13 अगस्त 2011

बस ने बाईक सवार कुचला


डबवाली (लहू की लौ) गांव मैहना के पास एक मोटरसाईकिल को प्राईवेट बस ने कुचल दिया जिससे मौका पर मोटरसाईकिल चालक की मौत हो गई और पीछे बैठा उसका साथी घायल हो गया।
घायल मनजीत सिंह टेलर मास्टर पुत्र गुरनाम सिंह निवासी गिदड़बाहा ने बताया कि वह अपने दोस्त गुरजन्ट सिंह पुत्र जंगीर सिंह गोल्ड स्मिथ के मोटरसाईकिल पर डबवाली आ रहा था। मोटरसाईकि ल को गुरजन्ट सिंह चला रहा था। वह जैसे ही लम्बी क्रॉस करने के बाद गांव मैहना के नजदीक पहुंचे तो डबवाली साईड से आ रही एक प्राईवेट बस ने मोटरसाईकिल को रौंद दिया। बस के अगला पहिया गुरजन्ट सिंह के सिर को रौंदता हुआ आगे निकल गया। जिससे गुरजन्ट सिंह की मौका पर ही मौत हो गई जबकि उसे उपचार के लिए घायल अवस्था में लम्बी के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
इस मामले की जांच कर रहे थाना लम्बी के हवलदार विपिन कुमार ने बताया कि मनजीत सिंह के ब्यान पर गिल मान बस सर्विस के चालक के खिलाफ लापरवाही से बस चला कर मोटरसाईकिल चालक को कुचलने के आरोप में मामला दर्ज करके बस को काबू कर लिया है।

कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए लोगों का सहयोग जरूरी

बार रूम में आयोजित सेमिनार में बोले वक्ता
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अदालत में 10-12 मामले ऐसे चल रहे हैं, जिनमें तीन भाईयों की एक पत्नी है। अगर महिला-पुरूष अनुपात में इसी तरह फर्क आता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यह गिनती 10-12 हजार में बदल जाएगी।
ये शब्द उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया ने शुक्रवार को बार रूम में कन्या भ्रूण हत्या पर आयोजित सेमिनार में कहे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता महिला पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की है। केवल सेमिनार में भाग लेने या फिर एक्ट पढऩे से इस संवेदनशील समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि कन्या भ्रूण हत्या तभी रूक सकती है, जब गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की जाए और गांवों में एएनएम द्वारा करवाए जा रहे गर्भपात पर अंकुश लगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरसा सुभाष गोयल ने बतौर मुख्यातिथि इस सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सेमिनारों से बाहर निकलकर समाज में काम करने तथा लोगों को कन्या भ्रूण हत्या केवल अपराध ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी अनैतिक कार्य है, यह समझाने की जरूरत है। उनके अनुसार कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए आम लोगों का सहयोग जरूरी है।
सेमिनार को एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल, सामान्य अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू, स्वास्थ्य कर्मी राज वर्मा, मंजू बाला, कृष्णा देवी, शालू धींगड़ा, दर्शना देवी ने भी संबोधित किया। मंच का संचालन एडवोकेट गंगा बिशन गोयल ने बखूबी निभाया। इस अवसर पर सीजीएम एनके सिंगल, नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई, डीएसपी बाबू लाल, सिटी थाना प्रभारी महा सिंह, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र दंदीवाल, पूर्व अध्यक्ष एसके गर्ग, एडवोकेट रणजीत सिंह, कुलदीप सिंह सिधू, सुरेश चन्द्र शर्मा, सुखबीर सिंह बराड़, बलजीत सिंह, धर्मवीर कुलडिय़ा, आईपी बिश्नोई, दीपक कौशल, जितेंद्र खैरा, जगदीश गुप्ता, वाईके शर्मा, बीएस सूर्या, सुरेश मैहता, कुलवंत सिंह, कुलवीर पासी उपस्थित थे।
इससे पूर्व सैशन जज सुभाष गोयल ने गांव गोरीवाला में लीगल सैल के क्लीनिक का शुभारंभ किया। बाद में डबवाली कोर्ट परिसर में पौधारोपण किया।

अवैध तरीके से निकली डीएपी!


डबवाली (लहू की लौ) चौटाला पैक्स के आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट से सैंकड़ों गट्टे इधर-उधर होने का मामला सामने आया है। इस मामले को गांव आसाखेड़ा के ग्रामीणों ने एसडीएम के समक्ष उठाया है। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
गांव आसाखेड़ा निवासी मनी राम, राजू राम पंच, श्री राम पंच, जीत राम, शीशपाल, कर्म सिंह शुक्रवार को खेत मजदूर यूनियन सिरसा के अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा के नेतृत्व में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। एसडीएम को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पैक्स चौटाला के आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट पर एक सप्ताह पूर्व डीएपी खाद के छह सौ गट्टे उतारे गए थे। गुरूवार को वे खाद लेने के लिए कतार में लगे हुए थे। लेकिन वहां अचानक दो ट्रेक्टर-ट्रालियां आई। वहां तैनात सेल्जमैन ने वहां खड़े किसानों को डीएपी देने की अपेक्षा 400 गट्टा उनमें भरकर गांव चौटाला की ओर भेज दिया।
एसडीएम को दी शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डीएपी का प्रति गट्टा करीब 700 रूपए का है। जो ब्लैक में 900 से 1000 रूपए तक में मिल रहा है। किसानों को डीएपी देने की अपेक्षा अवैध तरीके से डीएपी बेची जा रही है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसडीओ कृषि विभाग, डबवाली को लिखा गया है। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पैक्स चौटाला के क्लर्क सुदेश कुमार ने बताया कि आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट पर कई दिनों से डीएपी के गट्टे पड़े हुए थे। वहां इसकी डिमांड लगभग खत्म हो चुकी थी। चौटाला के एक किसान को डीएपी की आवश्यकता थी। इसलिए स्टॉक में से 100 गट्टे उन्हें दिए गए हैं। सेल्ज प्वाईंट के कर्मचारियों पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।