20 दिसंबर 2014

पंचायती राज के वित्तायुक्त ने सुनाया फैसला



सस्पेंड रहेगा मौजगढ़ का सरपंच

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में हरियाली योजना में हुये घपले के मामले में वित्तायुक्त पंचायती राज हरियाणा ने अपना फैसला सुना दिया है। सरपंच को सस्पेंड करने के उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है। जिसके बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय डबवाली ने कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करवाने के लिये गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
साल 2011 में हरियाली योजना के तहत गांव मौजगढ़ में पौधारोपण हुआ था। पौधारोपण पर पंचायत ने 3.90 लाख रूपए खर्च दिखाए। गांव मौजगढ़ के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता 48 वर्षीय अमरीक सिंह ने 19 मई 2011 को आरटीआई के जरिए पौधारोपण की जानकारी मांग की। आधी-अधूरी जानकारी देकर पंचायत ने काम चलता करने का प्रयास किया। अपील में जाने के बाद उसे जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद कार्यकर्ता ने सूचना में दर्शाए गए पौधारोपण के स्थान स्कूल, जलघर, गांव की फिरनी, शमशान घाट, बिश्नोई मंदिर, महाशा धर्मशाला आदि का निरीक्षण किया। पौधारोपण में गड़बड़ी की शिकायत बिश्नोई ने जिला प्रशासन को की। तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत को गलत बताते हुए मामला फाईल करने की सिफारिश कर दी।
जांच रिपोर्ट को प्रशासन ने दबा लिया। शिकायतकर्ता को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। बाद में आरटीआई के जरिए अमरीक बिश्नोई को जांच रिपोर्ट मिल पाई। जांच से असंतुष्ट बिश्नोई ने जिला प्रशासन से दोबारा जांच करवाने की मांग की। जांच का जिम्मा तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्यारोण को सौंपा गया। उपमंडलाधीश ने जांच के लिए तत्कालीन तहसीलदार राजेन्द्र कुमार की नियुक्ति की। तहसीलदार ने जांच के बाद 9 मई 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। जिसके आधार पर सरपंच ओमप्रकाश को दोषी पाया गया। 11 जून 2013 को वर्तमान तहसीलदार परमजीत सिंह चहल ने मौका का निरीक्षण करने के बाद पुन: अपनी रिपोर्ट पेश की। दोनों रिपोर्टों को आधार बनाकर तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्योराण ने पौधारोपण की राशि 3.90 लाख रूपए के दुरूपयोग तथा नियमों की पालना न करने का दोषी मानते हुए सरपंच ओमप्रकाश तथा गांव के तत्कालीन पंचायत सचिव कुलदीप सिंह के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए 9 जुलाई 2013 को पत्र उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया था। साथ में तत्कालीन बीडीपीओ की रिपोर्ट को आधारहीन तथा तथ्यों से परे बताया था। उपरोक्त मामले में संलिप्त पंचायत सचिव को चार्जशीट करने के बाद सरपंच ओमप्रकाश को सस्पेंड कर दिया था। उपायुक्त के निर्णय के विरूद्ध सरपंच वित्ताायुक्त पंचायत विभाग के पास चला गया था। स्टे मिलने के बाद वह 15 जुलाई 2014 तक बहाल हो गया। लेकिन अमरीक बिश्नोई का पक्ष जानने तथा जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद वित्तायुक्त पंचायत विभाग हरियाणा ने उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है।
एसईपीओ रामप्रकाश ग्रोवर के अनुसार वित्ताायुक्त का पत्र मिला है। जिसके बाद गांव मौजगढ़ के कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करने के लिये गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इसके लिये जल्द तारीख निर्धारित कर दी जायेगी।

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