06 दिसंबर 2014

जिंदगी पर भारी पड़ रही वाहनों के बढऩे की रफ्तार

प्रत्येक माह खरीदे जा रहे करीब 310 वाहन, पुलिस महानिदेशक कर चुके हैं तीखी टिप्पणी

डबवाली (लहू की लौ) वाहनों की संख्या तेज रफ्तार के साथ बढ़ रही है, जिसमें जिंदगी का दम घुट रहा है। डबवाली में पिछले चार साल आठ माह में 18 हजार 720 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। अगर माह वार रिपोर्ट का आंकलन किया जाये तो इस समयावधि में प्रत्येक माह करीब 310 वाहन पंजीकृत हुये। जिसमें मोटरसाईकिल, कार, ट्रेक्टर, स्कूटर/मोपेड तथा जीप शामिल हैं। इतनी बढ़ी संख्या में वाहनों का पंजीकरण होने के बावजूद चालक नियमों से कन्नी काटे हुये हैं। चालक नहीं जानते कि वाहन पर सवार होने से पहले कुछ नियम होते हैं। अगर नियमों की पालना की जाये तो हादसों से बचा जा सकता है।
अपने वाहन को जानिए
अपने वाहन को अच्छी तरह जानना आवश्यक है। आपको वाहन के नियंत्रण, सुरक्षा सुविधाओं व उसमें सक्रिय सूचकों, विभिन्न लाईटों और अलार्म के बारे में जानकारी होनी चाहिये। वाहन की लाईटें, हॉर्न, ब्रेक, टायर और अन्य नियंत्रकों को नियमित रूप से चैक करें और सुनिश्चित करें कि वे सही कार्य करने की दशा में हो।
हॉर्न : हर मोटर वाहन एक कार्यशील हॉर्न से सुसज्जित होना चाहिये जो ध्वनि के माध्यम से वाहन के स्थान या आगमन की पर्याप्त चेतावनी दे। घंटियां और सायरन हॉर्न नहीं हां। अपने हॉर्न का उपयोग केवल दुर्घटना से बचने के लिये करें। इसके अलावा केवल आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलैंस, फायर इंजन, पुलिस वाहनों या पंजीकरण प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित वाहनों पर ही हॉर्न फिट किया जा सकता है, जो कठोर, तीखी तथा जोरदार आवाज निकालता हो।
हॉर्न संबंधी जरूरी टिप्स :
1. अनावश्यक और लगातार हॉर्न ना बजायें।
2. मौन क्षेत्रों में हॉर्न न बजायें।
3. साईलेंसर के अलावा निकाल गैसें निकालने के लिये किसी कट-आउट का प्रयोग ना करें।
4. कठोर, तीखी, जोरदार आवाज निकालने वाले हॉर्न ना लगवाएं।
5. ऐसे वाहन ना चलायें जो चलते समय अनुचित शोर करता हो।
6. ऐसा वाहन ना चलायें जिसका साईलेंसर चेतावनीपूर्वक आवाज करता हो।
लाईसेंस प्लेट : एक पंजीकरण चिहन सभी मोटर वाहनों के सामने और पीछे दोनों ओर स्पष्टता से लाईसेंस प्लेट के रूप मे प्रदर्शित होना चाहिये। एक सफेद बल्ब या रियर लैंप ठीक से पूरे पंजीकरण निशान क्षेत्र को प्रकाशित करने वाला होना चाहिये।
रिफ्लेक्टर : बाईक या तिपहिया वाहन को छोड़कर सभी वाहनों में पीछे की ओर दो लाल रिफ्लेक्टर दोनों दिशाओं में एक-एक लगे होने आवश्यक हैं। मोटरसाईकिल में पीछे की ओर कम से कम एक लाख रिफ्लेक्टर लगाया जाना चाहिये।
सीट बेल्टस और एयर बैगस : सीट बेल्ट एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो दुर्घटना की स्थिति में चोट लगने या मृत्यु होने की संभावना को कम करता है। आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति और सामने की तरफ की सीटों पर बैठे व्यक्तियों के लिये चलते वाहन में हर समय सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है।
क्या है सीट बेल्ट का फायदा
1. सीट बेल्ट आपको स्टेयरिंग के पीछे और टकराव की स्थिति में वाहन को आपके नियंत्रण में रखती है।
2. सीट बेल्ट आपके शरीर व सिर को वाहन के अंदर टकराने से बचाती है।
3. सीट बेल्ट टकराव की स्थिति में आपको वाहन के अंदर बनाये रखती है। जो व्यक्ति टबराव के समय वाहन से बाहर गिर जाये, उसे गंभीर चोटें लगने की अधिक संभावना होती है।
वाहन में यह नहीं होना चाहिये
1. सामने दिख रही कोई भी लाल या नीले रंग की चमकती या झपकती रोशनी
2. कोई स्पॉट लाईट या सर्च लाईट
3. कोई भी मल्टी टयून हॉर्न या सायरन जो असाधारण सी आवाज का आभास देता हो।
4.कांच अथवा खिड़कियों पर अंधेरी फिल्म का प्रयाग न हो।


यातायात पुलिस को भी नियमों की जानकारी नहीं
ड्राईविंग की समझ के अभाव और यातायात नियमों की निरंतर अवहेलना ने सड़कों को बेहद असुरक्षित बना दिया है। यह कोई कम आश्चर्य की बात नहीं कि मोटर वाहन चालकों, पैदल चलने वालों, साईकिल चालकों तथा यातायात पुलिस कर्मियों को भी यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं है। सुरक्षित ड्राईविंग की जानकारी के अभाव और यातायात के नियमों को भली-भांति लागू न किये जाने के कारण आज सड़कों पर अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारत में हर साल एक लाख 30 हजार से अधिक व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। केवल पिछले दशक में ही देश में सड़कों पर होने वाली मौतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यदि यह बढ़ौतरी ऐसे जारी रही तो वर्ष 2015 तक यह आंकड़ा 1 लाख 50 हजार को पार कर जाने की आशंका है।
-एसएन वशिष्ठ, पुलिस महानिदेशक, हरियाणा
(हरियाणा पुलिस की ओर से सड़क सुरक्षा नामक पुस्तिका में छपे लेख में)


1 अप्रैल 2010 से
31 मार्च 2011
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 293
मोटरसाईकिल 2084
कार 497
ट्रेक्टर 233
जीप 63
कुल वाहन 3170

1 अप्रैल 2011 से
31 मार्च 2012
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 320
मोटरसाईकिल 2391
कार 537
ट्रेक्टर 395
जीप 91
कुल वाहन 3734

1 अप्रैल 2012 से
31 मार्च 2013
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 409
मोटरसाईकिल 2606
कार 638
ट्रेक्टर 525
जीप 121
कुल वाहन 4302

1 अप्रैल 2013 से
31 मार्च 2014
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 418
मोटरसाईकिल 2597
कार 697
ट्रेक्टर 579
जीप 100
कुल वाहन 4391


1 अप्रैल 2014 से
30 नवंबर 2014
(8 माह की रिपोर्ट)
स्कूटर/मोपेड 389
मोटरसाईकिल 1973
कार 395
ट्रेक्टर 301
जीप 45
कुल वाहन 3103

सरकारें जख्म देती रही, अदालत मरहम लगाती गई

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड पीडि़त संघ क्यों बना? अदालत न होती तो क्या पीडि़तों को न्याय मिलता? सरकार ने जो वायदे किये गये थे, आज तक वे पूरे क्यों नहीं हुये? पिछले उन्नीस वर्षों से अग्निकांड पीडि़त इन्हीं सवालों का जवाब मांग रहे हैं। सरकारों ने जवाब तो नहीं दिया, लेकिन जख्म कुरेदने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। अग्निकांड के ठीक बाद प्रदेश में हुये तख्तापलट के बाद आई सरकार ने ऐसे तुगलकी फरमान जारी किये थे, जिससे अग्निकांड पीडि़तों के इलाज के सभी मार्ग बंद हो गये थे। ऐसे में अदालत ही सहारा बनी। अब एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री के वायदों की याद दिलाने के लिये अग्निकांड पीडि़त पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
यूं अस्तित्व में आया अग्निकांड पीडि़त संघ
23 दिसंबर 1995 के अग्निकांड के दौरान प्रदेश में दिवंगत भजनलाल की सरकार थी। उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों को मुफ्त इलाज की घोषणा की थी। वर्ष 1996 में जैसे ही प्रदेश में तख्तापलट हुआ। दिवंगत बंसीलाल की सरकार बनी। पिछली सरकार के निर्णय को पलटते हुये बंसीलाल सरकार ने मुफ्त इलाज की सुविधा को समाप्त कर दिया। वहीं डीएवी संस्थान में अग्निकांड पीडि़तों के बच्चों से फीस वसूली जाने लगी। अग्निकांड पीडि़त इलाज के लिये तरस गये, जबकि उनके बच्चे शिक्षा को। सरकार के तुगलकी फरमान पर अग्निकांड पीडि़तों में आक्रोश पनप गया। 1996 में पीडि़त हरपाल सिंह, गुरजंट सिंह, रामप्रकाश सेठी, राजकुमार सचदेवा, मास्टर रणजीत सिंह, गुरतेज सिंह धालीवाल, बलविंद्र सिंह, शमशेर सिंह, सुच्चा सिंह भुल्लर, सुरेंद्र कुमार ने मिलकर अग्निकांड पीडि़त संघ का झंडा बुलंद कर दिया। न्याय के लिये अग्निकांड पीडि़त पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चले गये।
तीन मुद्दों पर लड़ी लड़ाई
अग्निकांड पीडि़त संघ ने मुफ्त इलाज, मुआवजे तथा डीएवी संस्थान में फीस वापिसी के लिये जंग लडी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पीडि़तों के दर्द को समझते हुये उत्तर भारत के 10 मेडिकल इंस्टीच्यूट में अग्निकांड पीडि़तों के मुफ्त इलाज करवाने का निर्णय सुनाया। 28 मई 2001 में अपने एक अंतरिम आदेश में अदालत ने डीएवी संस्था को अग्निकांड पीडि़तों से वसूली गई फीस वापिस दिये जाने के आदेश दिये। दो मुद्दों पर जंग जीतने के बाद तीसरा तथा सबसे अहम मुद्दा मुआवजे का आया। 28 जनवरी 2003 को न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके मुआवजा राशि तय करने तथा हादसे के लिए लापरवाह संस्थान के बारे में रिपोर्ट देने को कहा। जून 2003 में 405 मृतकों के परिजनों तथा 88 घायलों ने मुआवजा राशि के लिए अपने आवेदन जस्टिस टीपी गर्ग के समक्ष प्रस्तुत किए। इसके बाद मार्च 2009 में करीब साढ़े साल साल के कार्यकाल में जस्टिस गर्ग आयोग ने लगभग 1300 लोगों की गवाहियां दर्ज करके रिपोर्ट दाखिल की। 9 नवम्बर 2009 में जस्टिस टीपी गर्ग आयोग की रिपोर्ट पर फैसला सुनाते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डीएवी संस्थान व हरियाणा सरकार को अग्निकांड पीडि़तों को लगभग 34 करोड़ रूपए की राशि मुआवजा के रूप में देने के आदेश दिए। लेकिन डीएवी निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चला गया। 15 मार्च 2010 को उच्चतम न्यायालय ने प्रथम सुनवाई के दौरान डीएवी संस्थान को आदेश देकर 10 करोड़ रूपए अग्निकांड पीडि़तों में बंटवाए। 8 जनवरी 2013 को उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। 23 जनवरी 2013 को उच्चतम न्यायालय दिल्ली के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएस चौहान तथा न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की बैंच ने डीएवी की दायर याचिका को खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के 9 नवम्बर 2009 के निर्णय को बहाल रखा।
37 मृतकों तथा 20 घायलों के परिवारों ने नहीं लिया मुआवजा
अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 442 थी। लेकिन मुआवजे के लिये 405 ने आवेदन किया। जबकि घायलों में से करीब बीस लोगों ने आवेदन नहीं किया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब कुछ परिवारों ने मुआवजे के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने की थी घोषणाएं
अग्निकांड के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने डबवाली आकर कुछ घोषणाएं की थी। जिसमें डबवाली के प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामान्य अस्पताल का दर्जा देकर 100 बिस्तर का अस्पताल देने के साथ-साथ इसमें बर्न यूनिट भी बनाने का वायदा किया था। अभी तक 30 बिस्तर का अस्पताल बना है। भवन भी मात्र 60 बिस्तर का बना है। बर्न यूनिट तो बनाने का नाम तक नहीं है। तीसरी तथा सबसे महत्वपूर्ण घोषणा अग्निकांड पीडि़तों को नौकरी दिये जाने की घोषणा की थी। जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं।

7 दिसंबर की बैठक
में उठेंगे मुद्दे
अग्निकांड पीडि़त कई बच्चे इंजीनियरिंग, चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ चुके हैं। जिन्हें अब नौकरी की तालाश है। पूर्व प्रधानमंत्री ने जो घोषणाएं की थी, उनमें ऐसे बच्चों को नौकरी दिया जाना शामिल है। लेकिन आज तक पूर्व प्रधानमंत्री की घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहना है। 7 दिसंबर को होने वाली बैठक में इन्हीं मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जायेगी। अग्निकांड पीडि़त संघ इन मुद्दों पर पीडि़तों को एकजुट करने का काम करेगा।
-विनोद बांसल, प्रवक्ता, अग्निकांड पीडि़त संघ

बढिय़ा बनी थी गली, नगर परिषद ने खोद डाली

डबवाली (लहू की लौ) वार्ड नं. 3 की एक गली को खोदने के बाद न बनाये जाने से गली वासियों में गहरा रोष पनप रहा है। गली वासियों का कहना है कि उनकी गली बिल्कुल ठीक थी, उनसे बिना पूछे नगर परिषद ने गली खोद दी। जिसे एक माह हो चुका है। नप का कहना है कि जब तक गली में लोग घरों के बाहर बने थहड़े नहीं तोड़ेंगे तब तक गली का निर्माण नहीं होगा।
पुन्नू लाल न्यूज पेपर एजेंट वाली गली वासी विजय वढ़ेरा, आशीष बांसल, विजय कुमार, सीमा रानी, रीटा, रेखा, राजिंद्र गुप्ता, प्रवीण बाला, रजनीश कुमार, देसराज, राजकुमार, मनीष गर्ग ने बताया कि उनकी गली बढिय़ा हालत में थी। 4 नवंबर 2014 को सुबह जब उनकी आंख खुली तो गली में जेसीबी चलती हुई मिली। आनन-फानन में जेसीबी चलाये जाने से उनकी सीवरेज तथा पेयजल पाईप टूट गई। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ी। अब नप गली का निर्माण नहीं करवा रही। जिसकी वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गली वासियों ने बताया कि गली टूटी होने के कारण रिक्शा चालक भी भीतर आने से गुरेज करने लगे हैं। वे रिश्तेदारों को गली की नुक्कड़ पर उताकर चलते बनते हैं। गली निर्माण के लिये नगर परिषद सचिव को पत्र दिया गया है।

कब्जे हटने पर होगा गली निर्माण
गली करीब 20-22 फुट है। लेकिन थहड़ों के कारण 11-15 फुट रह गई है। गली वासियों को कब्जा हटाने के लिये कहा गया था। जब तक कब्जे नहीं हटेंगे तब तक गली का निर्माण हरगिज नहीं किया जायेगा।
-जयवीर डुडी, एमई, नगर परिषद, डबवाली

जयंती माता मंदिर में आरसीसी टैंक बनाये जाने पर सहमति

डबवाली (लहू की लौ) जयंती माता सेवा समिति की बैठक वीरवार शाम को श्री वैष्णों माता मंदिर में समिति अध्यक्ष राजेंद्र जैन की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में समिति की ओर से कांगड़ा मंदिर में आरसीसी टैंक के साथ-साथ तीन-तीन हजार लीटर के अन्य तीन टैंक बनाये जाने तथा महिलाओं के लिये शौचालय तथा स्नानघर का निर्माण करवाये जाने का प्रस्ताव पास किया गया। 
इसके अतिरिक्त केशो राम गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर अशोक सिंगला, अजय गर्ग, बिट्टू पंसारी, विक्की, अमित, विक्रम, भोला, रमेश काला ठेकेदार, पप्पी प्रधान उपस्थित थे।

गुरूओं के चरणों में जाकर माफी मांगें इनेलो नेता-भाजपा

दिग्विजय चौटाला के डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ ब्यान पर गर्माई राजनीति

डबवाली (लहू की लौ) डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ इनेलो नेताओं के बोल से राजनीति गर्मा गई है। इनेलो नेता खुल्लम-खुल्ला ग्रामीण जनसभाओं में डेरा के खिलाफ अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। वहीं भाजपा डेरा सच्चा सौदा के बचाव में उतर आई है। भाजपा ने इनेलो की छात्र इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला पर जमकर हमला बोला है। वहीं दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी भाजपा पर तीखा वार किया है। दिग्विजय चौटाला ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में बुजुर्गों को दो हजार रुपए प्रति माह पेंशन देने का वायदा किया था लेकिन सरकार बनते ही भाजपा के मुख्यमंत्री इसे भूल गए और पेंशन को बढ़ाकर केवल 1200 किया गया है। प्रदेश की यह पहली ऐसी सरकार बनी है जो पेंशन बढ़ाने के अपने वायदे को किस्तों में पूरा करने की बात कर रही है। यह बुजुर्गों के साथ भद्दा मजाक है। युवाओं को रोजगार देने के वायदे से पलटते हुए केंद्र सरकार ने एक साल के लिए नौकरियों पर ही प्रतिबंध लगा दिया है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति भी लचर हो गई है। भाजपा को वोट देकर लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
कहा था, राजनीति करनी है तो राजनीतिक दल बनायें
वीरवार को डबवाली क्षेत्र के ग्रामीण दौरे पर लोगों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा था कि धार्मिक संतों का कार्य अंधविश्वासों को मिटाते हुए समाज के उत्थान के लिए के लिए काम करना है न कि राजनीति करना। धर्म की आड़ में राजनीति करना न केवल जनता के साथ धोखा है बल्कि करोड़ों लोगों के विश्वास पर भी ठेस पहुंचती है। हमारे में समाज में धार्मिक संतों व गुरूओं ने एक नई दिशा है परंतु अब धर्म के नाम पर कुछ संत ढोंग कर रहे हैं। उनका असली मकसद समाज हित अथवा अध्यात्म नहीं बल्कि निजी स्वार्थों की पूर्ति करना है। संत समाज में फैले अंधविश्वास को मिटाएं और लोगों को जागरूक करें। यदि किसी को राजनीति करनी है तो वे राजनीतिक दल बनाएं और चुनाव लड़ें।


संतों, गुरूओं के चरणों में जाकर माफी मांगें इनेलो नेता
इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के ब्यान की भाजपा ने तीखी आलोचना की है। भाजपा नेता देव कुमार शर्मा ने कहा कि पहले अभय सिंह चौटाला और अब दिग्विजय चौटाला ने संतों व धार्मिक गुरूओं के प्रति अपनी सोच का प्रदर्शन किया है और यह सोच किसी भी प्रकार से हिंदू संस्कृति के अनुरूप नहीं है। ज्ञानवान संतों व धर्म गुरूओं को इनेलो नेताओं की सीख की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि इनेलो नेताओं को अपनी हार से सबक लेते हुए संतों व गुरूओं को धमकाने की बजाए उनके चरणों में जाकर माफी मांगनी चाहिए। अगर लोग इनेलो को वोट डालें तो सब ठीक है और अगर वोट नहीं दिए तो सब बुरे हैं।  इसी सोच के कारण लोग इनेलो से दूर हो रहे हैं।  देवकुमार शर्मा ने कहा कि हरियाणा में इनेलो का दौर अब समाप्त हो चुका है।

सट्टा खाईवाली में गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को गोल बाजार पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई देसराज ने जीटी रोड़ रेलवे फाटक के निकट सार्वजनिक स्थान पर सट्टा खाईवाली करने के आरोप में राजकुमार उर्फ राजू पुत्र रामजी लाल निवासी वार्ड नं.1, उत्तम नगर, डबवाली को 510 रूपये की राशि सहित गिरफ्तार किया है। 

फोन पर आई कॉल, तेरी बेटी को उठा ले जाऊंगा

डबवाली (लहू की लौ) सुंदर नगर निवासी सतपाल ने शहर थाना पुलिस को शिकायत देकर मोबाइल पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। सतपाल के अनुसार 3 दिसंबर 2014 को शाम करीब पौने छह बजे उसके पास फोन कॉल आई। कॉलर ने कहा कि वह उसे जान से मार देगा। उसकी बेटी को उठाकर ले जायेगा। 

नशे में धुत्त पटवारी को नोटिस, मामले की जांच शुरू

डबवाली (लहू की लौ) तहसील कार्यालय में नशे में धुत्त मिला पटवारी शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में उपचार लेने पहुंच गया। हाथों में कंपन तथा घबराहट की शिकायत पर चिकित्सक ने उसकी मेडिकल जांच करवाई है। उधर तहसीलदार का कहना है कि आरोपी पटवारी को नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन दो अलग-अलग मामलों में जांच करेगा।
सरकारी अस्पताल के एसएमओ एमके भादू ने बताया कि पटवारी रामसरूप को हाथों में कंपन तथा घबराहट की शिकायत है। पटवारी का कहना है कि वह शराब बहुत पीता है। इसकी वजह से उसे समस्याएं आ रही हैं। पटवारी के कहने के अनुसार उसके लीवर के टेस्ट करवाये गये हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कदम उठाया जायेगा।
इधर तहसीलदार मातू राम नेहरा ने कहा कि शिकायत के आधार पर पहली जांच शुरू करते हुये पटवारी तथा संबंधित शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया गया है। दूसरी जांच नायब तहसीलदार संजय चौधरी की रिपोर्ट के बाद शुरू होगी। जांच के दौरान संबंधित पक्षों के ब्यान कलमबद्ध करने के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के पास भेज दी जायेगी।
गौरतलब है कि पटवारी रामसरूप वीरवार को तहसील परिसर में नशे में धुत्त मिला था। पता चलने पर नायब तहसीलदार छोटू राम के पहुंचने से पहले ही दो कर्मचारी उसे लेकर फुर्र हो गये थे।

बैंगलुरू में सम्मानित हुआ वतन और उसका परिवार

डबवाली (लहू की लौ)  इस वर्ष 28 नवम्बर 2014 को एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज (वायु सेना तकनीकी कॉलेज) बैंगलुरू में आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में डबवाली निवासी वतन गोयल पुत्र दर्शन लाल गोयल ने फ्लाईंग ऑफिसर के रूप में हिस्सा लिया।
परेड़ के मुख्यातिथि व निरिक्षण अधिकारी एयरमार्शल जगजीत सिंह विशिष्ट सेवा मैडल थे। इस समारोह में फ्लाईंग ऑफिसर वतन गोयल को संयुक्त मैरिट में द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए उपराष्ट्रपति स्वॉर्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई।
परिवार हुआ सम्मानित
वैमानिकी अभियांत्रिकी इलेक्ट्रॉनिकी शाखा में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए एयर वाईस मार्शल रिखी ट्रॉफी भी पुरस्कार  स्वरूप दी गई। इस अवसर पर  एयरमार्शल जगजीत सिंह वि.से.मे. ने फ्लाईंग ऑफिसर वतन गोयल के परिवार को भी सम्मानित किया।

जीएन कॉलेज में हुआ एप्टीट्यूड टेस्ट

डबवाली (लहू की लौ) गुरू नानक कॉलेज किलियांवाली में शुक्रवार को गणित विभाग द्वारा एप्टीट्यूड  टैस्ट (अभिरूचि प्रतियोगिता) आयोजित किया गया। जिसमें गणित के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में जसप्रीत सिंह बीए प्रथम वर्ष प्रथम,रोहित गुप्ता बीए प्रथम वर्ष तथा हरप्रीत ङ्क्षसह बीए द्वितीय, हरमन ङ्क्षसह बीए तृतीय व काजल बीए तृतीय द्वितीय रहे। कार्यक्रम में प्रिंसीपल डॉ. इन्दिरा अरोड़ा, प्रो. शिल्पा अरोड़ा, अर्चना ग्रोवर, दीपिका तथा ज्योति उपस्थित थे।

विद्यार्थियों को दी एयरक्राफ्ट सरंचना की जानकारी

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को राजा राम कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एनसीसी एयरविंग कैडट्स की वायुयान उड़ान के सिद्धांत की कक्षा के दौरान नम्बर एक हरियाणा एयरस्वकाड्रन एनसीसी हिसार के जूनियर वारन्ट ऑफिसर भूपेश, राजेश ने एयरक्राफ्ट की सरंचना , ईंजन के डिजायन तथा ईंजन की कार्य पद्धति के बारे में जानकारी दी। विमान के उतरने व उड़ते समय फलाईंग कंट्रोलर के इस्तेमाल के बारे में भी बताया।  एनसीसी अधिकारी सत्यापाल जोशी तथा प्रिंसीपल प्रवीण गौड़ ने बताया कि इस तरह की ट्रेनिंग तथा मोटिवेशन के द्वारा विद्यार्थियों को भविष्य में ऑफिसर कैडर में भर्ती होने में सहायता मिलती है। 

एचडीएफसी बैंक की शाखा में लगा शिविर, 64 ने किया रक्तदान

डबवाली (लहू की लौ) एचडीएफसी बैंक की डबवाली शाखा में शुक्रवार को रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। जिसमें 64 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। शाखा प्रबंधक रवि कक्कड़ के सानिध्य में लगे शिविर में एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बतौर मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। ज्योति प्रज्जवलित करके चतुर्थ रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। बैंक की ऑपरेशन टीम के प्रभारी कुलविंद्र सिंह एवं कर्ण कुमार ने बताया रक्तदानियों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। पंडित भगवत दयाल शर्मा पीजीआई रोहतक के ब्लड बैंक से डॉ. नरेश के नेतृत्व में 13 सदस्यीय सहयोगी टीम ने रक्त प्राप्त किया।

6 Dec. 2014





हर माह तीन ने गंवाई जान

यातायात नियमों का ज्ञान न होने तथा लापरवाही बन रही हादसों का कारण

डबवाली (लहू की लौ) यातायात नियमों के प्रति ज्ञान न होने से सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले दस वर्ष के आंकड़ों पर गौर किया जाये तो इस वर्ष डबवाली क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। दुर्घटना में हर माह तीन लोगों की जान गई है। जबकि घायल लोगों का आंकड़ा भी यही रहा है। शहर थाना डबवाली क्षेत्र में इस वर्ष 44 हादसे हुये हैं। जिनमें से बीस हादसे जानलेवा साबित हुये। सदर थाना डबवाली क्षेत्र में कुल 20 हादसे हुये। जिनमें से 10 हादसों में जान गई। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर पुलिस मुहिम छेडऩे जा रही है। यातायात नियमों के बारे में स्कूली बच्चों को जागरूक किया जायेगा।

शहर थाना डबवाली क्षेत्र में हादसे
साल हादसे (जिनमें जान गई)  घायल
2005 10 14
2006 18 21
2007 14 11
2008 08 24
2009 19 08
2010 09 14
2011 09 10
2012 11 19
2013 11 22
2014 20 22

स्पीड लिमिट पर ध्यान दें : अक्सर जल्दी के चक्कर में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। युवा सड़क को रेसिंग ट्रेक समझकर दोपहिया या फिर चार पहिया वाहन भगाते हैं। लेकिन इस बारे में भी गति सीमा निर्धारित हैं।
वाहन का प्रयोग राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य राजमार्ग अन्य मुख्य सड़कें
              (किमी/घंटा) (किमी/घंटा) (किमी/घंटा)
बस/ट्रक           65           65 60
कार/जीप                    90          80 70
मोटरसाईकिल            50           50 45
एक पहलू यह भी : यदि आप किसी बारात, सैनिक या पुलिस मार्च या कामगारों के सड़क पर मरम्मत कार्य में लगे होने के दौरान गुजर रहे हैं, तो आपकी गति 25 किमी. प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिये। (स्त्रोत : हरियाणा पुलिस)

सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में तथ्य
1. विश्व में प्रतिवर्ष 13 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। 2. 90 प्रतिशत सड़क हादसे भारत जैसे विकासशील देशों में होते हैं। 3. विश्व में युवा जनसंख्या में मृत्यु का यह सबसे बड़ा कारण है।  4. सड़क दुर्घटनाएं प्रतिवर्ष पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रही हैं। 5. भारत का सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में दुनियां में पहला स्थान है। 6. भारत में प्रति घंटा में 15 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। इसका अर्थ है कि 360 लोग प्रतिदिन शाम को घर नहीं पहुंचते हैं। 7. मृतकों में 85 प्रतिशत लोग परिवार के मुखिया हैं, जो परिवार की रोजी रोटी चलाते हैं। 8. सड़क हादसों में शिकार 70 प्रतिशत लोग, 30 से 59 वर्ष की आयु से संबंधित हैं। 10. पूरे विश्व में सड़क हादसों में मरने वालों में 50 प्रतिशत से अधिक पैदल चलने वाले साईकिल सवार या दो पहिया वाहन सवार हैं।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार का आंकड़ा
ड्राईवरों की लापरवाही व गलत दृष्टिकोण ही 81 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिये एकमात्र जिम्मेदार कारण है। इसी कारण 82 प्रतिशत लोग घायल होते हैं व 76 प्रतिशत लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं।
लापरवाही के मुख्य कारण
शराब पीकर वाहन चलाना, तेज रफ्तार, उतावलापन, गति सीमा को तोडऩा, गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना, ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन करना, तेज गति से ओवरटेक करना, वाहनों को ओवरलोड व सड़कों की दुर्दशा।

बरसी से तीन दिन पहले तारीख मुआवजे के लिये होगी बहस

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड को अब तक दुनियां का सबसे भयानक अग्निकांड माना गया है। जिसने शहर की एक प्रतिशत आबादी को लील लिया। उन्नीस वर्षों से चला रहा अग्निकांड पीडि़तों का संघर्ष अभी तक जारी है। मुआवजे की लड़ाई में बेशक सरकार अपने कोटे का पैसा देकर निकल गई हो। लेकिन एक निजी संस्थान अब भी अग्निकांड पीडि़तों को कोर्ट की तारीखें भुगतने के लिये मजबूर कर रहा है। मामले में इस बार सुनवाई अग्निकांड की 19वीं बरसी से ठीक तीन दिन पहले होनी है।
क्या हुआ था
23 दिसम्बर 1995 को चौटाला रोड़ पर स्थित राजीव मैरिज पैलेस (अब अग्निकांड स्मारक स्थल) में डीएवी स्कूल डबवाली का वार्षिक कार्यक्रम चल रहा था। इसी दौरान 1 बजकर 47 मिनट पर बिजली शॉर्ट सर्किट से पंडाल के गेट से लगी आग ने देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में 442 लोगों को लील लिया। जिसमें 36 व्यस्क, 258 स्कूली बच्चे और 125 घरेलू महिलाएं व 13 अन्य थे। जबकि 88 लोग घायल हुए थे। इस कार्यक्रम में करीब दो हजार लोगों ने भाग लिया था। आग से झुलसे लोगों में से 30 ऐसे लोग हैं, जिनके अंग भंग हो गए।
जारी है मुआवजे की जंग
साल 1996 में न्याय पाने के लिए एसोसिएशन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। अदालत ने एसोसिएशन की याचिका पर साल 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके उन्हें संबंधित पक्षों पर मुआवजा निर्धारित करने का अधिकार दिया। मार्च 2009 को आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दी। नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने मुआवजा के संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को 45 प्रतिशत और डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत मुआवजा राशि पीडि़तों को अदा करने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को 45 प्रतिशत मुआवजा के रूप में 21 करोड़, 26 लाख, 11 हजार 828 रूपए और 30 लाख रूपए ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए। जबकि डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत के रूप में 30 करोड़ रूपए की राशि अदा करने के लिए कहा। अग्निकांड पीडि़तों को अदालत द्वारा मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी करने के बावजूद भी जब सरकार ने इसके विरूद्ध अपील करने की ठानी तो अग्निकांड पीडि़तों को संघर्ष करना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने तो अपने हाथ पीछे खींच लिए। लेकिन डीएवी मुआवजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चला गया। उच्चतम न्यायालय दिल्ली के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएस चौहान तथा न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की बैंच ने डीएवी की दायर याचिका को खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चण्डीगढ़ के 9 नवम्बर 2009 के निर्णय को बहाल रखा। मामला उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी डबवाली को सौंप दिया गया। अदालत में मामला अभी भी विचाराधीन है। जिस पर 20-12-2014 को सुनवाई होनी है। डीएवी संस्थान की ओर चार करोड़ बकाया : अग्निकांड पीडि़त संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि अदालत ने डीएवी संस्थान की ओर जो मुआवजा तय किया था, उसे पूर्ण रूप से भरने में संस्थान हिचकिचा रहा है। अभी तक चार करोड़ रूपये संस्थान की ओर बकाया हैं। जिसका विवाद अदालत में चल रहा है। 

दिल का दौरा पडऩे से ईएएसआई की मौत

डबवाली (लहू की लौ) वीरवार को चौटाला पुलिस चौकी में दिल का दौरा पडऩे से एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। पुलिस ने डबवाली के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों के हवाले कर दिया।
चौटाला पुलिस चौकी में ईएएसआई के पद पर कार्यरत जयनारायण (50) वीरवार को चौकी के एमएचसी रूम में चारपाई पर लेटा हुआ था। इसी दौरान वह नीचे गिर गया। कमरे में कुछ गिरने की आवाज सुनकर साथी कर्मचारी दौड़े। जमीन पर गिरे जयनारायण को संभाला। उपचार के लिये उसे अस्पताल में ले गये। वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजस्थान के श्रीगंगानगर के गांव दौलतपुरा निवासी जयनारायण पुलिस लाईन सिरसा में रात्रि डयूटी पूरी करके वीरवार सुबह वापिस चौकी में लौटा था।
पहले भी हो चुकी है मौत
करीब एक साल पूर्व इसी पुलिस चौकी में कार्यरत एएसआई सतबीर सिंह की मौत भी दिल का दौरा पडऩे के कारण हुई थी।
चौटाला चौकी इंचार्ज धन सिंह सोनी ने बताया कि ईएएसआई जयनारायण की मौत दिल का दौरा पडऩे के कारण हुई है। दफा 174 सीआरपीसी के तहत शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

नशे में तहसील पहुंचा पटवारी, जांच के आदेश


डबवाली (लहू की लौ) वीरवार को एक पटवारी के नशे में तहसील पहुंचने पर हंगामा हो गया। जैसे ही शिकायत तहसीलदार के समक्ष पहुंची तो पूरा प्रशासनिक अमला पटवारी को बचाने में कूद गया। आनन-फानन में तहसील कर्मियों ने नशेड़ी पटवारी को उठाकर कार में फेंक लिया और फरार हो गये।
बुधवार को गांव अहमदपुर दारेवाला निवासी सुरेश कुमार ने तहसीलदार को शिकायत देकर कहा कि पटवारी रामसरूप कभी कभार गांव में पहुंचता है। वह जब भी डयूटी पर होता है, शराब के नशे में धुत्त होता है। काम की एवज में उनसे दस गुणा पैसे मांगता है। अभी भी यह पटवारी तहसील में शराब पीये हुये आया है। तहसीलदार मातू राम नेहरा ने नायब तहसीलदार छोटू राम भाकर को संबंधित पटवारी को काबू करने के लिये भेजा। नायब तहसीलदार मौका पर पहुंचते इससे पहले ही पटवारी हरपाल सिंह मांगेआना तथा तहसील कर्मी गजे सिंह फौरन बाहर आये। चारपाई पर अर्धनग्न अवस्था में लेटे पटवारी को जल्दबाजी में उठाया। पटवारी के खड़े होते ही नशे में उसके पैर लडख़ड़ाने लगे। दोनों ने नशेड़ी पटवारी को घसीटते हुये ई-दिशा केंद्र के बाहर खड़ी कार में डाल लिया और फरार हो गये।
नहीं मिला पटवारी
तहसीलदार के कहने पर मैं पटवारी को काबू करने के लिये गया था। लेकिन जब मैं मौका पर पहुंचा, उस समय पटवारी वहां नहीं था। -छोटू राम, नायब तहसीलदार, डबवाली
शिकायत मिली
पटवारी रामसरूप के नशे में धुत्त होकर कार्य करने की शिकायत मिली है। लेकिन पटवारी मौका पर नहीं मिला। पटवारी आज डयूटी पर था या नहीं, वह तहसील में किस कार्य के लिये आया था? यह जानने के लिये गोरीवाला सबतहसील के नायब तहसीलदार संजय चौधरी को पत्र भेजा गया है। शिकायतकर्ता तथा पटवारी के ब्यान दर्ज करने के बाद कार्रवाई की जायेगी। पटवारी का नशे में तहसील आना सरासर गलत है।
-मातू राम नेहरा
तहसीलदार, डबवाली
डयूटी पर था पटवारी
नायब तहसीलदार संजय चौधरी छुट्टी पर चल रहे हैं। पटवारी रामसरूप के पास लंबी, अहमदपुर दारेवाला तथा झुट्टीखेड़ा गांव हैं। वह आज डयूटी पर था। लेकिन किस कार्य के लिये वह तहसील में गया था, यह मालूम नहीं।
-मलकीत सिंह, कानूनगो

50 लाख की रूईं जलकर राख


राधा कृष्ण कॉटेक्स में आग पर चार घंटे में पाया काबू


डबवाली (लहू की लौ) वीरवार को गांव शेरगढ़ स्थित एक कॉटन फेक्टरी में आग लगने से लाखों रूपये की रूईं जलकर राख हो गई। मौका पर पहुंची नगर परिषद तथा मार्किट कमेटी डबवाली की चार फायर ब्रिगेड ने चार घंटों की कड़ी मशक्त के बाद आग पर काबू पाया।
चार घंटे में पाया काबू
शाम करीब 4 बजे वडिंगखेड़ा रोड़ पर स्थित कॉटन फेक्टरी राधा कृष्ण कोटेक्स प्राईवेट लिमिटेड में प्रेस मशीन चल रही थी। जिससे रूई प्रेस होने के बाद गांठ तैयार की जा रही थी। अचानक प्रेस के पट्टे में आग लग गई। मशीन पर कार्य कर रही लेबर में भगदड़ मच गई। लेबर ने इसकी जानकारी तुंरत फेक्टरी मालिक दीपक गोयल तथा दमकल केंद्र को दी। फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले लेबर ने खुद आग बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग भड़कती चली गई। सूचना मिलते ही नगर परिषद की तीन तथा मार्किट कमेटी की एक गाड़ी मौका पर पहुंची। तब तक आग फेक्टरी के चार बैरकों में फैल चुकी थी। भीतर जाने का मार्ग बंद होने पर कर्मचारी कर्म सिंह, बलवीर सिंह, कुलविंद्र सिंह, नंद लाल, विक्रम ने दीवारें तोड़कर आग बुझानी शुरू की। करीब चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद देर शाम को कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया। सूचना पाकर मार्किट कमेटी सचिव हेतराम भी मौका पर पहुंचे। फेक्टरी मालिक दीपक गोयल ने बताया कि जिस समय आग लगी प्रेस मशीन चल रही थी। मशीन के पट्टे में आग लगी। जोकि बैरकों में पड़ी रूईं तक जा पहुंची। आग लगने के कारण करीब 500 क्विंटल रूई जल गई। जिसकी बाजार कीमत करीब 50 लाख रूपये है।

इनेलो के निशाने पर डेरा सच्चा सौदा

इनेलो नेता अभय चौटाला के बाद इनसो अध्यक्ष दिग्विजय ने निकाली भड़ास

डबवाली (लहू की लौ) इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति करना बुरी बात नहीं है, परन्तु धर्म की आड़ में राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने से लोगों की आस्था को चोट पहुंचती है। वीरवार को डबवाली क्षेत्र के ग्रामीण दौरे पर लोगों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि धार्मिक संतों का कार्य अंधविश्वासों को मिटाते हुए समाज के उत्थान के लिए के लिए काम करना है न कि राजनीति करना। धर्म की आड़ में राजनीति करना न केवल जनता के साथ धोखा है बल्कि करोड़ों लोगों के विश्वास पर भी ठेस पहुंचती है।
दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि  हमारे में समाज में धार्मिक संतों व गुरूओं ने एक नई दिशा है परंतु अब धर्म के नाम पर कुछ संत ढोंग कर रहे हैं। उनका असली मकसद समाज हित अथवा अध्यात्म नहीं बल्कि निजी स्वार्थों की पूर्ति करना है। उन्होंने कहा कि संत समाज मे फैली बुराईयों, कन्या भ्रुण हत्या, दहेज हत्या  रोकने व नारी शिक्षा को बढ़ावा देने सहित अन्य गतिविधियों में हिस्सा लें, इससे समाज के लोगों का धार्मिक संतों की विश्वास अधिक बढ़ेगा। संत समाज में फैले अंधविश्वास को मिटाएं और लोगों को जागरूक करें। यदि किसी को राजनीति करनी है तो वे राजनीतिक दल बनाएं और चुनाव लड़ें।
दिग्विजय चौटाला ने आज डबवाली विधानसभा हलका के गांव सालमखेड़ा, जंडवाला जाटान, किंगरे, मलिकपुरा, रामपुरा बिश्रोइयां, रामगढ, रत्ताखेड़ा, राजपुरा, घुकांवाली आदि गांवों का दौरा कर नैना सिंह चौटाला को विजयी बनाने पर आभार व्यक्त किया। दिग्विजय ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में नहीं हैं, परंतु वे युवाओं को रोजगार दिलवाने की उन्हें हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इनेलो की सरकार न बनने पर कार्यकत्र्ता निराश होने की बजाय एकबार फिर एकजुट होकर संघर्ष करें ताकि अगली बार चौ. आमप्रकाश चौटाला को सी.एम. बनवा सकें। इसके अलावा दिग्विजय ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से कार्य किया जाएगा। इस दौरान दिग्विजय ने गांवों में लोगों की समस्याएं भी सुनी व उनका जल्द हल करवाने की बात कही। इस मौके पर संदीप सिंह गंगा, सर्वजीत मसीतां, मंदर सरां, हसंराज, अवतार मल्हान, बलविन्द्र सरां, दर्शन सिंह मौजूद रहे।

भाजपा को समर्थन देने पर विवाद
बता दें कि विधानसभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा ने सरेआम भाजपा का समर्थन किया था। तभी से अपनी हार के लिये इनेलो डेरा प्रमुख को जिम्मेवार मान रही है। डेरा प्रमुख लगातार इनेलो के निशाने पर चल रहे हैं। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ग्रामीण दौरे पर डेरा प्रमुख का नाम लिये बगैर आग उगल रहे हैं।

प्रतिबंधित नशीली दवा के साथ एक गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) सीआईए सिरसा पुलिस ने एक व्यक्ति को प्रतिबंधित नशीली दवाई की 35 शीशी व 1 किलो 300 ग्राम चूरापोस्त के साथ गांव ओढां क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान विजय पुत्र जमेदर निवासी ओढां के रूप में हुई है।
मामले के जांच अधिकारी सीआईए स्टाफ के उपनिरीक्षक छाजूराम ने बताया कि गश्त व चैकिंग के दौरान आरोपी को नशीली दवाई व चूरापोस्त के साथ पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि आरोपी से पूछताछ के दौरान दवाई व चूरापोस्त सप्लायर का नाम-पता मालूम कर दोनों के विरुद्ध मादक पदार्थ अधिनियम के तहत ओढां थाना में मामला दर्ज कर सप्लायर की तलाश शुरू कर दी है।

दोस्तों की कारगुजारी की सजा, तीन साल बाद सलाखों के पीछे

पुलिस से बचने के लिये बीकानेर तथा गुडग़ांव में रहा

डबवाली (लहू की लौ) लूट की वारदात के लिये चार दोस्तों को अपनी कार मुहैया करवाने वाला भगौड़ा करार आरोपी तीन साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया है। पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध एक ओर मामला दर्ज किया है। वीरवार को पुलिस ने आरोपी को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) देवेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिये।
वरना पर दिया था वारदात को अंजाम
वर्ष 2011 में वरना कार सवार चार युवकों ने पन्नीवाला मोटा स्थित एक पेट्रोल पंप पर तेजधार हथियार दिखाकर 95 हजार रूपये लूट लिये थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने वारदात में प्रयोग की गई वरना गाड़ी गांव कालूआना निवासी संदीप कुमार की होनी बताई थी। जिस पर पुलिस ने संदीप के खिलाफ दफा 120-बी के तहत मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी। लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आया। मुखबरी के आधार पर सीआईए डबवाली ने बुधवार शाम को संदीप को गांव चौटाला से काबू कर लिया। पुलिस के अनुसार वह अपने किसी परिचित से मिलने के लिये चौटाला में आया था और बस से उतरा था।
एक दिन का रिमांड लिया
सीआईए डबवाली के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि 15 नवंबर 2012 को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कपिल राठी की अदालत ने भगौड़ा घोषित किया था। पुलिस से छुपने के लिये संदीप बीकानेर तथा गुडग़ांव में ठिकाने बदलता रहा। आरोपी के विरुद्ध भादंसं की धारा 174-ए के तहत थाना ओढां में मामला दर्ज किया गया है। वीरवार को उसे न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) देवेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिये। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस वारदात में प्रयोग हुई वरना गाड़ी बरामद करने का प्रयास करेगी।