05 जून 2020

हरियाणा में आज कोरोना के 316 नये केस, देखें मेडिकल बुलेटिन


सांसद सुनीता दुग्गल के प्रयास लाए रंग, विदेश में फंसे ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन लौटे अपने घर

सकुशल घर वापसी होने पर भगत ङ्क्षसह व सुमन ने सांसद का किया धन्यवाद, परिजनों ने भी सांसद का जताया आभार
सिरसा(लहू की लौ) कोरोना वैश्विक महामारी के कहर से पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के चलते विदेशों में देश के विभिन्न जिला के नागरिक फंसे हुए हैं। इन्हीं में ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन भी थी, जोकि विदेश में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन के चलते फंसे होने के कारण अपने घर नहीं लौट पा रहे थे। जब दोनों परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इन्हें जल्द विदेश से घर वापस लाएंगी। सांसद ने दोनों के घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में पत्र लिखने के साथ-साथ विदेश मंत्री जयशंकर से बात भी की। इस तरह से सांसद के प्रयास रंग लाए और दोनों भगत सिंह दयाल व सुमन अपने घर वापस सकुशल लौट आए। दोनों के घर लौटने पर परिवार वालों ने तय दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद के इस काम की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है।
सिरसा जिला के ऐलनाबाद का भगत सिंह दयाल यूएई में काम करते हैं और वे वहीं रहते हैं। अचानक भगत सिंह दयाल के पिता की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में भगत सिंह दयाल को यूएई से ऐलनाबाद अपने घर आना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके वापिस आने में कठिनाई आ रही थी। सभी कौशिशों के बावजूद भी वह अपने घर नहीं लौट पा रहा था। ऐसे में जब भगत सिंह दयाल के परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भगत सिंह दयाल को घर वापिस लाएंगी। सांसद ने भगत सिंह दयाल के पासपोर्ट आदि सभी जानकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा और विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर कई बार बात की। सांसद के प्रयासों का ही परिणाम रहा कि ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल यूएई से सकुशल अपने घर लौट आए।
इसी प्रकार रतिया से सन 2017 से सुमन रानी पुत्री सुखचरन अरोडा टिब्बा कलोनी निवासी यूक्रेन में पढाई कर रही रही है कोरोना महामारी के चलते यूक्रेन में 31 दिसम्बर तक लॉक डाउन है जिसको लेकर भारत के सभी छात्र भारत वतन वापसी कर रहे थे लेकिन दो बार एम्बेसी में अप्लाई करने पर भी एयर इंडिया फ्लाइट सूची में सुमन का नाम न होने से सुमन की टेंशन बढ गई। जिस पर परिवार ने सांसद सुनीता दुग्गल से सम्पर्क किया और
पुरे मामले अवगत करवाया । सांसद दुग्गल ने मामले की जानकारी लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा व विदेश मंत्री से बात की और बेटी सुमन से यूक्रेन में  बात कर आश्वासन दिया की घबराने की जरूरत नही है जल्द समाधान होगा । वही 3 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट थी उसमें भी सुमन का नाम नही था । जिस पर देर शाम सांसद दुग्गल ने यूक्रेन में फिर सुमन से बात की और उसके बाद फिर विदेश मंत्री से बात की जिसके बाद एम्बेसी से मेल आई और ऐन मोके पर एयर इंडिया की टिकट बुक हो पाई। जिसके बाद सुमन बुधवार रात वापिस लोटी। सांसद सुनीता दुग्गल के कडे प्रयास से सुमन अरोडा  बुधवार रात्रि को अपने वतन लौटी। 

शहर की सड़कों के सौंदर्यकरण में रोड स्वीपिंग मशीन निभाएगी अहम भूमिका : उपायुक्त

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालस से रोड स्वीपिंग मशीन को झंडी दिखाकर किया रवाना
सिरसा(लहू की लौ) रोड स्वीपिंग मशीन अब सिरसा शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाने में सहभागी बनेगी। शुक्रवार को उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालय से मशीन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर नगर परिषद वाइस चेयरमैन रणधीर सिंह, नगर परिषद सचिव गुरशरण सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक जोगिंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि जिला के शहरी क्षेत्र की सौंदर्यकरण में रोड़ स्वीपिंग मशीन अहम भूमिका निभाएगी। शहरी क्षेत्र की सड़कों को ये मशीन मिलने के बाद और अधिक सफाई व्यवस्था दुरूस्त होगी। उन्होंने कहा कि सफाई के साथ ही इस मशीन के माध्यम से सड़क से कचरा भी रोड स्वीपिंग मशीन उठाएगी। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सफाई व्यवस्था के कार्य में आगे आकर अपने शहर को साफ.सुथरा बनाये रखने में अपनी भूमिका अदा करें। सफाई व्यवस्था को बेहतर रखकर हम एक सुंदर समाज की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता एक बेहतर उपाय है। हर व्यक्ति साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में अपना सहयोग करें। उपायुक्त ने मशीन को चलवाकर मशीन की सफाई तकनीक की
जानकारी ली।
एक्सईएन सुमित मलिक ने उपायुक्त को रोड स्वीपिंग मशीन की कार्यशैली के बारे में बताया कि मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश लगे हैं। ये मशीन के सेंटर और साइड में लगे हैं,जो सड़कों की सफाई करते रहते हैं। दोनों तरफ लगे ब्रश गोल-गोल घूम कर कचरे को सड़क के बीचों-बीच लाते हैं और बीच का ब्रश सड़क से कचरे को सेक्शन के माध्यम से डम्प टैंक में एकत्र करता है। उन्होंने बताया कि मशीन में साथ-साथ छिड़काव होने से सफाई के दौरान धूल नहीं उठेगी। 

गेहूं उठान की जानकारी दिए बगैर बिल अप्रूव करता रहा इंस्पेक्टर, डीएफएससी ने नोटिस जारी कर जिम्मेवार ठहराया

निरीक्षक राजदीप के दायरे में आते हैं सात खरीद केंद्र, डीएफएससी ने नोटिस में माना-संबंधित निरीक्षक के कारण रुका भुगतान
डबवाली(लहू की लौ)कोरोना संकट के बीच गेहूं खरीद प्रक्रिया में उलझी रही तो अब व्यापारियों तथा किसानों को पेमेंट के लिए संबंधित खरीद एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों की लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ रही है। डबवाली से जुड़े मामले में डीएफएससी सिरसा ने निरीक्षक राजदीप सिंह को नोटिस जारी किया है। नोटिस के मुताबिक संबंधित निरीक्षक आइ फार्मों की अप्रूवल तो दे देता था, लेकिन खरीद किए गए गेहूं के उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। अधूरी जानकारी के कारण संबंधित के दायरे में आने वाले सात खरीद केंद्रों की पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। डीएफएससी नीरज शर्मा ने राजदीप सिंह को उक्त केंद्रों के बकाया बिल, ऑनलाइन अप्रूव किए गए आइ फार्मों से संबंधित उठान के आंकड़े, बिल, गेहूं उठान की सूचना से संबंधित दस्तावेज उपलबध करवाने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का निरीक्षक राजदीप सिंह डबवाली, लोहगढ़, देसूजोधा, राजा राम चिरंजी लाल, गणपति राइस मिल, ओल्ड हरियाणा कॉटन फैक्टरी, ओमप्रकाश बब्बर एंड संस, महावीर राइस मिल खरीद केंद्र में गेहूं खरीद कर रहा है। आढ़ती गेहूं खरीद के बाद आइ फार्म जमा करवाते थे, उसकी अप्रूवल दे देता। जबकि उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। ऐसे में दस्तावेज अधूरे होने के कारण संबंधित आढ़ती तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पाता था। डीएफससी ने नोटिस में लिखा है कि डबवाली मंडी का 26 मई, लोहगढ़ मंडी से संबंधित बिल 27 मई को सर्कल कार्यालय में जमा करवाया गया था। लेकिन गेहूं उठान का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। जबकि निरीक्षक प्रतिदिन दी जाने वाली रिपोर्ट में संपूर्ण खरीद का उठान दर्शाता रहा।

निरीक्षक को जिम्मेवार ठहराया गया है
नोटिस में डीएफससी ने कहा है कि निरीक्षक ने 18 मई के बाद के बिल सर्कल कार्यालय में जमा करवाए गए हैं। लेकिन सातों खरीद केंद्रों से संबंधित बकाया बिल अभी तक उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने राजदीप सिंह को जिम्मेवार ठहराया है।

महकमें के एक निरीक्षक ने गेहूं खरीद संबंधी कागजात पूरे नहीं किए हैं। लेकिन नोटिस सभी निरीक्षकों को जारी कर दिया। मेरी कोई गलती नहीं है। क्योंकि मैंने पूरे दस्तावेज जमा करवाए हैं। आढ़तियों-किसानों की पेमेंट आ रही है। मैं नोटिस का जवाब दे दूंगा।
-राजदीप सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, डबवाली

एसडीएम कार्यालय के आगे कर्मचारियों का धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन

डबवाली(लहू की लौ)सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले विभिन्न विभागीय यूनियनों के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय के समक्ष दो घंटे धरना दिया। मांग व मुद्दों को लेकर कर्मचारियों ने नारेबाजी कर रोष जताया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व सर्वकर्मचारी संघ डबवाली के प्रधान सुभाष ढ़ाल कर रहे थे। दोपहर बाद 1 बजे कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार संजय चौधरी को ज्ञापन सौंपा। धरने का संचालन कृष्ण कायत ने किया।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार कोविड-19 आपातकाल की आड़ में कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात कर रही है। महंगाई भत्ते व एलटीसी सहित अन्य भत्तों पर रोक लगाना इसी कड़ी का हिस्सा है । 1983 पीटीआई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त समय पूर्व कार्य मुक्त करना कर्मचारी विरोधी नीतियों का नतीजा है । हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला सहसचिव गुरमीत सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि दस वर्षों से विभाग में सेवा कार्य कर रहे पीटीआई शिक्षकों के हित में सरकार सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करे व कोई नीति बनाकर इन्हें सेवा सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन डबवाली के प्रधान राहुल शर्मा ने सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व स्वास्थय विभाग सहित सभी विभागों में लगे आउटसोर्सिंग से हटाए गए कर्मचारियों की सेवा बहाल करने की मांग की और सरकार को चेताया कि कर्मचारी विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा और तुगलकी फरमानों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
धरने को स्वास्थ्य विभाग से सुमित्रा देवी, मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की प्रधान राज रानी, आंगनबाड़ी यूनियन की पूर्व प्रधान वीरों देवी, भवन-निर्माण कामगार यूनियन के प्रधान राजविंदर सिंह व प्रधान सुभाष ढाल ने भी संबोधित किया। धरने में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से सचिव कालूराम, राजेंद्र जाखड़, नानक चंद,बलौर सिंह, गुरविंदर सिंह, भीमराय, मनोज बूमरा वोकेशनल एजुकेशन यूनियन से राजवीर सिंह के अलावा बहुत से अध्यापकों, मिड-डे-मील वर्कर्स , आंगनबाड़ी,  बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

हाई कोर्ट ने निजी स्कूल एसोसिएशन और सरकार को किया नोटिस, 15 जून तक देना होगा जवाब

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा फीस बढ़ोतरी मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
चंडीगढ़ (लहू की लौ) गए थे नमाज पढऩे रोजे गले पड़ गए। कुछ इसी तरह का वाक्या प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुआ। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण काल में चल रहे लाकडाउन के दौरान फी
स वसूली और नए सत्र से फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार भी अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों का पक्षकार बन गए। वीरवार को मामले में पहली सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजमोहन के समक्ष हरियाणा एजुकेशन एक्ट 1995 के सेक्शन चैप्टर छह के सेक्शन 17(5) की विस्तृत चर्चा की और बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल को हर साल ऑडिट बैलेंस सीट निदेशालय के समक्ष जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। संगठन ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। जिस पर शिक्षा निदेशालय ने 18 दिसंबर 2019 को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालयों में अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस सीट 31 दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि निर्धारित अवधि में ऑडिट बैलेंस सीट जमा नहीं कराने पर फार्म छह अधूरा माना जाएगा। संगठन की तरफ से यह बात भी कोर्ट के समक्ष रखी गई कि अधिकांश निजी स्कूलों ने ऑडिट बैलेंस सीट शिक्षा निदेशालय के समक्ष जमा नहीं कराई है। इसी वजह से उनका फार्म छह भी अधूरा पड़ा है।
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये मसला सरकार और निजी स्कूलों के बीच का है, इसमें संगठन का कोई लेना देना नहीं है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की फीस बढ़ोतरी करने व लाकडाउन अवधि के दौरान अभिभावकों से फीस लेने संबंधी बातें भी रखी। प्राइवेट स्कूलों की मांग थी कि फार्म नंबर छह के अनुसार बच्चों से फीस लेने की अनुमति दी जाए और सरकार ने जो आदेश किए हैं, उन्हें स्थगित कराया जाए। न्यायाधीश राजमोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा ऑडिट बैलेंस सीट संबंधी एक्ट का हवाला देते हुए इसकी अनुपालना नहीं करने अनुरोध पर हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 15 जून तक जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मसले में अब तक शिक्षा निदेशालय में ऑडिट बैंलेंस सीट जमा कराने से बचने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकना तय है। 

युवा मोर्चा अध्यक्ष ने एसडीएम पर किया पलटवार

डबवाली(लहू की लौ)भाजपा युवा मोर्चा डबवाली के अध्यक्ष विजयंत शर्मा ने धारा-144 की उल्लंघना मामले में एसडीएम पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि 27 मई को एसडीएम निर्धारित समय सुबह 9 बजे कार्यालय आ जाते तो मामला निपट जाता। लेकिन वे आए ही 11 बजे थे। उनकी समस्या सुनने की अपेक्षा सीधा कार्यालय में घुस गए। विजयंत शर्मा के अनुसार रेहड़ी चालकों की समस्या संबंधी एसडीएम से बातचीत करने के लिए वह तथा पार्षद बलजीत सिंह एसडीएम कार्यालय गए थे। उन दोनों के अलावा वहां कोई नहीं था। एसडीएम के कार्यालय में देरी से आने के कारण वहां लोग आने लगे। पार्षदों के अलावा रेहड़ी वाले तथा उनके परिवारों ने धरना लगा लिया। उनका मकसद प्रशासनिक अधिकारी को नीचा दिखाना कतई नहीं था, वे तो चाहते थे कि एसडीएम आएं और समस्या का तुरंत समाधान हो जाए। लेकिन वे बार-बार बुलाने के बावजूद नहीं आए। युवा मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है कि इस संबंध में वे उपायुक्त सिरसा से मिलने गए थे। किसी कार्य में व्यस्त होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया है।

चौटाला में ओलावृष्टि से नरमा को नुकसान, किसानों ने मांगा मुआवजा

डबवाली(लहू की लौ)वीरवार शाम को गांव चौटाला में ओलावृष्टि से संगरिया रोड पर हनुमान मंदिर के पीछे स्थित खेतों में नरमा की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा मांगा है। किसान राजेश बिश्नोई, पवन कुमार, हनुमान, महावीर नैन, दलीप बिश्नोई ने बताया कि शाम को करीब 15 से 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई है। जिससे नरमा के पौधे की टहनी टूट गई है। फसल को करीब 100 फीसद नुकसान हुआ है। इस सम्बंध में उन्होंने प्रशासन को सूचित किया है। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ खर्च करीब 6000 हुआ था, मेहनत अलग हुई थी। प्राथमिक नजर से फसल लगभग खराब हो चुकी है। किसानों के अनुसार पुन: खेत तैयार करने और नरमा बीजांत करने में काफी समय लगेगा। हालात इतने खराब हैं कि यह असम्भव प्रतीत होता है। किसानों के अनुसार ओलावृष्टि गांव के एक हिस्से में हुई,उसी क्षेत्र के खेत प्रभावित हुए।

डबवाली से युवक लापता, 12 दिन बाद सुराग नहीं


डबवाली(लहू की लौ)डबवाली के सिरसा रोड पर रहने वाले 33 वर्षीय युवक का करीब 12 दिन बाद भी सुराग नहीं लगा है। वह 23 मई को घर से गायब हुआ था। पुलिस ने उसकी पत्नी की शिकायत पर धारा 346 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस में दी शिकायत में ममता ने बताया है कि उसका पति संदीप मलोट स्थित शराब ठेका पर कार्यरत है। वह 22 मई को डबवाली लौटा था। 23 मई को रात करीब पौने 12 बजे उसकी आंख खुली तो वह गायब था। घर का मुख्य गेट भी खुला पड़ा था। उसने इसकी जानकारी ससुर देसराज को दी। उसका कोई सुराग नहीं लगा। संदीप के एक बेटा तथा एक बेटी है।

पर्यावरण की सीमा : मायके से लाई हरियाली की विरासत, ससुराल में बिखेरी खुशबू

डबवाली (लहू की लौ) पर्यावरण से मित्रता समय की जरुरत
है। प्रयास हमें घर से करना होगा। जैसा की 45 वर्षीय सीमा सग्गू कर रही हैं। देहरादून की वादियों में पली-बढ़ी यह बेटी डबवाली में विवाहिता हैं। ससुराल में मायके जैसी हरियाली तथा पक्षियों की चहचहाट करने का सपना देखा था। ख्यालों को हकीकत में बुनना शुरु किया। पौधारोपण करने लगी, पेड़ बड़े होते गए तो धीरे-धीरे कुछ नया करने की ठानी। घर से पड़े टूटे मटकों, चाय के कप, ईंट-पत्थरों आदि ढेर सारा वेस्ट मेटीरियल इक्ट्ठा कर लिया। वेस्ट पर पेंटिंग करके उसे बेस्ट बना दिया। ऊंचे पेड़ों पर पेंटिंग किए चाय के कपों को लटकाकर उसमें पौधे लगा दिए। अब एक पौधे पर अनेक पौधे बढ़ते दिखाई देते हैं।
सीमा सग्गू की इस बगिया में पौधों के साथ बांस, नारियल या फिर टोकरी में पराली डालकर सकोरे लटकाए हुए हैं, पूरा दिन पक्षियों की चहचहाट रहती है। अत्याधिक गर्मी या सर्दी से पौधों को बचाने के लिए ग्रीन हाऊस बना रखा है, तो कहीं छात्ता तले पौधे ऊंचाई छूते नजर आते हैं। अब तो ससुराली सीमा को पर्यावरण मित्र कहते नहीं थकते।

घर में हो पर्यावरण की सीमा, घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य
शहरों में जमीन लगातार कम होती जा रही है, तो वहीं विकास के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। ऐसे में पर्यावरणीय हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए घर की सीमा का ही प्रयोग करना होगा। अपने इस प्रयास को सीमा ने अगले एक वर्ष में घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पौधों का संरक्षण ही संकल्प
सीमा सग्गू का लक्ष्य है कि जितने पौधे उनकी बगिया में लगे हैं, उनको संरक्षित रखना। ताकि ये निरंतर बढ़ते जाएं और बहुत बड़े पेड़ बन जाएं। पौधों को किसी तरह की बीमारी न लगे, इसलिए उनकी बच्चों की तरह परवरिश करना।

देहरादून में चारों ओर हरियाली है, मेरा घर प्रकृत्ति की अनुपम धरोहर है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के लोग पर्यावरण का महत्व जानते हैं। वैसा नजारा मैं सब जगह देखना चाहती हूं। हरियाली ही मेरा एजेंड़ा है, इस पर ही मैं काम कर रही हूं।
-सीमा सग्गू, डबवाली

5 June. 2020