20 दिसंबर 2014

गरीब बताकर कनेक्शन किये अब भेजा 18 माह का बिल

नये साल पर खट्टर सरकार का गरीबों को तोहफा, विरोध शुरू

डबवाली (लहू की लौ) इंदिरा गांधी पेयजल परियोजना के तहत मुफ्त में पानी पी रहे लोगों को अब पेयजल का बिल चुकाना होगा। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर वाली सरकार ने ऐसा फरमान जारी किया है। जिसके बाद ऐसे पात्रों को 18-18 माह के बिल भेजे जा रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से शहर के करीब चार हजार से अधिक परिवार प्रभावित होंगे।
वर्ष 2006 में हरियाणा सरकार ने इंदिरा गांधी पेयजल परियोजना का शुभारंभ किया था। जिसके तहत पानी की बर्बादी रोकने के लिये अनुसूचित जाति तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को पेयजल कनेक्शन मुहैया करवाये गये थे। साथ में स्टोरेज के लिये 200 लीटर टंकी दी गई थी। डबवाली क्षेत्र में 2010 में योजना की शुरूआत करते हुये शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में टंकिया वितरित करके कनेक्शन किये गये थे। अकेले शहर डबवाली में ऐसे कनेक्शनों की संख्या चार हजार पार है। करीब चार वर्षों तक मुफ्त पानी देने के बाद अब सरकार को ऐसे लोगों से वसूली की याद आई है। सरकार के आदेशों की पालना करते हुये जनस्वास्थ्य विभाग धड़ाधड़ बिल बांट रहा है।
लगेगा तगड़ा झटका
उपरोक्त योजना के तहत पेयजल कनेक्शनों को छोड़ दिया जाये तो जनस्वास्थ्य विभाग के करीब 9800 पेयजल कनेक्शन शहर में चल रहे हैं। इन कनेक्शन धारकों को भी 8 माह के बिल भेजे जा रहे हैं। मीटर लगे कनेक्शनों को तय रेट तथा बिना मीटर कनेक्शन धारकों को फ्लेट रेट पर बिल भेजे जा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत कनेक्शन धारकों को जो बिल भेजे जा रहे हैं, वह भी उपरोक्त नियमों के अनुसार भेजे जा रहे हैं। जिससे अनुसूचित जाति तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को तगड़ा झटका लग सकता है।
आ रहे दो बिल
योजना के तहत कनेक्शन धारकों को विभाग दो बिल भेज रहा है। इस संबंध में विभाग का कहना है कि जिनके पास दो बिल जा रहे हैं, उन्होंने उपरोक्त योजना का फायदा उठाने के लिये विभाग के रिकॉर्ड में चल रहा अपना पुराना कनेक्शन नहीं बंद नहीं करवाया होगा। इस संबंध में पहले नोटिस दिया गया था।
ग्रामीण क्षेत्र में माफी, शहरियों की जेब से निकलेगा पैसा
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जनस्वास्थ्य मंत्री किरण चौधरी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनुसूचित वर्ग को कांग्रेस की ओर खींचने के मकसद से उपरोक्त योजना के तहत ग्रामीण लाभार्थियों के बिल माफ कर दिये थे। लेकिन शहरी क्षेत्र के लोगों को यह लाभ प्राप्त नहीं हुआ। जिसके चलते अब उनकी जेब हलकी होगी।
विरोध शुरू
पीएनबी के नजदीक रहने वाले चिरंजी लाल ने बताया कि विभाग ने उन्हें दो बिल भेजे हैं। जबकि उसके पास इंदिरा गांधी पेयजल योजना के नाम पर कोई कनेक्शन नहीं है। हां विभाग के कर्मचारी पानी स्टोरेज के लिये टंकी रखकर गये थे। किंतु इसका कनेक्शन नहीं किया। वह कायदे से अपने पेयजल कनेक्शन का बिल भर रहा है। नियमित कनेक्शन बिल में भी पुराना बिल जोड़ दिया गया है।

वाटर पॉलिसी के तहत भेजे बिल
वर्ष 2012 में बनी हरियाणा स्टेट अर्बन वाटर पॉलिसी के तहत बिल भेजे गये हैं। पूरा सिस्टम ऑनलाईन हो चुका है। जिसके तहत बिल बन रहे हैं। -संकेत शर्मा, एसडीई, जनस्वास्थ्य विभाग



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