09 नवंबर 2010

एचपीएस में मानसिक विकास एवं योग्यता विषय पर सेमिनार

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा पब्लिक स्कूल में मानसिक विकास एवं योग्यता विषय पर रविवार शाम को सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में वैदिक गणित के माध्यम से सैकण्डों में अनेकों जोड़, गुणा, भाग, वर्ग तथा क्यूब के सवालों को हल करके दिखाया गया।
सेमिनार में मैमोरी एन एम  जयपुर के मेंटर सूरज मैहता ने बताया कि भारत में लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से पूर्व गुरूकुल पद्धति में सारी शिक्षा मौखिम रूप में दी जाती थी। यहां तक की वेद की ऋचाएं भी गुरूजन कंठस्थ करवा देते थे। उन्होंने कहा कि युग बदल रहा है। भारत फिर से विश्व में नैतिक और शिक्षा के रूप में सिरमौर शक्ति बनने जा रहा है। ऐसे में बच्चों की मानसिक क्षमता के सदुपयोग करने वाली विधाओं का विकास किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में हम अपने मस्तक का केवल 0.01 प्रतिशत भाग ही प्रयोग कर पाते हैं और शेष को कैसे प्रयोग करना है, इसके लिए उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मैमोरी बढ़ाने के लिए 16 घण्टे के प्रशिक्षण से जादू जैसे परिणाम सामने आ सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने दो घंटे के सेमिनार में इसके अचूक नमूने प्रस्तुत किए। जिसमें 10वीं के विद्यार्थी नीतिश तथा मनोज ने 100 शब्दों को केवल मात्र सुनकर उनसे संबंधित सभी सवालों का सही उत्तर दिया। यहां तक की 10वीं कक्षा के विज्ञान के प्रथम 100 पृष्ठों से पूछे गए सवालों का भी सही उत्तर देकर उपस्थित अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। इस सेमिनार का शुभारंभ डॉ. योगेश गुप्ता ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। इस मौके पर मैमोरी एन एम टीम के विशाल वत्स, नरेश शर्मा, महेश शास्त्री उपस्थित थे। विद्यालय के आचार्य निदेशक रमेश सचदेवा ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। डॉ. प्रेमचन्द सचदेवा मैमोरियल समिति की ओर से महेन्द्र सचदेवा, डॉ. योगेश गुप्ता, एमएल ग्रोवर, सुल्तान सिंह वर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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