28 सितंबर 2010

ड्रेन टूटा,खेतों में घुसा पानी

डबवाली (लहू की लौ) यहां से 5 किलोमीटर दूर पंजाब के बठिंडा जिला के साथ लगते गांव डूमवाली के रकबा में पडऩे वाली बरसाती डे्रेन का बांध बुधवार शाम को टूट जाने से पानी नरमा के खेतों में बह गया। जिससे किसानों में हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना पाकर एसडीएम बठिंडा मौका पर पहुंचे।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान  के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार  तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के  काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।

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