26 मार्च 2010

जनहित स्टे याचिका पर हरियाणा सरकार तलब

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली उपमण्डल के पांच जनों ने सिविल जज (कनिष्ठ मण्डल)  अमरजीत सिंह की अदालत में एक जनहित स्टे याचिका दायर करके अदालत से पुराने बीडीपीओ कार्यालय में सरकार द्वारा निर्धारित पार्क का निर्माण किये जाने और वहां पर हो रहे निर्माण को रोकने की गुहार लगाई है। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करके अपना पक्ष 26 मार्च को रखने के लिए उपायुक्त सिरसा की मार्फत हरियाणा सरकार, बीडीपीओ डबवाली, पंचायत समिति डबवाली मार्फत चेयरमैन, पूर्व चेयरमैन शिवराज सिंह को समन जारी करके तलब किया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार जिला परिषद सिरसा के पूर्व चेयरमैन और जिला परिषद सिरसा के वर्तमान सदस्य राधेराम शेरगढ़, गुरपाल सिंह पंच शेरगढ़, रणवीर सिंह राणा पूर्व चेयरमैन नगरसुधार मण्डल मण्डी डबवाली, टेकचन्द छाबड़ा पार्षद वार्ड नं. 8 डबवाली, सुखविन्द्र सिंह पार्षद वार्ड नं. 18 मण्डी डबवाली ने 23 मार्च 2010 को एक जनहित याचिका दायर करके अदालत से अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 64 पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की घोषणा के अनुरूप जनहित में पुराने बीडीपीओ कार्यालय मण्डी डबवाली के स्थान पर लोगों के अनुरोध पर एक शॉप कम्पलैक्स तथा एक पार्क बनाया जाना था। जिसे तत्कालीन उपायुक्त सिरसा ने पत्रांक नं. 919, दिनांक 13/4/2003 में एसडीओ सिविल डबवाली को आदेश दिये थे कि वहां पर शॉप कम्पलैक्स और पार्क बनाया जाये। इन्हीं आदेशों को एसडीओ सिविल डबवाली ने पत्रांक नं. 200, दिनांक 15/4/2003 को पंचायत समिति को भेजा था। जिस पर पंचायत समिति डबवाली ने प्रस्ताव नं. 3, दिनांक 16/4/2003 के तहत नेशनल हाईवे नं. 10 पर पार्क के निर्माण और प्रस्ताव नं. 4, दिनांक 21/4/2003 के तहत वहां बनी दुकानों को हटाकर पार्क बनाये जाने को स्वीकृति दे दी थी।
याचियों के अनुसार प्रतिवादियों ने दुर्भावना के तहत भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र के तहत पुराने बीडीपीओ कार्यालय में बठिण्डा रोड़ पर सवा 52 फुट गुणा 52 फुट क्षेत्र में बीडीपीओ कार्यालय बनाने के लिए जगह को चिन्हित किया है और पार्क की ओर इसका रास्ता बनाने का प्रयास किया है। जोकि पार्क के सौन्दर्य के लिए उचित नहीं है।
याचियों ने अदालत से अनुरोध किया है कि पार्क को, पार्क ही बनाया जाना चाहिए और इसमें से किसी प्रकार का अन्य कार्यालय के लिए कोई रास्ता न बनाया जाये। पार्क में बनाये जाने वाले रास्ते पर फिलहाल रोक लगाई जाये।
अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सम्बन्धित पक्षों को समन भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए 26 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए कहा है।

ड्रग विभाग की मेडीकोज पर छापामारी

डबवाली (लहू की लौ) ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने एसपी स्पैशल स्टॉफ सिरसा के प्रभारी एसआई अमित बैनीवाल के साथ अचानक वीरवार को डबवाली के मेडीकोज पर छापामारी की। उनके डबवाली में प्रवेश करते ही कई कैमिस्ट अपनी दुकानें बन्द करके इधर-उधर हो गये।
प्राप्त जानकारी अनुसार दवा निर्माता कम्पनी मेडन फार्मा ने स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को एक पत्र जारी करके शिकायत की थी कि उसके उत्पाद मोमोलिट की नकल करके बाजार में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। कम्पनी ने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग को एक सूची भी जारी की थी। जिसमें संदिग्ध कैमिस्टों के नाम लिखे हुए थे। इसी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ने कम्पनी की शिकायत पर कार्यवाही करने के लिए कम्पनी द्वारा प्रस्तुत सूची के साथ अपने दिशा-निर्देश जारी करते हुए हरियाणा के विभिन्न जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को फैक्स द्वारा जांच के आदेश दिये।
इसकी पुष्टि करते हुए ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि उनके अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र के सम्बन्ध में ड्रग कंट्रोलर ने जिन कैमिस्टों के नाम संदेह के आधार पर भेजे थे, आज वहीं पर उन्होंने छापामारी की। जिसमें जिन्दल मेडीकोज का नाम था। लेकिन छापामारी के दौरान उन्हें इस मेडीकोज पर नकली मोमोलिट नहीं मिली। बल्कि नशे में प्रयुक्त होने वाली 6 प्रकार की दवाईयां मिली। जिनमें सपाजमा प्रोक्सीवोन, बायरोरेक्स कफ सिरप, केरीसोमा, ओक्सीन-टोक्सीन इंजेक्शन शामिल है। जिन्हें सील कर दिया गया। धानीवाल के अनुसार आरोपी कैमिस्ट राकेश जिन्दल उन्हें इन दवाईयों के सम्बन्ध में सेल-परचेज का रिकॉर्ड नहीं दिखा सका। उन्होंने यह भी बताया कि कैमिस्ट शॉप से कुछ दवाईयों के नमूने भी भरे गये हैं।
इसके बाद इस छापामार दल ने चावला मेडीकोज पर दस्तक दी। ड्रग इंस्पेक्टर के अनुसार उक्त मेडीकोज से नशे में प्रयुक्त होने वाले प्रीम स्पास के 9 डिब्बे , 3 रेकोडेक्स कफ सिरप मिली और मेडीकोज मालिक से उक्त दवाईयों का खरीद-बेच का रिकॉर्ड मांगा गया है। धानीवाल ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि वे नशे के सौदागरों पर नकेल कसना चाहते हैं। उनके अनुसार वे इन कैमिस्टों से इस बात की भी पूछताछ कर रहे हैं, कि उन्हें कौन नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां सप्लाई करता है। लेकिन कैमिस्ट इसे बताने के लिए तैयार नहीं है। इधर जिन्दल मेडीकोज के मालिक राकेश जिन्दल ने ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल के समक्ष राज खोलते हुए बताया कि सिरसा से बड़ी मात्रा में नशा मैक्सी कैब और कारों में भरकर डबवाली में आ रहा है। उसने यह भी बताया कि करोड़ों रूपये की इस प्रकार की दवाई डबवाली में पड़ी है। उसने आरोप लगाया कि नगर में दो कैमिस्ट इस काम में लगे हुए हैं। लेकिन विभाग उन पर नकेल कसने में असफल साबित हो रहा है। परंतु हर बार उन्हें निशाना बनाया जाता है। इस मौके पर एसआई रमेश चन्द्र भ्ी उपस्थित थे।