24 जुलाई 2010

सद्भावनानगर गोलियों से गूंजा, हिस्ट्रीशीटर माणासिंह घायल

दिनदहाड़े बदमाशों में गोलीबारी से दहशत
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर का सद्भावनानगर आज दोपहर एकाएक गोलियों की आवाजों से गूंज उठा, जब दो बदमाश आमने-सामने हो गए। इनमें कुख्यात अपराधी एवं हिस्ट्रीशीटर माणासिंह  गोलियों के छर्रे लगने से जख्मी हो गया, जबकि उस पर गोलियां चलाने वाला बदमाश प्रवृत्ति का गुरचरणसिंह व उसका एक साथी माणासिंह का मोटरसाइकिल लेकर ही फरार हो गए। इन दोनों को पकडऩे के लिए पूरे शहर में तत्काल नाकाबंदी करवा दी गई। घायल माणासिंह के बयान के आधार पर कोतवाली पुलिस हत्या का प्रयास किए जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माणासिंह पुत्र सज्जनसिंह दोपहर करीब एक बजे मोटरसाइकिल (आरजे 13 एसबी 1653) पर सवार होकर अपने घर सद्भावनानगर जा रहा था। घर के समीप वह ताराचंद की दुकान के पास पहुंचा ही था कि इतने में स्कूटर पर आए गुरचरणसिंह व उसके एक साथी ने माणासिंह को रोक लिया। इन तीनों में हाथापाई हुई। तभी गुरचरणसिंह व उसके साथी ने देसी कट्टे निकाल लिए। तब माणासिंह भाग खड़ा हुआ। वह अपने घर की तरफ भागा। उस पर गुरचरणसिंह और उसके साथी ने दो-तीन फायर कर दिए। हालांकि अपुष्ट सूत्रों के अनुसार माणासिंह के पास भी कोई हथियार था। उसने इसका उपयोग किया या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस सूत्र बताते हैं कि भागते हुए माणासिंह को अपना बचाव करने का मौका ही नहीं मिला। उधर गुरचरणसिंह व उसका साथी स्कूटर छोड़कर माणासिंह द्वारा वहीं छोड़े गए मोटरसाइकिल को लेकर भाग गए।
दिनदहाड़े गोलियां चलने की आवाजों से सद्भावनानगर में दहशत फैल गई। कुछ ही देर में पुलिस की गाडिय़ां दनदनाते हुए पहुंचीं। घटनाक्रम की जानकारी लेकर शहर की नाकाबंदी करवा दी गई। बताया गया कि दोनों हमलावर किस नंबर के मोटरसाइकिल पर सवार हैं। इसी बीच माणासिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके एक कान तथा पेट पर गोलियों के छर्रे लगे हैं। उसकी हालत खतरे से बाहर है। सेतिया कॉलोनी पुलिस चौकी प्रभारी गुरूभूपेन्द्र सिंह ने बताया कि माणासिंह ने बयान दर्ज करवा दिए हैं, जिसमें उसने अपने ऊपर हुए हमले का कोई कारण नहीं बताया। इस बारे में तफ्तीश करने पर ही पता चलेगा। हमलावरों पर हत्या का प्रयास करने के आरोप में धारा 307 और आम्र्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
कुख्यात अपराधी माणासिंह पर हत्या, लूटपाट, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, छीना-झपटी और मारपीट के अनगिनत मामले हैं। वर्ष 2008 के बहुचर्चित बाबा निर्वाण कुटिया के एचएस दुखिया हत्याकाण्ड में माणासिंह के गिरफ्तार होने पर उसके घर से काफी मात्रा में मादक पदार्थ भी बरामद हुए थे। अभी कुछ दिन पहले ही माणासिंह मादक पदार्थ रखने के इस मामले में पुलिस अनुसंधान में कमियों के चलते अदालत से बरी हो गया था। एचएस दुखिया हत्याकाण्ड में वह हाल ही जमानत पर रिहा हुआ था।

अपहृत पिता की हत्या, लाश सड़क पर फैंकी

हत्यारे पुत्रों, भतीजे व अन्यों अपहरणकर्ताओं की तलाश में छापे
श्रीगंगानगर। घरेलू विवाद के चलते अपहृत किए गए अधेड़ की हत्या कर दी गई है। इस अधेड़ की लाश आज सुबह जिले के श्रीबिजयनगर थानांतर्गत जैतसर मार्ग पर चक 22 जीबी में तिराहे से चक 13 जीबी को जाने वाली रोड पर पड़ी हुई मिली। इस अधेड़ का शुक्रवार को दिनदहाड़े उसकी पहली पत्नी के दो पुत्रों, भतीजों व अन्य जनों ने अपहरण कर लिया था। तभी से पुलिस इस अधेड़ को सकुशल बरामद करने के लिए भाग-दौड़ कर रही थी। आज सुबह लाश मिलने पर अपहरण के इस मामले में हत्या की धारा भी लगा दी गई है। अधेड़ के शरीर पर चोटों के अनगिनत निशान हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह 7.30 बजे किसी व्यक्ति ने श्रीबिजयनगर थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह को बताया कि एक व्यक्ति की चौटिल अवस्था में लाश चक 13 जीबी को जाने वाले मार्ग पर एक साइड में पड़ी है। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस को एक अधेड़ व्यक्ति की पहले से ही तलाश थी। संदेह होने पर थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह ने मटीली राठान थाना प्रभारी महावीर को इस लाश के बारे में बताया। कुछ ही देर में महावीर दलबल सहित तथा अपहृत किए गए गुरचरण सिंह जटसिख (55) की दूसरी पत्नी व अन्य परिचितों को लेकर चक 13 जीबी पहुंच गए। वहां लाश की शिनाख्त गुरचरण सिंह के रूप में हुई। थाना प्रभारी ने बताया कि मौके पर पंचनामा की कार्रवाई कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए दोपहर को श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में लाया गया है। यहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को चक 18 जैड से गुरचरण सिंह को अगुवा कर लिए जाने के बाद से ही पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। आज जब लाश मिली, तो उसके शरीर पर चोटों के काफी निशान थे। उसे लाठियों से बेतहाशा पीटा गया। उन्होंने बताया कि गुरचरण सिंह की दूसरी पत्नी जसवीर कौर ने शुक्रवार देर शाम को मटीली राठान थाने में रिपोर्ट देते हुए पहली पत्नी के दो पुत्रों अमरजीत सिंह व इन्द्रजीत सिंह, गुरचरण सिंह के भाई हरबंस सिंह व उसके पुत्र कुलदीप सिंह के अलावा मीता सिंह संतपुरा, कांता सिंह व जगतार सिंह दलियांवाली आदि पर अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। धारा 364, 323, 447, 147, 148 व 149 में यह मामला दर्ज किया गया। रात को भी गुरचरण सिंह और इन आरोपितों की तलाश की जाती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गुरचरणसिंह का मोबाइल फोन बंद आ रहा था, जबकि आरोपितों के मोबाइल फोन भी बंद थे। टावर लॉकेशन से इनका पीछा किया गया और कई गांवों में छापे भी मारे गए।

घात-प्रतिघात
श्रीगंगानगर। अपहरण करके नृशंसतापूर्वक मौत के घाट उतारे गए किसान गुरचरणसिंह जटसिख का अपनी पहली पत्नी के पुत्रों और अपने भाई-भतीजों के साथ पिछले एक-डेढ़ वर्ष से घात-प्रतिघात की आंख-मिचौली चल रही थी। मटीली राठान थाना प्रभारी के अनुसार दोनों ही पक्ष एक-दूसरे की ताक में थे कि कब उन्हें मौका मिले और किसी को सलटा दिया जाए। पहले मौका पहली पत्नी के पुत्रों को कल शुक्रवार को मिल गया, जब उन्होंने अकेले चक 18 जैड आए हुए पिता को दबोच लिया। अन्यथा दोनों ही पक्षों का कोई भी सदस्य अकेले कहीं भी नहीं जाता था। हमेशा दो-तीन आदमी उनके साथ चलते थे। दूसरी पत्नी के साथ श्रीगंगानगर की चक 3 ई छोटी की गली नंबर 4 में रह रहा गुरचरण सिंह शुक्रवार सुबह 10-10.30 बजे अपनी जीप लेकर अकेले चक 18 जैड जमीन संभालने के लिए गया था। वहां उसे पहली पत्नी के पुत्रों, भाई, भतीजे और इनके साथियों ने घेर लिया। अधमरा तो गुरचरण सिंह को इन दोनों नहीं वहीं लाठियों से पीट-पीटकर कर दिया था। गुरचरण सिंह की जीप वहीं रह गई। अपहरणकर्ता उसे हरियाणा के नंबरों वाली अपनी जीप में डालकर ले गए। उसे न जाने कहां-कहां घूमाते रहे। चोटें लगी हुई थीं और इलाज न हो पाने के कारण गुरचरण की मौत हो गई।

पंचायत में हुआ था फैसला
श्रीगंगानगर। गुरचरण सिंह पहली पत्नी के साथ रहेगा या दूसरी पत्नी के साथ, इसका फैसला एक-डेढ़ वर्ष पहले दोनों पक्षों द्वारा बुलाई गई बिरादरी की एक बड़ी पंचायत में हुआ था। तब भी इन दोनों पक्षों के बीच चल रही तनातनी का मामला तत्कालीन डीएसपी (ग्रामीण) राजेश मील के समक्ष पहुंचा। उन्होंने ही पंचायत के जरिए विवाद सुलझाने का सुझाव दिया। तब बड़ी पंचायत बुलाई गई। इसमें गुरचरण सिंह को समझाया-बुझाया गया, लेकिन उसने दो टूक शब्दों में कहा दिया कि वह पहली पत्नी और उसके बच्चों को छोडऩे के लिए तैयार है। दूसरी पत्नी के साथ ही रहेगा। गुरचरण सिंह के पास कुल 39 बीघा कृषि भूमि थी। मटीली राठान थाना प्रभारी महावीर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 9 बीघा भूमि गुरचरण सिंह ने बेच दी थी। शेष 30 बीघा जमीन में से 6 बीघा जमीन उसने अपने पास रख ली। बाकी भूमि पहली पत्नी और उससे हुए बच्चों के नाम कर दी। दूसरी पत्नी जसवीर कौर से गुरचरण सिंह की जान-पहचान काफी समय से थी, लेकिन अब एक-डेढ़ वर्ष से वह जसवीर कौर के साथ यहां 3 ई छोटी में रह रहा था। दूसरी तरफ पहली पत्नी के पुत्र, भाई व भतीजे दिल में रड़क रखे हुए थे कि गुरचरण सिंह ने दूसरी औरत के लिए अपने घर-परिवार को छोड़ दिया। इनकी रंजिश लगातार बढ़ती ही चली गई। नतीजतन गुरचरण सिंह की हत्या हो गई। उन्होंने बताया कि आरोपितों को पकडऩे के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इनमें से गुरचरण सिंह का भाई हरबंस को पुलिस ने कल ही चक 18 जैड से पकड़ लिया था। उसी से पता चला था कि गुरचरण सिंह को जीप में डालकर ले जाने वालों में कौन-कौन हैं।

बाढ़ पीडि़त महिला से रेप

बाप ने शरण दी, बेटों ने लूट ली अस्मत
डबवाली (लहू की लौ) बाढ़ पीडि़त दम्पत्ति को आश्रय देने वाले एक व्यक्ति के बेटों ने आश्रय पाने वाले परिवार की महिला की अस्मत लूट ली। पुलिस ने पीडि़त महिला की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है।
बलात्कार की शिकार महिला रजनी (23) के पति परमिन्द्र सिंह (25) पुत्र रीठा सिंह निवासी सिवियां (कोटकपूरा) हाल ढाणी प्रेम सिंह, सिरसा ने बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व वह अपनी पत्नी रजनी, साले गोरा तथा भाभी भिन्द्र कौर पत्नी गोरा के साथ गांव सिवियां तह. कोटकपूरा (पंजाब) से सिरसा में रोजगार की तालाश में आया था। सिरसा से कुछ दूरी पर स्थित ढाणी प्रेम सिंह में उसे एक जमींदार के खेत में काम मिल गया। वह दिहाड़ी-मजदूरी करके अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने लगा।
पिछले दिनों आई बाढ़ के कारण ढाणी में पानी भर गया। उसका बसा-बसाया आशियाना भी बाढ़ के पानी में बह गया। वह घर से बेघर हो गया। उसके साले का परिवार भी उससे बिछड़ गया। अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने की खातिर काम की तालाश में अपनी पत्नी और एक वर्षीय बच्चे के साथ मारा-मारा घूमने लगा। बुधवार शाम को वह डबवाली पहुंचा। उसने उपमण्डल डबवाली के गांव लखुआना जाना था। बस द्वारा वह अपने परिवार सहित गांव शेरगढ़ पहुंचा। यहां से वह पैदल ही लखुआना के लिए चल दिया। शाम के करीब 7.30 बजे मार्ग में उसे गांव शेरगढ़ निवासी पिरथी सिंह मिला।
परमिन्द्र सिंह के अनुसार पिरथी सिंह ने उसके परिवार पर दया दिखाते हुए अपने घर पर रूकने के लिए कहा। गांव में काम दिलाए जाने की गारंटी ली। अनुरोध करने पर वह पिरथी सिंह के घर पर रूक गया। गुरूवार सुबह पिरथी सिंह उसे अपने साथ काम पर ले गया। दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसकी पत्नी रजनी उसके पास आई और उसे आप-बीती बताई। उसने इस मामले को थाना शहर डबवाली पुलिस के समक्ष रखा।
मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के प्रभारी एसआई विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को दिए ब्यान में परमिन्द्र सिंह की पत्नी रजनी ने कहा है कि उसको घर में अपने एक वर्षीय बच्चे के साथ अकेला पाकर पिरथी सिंह के बेटे हरदीप सिंह ने उससे मुंह काला किया और सोनू ने अपने भाई का इस काम में साथ दिया। उसने आरोपियों के चंगुल से छूटकर इसकी जानकारी अपने पति को दी। वह ग्रामीणों के सहयोग से उसे न्याय के लिए थाना ले आया। रजनी के ब्यान पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376/120-बी आईपीसी के तहत केस दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है।