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29 अक्टूबर 2011

पेस्टीसाईड से तैयार किया जा रहा है केला


डबवाली | हम केला के रूप में फल नहीं जहर खा रहे हैं। जी हां, यह बात सौ फीसदी सच है। केला पकाने में जहर का प्रयोग किया जा रहा है। कच्चे केले वातानुकूलित कमरों में रखकर उचित ताप पर पकाए जा रहे हैं। इससे पूर्व रसायनिक प्रक्रिया अपनाई जाती है। महज 48 घंटे में हरे रंग से पीले रंग में आए केले को मार्किट में उतारा जा रहा है। रसायनिक प्रक्रिया में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग किया जाता है। हरियाणा बागवानी तथा स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस केले को जहर करार दिया है।
कच्चे केले को पकाकर बाजार में बेचने वाली फर्मों ने अपने गोदाम साथ लगते पंजाब के जिला श्रीमुक्तसर साहिब के गांव किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में बना रखे हैं। जो गुजरात, महाराष्ट्र तथा आंध्रप्रदेश से सस्ते दामों पर कच्चा केला मंगवाती है। हरियाणा में टैक्स भरे बिना चोर रास्तों से इन्हें गोदामों तक पहुंचाया जाता है। कच्चा माल पहुंचते ही गोरखधंधे से जुड़े लोग उसे पकाने में जुट जाते हैं। केला पकाने में पेस्टीसाईड की दुकानों में मिलने वाले प्लांट ग्रोथ रेगुलेटरों को प्रयोग में लाया जाता है।
इस विधि से बनता है केला
इथीगोल्ड एक प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर है। इस क्षेत्र में लगे गोदाम ज्यादातर इसी का प्रयोग करते हैं। टब में पानी इक्ट्ठा किया जाता है। जिसमें इथीगोल्ड (पौध बाढ़ नियंत्रक) मिलाकर रसायन तैयार कर लिया जाता है। इस रसायन में कच्चे केलों को भिगोकर करेटों में रखा जाता है। गोदामों में एल्युमिनियम शीट का प्रयोग करके एक चैम्बर तैयार होता है। इस चैम्बर में तापमान को कंट्र्रोल में रखने की पूरी व्यवस्था स्थापित होती है। चैम्बर में रसायन से भीगे केलों की करेटों को रख दिया जाता है। रसायनिक क्रिया और वातावरण के प्रभाव में हरे रंग का केला 48 घंटों के भीतर तैयार होकर मार्किट में आ जाता है। यह केला डबवाली शहर के साथ-साथ पंजाब की रामां मण्डी, मलोट, गिदड़बाहा में सप्लाई होता है।
डबवाली तथा साथ लगते पंजाब क्षेत्र में केले की मांग है। गोदामों को कच्चा केला महज 8 से लेकर 11 रूपए प्रति किलो तक उपलब्ध होता है। 48 घंटों के भीतर पकने के बाद इसका रेट दोगुणा हो जाता है। फल विक्रेता के पास पहुंचते-पहुंचते रेट बढ़कर 30 रूपए किलो हो जाता है। क्षेत्र में प्रतिदिन 300 क्विंटल केले की खपत हो रही है।
बागवानी विकास अधिकारी अमर सिंह पूनियां के अनुसार प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर (पौध बाढ़ नियंत्रक) एक जहर है। ये कई नामों से बाजार में बिकता है। इंसानी स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले लोग इसे फल पकाने में प्रयोग करने लगे हैं। कच्चे केले को इसमें भिगोने के बाद मात्र 5 घंटों के दौरान यह काम करना शुरू कर देता है। इसकी हीट से केला कुछ ही घंटों में पककर तैयार हो जाता है। हीट पर कंट्रोल करने के लिए केलों को वातानुकूलित कमरों में रखा जाता है। इस विधि से तैयार किया गया केला फल न रहकर जहर बन जाता है। इसे खाने वाले इंसान के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पडऩा लाजिमी है।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू के अनुसार केले को उपरोक्त ढंग से पकाना स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। इस विधि से तैयार किया गया केला विष बन जाता है।

29 सितंबर 2011

दहेज प्रताडऩा के 90 फीसदी मामले झूठे


डबवाली (लहू की लौ) कोर्ट में निर्णय के लिए आने वाले 90 प्रतिशत दहेज प्रताडऩा के मामले झूठे होते हैं। असल में इन केसों के पीछे विवाद कुछ ओर होता है। ये शब्द उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी तथा लीगल सैल के अध्यक्ष डॉ. अतुल मडिया ने प्रथम नवरात्र को मातृशक्ति दिवस के रूप में मनाते हुए बुधवार को कोर्ट परिसर में कन्या भ्रूण हत्या पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि दहेज प्रताडऩा के अधिकतर मामलों में कहानी मामूली लड़ाई-झगड़े या फिर सास-बहू के बीच झगड़े की होती है। जिसे दहेज प्रताडऩा का रंग देकर पेश किया जाता है। जबकि असल मामले सामने नहीं आते। न तो वे पंचायत में पहुंचते हैं और न ही थाना, कचहरी में। ऐसे मामलों में पीडि़ता स्वयं जल जाती है या फिर जला दी जाती है। मडिया के अनुसार कन्या भ्रूण हत्या कोई समस्या नहीं है, अपितु समस्याओं की जननी है। कन्या भ्रूण हत्या और घरेलू हिंसा के पीछे महिला खुद जिम्मेवार है। जब तक महिला अपनी भूमिका तय नहीं करती, तब तक यह कलंक समाज पर लगा रहेगा। इस प्रकार के किसी मामले में निर्णय सुना देने या इसके खिलाफ कानून बना देने से काम नहीं चलने वाला। लोगों की सोच में परिवर्तन करके ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने सेमिनार को अपनी कविता प्यार की संजीव कहानी होती है बेटी, चंद दिनों में बेगानी होती है बेटी...के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को बताया। स्वास्थ्य कर्मी मंजू बाला ने मां-बेटी पर आधारित कविता मैं गर्भ से बोल रही हूं, अच्छी मम्मी-प्यारी मम्मी..., राज वर्मा ने हो गई है हैवानियत की तन्हां और कोई बोले न बोले मेरी आवाज बाकी है...से अपने विचार प्रकट किए। अधिवक्ता कुलवंत सिधू ने अपने गीत टोटे करके कतल कातों करदी मां... तथा अधिवक्ता एसके गर्ग ने घरेलू हिंसा से स्त्रियों की सुरक्षा अधिनियम 2005 का विस्तार पूर्वक उल्लेख लिया। बाल कलाकार लक्की वधवा ने स्वयं रचित गीत धीयां जन्मियां ते गुड़ भी ना बंडेआ, बेआही तो क्यों रोया बाबुला....के जरिए सेमिनार में उपस्थित लोगों की आंखें नम कर दी। राजकीय महाविद्यालय की प्राध्यापिका शन्नो आर्य ने मैं नदी हूं, मुझे मेरा हुनर मालूम है, जिस तरफ भी जाऊंगी रास्ता हो जाएगा... जैसी पंक्तियों के माध्यम से भारतीय समाज में नारी की दशा और संघर्ष की कहानी ब्यां की। इस मौके पर अधिवक्ता एससी शर्मा तथा प्राध्यापिका पूनम वधवा ने भी अपने विचार रखे। मंच का संचालन अधिवक्ता गंगा बिशन गोयल ने बखूबी निभाया।
इससे पूर्व सेमिनार का शुभारंभ अंकिता मडिया ने कन्या भ्रूण हत्या पर स्लोगन लिखित बोर्डों से पर्दा हटाकर किया। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र दंदीवाल, कुलदीप सिंह सिधू, बलजीत सिंह, वाईके शर्मा, कुलवीर पासी, राजेश यादव, धर्मवीर कुलडिया आदि उपस्थित थे।

कहां गए 455 पेंशनर?



जून में बंटी पेंशन में हुई गड़बड़ी, फिनो कंपनी के उच्च अधिकारियों को है सब पता
डीडी गोयल (80597-33000)
डबवाली। हरियाणा सरकार की वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना जैसी वेल्फेयर स्कीम को निजी बैंकों ने अपनी बिजनेस स्कीम बना डाला है। वृद्धों को मनमर्जी की पेंशन देकर लिस्टों पर उनके अंगूठे लगवाए जा रहे हैं। यही नहीं सरकार की ओर से जारी हुई पांच माह की पेंशन के बावजूद एक-दो माह की पेंशन राशि देकर कत्र्तव्य से इतिश्री की जा रही है। योजना का लाभ उठा रहे शहर के करीब 455 लोगों को लिस्ट से गायब दिखाया गया है। पूरे मामले की जांच करने के लिए सरकार ने अगस्त माह की पेंशन पुरानी पद्धति के अनुसार करवाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में हुए पेंशन घोटालों के बाद सरकार ने पेंशनरों को बैंक खाता के जरिए पेंशन देने की योजना चलाई थी। इसका ठेका सरकार ने प्रदेश में एक्सीस तथा यूनियन बैंक को दिया। लेकिन बैंकों ने इसमें फिनो कंपनी को भी अपने साथ ले लिया। जिला सिरसा एक्सीस बैंक के तहत आया और सरकार की योजना पर कार्य शुरू हो गया। शहर डबवाली में 3739 पेंशनर हैं। फिनो कंपनी के कर्मचारियों की ओर से पेंशनरों की फोटोग्राफी की गई तथा स्मार्ट कार्ड बनाए गए। मात्र 3084 पेंशन धारकों के खाते खोलकर जून माह के दौरान पेंशन वितरण का कार्य शुरू कर दिया गया। लेकिन 655 पेंशन धारकों का कोई पता नहीं चल पाया। शहर के पार्षदों की मांग पर उपायुक्त ने पुन: फोटोग्राफी तथा स्मार्ट बनाने के आदेश दिए। यह कार्य दोबारा शुरू हुआ। जिसमें से करीब 200 पेंशनरों की जांच करके उनकी फोटोग्राफी की गई। लेकिन अब भी 455 के करीब पेंशन धारक स्मार्ट कार्ड के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
जून माह में बंटी पेंशन पर सवालिया निशान लगाते हुए वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि जानकारी मिली है कि इस दौरान पेंशनरों को कम पेंशन दी गई और अधिक पेंशन पर अंगूठे लगवा लिए गए। जिसके चलते अब लोगों को दो या तीन माह की पेंशन दी जा रही है। वो भी बिना ब्याज के। वहीं फिनो कंपनी के कर्मचारी स्मार्ट कार्ड के लिए फोटोग्राफी करते समय लापरवाह रहे। जिसका नतीजा है कि शहर के करीब 455 लोग अब भी फोटोग्राफी के लिए भटक रहे हैं। वहीं बाद में चिन्हित हुए करीब 200 लोगों को अभी तक एक माह की पेंशन भी नसीब नहीं हुई है। बांसल के अनुसार घोटाले रोकने के लिए बनाई गई योजना में निजी बैंक घोटाला करते हुए प्रतीत हो रहे हैं और दोष सरकार पर लग रहा है।
फिनो कंपनी के जिला कोर्डिनेटर सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि जून माह में कंपनी के पानीपत, सोनीपत तथा भिवानी से आए कर्मचारियों ने पेंशन वितरण किया था। उस समय हुए वितरण में गड़बड़ी सामने आई है। कंपनी इस मामले की जांच कर रही है। दोष सिद्ध होने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट कार्ड के लिए फोटोग्राफी संबंधी अधिकतर कार्य पूरा किया जा चुका है। शेष रह गए कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा।
एक्सीस बैंक सिरसा के पेंशन मैनेजर सुमित कुमार ने बताया कि शहर डबवाली के 3084 पेंशनरों की पहचान करके पेंशन बांटी जा रही है। लेकिन ब्याज राशि काटकर दी जा रही है। उनके अनुसार इस राशि को पेंशनर के एकाऊंट में ही रखा जाएगा। पेंशन से वंचित रह रहे लोगों को जल्द पेंशन बांटी जाएगी। उनके अनुसार इस बार सरकार ने अगस्त माह की पेंशन पुरानी प्रक्रिया के अनुसार बांटने का निर्णय लिया है। इस दौरान पता चल जाएगा कि कौन सा पेंशनर कब से पेंशन से वंचित चला आ रहा है।

अदालत ने डेरा पर दिया ऐतिहासिक फैसला



डबवाली (लहू की लौ) अतिरिक्त सिविल जर्ज (वरिष्ठ मण्डल) डॉ. अतुल मडिया की अदालत ने मंगलवार को गांव बनवाला के गीता भवन के संचालन के संबंध में एक एतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसके संचालन का अधिकार वादी चिमन लाल उर्फ चिमन प्रकाश को सौंपने के आदेश वर्तमान संचालकों को दिए।
27-9-2006 को चिमन लाल पुत्र रामरक्ख पुत्र अर्जुन चेला, रामप्रताप उर्फ रमप्रकाश पुत्र रामरक्ख पुत्र अर्जुन (चेला बसंत दास) निवासी बनवाला ने अदालत में एक वाद दायर करते हुए कहा कि वह रामप्रताप उर्फ रामप्रकाश पुत्र रामरक्खा निवासी रामपुरा बिश्नोईयां का असल भाई था। रामप्रताप उर्फ रामप्रकाश अविवाहित था। साल 1970 में साधु बन गया और गांव पन्नीवाला रूलदू जिला सिरसा के संत बसंत दास की सेवा करने लगा। संत बसंत दास का बड़ा डेरा वही संभाला करता था। डेरा में रहते हुए उसका भाई रामप्रताप देसी दवाई दिया करता था। जिसके चलते वह संत और वैद्य के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गया। संत बसंत दास ने रामप्रताप उर्फ रामप्रकाश को उसकी सेवा देखते हुए उसे अपना चेला बना लिया। लेकिन गांव बनवाला के लोग रामप्रकाश को गांव बनवाला में ले गए। रामप्रताप ने गांव वासियों के अनुरोध पर 1980 में लोगों की भलाई के लिए वहां रहना शुरू कर दिया। गांव बनवाला की पंचायत ने 43 कैनाल 16 मरले भूमि रामप्रकाश को गीता भवन बनाने के लिए दी। लेकिन रामप्रकाश ने इस भूमि में से 10 कैनाल भूमि पर गीता भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। गीता भवन पर रामप्रकाश ने देसी दवाईयों से प्राप्त आय को खर्च किया।
चिमन प्रकाश के अनुसार वह भी अविवाहित था। रामप्रकाश ने उससे कहा कि वह संत बन जाए और बिना स्वार्थ और बिना भेदभाव के लोगों की सहायता करे। जिस पर 1981 में संत रामप्रकाश ने उसे अपना चेला बना लिया और वह उसके साथ गांव बनवाला के डेरा में रहकर सेवा व संभाल करने लगा। 29 अप्रैल 2006 को संत रामप्रकाश की मौत हो गई। इसके बाद कुछ लोगों ने 29 मई 2006 को मुन्ना पुत्र ओमप्रकाश निवासी हम्मुसर (तहसील रतनगढ़) जिला चुरू हाल आबाद गीता भवन निवासी पन्नीवाला, अमरो पुत्री करतार सिंह निवासी लोको तहसील व जिला मोगा हाल आबाद गीता भवन, गांव बनवाला तहसील डबवाली, आनंद सिंह पुत्र सज्जन सिंह निवासी ओटू (रानियां) सिरसा को गीता भवन का संचालन संभाल दिया। जबकि ये लोग कभी भी संत रामप्रकाश के चेले नहीं थे और न ही उसकी सेवा व संभाल करते थे।
अदालत से वादी ने गुहार लगाई कि रामप्रकाश की अस्टीम कार, ट्रेक्टर और बीस बोर बंदूक का वारिस है और साथ में गीता भवन के संचालन तथा डेरा के संचालन का हकदार है। उसे उसका हक दिलाया जाए। अदालत के समक्ष वादी ने अपने सभी सबूत भी प्रस्तुत किए।
अदालत में मुन्ना ने स्वीकार किया कि संत रामप्रकाश को मुखाग्नि चिमन प्रकाश ने दी थी और वही उसकी सेवा करता था। 29-5-2006 को गांव की पंचायत ने उसे गीता भवन और डेरा का संचालन का कार्य सौंप दिया।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और दोनों पक्षों के वकीलों के तर्क-वितर्क सुनने के बाद निर्णय सुनाया कि रामप्रकाश का वारिस चिमन प्रकाश है और अस्टीम कार, बीस बोर की बंदूक का मालिक भी वह है तथा गीता भवन और डेरा के संचालन का हकदार भी है। अदालत ने प्रतिवादियों को आदेश दिए कि तीन माह के भीतर गीता भवन और डेरा का संचालन वादी चिमन प्रकाश को सौंप दे।
इस मामले में 37 पृष्ठों का एतिहासिक फैसला सुनाते हुए डॉ. अतुल मडिया, अतिरिक्त सिविज जज (वरिष्ठ मण्डल) की अदालत ने हिन्दू धर्म की पवित्र पुस्तक श्री मद्भागवत गीता के अध्याय 18 के श्लोक नं. 2 का उल्लेख करते हुए सन्यास के बारे में कहा कि ईष्ट की प्राप्ति और निष्ट की निवृत्ति के लिए जो कर्म किए जाते हैं, उनके त्याग करने का नाम सन्यास है। फल न चाहकर कत्र्तव्य-कर्मो को करते रहने का नाम त्याग है। इस सन्यास धर्म की पालना के कारण चिमन प्रकाश अपने गुरू संत रामप्रकाश का वारिस है।

आढ़तियों को पंजाब से ऑफर


डबवाली (लहू की लौ) मार्किट फीस में कटौती की मांग को लेकर प्रदेश का व्यापारी संघर्षरत है। सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। लेकिन पड़ौसी राज्य इस गोल्डन चांस को किसी भी कीमत पर हाथ से नहीं निकलने दे रहे। तीन राज्यों की त्रिवेणी डबवाली में बैठे व्यापारियों को पंजाब में बिजनेस सेट करने की ऑफर मिली है। वहीं व्यापारियों के साथ लेबर ने भी पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली में जाने की इच्छा जता दी है। इधर इससे पूर्व ही किसान अपनी उपज लेकर पंजाब में दाखिल हो रहे हैं।
डबवाली में 150 आढ़ती, पांच जीनिंग मिल, पंद्रह ब्रोकर तथा पांच हजार मजदूर हैं। डबवाली क्षेत्र को कपास-नरमा के उत्पादन के मामले में जिला सिरसा का हार्ट कहा जाता है। सीजन शुरू होने से पूर्व ही व्यापारी मार्किट फीस में कमी की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे हैं। आढ़तियों की मांग है कि पड़ौसी राज्य पंजाब तथा राजस्थान में मार्किट फीस हरियाणा की तुलना में कम है। जिससे किसान को उसकी उपज का उचित भाव मिलने के साथ-साथ व्यापारी वर्ग पर भी अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। लेकिन व्यापारियों की मांग सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं। पड़ौसी राज्य पंजाब के मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसे उचित अवसर समझते हुए डबवाली के व्यापारियों को पंजाब में व्यापार करने की ऑफर दी है। इस संबंधी साथ लगते जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली के सुपरवाईजर की कॉल कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबिलास निरंकारी के पास आई है। मण्डी सुपरवाईजर ने हरियाणा के आढ़तियों को लाईसेंस लेने के साथ-साथ व्यापार करने की खुली अनुमति दी है।
कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबिलास निरंकारी ने उपरोक्त पुष्टि करते हुए बताया कि मार्किटिंग बोर्ड, पंजाब के ऑफर पर व्यापारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। उनके अनुसार काफी समय से हरियाणा का व्यापारी अपने उचित हकों के लिए लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन प्रदेश की हुड्डा सरकार व्यापारी को दबाने पर तुली हुई है। पंजाब के ऑफर को व्यापारी गंभीरता से ले रहे हैं। इस मुद्दे पर सभी व्यापारी एकजुट हैं। अगर सरकार उनकी आवाज को इसी तरह कुचलती गई तो वे निश्चित तौर पर ही पंजाब में पलायन कर जाएंगे।
किसान बलदेव सिंह, सुखपाल सिंह, जगसीर सिंह ने बताया कि वे नरमा लेकर अनाज मण्डी में आए थे। लेकिन कोई व्यापारी उनका नरमा खरीदने को तैयार नहीं हुआ। इसके लिए उन्हें मजबूरन पंजाब का रूख करना पड़ा।
हरियाणा मण्डी मजदूर यूनियन की शाखा डबवाली के अध्यक्ष विक्की चोरा तथा सदस्य किशोरी लाल के अनुसार डबवाली का व्यापारी नरमा-कपास की खरीद नहीं कर रहा। जिसके चलते अनाज मण्डी में लेबर को कार्य नहीं मिल रहा। ऐसे हालातों में उनके पास पेट भरने के लिए  किलियांवाली की अनाज मण्डी में पलायन ही एक रास्ता है। वे जल्द ही यूनियन की बैठक बुलाकर इस बारे में निर्णय लेंगे।
मार्किट कमेटी डबवाली के सचिव चरण सिंह गिल ने कहा कि आढ़तियों को समझाने के प्रयास चल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मण्डी में कपास-नरमा की खरीद आरंभ होगी।

ऐसा सम्मान नहीं भूलेंगे मन्नु


डबवाली (लहू की लौ) पंजाब यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट कौंसिल के नवनियुक्त अध्यक्ष पुष्पिंद्र शर्मा मन्नु का डबवाली पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। नगर की विभिन्न संस्थाओं ने रविवार रात को कम्युनिटी हाल में समारोह आयोजित करके उन्हें सम्मानित किया गया।
समारोह में सांसद डॉ. अशोक तंवर मुख्यातिथि के तौर पर शरीक हुए। जबकि अध्यक्षता सीएम के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने की। इस मौके पर दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष अजय चिकारा विशेष तौर पर उपस्थित हुए। समारोह का शुभारंभ गोपाल मंगल ने इतनी शक्ति हमें दे न दाता... के माध्यम से किया। नवप्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने मंच पर जपुजी साहिब के बाद पंजाबी भाषा की वर्तमान दशा पर आधारित कोरियोग्राफी सोहने देश पंजाब तो मैं सदके जावां...प्रस्तुत की। गुरूनानक कॉलेज के छात्रों ने कोरियोग्राफी देस होया परदेस... के जरिए मौजूदा समय की सबसे गंभीर सामाजिक समस्या नशे पर चोट की। राजकीय महाविद्यालय की बीए तृतीय वर्ष के छात्र लवनीश मित्तल ने अपनी जादुई ट्रिक के जरिए लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। सांसद अशोक तंवर द्वारा निकाले गए ताश के एक पत्ते को फोटोग्राफी कर रहे मनप्रीत सिंह की जेब से निकालकर सबको हैरत में डाल दिया। एनपीएस की छात्रा जपिंद्र गिन्नी तथा अंजना ने अपनी कविताओं के जरिए श्रोताओं का दिल जीत लिया।
सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि देश की राजनीति में उत्तर भारत के युवा खासी भूमिका निभा रहे हैं। उत्तर भारत को मिनी इंडिया की संज्ञा देते हुए कहा कि हरियाणा के दो युवा देश की प्रमुख पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ तथा दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली की छात्र कौंसिल के अध्यक्ष हैं। जो दर्शाता है कि भविष्य में देश की राजनीति हरियाणा के युवाओं पर आधारित होगी। उन्होंने युवाओं को सक्रिय रूप से राजनीति में भाग लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ की स्टूडेंट कौंसिल के अध्यक्ष पुष्पिंद्र शर्मा मन्नु ने कहा कि जब भी वे इस क्षेत्र में आते हैं तो कॉलेज छात्रों को नशे की जद्द में पाते हैं। नशे के कारण इस क्षेत्र का एजूकेशन स्तर निरंतर गिर रहा है। नशे की बुराई सदा के लिए खत्म करने का वे प्रयास करेंगे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष अजय चिकारा ने कहा कि भारत आज विश्व शक्ति बनने की ओर अग्रसर है। लेकिन इसकी नींव बना युवा वर्ग नशे की वजह से खोखला हो रहा है। माता-पिता अपने थोड़े से प्रयास से अपने बच्चे के साथ-साथ देश को बचाने में अग्रणी साबित हो सकते हैं।
संस्थाओं ने किया सम्मानित
मन्नु को सीनियर सिटीजन वेल्फेयर एसोसिएशन, आर्य समाज, जगदम्बा वेल्फेयर क्लब, स्वर्णकार संघ, ऑल इंडिया वेश्य फेडरेशन, क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन, सतगुरू राम सिंह जल सेवा समिति, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन, बार एसोसिएशन, लॉयंस क्लब सुप्रीम, लायन क्लब अक्स, हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल, युवा हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल, ब्राह्मण सभा, अग्रवाल सभा, शू एण्ड जनरल मर्चेंट एसोसिएशन, केमिस्ट एसोसिएशन, वरच्युस क्लब इंडिया, स्टूडेंट ऑफ डिग्री कॉलेज ने सम्मानित किया। मंच का संचालन वेद भारती ने बखूबी किया। इस मौके पर डॉ. आरएस अग्निहोत्री, संदीप चौधरी एडवोकेट रणजीत सिंह, इन्द्रजीत सिंह, केशव शर्मा, पार्षद विनोद बांसल, जगदीप सूर्या, प्रवीण सिंगला नीटा, सुदर्शन मित्तल, तेलू राम बांसल, प्रविंद्र अरोड़ा, गुरूनानक कॉलेज किलियांवाली की प्राचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा, राजेश हाकू, जितेंद्र खैरा, पवन गर्ग, इन्द्र जैन, जगसीर मिठड़ी, मनवीर मान, विजय सहारण, विक्की बांसल, पवन  उदानियां उपस्थित थे।

फर्जी रिकॉर्ड के जरिए बना नंबरदार


डबवाली कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज, चौटाला पुलिस करेगी जांच
डबवाली (लहू की लौ) थाना सदर पुलिस ने उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डबवाली की अदालत के आदेश पर पटवारी से मिल कर धोखादेही से नम्बरदार बनने के आरोप में गांव सुखेराखेड़ा के एक व्यक्ति तथा संबंधित पटवारी के खिलाफ धारा 420/467/468/471 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके जांच का काम एएसआई सतपाल सिंह को सौंप दिया है।
गांव सुखेराखेड़ा के कृष्ण लाल पुत्र गोमाराम ने रमेश कुमार पुत्र शंकर दास पुत्र तीर्थ दास निवासी मकान नम्बर 277, वार्ड नं. 12 कलोनी रोड़, मंडी डबवाली तथा दलीप सिंह माल पटवारी हल्का सुखेराखेड़ा के खिलाफ अदालत में याचिका दायर करके अदालत से कहा कि गांव सुखेराखेड़ा तहसील डबवाली जिला सिरसा में सामान्य वर्ग का नम्बरदार नियुक्त करने के लिए तहसीलदार डबवाली ने सुखेराखेड़ा का स्थाई निवासी होने के आवदेन पत्र मांगे थे। उसने सुखेराखेड़ा का स्थाई निवासी होने के कारण गांव सुखेराखेड़ा का सामान्य वर्ग का नम्बरदार बनने के लिए  आवेदन पत्र दिया था। आरोपी रमेश कुमार  ने भी गांव सुखेराखेड़ा का सामान्य  वर्ग का नम्बरदार बनने के लिए आवेदन पत्र दिया। आरोपी ने माल पटवारी हल्का सुखेराखेड़ा से मिलकर खुद को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर डबवाली के स्थाई निवासी होने का राशन कार्ड और गलत तौर पर झूठा व फर्जी रिकार्ड तैयार कर, 15 साल से गांव सुखेराखेड़ा का स्थाई निवासी होने का हलफिया ब्यान देकर प्रमाण पत्र जारी करवा लिया।
याचिका में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि रमेश कुमार की रिहायश कभी भी गांव सुखेराखेड़ा में नहीं रही है और न ही उसका गांव सुखेराखेड़ा में राशन कार्ड बना है। याची ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि रमेश कुमार ने माल पटवारी से मिलकर अपनी जन्म तिथि 17-5-1951 होते हुए भी उसके स्थान पर अपनी जन्म तिथि 17-5-1953 दर्ज करवा कर रिपोर्ट तहसीलदार डबवाली  के पेश करवा दी। याची के अनुसार आरोपी ने 18-6-2009 को दो रिपोर्ट जारी करवा कर तहसीलदार डबवाली के पेश करवा दी, एक रिपोर्ट में रमेश की जायदाद 4 एकड़ व दूसरी रिपोर्ट में रमेश कुमार की जायदाद 6 एकड़ एक कनाल एक मरला दिखा रखी है।
शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी रमेश कुमार ने माल पटवारी दलीप सिंह से मिलकर खुद को आदेश दिनांक 12-8-2011 को आयुक्त हिसार मण्डल से गांव सुकेराखेड़ा का नम्बरदार नियुक्त करवा लिया है। जबकि दिनांक 12-10-2010 को तहसीलदार डबवाली ने उसको नम्बरदार नियुक्त करने की सिफारिश उपमण्डलाधिकारी नागरिक डबवाली को भेजी थी। लेकिन उपमण्डल अधिकारी नागरिक ने मिशल को रिमाण्ड करते हुए दोबारा समायत करके रिपोर्ट जारी करने का आदेश        दिया। जिस पर तहसीलदार डबवाली ने दोबारा मुद्दई के पक्ष में सामान्य वर्ग का नम्बरदार नियुक्त करने की सिफारिश की।
याची के अनुसार                        उपमण्डल  अधिकारी नागरिक डबवाली ने आरोपी रमेश कुमार  को नम्बरदार नियुक्त करने की सिफारिश करते हुए मिशल जिला  कलैक्टर सिरसा के पास भेज दी। जिला कलैक्टर ने मिशल को   तहसीलदार के रिमांड दिनांक  18-5-2011 को कर दिया। लेकिन रमेश कुमार ने जिला कलैक्टर के फैसला के खिलाफ  अपील आयुक्त हिसार मण्डल हिसार के कर दी। न्यायालय  एमपी बंसल आयुक्त हिसार मण्डल हिसार ने अपने फैसले में दिनांक 12.8.2011 के अनुसार रमेश कुमार आरोपी को गांव सुखेराखेड़ा का नम्बरदार नियुक्त कर दिया।
याची ने आरोप लगाया कि आरोपी रमेश कुमार, आरोपी दलीप कुमार के साथ साजबाज होकर व गलत तौर पर फर्जी व जाली रिकॉर्ड तैयार करके नंबरदार नियुक्त हुआ है। अदालत ने याची की याचिका पर सुनवाई करते हुए दफा 156 (3) आईपीसी के तहत केस को पुलिस को भेजकर आरोपियों के खिलाफ धोखादेही का केस दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए हैं।
थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर मामला दर्ज करके जांच का कार्य चौटाला पुलिस चौकी के एएसआई सतपाल सिंह को सौंप दिया है।

22 सितंबर 2011

बेवफाई पर ट्रेन के आगे लेटी


दोनों ने खाई थी साथ मरने की सौगंध, फोन करने के बावजूद नहीं पहुंचा प्रेमी
डबवाली (लहू की लौ) आशिक के फोन न उठाने पर गुस्से में आई प्रेमिका गाड़ी के आगे आकर अपनी दोनों टांगें कटवा बैठी। दोनों में करीब बीस बरस से प्रेम चल रहा था। गंभीर हालत में उसे बठिंडा के एक अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।
बुधवार को बठिंडा से कंटेनर लोड़ किए मालगाड़ी डबवाली के लिए आ रही थी। जिसे संत राम चला था। जबकि गाड़ी पर एएलपी के तौर पर पंकज कुमार तथा गार्ड के रूप में सीता राम नियुक्त थे। सुबह करीब 7.30 बजे जस्सी बागवाली के निकट खेतों की ओर से आई एक महिला अचानक पटरी पर लेट गई। यह देखकर संत राम ने अचानक ब्रेक लगा दी। लेकिन रूकते-रूकते गाड़ी उसकी टांगों को काट गई। गाड़ी करीब आधा घण्टा वहीं रूकी रही। तीनों ने बड़ी मुश्किल से महिला को बाहर निकाला। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए डबवाली के रेलवे स्टेशन पर ले आए। यहां से डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन उसके परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए बठिंडा ले गए।
सरकारी अस्पताल में घायल महिला ने अपनी पहचान 35 वर्षीय अमरजीत कौर निवासी जस्सी बागवाली के रूप में करवाते हुए बताया कि वह पंजाब के गांव नगला की रहने वाली है। उसकी शादी 1989 में जस्सी बागवाली (जिला बठिंडा) निवासी धन्ना राम के साथ हुई थी। उसके दो बेटे जसविंद्र सिंह तथा हरविंद्र हैं। करीब बीस साल पहले उसका गांव जस्सी बागवाली के गुलाब सिंह नामक व्यक्ति से प्रेम हो गया। गुलाब भी शादीशुदा है। उनके प्रेम प्रसंगों के बारे में दोनों परिवारों को पता है। जिसके चलते दोनों के घरों में क्लेश रहने लगा।
महिला के अनुसार वे दोनों अलग-अलग नहीं रहना चाहते थे। इसी के चलते गुलाब ने उसे डबवाली में किराए पर कमरा लेकर दे दिया। यहां वह दो साल रही। डेढ़ माह पूर्व ही वह गांव जस्सी बागवाली लौटी थी। लेकिन गुलाब के घर में क्लेश फिर भी कम नहीं हुआ। चार दिन पूर्व गुलाब ने उसकी सौगंध खाते हुए साथ-साथ मरने का वचन किया था। साथ-साथ मरने के लिए दोनों ने बुधवार सुबह का समय रखा। वह सुबह 6.30 बजे गुलाब के खेत में पहुंच गई। लेकिन गुलाब नहीं आया। उसने कई दफा उसका फोन मिलाया। लेकिन उसने अपना मोबाइल नहीं उठाया। आखिर में मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। प्रेमी की इस बेवफाई के कारण वह मरने के लिए रेल पटरी पर लेट गई।
मालगाड़ी के एएलपी पंकज कुमार ने बताया कि गाड़ी को देखकर महिला तेजी से खेतों से निकलकर पटरी पर लेट गई। उन्होंने गाड़ी के ब्रेक लगा दिए। लेकिन फिर भी गाड़ी के कुछ डिब्बे उसकी टांगों से गुजर गए।
जीआरपी बठिंडा के प्रभारी एसआई कर्म सिंह ने बताया कि उपरोक्त मामले की जानकारी उन्हें मिली है। घायल अमरजीत कौर बठिंडा के एक अस्पताल में उपचाराधीन है। उसके ब्यानों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
मुझे अंधे प्रेम की सजा मिली
मेरी शादी पंद्रह साल की उम्र में कर दी गई थी। दो बेटों की मां होने के बावजूद उसने गुलाब से मुहब्बत की। उसने बीस साल तक उसकी हर बात मानी। उसकी बात का पलट कर जवाब तक नहीं दिया। रामां मण्डी में मनमीत ब्यूटी पार्लर चलाया। गुलाब की खातिर वह भी छोड़ दिया। उसके प्यार पर अपना परिवार तक कुर्बान कर दिया। उसके कहने पर मरने के लिए राजी हुई। लेकिन कसम देकर वह नहीं आया। मेरे अंधे प्यार की सजा मुझे मेरे परिवार से बिछुड़कर तथा दोनों टांगें कटवाकर मिली है। -अमरजीत कौर

गंदे पानी की आपूर्ति पर बिफरी महिलाएं, दो दिन की अल्टीमेटम


डबवाली (लहू की लौ) शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को जमीन नहीं मिल रही है। वहीं पाईपों में रूका गंदा पानी पेयजल आपूर्ति के समय घरों में सप्लाई हो रहा है। शहर में लोग बीमार पडऩे लगे हैं। वहीं लोगों में विरोध के स्वर भी गूंजने लगे हैं। बुधवार को दिन उगते ही महिलाएं विभाग के कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने जमकर बवाल काटा। वहां उपस्थित कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करने की चेतावनी दे डाली है। शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए डिस्पोजल की भूमि छोटी पड़ गई है। जिसके चलते तीन दिनों से सीवरेज का पानी पाईपों में जमा है। पाईपें धीरे-धीरे भर रही हैं। वहीं नहरबंदी के कारण पानी की समस्या भी गहरा गई है। टयूब्बैल के पानी को स्टॉक किए गए पानी के साथ मिलाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। लेकिन आपूर्ति में सीवरेज का गंदा पानी मिक्स होकर घरों तक पहुंच रहा है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। बुधवार को शहर के पुराना हनुमान मंदिर क्षेत्र की महिलाएं जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंची। मौका पर उपस्थित कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रवीण रानी, आशा रानी, अंजू, संतोष देवी, पूजा, किरण, रीना, सीमा ने बताया कि उनके क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। लेकिन जब भी पानी आता है तो सीवरेज युक्त पानी। यह पिछले चार साल से हो रहा है। वे कई बार विभाग को लिखित शिकायत दर्ज करवा चुकी है। लेकिन आज तक उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। अब तो हालात और भी गंभीर हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बदबूदार काला पानी उनके घरों में आ रहा है। परिवार के सदस्य बीमार पड़ रहे हैं। क्षेत्र में ऐसा कोई घर नहीं, जिसका सदस्य उल्टी, दस्त रोग का शिकार न हो।
इन महिलाओं ने कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करके स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करवाने की चेतावनी दी। महिलाओं के अनुसार अगर दो दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वे कार्यालय का घेराव करने को बाध्य होंगी।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज ने बताया कि पंजाब में नहरबंदी चल रही है। नहरों में पानी आने में कुछ दिन लगेंगे। स्टॉक किए गए पानी तथा टयूब्बैल के पानी को मिलाकर शहर के लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि सीवरेज का पानी निकालने के लिए विभाग के पास जमीन नहीं है। जिसके चलते पानी पाईपों में रूका पड़ा है। कुछ जगहों पर यह पानी मिक्स होकर घरों में आ रहा है। ऐसी जगहों को चिन्हित करके ठीक किया जा रहा है।

पत्नी सहित चार पर मामला दर्ज


मास्टर गुरमीत सिंह आत्महत्या प्रकरण, विसरा की रिपोर्ट के लिए रिमाईंडर भेजा
डबवाली (लहू की लौ) एसएस मास्टर गुरमीत सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में शहर पुलिस ने तीन माह बाद चार जनों पर दफा 306 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। वहीं विसरे की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पुलिस ने संबंधित लैब को दूसरी दफा रिमाईंडर भेजा है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले एसएस मास्टर गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में 15 जून को अलीकां रोड़ पर खेतों में पड़ा मिला था। इसकी जांच का जिम्मा शहर थाना प्रभारी डबवाली महा सिंह रंगा को सौंपा। करीब दो माह तक चली जांच के बाद शहर प्रभारी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में शहर प्रभारी महा सिंह रंगा ने कहा है कि गुरमीत सिंह की शादी अबूबशहर की राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। इस दौरान राजेंद्र कौर का परिवार डबवाली के प्रेमनगर में आ बसा। शादी के कुछ देर बाद ही वह गुरमीत पर डबवाली में रहने का दबाव डालने लगी। लेकिन गुरमीत अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ रहने का इच्छुक था। लेकिन राजेंद्र कौर ने गुरमीत तथा उसके परिजनों पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवा दिया। अपने परिवार को बचाने के लिए गुरमीत डबवाली बसने पर राजी हो गया। जिसके तुरंत बाद राजेंद्र कौर ने केस वापिस ले लिया।
रिपोर्ट के अनुसार मास्टर अपने ससुराल घर के नजदीक प्रेमनगर में ही मकान बनाकर रहने लगा। इस मकान पर उसने पैसा लगाया। लेकिन राजेंद्र कौर ने मकान अपने नाम करवा लिया। गुरमीत गांव कालझराणी में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ-साथ भाई-बहनों को पढ़ाना-लिखाना चाहता था। लेकिन यह बात उसके ससुरालियों को अखरती थी। 15 जून 2011 से पूर्व मृतक ने एक प्लॉट का सौदा किया था। वह प्लॉट को अपने नाम करवाना चाहता था। लेकिन उसकी पत्नी राजेंद्र कौर तथा सास जसपाल कौर प्लाट को अपने नाम करवाना चाहती थी। इसके लिए ससुराली उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगे। ससुरालियों द्वारा मजबूर करने पर ही गुरमीत ने आत्महत्या की। डीएसपी के अनुसार जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर, सास जसपाल कौर, ससुर बलवीर सिंह तथा साले बेअंत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीएसपी के अनुसार विसरे की रिपोर्ट के लिए पहले भी रोहतक तथा करनाल स्थित लैबों को लिखा गया था। अब पुन: रिमाईंडर निकाला गया है।

डीएपी खाद को लेकर किसानों ने काटा बवाल


डबवाली (लहू की लौ) नई अनाज मण्डी स्थित हैफेड की सोसाईटी पर डीएपी खाद को लेकर हुई किसानों तथा सोसाईटी अधिकारी में हुई मारपीट के बाद सोसाईटी पर पुलिस तैनात कर दी गई है। किसानों में खाद के वितरण को लेकर हैफेड के खिलाफ गहरा रोष पाया जा रहा है। वहीं उपमण्डलाधीश ने नंबर सिस्टम लागू करते हुए खाद वितरण के आदेश जारी किए हैं।
खाद लेने के लिए गांव बिज्जूवाली, अहमदपुर दारेवाला, गंगा, जण्डवाला बिश्नोईयां, सुकेराखेड़ा, नुहियांवाली के किसान बुधवार सुबह 5 बजे से सोसाईटी के आगे जमा थे। करीब 10 बजे सोसाईटी के अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा के बीच खाद वितरित करने का फरमान सुना दिया। सुबह से खाद की इंतजार में बैठे किसान भड़क उठे। सैंकड़ों किसान उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के कार्यालय में पहुंचे। यहां जमकर बवाल काटा। उपमण्डलाधीश के समक्ष खाद वितरण में बरती जा रही लापरवाही का जिक्र किया।
किसान जयदयाल नंबरदार, रामप्रताप, प्रेम कुमार, बलविंद्र सिंह सरपंच, मक्खन लाल, चमकौर सिंह, सुखवंत सिंह, हरनेक सिंह, गुलाब सिंह, आसा राम, नेकी राम ने बताया कि प्रति राशन कार्ड पर पांच बैग डीएपी खाद देने का प्रावधान है। लेकिन लाईन में लगे होने के बावजूद खाद उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। बल्कि खाद को ब्लैक के जरिए चोरी मोरी से बेचा जा रहा है। किसानों के अनुसार गांवों में सोसाईटियां बनी हुई है। वहां खाद न देकर किसान को 25-30 किलोमीटर दूर डबवाली में खाद देने का आश्वासन दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी खाद मुहैया नहीं करवाई जाती। वे पिछले दो दिनों से लाईन में लगकर खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उपमण्डलाधीश ने किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने का आश्वासन देकर शांत किया।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि डीएपी खाद लेने के लिए लाईन में लगने वाले प्रत्येक किसान को नंबर लिखी पर्ची दी जाएगी। इस नंबर के आधार पर ही किसान को खाद दी जाएगी। प्रति राशन कार्ड के आधार पर पांच बैग डीएपी देने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार देर शाम को किसानों और सोसाईटी अधिकारी लीलाधर के बीच हुई मारपीट के बाद कानून व्यवस्था को देखते हुए सोसाईटी पर पुलिस तैनात कर दी गई है।

प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण


डबवाली (लहू की लौ) बुधवार को नगरपालिका ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए कलोनी रोड़ और मुख्य बाजार में पालिका की जमीन पर पड़ा दुकानदारों का सामान कब्जे में ले लिया। दोपहर को उपमंडलाधीश डॉ. मुनीष नागपाल ने  नगरपालिका अधिकारियों की अपने कार्यालय में बैठक ली। उन्हें उपायुक्त सिरसा से आये आपात आदेशों से अवगत करवाया। जिसमेें कहा गया कि पालिका अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ कर 26 सितम्बर को होने वाली बैठक में इस संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक के बाद नगरपालिका सचिव राजा राम भुक्कल के नेतृत्व में पालिका अभियन्ता फूल सिंह, भवन अभियन्ता सुमित ढांडा, सैनेटरी इंस्पेक्टर अविनाश सिंगला ने एसआई घड़सा राम के साथ कलोनी रोड़ से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू किया। यह अभियान मुख्य बाजार तक चला। अभियान शाम को 3.30 पर शुरू हुआ और 5 बजे तक जारी रहा। कलोनी रोड़ तथा मेन बाजार से अतिक्रमण स्थल पर रखे गये सामान को दो ट्रालियों में भर कर पालिका में ले जाया गया।

लसाड़ा ने बढ़ाई दिलों की धड़कनें


डबवाली (लहू की लौ) पंजाब-हरियाणा को बाढ़ से बचाने के लिए बना लसाड़ा नाला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। बेमौसमी बरसात, फैक्ट्रियों तथा सीवरेज के गंदे पानी से लबालब हुआ नाला टूट की कगार पर पहुंच गया है। पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ गया है। नैशनल हाईवे नं. 64 के साथ-साथ नाले से दो किलोमीटर दूर स्थित बठिंडा-बीकानेर रेलमार्ग कभी भी बंद हो सकते हैं। पंजाब ड्रेनज विभाग ने नाले पर चौकसी कड़ी कर दी है। वहीं नाला के उफनते ही हरियाणा-पंजाब की राजनीति भी उफनने की संभावना बन गई है।
साल 1963 में भारत सरकार ने लसाड़ा नाले का निर्माण संयुक्त पंजाब में करवाया था। जिसका मुख्य उद्देश्य बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाना था। ताकि फालतू पानी को नाले की मदद से राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। यह नाला पंजाब के जिला लुधियाना के गांव तमोट से चलकर लुधियाना, बरनाला, संगरूर, बठिंडा तथा हरियाणा के जिला सिरसा से होता हुआ राज्य के अंतिम छोर पर राजस्थान सीमा के निकट खत्म होता है। नाला करीब 255 किलोमीटर लम्बा है। जिसका 200 किलोमीटर क्षेत्र पंजाब में तथा 55 किलोमीटर क्षेत्र हरियाणा में आता है।
साल 1992 की हरियाणा सरकार ने अपने क्षेत्र में इस नाले को बंद करके जमीन किसानों को वापिस दे दी। लेकिन अधिक बरसात, फैक्ट्रियों तथा सीवरेज के गंदे पानी से यह नाला हर साल उफनता है। नाले के उफनते ही डबवाली-बठिंडा मार्ग पर आने वाले गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों की धड़कन तेज हो जाती है। इस बार बेमौसमी बरसात के कारण पानी खतरे के निशान से भी ऊंचा चला गया है। डबवाली से महज सात किलोमीटर दूर स्थित गांव पथराला के निकट पानी डबवाली-बठिंडा मार्ग के नजदीक जा लगा है। वहीं यहां से रेलमार्ग की दूरी भी महज दो किलोमीटर है।
सूचना पाकर पंजाब डे्रनज विभाग मानसा के एक्सीयन विजय गर्ग ने स्थिति का जायजा लिया। इस मौके पर गांव पथराला, डूमवाली, कुटी, चकरूलदू सिंह वाला, जस्सी बागवाली, गुरथरी, मशाना, धुनेवाला, शेरगढ़, कोटफत्ता के ग्रामीणों ने ड्रेनेज को हरियाणा क्षेत्र में खोलने की मांग की। ग्रामीणों के अनुसार अगर हरियाणा अपने क्षेत्र में ड्रेन को नहीं खोलता तो इसके लिए पंजाब सरकार को इसका हल ढूंढऩा ही होगा। गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह, बाबा जीवन सिंह स्पोट्र्स क्लब के उपप्रधान अवतार सिंह, राम सिंह, सुक्खा ने बताया कि डे्रन से पानी बाहर बह रहा है। एक आध-बारिश से पानी गांव में घुस सकता है। पंचायत ने अपने तौर पर गांव की ओर मिट्टी से भरे बैग लगाकर बांध को ऊंचा और मजबूत कर दिया है। ऐसे में पानी डबवाली-बठिंडा मार्ग पर जाएगा। सरपंच के अनुसार वे कई दफा ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर ड्रेनेज का स्थाई हल निकालने की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल रहे।
पंजाब डे्रनज विभाग मण्डल मानसा के अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि विभाग लसाड़ा नाला पर लगातार नजर बनाए हुए है। पीछे से पानी कम करवा दिया गया है। हरियाणा में पड़ते नाले को खुलवाने के लिए वे कई दफा अपने उच्च अधिकारियों के साथ-साथ मुख्य सचिव, पंजाब को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन पत्र घूम कर पुन: उनके पास आ जाता है। यह मामला सीएम टू सीएम है। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर इस समस्या का जल्द कोई हल न सुझाया गया तो आने वाले समय में काफी नुक्सान उठाना पड़ सकता है। इस मसले पर वे दोबारा अपने उच्च अधिकारियों को लेटर लिखकर गंभीर होती स्थिति के बारे में अवगत करवाएंगे।

साहब! ससुर के साथ भाग आई मेरी बहू


डबवाली (लहू की लौ) शहर पुलिस में दर्ज हुए दहेज प्रताडऩा के एक मामले पर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि शिकायतकात्री अपने ससुर के साथ भागकर डबवाली में बस गई। अपने ससुरालियों की जमीन हथियाने के मकसद से उपरोक्त केस दर्ज करवा दिया। डीएसपी डबवाली मामले की जांच कर रहे हैं।
डबवाली की अग्रवाल धर्मशाला के नजदीक रहने वाली सोनू रानी ने बठिंडा जिला की संगत मण्डी के निवासी अपने पति जनकराज, जेठ राजेन्द्र कुमार, सास कौशल्या देवी, ननद उषा पर दहेज में दो लाख रूपए मांगने का आरोप लगाते हुए अदालत में इस्तगासा दायर किया। इस्तगासा पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दफा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस को मामला दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए। अदालत के आदेश पर पुलिस ने उपरोक्त चारों के खिलाफ दफा 498/406/323 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
मामले की जांच डीएसपी बाबू लाल ने अपने हाथों में लेते हुए दोनों पक्षों को मंगलवार को अपने कार्यालय में तलब किया। संगत मण्डी निवासी कौशल्या देवी तथा उसकी बेटी उषा जांच में शामिल होने के लिए आई। 65 वर्षीय कौशल्या देवी पत्नी वेदप्रकाश ने बताया कि उसकी छोटे बेटे जनकराज की शादी साल 2005 में डबवाली निवासी सोनू रानी के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे पांच वर्षीय गरिमा तथा तीन वर्षीय धु्रव हैं। कौशल्या देवी ने मामले को झूठा बताते हुए आरोप लगाया कि पांच माह पूर्व उसकी बहू अपने ससुर वेदप्रकाश के साथ घर से हजारों रूपए तथा सामान लेकर फरार हो गई। जिसकी शिकायत उन्होंने थाना संगत में दर्ज करवा रखी है। उसने  यह भी आरोप लगाया कि गांव फुल्लो मिट्ठी में पड़ी उनकी पांच बीघा जमीन को सोनू ने अपने नाम करवा लिया। अब वह अपने ससुर के साथ मिलकर संगत मण्डी में स्थित उनके घर को अपने नाम करवाना चाहती है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि बीती 15 सितंबर को सोनू की शिकायत पर शहर पुलिस ने संगत मण्डी के जनकराज, कौशल्या देवी, राजेन्द्र तथा उषा रानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कौशल्या देवी ने अपना पक्ष रखते हुए उपरोक्त बात का जिक्र किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

हैफेड सोसाईटी में किसानों और अधिकारियों में मारपीट


डबवाली (लहू की लौ) अभी बिजाई का सीजन भी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद डीएपी खाद लेने के लिए किसानों की लम्बी लाईने सहकारी समितियों के समक्ष लगी हुई हैं। खाद को लेकर सहकारी समितियों के अधिकारियों तथा किसानों के बीच झगड़े भी हो रहे हैं।
मंगलवार को गांव बिज्जूवाली के बुधराम, दारेवाला के नुपा राम, गोदीकां के कुलदीप सिंह, उग्रसैन, गोरीशंकर, सुरिंद्र, अबूबशहर के काला लहोरिया, राजा सिधू, गुरजीत सिंह लहोरिया भी खाद लेने के लिए डबवाली की अनाज मण्डी में स्थित सहकारी समिति हैफेड में आए हुए थे। इन किसानों के अनुसार वे लोग लाईन में लगे हुए थे। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें खाद नहीं दी गई। बल्कि झगड़ा करके उन्हें हैफेड की सोसाईटी से बाहर निकाल दिया गया। इन किसानों ने आरोप लगाया कि सोसाईटी के मैनेजर लीलाधर ने उनके कपड़े भी फाड़ डाले।
हैफेड के मैनेजर लीलाधर ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जो भी किसान लाईन में लगा, उसे खाद मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों ने उससे गाली-गलौज। उनके अनुसार किसानों को संबंधित पैक्स में ही खाद उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन पैक्स से एडवाईस बनाने के लिए कहा गया है। जिस पैक्स की एडवाईस उनके पास आती है, उन्हें खाद भिजवाई जा रही है। उनके अनुसार डबवाली पैक्स से संबंधित डबवाली, सांवतखेड़ा और नीलियांवाली में आज खाद उपलब्ध करवा दी गई है। जबकि बुधवार को शेरगढ़, खुईयां और अबूबशहर में भी खाद उपलब्ध करवा दी जाएगी।
लीलाधर के अनुसार बिजाई का मौसम नहीं है। 15 अक्टूबर से बिजाई शुरू होनी है। लेकिन इसके बावजूद किसान डीएपी लेने के लिए सोसाईटियों पर आने शुरू हो गए हैं। उनके अनुसार इसका कारण डीएपी के रेट भविष्य में बढऩे की संभावना है। इसलिए किसान चाहते हैं कि अभी से ही खाद खरीद ली जाए। उनके अनुसार इस समय डबवाली हल्का में एक लाख छब्बीस हजार बैग खाद के पड़े हैं। खाद की कमी नहीं है। उनके अनुसार इनमें से 47 हजार बैग पुराने रेट 600 रूपए प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध करवाए जाने हैं। इसके अतिरिक्त बैग बढ़े हुए रेटों पर दिए जाएंगे।

छित्तर-परेड़ से बचने के लिए चोर ने रख ली पिस्तौल


 डबवाली (लहू की लौ) नशा करके चोरी करते पकड़े जाने पर लोगों की खातिरदारी सह चुके एक युवक ने नजायज तरीके से देसी पिस्तौल खरीद ली। ताकि पकड़े जाने की सूरत में लोगों को डरा कर फरार हो सके।
शहर पुलिस ने रविवार को 32 बोर पिस्तौल तथा एक जिन्दा कारतूस के साथ गांव पक्काकलां के 21 वर्षीय छिन्दा को काबू किया था। सोमवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिय़ा की अदालत में पेश करके एक दिन के रिमांड पर ले लिया। रिमांड के दौरान पुलिस ने पिस्तौल सप्लायर का पता जानने का प्रयास किया। शहर पुलिस के प्रभारी महा सिंह रंगा ने बताया कि छिन्दा की निशानदेही पर पुलिस ने हनुमानगढ़ की सुरेशिया बस्ती तथा संगरिया के रेलवे स्टेशन के ईर्द-गिर्द कई जगह रेड़ की। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
थाना प्रभारी के अनुसार छिन्दा शहर में चोरी के एक मामले में आरोपी है। वहीं नशा करके सामान चुरा लेजाना उसका पेशा है। अपनी गतिविधियों के चलते शहर में कई बार मार खा चुका है। लेकिन चोरी करते उसे कोई दिक्कत न आए और पकड़े जाने की सूरत में हथियार के बल पर फरार हो सके, इसके लिए उसने 32 बोर देसी पिस्तौल खरीद ली।
रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को छिन्दा को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

18 सितंबर 2011

गंदा है, पर धंधा है


डबवाली (लहू की लौ) सिटी पुलिस के शिकंजे में आई लुटेरनों के हाथ काफी लम्बे हैं। उनके गैंग में अधिकतर महिलाएं हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए किराए की गाड़ी करती हैं। गैंग का मुख्य निशाना धार्मिक स्थलों पर भरने वाले मेले होते हैं। महिलाओं ने इसे धंधा बना लिया है। जिन्हें कानून का भय तक नहीं है। कुछ दिन सलाखों के पीछे रहने के बाद कानून को धत्ता बताते हुए महिलाएं पुन: लूटपाट शुरू कर देती हैं।
सिटी पुलिस ने वार्ड नं. 7 की 65 वर्षीय कोशल्या देवी की शिनाख्त पर कोर्ट परिसर में दो महिलाओं को काबू किया था। महिलाओं ने 3 अगस्त 2011 की दोपहर को उपरोक्त वृद्धा को लूटा था। वृद्धा के पहनी सोने की चूडिय़ां और बालियां उताकर महिलाएं अपने साथियों समेत कार के जरिए फरार हो गई थीं। लेकिन बीती 14 सितंबर को पेशी भुगतने के लिए कोर्ट में आई महिलाओं को वृद्धा ने पहचानकर पुलिस के हवाले कर दिया था। पकड़ी गई महिलाओं ने अपनी पहचान अमरजीत कौर पत्नी करनैल सिंह, जैलो पत्नी हम्बी सिंह निवासी संगरूर के रूप में करवाई। पुलिस ने महिलाओं को अदालत में पेश करके तीन दिन का रिमांड प्राप्त किया। तीन दिन के रिमांड के दौरान महिलाओं की निशानदेही पर शहर पुलिस को सोने की दो चूडिय़ां तथा एक बाली बरामद हुई। वहीं पुलिस गैंग की तीसरी सदस्य अमरो पत्नी महेंद्र सिंह निवासी संगरूर को पकडऩे में भी कामयाब रही। महिलाओं ने अपने चौथी साथी महिला का नाम बिन्द्र कौर पत्नी लाल सिंह निवासी संगरूर बताया है। जबकि कार चालक की पहचान नाभा निवासी ईसर सिंह के रूप में करवाई है। पुलिस दोनों की तालाश में जुट गई है।
रिमांड के दौरान महिलाओं ने पुलिस के समक्ष कई अहम खुलासे किए हैं। जांच अधिकारी एएसआई रामनिवास ने बताया कि पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला है कि गैंग काफी लम्बा है। लूटपाट का कार्य करते हुए इस गैंग को करीब बीस बरस हो गए हैं। गैंग में महिलाओं की संख्या अधिक है। पंजाब के संगरूर से संबंध रखने वाला गैंग पहले एकजुट था। लेकिन अब यह दो भागों में विभाजित हो गया है। यह गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश में अपनी गतिविधियां चलता है। जिसका मुख्य लक्ष्य धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम या मेले होते हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए गैंग की सदस्य चार-पांच महिलाएं निकलती हैं। जो कार चालक को लालच देकर अपने साथ ले आती हैं।
जांच अधिकारी के अनुसार उपरोक्त चारों राज्यों में इस गैंग पर कई मुकद्दमें दर्ज हैं। लेकिन सलाखों से बाहर आने के बाद महिला सदस्य पुन: लूटपाट करनी शुरू कर देती हैं। गैंग ने इसे अपना प्रोफेशन बना लिया है। एएसआई रामनिवास के अनुसार लूटपाट करने के साथ-साथ गैंग पोस्त की तस्करी भी करता है।
जांच अधिकारी ने बताया कि रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शनिवार को तीनों महिलाओं को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया।  अदालत ने तीनों को बोस्र्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि बचे दो आरोपी बिन्द्र कौर तथा ईसर सिंह भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

17 सितंबर 2011

चण्डीगढ़ से आए फैक्स संदेश ने उड़ा दी नींद


दो पटवारियों तथा नायब तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, एसडीएम ने भेजे नोटिस
डबवाली (लहू की लौ) चण्डीगढ़ से फैक्स के माध्यम से आई एक शिकायत ने तहसील परिसर को हिलाकर रख दिया है। जिसमें दो पटवारियों के साथ-साथ नायब तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। शिकायत भेजने वाले ने अपनी पहचान गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह के रूप में करवाते हुए शिकायत सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम जारी की है। शिकायत के बाद डबवाली प्रशासन हरदयाल सिंह की खोज में निकल गया है। दो दिन की माथापच्ची के बाद भी प्रशासन के हाथ खाली हैं। वहीं एसडीएम ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है। शिकायतकर्ता की पहचान न होने की स्थिति में प्रशासन गांव डबवाली में रहने वाले हरदयाल सिंह नाम के सभी व्यक्तियों को नोटिस जारी करेगा।
बुधवार शाम को उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को फैक्स के जरिए चण्डीगढ़ से (फोन नं. 0172-3910148) एक शिकायत प्राप्त मिली। यह शिकायत प्रदेश के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम  लिखी हुई है। साथ में शिकायत की एक कॉपी डीसी सिरसा को भेजने का भी जिक्र किया गया है। भेजने वाले ने अपनी पहचान गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह के रूप में करवाई है। शिकायतकर्ता ने सीएम को लिखा है कि डबवाली तहसील में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। आपके सिरसा आगमन के दौरान भी इस बात को आपके कानों तक पहुंचाया जा चुका है। लेकिन भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा। पटवारी अमी लाल, भूप सिंह तथा नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई भ्रष्टाचार फैलाए हुए हैं। पटवारियों ने अपने आगे अस्सिटेंट पटवारी रखे हुए हैं, जो लोगों की जेबें खाली करवा लेते हैं। लगता है डबवाली तहसील के लिए एक और अन्ना हजारे की जरूरत है। अन्ना हजारे बने बिना तहसील में फैला भ्रष्टाचार खत्म नहीं किया जा सकता।
शिकायत के बाद तहसील परिसर में बवंडर खड़ा हो गया है। प्रशासनिक अधिकारी कई मर्तबा गांव डबवाली जाकर शिकायतकर्ता की खोज कर चुके हैं। हरदयाल सिंह नाम के व्यक्तियों के घरों के दरवाजे खटखटाकर शिकायत आपने भेजी है क्या, पूछ रहे हैं। लेकिन दो दिनों के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों हैं। मामले की जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल खुद कर रहे हैं।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने उपरोक्त शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत के आधार पर पटवारी अमी लाल, भूप सिंह तथा नायब तहसीलदार हरि ओम बिश्नोई को नोटिस भेजकर 20 सितंबर को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वहीं शिकायतकर्ता गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह नामक व्यक्ति को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। लेकिन अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने अपना पूरा पता नहीं लिखा है। अगर शिकायतकर्ता सामने नहीं आता तो ऐसे हालातों में प्रशासन गांव डबवाली के सभी हरदयाल सिंह नामक व्यक्तियों को नोटिस जारी करने की स्थिति में होगा।
इधर नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई, पटवारी भूप सिंह तथा अमी लाल ने उपरोक्त शिकायत में लगाए गए आरोपों को निराधार करार दिया है। पटवारी भूप सिंह ने बताया कि वह शहर डबवाली का पटवारी है, न कि गांव डबवाली का।

प्रेमिका से मांगे बीस लाख!



पांच माह पहले हुई थी लव मैरिज,युवती की शिकायत पर मामला दर्ज

डबवाली (लहू की लौ) कोर्ट मैरिज के जरिए विवाह बंधन में बंधे एक प्रेमी जोड़े पर चढ़ा प्यार का भूत पांच माह बाद उतर गया। प्रेमिका ने अपने प्रेमी तथा उसके परिवार वालों पर मारपीट करने के साथ-साथ दहेज के रूप में 20 लाख रूपए मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। युवती के ब्यान पर शहर पुलिस ने लड़के वालों पर मामला दर्ज करके अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कुछ समय पूर्व वार्ड नं. 15 में रहने वाले एक अग्रवाल परिवार से संबंध रखने वाली रजनी नामक युवती तथा वार्ड नं. 1 निवासी एक सुनार परिवार से संबंध रखने वाले चरणजीत नामक युवक में प्रेम संबंध थे। अप्रैल 2011 में अपने परिजनों को चकमा देकर प्रेमी जोड़ा घर से भाग गया। इस जोड़े ने चण्डीगढ़ हाईकोर्ट में शादी रचा ली। शादी के कुछ दिनों बाद अपनी मैरिज का सबूत लेकर यह जोड़ा अचानक शहर थाना में पहुंचा और पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की। सूचना पाकर दोनों के परिजन भी थाना में आ गए। दोनों परिवारों में काफी खटपट हुई। लेकिन रजनी अपने माता-पिता के खिलाफ ब्यान देकर अपने पति चरणजीत के साथ चलती बनी।
मामले की जांच कर रहे शहर थाना पुलिस के एएसआई रामनिवास ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में रजनी ने कहा है कि उसकी चरणजीत के साथ लव मैरिज हुई थी। मैरिज के कुछ देर बाद ही चरणजीत तथा उसके परिजनों ने दहेज के लिए उससे मारपीट करनी शुरू कर दी। उससे दहेज के रूप में 20 लाख रूपए की मांग की। लेकिन जब उसने लव मैरिज का वास्ता दिया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। एएसआई के अनुसार ससुरालियों की मारपीट से बचती हुई रजनी शहर थाना पहुंची। रजनी के उपरोक्त ब्यान के आधार पर उसके पति चरणजीत, सास, ससुर तथा देवर के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मास्टर गुरमीत को आत्महत्या के लिए ससुरालियों ने किया मजबूर


लम्बे इंतजार के बाद जांच अधिकारी ने डीएसपी को सौंपी जांच रिपोर्ट
डबवाली (लहू की लौ) एसएस मास्टर गुरमीत सिंह की संदिग्ध मौत पर बना सस्पेंस शहर थाना प्रभारी की रिपोर्ट ने हटा दिया है। डीएसपी को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में जांच अधिकार ने साफ कर दिया है कि गुरमीत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। यह काम किसी ओर ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी तथा ससुरालियों ने मिलकर किया। रिपोर्ट के आधार पर शहर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले एसएस मास्टर गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में 15 जून को अलीकां रोड़ पर खेतों में पड़ा मिला था। मास्टर के परिजनों ने जांच की मांग को लेकर एसपी से मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाया। एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता ने जांच का जिम्मा शहर थाना प्रभारी डबवाली महा सिंह रंगा को सौंपा।
करीब दो माह तक चली जांच के बाद शहर प्रभारी ने डीएसपी बाबू लाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। जांच रिपोर्ट में करीब 150 पन्ने हैं। जिसमें मृतक से जुड़े कई दस्तावेज भी संलग्न हैं। रिपोर्ट में शहर प्रभारी महा सिंह रंगा ने कहा है कि गुरमीत सिंह की शादी अबूबशहर की राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। इस दौरान राजेंद्र कौर का परिवार डबवाली के प्रेमनगर में आ बसा। शादी के कुछ देर बाद ही वह गुरमीत पर डबवाली में रहने का दबाव डालने लगी। लेकिन गुरमीत अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ रहने का इच्छुक था। लेकिन राजेंद्र कौर ने गुरमीत तथा उसके परिजनों पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवा दिया। अपने परिवार को बचाने के लिए गुरमीत डबवाली बसने पर राजी हो गया। जिसके तुरंत बाद राजेंद्र कौर ने केस वापिस ले लिया।
रिपोर्ट के अनुसार मास्टर अपने ससुराल घर के नजदीक प्रेमनगर में ही मकान बनाकर रहने लगा। इस मकान पर उसने पैसा लगाया। लेकिन राजेंद्र कौर ने मकान अपने नाम करवा लिया। गुरमीत गांव कालझराणी में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ-साथ भाई-बहनों को पढ़ाना-लिखाना चाहता था। लेकिन यह बात उसके ससुरालियों को अखरती थी। 15 जून 2011 से पूर्व मृतक ने एक प्लॉट का सौदा किया था। वह प्लॉट को अपने नाम करवाना चाहता था। लेकिन उसकी पत्नी राजेंद्र कौर तथा सास जसपाल कौर प्लाट को अपने नाम करवाना चाहती थी। इसके लिए ससुराली उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगे। ससुरालियों द्वारा मजबूर करने पर ही गुरमीत ने आत्महत्या की। अपनी रिपोर्ट के साथ जांच अधिकारी ने मास्टर गुरमीत से जुड़े दस्तावेज संलग्न किए हैं। दस्तावेजों में उसके घर के कागजात, पर्सनल डायरी, बैंक डिटेल, पिता मोहर सिंह के साथ-साथ रूपचंद, सुखदेव सिंह तथा राजेंद्र कौर के ब्यानों की कॉपी   शामिल है।
डीएसपी बाबू लाल ने उपरोक्त पुष्टि करते हुए बताया कि जांच अधिकारी शहर थाना प्रभारी महा सिंह रंगा की जांच रिपोर्ट उन्हें मिली है। जिसमें मास्टर गुरमीत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोपी उसकी पत्नी राजेंद्र कौर, सास जसपाल कौर, ससुर बलवीर सिंह तथा साले बेअंत सिंह को ठहराया है। जांच अधिकारी ने उपरोक्त चारों पर दफा 306/34आईपीसी के तहत मुकद्दमा दर्ज करके कार्रवाई करने की अनुमति मांगी है। रिपोर्ट को आवश्यक कार्रवाई के लिए एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता के पास भेजा जाएगा। डीएसपी के अनुसार जांच के दौरान यह तो रहस्य खुला है कि गुरमीत को ससुरालियों ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया। लेकिन उसने आत्महत्या किस वस्तु से की इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। विसरे की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।