19 जून 2010

बीए प्रथम वर्ष के छात्र का अपहरण

डबवाली (लहू की लौ) एक विद्यार्थी के अपहरण को लेकर जिला सिरसा की पुलिस सकते में है। डबवाली क्षेत्र में विद्यार्थी की कार और कार के कागजात बरामद होने के बाद पुलिस ने तालाश जोरशोर से शुरू कर दी है।
मलोट के आढ़तिया राजकुमार नागपाल ने इस संवाददाता को बताया कि उसका 22 वर्षीय बेटा नन्दन नागपाल  चण्डीगढ़ के डीएवी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। वह वीरवार शाम लगभग 4 बजे चण्डीगढ़ से मलोट के लिए रवाना हुआ और रात को करीब 8.45 पर उसे फोन आया कि वह आज रात बठिंडा रूकेगा और सुबह मलोट आयेगा और इसके साथ ही उसका फोन कट गया। जब उसने अपने बेटे से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ आया।
शुक्रवार सुबह सवा 5 बजे उसे डबवाली क्षेत्र के गांव अलीकां से फोन आया कि उनकी गाड़ी के कागजात उनके गांव की माईनर नं. 6 के पास गिरे पड़े हैं। यह सुन कर वह तुरन्त मौका पर पहुंचे और उन्होंने लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर वह कार भी खड़ी पायी जिस पर उसका बेटा चण्डीगढ़ से आ रहा था। इसकी सूचना तुरन्त उन्होंने थाना शहर पुलिस को दी।
डीएसपी डबवाली बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने घटना का निरीक्षण करने के बाद राजकुमार नागपाल की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ उसके बेटे नन्दन नागपाल के अपहरण का मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला सिरसा पुलिस को इस घटना के बाद सतर्क कर दिया गया है और आसपास के पंजाब तथा राजस्थान क्षेत्र में भी इसकी सूचना दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस नन्दन नागपाल की तालाश के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं जो संदिग्ध स्थानों की ओर भेजी गई हैं। इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए स्पैशल स्टाफ भी गठित किया गया है। डीएसपी से जब यह पूछा गया कि अपहरण के पीछे अपहरणकर्ताओं की क्या मंशा हो सकती है। इस पर उन्होंने कहा कि जांच चल रही है लेकिन नन्दन के पिता ने पुलिस के समक्ष यह माना है कि वीरवार को उसके बेटे ने 5000 रूपये की मांग की थी जिससे उसने अपने किसी दोस्त को जन्म दिन पर गिफ्ट देना था लेकिन उन्होंने यह राशि देने से इंकार कर दिया था।
डीएसपी ने कहा कि पुलिस को जानकारी मिली है कि डबवाली के एक पीसीओ से एक संदिग्ध युवक ने शुक्रवार सुबह सवा 9 बजे राजकुमार नागपाल को फोन करके उसके बेटे के ठीक-ठाक होने की बात कही है। इस संबंध में संबंधित पीसीओ मालिक से पूछताछ की जा रही है।

13 जून 2010

किलियांवाली चौकी का किया घेराव

डबवाली (लहू की लौ) थाना लम्बी के अन्तर्गत आने वाले गांव वडिंगखेडा में पंजाब सरकार ने वर्ष 2006 में अलाट किए गए प्लाटों का अभी तक कब्जा न मिलने के कारण प्लाट धारकों में रोष पाया जा रहा है। आज जब इन लोगों ने कब्जा करने का प्रयास किया तो पुलिस चार व्यक्तियों को पकड़ कर पुलिस चौंकी किलियांवाली में ले आई। बाद में ग्रामीणों ने चौकी को घेर लिया और पकड़े गए लोगों को छुड़वाया। गांव वडिंगखेड़ा की शहीद भगत सिंह विकास कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह, सदस्य पाला राम, भागी राम, रामकरण ने बताया कि वर्ष 2001 में तत्कालीन बादल सरकार ने जरूरतमंदों को पांच-पांच मरले के प्लाट देने की घोषणा करते हुए इसके कार्ड भी वितरित कर दिए थे। जिनमें उनके गांव के 240 जरूरतमंद परिवार शामिल थे। लेकिन वर्ष 2006 में राÓय सरकार बदल गई और साथ में गांव का सरपंच भी बदल गया। कांग्रेस समर्थित नये सरपंच दर्शन सिंह ने वर्ष 2006 में घोषित जरूरतमंद 240 लोगों को 5-5 मरले के प्लाट देने के लिए निशान दे दिए। लेकिन अब फिर से सत्ता बदलते ही सरपंच भी अकाली दल का चुना गया। प्लाट के लाभार्थियों के अनुसार लम्बा समय बीत जाने पर उन्हें अभी तक प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया है। जरूरतमंद और खेत मजदूर सुखजीत, रामकरण, कुलवन्त तथा राजेन्द्र सिंह ने बताया कि आज जब निश्चित स्थान पर उन्होंने निशानदेही करने का प्रयास किया तो पुलिस उन्हें पकड़ कर ले गई। उनके अनुसार वर्तमान पंचायत ने पार्टीबाजी के चलते पुलिस में यह शिकायत कर दी कि कुछ लोग पंचायत की भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। गिरफ्तारी की सूचना पाकर गांव वडिंगखेड़ा के सैंकड़ों लोगों ने किलियांवाली पुलिस चौकी को घेर लिया। मौका पर थाना लम्बी पुलिस के प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली भी पहुंचे। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने हिरासत में लिए गए चार लोगों को रिहा कर दिया।
इस संदर्भ में जब थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली से पूछा गया तो उन्होंने प्लांटो के इन प्रमाण पत्रों को फर्जी करार देते हुए कहा कि इनकी आड़ में गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि असली प्रमाण पत्रों पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिहं बादल का चित्र छपा हुआ है और उपायुक्त की मुहर व हस्ताक्षर हैं। लेकिन इन प्रमाण पत्रों पर गांव के सरपंच व एक अन्य चैयरमेन के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने बताया कि इस सारे मामले की जांच पड़ताल की जाएगी व दोषी पाये जाने व्यक्तियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। इधर शहीद भगत सिंह ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष सुखजीत सिंह ने कहा कि मजदूरों के पास प्रमाण पत्र असली हैं और वे इस संदर्भ में शीघ्र ही उपायुक्त मुक्तसर से मिलेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो अपने अधिकारों के लिए धरने और प्रदर्शन भी करेंगे।

09 जून 2010

जोतांवाली की युवती ने नहर में कूद कर जान दी

डबवाली | क्षेत्र की ढाणी जोतांवाली में रहने वाली एक युवती (19) ने राजस्थान केनाल में कूदकर खुदकुशी कर ली। चौटाला पुलिस चौकी ने गांव अबूबशहर के पास से गुजरने वाली राजस्थान केनाल से मंगलवार को युवती का शव बरामद किया है। मृतका की पहचान सुमन उर्फ बेबी पुत्री पृथ्वीराज निवासी ढाणी जोतांवाली के रूप में हुई है।
चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतका की पहचान उसके चाचा अनूप कुमार पुत्र नत्थू राम व पिता पृथ्वी राज ने की है। मृतका के चाचा अनूप कुमार (45) ने पुलिस को बताया है कि उसकी भतीजी सुमन 5 जून की रात को रहस्यमय ढंग से घर से लापता हो गई थी। उसने बताया कि गांव के पूर्व सरपंच प्रेम कुमार ने उनको बताया कि उसने राजस्थान केनाल पर 6 जून को एक युवक और युवती को राजस्थान केनाल की पटरी पर बैठे हुए देखा था। यह सुनते ही वे सुमन की तलाश में जुट गए थे। मगर मंगलवार को सुमन का शव राजस्थान केनाल से बरामद हुआ है। इस मामले की जांच कर रहे एसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतका के चाचा अनूप कुमार ने पुलिस को दिए बयान के जरिए बताया है कि उनकी ढाणी में रहने वाला युवक हरदीप सिंह (18) पुत्र बलविंद्र सिंह उसकी भतीजी सुमन से शादी रचाना चाहता था और वह उससे शादी रचाने के लिए दबाब डालता रहता था जिसकी वजह से सुमन परेशान रहती थी। अनूप कुमार के मुताबिक हरदीप सिंह को कई बार समझाया भी था लेकिन वह नहीं माना। उसने आरोप लगाया कि हरदीप के दबाव से परेशान होकर उसकी भतीजी सुमन उर्फ बेबी ने केनाल में कूद कर जान दी है।
एसआई जीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतका के चाचा अनूप कुमार की शिकायत के आधार पर हरदीप सिंह के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज कर मामले की जांच आरंभ की है। सुमन व हरदीप दोनों आठवीं फेल बताए गए हैं और हरदीप अपने पिता के साथ खेती बाड़ी करने में हाथ बंटाता रहा है।

08 जून 2010

15 गांवों पर महिलाओं की सरकार

डबवाली (लहू की लौ) ब्लाक डबवाली के 48 गांवों में हुए सरपंच पद के चुनाव में वोटिंग का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। जिसके चलते सरपंच पद के परिणाम भी देरी से घोषित हुए। 15 महिलाएं इस बार सरपंच पद पर कार्य करेंगी।
बीडीपीओ रामसिंह ने बताया कि सरपंच पद पर गांव अलीकां से महिला आरक्षित पर सुपिन्द्र कौर, आसाखेड़ा में अनुसूचित जाति आरक्षित पर रामकुमार, अहमदपुर दारेवाला में बलविन्द्र सिंह, अबूबशहर में महिला आरक्षित पर अमानती, बनवाला में भरत सिंह, बिज्जूवाली अनुसूचित आरक्षित में राजा राम, भारूखेड़ा में मनोज कुमार, चकजालू में देवीलाल, चौटाला में आत्मा राम और दीवानखेड़ा अनुसूचित जाति महिला में परमजीत कौर चुने गये।
इसी प्रकार गांव देसूजोधा में सुरजीत सिंह, गोदीकां महिला आरक्षित सीट पर विद्या, गिदडख़ेड़ा महिला आरक्षित पर राजेन्द्र कौर, गोरीवाला में धेला राम, गंगा में गुरदित्ता सिंह, हैबुआना में दलबीर सिंह, फतेहपुर जोतांवाली में सतिन्द्र, जोगेवाला में हरबन्स सिंह, झुट्टीखेड़ा में भूपिन्द्र कुमार, जण्डवाला बिश्नोइयां में मि_ू राम, खुइयांमलकाना अनुसूचित जाति महिला आरक्षित पर परमजीत कौर, कालूआना में जगदेव, लम्बी में अनुसूचित जाति (सुरक्षित) ओमप्रकाश सरपंच चुने गये।
गांव लखुआना में रामजी लाल, लोहगढ़ महिला आरक्षित पर बलदेव कौर, मुन्नांवाली आरक्षित पर इन्द्रो देवी, मोड़ी अनुसूचित जाति आरक्षित पर कश्मीरा सिंह, मांगेआना में जगसीर सिंह, मटदादू में बलकरण सिंह, मसीतां अनुसूचित जाति आरक्षित पर शिवराज सिंह, मौजगढ़ अनुसूचित जाति आरक्षित पर ओमप्रकाश, नीलियांवाली में हरनाम ङ्क्षसह, पाना में सुरजीत सिंह, पन्नीवाला रूलदू में हरमन्दर सिंह, पन्नीवाला मोरिका में जगदीप ङ्क्षसह, फुल्लो महिला आरक्षित पर बलविन्द्र कौर, रामपुरा बिश्नोइयां महिला आरक्षित पर गुरदीप कौर, राजपुरा में बलजिन्द्र कौर, रत्ताखेड़ा महिला आरक्षित पर मनभरी, रामगढ़ महिला आरक्षित पर रामेश्वरी, रिसालियाखेड़ा महिला आरक्षित पर सुशीला, राजपुरा माजरा में लाल चन्द, सांवतखेड़ा में रणजीत सिंह, सुकेराखेड़ा अनुसूचित जाति आरक्षित पर रामसरूप, सकताखेड़ा महिला आरक्षित पर कुलविन्द्र कौर, तेजाखेड़ा महिला आरक्षित पर बबिता, डबवाली गांव में अनुसूचित जाति महिला आरक्षित पर नसीब कौर, शेरगढ़ में राजकुमार सरपंच चुने गये।
इधर देर रात तक हुई पोलिंग तथा देर से आए रिजल्टों के कारण चुनाव कार्य में लगा सरकारी अमला सोमवार को छुट्टी पर रहा। जिसके कारण सरकारी कार्यालयों पर ताले जड़े मिले।

अगर समाज ने मुझे न्याय न दिलाया तो मैं आत्महत्या करने से भी गुरेज नहीं करूंगी।

डबवाली (लहू की लौ) 'अगर समाज ने मुझे न्याय न दिलाया तो मैं आत्महत्या करने से भी गुरेज नहीं करूंगी।Ó यह कोई फिल्म का डॉयलाग नहीं। बल्कि 26 वर्षीय युवती की आत्मा से निकले हुए शब्द हैं। जो इंसाफ पाने के लिए पिछले पांच दिनों से गांव भारूखेड़ा में बस अड्डा पर और सुनसान जगह पर बैठी हुई है।
गांव भारूखेड़ा के बस अड्डा पर लगे वट वृक्ष के नीचे टूटी कुर्सी पर बैठी 26 वर्षीय युवती हर आते जाते व्यक्ति से न्याय की गुहार लगा रही है। जो अपना नाम वनिता पुत्री जगदीश निवासी फतेहाबाद हाल भारूखेड़ा बताती है। युवती ने कहा कि 2007 में वह फतेहाबाद से डबवाली के एक महाविद्यालय में बीएड करने के लिए दाखिल हुई थी। उसके पिता जगदीश की हरियाणा रोड़वेज के चालक विनोद जाखड़ निवासी भारूखेड़ा के साथ इसलिए जान पहचान थी कि उसका पिता भी हरियाणा रोड़वेज में परिचालक के पद पर था। फतेहाबाद से डबवाली हर रोज कॉलेज में आना-जाना उसके लिए मुश्किल था। इसलिए उसके परिजनों ने विनोद जाखड़ के पास उसका ठहराव कर दिया। वनिता के अनुसार विनोद जाखड़ उसे अपनी बहन मानता था। इसलिए उसने भारूखेड़ा में उनके घर रूकना स्वीकार कर लिया।
वनिता के अनुसार विनोद जाखड़ ने धर्म बहन-भाई के रिश्ते को तार-तार करते हुए उससे कुकर्म किया। उसके अनुसार यह घटना 10.11.2007 और रात के करीब 10 बजे की है। शिकायतकात्री के अनुसार इसके बाद विनोद उससे बलात्कार करता रहा और उसने इस सम्बन्ध में विरोध किया तो विनोद ने उसे धमकाया। इसकी शिकायत थाना सदर डबवाली में की और 164 सीआरपीसी के तहत डबवाली के तत्कालीन न्यायिक दण्डाधिकारी राजेश शर्मा की अदालत में उसके ब्यान भी दर्ज किए गए। 2008 को एफआईआर नं. 132 के तहत दफा 376 और 506 आईपीसी के तहत केस भी दर्ज हुआ। लेकिन आरोपी द्वारा उसे घर बसा लेने का आश्वासन देने पर उसने विनोद के पक्ष में ब्यान दे दिया। जिस पर 4.01.2010 को जिला सैशन जज सिरसा डॉ. शिवा शर्मा ने आरोपी को बरी कर दिया। लेकिन बरी होते ही आरोपी ने फिर से उसे धोखा दिया और उससे किनारा कर लिया।
शिकायतकात्री ने यह भी बताया कि वह इस दौरान विनोद के साथ संगरिया में रहने लगी थी। लेकिन संगरिया में भी उससे धोखा किए जाने पर उसने संगरिया पुलिस में 14.05.2010 को धारा 376/382/323/34आईपीसी के तहत केस दर्ज करवाया है। लेकिन संगरिया पुलिस ने भी अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस संदर्भ में आरोपी विनोद कुमार जाखड़ से उसके मोबाइल नं. पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उसका फोन स्विच ऑफ आया। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि वनिता गांव भारूखेड़ा में विनोद के मकान के नजदीक ही बस अड्डा पर धरना देकर पिछले पांच दिनों से बैठी हुई है और अक्सर ग्रामीण भी उसके आस-पास खड़े हुए मिलते हैं। जब ग्रामीणों से इस संदर्भ में बातचीत की जाती है तो वह कहते हैं कि इस मामले का समाधान पंचायत चुनावों के बाद ही हो पाएगा, वे प्रयासरत हैं कि उनके गांव में चल रहा यह विवाद किसी प्रकार निपट जाए।
वनिता ने जैसे ही न्याय के लिए जान देने की धमकी दी तो खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया। पता चला है कि खुफिया विभाग ने इसकी जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है।

सकताखेड़ा में युवक ने फांसी खाई

डबवाली (लहू की लौ) गांव सकताखेड़ा में एक युवक ने फांसी खाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली।
गांव सकताखेड़ा निवासी स्नेहदीप (45) ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भतीजा राकेश कुमार (22) पुत्र विष्णु दत्त मानसिक रूप से परेशान चला आ रहा था। आज सोमवार सुबह उसने अपनी घर के कमरे की छत के सरिये से कपड़ा बांध कर फांसी ले ली। इसकी जानकारी उन लोगों को दोपहर 12 बजे लगी। सूचना पाकर चौटाला पुलिस चौकी के एसआई जीत सिंह मौका पर पहुंचे।
एसआई जीत सिंह के अनुसार स्नेहदीप के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए डबवाली के सिविल अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।

डिग्गी में गिरा मासूम, मौत

डबवाली (लहू की लौ) 5 दिन पूर्व अपने बच्चे के जन्म दिन की तैयारियों में मशगूल परिवार को उस समय भारी आघात लगा जब लाडला बेटा घर के आंगन में खेलते समय घर में बनी चार फुट गहरी डिग्गी में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
गांव डबवाली के विशाल (28) पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ही उनके घर बेटा हुआ था। जिसका नाम उन्होंने विनय रखा था। वह रामां मण्डी की रिफाईनरी में काम करता है। वह प्रात: 7 बजे डयूटी पर चल गया। महिलाएं घर के भीतर काम कर रही थी और विनय घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते अचानक डिग्गी में गिर गया। जिसकी जानकारी घर के किसी सदस्य को नहीं थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी अमनदीप कौर को याद आई कि विनय वहां नहीं है। उसकी तालाश शुरू की गई, तो वह खोजते-खोजते डिग्गी के पास पहुंची तो डिग्गी में उसका शव तैरता हुआ मिला। विनय को डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। विनय का आगामी 11 जून को दूसरा जन्म दिन था।

04 जून 2010

डेरा प्रमुख की जमानत पर फैसला 14 को

प्रदेशभर में पेशी को लेकर रहा हाई अलर्ट
सिरसा  डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की अग्रिम जमानत पर आज दिया जाने वाला निर्णय अब चुनावों तक टल गया है। डेरा प्रमुख आज नियमित पेशी के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई अदालत में पेश हुए। पेशी के दौरान अदालत परिसर को सुरक्षा जाल में तबदील कर दिया गया था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद हरियाणा सरकार व पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए विशेष न्यायाधीश एएस नारंग ने अग्रिम जमानत पर फैसला चुनाव बाद यानी 14 जून तक टाल दिया। डेरा प्रमुख को मिली नियमित अग्रिम जमानत को आधार बनाते हुए अवतार सिंह नामक डेरा के पूर्व प्रबंधक ने उसे भी जमानत देने का आग्रह किया था। इसके बाद अदालत ने डेरा प्रमुख की अग्रिम जमानत पर आज फैसला सुनाना था। इस फैसले के दृष्टिगत ही राज्य सरकार ने अलर्ट घोषित किया था। सभी जिलाधीशों ने अपने मातहत अधिकारियों की बैठक भी कर ली थी। इसी बीच हरियाणा पुलिस ने न्यायालय से गुहार की कि चुनाव में व्यस्तता के चलते पुलिस इस मामले में सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकती इसलिए एक बार निर्णय को सुरक्षित रख लिया जाए। पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए न्यायाधीश ने अगली तारीख 14 जून निर्धारित कर दी। साथ ही कल 5 जून को साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख की पेशी को भी स्थगित कर दिया गया। डेरा प्रमुख की जमानत रद्द होने की आशंका के चलते डेरा के हजारों अनुयायी आज न्यायालय परिसर के बाहर एकत्रित थे। इनमें महिलाओं की संख्या काफी थी। तंबुओं के नीचे बैठी महिलाएं सिमरन भी करती देखी गईं। डेरामुखी सुबह सवा 8 बजे अदालत पहुंचे और भारी सुरक्षा के बीच उन्हें वीडिया कॉन्फ्रैंसिंग रूमं में ले जाया गया।  आज की पेशी दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर खत्म हुई। आज डेरा प्रमुख की पेशी के चलते अदालत परिसर के बाहर भारी संख्या में डेरा अनुयायी इक_े थे और पुलिस जवान भी अतिरिक्त लगाए गए थे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रंजीव दलाल ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को डेरा प्रमुख की पेशी के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के निर्देश जारी किए थे। पुलिस प्रशासन का अनुमान था कि अदालत द्वारा डेरा प्रमुखकी जमानत याचिका रद्द करने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए पुलिस ने पहले से ही पूरे बंदोबस्त कर लिए थे। भारी संख्या में पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, घुड़सवार पुलिस, आंसू गैस, वज्र सहित सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था  का जायजा लेने के लिए आज हिसार रेंज के आईजी अनंत कुमार ढुल भी सिरसा पहुंचे।

चौपाल पर चुनाव के चर्चे

बनवाला (जसवन्त जाखड़) इन दिनों जिला सिरसा में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत के चुनाव का प्रचार जोरों पर है। हालांकि 6 जून को प्रत्याशियों की पोल मत पेटियां तथा ईवीएम मशीनें खोल देंगी।
गांव बनवाला में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशी अपनी-अपनी बात मतदाताओं के समक्ष रखने के लिए आ रहे हैं। इस बार ग्रामीण मतदाता उतना भोला नहीं है, जितना कि प्रत्याशी समझते हैं। वह हर बात को समझता है, भले ही उसे रिझाने के लिए शराब की ही क्यों न पिलाई जा रही हो। मतदाता इस बात को लेकर चल रहा है, कि अगर प्रत्याशी इस मौके पर उसे खिलाते-पिलाते हैं, तो खा पी लेना चाहिए। वोट तो अपने मन से ही देनी है। जब ये जीत जाएंगे तब उनकी सुनवाई कहां होने वाली है।
गांव के देवीलाल चौक पर बैठे हुए युवक प्रत्याशियों का प्रचार सुनने के बाद अक्सर बड़े ही मजे से बाते करते हैं कि यहां विकास की बात तो सभी करने आ रहे हैं, लेकिन वायदे पर खरा कौन उतरेगा, ये तो उसे अजमाने पर ही पता चल पाएगा। वे यह भी सोचते हैं कि आखिर वोट किसको दें। आपस में विचार-विमर्श तो करते हैं, लेकिन फिर मन को मसोस कर कहते हैं कि चलो 6 जून आएगी तब यहां मन करेगा, वहां मोहर लगा देंगे।
इसी प्रकार चौपाल में बैठे हुए वृद्ध भी हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए अक्सर इन दिनों चुनाव की ही बात करते हैं, चूंकि मौसम भी तो चुनाव है, अब बेचारे हाड़ी काटकर कुछ समय आराम के साथ-साथ प्रत्याशियों के भाषण सुनकर मंनोरजन भी कर रहे हैं। इन चुनावों के मौसम में वृद्ध अपनी बेटों को यह सुझाव देना भी भूल गये हैं कि बेटा हाड़ी के बाद अब सावनी भी आनी है और खेत में जाकर इसकी बिजाई भी करनी है और आगे की भी सोचनी है।
भूप सिंह टाड़ा  का कहना है कि गांव का विकास रूका हुआ है, वे तो उसी को वोट देंगे, जो गांव की और भाईचारे की बात करेगा।
सरवन गोदारा  का कहना है कि कैसा जमाना आ गया है, सरपंच पद के लिए भी एमएलए जैसा प्रचार करना पड़ रहा है। भोंपू पूरा दिन गांव में बजते हैं और गांव की शांति भंग हो रही है, यह भी पता नहीं, कि जीतकर ये लोग गांव का कितना विकास करवाएंगे।
प्रेम भांभू  का कहना है कि प्रत्याशी अब तो बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, लेकिन जब जीत हासिल होगी तो वायदे तो भूल जाएंगे, मतदाता को भी भूल जाएंगे। फिर कहेंगे हमें तो वोट डाला ही नहीं, हम तुम्हारे वोट से कहा बनें हैं।
रामकुमार का कहना है कि चुनाव में वोट डालने का अधिकार उसे मिल गया है और वह तो अपने वोट को पूरी तरह सोच-समझकर ही प्रयोग करेगा। उसका तो लक्ष्य एक ही है जो गरीब की सुनेगा, वह उसको जरूर वोट देगा।
हरबन्स जाखड़ का कहना है कि जीते कोई भी लेकिन वह अपने कत्र्तव्य को याद रखे। सबकी सुनें और सबको सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ दे।

अविश्वास मत पर टिका कांग्रेस का भविष्य

डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डबवाली के लोगों की निगाह अब 16 जून पर लगी हुई हैं। इसी प्रस्ताव पर डबवाली क्षेत्र में कांग्रेस और डॉ. केवी सिंह का राजनीतिक भविष्य भी जुड़ा हुआ है। चूंकि डॉ. केवी सिंह के आशीर्वाद से ही पालिका अध्यक्षा के पद पर सिम्पा जैन सुशोभित हो पाई थीं।
नगरपालिका के चुनावक्रम पर दृष्टि डालें तो पालिका के चुनाव पहली पालिका के समय सीमा समाप्त होने से पूर्व ही 30-12-2008 को सम्पन्न हुए थे। जिसके चलते 3-3-2009 को विजेता पार्षदों की नोटिफिकेशन सरकार द्वारा की गई। हालांकि इन चुनावों में 19 वार्डों में से 10 पर कांग्रेस को, 7 पर इनेलो तथा 2 पर इनेलो की सहयोगी भाजपा को सफलता हासिल हुई थी।
पार्षदों की प्रथम बैठक और शपथ ग्रहण समारोह 20 मार्च 2009 को तत्कालीन उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह ने सम्पन्न करवाया था। लेकिन प्रधान और उपप्रधान पद को लेकर कांग्रेस में कशमकश चलती रही। कांग्रेस के 10 में से चार पार्षद प्रधान पद की दौड़ में थे। जिसमें विनोद बांसल, रमेश बागड़ी, सिम्पा जैन तथा हरनेक सिंह शामिल थे। कई दिन तक इनमें उठा-पटक चलती रही। उस समय इनेलो ने यह शिगूफा भी छोड़ा कि सरकार तो नगरपालिका पर इनेलो की ही आएगी और कांग्रेसी आपस में लड़ते रह जाएंगे। इनेलो के इस शिगूफा से कांग्रेसी पार्षदों को एक होने का मौका मिला और 31 मार्च को सिम्पा जैन के नाम पर जैसे तैसे सहमति हो गई। लेकिन इस सहमति से पूर्व कांग्रेस में फिर दरार पैदा हुई और पार्षद हरनेक सिंह नगरपालिका के बाहर से ही गायब हो गया। उस दिन कांग्रेसी पार्षदों के हाजिर न होने से बैठक कैंसल कर दी गई। इस मौके पर उपस्थित हुए इनेलो पार्षदों ने खूब शोर-शराबा किया। लेकिन उनकी एक न चली।
फिर अगले दिन 1 अप्रैल को कांग्रेसी पार्षद नगरपालिका में उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह के निमंत्रण पर आयोजित पार्षदों की बैठक में उपस्थित हुए। इस मौके पर सभी 19 पार्षद उपस्थित थे। लेकिन बहुमत कांग्रेस के पक्ष में होने के कारण प्रधान पद पर सिम्पा जैन और उपप्रधान पद पर हरनेक सिंह को चुन लिया गया। हरनेक सिंह ने तत्काल अपना कार्य शुरू कर दिया। लेकिन 4 मई 2009 को प्रधान पद की नोटिफिकेशन के बाद प्रधान ने 5-5-2009 को अपना कार्यभार संभाला।
प्रधान पद को लेकर इसके बावजूद भी कांग्रेसी पार्षदों में नोंकझोंक अक्सर चलती रही। पार्षद जगदीप सूर्या, विनोद बांसल, रमेश बागड़ी ने बताया कि सिम्पा जैन वायदे पर कायम नहीं रही। जिसके चलते उन्हें विद्रोही तेवर अपनाने पड़े। उनके अनुसार प्रधान पद पर सिम्पा जैन की नियुक्ति करते समय पार्षदों में यह तय हुआ था कि छह माह के बाद वह प्रधान पद छोड़ देगी। इन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिम्पा जैन पार्षदों को ब्लैकमेल करके प्रधान बनी थी। चूंकि उसने धमकी दी थी कि अगर उसे प्रधान नहीं बनाया जाता तो वह विपक्षी खेमे में शामिल हो सकती है।
विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों ने इनेलो पार्षदों के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी गुप्त बैठकें नगर के एक होटल में करनी शुरू कर दी। जिसमें विपक्ष के पार्षद गुरजीत सिंह शामिल थे। 14 मई 2010 को विद्रोही पार्षद अपने कार्य को अंजाम देने के लिए डबवाली से इनेलो के विधायक अजय सिंह चौटाला से सिरसा में उनके निवास स्थान पर मिले और बताया कि वे पालिका अध्यक्षा से खफा है और किसी भी कीमत पर इसे बदलने के इच्छुक हैं। बताया तो यह जाता है कि अजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अब भी विचार कर लें, अन्यथा आगे कदम बढ़ाने के बाद पीछे न हटें। इस मौके पर कांग्रेसी पार्षदों ने एक शर्त रखी कि यदि पालिका अध्यक्षा इनेलो में शामिल होने की इच्छा करे तो उसे किसी भी कीमत पर इनेलो में शामिल न किया जाए और न ही उसे समर्थन देकर इनेलो प्रधान बनाए। इस पर अजय सिंह चौटाला ने सहमति व्यक्त की और इनेलो व विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों में समझौता हो गया। इसी योजना के तहत 17 मई को विद्रोही कांग्रेसी पार्षद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो पार्षदों के साथ उपायुक्त सिरसा के समक्ष प्रस्तुत हुए और  उन्हें पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए अपने शपथ पत्र सौंपे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए पार्षदों की विशेष बैठक 16 जून को बुलाए जाने को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजनीति पर्यवेक्षकों का मानना है कि नगरपालिका के अध्यक्षा पद पर सिम्पा जैन को बिठाने के लिए कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह की अहम भूमिका थी और डॉ. केवी सिंह ने इसके लिए नगरपालिका चुनाव के समय गठित की गई पांच सदस्यीय कमेटी को भी नजरअंदाज कर दिया था। इस कमेटी में मलकीत सिंह गंगा, नवरतन बांसल, रवि चौटाला, संदीप चौधरी, दीपक कौशल एडवोकेट शामिल थे। कमेटी को नजरअंदाज करने के बाद कमेटी के सदस्यों और डॉ. केवी सिंह के बीच तभी से 36 का आंकड़ा चला आ रहा है। लेकिन विद्रोही कांग्रेसी भी केवी सिंह के ही समर्थक माने जाते रहे हैं। आखिर केवी सिंह के आशीर्वाद से बनाई गई पालिका अध्यक्षा के खिलाफ केवी सिंह के समर्थकों के ही विद्रोह में आ जाने से यह माना जाने लगा है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव 16 जून को पारित हो जाता है, तो डॉ. केवी सिंह का डबवाली से जुड़ा राजनीतिक भविष्य भी काफी हद तक प्रभावित होगा। हालांकि पालिका अध्यक्षा के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगेगा ही।