11 दिसंबर 2010

डांडिया नृत्य के साथ खेल उत्सव शुरू

डबवाली (लहू की लौ) शहीद अशोक वढ़ेरा सरस्वती विद्या मंदिर में दो दिवसीय खेल उत्सव शुक्रवार से शुरू हुआ। जिसमें विद्यालय के 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता को चार सदनों में विभिक्त किया गया। खेल समारोह का उद्घाटन सेवानिवृत्त प्रवक्ता जगजीत सिंह ने किया। जबकि अध्यक्षता दर्शन अनजान ने की।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रिंसीपल रणवीर सिंह नरवाल ने बताया कि 100 मी. दौड़ में शिवाजी सदन के बाल वर्ग से गुरकीरत प्रथम, डिम्पल द्वितीय, किशोर वर्ग से लवपिंद्र प्रथम, आशीष द्वितीय, भगत सिंह सदन के बाल वर्ग से धीरज प्रथम, गुरविंद्र द्वितीय, किशोर वर्ग से रजत लखोत्रा प्रथम रहा। जबकि कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से सलोनी प्रथम, आरती द्वितीय, किशोर वर्ग से यशिका रानी लक्ष्मीबाई सदन के बाल वर्ग से अंजलि, किशोर वर्ग से ज्योति वर्मा और साक्षी ने क्रमश: प्रथम और द्वितीय स्थान पाया।
200 मी. दौड़ में शिवजी सदन बाल वर्ग से रोहित प्रथम, किशोर वर्ग से राहुल प्रथम, संदीप द्वितीय, भगत सिंह बाल वर्ग से अरूण प्रथम, गौरव द्वितीय, किशोर वर्ग से कुलदीप प्रथम, कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से वंदना प्रथम, लीजा द्वितीय, किशोर वर्ग से बबीता प्रथम, गरिमा द्वितीय, रानी लक्ष्मीबाई सदन के बाल वर्ग से श्वेता प्रथम, तजिन्द्र द्वितीय, नवजोत तृतीय, जबकि किशोर वर्ग से अर्शप्रीत प्रथम, पायल द्वितीय रहे।
400 मी. दौड़ में शिवाजी सदन के बाल वर्ग से जयवीर प्रथम, राजेश द्वितीय, किशोर वर्ग से गुरप्रिंस प्रथम, कामिल द्वितीय, भगत सिंह सदन के बाल वर्ग से परविंद्र प्रथम, किशोर वर्ग से रोहित प्रथम, कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से चांदनी प्रथम, समीधा द्वितीय, किशोर वर्ग से रवीना प्रथम, रानी लक्ष्मीबाई सदन के बाल वर्ग से गगनदीप प्रथम, किशोर वर्ग से संजू द्वितीय रहे।
600 मी. दौड़ में शिवाजी सदन के बाल वर्ग से समन प्रथम, पारस द्वितीय, विपुल तृतीय, जबकि किशोर वर्ग से सचिन प्रथम, गुरलाल द्वितीय, भगत सिंह सदन से विषांक प्रथम, कल्पना चावला बाल वर्ग से खुशबू प्रथम, मनीषा द्वितीय, किशोर वर्ग से अनिता प्रथम, रानी लक्ष्मीबाई सदन के बाल वर्ग से गगनदीप प्रथम, किशोर वर्ग से संजू प्रथम रहे।
ऊंची कूद में शिवजी सदन बाल वर्ग से हरमोन, निर्मल प्रथम, हरीश द्वितीय, भगत सिंह सदन के किशोर वर्ग से सागर प्रथम, गौरव द्वितीय, कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से सिमरन प्रथम, दिव्या द्वितीय, किशोर वर्ग से शालिनी प्रथम, रानी लक्ष्मीबाई सदन के बालवर्ग से अनु प्रथम, निकिता द्वितीय, प्रिया तृतीय, किशोर वर्ग से गीता प्रथम, रवीना द्वितीय रहे। लम्बी कूद में शिवाजी सदन के बाल वर्ग से पारस प्रथम, धीरज द्वितीय, किशोर वर्ग से पवन प्रथम, राकेश द्वितीय, भगत सिंह सदन के बाल वर्ग से गुरदेव प्रथम, पवन द्वितीय, किशोर वर्ग से हर्षदीप प्रथम, कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से तमन्ना प्रथम, किशोर वर्ग से अर्शदीप और प्रिय क्रमश: प्रथम, द्वितीय रहे। रानी लक्ष्मीबाई बाल वर्ग से अपूर्वा प्रथम, विमल द्वितीय, गोला फेंक में शिवाजी सदन बाल वर्ग से शुभम प्रथम, किशोर वर्ग से मनप्रीत प्रथम, गौतम द्वितीय, दीक्षित तृतीय, भगत सिंह सदन बाल वर्ग से हेमंत प्रथम, अभिषेक द्वितीय, कल्पना चावला सदन के बाल वर्ग से वरिन्द्र प्रथम, किशोर वर्ग से मोनिका प्रथम, सिमरन द्वितीय रहे। जबकि रानी लक्ष्मीबाई बाल वर्ग से सुमीधा प्रथम, सुनीता द्वितीय, किशोर वर्ग से महक प्रथम रही।
भाला फेंक में शिवाजी सदन बाल वर्ग से सुनील प्रथम, किशोर वर्ग से जगमोहन प्रथम, सचित द्वितीय, भगत सिंह सदन बाल वर्ग से प्रिंस प्रथम, जितेन्द्र द्वितीय, किशोर वर्ग से कुलदीप प्रथम, चक्का फेंक में शिवाजी सदन बाल वर्ग से प्रभजोत प्रथम, किशोर वर्ग से विश्वास प्रथम, भगत सिंह सदन बाल वर्ग से गुरमीत प्रथम, लक्ष्य द्वितीय, किशोर वर्ग से कुनाल प्रथम, गुरिंद्र द्वितीय, कल्पना चावला बाल वर्ग से अमन प्रथम, रूहानी द्वितीय, किशोर वर्ग से शिल्पा प्रथम, रानी लक्ष्मीबाई सदन के बाल वर्ग से शिखा प्रथम रही। जबकि कबड्डी में रानी लक्ष्मीबाई सदन के किशोर वर्ग से मोनिका प्रथम, उजला और कृति द्वितीय रही। खो-खो में किशोर वर्ग लक्ष्मीबाई सदन प्रथम, कल्पना चावला सदन द्वितीय रहे।

विजय कांसल बने निर्विरोध डायरेक्टर

औढ़ां। इनेलो नेता विजय कांसल औढां को दि कालांवाली को-ओपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी के निर्विरोध डायरेक्टर बनने पर इनेलो नेता सुखमंदर सिहाग, अवतार मल्हान, गिरधारी लाल बिस्सु, रुकमा सिहाग, सुखदेव पोटलिया, मंदर सिंह सरां, हंसराज सिहाग, ओमप्रकाश पोटलिया, जगतार सिंह रघुआना, हरदम सिंह लक्कड़ांवाली, सरपंच नरेन्द्र मल्हान, करनैल सिंह ओढां, गुरमेल सिंह सालमखेड़ा, दर्शन सिंह चौरमार, सतीश शर्मा व सतनाम कुंडर ने बधाई दी है।

समाजसेवी महिलाओं को सम्मानित कर मनाया सोनिया का जन्म दिन

डबवाली (लहू की लौ) कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी का जन्मदिन युवा कांग्रेस ने हल्का डबवाली की महिला समाजसेवियों को सम्मानित करते हुए मनाया। यह कार्यक्रम लोकसभा सिरसा के युवा कांग्रेस अध्यक्ष अमित सिहाग के निर्देश पर विधानसभा हलका डबवाली के युवा उपप्रधान विजय सहारण के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस अवसर पर गोबिन्द संस्कार केन्द्र की संचालिका व समाजसेविका रतना, बिन्दया महन्त को शाल भेंट कर सम्मानित किया। समस्त युवा कांग्रेस सदस्यों ने इस अवसर पर इन समाजसेवियों को भविष्य में भी हरसंभव मदद देने का भरोसा भी दिलाया। इस अवसर पर ब्लॉक प्रधान पवन गर्ग, हलका डेलीगेट संजय मिढा व जगबीर प्रेमी, पूर्व युवा प्रधान रविन्द्र बिन्दू, हलका महासचिव विक्की बांसल, सुरेन्द्र सुथार बिज्जूवाली, जितेन्द्र तथा डा. के.वी. सिंह के निजी सचिव बजरंग लाल सहित अनेक युवा कांग्रेस कार्यकत्र्ता उपस्थित थे।

महिला का शव मिला

डबवाली। गोरीवाला पुलिस को राजपुरा माईनर की टेल के साथ बहने वाले रजवाहा से एक महिला की गली-सड़ी हालत में लाश मिली है। जिसे शिनाख्त के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल की मोरचरी में रखा गया है। गांव बिज्जूवाली का किसान काशी राम पुत्र बहादुर राम  शुक्रवार दोपहर को लगभग एक बजे अपनी खेत में गया। उसने जैसे ही टयूब्बैल चलाया और उसकी निगाह रजवाहा की ओर गई तो वह देख कर दंग रह गया कि रजवाहा में महिला की गली-सड़ी हालत में एक लाश पड़ी है। इसकी सूचना उसने गोरीवाला पुलिस चौकी को दी और मौका पर एएसआई भूप सिंह ने पहुंच कर लाश को कब्जे में लेकर डबवाली के सामान्य अस्पताल के डैड हाऊस में ले आये। एएसआई भूप सिंह ने बताया कि मृतक महिला की शिनाख्त के लिए लाश को डैड हाऊस में रखा है। उनके अनुसार महिला के नीले-लाल रंग की धारीदार सलवार पहनी हुई है जबकि ऊपर का बदन नंगा, सिर से लेकर गर्दन तक चमड़ी नहीं है। दाहिने हाथ पर ओम खुदा हुआ, कलाई में रस्सी बंधी है। बायें हाथ की कोहनी तक चमड़ी नहीं है। लाश 8-10 दिन पुरानी, उम्र 43 वर्ष, कद 5 फुट के करीब है।

चलती ट्रेन में गुम हुई अनु पहुंच गई डबवाली

डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार को चलती ट्रेन से एक पांच साल की लड़की अपनी मां की गोद से गायब हो गई। मार्ग में आई नहर में लड़की के गिरने का संदेह पैदा हुआ तो परिजन उसे नहर में तालाशने लगे। जबकि लड़की गाड़ी से डबवाली पहुंच चुकी थी। जीआरपी चौकी के कर्मचारियों ने पांच साल की इस लड़की को टॉफी, चॉकलेट देकर दुलारा और पुचकारा। एक सामाजिक संस्था की मदद से चौबीस घंटे के बाद लड़की अपने अभिभावकों की गोद में आ गई।
राकेश कुमार (32) निवासी बवनीपुर जिला मैनपुरी उत्तर प्रदेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरिता के साथ पिछले दो माह से अबोहर के सुभाष नगर में रह रहा है और बब्बू नागपाल की नरमा की फैक्ट्री में काम करता है। मंगलवार रात को वह अबोहर से गाड़ी में बठिंडा पहुंचे तो मार्ग में उसकी पांच वर्षीय बेटी अनु ने उल्टी आने की बात कही और इतना कहते ही अनु गाड़ी में भागती हुई, अचानक गायब हो गई। हालांकि उसी दौरान अनु की माता सरिता ने डिब्बे में लड़की की खोज भी की। लेकिन कहीं नहीं मिली। जैसे ही गाड़ी बठिंडा आकर रूकी, उन्होंने अपनी अबोध बालिका की तालाश में पहले रेलवे स्टेशन की लाईनों में तालाश किया। बाद में उन्हें संदेह हुआ कि शायद लड़की बठिंडा के नजदीक मार्ग में आने वाली नहर में न गिर गई हो। इसलिए सुबह से ही वे नहर पर उसकी तालाश कर रहे थे।
उनके अनुसार किसी व्यक्ति ने उन्हें राय दी कि वह इस संदर्भ में बठिंडा की सहारा संस्था से संपर्क करे। वे वहां गए और उसको अपना मोबाइल नं. देकर फिर नहर पर ही लड़की की तालाश में जुट गए। जीआरपी डबवाली के प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि कालका-जोधपुर 4887 रेलगाड़ी बुधवार सुबह 5.23 पर जैसे ही डबवाली पहुंची तो गाड़ी के गार्ड मल सिंह मीणा ने एक पांच साल की अबोध बालिका को यह कहते हुए उन्हें सौंप दिया कि यह लड़की अपने माता-पिता से बिछुड़ गई है। लड़की को एएसआई सुरेश कुमार ने टॉफी, चॉकलेट बगैरा देकर उसकी पहचान जानने का प्रयास किया। लेकिन वर्दी को देखकर सहमी लड़की कुछ भी नहीं बोली।
एएसआई सुरेश कुमार ने सारी घटना को भांपते हुए वर्दी उतारी और साधारण वेष में लड़की से फिर पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान लड़की को जो भी उसने खाने पीने के मांगा, उसे दिया गया। धीरे-धीरे लड़की खुलने लगी और बोली कि उसके पिता का नाम राकेश है और माता का नाम सरिता। उसने यह भी बताया कि वह सिरसा की रहने वाली है। उसका पिता रूईं का काम करता है, तथा बब्बू करियाणा वाले से अक्सर वह घर का सामान खरीदते हैं। इस पर जीआरपी ने सिरसा और बठिंडा दोनों ही नगरों में लड़की की तालाश के लिए जीआरपी से संपर्क किया। लेकिन सबकुछ व्यर्थ साबित हुआ। इसके बाद एएसआई सुरेश कुमार के अनुसार उन्होंने सहारा संस्था बठिंडा से संपर्क किया। तब वहां कुछ भी मालूम नहीं हुआ। लेकिन दोबारा फिर संपर्क करने पर उन्हें राकेश कुमार का मोबाइल नं. मिला। इसी मोबाइल नं. से राकेश से संपर्क करके उन्हें पता चला कि उसकी पांच साल की बेटी गुम हुई है। पुलिस ने यह जानने के लिए की राकेश झूठ तो नहीं बोलता, लड़की को यहीं जीआरपी में रख लिया और स्वयं अपने दो साथी हवलदार लक्ष्मण सिंह तथा ईश्वर सिंह के साथ बठिंडा बठिंडा से राकेश कुमार को जीआरपी डबवाली ले आए। लड़की अपने पिता को देखते ही चिल्ला उठी और उसके पास आ गई।
जीआरपी ने लिखित-पढ़त करके लड़की को उसके पिता राकेश को सौंप दिया। बेटी को सही सलामत पाकर राकेश कुमार गदगद हो उठा। एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि जब वह सिरसा जीआरपी में कार्यरत थे, उस समय दस दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद लड़की के माता-पिता को ढूंढकर उन्हें सौंपने में सफल रहे थे।

धारावाहिक रामायण की सुमित्रा का देहांत

डबवाली (लहू की लौ) भारतीय सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अपनी प्रतिभा के बल पर धूम मचाने वाली डबवाली की बहू रजनी शर्मा का मुम्बई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने करीब पांच सौ गुजराती, पचास हिन्दी और पचास पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया।
रजनी शर्मा का जन्म पंजाब के अमृतसर में 7 नवंबर 1953 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें स्टेज पर अपनी प्रतिभा दिखाने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें स्टेज का एक बेहतरीन आर्टिस्ट बना दिया। अपनी कला को हिन्दोंस्तानियों के जेहन में उतारने के लिए वे मुम्बई चली गई। इस दौरान उनकी मुलाकात डबवाली से मुम्बई पढऩे के लिए गए मोहन शर्मा से हुई। दोनों ने एक-दूजे को अपना जीवन साथी बनाने की ठान ली। दोनों के परिजन मान गए और रजनी डबवाली की बहू बन गई।
कलाकार रजनी शर्मा ने अपनी जिन्दगी में कभी भी कला से समझौता नहीं किया। बेशक रजनी डबवाली के मोहन शर्मा के साथ ब्याही गई। लेकिन विवाह से पूर्व उन्होंने मोहन के सामने भी शर्त रख दी थी। रजनी ने मोहन से साफ कह दिया था कि वह शादी तभी करेगी, जब उसे बिना किसी रूकावट के रूपहले पर्दे पर काम करने दिया जाएगा। रजनी की इस बात से मोहन खासे प्रभावित हुए।  रजनी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए वे मुम्बई में सेटल हो गए।
कलाकार रजनी शर्मा गुजराती फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रही। करीब 500 फिल्मों में अभिनय किया। शानदार अभिनय के कारण उन्हें दो बार गुजरात स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया। उनकी पहली हिन्दी फिल्म जय संतोषी मां रही। बाद में उन्होंने साहिब, प्यार के काबिल, शीतला माता, रोटी की कीमत, काला धंधा गोरे लोग के साथ-साथ धारावाहिक रामायण, विक्रम वेताल, दादा दादी की कहानियां, मेरे अपने, तीन बुहरानियां, कलश, किस्सा शांति का में अभिनय किया। रामानंद सागर रचित श्री रामायण में उन्होंने लक्ष्मण की माता सुमित्रा की भूमिका की, जिसे लोगों ने काफी सराहा। गौरतलब है कि रजनी शर्मा को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय उनके पति मोहन शर्मा को जाता है।
रजनी शर्मा का गत दिवस मुम्बई के कोकीला बहन धीरूबाई अंबानी हॉस्पीटल में देहांत हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चली आ रही थीं। उनके निमित्त मुम्बई में रखी गई शोक सभा में डबवाली से प्रसिद्ध कलाकार रमेश मिढ़ा, मोहन शर्मा के भाई कर्मचंद शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय शर्मा ने भाग लिया और रजनी शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

सुखबीर बादल को दिखाए काले झण्डे

डबवाली (लहू की लौ) पिछले चार दिनों मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लम्बी हल्के में अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर चल रहे जल सप्लाई एवं सैनीटेशन मस्ट्रोल इम्पलाईज यूनियन पंजाब के कर्मचारियों ने राज्य सरकार को धमकी दी है कि अगर 12 दिसम्बर तक उनकी मांगों की ओर ध्यान न दिया तो वह 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बादल की ओर कूच करके बादल का पुतला फूंकेंगे।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुखनन्दन सिंह मैहनिया ने बताया कि यूनियन द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में शुरू किया गया आमरण अनशन वीरवार को चौथे दिन में शामिल हो गया है। यूनियन के बेलदारबिन्दर सिंह भीम फरीदकोट, माली कम चौकीदार लखविन्द्र सिंह धालीवाल अमृतसर पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर चल रहे हैं और इस दौरान दोनों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
सरकार के इस रवैये से दु:खी होकर कर्मचारियों ने अपनी घोषणा अनुसार जल सप्लाई एवं सैनीटेशन विभाग के मंत्री सुखबीर सिंह बादल को आज लम्बी से बादल जाते समय काली झंडिय़ां दिखा कर अपना रोष प्रदर्शन किया और उसके खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। इस मौके पर यूनियन प्रधान के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी हिमाचल पैटर्न पर पक्के करने की मांग स्वीकार नहीं की जाती तो यूनियन कार्यकर्ता 13 दिसम्बर को बादल की ओर कूच करेंगे। बादल पहुंच मुख्यमंत्री के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन करेंगे। भले ही पंजाब पुलिस उन पर लाठियां और गोलियां क्यों न बरसाये। इसके बाद सैंकड़ों कर्मचारियों ने लम्बी में रोष काले झंडों से रोष मार्च भी निकाला।
इस मौके पर शिवइन्द्र कुमार अमृतसर, शसपाल सिंह लल्ला, मोती लाल नाभा, चरणजीत संह मोगा, जगसीर बठिंडा, चरणजीत सिंह मोगा, गुरजन्ट सिंह जीरा, भजन सिंह मरखाली, हरदीप बावा मोगा, कुलवन्त सिंह बठिंडा, मुकेश कुमार पटियाला, मलकीत सिंह, लाल चन्द नाभा, दलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, राजबीर सिंह, चन्द सिंह मलेरकोटला, आरपी वर्मा, रूप सिंह, प्रीतम सिंह, फकीर सिंह, शिंगारा सिंह, रणधीर सिंह, गुरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।