12 दिसंबर 2009

स्कूलों का ओचक्क निरीक्षण

बनवाला (जसवन्त जाखड़) जिला शिक्षा अधिकारी आशा किरण ग्रोवर ने शुक्रवार को कई स्कूलों का ओचक्क निरीक्षण किया।
ओचक्क निरीक्षण के दौरान उन्होंने गांव पंजुआना में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के दो अध्यापकों की अनुपस्थिति लगाते हुए उनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए। पंजुआना के अलावा उन्होंने आज सहुवाला, बनवाला, रत्ताखेड़ा, रिसालियाखेड़ा व बिज्जूवाली आदि विद्यालयों का निरीक्षण किया।
आशा किरण ग्रोवर ने पंजुआना के हाई स्कूल में सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंची और दो घंटे तक रूकी। इस दौरान स्कूल के ज्यादातर अध्यापक व स्टाफ आठ बजे के बाद ही पहुंचे जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उनसे जवाब तलबी की। इसी दौरान एक शिक्षक रजिस्टर में हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब हो गया। इस पर उन्होंने सख्त रूख अपनाते हुए दो शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने व अनुशासन में रहते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों का निरीक्षण करने के दौरान स्कूली शिक्षकों व अन्य स्टाफ में हडकंप मचा रहा। जिला शिक्षा अधिकारी ने विभिन्न स्कूलों में बच्चों के दोपहर के भोजन की जानकारी ली और स्कूलों के हाजिरी रजिस्टर व रिकार्ड जांचा।

पुलिस संदेह के घेरे में

डबवाली (लहू की लौ) स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ी हजारों बोरी गेहूं पर पानी की स्प्रे करने का मामला जैसे-जैसे कार्पोरेशन के अधिकारी और पुलिस दबाने का प्रयास कर रहे हैं, वैसे ही वे उलझते जा रहे हैं और इसको लेकर नये-नये सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले का होमगार्ड विभाग ने भी संज्ञान लेते हुए अपने होमगार्ड जवानों के पक्ष में उतरने का फैसला लिया है। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सकें।
पता चला है कि जिला सिरसा होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई ने वीरवार देर शाम को डबवाली का दौरा किया और स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में डयूटी पर तैनात होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाकर बेहोश करने और बाद में कार्पोरेशन के दो चौकीदारों द्वारा गेहूं की बोरियों पर पानी का स्प्रे करने और होमगार्ड जवानों द्वारा इस मामले को पुलिस तथा विभाग के पास उठाये जाने के बाद इसे दबाने के सम्बन्ध में होमगार्ड जवानों से जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर होमगार्ड जवान इन्द्राज तथा अशोक ने आप बीती सुनाई और इस बात की पुष्टि की कि गेहूं पर पानी की स्प्रे की गई। लेकिन बाद में उन पर दबाव डालकर पुलिस ने यह लिखवा लिया कि यह शिकायत गलत-फहमी में हुई और वे इस पर कार्यवाही नहीं करवाना चाहते।
जांच अधिकारी होमगार्ड कम्पनी कमाण्डर गंगाजल बिश्नोई से इस संवाददाता ने शुक्रवार को जब मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि होमगार्ड जवानों ने जो देखा था उसकी शिकायत पुलिस को की और बाद में उन पर दबाव डालकर कार्यवाही न किये जाने की बात लिखवा ली। अब वे अपने तौर पर इसकी रिपोर्ट बनाकर होमगार्ड के उच्च अधिकारियों तथा हरियाणा सरकार के पास भेजेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि होमगार्ड के जवान सच्चाई पर डटे हुए हैं। बातचीत में बिश्नोई ने आगे बताया कि उन्होंने पुलिस के जांच अधिकारी एसआई कृष्ण लाल परदेसी से बात की और मामले की असलीयत जानी। इस बातचीत के दौरान होमगार्ड के कम्पनी कमाण्डर ने पुलिस की भूमिका पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस ने होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने की घटना सामने आने के बाद उनका डॉक्टरी जांच न करवाकर जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। उनके अनुसार होमगार्ड जवानों की पुलिस को डॉक्टरी जांच करवानी चाहिए थी।

गेहूं पर पानी की स्प्रे करना राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुक्सान-भारूखेड़ा
गेहूं पर पानी का छिड़काव एजेंसी अधिकारियों की पुरानी आदत-बांसल
स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में पड़ी हजारों बोरी गेहूं पर पानी की स्प्रे किये जाने के मामले को किसान यूनियन ने भी गंभीर रूप से लेते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच करवाकर दोषियों को दण्डित करने की मांग की है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि किसान लगन और मेहनत से गेहूं का उत्पादन करके देश के अन्न भण्डार को भरता है। लेकिन कुछ भ्रष्ट अधिकारी किसान की इस मेहनत पर पानी फेरते हुए अपने स्वार्थ के लिए सरकार और लोगों को चूना लगाने की नियत से इस गेहूं पर पानी का स्प्रे करते हैं। जिसका सीधा नुक्सान देश की गरीब जनता को होता है।
उन्होंने कहा कि सरकारी गेहूं पर पानी की स्प्रे करके उसके वजन को बढ़ाने का प्रयास करना सामाजिक तौर पर ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी दण्डनीय अपराध है। राष्ट्र की सम्पत्ति को इस प्रकार से नुक्सान पहुंचाने की हिमाकत करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश चन्द बांसल ने बताया कि वह सरकारी खरीद एजेंसियों को मण्डी से गेहूं खरीदते समय 50 किलो 700 ग्राम का वजन प्रत्येक बोरी के पीछे देते हैं। अगर ज्यादा गर्मी पडऩे के कारण इसमें नमी कम हो जाती है तो इसकी कटौती भी विभाग उनसे लेते हैं। उनके अनुसार अक्सर मौसम बदलने से गेहूं में फिर से नमी आ जाती है। बरसात के बाद तो अक्सर ऐसा होता रहा है। लेकिन इस बार बरसात नहीं हुई, जिसके चलते वजन में बढ़ौतरी स्वाभाविक तौर पर नहीं होनी थी और इसकी पूर्ति के लिए विभाग पानी की स्प्रे कर रहे हैं। यह बढ़ौतरी भ्रष्ट अधिकारी आपस में बांटकर चांदी कूटते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के इस पानी के स्प्रे प्रकरण की जांच निष्पक्षता से होनी चाहिए और दोषी दण्डित होने चाहिए। ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनर्रावृत्ति न हो।