05 जनवरी 2011

किसान को लूटा

डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में पिस्तौल के बल पर एक किसान को लूटने का मामला सामने आया है। लूट के बाद लुटेरों ने किसान को नहर में फेंकने का प्रयास किया। घटना सोमवार देर रात की है। दोनों लुटेरे बाईक पर सवार थे।
सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन किसान बलदेव सिंह (62) निवासी अबूबशहर ने बताया कि रात को उनके खेत में पानी की बारी थी। उसका बेटा गुरप्रीत सिंह तथा भतीजा सुखदीप सिंह पानी लगा रहे थे। करीब साढ़े सात बजे वह खेत में गया। वहां उसके भतीजे सुखदीप ने पिछले दिनों धान की बिकवाली से प्राप्त हुई बारह हजार रूपए की नकदी उसे दी। जो उसे धान का एक व्यापारी उसे देकर गया था। रात करीब 9 बजे वह खेत से पैदल अपने घर जा रहा था। मार्ग में बाईक पर पीछे से आए दो युवकों ने उसे पिस्तौल के बल पर रोक लिया और अपने साथ काला तितर पर्यटन स्थल की ओर ले गए। यहां झाडिय़ों में उन्होंने उससे मारपीट करते हुए पिस्तौल के बटों से चोटें मारी।
इस दौरान लुटेरों ने उससे उसकी जेब में रखी बारह हजार रूपए की नकदी, सोने की अंगूठी, घड़ी भी छीन ली। लूट के बाद लुटेरों ने उसे राजस्थान कैनाल में फेंकने का प्रयास किया। लेकिन उसके शोर मचाने पर पास के खेतों में काम कर रहे युवकों को उसकी ओर आते हुए देखकर लुटेरे हवाई फायर करते हुए वहां से भाग खड़े हुए।
चौटाला पुलिस चौकी इंचार्ज जीत सिंह ने बताया कि शिकायत उनके पास पहुंची है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

सरेबाजार युवती को बाहों में भरकर चुंबन लिया

डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर के सामने एक युवक ने एक युवती को अपनी बाहों में भर कर उसका चुंबन ले लिया। युवती के चिल्लाने पर राह चलते लोगों ने युवक को दबोचकर उसकी अच्छी खातिरदारी की और थाना में पुलिस को सौंप दिया।
सोमवार दोपहर को थाना शहर के सामने एक ऑटो रिक्शा से एक महिला और उसकी बेटी उतरी। इसी दौरान एक युवक ने लड़की को अपनी बाहों में ले लिया और देखते-ही-देखते युवती का चुंबन ले लिया। युवक की इस हरकत से युवती भयभीत हो गई और चिल्लाने लगी। युवती की चिल्लाहट को सुनकर आस-पास के दुकानदार इक्ट्ठे हो गए। उन्होंने युवक को दबोच लिया। पहले तो युवक की अच्छी तरह धुनाई की और बाद में उसे थाना में लेजाकर पुलिस को सौंप दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवक ने अपनी पहचान जसविंद्र निवासी कालझरानी के रूप में करवाई।
इधर जसविंद्र निवासी कालझरानी ने बताया कि वह अपने गांव से डबवाली के बस अड्डा पर अपनी माता नसीब कौर तथा पत्नी सुखबीर कौर को छोडऩे के लिए आया था। अचानक जैसे ही वह घूमा तो वह अनियंत्रित होकर उक्त लड़की से टकरा गया। लड़की के चिल्लाने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया।
इस संदर्भ में थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है।

प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगतों में विवाद

डबवाली (लहू की लौ) सरबंस दानी श्री गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगठन आमने-सामने आ गए हैं। सिक्खों के पांच संगठनों ने गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव को नानकशाही कलेण्डर-2003 के अनुसार मनाने की घोषणा करते हुए आज से इस संदर्भ में श्री अखण्ड पाठ भी शुरू कर दिए हैं।
साल 2003 में सिक्खों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से नानकशाही कलेण्डर जारी किया गया था। इस कलेण्डर पर अकाल तख्त के जत्थेदार जोगिन्द्र सिंह वेदांती, जत्थेदार बलवंत सिंह नन्दगढ़, जत्थेदार इकबाल सिंह, जत्थेदार त्रिलोचन सिंह सहित श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर के ग्रंथी गुरबचन सिंह के भी हस्ताक्षर थे। लेकिन साल 2010 में इस कलेण्डर में फेरबदल करके दोबारा इसे जारी कर दिया गया। कई सिक्ख संगठनों ने नए कलेण्डर को तुम्मा छाप कलेण्डर कहते हुए मानने से इंकार किया हुआ है। नए व पुराने कलेण्डर का विवाद अभी भी जारी है।
श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह ने बताया कि पुराने कलेण्डर के अनुसार साल 2011 में 5 जनवरी को श्री गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव की तिथि आती है। उन्होंने नए कलेण्डर को तुम्मा-बादल छाप कलेण्डर करार देते हुए कहा कि इस कलेण्डर के अनुसार प्रकाशोत्सव की एक तिथि 11 जनवरी, जबकि एक तिथि दिसंबर माह में आ रही है। साल 2012 में प्रकाशोत्सव दिखाया ही नहीं गया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन 2003 के नानकशाही कलेण्डर को ही असली कलेण्डर मानता है। जिसमें प्रकाशोत्सव सही ढंग से प्रदर्शित है।
नानकशाही कलेण्डर 2003 का समर्थन करने वाले सिक्ख संगठनों खालसा एक्शन कमेटी, अखाडा बाबा दीप सिंह गतका पार्टी, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा, एचएसजीपीसी, गुरमत प्रचार सभा, शिरोमणि अकालीदल पंच प्रधानी के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के अंतर्गत आने वाले डबवाली के गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में 5 जनवरी को गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव मनाने की घोषणा करते हुए सोमवार श्री अखण्ड पाठ का प्रकाश कर दिया।
इस अवसर पर उपरोक्त संगठनों के बलकरण सिंह, कुलवंत सिंह, हरनेक सिंह, विचित्र सिंह, मनदीप कूका, राजेन्द्र सिंह, गुरदास सिंह, देवेन्द्र सिंह काला आदि उपस्थित थे।