06 सितंबर 2010

हरियाणा में लगेगा टोकन हाऊस टैक्स

चंडीगढ़।  हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज घोषणा की कि प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग जो 250 वर्ग गज तक के क्षेत्र वाले घरों में रह रहे हैं, के हितों को ध्यान में रखते हुए उनसे एक रुपया प्रतिवर्ग गज की दर से टोकन हाउस टैक्स लेने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
    शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए  नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण  स्वयं आकलन के आधार पर  करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर  कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
    उन्होंने कहा कि  देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के  उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
    इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर  उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
    यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
    उन्होंने कहा कि गृहकर बारे  सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर  लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि  नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
    सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।

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