28 सितंबर 2010

खुली हवा में सांस लेंगे हीरा और जग्गा

डबवाली (लहू की लौ) वर्षों से जंजीरों में जकड़े गांव पन्नीवाला रूलदू के गुरदीप और जगवीर को खुली हवा में सांस लेने की उम्मीद आखिर जगी है। अखबारों की खबर के बाद डॉक्टरों की टीम ने जाकर दोनों की हिस्ट्री जानी और अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने बताया कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को गांव पन्नीवाला रूलदू में गुरदीप उर्फ हीरा और जगवीर उर्फ जग्गा को उनके अभिभावकों द्वारा बीमारी के चलते जंजीरों में जकडऩे का पता चला तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर इसकी जांच के लिए डॉ. गुरजीत सिंह सिधू मैडीकल अधिकारी पीएचसी देसूजोधा की डयूटी लगाई। इस पर डॉ. गुरजीत सिंह जगवीर और गुरदीप के घर पहुंचे और उनके अभिभावकों से हिस्ट्री जानी और रिपोर्ट उसकेे समक्ष प्रस्तुत की।
महिपाल के  अनुसार जगवीर के भाई हरफूल सिंह ने बताया कि जग्गा 9 वर्ष का था तो वह घर के सदस्यों से अलग ही अपनी दुनिया में रहने लगा तथा इतना आक्रमिक हो गया, उसके सामने जो भी आता उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताये घर से भाग जाता। उसके इलाज के लिए तीन वर्ष सिरसा और दो वर्ष बठिंडा के अस्पतालों में हजारों रूपये उन्होंने खर्च कर डाले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उसकी हरकतों से तंग आकर मां-बाप ने मजबूरन जग्गा को जंजीरों में डाल दिया। यदि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग उसके भाई के इलाज के लिए उनका सहयोग करती है तो वह उसका इलाज करवाने के लिए उसे यहां भी विभाग कहेगा वहां ले जाने को तैयार हैं।
इधर गुरदीप उर्फ हीरा की माता हरबन्स कौर ने चिकित्सक को बताया कि हीरा जब एक वर्ष का था तो अचानक घर में बनी डिग्गी में गिर गया था। 5वीं पास करने के बाद हीरा के दिमाग में पता नहीं क्या आया कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और गुमसुम रहने लगा। कुछ ही दिनों बाद लोगों को मारने के लिए दौडऩे लगा। जिस पर उसे 17 वर्ष की आयु में जंजीरों  से बांधना पड़ा, हालांकि वह बीड़ी पीने का शौकीन है, भोजन, चाय आदि मांग लेता है। हरबन्स कौर ने बताया कि उन्होंने जगह-जगह हीरा के इलाज के लिए पैसे पानी की तरह बहाये, अब उनके पास उसके इलाज के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची। अगर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग उसके बेटे को सामान्य करने में उनकी मदद करता है तो वह विभाग के निर्देश अनुसार इलाज करवाने के लिए तैयार हैं।
एसएमओ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने डॉक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमओ सिरसा और उपमंडलाधीश डबवाली  को भेज दिया है। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग से हीरा और जग्गा के अभिभावकों ने इलाज की तैयारी के लिए 2 दिन का समय मांगा है। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें पीजीआई रोहतक में भेज दिया जायेगा। इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग हरियाणा वहन करेगा।

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