिन्द्र गुप्ता के आदेश पर डबवाली पुलिस को दो जवान उपलब्ध करवा दिए गए हैं। आने वाले दिनों में डबवाली में ट्रेफिक व्यवस्था सुधर जाएगी।
आम नागरिकों के अनुसार जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर यातायात कंट्रोल का हल केवल रेलवे ओवरब्रिज से ही संभव है। इस ओवरब्रिज के निर्माण के लिए करीब पिछले 40 वर्षों से राजनीतिक डबवाली की जनता को लॉलीपाप थमाते आ रहे हैं। इस संबंध में तत्कालीन सांसद कुमारी सैलजा, डॉ. सुशील इंदौरा ने भी प्रयास किए। वर्तमान सांसद अशोक तंवर का कहना है कि वे पुल के लिए प्रयासरत हैं। इस संबंध में उन्होंने फाईल बनाकर उत्तर पश्चिम रेलवे बीकानेर डिविजन को भेज दी है। रेलवे मंत्रालय से इस संबंध में बातचीत चल रही है।

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