16 मार्च 2013

जोगेवाला में तेंदुआ


डबवाली (लहू की लौ) गांव जोगेवाला के खेतों में तेंदुआ देखे जाने की खबर है। जिसके बाद किसानों में भय का माहौल है। वन्य प्राणी विभाग ने भी खेतों में तेंदुआ होने की रिपोर्ट दी है।
पंद्रह दिनों से दिख रहा है तेंदुआ
गांव जोगेवाला के एक किसान ने करीब पंद्रह दिन पूर्व खेतों में तेंदुआ देखा। उसने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी। लेकिन किसी ने भी उसकी बात पर यकीन नहीं किया। करीब एक सप्ताह पूर्व 50 वर्षीय किसान मन्दर सिंह डूमवाली-जोगेवाला रोड़ पर स्थित अपने खेतों में घूमने के लिए गया। उसने भी अपने खेत से निकलते हुए तेंदुए को देखा। उसने वहां मौजूद दो ग्रामीणों को भी तेंदुआ दिखाया।
वन्य प्राणी विभाग की टीम ने किया निरीक्षण
मन्दर सिंह ने बताया कि तेंदुआ मट मेला रंग का था। उसने करीब 100 फुट की दूरी से उसे देखा। जोकि उसके देखते-देखते ऊंचाई पर स्थित पड़ौसी के खेत में चला गया। किसान के अनुसार तेंदुआ करीब ढाई फुट ऊंचा तथा करीब चार फुट लम्बा होगा। सूचना पाकर वन्य प्राणी विभाग के कर्मचारी मौका पर पहुंचे। उन्होंने तेंदुआ के पांव के निशानों का निरीक्षण किया। ग्रामीणों के अनुसार तेंदुआ अभी भी गांव के आस-पास घूम रहा है। जोकि घातक साबित हो सकता है। किसान टोलियां में लट्ठ लेकर अपने खेतों में जा रहे हैं।
भयभीत हैं किसान-सरपंच
गांव जोगेवाला के सरपंच हरबंस सिंह ने बताया कि उन्हें भी गांव के खेतों में तेंदुआ होने की जानकारी मिली थी। जिस पर वन्य प्राणी रक्षक लीलू राम को बुलाया गया था। किसान अभी भी भयभीत चले आ रहे हैं। हालांकि तेंदुए ने अभी तक किसी का नुक्सान नहीं किया है। सरसों के एक खेत में कुत्ते तथा नील गाय के सिर मिले हैं। संभावना जताई जा रही है कि तेंदुए ने उन्हें अपना शिकार बनाया होगा।
तेंदुआ ही है-विभाग
वन्य प्राणी रक्षक लीलू राम ने बताया कि सूचना मिलने पर वे मौका पर आए थे। उन्होंने जानवर के पांव के निशानों की जांच की थी। निशान तेंदुआ के मिले हैं। लेकिन तेंदुआ अधिक देर तक एक जगह नहीं रहता। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि वह अभी भी गांव जोगेवाला में होगा। चूंकि अब तक उसने नुक्सान कर दिया होता। फिर भी विभाग गांव जोगेवाला पर नजर बनाए हुए है।