23 मई 2011

लाईफ पर कुदरत का ब्रेक

अंधड़ की वजह से चारों ओर तबाही, वृद्धा की मौत, एक दर्जन घायल
डबवाली (लहू की लौ) शनिवार रात को बरसात के साथ आए तेज अंधड ने इलाके में तबाही मचा दी। रोड़ जाम हो गए, बिजली-पानी ठप्प हो गया, मोबाइल सेवा अस्त-व्यस्त हो गई। भवनों की दीवारें गिर गई। शैड़ उखड़कर दूर जा गिरे। उफनी भाखड़ा नहर ने ग्रामीणों की सांसे थमा दी। रात्रि 9 से 10 बजे तक चले तेज अंधड की वजह से गांव चौटाला मेें गिरी छत के नीचे दबने से एक वृद्धा की मौत हो गई। जबकि क्षेत्र में अंधड़ की वजह से दीवार तथा छत गिरने से करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए।
हवा से दौड़ा ट्रक
शनिवार रात को एक ट्रक मलोट रोड़ नाका पर खड़ा था। अचानक आए तेज अंधड़ से खुद चलने लगा। अंधड़ इतना तेज था कि ट्रक को खींचता हुआ 200 फुट तक ले गया। ट्रक तभी रूका जब आगे सड़क के बीच बने डिवाईडर से टकरा गया।
मोबाइल सेवा ठप्प
तेज अंधड़ में लोगों का मोबाइल भी जवाब दे गए। हुआ यूं कि जब अंधड आया तो उस समय मोबाइल कंपनियों के टॉवर की रेंज भी चली गई। अंधड़ के बीच फंसे लोग अपने परिजनों से बात करने को तरसते देखे गए। मोबाइल सेवाएं रविवार सुबह करीब सात बजे ही बहाल हो पाईं।
उजड़ गई अनाज मण्डी
मण्डी किलियांवाली की अनाज मण्डी में अनाज को बरसात और आंधी से बचाने के लिए पंजाब मार्किटिंग बोर्ड द्वारा डाले गए शैड अंधड ने बुरी तरह से उखाड़ डाले। प्रत्यक्षदर्शी नागेश्वर मंडल ने बताया कि वह मण्डी में लेबर का कार्य करता है। रात को जब अंधड़ आया तो वह एक आढ़ती की दुकान के आगे लेटा हुआ था। उसके देखते ही देखते मण्डी में बने शैड धराशाई हो गए। शैड की प्लेट उड़कर दूर जा गिरी।
रैस्टोरेन्ट की दीवार व हटें गिरी
राजप्रीत रैस्टोरेन्ट किलियांवाली के मालिक गुरमेल सिंह भाटी ने बताया कि अंधड़ से रैस्टोरेन्ट की 5 फुट ऊंची 250 फुट लम्बी दीवार गिर गईं। रैस्टोरेन्ट में बनी लकड़ी की तीन हटें भी धराशायीं हो गयीं। इससे उनका 50 हजार रूपये का नुक्सान हुआ।
बिजली को झटका
तेज अधंड के कारण बिजली निगम को काफी नुक्सान उठाना पड़ा। रात्रि 9 बजे बंद हुई बिजली रविवार देर शाम तक बहाल हो सकी। चौटाला रोड़ पर डिस्पोजल के पास एक ट्रांस्फार्मर नीचे आ गिरा। वहीं शहर के सिरसा रोड़, चौटाला रोड़ तथा अन्य क्षेत्रों में करीब 17 पोल टूट गए। बिजली निगम के एसडीई गुलशन वधवा के अनुसार डबवाली सबडिविजन में करीब 90 पोल टूटने का समाचार है। उन्होंने बताया कि निगम को करीब बारह से पंद्रह लाख रूपए का नुक्सान हुआ है। बिजली आपूर्ति बहाल करने कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
ठहर गया पहिया
अंधड़ की तबाही से सड़कों के किनारे खड़े वृक्ष मार्ग के बीचों-बीच गिरने से मार्ग जाम हो गए। वाहनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वृक्ष गिरने से डबवाली-सिरसा, बठिंडा, संगरिया, कालांवाली, मलोट मार्ग बाधित हुए। डबवाली-सिरसा मार्ग रविवार सुबह बहाल हो पाया। इस बीच हरियाणा रोड़वेज को करीब 70 हजार रूपए का नुक्सान उठाना पड़ा।
चौटाला में छत गिरी, वृद्धा की मौत
अंधड़ ने गांव चौटाला मेें तबाही मचाते हुए सुखराम के घर की छत गिरा दी। इस छत के नीचे सोई सुखराम की पत्नी केसर देवी (70) की छत के मलबे में दबने से मौत हो गई। मृतका के बेटे ओमप्रकाश (45) ने बताया कि उनका पूरा परिवार घर के भीतरी कमरों में तथा उसकी मां दरवाजे के पास बरामदे में सोई हुई थी कि रात को आये तेज अंधड़ से उनके घर के बरामदे की छत गिर गई और उसकी मां छत के मलबे में दब गई। बरामदे की छत गिरने की आवाज सुन कर वह लोग भागे और उन्होंने जब छत का मलबा उठाया तो उसमें उसकी मां की मौत हो चुकी थी।
गेहूं की भरी टंकी गायब
गांव चौटाला में अपने खेतों में रहने वाले विजय गोदारा ने बताया कि उसके घर के बाहर गेहूं की भरी पड़ी टैंकी अंधड़  से उड़ कर गायब हो गई। उसमें 5 बोरी गेहूं भरा हुआ था।
चौटाला गौशाला का शैड उड़ा, दीवार गिरी
भगवान श्रीकृष्ण गौशाला सेवा समिति के मैनेजर चरणदास ने बताया कि अंधड़ के कारण गौशाला के शैड नं. 7 से 15 चद्दरें, शैड नं. 1 से 10 चद्दरें, गैलरी की 50 सीमेंटेड चद्दरें उड़ कर गिरने से टूट गईं और गौशाला की 5 फुट ऊंची तथा 30 फुट लम्बी चारदीवारी गिर गई जिससे गौशाला का लगभग 50 हजार रूपये का नुक्सान हुआ।
गांव चौटाला के कृष्ण सिहाग ने बताया कि उसकी घर की बाहरी दीवार गिरने से वहीं बांधी अढ़ाई वर्ष की कटड़ी की मौत हो गई। चौटाला में अंधड़ के कारण हुए नुक्सान का सर्वे करते हुए शिव प्रकाश पटवारी तथा देवीलाल पटवारी ने उपरोक्त नुक्सान की पुष्टि की है। यह दोनों पटवारी चौटाला, आसाखेड़ा, तेजाखेड़ा, भारूखेड़ा गांवों में हुए नुक्सान का प्रशासन की ओर से सर्वे कर रहे हैं।
टहनी गिरने से घायल
गांव जण्डवाला बिश्नोइयां का 70 वर्षीय रामेश्वर रात को गांव से आसाखेड़ा की ओर मोटरसाईकिल पर जा रहा था कि रास्ते में आये अंधड़ से एक वृक्ष की टहनी उसके पैर आ गिरी जिससे वह घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया।
डबवाली के चौटाला रोड़ पर स्थित श्री रामचंद्र कॉटन फैक्ट्री की दीवारें और मशीनरी को नुक्सान हुआ है। जबकि इसी के पास बन रहा सुशील बांसल का गोदाम भी बुरी तरह से ढह गया।

परिवार के लिए बेटी बनी संकटमोचक
दिन : शनिवार
समय : रात्रि 9.15 बजे
स्थान : मण्डी किलियांवाली की सरपंच पुष्पा खरोड़ वाली गली।
गली में रहने वाले खच्चर रेहड़ा चालक सिकंदर खरोड़ (35) अपने घर के कमरे में बैड पर अपनी बीवी सुनीता (32), बेटे गुल्लू (7) तथा कालू (5), बेटी एकता (9) के साथ बैठा खाना खा रहा था। इस बीच एकता कुछ सामान लेने के लिए कमरे से बाहर आई तो अचानक आए तेज अंधड़ से छत नीचे आ गिरी। बैड पर बैठा एकता का परिवार छत के नीचे दब गया। एकता ने गली में आकर बचाओ, बचाओ कहते हुए जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर सरपंच पुष्पा खरोड़ का पति अजय खरोड़ मौका पर पहुंचा। गली वासियों के सहयोग से करीब आधा घंटा बाद छत के मलबे के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला गया। अजय खरोड़ ने चारों घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।


भाखड़ा उफनी, ग्रामीणों की सांसे थमी
रात को बारिश के साथ आए तेज अंधड ने यहां किसानों की फसलों को नुक्सान पहुंचाया। वहीं भाखड़ा नहर में उफान लाकर गांव मौजगढ़ के ग्रामीणों की सांसें थमा दी। गांव मौजगढ़ के सरपंच ओमप्रकाश ने बताया कि भाखड़ा नहर में आए उफान से वे लोग पूरी रात नहीं सो पाए। मौजगढ़ हैड और पुल के पास सफेदे के 25 से 30 फुट ऊंचे वृक्ष अंधड़ के कारण नहर में जा गिरे। इन वृक्षों ने आगे बढऩे वाले पानी को वहीं रोक दिया। भाखड़ा नहर दनदनाने लगी। उन्होंने बचाव के लिए प्रशासन से भी सम्पर्क साधा। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली। नहर में पानी किनारे से मात्र एक फुट नीचा रह गया था। उनके अनुसार उन्होंने तीन जेसीवी मशीनों की व्यवस्था की। गांव के राजेंद्र चौधरी, पंच गुरमेल सिंह, राजकुमार व अन्य गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से सुबह 5.30 बजे से 10 बजे तक नहर में गिरे वृक्षों को बाहर निकाला, तब कहीं जाकर उनकी जान में जान आई। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही से पूरा गांव डूबने की कगार पर पहुंच जाता। सरपंच ने बताया कि सरकारी लापरवाही की हद तो उस समय हो गई, जब काम निबट गया तो गांव में काननूगो तथा पटवारी भी पहुंच गए। उन्होंने बताया कि नहर से मौजगढ़ 18 फुट नीचा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि प्रशासन नहर की पटरी पर मिट्टी डालकर भविष्य में गांव की रक्षा करे। तहसीलदार राजेन्द्र कुमार ने सरपंच ओमप्रकाश के आरोपों के नकारते हुए कहा कि वे सुबह 7 बजे ही कानूनगो तथा पटवारी के साथ नहर पर पहुंच गये थे। वहां पर नहरी विभाग अधिकारी भी मौजूद थे। नहरी विभाग के एससी एसएस हुड्डा ने  बताया कि  विभाग के अधिकारी सुबह 3 बजे से ही जिला की नहरों में गिरे वृक्षों को निकालने में जुटे हुए हैं। मौजगढ़ में वे रोड़ी डिविजन के एक्सीयन वीके जग्गा के साथ सुबह से ही मौजूद हैं। उनके अनुसार वृक्षों को निकालने का काम जोर शोर से चल रहा है। शाम तक नहरों से वृक्ष निकालने का काम पूरा हो जायेगा। फिलहाल कहीं भी नहरों में पानी से दरार आदि आने का खतरा नहीं है।


लापरवाही से भीग गया हजारों बैग गेहूं
यहां की अनाज मण्डी में पड़े गेहूं के हजारों बैग सरकार के अधिकारियों की लापरवाही से बरसात में भीग गए। अनाज मण्डी में विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी गई गेहूं को पड़े हुए करीब एक माह से ऊपर का समय हो चला है। लेकिन बैग को उठवाने की जहमत किसी ने नहीं की। इसी का ही परिणाम रहा कि शनिवार रात को आई बरसात से गेहूं बुरी तरह से भीगकर खराब हो गया। सरकारी खरीद एजेंसियां कितनी लापरवाह हैं, इसकी बानगी रविवार को देखने को मिली। बरसात में गेहूं भीगने की खबर मिलने पर भी किसी भी खरीद एजेंसी का कोई अधिकारी मौका पर नहीं पहुंचा।
इस संबंध में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि अनाज मंडी में खरीद एजेंसियों की पड़ी गेहूं के भीगने की जांच का आदेश मार्किट कमेटी के सचिव सुभाष अरोड़ा को दे दिया गया है। सचिव से कहा गया है कि वह भीगी गेहूं को बोरियों में भरने से रोकें। उन्होंने यह भी बताया कि प्राकृतिक प्रकोप से निपटने के लिए उपमंडल के बीएण्डआर तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ तहसीलदार, थाना सदर प्रभारी, आरपीएफ की डयूटी लगा दी गई है। उनके अनुसार प्रशासन रात से ही इस काम में जुटा हुआ है।


सलम एरिया पर कुदरत का टूटा कहर
तेज अंधड़ से वार्ड नं. 7 के अंतर्गत आने वाली अन्नपूर्णा रिसोर्ट के पीछे स्थित बस्ती तथा वार्ड नं. 17 के तहत आने वाले हर्ष नगर का हाल बेहाल हो गया। रिसोर्ट के पीछे स्थित बस्ती के निवासी नानक राम, पूर्ण राम, मिश्रा राम, नत्थू राम, बहादर राम, भागू राम, कालू राम, शंकर, सोनी, मंगत राम आदि ने बताया कि बस्ती में करीब 100 परिवार झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं। लेकिन रात को आया तेज अंधड़ उनका सबकुछ अपने साथ ले गया। बस्ती के निवासी बहादर राम का पूरा घर तहस-नहस हो गया। मलबे में दबे उसके बेटे जालू (2), बेटी नेहा (10), सपना (8) तथा किरण (6), दो अन्य मकान गिरने से मंगत राम (35), रूको देवी (33), गगन (13), सपना (11), अनु (9), सोनी (40), गोरू (14), सुनीता (12) के चोटें आईं। बस्ती के लोगों के अनुसार उनके वोट बने हुए हैं। जब नेताओं को उनके वोटों की जरूरत होती है, तो वे उनकी बस्ती में चिलचिलाती धूप में भी आने से गुरेज नहीं करते। अब जबकि उन पर मुसीबत का पहाड़ टूटा है, कोई उनका दर्द सुनने को भी नहीं आया। इधर हर्ष नगर में रह रही वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान तथा नगर के निवासी शगन लाल, दीपक, गुल्लू, मनोज, बलराज, बाबा राम, सुरजीत आदि ने बताया कि अंधड ने उनके घरों को बुरी तरह से तहस नहस कर दिया। वे लोग कागज बीनकर अपना अपना पेट पालते हैं। लेकिन इस अंधड़ ने तो उनकी छत भी छीन ली।