14 जुलाई 2011

सौ-सौ गज प्लाट की रजिस्टरी के लिए गरीबों से उगाही

डबवाली (लहू की लौ) सिर छुपाने के लिए सरकार द्वारा देय सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए गांवों से आए गरीबों से तहसील कार्यालय में जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर 30-30 रूपए की उगाही की गई। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बुधवार को गांव तिगड़ी तथा लखुआना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज के दिए गए प्लाटों की संबंधित पंचायतों ने तहसील कार्यालय में रजिस्टरी करवानी थी। इस कार्य के लिए 120 लोग पहुंचे हुए थे। बिजली का कट होने के कारण तहसील में रजिस्टरी संबंधी कार्य ठप्प पड़ा था। सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी का कार्य शुरू करने के लिए तहसील कार्यालय ने बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की मांग की। बिना तेल के जनरेटर उपलब्ध हो गया।
गांव तिगड़ी निवासी गोरा, लखवीर ,हरबिलास, सुक्खा आदि ने बताया कि वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं। आज उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री देने के लिए तहसील कार्यालय में बुलाया गया था। यहां लाईट न होने के कारण जनरेटर में तेल डालने के लिए उनसे 30-30 रूपए की उगाही की गई।
खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम ने कहा कि जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर मजदूरों से 30-30 रूपए की उगाही करके प्रशासन मजदूरों का शोषण कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्लाट लेने आए मजदूरों ने उनसे उगाही करने की जानकारी उसे दी है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
इस संदर्भ में गांव तिगड़ी के सरपंच गुलाब सिंह तथा लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वे लोग प्लाट धारकों के साथ प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए थे। लेकिन उस दिन कंप्यूटर खराब थे। जिसके चलते उन्हें उस दिन वापिस जाना पड़ा। जिसके कारण मजदूरों को मजदूरी की हानि हुई। बुधवार को लाईट न होने के कारण फिर से उनका नुक्सान होना था। उन्होंनें मजदूरों की भलाई के लिए बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकर रामकिशन से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेटर की व्यवस्था हो गई है। तेल की व्यवस्था वे कर दें। उनको तेल पर खर्च की गई राशि कार्यालय से मिल जाएगी।
खुफियां तंत्र से मिली जानकारी
इस संबंध में नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई ने बताया कि खुफिया तंत्र से उन्हें भी गरीबों से उगाही की जानकारी मिली है। अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यापूर्ण है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।
मैंने कुछ नहीं कहा
बीडीपीओ कार्यालय के लेखाकार रामकिशन ने बताया कि तहसील कार्यालय के आदेश पर उन्होंने जनरेटर उपलब्ध करवा दिया था। इसमें तेल सरपंचों ने डलवाना था। सरपंचों को तेल पर खर्च राशि का बीडीपीओ कार्यालय से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्होंने सरपंचों को तेल की राशि देने संबंधी कोई आश्वासन दिया है।
लिए हैं तो वापिस होंगे पैसे
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि उनके समक्ष भी उगाही करने का मामला आया है। उन्होंने बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकार रामकिशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर गरीबों से उगाही की गई है तो उन्हें वापिस लौटाकर इसकी रिपोर्ट उन्हें दें।

तस्करी करता गुरूद्वारा का सेवादार काबू

डबवाली (लहू की लौ) सदर डबवाली पुलिस ने चूरा पोस्त तस्करी में उपमण्डल में स्थित एक गुरूद्वारा के सेवादार तथा उसके साथी को काबू किया है। दोनों राजस्थान के हनुमानगढ़ से 14 किलोग्राम चूरा पोस्त लेकर हीरो होंडा स्पलेण्डर बाईक पर डबवाली की ओर आ रहे थे। आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
थाना सदर डबवाली के सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम मंगलवार शाम को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबरी मिली कि बाईक सवार दो व्यक्ति संगरिया की ओर से डबवाली की ओर जा रहे हैं। उनके पास चूरा पोस्त है। मुखबर की सूचना पर सहायक उपनिरीक्षक ने अपनी टीम के साथ गांव अबूबशहर के पास नाका लगा लिया और वाहनों पर नजर बढ़ा दी। जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम ने बताया कि इसी दौरान पुलिस टीम को संगरिया साईड से एक बाईक आता हुआ दिखाई दिया। उसे रूकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर चालक ने बाईक को वापिस मोडऩा चाहा। शक के आधार पर पुलिस ने बाईक सवारों की तालाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को बाईक पर रखे प्लास्टिक बैग से चूरा पोस्त बरामद हुई। बाईक सवारों को चूरा पोस्त तथा बाईक सहित काबू कर लिया गया।
जांच अधिकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बूटा सिंह (21) पुत्र राजू  उर्फ हरबंस सिंह निवासी रामां तथा बलवीर सिंह (55) पुत्र गुरदित्ता सिंह निवासी तरखानवाला (पंजाब) हाल गांव फुल्लों के रूप में हुई है।
सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम के अनुसार बलवीर सिंह उपमण्डल के गांव फुल्लो में स्थित गुरूद्वारा में सेवादार है। जबकि बूटा सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। दोनों काफी समय से चूरा पोस्त तस्करी में संलिप्त है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे राजस्थान से 800 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चूरा पोस्त लाते हैं और आगे उसे 1000  से 1200 रूपए प्रति किलोग्राम से बेचते हैं। पकड़ी गई 14 किलोग्राम चूरा पोस्त को उन्होंने हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था।
बुधवार को पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को उनसे बरामद हुए बाईक, चूरापोस्त के साथ उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पानी में डूबने से बच्चे की मौत

डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार गांव गंगा के एक परिवार के लिए अमंगल साबित हुआ। सुबह की खुशियां शाम ढलते-ढलते मातम में बदल गई। घर में गूंजती किलकारी सदा के लिए खामोश हो गई।
गांव गंगा का 22 वर्षीय जसविंद्र सिंह मंगलवार को अपने खेत में कार्यरत था। घर पर उसकी पत्नी मनप्रीत कौर तथा डेढ़ वर्षीय बेटा गुरविंद्र सिंह था। शाम करीब 5.30 बजे मनप्रीत कौर रसोई में काम में व्यस्त थी। इसी दौरान गुरविंद्र खेलता हुआ 3 फुट चौड़ी तथा 2 फुट गहरी डिग्गी (पशुओं की खेल) के पास आ गया। डिग्गी में करीब पौने दो फुट पानी था। यहां खेलते-खेलते वह डिग्गी में गिर गया। कुछ समय बाद मनप्रीत कौर रसोई से बाहर आई तो उसने गुरविंद्र की तालाश आरंभ की। बेटे की तालाश में वह कभी इधर तो कभी उधर दौड़ी। इसकी जानकारी उसने पड़ौसियों को भी दी। करीब डेढ़ घंटा तक ग्रामीण दौड़ धूप करते रहे। अचानक मनप्रीत का ध्यान डिग्गी की ओर गया। डेढ़ वर्षीय गुरविंद्र डिग्गी में डूबा हुआ था। पड़ौस में रहने वाले गुरमेल सिंह ने इसकी जानकारी जसविंद्र सिंह को दी। गुरविंद्र को शाम करीब 8 बजे इलाज के लिए तुरंत डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जसविंद्र सिंह का यही एक बेटा था।
मामले के जांच अधिकारी गोरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि मृतक गुरविंद्र के पिता जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसके डेढ़ वर्षीय बेटे की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। जसविंद्र के ब्यान के आधार पर पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।

भुजिया टेस्टी न लगने पर सालों ने जीजा पर किया हमला

डबवाली (लहू की लौ) लालपरी के साथ रखा गया भुजिया पसंद न आने पर कुछ लोग अपने जीजा के गल पड़ गए। गाली-गलौज होने के बाद मामला झगड़े तक जा पहुंचा। इन लोगों ने अपने जीजा पर हमला कर दिया। बीच में आए पिता-पुत्र अपना सिर फुटवा बैठे। जिन्हें घायल अवस्था में सरकारी अस्पताल में लाया गया। झगड़ा मंगलवार रात करीब 9.30 बजे कबीर बस्ती में हुआ।
कबीर बस्ती में रह रहे लाला राम भाट (30) ने बताया कि पीपेरन हाल गांव शेरगढ़ में रह रहे उसके साले राज, कृष्ण, प्रताप तथा ठाकर मंगलवार को उसके यहां आए हुए थे। उनके लिए उसने शराब का बंदोबस्त किया हुआ था। शराब के साथ उसने भुजिया भी रख दिया। लेकिन उसके सालों को भुजिया पसंद नहीं आया। वे लोग उससे गाली-गलौज करने लगे। उसने भी गाली निकाल दी। तैश में आए उपरोक्त चारों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता बल्लू राम (70) तथा भाई राजू (22) ने उसे उनसे छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक न चली। आरोपियों ने वहां पड़ा तेजधार हथियार उठा लिया उसे बचा रहे उसके पिता बल्लू राम के सिर पर दे मारा। उसके भाई से भी मारपीट की। उसने भागकर अपनी जान बचाई।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। घायलों के ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

एनएच पर पड़े रहे घायल, किसी ने नहीं उठाए

डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच एक बाईक स्लिप करने से दो युवक घायल हो गए। वहां से गुजर रहे वाहनों ने घायलों को उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। बाद में घायलों ने अपने किसी परिचित को फोन करके मौके पर बुलाया। परिचित ने  लोगों के सहयोग से दोनों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।
मेडिसन का स्टॉकिस्ट सिरसा निवासी राकेश (23) अपने कजन हर्ष उर्फ डिम्पल (25) निवासी सिरसा के साथ स्पलेण्डर प्लस बाईक पर डबवाली में मेडिसन के ऑर्डर लेने के लिए आ रहा था। बाईक को राकेश चला रहा था। गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच सड़क पर पड़े एक पत्थर से टकराकर उनकी बाईक पलट गई। जिससे दोनों घायल हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों को उठाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। घायल राकेश ने हिम्मत जुटाते हुए कालांवाली में आए मेडिसन का ऑर्डर लेने आए अपने एक परिचित जुगनू को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जुगनू ने लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सिरसा रैफर कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। बाईक स्लिप होने की वजह से दोनों घायल हुए हैं।

सरकार से लड़ाई के मूड में होमगार्ड

डबवाली (लहू की लौ) होमगार्ड जवान अपने हक के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लिहजे से अपनी मांगों के समर्थन में एक संदेश भेजा है। जवानों ने बुधवार को हरियाणा के गृह राज्य मंत्री गोपाल काण्डा के नाम कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ को एक ज्ञापन सौंपा।
होमगार्ड जवान शाखा डबवाली के अध्यक्ष विनोद कुमार, महावीर सिंह, राजेश, डिम्पल, राजू, हरपाल, महेंद्र, सोहन लाल, मोती लाल, राम सिंह के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुए और जग्गा सिंह बराड़ के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में गृह राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जवानों ने कहा कि वे लोग भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा वेयर हाऊस के गोदामों में सिक्योरिटी हेतू मात्र 150 रूपयों में डियूटी करते हैं। जबकि आम आदमी की मजदूरी 300 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। कमरतोड़ महंगाई में दी जा रही मजदूरी से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत पड़ौसी सूबे पंजाब में होमगार्ड जवानों को 300 रूपए प्रतिदिन गुजारा भत्ता दिया जाता है। लगातार डियूटी दी जाती है। जबकि हरियाणा में होमगार्ड जवानों को रोजगार देने के नाम पर साल भर में महज 89 दिन ही काम दिया जाता है।
जवानों ने ज्ञापन के जरिए गृह राज्यमंत्री से गुजारा भत्ता बढ़ाकर 350 रूपए, परेड़ का भत्ता बढ़ाकर 150 रूपए, हर माह की 1 तारीख को भत्ता देने, दूसरे राज्यों की भांति रेगुलर रोजगार दिए जाने की मांग की है। इन जवानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है तो वे सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के बाद कांग्रेस नेता जग्गा सिंह बराड़ ने होमगार्ड जवानों को ज्ञापन को गृह राज्य मंत्री तक पहुंचाकर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।

कार्रवाई की मांग को लेकर डीसी से मिले सरपंच

डबवाली (लहू की लौ) बीडीपीओ डबवाली राम सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मसीतां स्टेडियम निर्माण घपले में फंसे बीडीपीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर डबवाली ब्लाक के बीस गांवों के सरपंच बुधवार को सिरसा में उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया तथा सांसद अशोक तंवर से मिले।
सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि सरपंचों ने उपायुक्त से शिकायत की कि बीडीपीओ डबवाली राम सिंह के खिलाफ दो विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार करे। उपायुक्त ने सरपंचों को बताया कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंचों ने सांसद अशोक तंवर से मुलाकात करके बीडीपीओ पर विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली ग्रांट में तथाकथित कमीशन मांगने का आरोप लगाया। सांसद ने उन्हें इस मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच सुरजीत सिंह देसूजोधा, हरबंस सिंह जोगेवाला, भरत सिंह बनवाला, राजा राम बिज्जूवाली, गुरदीप कौर रामपुरा बिश्नोईयां, देवीलाल चकजालू, इंदिरा देवी मुन्नांवाली, गोदीकां से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी लाल बिस्सू उपस्थित थे।

वन वीक में होगा फैसला

डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल के निर्माण के लिए प्रशासन अड़ा हुआ है। दूसरी ओर इसका विरोध कर रहे ग्रामीण अपनी जिद्द पर कायम है। बुधवार को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। तीखी नोक-झोंक के बाद धरनाकारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रशासन से सात दिन का समय मांगा।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।

पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच..

डबवाली (लहू की लौ) पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच, लेना ए ता ले लो। जी हां! गांव सांवतखेड़ा में पीने के पानी पर बोली लग रही है। गांव के चौराहे पर कुछ लोग पानी के टैंकर लेकर आते हैं और फिर पानी की बोली लगाते हैं, जो 250 रूपए से शुरू होकर 350 तक पहुंच जाती है।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

....सासू मां इसकी इजाजत नहीं देती

डबवाली (लहू की लौ) भले ही 21वीं सदी विज्ञान का युग कहलाती है, लेकिन फिर भी भारतीय समाज से एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे की इच्छा भय के कारण या फिर लड़की बाद लड़के की इच्छा जनसंख्या वृद्धि का कारण बन रही है। यह बात परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर पर सामने आई है।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

50 हजार के लालच में रिक्शा चालक ने तीन हजार गंवाए

डबवाली (लहू की लौ) यहां की एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक 50 हजार रूपए पाने के लालच में आकर अपने तीन हजार रूपये तथा मोबाइल खो बैठा।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।