23 जनवरी 2010

ऐसा पहली बार हुआ है


डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला की जीत के साथ न केवल कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं बल्कि लोगों में यह भी चर्चा चल पड़ी है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी राजनेता पिता के साथ-साथ उनके दोनों पुत्र भी विधानसभा के सदस्य बने हों। इस समय पूर्व मुख्यमन्त्री ओमप्रकाश चौटाला उचाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक व विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उनके बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला डबवाली से विधायक हैं और छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला आज ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में 64 हजार 813 वोट हासिल करके कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनिवाल को 6,227 वोटों के अन्तर से हराकर विधायक चुने गए हैं। इसी के साथ देवीलाल परिवार की तीन पीढिय़ों ने विपक्ष में होते हुए सरकार के खिलाफ विधानसभा उपचुनाव जीतने का भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
हरियाणा विधानसभा में पिता-पुत्र दो राजनेताओं को तो एकसाथ विधायक रहने का पहले भी अवसर मिला था। 1987 में चौधरी देवीलाल के साथ उनके बेटे रणजीत सिंह विधायक चुने गए थे जबकि 1993 से 1998 तक भजनलाल व चंद्रमोहन एक साथ विधायक रहे थे। इसके अलावा 2000 से 2005 तक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अभय सिंह चौटाला भी एक साथ विधायक रह चुके हैं। लेकिन चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के साथ उनके दोनों बेटों अजय चौटाला व अभय चौटाला का विधायक होना अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। इसके अलावा एक कीर्तिमान यह भी स्थापित हुआ है कि चौधरी देवीलाल परिवार ने अब तक लड़े सभी उपचुनावों में जीत दर्ज की है।
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला 1990 में दातारामगढ़ राजस्थान से विधायक चुने गए थे और विधानसभा के मध्यावधि चुनावों में 1993 में नौहर से विधायक चुने गए थे और 1998 तक राजस्थान विधानसभा में विधायक रहे। 1999 में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनावों में वे भिवानी से सांसद चुने गए और 2004 तक लोकसभा के सांसद रहे। 2004 में वे राज्यसभा के सांसद चुने गए और 2009 तक राज्यसभा में सांसद रहे। इस समय वे डबवाली से विधायक हैं। अभय सिंह चौटाला पहले रोडी से और अब ऐलनाबाद से विधानसभा उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं।
चौधरी देवीलाल परिवार ने इस जीत के साथ ही उपचुनावों में जीत का भी एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। चौधरी देवीलाल ने 1959 में संयुक्त पंजाब के समय सिरसा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में 27 हजार मतों के अन्तर से जीत हासिल की थी। उसके बाद 10 मई, 1970 को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से हुए उपचुनाव में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने 19 हजार मतों के अन्तर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद रोडी विधानसभा क्षेत्र में 1974 मेें हुए उपचुनाव में चौधरी देवीलाल ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस उम्मीदवार इंद्राज सिंह बेनिवाल को 16 हजार मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की।
इसके अलावा पंजाब समझौते के खिलाफ त्याग पत्र देकर पुन: चुनाव लड़कर चौधरी देवीलाल ने महम विधानसभा क्षेत्र से 24 दिसम्बर, 1985 को हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 11 हजार से ज्यादा मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की। 1990 में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने दड़बाकलां विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश नेहरा को हराकर जीत दर्ज की। 1993 में नरवाना विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला को 19 हजार मतों के अन्तर से हराया। 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला नरवाना व रोडी दोनों क्षेत्रों से विजयी हुए थे और उनके द्वारा खाली की गई रोडी सीट से अभय सिंह चौटाला उपचुनाव जीतकर विजयी हुए थे। इस बार श्री चौटाला उचाना व ऐलनाबाद विधानसभा सीटों से विजयी हुए और ऐलनाबाद सीट छोडऩे पर हुए इस उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनिवाल को हराकर विधायक चुने गए हैं।

कबाड़ की दुकान में आग, हजारों का नुक्सान

डबवाली (लहू की लौ) यहां के सिरसा रोड़ पर कबाड़ की एक दुकान में आग लग जाने से करीब हजारों रूपये कीमत की इंडिका कार और टाटा सीरा जलकर राख हो गई। जबकि जीप की सीटें जल गई।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार रात को करीब 11 बजे सिरसा रोड़ पर स्थित एक कबाड़ की दुकान के मालिक जगदीश चन्द नारंग की सूचना पाकर नगरपालिका की फायर ब्रिगेड मौका पर पहुंची और आग पर काबू पाया। लेकिन इस दौरान वहां खड़ी इंडिका कार और टाटा सीरा जिनकी कीमत करीब डेढ़ लाख रूपये बताई जाती है, जलकर राख हो गई। वहीं खड़ी जीप की सीटें भी जल गई।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार आग लगने का कारण तो मालूम नहीं हो पाया। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने इन गाडिय़ों को आग लगाई होगी।

शीघ्र ही फोरलेन होगा राजमार्ग

औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) ओढ़ां में आबादी के मध्य से होकर गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर ट्रफिक की अधिकता होने के कारण सड़क दुघर्टनाएं अक्सर होती रहती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर रहने वाले गांववासी कृष्ण खुराना, जगदीश मायला, प्रमोद कुमार, महेंद्र खुराना व गुरदेव सिंह आदि ने बताया कि इस मार्ग पर ट्रैफिक इतना ज्यादा होता है कि उन्हें हर समय दुघर्टना का भय बना रहता है अत: सुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग को चौड़ा करके फोरलेन किए जाने की जरूरत है ताकि ट्रैफिक का बोझ कुछ कम हो सके।
इस संबंध में नेशनल हाइवे हिसार के उपमंडल अधिकारी सतीश मेहता से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि ओढ़ां वासियों को इस समस्या से शीघ्र ही छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि विभाग द्वारा इस राजमार्ग को ओढ़ां स्थित निरंकारी भवन से लेकर नई अनाज मंडी तक 2200 मीटर तथा डबवाली गांव में कालांवाली कैंचियों से लेकर सेम नाले तक 2800 मीटर सड़क को शीघ्र ही फोरलेन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओढ़ां व डबवाली में फोरलेन किए जाने वाले राजमार्ग की कुल लंबाई 5000 मीटर है और इस मार्ग को फोरलेन करने का टेंडर 7 करोड़ 76 लाख 40 हजार में हो चुका है तथा शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इससे राजमार्ग की चौड़ाई पौने 9 मीटर बढ़ जाएगी और बीच में चार फुट का डिवाइडर होगा जिस कारण दुघर्टनाएं कम होंगी।

ऑफिस से सीधे घर जाओ और बच्चे पैदा करो का आदेश

नई दिल्ली (एजेन्सी) एक ओर जहां भारत सरकार जनसंख्या वृद्धि को लेकर परेशान है। सरकार न जाने कितनी ऐसी योजनाएं चला रही है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण में काबू पाया जा सके, परंतु भारतीय हैं कि मानते ही नहीं, लेकिन हम जिस देश की बात करने जा रहे हैं, वहां स्थिति कुछ और है।
दक्षिण कोरिया की सरकार ने सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में यह आदेश जारी कर दिया है, कि कार्यालय के ढेर सारी फाइलों के बोझ से निपटकर वह सीधे घर जाएं और अपनी पत्नी के साथ रहें, ताकि जनसंख्या में इजाफा हो सके। अब ये तो सरकार ही जानती होगी कि इस तरह का आदेश लागू करने के लिये उन्हें क्यों जरूरत पड़ी। यह सरकार की दरियादिली या फिर दक्षिण कोरिया के निवासियों में सेक्स के प्रति अनिच्छा।
बुधवार यानि सप्ताह के मध्य में स्वास्थ्य मंत्रालय के इमारत की बत्तियां शाम सात बजे बुझा दी जाएंगी और लोगों को बाहर कर दिया जाएगा। दक्षिण कोरिया के लिए उसकी आबादी की बढ़ती उम्र एक बड़ी चिंता की वजह बन रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे सुलझाने का बीड़ा उठाया है।
मजाक में इस मंत्रालय को इन दिनों जोडिय़ां बनाने वाले मंत्रालय का नाम दिया जा रहा है और उदाहरण पेश करने के लिए मंत्रालय ने अपनी ही इमारत से शुरुआत की है।
इतना ही नहीं हर महीने में एक दिन मुहैया किया जा रहा है इसी उद्देश्य के लिए। जो अधिकारी एक से ज्यादा बच्चे पैदा कर चुके हैं उन्हें तोहफे दिए जा रहे हैं और विभाग की तरफ से ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं जिससे अधिकारियों के बीच प्यार मुहब्बत बढ़े। वैसे आलोचकों का कहना है कि सरकार यदि वाकई गंभीर है तो उसे बच्चों की देखरेख और शिक्षा का खर्च कम करना चाहिए, क्योंकि इसी डर से युवा जोडिय़ां बच्चे पैदा करने से घबरा रही हैं।