13 सितंबर 2012

विश्व भर में धूम मचाने को तैयार डबवाली की जूती


सरकार ने वल्र्ड क्लास सैन्टर स्थापित करने की योजना बनाई
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने डबवाली के जूती उद्योग को नया आयाम देने और इसे विश्व स्तर पर चमकाने के लिए डबवाली में वल्र्ड क्लास सैन्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है। अपने पहले चरण में सरकार ने बुधवार को शहर के जूती कारीगरों की बैठक एमएसएमई विकास संस्थान करनाल के माध्यम से रैगर धर्मशाला में ली। बैठक में संस्थान के निदेशक विजय कुमार मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए।
डबवाली नगर वर्षों से जूती कारीगरी में पूरे भारत में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से जूती के शौकिन लोग जूती खरीदने के लिए डबवाली आते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मशीनी युग के चलते जूती कारीगर आर्थिक मंदवाड़े में से गुजर रहे थे। भारत की मार्किट में चीन की जूती ने अपना स्थान बना लिया। जिससे भारत का जूती उद्योग लडख़ड़ाने लगा। हरियाणा सरकार ने डबवाली के जूती उद्योग को प्रोत्साहित करने और चीन के जूती उद्योग को प्रतिस्पर्धा में मात देने के लिए डबवाली के जूती कारीगरों का चयन किया है। चीन के जूती कारीगरों के पास चमड़े से जूती बनाने की कला नहीं है। जबकि भारत के हरियाणा राज्य के डबवाली नगर के कारीगरों के पास चमड़े से जूती बनाने की ऐसी कला है, जो केवल भारतीयों को नहीं बल्कि विदेशियों को आकर्षित करके सरकार के लिए अच्छी आय का स्त्रोत बन सकती है। इसी उद्देश्य को सामने रखते हुए भारत सरकार के सूक्ष्म लघु एवं उद्यम मंत्रालय ने जूती उद्योग के लिए डबवाली के कारीगरों का ही चयन नहीं किया है, बल्कि इसके लिए डबवाली नगर का भी चयन किया है।
रैगर धर्मशाला में डबवाली के जूती कारीगरों की बैठक के बाद इस संवाददाता से बातचीत करते हुए एमएसएमई-विकास संस्थान करनाल के निदेशक विजय कुमार ने बताया कि भारत सरकार के उद्योग विभाग ने कलस्टर विकास कार्यक्रम (सूक्ष्म एवं लघु उद्योग उद्यमों के लिए) के तहत डबवाली का चयन करते हुए डबवाली के जूती कारीगरों को विश्व स्तरीय बाजार प्रदान करने का निर्णय लिया है। चूंकि डबवाली की बनी जूती गुणवत्ता के आधार पर बनती है। अगर यहां के कारीगरों को प्रशिक्षण और आवश्यक वित्तीय सहायता दी जाए तो डबवाली की बनी जूती विश्व में नाम कमा सकती है। इसके लिए वल्र्ड क्लास सैन्टर बनाने की कवायद बुधवार से शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत जूती उद्योग उद्यमियों को जमीन और भवन का निर्माण अपने स्तर पर करना होगा। जबकि कारीगरों को ट्रेनिंग, उच्च स्तरीय टेस्टिंग लैब, मशीनरी, कच्चा माल और बाजार भारत सरकार उपलब्ध करवाएगी। डबवाली के जूती कारीगरों पर एक सर्वे करवाया गया था। जिसमें यह बात सामने आई थी कि डबवाली की जूती में गुणवत्ता है और डबवाली की जूती चाईनिज जूती को विश्व मार्किट में प्रतिस्पर्धा में मात दे सकती है। उनके अनुसार प्रयोग स्तर पर यह एक वर्ष का प्रोजेक्ट है। सरकार उद्यमियों को 90 प्रतिशत आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाएगी। इस मौके पर संस्थान के अतिरिक्त निदेशक संजय कुमार भी उपस्थित थे।

नशे की रोकथाम के लिए तीन राज्यों की पुलिस ने मिलाए हाथ


डबवाली (लहू की लौ) अपराधियों, नशीले पदार्थों की तस्करी की मुखबरी मिलने पर हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान पुलिस एक साथ कार्य करेगी। सूचना मिलते ही तीनों राज्यों की सीमाएं सील करके नाकाबंदी कर दी जाएगी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए तीनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों में एसपी रैंक का एक-एक नोडल अफसर नियुक्त किया जाएगा।
यह योजना मंगलवार को गांव बादल (पंजाब) के रैस्ट हाऊस में हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के पुलिस अधिकारियों की इंटर स्टेट बैठक में बनी। बैठक बठिंडा जोन के आईजी निर्मल सिंह ढिल्लों की अध्यक्षता में हुई। जिसमें बठिंडा जोन के डीआईजी प्रमोद भान, फिरोजपुर जोन के डीआईजी परमराज सिंह उमरा नंगल, जिला श्री मुक्तसर साहिब के एसएसपी इन्द्रमोहन सिंह, एसएसपी बठिंडा सुखचैन सिंह गिल, एसएसपी मानसा नरेन्द्र भार्गव, एसएसपी फिरोजपुर वीरेन्द्र सिंह, एसएसपी फाजिल्कां अमर चहल, एसपी सिरसा दविन्द्र यादव, एसपी फतेहाबाद सतीन्द्र गुप्ता, एसपी गंगानगर संतोष चालकी, एसपी हनुमानगढ़ रवि सभ्रवाल उपस्थित हुए। बैठक से पूर्व उपरोक्त पुलिस अधिकारियों ने तीनों राज्यों की सीमाओं पर कंदूखेड़ा-हरीपुरा, भुल्लरवाला-जोतांवाली, फत्ताकेरा-लोहगढ़, वंडिंगखेड़ा-शेरगढ़ मार्गों का निरीक्षण किया। नशे के तस्कर अधिकतर इन्हीं मार्गों का प्रयोग करते हैं।
कंदूखेड़ा सबसे महत्वपूर्ण
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आईजी निर्मल सिंह ढिल्लों ने कहा कि कंदूखेड़ा मार्ग सबसे महत्वपूर्ण है। चूंकि इस जगह पर आकर हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान मिलते हैं। आसानी से अपराधिक तत्व तथा तस्कर भाग निकलते हैं। इसके अतिरिक्त बच निकलने वाले अन्य पॉईंटों की भी पहचान की गई है। तीनों प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों ने एक सांझी योजना तैयार की है। योजना के तहत सूचना मिलने पर एक ही समय तीनों प्रदेशों की पुलिस सीमाएं सील करेगी। सीमावर्ती जिलों में नोडल अफसर भी लगाए जाएंगे।
गैंग उठाते हैं लाभ
आईजी ढिल्लों के अनुसार अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले गैंग सीमावर्ती क्षेत्रों का फायदा उठाकर आसानी से दूसरे राज्यों में भाग निकलते हैं। ऐसी वारदातें करने वाला शेरा गैंग ट्रेस आऊट हुआ है। जिसने हरियाणा के फतेहाबाद के साथ-साथ पंजाब तथा राजस्थान में अपनी अपराधिक गतिविधियां चलाई हुई हैं। ऐसे गैंग पंजाब में भी हैं।
तीन माह बाद होगी बैठक
ढिल्लों के अनुसार बैठक में पुलिस अधिकारियों ने मूवमेंट करने वाले अपराधियों तथा भगौड़ों की सूची का आदान-प्रदान किया। उनके अनुसार हर तीन माह के बाद अधिकारियों की इंटर स्टेट बैठक हुआ करेगी। इसके साथ ही अलग से सीमावर्ती क्षेत्रों के थाना प्रभारियों की बैठक करके उनसे भी उनकी समस्याएं पूछकर उनका समाधान किया जाएगा।
उनके अनुसार बठिंडा जोन की पुलिस ने अब तक 45 किलो हेरोईन, 225 किलो अफीम, 40 हजार किलो चूरा पोस्त, 7 किलो स्मैक तथा मेडिकल नशे की भारी खेप पकड़ी है। तीनों राज्यों की पुलिस के सहयोग से ही नशे पर रोक संभव है।