03 सितंबर 2009

दिल का दौरा पडऩे से बिजली कर्मी की मौत

सिरसा (लहू की लौ) विद्युत विभाग में लाईनमैन पद पर कार्यरत भाल सिंह की गुरुवार को दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार गांव छतरियां वाली निवासी भाल सिंह पुत्र मोमन राम विद्युत विभाग में लाईनमैन के पद पर कार्यरत था। गुरुवार को भाल सिंह किसी कार्यवश गांव झोंपड़ा गया हुइा था। वापिस में लौटते समय रेलवे फाटक के समीप भाल सिंह के सीने में तेज दर्द हुआ और वह बेहोश होकर वहीं गिर गया। राहगीरों ने इस बारे में भाल सिंह के परिजनों को सूचित किया। परिजन मौके पर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

ससुरालजनों पर दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज

सिरसा (लहू की लौ) बड़ागुढ़ा थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताडऩा और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
पुलिस सुत्रों के अनुसार गांव रघुआना निवासी मल सिंह की पुत्री अमनदीप कौर का विवाह कुछ समय पूर्व गांव जंडवाला जाटान निवासी मंगू सिंह पुत्र जंटा सिंह के साथ हुआ था। विवाह के बाद अमनदीप कौर को ससुराल पक्ष के द्वारा दहेज की मांग को लेकर प्रताडि़त किया जाने लगा। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से परेशान अमनदीप कौर ने अदालत की शरण ली। अदालत ने बड़ागुढ़ा थाना पुलिस को पति मंगू सिंह, ससुर जंटा सिंह, सास जगतार कौर व जेठानी संत कौर के खिलाफ जान से मारने की धमकी तथा मारपीट करने का मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

एलआईसी चण्डीगढ़ ने हांगकांग इलेवन को दी मात


सिरसा (लहू की लौ) जननायक चौ. देवीलाल विद्यापीठ के क्रिकेट ग्राउंड में प्रात: एलआईसी चंडीगढ़ व हांगकांग इलेवन के बीच मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में एलआईसी चंडीगढ़ ने अपनी विरोधी टीम को 43 रनों से पराजित किया।
एलआईसी चंडीगढ़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया और निर्धारित 20 ओवरों में 9 विकेट खोकर हांगकांग की टीम के समक्ष 138 रन का लक्ष्य रखा। एलआईसी टीम के ओपनर शिवकांत व गुरिन्द्र सैनी ने अपनी टीम को ठोस शुरूआत दी और दोनों ने चारों ओर दर्शनीय शॉट लगाए। पहली विकेट शिवकांत के रूप गिरा जब वह 20 के निजी स्कोर पर था। शिवकांत ने चार चौकों की मदद से तेजी से 20 गेंदों में 20 रन बनाए और वह नजीब अमर की गेंद की गेंद पर गच्चा खाकर क्लीनबोल्ड हो गए। इसके बाद गुरिंद्र का साथ निभाने हरप्रीत सिंह आए और मध्यम गति के गेंदबाजों की धमकर धुनाई की। पर हरप्रीत सिंह ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सके और 12 गेंदों में 10 रन बना कर मुन्नीर अहमद की गेंद्र पर कॉट बिहाइंड हो गए। हांगकांग के कप्तान ने मध्यम गति के गेंदबाजों को पीटता देख स्पिनर को गेंद थमाई। स्पिनर कप्तान की अपेक्षाओं पर खरा उतरे और रनों पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे। कप्तान अमित उनियाल अपनी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके और वह मात्र 5 रनों के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद पांचवे बल्लेबाज राजेश पाठा भी दो रन बना कर चलते बने। उन्हें जावेद इकबाल ने आउट किया। गुरेंद्र सैनी ने तेजी से रन बटोरते रहे और उन्होंने 37 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया और 49 गेंदों पर 64 शानदार रन बनाए। वह टीम के कुल 120 रनों के स्कोर पर नजीब अमर के हाथों आउट हुए। गुरिंद्र सैनी ने अपनी पारी में 10 चौके जमाए। नवनीत सिंह ने 14 रन, रोहित चौधरी ने 2 रन व अविनाश यादव ने अविजित 8 रनों का योगदान दिया। हरप्रीत सिंह जूनियन व गुरविवेक सिंह अपना खाता ही नही ंखोल सके। नजीब अमर ने 4, नदीम अहमद व मुनीर अहमद ने दो-दो विकेट झटके।
138 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी हांगकांग की टीम के ओपनर तबरक दार व जावेद इकबाल ने अपनी टीम को मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया मगर रोहित चौधरी ने तबरक दार को 12 रन पर आउट किया वहीं जावेद इकबाल भी ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं रहे और केवल 2 रन बनाकर चलते बने। उनके बाद बल्लेबाजी करने आए नाजिब अमर ने अभी केवल अपने खाते में महज 1 रन ही जोड़ा था कि उन्हें अमित उन्याल ने पैवेलियन की राह दिखाई। बट हुसैन भी केवल 6 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए उनका विकेट मनीष नैन ने लिया। उसके बाद क्रीज पर आए एम. अहमद व हासिब अमजद ने कुछ संभल कर खेलना शुरु किया मगर नवनीत सिंह ने एम अहमद को 8 रनों के निजी स्कोर पर आउट कर दिया। हासिब अमजद ने एक छोर पर खड़े रह कर कुछ अच्छे शॉट्स खेले और उन्होंने 29 गेंदों में 35 रन बनाए। इसमें 4 चौके व 1 छक्का शामिल था। दूसरे छोर पर नदीम अहमद ने कुछ हद तक हासिब अमजद का साथ दिया और उन्होंने 15 गेंदों में 16 रन बनाएं जिसमें 2 चौके शामिल थे। हासिब अमजद को गुरेंद्र सैनी ने जबकि नादिम अहमद को अविनाश यादव ने आउट किया। पुछल्ले बल्लेबाज बाबर हयात 4, अजहर इलाई 2 व आदिल खान व सईद ने 1-1 रन बनाया। हांगकांग की पूरी टीम 18.1 ओवर में कुल 94 के स्कोर पर सिमट गई।
इस मुकाबले के समापन पर वैज्ञानिक व जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रो. कुलदीप सिंह ढींड़सा ने बतौर मुख्यातिथि विजेता टीम को पुरस्कार दिए। उन्होंने गुरिंद्र सैनी को मैन ऑफ दि मैच के रूप में 21 हजार रुपए व हासिब अमजद को सर्वाधिक छक्के लगाने के लिए 2 हजार रुपए का चैक प्रदान किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के रजिस्ट्रार मेजर के.के. सिरोही, विद्यापीठ के स्पोट्र्स इंचार्ज मनमोहन सिंह व डॉ. जयप्रकाश मौजूद थे।

असमय काल के गाल में समा गए रेड्डी

नई दिल्ली। भारत में हादसों के कारण कई प्रतिभाशाली नेताओं की राजनैतिक पारी का असमय अंत हो गया, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी भी है। आम जनता के नेता रेड्डी ने समाज में दबे कुचले और समाज के उपेक्षित तबके के सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के जरिए राजनीतिक में अलग स्थान बनाया था।
भारतीय राजनीति के इतिहास पर अगर नजर डाला जाएं तो कई दिग्गज नेताओं संजय गांधी, राजेश पायलट, माधव राव सिंधिया, जी एम सी बालयोगी, ओ पी जिंदल, साहिब सिंह वर्मा, सुरेंद्र सिंह जैसे कई प्रतिभाशाली राजनेता हादसों के चलते असमय काल के गाल में समा गए। इसी कड़ी में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, ललित नारायण मिश्र, दीन दयाल उपाध्याय का नाम भी आता है जिनकी आतंकी हिंसा या रहस्यमय स्थिति में मौत हुई।
दुर्घटना का शिकार होने वाले नेताओं में महत्वपूर्ण नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र एवं कांग्रेस नेता संजय गांधी का है जिनकी 29 वर्ष पहले दिल्ली के सफदरजंग हवाईअड्डे पर ग्लाइडर दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रतिभाशाली नेता राजेश पायलट आते है जिनकी 11 जून 2000 को जयपुर के पास सड़क हादसे में मौत हो गई थी। पेशे से पायलट राजेश ने अपने मित्र राजीव गांधी की प्रेरणा से राजनीति में कदम रखा और राजस्थान के दौसा लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। पालयट एक महत्वपूर्ण गुर्जर नेता के रूप में उभर कर सामने आए थे। उनके नरसिंह राव सरकार में गृह राज्य मंत्री रहते हुए तांत्रिक चंद्रास्वामी को जेल भेजा गया था।
माधव राव सिंधिया एक और महत्वपूर्ण नाम है, जो असमय दुर्घटना का शिकार हुए। सिंधिया ने अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत 1971 में की थी जब उन्होंने जनसंघ के सहयोग से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गुना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में जीत दर्ज की थी।
बहरहाल, 1997 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 1984 में उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से पराजित किया। सिंधिया ने विभिन्न सरकारों में रेलमंत्री, नागर विमानन मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री का दायित्व संभाला, लेकिन 30 सितंबर 2001 को विमान दुर्घटना में उनकी असमय मौत हो गई। तेदेपा नेता जी एम सी बालयोगी भी असमय दुर्घटना का शिकार हुए जब तीन मार्च 2002 को आंध्रप्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के कैकालूर इलाके में उनका हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बालयोगी सबसे पहले 10वीं लोकसभा में तेदेपा के टिकट पर चुन कर आए। उन्हें 12वीं और 13वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुना गया।
उद्योगपति तथा राजनेता ओ पी जिंदल भी दुर्घटना का शिकार होने से असमय भारतीय राजनीति के पटल से ओझल हो गए। जिंदल आर्गेनाइजेशन को उद्योग जगत की बुलंदियों पर पहुंचाने वाले ओ पी जिंदल हरियाणा के हिसार क्षेत्र से तीन बार विधानसभा के लिए चुने गए और उन्होंने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का दायित्व भी संभाला। 31 मार्च 2005 को हेलीकाप्टर दुर्घटना में उनकी असमय मौत हो गई। भाजपा के प्रतिभावान नेता साहिब सिंह वर्मा का नाम भी इसी कड़ी में आता है। वर्ष 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले वर्मा 1999 से 2004 तक लोकसभा के सदस्य और केंद्रीय मंत्री भी रहे। भाजपा के उपाध्यक्ष पद का दायित्व संभालने वाले साहिब सिंह वर्मा की 30 जून 2007 को अलवर-दिल्ली राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
इसी कड़ी में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, ललित नारायण मिश्रा, दीन दयाल उपाध्याय का नाम भी आता है जिनकी आतंकी हिंसा या रहस्यमय परिस्थिति में मौत हुई। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की अपने ही सुरक्षाकर्मियों ने हत्या कर दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी आतंकी हमले के शिकार हुए जब श्रीपेरम्बदूर में चुनावी सभा के दौरान लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी। हालांकि उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, केंद्रीय मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और शैलजा उस समय बाल-बाल बच गए थे जब 2004 में गुजरात में खाणवेल के पास उन्हें ले जा रहे हेलीकाप्टर का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था।

रेड्डी का हेलीकाप्टर क्रैश में निधन

कुरनूल। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी और चार अन्य लोगों की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। बुधवार की सुबह से लापता उनका हेलीकाप्टर खराब मौसम के कारण नल्ला-माला पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हैदराबाद से चित्तूर के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद ही मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर का रेडियो संपर्क टूट गया था।

राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपने दम पर कांग्रेस को राज्य में शानदार विजय दिलाने वाले 60 वर्षीय राजशेखर रेड्डी की मौत की खबर आते ही राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में लगा राष्ट्रीय ध्वज झुका दिया गया।
क्रैश हेलीकाप्टर के मलबे मिलने के साथ ही राजशेखर रेड्डी, उनके विशेष सचिव पी सुब्रह्माण्यम, मुख्य सुरक्षा अधिकारी एएससी वेस्ली, पायलट ग्रुप कैप्टन एसके भाटिया और सह पायलट एमएस रेड्डी के शव रूद्रकोंडा पहाड़ी से मिल गए हैं। यह इलाका यहां से 40 नाटिकल मील पूर्व में है।
आधिकारिक तौर पर उनकी मौत की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन दिल्ली स्थित कांग्रेस के आला सूत्रों ने बताया है कि हेलीकाप्टर में सवार लोगों के शव मिल गए हैं। एक सरकारी बयान जल्द ही जारी किए जाने की संभावना है। हादसे की वजह से केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक रद्द कर दी गई है।
उधर, राज्य के वित्तमंत्री के रोसैया कार्यवाहक मुख्यमंत्री होंगे इसकी जानकारी दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास पर गुरुवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद हादसे के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन इस संबंध में बुधवार रात से ही आशंका बढ़ने लगी थी, जब हेलीकाप्टर का पता लगाने के लिए चलाए गए खोज अभियान असफल हो गए।
हेलीकाप्टर के लापता होने के ठीक 24 घंटे बाद वायु सेना के बेंगलूर से रवाना हुए हेलीकाप्टरों ने कुरनूल के 70 किलोमीटर पूर्व में रूद्रकोंडा पहाड़ी पर हेलीकाप्टर का मलबा ढूंढ निकाला। गौरतलब है कि हेलीकाप्टर का कल साढ़े नौ बजे रेडियो संपर्क टूट गया था।
हेलीकाप्टर बुधवार को हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे से चित्तूर के लिए रवाना हुआ था और इसे 10 बजकर 40 मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचना था।
उधर, बेंगलूर एयर कमान के एयर कोमोडोर सागर भारती ने हेलीकाप्टर के मिलने की जगह के बारे में तो बताया, लेकिन उसमें सवार लोगों के बारे में कोई सूचना नहीं दी। उन्होंने कहा कि दो हेलीकाप्टर उस जगह उतरने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि केंद्रीय गृह सचिव जी के पिल्लई ने संकेत दिया कि 11 वर्ष पुराना बेल 430 हेलीकाप्टर शायद दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। वायु सेना का बचाव दल इलाके तक पहुंचने के लिए पैरा कमांडोज को रस्सी के सहारे मौके पर उतारने की कोशिश कर रहा है।
कोर ग्रुप की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ मंत्री प्रणव मुखर्जी, एके एंटोनी, पी चिदंबरम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आंध्र प्रदेश में पार्टी के कद्दावर नेता की मौत के बाद उत्पन्न हालात पर चर्चा की।

रणजीत सिंह मान ने किया शक्ति प्रदर्शन

डबवाली (लहू की लौ) गांव मसीतां के पूर्व सरपंच एवं कांग्रेसी नेता रणजीत सिंह मान ने कहा कि हुड्डा ने हरियाणा को भय मुक्त शासन देकर चौटाला परिवार की ज्यादतियों के कारण जो भय पैदा डबवाली क्षेत्र में हुआ था, उससे निजात दिलाई है। अब भी समय है कि इनेलो के कफन में आखिरी कील ठोक दिया जाये और पुन: चौटाला की तानाशाही सरकार न आ सकें।

वे बुधवार को यहां कम्युनिटी हाल में आयोजित पंजाबी सम्मेलन में लोगों की उमड़ी भीड़ को सम्बोधित कर रहे थे। उनके अनुसार इनेलो के शासन के दौरान व्यापारी डबवाली में व्यापार करना भूल ही नहीं गये थे, बल्कि यहां से अपने काम धंधे समेट कर चौटाला सरकार के भय से पलायन कर गये थे। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के सिपाही हैं और लोगों के पहरेदार हैं। पार्टी जिस भी व्यक्ति को टिकट देगी उसका समर्थन करेंगे। लेकिन उनकी इच्छा है कि किसी पंजाबी को कांग्रेस टिकट दे।
इस मौके पर सिक्ख नेता मलकीत सिंह पन्नीवाला मोरिका ने कहा कि कांग्रेस सिक्ख हितैषी है। जबकि पड़ौसी राज्य पंजाब के कुछ स्वार्थी लोग आपके पास आयेंगे और चिकनी-चोपडिय़ां बातें करके वोट हथियाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लोगों को ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा। इस मौके पर उन्होंने चौटाला एण्ड कम्पनी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने यह भी कहा कि हल्का डबवाली के पंजाबी कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन अगर कांग्रेस ने कोई बाहरी व्यक्ति को हल्का डबवाली से प्रत्याशी बनाया तो यह संदेहजनक होगा।
इस अवसर पर मार्किट कमेटी डबवाली के चेयरमैन जसवन्त सिंह बराड़, सतपाल सिंह सत्ता, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, जयचन्द रहेजा, रणजीत सिंह सांवतखेड़ा, चित्रगुप्त छाबड़ा, सुन्दर सिंह कण्डा, भोला सिंह सकताखेड़ा आदि उपस्थित थे।

डिग्गी में डूबने से बालक की मौत

औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) खण्ड के गांव ख्योवाली में एक 13 वर्षीय कक्षा छह के छात्र की खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मृत्यु हो गई। ओढ़ां पुलिस ने बच्चे के पिता के बयान पर इत्तफाकिया कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ख्योवाली निवासी ओमप्रकाश का 13 वर्षीय पुत्र दीपक उर्फ दीपू अपने साथियों के साथ खेलते समय पानी हेतु जब खेत में बनी डिग्गी पर गया तो पानी पीते समय उसका पांव फिसल गया और वो डिग्गी में गिर गया। उसके साथियों के शोर मचाने पर आसपास से महिलाएं आ गई और उन्होंने भी शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर की आवाज सुनकर आसपास के खतों में काम कर रहे लोग जब वहां पहुंचे तो काफी देर हो चुकी थी और बच्चे ने दम तोड़ दिया था।
दीपू 5 बहनों का इकलौता भाई था जिसके निधन से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

क्षेत्रीय दलों का भविष्य अधर में!

डबवाली (लहू की लौ) लोकसभा चुनाव के बाद क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में जिस प्रकार से विघटन की शुरूआत हुई है, उसको लेकर राष्ट्रीय राजनीतिक दल खुश हैं। जबकि क्षेत्रीय दल मायूस।

पिछले करीब दो दशकों से भारत में क्षेत्रीय दल तीव्र गति से फले-फूले हैं। इन्हीं दलों का सहारा लेकर राष्ट्रीय राजनीतिक दल गठजोड़ों के माध्यम से सत्ता में आते रहे हैं। जिनमें यूपीए और राजग शामिल हैँ। भले ही यूपीए में प्रमुख पार्टी कांग्रेस रही हो और राजग में भाजपा। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि ये राष्ट्रीय पार्टियां क्षेत्रीय दलों के सहारे सत्ता में तो आई। लेकिन सत्ता में रहते हुए क्षेत्रीय दलों से परेशान भी रहीं। इसी के चलते राष्ट्रीय दलों की इच्छा ठीक इसी प्रकार रही जिस प्रकार से विश्वासघाती की रहती है। इन पार्टियों का एक ही ध्येय रहा कि किसी प्रकार क्षेत्रीय दलों का प्रभाव कम हो और इसके लिए क्षेत्रीय दलों में विघटन जरूरी था।
राष्ट्रीय दलों की इच्छा के चलते बिहार में लालू और पासवान जैसे दिग्गज क्षेत्रीय पार्टियों के चलते लोकसभा चुनाव में धराशायी हो गये और इधर यूपी में मुलायम सिंह यादव की पार्टी पर भी असर पड़ा। हरियाणा में इनेलो और हजकां भी बिखराव की ओर चली गई। समय रहते इनेलो ने तो अपने आपको काफी हद तक बचा लिया। राष्ट्रीय पार्टियां क्षेत्रीय दलों को प्रजातंत्र के लिए खतरनाक मानती आ रही हैँ। उनका हमेशा ही इन दलों पर आरोप रहा है कि ये दल गठजोड़ के बाद ब्लैकमेल पर उतर आते हैं, यहीं नहीं बल्कि इन्हीं दलों के प्रमुख प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न तक देखने लगते हैं।
लेकिन इसके विपरीत क्षेत्रीय दलों का हमेशा ही नजरिया यह रहा है कि प्रजातंत्र में उनका होना बहुत जरूरी है। अन्यथा राष्ट्रीय दल छोटे दलों को उसी प्रकार से निगल जाएंगे। जिस प्रकार से बड़ी मछली छोटी मछली को निगलती है। क्षेत्रीय दलों का राष्ट्रीय पार्टियों पर यह भी आरोप रहा है कि सत्ता में आने के बाद ये पार्टियां उनका शोषण करती रही हैं और उन्हें उनके अधिकार के अनुसार सत्ता में भागीदार न बनाकर उनमें फूट डालने का ही काम करती रही हैं।
चाहे आरोप-प्रत्यारोप कुछ भी हों। तीन राज्यों में हेोने जा रहे विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल कितने मजबूत होकर निकलते हैं या फिर कमजोर इसी पर ही क्षेत्रीय दलों का भविष्य निर्भर है। लेकिन उनमें चले बिखराव के बहाव ने अवश्य ही उनके भविष्य को खतरे में डाला हुआ है।

पैक्स चुनाव में इनेलो का दबदबा

डबवाली (लहू की लौ) दि डबवाली प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लि. डबवाली (तह. डबवाली) के प्रबन्धक कमेटी पद के चुनाव में 7 सदस्य चुने गये। जिनमें 5 सदस्य इनेलो समर्थित हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार इस चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे और कुल 1716 मतदाताओं ने भाग लिया। जिनमें 1714 मत वैध पाये गये। कुल पांच बूथ बनाये गये थे। विजयी सदस्यों की घोषणा पीठासीन अधिकारी मनफूल सिंह ने की।
इन चुनावों में सात में से पांच स्थानों पर इनेलो ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाकर यह अहसास दिला दिया है कि डबवाली क्षेत्र में अभी भी इनेलो का वर्चस्व है। बताया जाता है कि इन चुनावों में इनेलो के गुरनाम सिंह खुईयांमलकाना, महिला रिजर्व पर गुरदेव कौर शेरगढ़, जगतार सिंह पन्नीवाला रूलदू, मनोहर सिंह दीवानखेड़ा, शिवचरण सिंह डबवाली, कांग्रेस के दरबारा सिंह शेरगढ़, बेअन्त सिंह पन्नीवाला रूलदू विजेताओं में शामिल हैं। इस चुनाव क्षेत्र गांव नीलियांवाली, पन्नीवाला रूलदू, खुईयांमलकाना, सांवतखेड़ा, दीवानखेड़ा और शेरगढ़ गांव आते हैं और उन्हीं के सहकारी समिति मतदाताओं ने भाग लिया।