02 जुलाई 2011

मरहम लगाने वाली पेंशन ने पेंशन धारकों को रूलाया


डबवाली (लहू की लौ) तीन माह के बाद विधवा, विकलांग और बुढ़ापा पेंशन का वितरण शुरू किया गया। यह पेंशन भी शहर के 19 वार्डों में से मात्र वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों के लिए आई। लेकिन पेंशन लेने पहुंचे वार्ड के लोगों से भद्दा मजाक हुआ। स्मार्ट कार्ड होने के बावजूद उनके नाम लिस्ट से गायब मिले। वहीं विधवा पेंशन धारकों को कम पेंशन थमा दी गई। सूची में नाम न मिलने और कम पेंशन थमाने से पेंशन धारकों की आंखों से अश्रुधारा बह उठी। पार्षदों ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देकर घर भेजा।
शुक्रवार को नई अनाज मण्डी रोड़ पर स्थित अरोड़वंश धर्मशाला में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र कुमार तथा विनोद शहर के वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों को पेंशन बांटने के लिए पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार वार्ड के पेंशन धारक अपने स्मार्ट कार्ड लेकर मौका पर आ गए। लेकिन अधिकांश पेंशन धारक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके नाम ही फिनो कंपनी की पेंशन वितरण सूची में नहीं है। जबकि वे वार्ड नं. 10 के स्थाई निवासी हैं। पेंशन वितरण सूची में अपना नाम गायब देखकर पेंशन धारकों ने बवाल खड़ा कर दिया। वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 12 के पार्षद रमेश बागड़ी मौका पर पहुंचे। उन्होंने पेंशन धारकों का पक्ष लेते हुए पेंशन वितरण करने आए फिनो कंपनी के एजेंटों को खूब खरी-खोटी सुनाई।
बुढ़ापा पेंशन लेने पहुंचे 70 वर्षीय देसराज ने बताया कि वह वार्ड नं. 10 में रहता है और वहीं से वोट पोल करता है। स्मार्ट कार्ड बनाने के समय उसने अपना वार्ड नं. 10 लिखवाया था। लेकिन जो स्मार्ट कार्ड उसे दिया गया है, उस पर उसे वार्ड नं. 7 का निवासी दिखा दिया गया है। वह चार माह के बाद पेंशन लेने आया तो उसे यह कहकर टरका दिया गया कि उसका नाम सूची में नहीं है।
इसी वार्ड के विकलांग विपिन कुमार (25) ने बताया कि उसे कई वर्षों से विकलांग पेंशन मिल रही है। लेकिन फिनो कंपनी ने उसका स्मार्ट कार्ड ही नहीं बनाया। अब उसे पेंशन से ही वंचित रखा जा रहा है। उसने कहा कि सरकार विकलांगों को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन पेंशन न देकर उनका सरेआम मजाक उड़ा रही है। इस पेंशन धारक ने यह भी शिकायत की कि सरकार शायद नहीं चाहती कि विकलांग समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। इसलिए उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है।
विधवा इसरो देवी ने बताया कि जब नगरपालिका द्वारा पेंशन वितरण की जाती है, तो उसे 750 रूपए प्रति माह के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन इस बार चार माह के बाद तीन माह की पेंशन आई है। वह भी फिनो कंपनी द्वारा 550 रूपए प्रति माह के हिसाब से तीन माह की पेंशन 1650 रूपए दी गई है। पार्षद टेकचंद छाबड़ा तथा रमेश बागड़ी ने कहा कि मात्र एक वार्ड में पेंशन का वितरण किया गया। इस वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलने से सरकार की नीति उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि जो पेंशन, पेंशन धारकों के लिए राहत बननी थी, वह आंसू बनकर बाहर टपकी है। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार अनियमितताएं जारी रही तो पेंशन धारकों में सरकार के प्रति विद्रोह की चिंगारी फूट पड़ेगी और पेंशन धारक मजबूर होकर सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने इन अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की।
इस संदर्भ में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र तथा विनोद ने बताया कि उन्हें जिस प्रकार के आदेश हुए हैं और जो सूची व राशि उपलब्ध करवाई गई है, वे उसी के अनुसार ही इसका वितरण कर रहे हैं। इसमें अनियमितताओं के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एजेंटों के अनुसार विधवा पेंशन के संदर्भ में अपने अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि उपरोक्त मामला उनके नोटिस में आया है। जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी सुभाष मोंगा को इससे अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुभाष मोंगा ने बताया कि वे इस समय ट्रेनिंग पर गुडग़ांव गए हुए हैं। उनके ध्यान में उपरोक्त मामला आया है। उन्होंने ठेकेदार एक्सीस बैंक तथा फिनो कंपनी के अधिकारियों को शैड्यूल जारी करने के निर्देश दिए हैं। विधवा पेंशन धारकों से जो भेदभाव हुआ है, उसकी भी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
एक्सीस बैंक सिरसा के मैनेजर कवरजीत भारद्वाज ने कहा कि सूची में जो विसंगतियां पाई गई हैं, उसे जल्द दूर किया जाएगा। जिनको पेंशन कम मिली है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। चूंकि उनका बैलेंस उनके खाते में जमा रहेगा। जब आगे पेंशन मिलेगी, तब यह बकाया राशि भी उसे मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नई योजना होने के कारण समस्याएं आ रही हैं। 10 जुलाई तक आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया जाएगा। शीघ्र ही पेंशन वितरण का शैड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा।

रेलगाडिय़ों के समय में परिवर्तन


डबवाली (लहू की लौ) भारत सरकार के रेल विभाग ने एक जुलाई से रेल समय सारिणी को बदलते हुए गाडिय़ों के समय में कुछ परिवर्तन किया है।
यह जानकारी देते हुए डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि हनुमानगढ़-बठिंडा रेलवे लाईन पर आने-जाने वाली गाडिय़ों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। जिसमें गुवहाटी-लालगढ़ एक्सप्रेस 15609 जो डबवाली रेलवे स्टेशन पर 6.12 से 6.14, जम्मूतवी-अहमदाबाद 19224 का समय 19.21 से 19.36, अबोहर बङ्क्षठडा-जोधपुर 54703 का समय 22.36 से 22.41, हरिद्वार-कालका-बाड़़मेर 14881 का समय 5.11 से 5.16, बठिंडा-लालगढ़ 54701 का समय 11.46 से 11.51, बठिंडा-बीकानेर 59711 का समय 15.52 से 15.57 कर दिया गया है। इसी प्रकार लालगढ़-गुवहाटी एक्सप्रेस 15610 का समय रात्रि 0.38 से 0.40, जोधपुर-बठिंडा 54704 का समय 4.10 से 4.15, अहमदाबाद-जम्मूतवी 19223 का समय 6.53 से 6.58, बीकानेर-बठिंडा 59712 का समय 11.17 से 11.22, लालगढ़-बठिंडा 54702 का समय 15.10 से 15.15, बाड़मेर-कालका-हरिद्वार 14888 का समय 22.02 से 22.07 तक कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जन्मभूमि एक्सप्रेस-अहमदाबाद से उद्यमपुर का डबवाली से गुजरने का समय 5.04 से 5.18, जबकि इसी गाड़ी का उद्यमपुर से अहमदाबाद से बिना रूके समय 8.47 का है।

प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ पंचायत का रिकॉर्ड जलकर खाक


डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार शाम को गांव गंगा के पास एक कार सड़क किनारे खड़े वृक्ष से टकरा गई। जिससे कार में आग लग गई। कार में रखा ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड धू-धू कर जल गया। जबकि कार चालक और कार में सवार एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गुरूवार को उसका भतीजा लीलाधर तथा गांव का प्रेम कुमार ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड को फोटो स्टेट करवाने के लिए उसकी गाड़ी पर डबवाली लाए थे। लेकिन रिकॉर्ड फोटो स्टेट करवाने के बाद जब वे वापिस लौट रहे थे तो गांव गंगा रकबा में उनकी गाड़ी के आगे अचानक नील गाय आ गई। अनियंत्रित होकर गाड़ी सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से जा टकराई। जिससे कार में आग लग गई। पंचायत का रिकॉर्ड भी जल गया।
सरपंच के अनुसार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से कार चालक लीलाधर तथा प्रेमकुमार घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया गया। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2005 से लेकर अब तक पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्यों का काफी रिकॉर्ड कार में लगी आग से जल गया।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्हें रात्रि करीब 9 बजे कार दुर्घटना की सूचना मिली थी। वे करीब 10.15 बजे मौका पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह जल गई है। कार गैस पर थी और कार के वृक्ष से टकराने से गैस को आग लग गई। उसमें रखा पंचायत का रिकॉर्ड जल गया। उन्होंने बताया कि लीलाधर के ब्यान पर इसे इत्तेफाकिया माना गया है। उनके अनुसार इस दुर्घटना में कार बिल्कुल जल गई है।

बस-बाईक टक्कर में युवक की दर्दनाक मौत, एक गंभीर


डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे पर सेमनाला के पास एक प्राईवेट बस-बाईक टक्कर में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
गांव हैबूआना निवासी फौजी सिंह पुत्र छिन्द्र सिंह तथा गुरप्रीत सिंह (20) पुत्र पप्पी सिंह गुरूवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे अपने गांव हैबूआना लौट रहे थे। बाईक को फौजी सिंह चला रहा था। सेमनाला के पास उनकी बाईक एक बस से टकरा गई। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को सिरसा रैफर कर दिया गया। जिसमें से गुरप्रीत ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से एमएलआर मिल गई है। जांच जारी है।

नहीं निकलने दिया शहर का पानी


डबवाली (लहू की लौ) मानसून की पहली बरसात राहत के साथ आफत लेकर आई। गुरूवार सुबह सवेरे आई रिमझिम बूंदों से मौसम खुशनुमा हो उठा। लोगों ने गर्मी से राहत पाई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी न होने से यह बरसात आफत भी बन गई। जगह-जगह पानी का ठहराव हो गया। पंजाब के किसानों ने एकबारगी फिर हरियाणा के पानी को उनके खेतों में छोडऩे पर जनस्वास्थ्य विभाग को खबरदार किया।
यहां ठहरा पानी
बरसात लगभग घंटा भर चली। लेकिन जीटी  रोड़, बस स्टैण्ड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, सब्जी मण्डी क्षेत्र, मेन बाजार, कलोनी रोड़, चौटाला रोड़, न्यू बस स्टैण्ड रोड़, कबीर चौक, नई अनाज मण्डी रोड़, लहर बाजार, पब्लिक क्लब क्षेत्र, जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय क्षेत्र बरसाती पानी से जलमग्न हो गया। देर शाम तक भी इस पानी की निकासी नहीं हो पाई।
मानसून की पहली दस्तक के साथ ही शहर में जमा हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने पंजाब क्षेत्र में पड़ते अपने डिस्पोजल को चलाया। यह पानी पंजाब के किसानों के खेतों में अक्सर जनस्वास्थ्य विभाग छोड़ता है। आज भी विभाग ने कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया। लेकिन पंजाब के किसान विभाग की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनके खेतों में पानी छोड़ा गया तो वे मामले को पुलिस के पास ले जाएंगे। पिछले वर्ष भी पंजाब के किसान लामबंद होकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ पुलिस में पहुंच गए थे।
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे तक किसानों तथा जनस्वास्थ्य विभाग के बीच पानी निकासी को लेकर कशमकश चलती रही। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। आखिर जनस्वास्थ्य विभाग ने रामबाग के पास पड़ी भूमि पर एक एकड़ में 12 फुट गहरा खड्डा खोदकर पानी की निकासी की।जनस्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि इस बार मानसून 31 जुलाई को आएगा। इसलिए विभाग ने शहर में बने सीवरेज के 5300 मेन होल की सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। लेकिन अनुमान के विपरीत मानसून पहले आ जाने से विभाग की योजना पर पानी फिर गया। सीवरेज हौज की सफाई के दौरान जो गाद निकाली गई थी, वह फिर से बरसात आने से पानी के साथ ही सीवरेज हौज में चली गई।
बरसाती पानी से निबटने के लिए विभाग ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से 215 स्क्रिनिंग चैम्बर, 50 लाख रूपए की लागत से 20 बोर का निर्माण शहर के विभिन्न कोनों में करना था। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए स्वीकृति हेतू सरकार के पास भेजा गया था।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने स्वीकार किया कि बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उपरोक्त योजना सरकार के पास भेजी गई थी। लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह योजना भी चल रही है कि पंजाब के डिस्पोजल पर भार कम करने के लिए नई अनाज मण्डी रोड़ क्षेत्र को चौटाला रोड़ पर बने डिस्पोजल से जोड़ दिया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल रामबाग के पास बनाए गए बड़े खड्डे ही बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विकल्प हैं।

कनेक्शन योजना में फिक्सिंग


बीपीएल परिवारों के लिए आई लाखों रूपए कीमत की बिजली कनेक्शन किटें गायब
डबवाली। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को सरकार ने सस्ती दर पर कनेक्शन देकर बिजली का सपना दिखाया। लेकिन यह सपना जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों तक पहुंचते-पहुंचते क्रिकेट मैच की तरह 'फिक्सÓ हो गया। फिक्सिंग के चलते गरीब परिवारों के घरों के लिए आई लाखों रूपए की किटें गायब कर दी गई। निगम के उच्च अधिकारी भी दबी जुबान से इस योजना में 'फिक्सिंगÓ होने की बात कबूलते हैं।
योजना इस प्रकार
हरियाणा सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए एक योजना तैयार की थी। जिसके तहत मात्र 10 रूपए में उनके घरों पर मीटर लगाकर बिजली का कनेक्शन देना था। जिला सिरसा में उस समय बीपीएल परिवारों की संख्या 47 हजार 600 थी। जिनमें से योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने के लिए 19 हजार 247 परिवारों को चुना गया था। चयनित बीपीएल परिवारों के घरों तक बिजली पहुंचाने और मीटर लगाने का ठेका बिजली निगम ने दिल्ली की फर्म अरावली इंफरा पॉवर लि. को दिया था। इस निजी फर्म ने अपना काम शुरू करते हुए जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों के घरों में मीटर लगाने शुरू कर दिए और जिन घरों में मीटर लगाए गए उनकी रिपोर्ट निगम को प्रेषित कर दी।
शिकायत से खुला राज
प्राईवेट फर्म का कार्य पूरा होने की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद निगम ने बीपीएल परिवारों से निर्धारित बिल लेने के लिए अपनी कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत बिल भी संबंधित परिवारों को भेज दिए गए। लेकिन बिल पहुंचते ही जिन बीपीएल परिवारों को यह सुविधा नहीं मिली थी, उन परिवारों ने लम्बे-चौड़े बिल देखकर इस मामले को निगम के अधिकारियों के समक्ष उठाया। शिकायत मिलने पर निगम के उच्च अधिकारियों की आंख खुली। शिकायतों की फेहरिस्त लम्बी होती देख निगम ने सर्वे करानी की ठानी। सर्वे में जो रिपोर्ट मिली, उसने उच्च अधिकारियों को चौंका दिया। सर्वे में पाया कि करीब 450 बीपीएल परिवारों तक यह योजना पहुंची ही नहीं।
क्या रहा कारण
सरकार की योजना को अमलीजामा पहनाने और गरीब परिवारों तक शीघ्र इस सुविधा को पहुंचाने के लिए बिजली निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में ठेकेदार फर्म की मार्फत इसके लिए बिचौलिए तैयार किए। इन बिचौलियों के माध्यम से ही गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन की किटें वितरित की गई।  जिला सिरसा के 19 हजार 247 बीपीएल परिवारों के लिए आई किटों में से 450 गरीब परिवारों तक ये पहुंची ही नहीं। बल्कि बिल जरूर पहुंच गए।
सर्वे से खुलासा, जांच जारी
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के एसई (निर्माण) आरके सोढ़ा ने स्वीकार किया बीपीएल परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन के आई करीब 450 किटें गायब मिली हैं। निगम को शिकायत मिली थी कि बिना कनेक्शन के ही बीपीएल परिवारों को बिल भेजे जा रहे हैं। इस पर सर्वे करवाया गया। सर्वे में किटें गायब होने का खुलासा हुआ। उनके अनुसार किटें बिचौलियों के जरिए जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई गई थी। फिलहाल जांच की जा रही है ये किटें मार्ग में कहां गायब हुई हैं। उनके अनुसार कनेक्शन के लिए एक किट करीब 2500 रूपए की है। उन्होंने कहा कि अगर किटें नहीं मिलती तो संबंधित ठेकेदार फर्म से इसकी राशि वसूली जाएगी।