14 जून 2020

हरियाणा में आज कोरोना के 459 नए केस, अब तक 88 मौत, देखिये मेडिकल बुलेटिन


डबवाली में कोरोना के दो पॉजिटिव मिले, डाकघर के कर्मचारियों में मचा हड़कम्प

ब्लड कैंप में आया था कोरोना पॉजिटिव

डबवाली(लहू की लौ)शनिवार शाम को डबवाली के दो युवक कोरोना पॉजिटिव मिले। 11 जून को दोनों की सैंपलिंग हुई थी। कोरोना पॉजिटिव मिला युवक वार्ड नम्बर 14 स्थित अग्रवाल पीरखाना ने नजदीक गली कुम्हारा वाली का निवासी है। जबकि दूसरा वार्ड नम्बर 21 में दर्पण सिनेमा के पीछे स्थित गली गुरचरण एमसी वाली का रहने वाला है। जोकि रिटायर्ड फौजी का बेटा बताया जाता है। युवक गुरुग्राम की एक कंपनी में जॉब करता है। बताया जाता है कि दोनों दिल्ली से लौटे हैं। इनमें से एक कोरोना संक्रमित पोस्ट आफिस भी गया था। बताया जाता है कि वह पैसे निकलवाने गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डाकघर कर्मियों में हड़कम्प मच गया है। जिस कर्मी ने उससे डीलिंग की थी, वह छुट्टी पर गया है। वह मूल रूप से रोहतक का रहने वाला बताया जाता है।
ब्लड कैंप में आया था कोरोना पॉजिटिव
शनिवार को सिरसा जिला में कोरोना के आठ पॉजिटिव केस सामने आए। पहली बार हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव मिला। जोकि सिरसा के सरकारी ब्लड बैंक का सर्वेंट बताया जाता है। एतिहात के तौर पर ब्लड बैंक बंद कर दिया गया है। डबवाली स्थित स्टोरेज सेंटर से भी ब्लड इश्यू करने पर रोक लगा दी गई है। बताया जाता है कि पिछले दिनों घुकांवाली गांव में रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर में भी उपरोक्त हेल्थ वर्कर पहुंचा था। टीम के साथ ब्लड ब्लीड करवाने में मदद की थी। उस दिन स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से टीम सदस्यों ने उसे कोरोना टेस्ट करवाने के लिए कहा था। युवक ने टेस्ट करवाया तो उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।

हमारा शहर, हमारे जिम्मे
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दिल्ली या अन्य प्रदेशों से आये लोग की कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसकी सूचना देना जरूरी है। दैनिक लहू की लौ भी सुधि पाठकों से अपील करता है कि अब हमारा शहर, हमारे जिम्मे है। कोई व्यक्ति हॉट स्पॉट एरिया से आता है तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। इसमें सम्बन्धित परिवार के अलावा हम सबकी भलाई है।

हरियाणा में महाविद्यालय में परीक्षाएं 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन परीक्षाओं के परिणाम 7 अगस्त 2020 तक घोषित किए जाएंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पहले की तरह करवाने का निर्णय लिया है, लेकिन इस दौरान भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग आदि का पूर्ण रूप से अनुपालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों के लिए छात्रावास नहीं खोले जाएंगे, लेकिन सामाजिक दूरियों के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा से बाहर के जो विद्यार्थी इस दौरान कोई परीक्षा नहीं दे सकते हैं तो उनके लिए पिछली सभी परीक्षाओं का औसत लिया जा सकता है या वे बाद में खुद परीक्षा में शामिल होकर परीक्षा देने या ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि इंटरमीडिएट समैस्टर के सभी विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट कर दिए जाएंगे, जिसमें उनके पिछली कक्षा में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत को वर्तमान समैस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ा जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि यदि कोई विश्वविद्यालय कैंपस डिपार्टमैंटस के ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का इरादा रखता है, तो वह ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन विद्यार्थियों का कोई पेपरबकाया है तो उन्हें परीक्षा से छूट देकर अगले समैस्टर में प्रमोट किया जा सकता है और रि-अपीयर आगे ले जा सकते हैं।
प्रवक्ता के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं अभी तक संचालित नहीं हो पाई हैं वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछली समैस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 प्रतिशत अंकों का आधार माना जा सकता है, इनमें जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं उसको आधार मान सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा अपने 'यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमैंटसÓ में एडमिशन व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे, जबकि उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक स्तर और स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेजों के लिए पहले की तरह केंद्रीकृत ऑनलाइन एडमिशन किए जाएंगे।

पंजाब-राजस्थान ने सील की सीमा, हरियाणा के सीमावर्ती इलाके की मुश्किलें बढ़ी


पंजाब-राजस्थान ने सीमा सील करके हरियााणा के सीमावर्ती इलाकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालात यह हो गई है कि राजस्थान में आसानी से प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन वापिस आने के लिए ई-पास लेना होगा। जो आसानी से नहीं मिलेगा। कुछ ऐसे ही हालात पंजाब ने पैदा कर दिए हैं। वीकेंड पर पंजाब खुला होगा, पर सीमाएं सील होंगी। ऐसे में जिला सिरसा खासकर डबवाली इलाके के कामकाजी लोग भी पंजाब में प्रवेश नहीं कर पा रहे। पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि जरुरी होने पर ही ई-पास दिया जाएगा। ऐसे में आने वाले दिनों में सीमावर्ती इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

डबवाली(लहू की लौ)राजस्थान के बाद दूसरे पड़ौसी सूबे पंजाब ने भी सीमाएं सील कर दी हैं। पंजाब में वीकेंड पर शनिवार तथा रविवार को यह व्यवस्था लागू रहेगी। नई व्यवस्था के मुताबिक अंतरराजीय तथा अंतरजिला आवाजाही के लिए ई-पास जरुरी कर दिया गया है। इस दौरान मेडिकल इमरजेंसी में आने-जाने के लिए छूट तय की गई है। शनिवार को पहले दिन डबवाली से सटे पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब तथा बठिंडा की सीमा पर पुलिस तैनात रही। हरियाणा के लोगों की एंट्री नहीं मिली। ऐसे में लोगों ने बठिंडा या श्री मुक्तसर साहिब जाने के लिए चोर रास्तों का सहारा लिया। इधर राजस्थान की सीमा भी सील रही। लेकिन पंजाब की तरह सख्ती नहीं बरती गई। बाहरी व्यक्तियों को स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश करने दिया जा रहा था। राजस्थान से वापिस लौटने के लिए ई-पास जरुरी किया गया है।
शनिवार को बठिंडा रोड पर एएसआइ जरनैल सिंह के नेतृत्व में पुलिस तैनात थी। किसी को सीमा पार नहीं करने दी जा रही थी। डबवाली के गांव मटदादू से कार पर जा रहे छह लोगों को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस उनका चालान काटने को तैयार हो गई। ग्रामीणों ने जब बताया कि वे किसी के अंतिम संस्कार में शरीक होने जा रहे हैं तो पुलिस ने उन्हें जाने दिया। इधर मलोट रोड पर एएसआइ गुरदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस नाका लगाए हुए थी। यहां जाम जैसी स्थिति दिखाई दी। ई-पास देखकर ही पुलिस ने लोगों को जाने दिया। अन्य गाड़ी चालकों को वापिस भेज दिया।

गजटिड छुट्टियों वाले दिन आवाजाही के लिए ई-पास जरुरी कर दिया गया है। शेष पांच दिनों के लिए पुरानी व्यवस्था ही रहेगी।
-जिला मजिस्ट्रेट
बी. श्रीनिवासन, बठिंडा (पंजाब)

राजस्थान में इंट्री के लिए ई-पास की जरुरत नहीं। प्रदेश से वापिस लौटने या प्रदेश के नागरिक को बाहर जाने के लिए ई-पास जरुरी है।
-एसडीएम मांगी लाल सुथार, संगरिया (राजस्थान)

डबवाली में परेशानी बढ़ा रहे पंजाब से आ रहे बेसहारा पशु

8 मई 2020 को वीसी के जरिए मुख्यमंत्री के समक्ष उठा था मुद्दा
एक माह बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर नंदीशाला ने भेजी शिकायत

डबवाली(लहू की लौ)पड़ौसी सूबे पंजाब से बेसहारा पशु लगातार डबवाली में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मामला करीब एक माह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष उठ चुका है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर हालात यह हैं कि पशु हर रोज किसी को घायल कर रहे हैं। एकता नगरी की गली नं. 6 में लगातार दो मामले सामने आ चुके हैं। सिरसा रोड स्थित नंदीशाला मंडी डबवाली के प्रबंधकों ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने 8 मई 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हरियाणा को बेसहारा गौधन मुक्त करने, गौशालाओं तथा नंदीशालाओं के प्रबंधन में आ रही समस्याओं पर विचार किया था। इसमें यह समस्या उभरकर सामने आई थी कि यहां पर अन्य राज्यों की सीमा हरियाणा से लगती हैं, वहां पर पड़ौसी सूबों से बेसहारा गौधन हरियाणा में प्रवेश करता है। डबवाली की सीमा पंजाब से लगती है। इसलिए पंजाब राज्य से बेसहारा गौधन हरियाणा में धकेला जाता है। नंदीशाला प्रबंधकों ने शिकायत के जरिए मुख्यमंत्री को बताया है कि डबवाली से करीब एक किलोमीटर दूरी पर पंजाब पशु मंडी आयोजित करता है। यहां पर किसान पशु बेचने के लिए आते हैं। साथ ही बेसहारा पशुओं को डबवाली सीमा में छोड़ दिया जाता है। हालांकि भारत सरकार की अधिसूचना के मुताबिक अंतरराजीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर कोई भी राज्य पशु मंडी का आयोजन नहीं कर सकता। इसके बावजूद पशु मंडी संचालित हो रही है।

8 मई को वीसी के जरिए यह मुद्दा सीएम हरियाणा के समक्ष उठा चुका हूं। इसके बावजूद न तो सरकार न कोई कदम उठाया, न ही विभाग ने। इसलिए मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर डबवाली की सीमा के पास लगने वाली पशु मंडी को बंद करवाने की मांग की गई है। साथ ही डबवाली शहर में आ रहे बेसहारा गौधन को रोकने के लिए प्रशासन के माध्यम से सख्त कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की गई है।
-विनोद बांसल, प्रधान, नंदीशाला मंडी डबवाली


विश्व रक्तदाता दिवस विशेष


रक्तदान के प्रेमी हैं रामधन, 127 बार कर चुके हैं रक्तदान
जेबीटी नवीन नागपाल 87 तथा 77 बार रक्तदान कर चुके हैं डॉ. राजकपूर गर्ग




डबवाली(लहू की लौ) स्वेच्छिक रक्तदान की बात करें तो रोहतक के बाद सिरसा जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। अकेले डबवाली में हर वर्ष 10 हजार यूनिट रक्तदान होता है। ऐसे रक्तदाताओं में से एक है रामधन। इस इंसान को रक्तदान प्रेमी कहा जाए तो कोई अचरज नहीं होना चाहिए। डबवाली के गांव रामपुरा बिश्नोइयां का रहने वाला यह 58 वर्षीय इंसान 127 बार रक्तदान कर चुका है। खास बात यह है कि इनका ब्लड ग्रुप रेयर है। पेशे से ऑटो चालक यह इंसान रेयर ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव होने के बावजूद 60 किलोमीटर के दायरे में रक्तदान करने पहुंच जाता है। रामधन ने वर्ष 1991 में रक्तदान की शुरुआत की थी। उन दिनों वह हनुमानगढ़ जंक्शन गया हुआ था। एक निजी अस्पताल में रक्त के अभाव में तड़प रही महिला को देखकर उसे रहा नहीं गया। चिकित्सक की प्रेरणा के बाद रामधन ने रक्तदान किया। महिला की जान बच गई। अब तक वह सिरसा, लुधियाना, चंडीगढ़, बीकानेर, जयपुर, हनुमानगढ़ के साथ-साथ इलाके में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर में 127 बार रक्तदान कर चुका है। यह शख्स युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। उसे रक्तदान करते देख रामपुरा बिश्नोईयां, रामगढ़, गोरीवाला, गंगा, झुट्टीखेड़ा के युवा रक्तदान करने लगे हैं।

रामधन की तरह उसका ऑटो भी रक्तदान के लिए प्रेरित करता है। कई तरह के स्लोगन उसने अपनी ऑटो पर लिखवाए हुए हैं। ऑटो में बैठी सवारी को बातों-बातों में वह रक्तदान करने का आह्वान करता है। इस ऑटो चालक का सीधा सा फार्मूला है कि एक व्यक्ति को रक्तदान के लिए कहोगे, वह अपने पूरे परिवार को रक्तदान के लिए कहेगा। परिवार में एक भी सदस्य जागरूक हो गया, तो पूरा परिवार रक्तदानी बन जाएगी।

रक्त से बची थी जान, अब बचा रहे दूसरों की जान
डबवाली निवासी नवीन नागपाल 87 बार रक्तदान कर चुके हैं। वे पेशे से जेबीटी हैं। उनके रक्तदाता बनने की कहानी दिलचस्प है। उनका जन्म वर्ष 1973 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। अगर समय पर रक्त न मिलता तो जच्चे-बच्चे में से किसी की जान जा सकती थी। जब नवीन करीब 22 साल के हुए तो उनकी मां राज रानी ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने रक्तदान करना शुरु किया। करीब 47 वर्ष के नवीन अब तक 87 बार रक्तदान कर अजनबियों से खून का रिश्ता जोड चुके हैं। उनके वाहन पर ब्लड डोनर लिखा हुआ है, साथ ही रक्तदान का डिजिट। हर तीन माह बाद वे रक्तदान करते हैं तो डिजिट बदल जाता है। नवीन नागपाल के अनुसार, आज तक उन्हें किसी तरह की कमजोर महसूस नहीं हुई। बल्कि फायदा हुआ है, आज तक कभी बीमारी ने घर नहीं किया।

उम्र 68 साल, फिर भी रक्तदान का जज्बा बरकरार
डबवाली निवासी डॉ. राजकपूर गर्ग करीब 68 वर्ष के हो चुके हैं। वे 77 बार रक्तदान कर चुके हैं। नियमानुसार वे रक्तदान नहीं कर सकते, लेकिन उनकी इच्छा है कि मरते दम तक रक्तदान करुं। डॉ. राजकपूर गर्ग ने बताया कि 1972 में मेडिकल कॉलेज रोहतक में बी फार्मेसी के दौरान जागरुक होकर पहली बार रक्तदान किया था। तब ऐसा लगा था कि जान निकल गई है। रिफ्रेशमेंट के बाद बाजार में बहुत कुछ खाया। कुछ दिनों बाद शरीर हलका-फुलका तथा एनर्जी से भरा लगा। तब से ऐसी लगन लगी कि अब यहां भी रक्तदान कैंप लगता है तो खून देने पहुंच जाते हैं। आज तक कभी भी शरीर में तकलीफ महसूस नहीं हुई।

सिरसा जिला में सर्वाधिक समय रक्तदान करने वालों में रामधन प्रेमी, नवीन नागपाल तथा डॉ. राजकपूर गर्ग आदि 8-10 लोगों का नाम सूची में शामिल है। ये ऐसे रक्तदाता है, जो युवाओं को रक्तदान के प्रति जागरुक करते हैं।
-अश्विनी शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा

घर से पढ़ाओ अभियान.... बच्चे ढाणी में बैठे-बैठे पढ़ें, इसलिए जेबीटी ने गिफ्ट किया एंड्रॉयड मोबाइल


पाठशाला में इकलौते टीचर हैं संजीव बिश्नोई, पहली से पांचवीं में पढ़ते हैं 15 बच्चे


डबवाली(लहू की लौ) घर से पढ़ाओ अभियान तभी कारगर साबित होगा, जब बच्चों के हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल होगा। गांव अबूबशहर की ढाणी गुरुनानक में बनी पाठशाला में कार्यरत जेबीटी संजीव बिश्नोई ने यह बात गांठ बांधते हुए बच्चों को हजारों रुपये कीमत का एंड्रॅायड मोबाइल गिफ्ट किया है। जिसकी सहायता से पांच ढाणियों के आठ बच्चे हर रोज लाइव क्लासिज लगा रहे हैं।
दरअसल, संजीव बिश्नोई जिस पाठशाला में कार्यरत हैं। वहां पहली से पांचवीं तक 15 बच्चों ने दाखिला ले रखा है। सभी बच्चे साथ सटी ढाणियों से ताल्लुक रखते हैं। पाठशाला में वे इकलौते अध्यापक हैं। उन्होंने बच्चों को घर बैठे पढ़ाना शुरु किया तो पता चला कि आकाशदीप, दलजीत, किरणजीत, अकवीर, चंचल, लवप्रीत आदि के पास एंड्रॉयड फोन ही नहीं है। शिक्षा विभाग के अभियान को सफल करने के लिए उन्होंने बाजार से मोबाइल खरीदा। एक बच्चे के परिजनों की आइडी लेकर सिम एक्टिवेट करवा दिया। फिर क्या था, सीधे ढाणी में पहुंच गए। आठ बच्चों को एक साथ मोबाइल गिफ्ट किया। उन्हें वाट्सएप या लाइव कॉल की जानकारी दी। हर रोज शाम को आठों बच्चे एक स्थान पर इक्ट्ठे होते हैं। शाम 5 बजे लाइव क्लास लगती है। उपरोक्त प्रयास की बदौलत शिक्षा विभाग ने प्रशंसा पत्र दिया है।

पाठशाला से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर पांच ढाणियां एक-दूसरे से सटी हुई हैं। ढाणियों के आठ बच्चों के परिजन सुबह ही दिहाड़ी पर चले जाते हैं, देर शाम को घर वापिस लौटते हैं। बच्चों ने समस्या उसे बताई थी। उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए मैंने एंड्रॉयड मोबाइल खरीदकर दिया है। अब बच्चों को पढऩे में कोई परेशानी नहीं हुई।
-संजीव बिश्नोई, जेबीटी
ढाणी गुरुनानक नगर पाठशाला, गांव अबूबशहर

आशा वर्करों का हर माह हो कोरोना टेस्ट : बेअंत कौर

डबवाली (लहू की लौ) नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमएस भादू के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए आशा वर्कर्स यूनियन की ओर से सीएम को पत्र भेजकर आशा वर्कर्स महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई है।
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान बेअंत कौर ने बताया कि हरियाणा की आशा वर्कर कोरोना महामारी से लडऩे में फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर कार्य कर रही हैं और बार-बार मांग पत्र भेजने पर भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मांग पत्र में लिखा है कि आशा वर्कर लगातार लोगों के संपर्क में रहती हंै। इसलिए बिना किसी सिस्टम के बीच तमाम आशा वर्करों का महीने में एक बार कोविड-19 टेस्ट जरूर कराया जाए। संक्रमित आशाओं को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आइसोलेशन कैंप में रखा जाए या अलग से आइसोलेशन कैंप बनाए जाए। आठ एक्टिविटीज पर राज्य सरकार से मिलने वाली 50 प्रतिशत इनसेंटिव दोबारा लागू किया जाए। आशाओं को अच्छी क्वालिटी के सैनिटाइजर आदि मिलने में भी समस्याएं आ रही हैं। आशा वर्करों को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर एवं कंटेटमेंट जोन में काम करने वाली आशा वर्कर को सभी उपकरण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी आशाओं को चार हजार रूपये जोखिम भत्ता दिया जाए एवं आशा फैसिलिटेर पहले से मिल रही प्रोत्साहन राशि में किसी तरह की कोई कटौती न की जाए।

रोहतक पीजीआई से भागे आरोपी को सीआईए सिरसा पुलिस ने धर दबोचा

 राजस्थान भागने की फिराक में था आरोपी

सिरसा (लहू की लौ)जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए बीती 9 जून 2020 को सिरसा जेल से ईलाज के लिए ले जाए गए पीजीआई एम एस रोहतक से भागे आरोपी को काबू करने में सफलता हासिल की है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए डीएसपी आर्यन चौधरी व सीआईए सिरसा प्रभारी इंस्पैक्टर रविंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि पीजीआई रोहतक से भागे इस आरोपी को शीघ्र अति शीघ्र काबू करने के लिए पुलिस अधीक्षक सिरसा उप पुलिस महानिरीक्षक डॉ. अरूण सिंह ने सीआईए सिरसा पुलिस टीमों का गठन किया था । उन्होंने बताया कि काबू किया गया आरोपी विकास उर्फ विक्की निवासी गांव नेजियाखेड़ा जिला सिरसा को फरवरी 2020 में सीआईए सिरसा पुलिस ने 2600 नशीलें कैप्सूलों के साथ पकड़ा था। इस संबंध में आरोपी के खिलाफ नाथूसरी चौपटा थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था और इस संबंध में वह सिरसा जेल में था।
उन्होंने बताया कि बीती 9 जून 2020 को विकास उर्फ विक्की पीजीआई रोहतक से पुलिस कस्टडी से भाग गया था। इस संबंध में थाना पीजीआई एमएस रोहतक में अभियोग दर्ज किया गया था। सिरसा पुलिस द्वारा आरोपी विकास को सिरसा जेल से पैर के ईलाज के लिए पीजीआई रोहतक ले जाया गया था। डीएसपी आर्यन चौधरी व सीआईए प्रभारी ने बताया कि पुलिस हिरासत से भागने के बाद विकास रोहतक, हांसी, हिसार, फतेहाबाद, भट्टू, चौपटा तथा ऐलनाबाद इत्यादि क्षेत्रों में घूमता रहा। उन्होंने बताया कि सीआईए सिरसा पुलिस के सहायक उप निरीक्षक तरसेम सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपी विकास को ऐलनाबाद क्षेत्र से काबू कर लिया।
डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि सहायक उप निरीक्षक तरसेम सिंह के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम को महत्वपूर्ण सूचना मिली कि विकास उर्फ विक्की ऐलनाबाद क्षेत्र में छिपा हुआ है और राजस्थान भागने की तैयारी में है। इस सूचना को पाकर सीआईए की पुलिस टीम ने उसे ऐलनाबाद से काबू कर लिया।
 डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी विकास उर्फ विक्की अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। वर्ष 2015, 2016, 2017 में उसके खिलाफ राजस्थान के थाना नोहर में चोरी के अभियोग दर्ज हुए थे। वर्ष 2016 में आरोपी के खिलाफ शहर थाना सिरसा में चोरी का अभियोग तथा वर्ष 2019 में शहर थाना सिरसा में एनडीपीएस का अभियोग दर्ज हुआ था। आरोपी विकास के खिलाफ फरवरी, 2020 में नाथूसरी चौपटा थाना में एनडीपीएस का अभियोग दर्ज हुआ था और इसी मामले में वह सिरसा जेल में बंद था।

भाजपा युवा मोर्चा ने चलाया व्यक्ति जनसंपर्क अभियान, पत्रक व मॉस्क बांटे

डबवाली (लहू की लौ)केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण कर लिया है। इस एक वर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए जिनकी कल्पना स्वतंत्र भारत में किसी भी राजनीतिक दल के साथ-साथ देश के अधिकांश नागरिकों ने भी नहीं की थी।
 यह शब्द भाजपा युवा मोर्चा के मंडलाध्यक्ष विजयंत शर्मा ने बीती सायं मीना बाजार में व्यक्ति जनसंपर्क अभियान के तहत पत्रक व मॉस्क वितरित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधान सेवक मोदी ने अपना पदभार ग्रहण करने के पश्चात् अपने निर्धारित एजेंडे के तहत गरीबों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं एवं युवाओं के समस्त कल्याण के लिए लागू की गई योजनाओं को पुन: गति प्रदान की है।
 उन्होंने बताया कि पांच सौ मॉस्क वितरित करते हुए लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के प्रति जागरुक किया।
इस मौके मनोनित पार्षद रामकिशन मेहता, पार्षद बलजीत सिंह, उपाध्यक्ष सोनू सिंगला, संजय खनगवाल, महामंत्री गोविंद प्रसाद बागड़ी, सन्नी कौशल, मास्टर गौरी शंकर, राजन टक्कर, सतीश पहूजा, जगसीर सिंह सोनी, सुखजिंद्र सिंह काला जापानी उनके साथ थे। 

प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं-रणजीत सिंह


सिरसा(लहू की लौ) बिजली, जेल एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह से रानियां हलके के विभिन्न गांवों के सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर प्रदेश सरकार की नीतियों व रणजीत सिंह की कार्य प्रणाली में अपनी आस्था जताई।
इस अवसर पर गांव चकराईयां के सरपंच निरवैर सिंह, गांव गिंदड़ावाली से सरपंच प्रतिनिधि जसविंदर कुमार, गांव ढाणी प्रताप सिंह के सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह, गांव सचसाहिबा के सरपंच प्रतिनिधि गुरुमंगत सिंह, गांव फिरोजाबाद के सरपंच प्रतिनिधि पम्मा व पूर्व जिला पार्षद फिरोजाबाद तारा चंद मौजूद थे।
सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों ने रणजीत सिंह को आश्वासन दिलाया कि वे भविष्य में रणजीत सिंह के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुरुप कार्य करते हुए हलके के विकास में पूर्ण सहयोग करेंगे। सरपंच व प्रतिनिधियों ने कहा कि रणजीत सिंह ने हमेशा ही रानियां हलके के विकास के बारे में गंभीरता से प्रयास किए हैं और उनके बिजली मंत्री बनने के बाद क्षेत्र में उत्साह का माहौल है और आमजन की उम्मीदों के अनुरुप बिजली मंत्री हलके के विकास कार्यों के लिए दिन रात तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि रणजीत सिंह उन्हें जो भी दिशा निर्देश देंगे, उनके लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे।
रणजीत सिंह ने उक्तसरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि जिला व रानियां हलके के विकास में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी और योजनाबद्ध तरीके से विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं और कोरोना वायरस के चलते इस संकट की घड़ी में सरकार द्वारा तत्परता से निर्णय लेते हुए जनहित में कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत विशाल रानियां रैली के दौरान जिला व रानियां हलके के विकास के लिए अनेकों सौगात दी है और भविष्य में विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

14 June. 2020