डबवाली (लहू की लौ) वामपंथी दलों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर टेलीफोन एक्सचैंज के सामने धरना दिया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके जोरदार प्रदर्शन किया। बाद में पीएम के नाम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा, अखिल भारतीय किसान सभा के सुरजीत सिंह ऐलनाबाद, सीटू के निरंजन सिंह हैबूआना, भारतीय खेत मजदूर यूनियन (सीपीआई) के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम, किसान सभा के जिला उपप्रधान ओमप्रकाश कर रहे थे। राजकुमार शेखूपुरिया ने कहा कि राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर टेलीफोन विभाग का 2-जी स्पेक्ट्रम का महाघोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में गोलमाल, वोट के बदले नोट, आदर्श सोसाईटी घोटाला और अब कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकालने के ठेके में रिलायंस कंपनी को लूट करने की खुली अनुमति दिए जाने का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लूटे गए सार्वजनिक धन की मात्रा इतनी बड़ी है जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनके अनुसार उपरोक्त प्रकार के भ्रष्टाचार पर एक कारगार लोकपाल कानून ही नकेल कस सकता है।
चार घंटे के धरने और प्रदर्शन के बाद वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने भारत दूर संचार विभाग के एसडीई मनमोहन शर्मा को पीएम मनमोहन सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से वामंपथी दलों ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध कारगार लोकपाल कानून बनाने, उच्चतर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन, चुनावों में धन-बल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली समेत चुनाव सुधारों की पालना, विदेशी बैंकों में जमा धन तथा देश में मौजूद काले धन को जब्त करने, हरियाणा में रेडक्रॉस के धन का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पीएम से की है।
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Lahoo Ki Lau
16 जुलाई 2011
पीएचसी पर ताला जड़कर ग्रामीणों ने मांगा डॉक्टर का तबादला
डबवाली (लहू की लौ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह के पीछे लगा एएनएम से छेड़छाड़ का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। डेपूटेशन से वापिस पीएचसी में ज्वाईन करवाने पर गांव के लोग भड़क उठे और उन्होंने शुक्रवार को पीएचसी पर ताला जड़ दिया। बाद में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ से आश्वासन पाने के बाद ग्रामीणों ने ताला खोल दिया।
बीते मई माह में पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह पर गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर में तैनात एएनएम ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। यह मामला पुलिस से लेकर एएनएम एसोसिएशन तक पहुंचा। कई दिन तक यह मामला ज्वलंत बना रहा। आखिर में डॉ. गुरजीत सिंह का वहां से तबादला और माफी मांगने पर मामला ठंडा पड़ गया था। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर डॉ. गुरजीत सिंह तथा पीएचसी में ही कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर दड़बा कलां भेज दिया गया था। लेकिन वहां से लौटते ही गांव देसूजोधा के ग्रामीणों ने बवाल खड़ा कर दिया। ग्रामीणों की मांग पर एकबारगी फिर डॉक्टर दम्पत्ति को डेपूटेशन पर भेज दिया गया। इसके बाद पीएचसी में चिकित्सक का पद रिक्त रहा। इस पद को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दम्पत्ति को पुन: देसूजोधा पीएचसी में भेज दिया। उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाईन कर लिया। लेकिन गुरूवार से यह डॉक्टर दम्पत्ति छुट्टी पर है। जिससे पीएचसी में आने वाले मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाक समिति डबवाली के वाईस चेयरमैन कुलदीप सिंह, अमी चंद पंच, दर्शन सिंह, यादविंद्र सिंह, काला सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रेम सिंह प्रधान गुरूद्वारा साहिब देसूजोधा, संतोख सिंह, करतार सिंह, हरफूल सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमीत सिंह, बीरबल सिंह, लखबीर ढिल्लों ने बताया कि उपरोक्त डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी पत्नी डॉ. अमनदीप कौर दो दिन से छुट्टी पर चल रहे हैं। जिससे पीएचसी में इलाज कराने आने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे गांव देसूजोधा के दर्शन सिंह की भतीजी बिट्टू को डिलीवरी के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे जरूरी उपचार नहीं दिया गया। वहीं गांव फुल्लो में हुए एक झगड़े में घायल जसविंद्र कौर पीएचसी में इलाज के लिए तड़पती रही। जिससे गांव में रोष पनप गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एएनएम से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे डॉक्टर को वे पीएचसी में नहीं रखना चाहते। डेपूटेशन होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पुन: देसूजोधा में भेज दिया। पीएचसी में काफी समय तक उपरोक्त ग्रामीणों की अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट तरसेम चंद से नोंक-झोंक होती रही। फार्मासिस्ट ने सीएमओ से भी मोबाइल पर उनकी बात करवाई। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामीण डॉक्टर के तबादले तथा पीएचसी में व्यवस्था सुधार पर अड़े रहे। सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने भी मोबाइल पर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद्द पर काबिज रहे। उन्होंने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन पीएचसी में डिलीवरी के लिए आई गांव की महिला के स्वास्थ्य तथा डॉ. एमके भादू से सोमवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन पाने के बाद पंद्रह मिनट बाद ताला खोल दिया।
इस संबंध में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक न होने के कारण उपरोक्त डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। गुरूवार को डॉ. गुरजीत सिंह ने कहा था कि उनके प्रति गांव में माहौल खराब है। इसके चलते उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी गई थी। भादू के अनुसार चिकित्सक के तबादले के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पहले ही सिफारिश भेजी जा चुकी है।
बीते मई माह में पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह पर गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर में तैनात एएनएम ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। यह मामला पुलिस से लेकर एएनएम एसोसिएशन तक पहुंचा। कई दिन तक यह मामला ज्वलंत बना रहा। आखिर में डॉ. गुरजीत सिंह का वहां से तबादला और माफी मांगने पर मामला ठंडा पड़ गया था। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर डॉ. गुरजीत सिंह तथा पीएचसी में ही कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर दड़बा कलां भेज दिया गया था। लेकिन वहां से लौटते ही गांव देसूजोधा के ग्रामीणों ने बवाल खड़ा कर दिया। ग्रामीणों की मांग पर एकबारगी फिर डॉक्टर दम्पत्ति को डेपूटेशन पर भेज दिया गया। इसके बाद पीएचसी में चिकित्सक का पद रिक्त रहा। इस पद को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दम्पत्ति को पुन: देसूजोधा पीएचसी में भेज दिया। उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाईन कर लिया। लेकिन गुरूवार से यह डॉक्टर दम्पत्ति छुट्टी पर है। जिससे पीएचसी में आने वाले मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाक समिति डबवाली के वाईस चेयरमैन कुलदीप सिंह, अमी चंद पंच, दर्शन सिंह, यादविंद्र सिंह, काला सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रेम सिंह प्रधान गुरूद्वारा साहिब देसूजोधा, संतोख सिंह, करतार सिंह, हरफूल सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमीत सिंह, बीरबल सिंह, लखबीर ढिल्लों ने बताया कि उपरोक्त डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी पत्नी डॉ. अमनदीप कौर दो दिन से छुट्टी पर चल रहे हैं। जिससे पीएचसी में इलाज कराने आने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे गांव देसूजोधा के दर्शन सिंह की भतीजी बिट्टू को डिलीवरी के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे जरूरी उपचार नहीं दिया गया। वहीं गांव फुल्लो में हुए एक झगड़े में घायल जसविंद्र कौर पीएचसी में इलाज के लिए तड़पती रही। जिससे गांव में रोष पनप गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एएनएम से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे डॉक्टर को वे पीएचसी में नहीं रखना चाहते। डेपूटेशन होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पुन: देसूजोधा में भेज दिया। पीएचसी में काफी समय तक उपरोक्त ग्रामीणों की अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट तरसेम चंद से नोंक-झोंक होती रही। फार्मासिस्ट ने सीएमओ से भी मोबाइल पर उनकी बात करवाई। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामीण डॉक्टर के तबादले तथा पीएचसी में व्यवस्था सुधार पर अड़े रहे। सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने भी मोबाइल पर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद्द पर काबिज रहे। उन्होंने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन पीएचसी में डिलीवरी के लिए आई गांव की महिला के स्वास्थ्य तथा डॉ. एमके भादू से सोमवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन पाने के बाद पंद्रह मिनट बाद ताला खोल दिया।
इस संबंध में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक न होने के कारण उपरोक्त डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। गुरूवार को डॉ. गुरजीत सिंह ने कहा था कि उनके प्रति गांव में माहौल खराब है। इसके चलते उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी गई थी। भादू के अनुसार चिकित्सक के तबादले के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पहले ही सिफारिश भेजी जा चुकी है।
14 जुलाई 2011
सौ-सौ गज प्लाट की रजिस्टरी के लिए गरीबों से उगाही
डबवाली (लहू की लौ) सिर छुपाने के लिए सरकार द्वारा देय सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए गांवों से आए गरीबों से तहसील कार्यालय में जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर 30-30 रूपए की उगाही की गई। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बुधवार को गांव तिगड़ी तथा लखुआना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज के दिए गए प्लाटों की संबंधित पंचायतों ने तहसील कार्यालय में रजिस्टरी करवानी थी। इस कार्य के लिए 120 लोग पहुंचे हुए थे। बिजली का कट होने के कारण तहसील में रजिस्टरी संबंधी कार्य ठप्प पड़ा था। सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी का कार्य शुरू करने के लिए तहसील कार्यालय ने बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की मांग की। बिना तेल के जनरेटर उपलब्ध हो गया।
गांव तिगड़ी निवासी गोरा, लखवीर ,हरबिलास, सुक्खा आदि ने बताया कि वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं। आज उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री देने के लिए तहसील कार्यालय में बुलाया गया था। यहां लाईट न होने के कारण जनरेटर में तेल डालने के लिए उनसे 30-30 रूपए की उगाही की गई।
खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम ने कहा कि जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर मजदूरों से 30-30 रूपए की उगाही करके प्रशासन मजदूरों का शोषण कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्लाट लेने आए मजदूरों ने उनसे उगाही करने की जानकारी उसे दी है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
इस संदर्भ में गांव तिगड़ी के सरपंच गुलाब सिंह तथा लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वे लोग प्लाट धारकों के साथ प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए थे। लेकिन उस दिन कंप्यूटर खराब थे। जिसके चलते उन्हें उस दिन वापिस जाना पड़ा। जिसके कारण मजदूरों को मजदूरी की हानि हुई। बुधवार को लाईट न होने के कारण फिर से उनका नुक्सान होना था। उन्होंनें मजदूरों की भलाई के लिए बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकर रामकिशन से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेटर की व्यवस्था हो गई है। तेल की व्यवस्था वे कर दें। उनको तेल पर खर्च की गई राशि कार्यालय से मिल जाएगी।
खुफियां तंत्र से मिली जानकारी
इस संबंध में नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई ने बताया कि खुफिया तंत्र से उन्हें भी गरीबों से उगाही की जानकारी मिली है। अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यापूर्ण है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।
मैंने कुछ नहीं कहा
बीडीपीओ कार्यालय के लेखाकार रामकिशन ने बताया कि तहसील कार्यालय के आदेश पर उन्होंने जनरेटर उपलब्ध करवा दिया था। इसमें तेल सरपंचों ने डलवाना था। सरपंचों को तेल पर खर्च राशि का बीडीपीओ कार्यालय से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्होंने सरपंचों को तेल की राशि देने संबंधी कोई आश्वासन दिया है।
लिए हैं तो वापिस होंगे पैसे
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि उनके समक्ष भी उगाही करने का मामला आया है। उन्होंने बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकार रामकिशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर गरीबों से उगाही की गई है तो उन्हें वापिस लौटाकर इसकी रिपोर्ट उन्हें दें।
बुधवार को गांव तिगड़ी तथा लखुआना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज के दिए गए प्लाटों की संबंधित पंचायतों ने तहसील कार्यालय में रजिस्टरी करवानी थी। इस कार्य के लिए 120 लोग पहुंचे हुए थे। बिजली का कट होने के कारण तहसील में रजिस्टरी संबंधी कार्य ठप्प पड़ा था। सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी का कार्य शुरू करने के लिए तहसील कार्यालय ने बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की मांग की। बिना तेल के जनरेटर उपलब्ध हो गया।
गांव तिगड़ी निवासी गोरा, लखवीर ,हरबिलास, सुक्खा आदि ने बताया कि वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं। आज उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री देने के लिए तहसील कार्यालय में बुलाया गया था। यहां लाईट न होने के कारण जनरेटर में तेल डालने के लिए उनसे 30-30 रूपए की उगाही की गई।
खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम ने कहा कि जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर मजदूरों से 30-30 रूपए की उगाही करके प्रशासन मजदूरों का शोषण कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्लाट लेने आए मजदूरों ने उनसे उगाही करने की जानकारी उसे दी है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
इस संदर्भ में गांव तिगड़ी के सरपंच गुलाब सिंह तथा लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वे लोग प्लाट धारकों के साथ प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए थे। लेकिन उस दिन कंप्यूटर खराब थे। जिसके चलते उन्हें उस दिन वापिस जाना पड़ा। जिसके कारण मजदूरों को मजदूरी की हानि हुई। बुधवार को लाईट न होने के कारण फिर से उनका नुक्सान होना था। उन्होंनें मजदूरों की भलाई के लिए बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकर रामकिशन से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेटर की व्यवस्था हो गई है। तेल की व्यवस्था वे कर दें। उनको तेल पर खर्च की गई राशि कार्यालय से मिल जाएगी।
खुफियां तंत्र से मिली जानकारी
इस संबंध में नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई ने बताया कि खुफिया तंत्र से उन्हें भी गरीबों से उगाही की जानकारी मिली है। अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यापूर्ण है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।
मैंने कुछ नहीं कहा
बीडीपीओ कार्यालय के लेखाकार रामकिशन ने बताया कि तहसील कार्यालय के आदेश पर उन्होंने जनरेटर उपलब्ध करवा दिया था। इसमें तेल सरपंचों ने डलवाना था। सरपंचों को तेल पर खर्च राशि का बीडीपीओ कार्यालय से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्होंने सरपंचों को तेल की राशि देने संबंधी कोई आश्वासन दिया है।
लिए हैं तो वापिस होंगे पैसे
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि उनके समक्ष भी उगाही करने का मामला आया है। उन्होंने बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकार रामकिशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर गरीबों से उगाही की गई है तो उन्हें वापिस लौटाकर इसकी रिपोर्ट उन्हें दें।
तस्करी करता गुरूद्वारा का सेवादार काबू
डबवाली (लहू की लौ) सदर डबवाली पुलिस ने चूरा पोस्त तस्करी में उपमण्डल में स्थित एक गुरूद्वारा के सेवादार तथा उसके साथी को काबू किया है। दोनों राजस्थान के हनुमानगढ़ से 14 किलोग्राम चूरा पोस्त लेकर हीरो होंडा स्पलेण्डर बाईक पर डबवाली की ओर आ रहे थे। आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
थाना सदर डबवाली के सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम मंगलवार शाम को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबरी मिली कि बाईक सवार दो व्यक्ति संगरिया की ओर से डबवाली की ओर जा रहे हैं। उनके पास चूरा पोस्त है। मुखबर की सूचना पर सहायक उपनिरीक्षक ने अपनी टीम के साथ गांव अबूबशहर के पास नाका लगा लिया और वाहनों पर नजर बढ़ा दी। जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम ने बताया कि इसी दौरान पुलिस टीम को संगरिया साईड से एक बाईक आता हुआ दिखाई दिया। उसे रूकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर चालक ने बाईक को वापिस मोडऩा चाहा। शक के आधार पर पुलिस ने बाईक सवारों की तालाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को बाईक पर रखे प्लास्टिक बैग से चूरा पोस्त बरामद हुई। बाईक सवारों को चूरा पोस्त तथा बाईक सहित काबू कर लिया गया।
जांच अधिकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बूटा सिंह (21) पुत्र राजू उर्फ हरबंस सिंह निवासी रामां तथा बलवीर सिंह (55) पुत्र गुरदित्ता सिंह निवासी तरखानवाला (पंजाब) हाल गांव फुल्लों के रूप में हुई है।
सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम के अनुसार बलवीर सिंह उपमण्डल के गांव फुल्लो में स्थित गुरूद्वारा में सेवादार है। जबकि बूटा सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। दोनों काफी समय से चूरा पोस्त तस्करी में संलिप्त है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे राजस्थान से 800 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चूरा पोस्त लाते हैं और आगे उसे 1000 से 1200 रूपए प्रति किलोग्राम से बेचते हैं। पकड़ी गई 14 किलोग्राम चूरा पोस्त को उन्होंने हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था।
बुधवार को पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को उनसे बरामद हुए बाईक, चूरापोस्त के साथ उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
थाना सदर डबवाली के सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम मंगलवार शाम को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबरी मिली कि बाईक सवार दो व्यक्ति संगरिया की ओर से डबवाली की ओर जा रहे हैं। उनके पास चूरा पोस्त है। मुखबर की सूचना पर सहायक उपनिरीक्षक ने अपनी टीम के साथ गांव अबूबशहर के पास नाका लगा लिया और वाहनों पर नजर बढ़ा दी। जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम ने बताया कि इसी दौरान पुलिस टीम को संगरिया साईड से एक बाईक आता हुआ दिखाई दिया। उसे रूकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर चालक ने बाईक को वापिस मोडऩा चाहा। शक के आधार पर पुलिस ने बाईक सवारों की तालाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को बाईक पर रखे प्लास्टिक बैग से चूरा पोस्त बरामद हुई। बाईक सवारों को चूरा पोस्त तथा बाईक सहित काबू कर लिया गया।
जांच अधिकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बूटा सिंह (21) पुत्र राजू उर्फ हरबंस सिंह निवासी रामां तथा बलवीर सिंह (55) पुत्र गुरदित्ता सिंह निवासी तरखानवाला (पंजाब) हाल गांव फुल्लों के रूप में हुई है।
सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम के अनुसार बलवीर सिंह उपमण्डल के गांव फुल्लो में स्थित गुरूद्वारा में सेवादार है। जबकि बूटा सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। दोनों काफी समय से चूरा पोस्त तस्करी में संलिप्त है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे राजस्थान से 800 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चूरा पोस्त लाते हैं और आगे उसे 1000 से 1200 रूपए प्रति किलोग्राम से बेचते हैं। पकड़ी गई 14 किलोग्राम चूरा पोस्त को उन्होंने हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था।
बुधवार को पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को उनसे बरामद हुए बाईक, चूरापोस्त के साथ उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पानी में डूबने से बच्चे की मौत
डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार गांव गंगा के एक परिवार के लिए अमंगल साबित हुआ। सुबह की खुशियां शाम ढलते-ढलते मातम में बदल गई। घर में गूंजती किलकारी सदा के लिए खामोश हो गई।
गांव गंगा का 22 वर्षीय जसविंद्र सिंह मंगलवार को अपने खेत में कार्यरत था। घर पर उसकी पत्नी मनप्रीत कौर तथा डेढ़ वर्षीय बेटा गुरविंद्र सिंह था। शाम करीब 5.30 बजे मनप्रीत कौर रसोई में काम में व्यस्त थी। इसी दौरान गुरविंद्र खेलता हुआ 3 फुट चौड़ी तथा 2 फुट गहरी डिग्गी (पशुओं की खेल) के पास आ गया। डिग्गी में करीब पौने दो फुट पानी था। यहां खेलते-खेलते वह डिग्गी में गिर गया। कुछ समय बाद मनप्रीत कौर रसोई से बाहर आई तो उसने गुरविंद्र की तालाश आरंभ की। बेटे की तालाश में वह कभी इधर तो कभी उधर दौड़ी। इसकी जानकारी उसने पड़ौसियों को भी दी। करीब डेढ़ घंटा तक ग्रामीण दौड़ धूप करते रहे। अचानक मनप्रीत का ध्यान डिग्गी की ओर गया। डेढ़ वर्षीय गुरविंद्र डिग्गी में डूबा हुआ था। पड़ौस में रहने वाले गुरमेल सिंह ने इसकी जानकारी जसविंद्र सिंह को दी। गुरविंद्र को शाम करीब 8 बजे इलाज के लिए तुरंत डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जसविंद्र सिंह का यही एक बेटा था।
मामले के जांच अधिकारी गोरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि मृतक गुरविंद्र के पिता जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसके डेढ़ वर्षीय बेटे की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। जसविंद्र के ब्यान के आधार पर पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
गांव गंगा का 22 वर्षीय जसविंद्र सिंह मंगलवार को अपने खेत में कार्यरत था। घर पर उसकी पत्नी मनप्रीत कौर तथा डेढ़ वर्षीय बेटा गुरविंद्र सिंह था। शाम करीब 5.30 बजे मनप्रीत कौर रसोई में काम में व्यस्त थी। इसी दौरान गुरविंद्र खेलता हुआ 3 फुट चौड़ी तथा 2 फुट गहरी डिग्गी (पशुओं की खेल) के पास आ गया। डिग्गी में करीब पौने दो फुट पानी था। यहां खेलते-खेलते वह डिग्गी में गिर गया। कुछ समय बाद मनप्रीत कौर रसोई से बाहर आई तो उसने गुरविंद्र की तालाश आरंभ की। बेटे की तालाश में वह कभी इधर तो कभी उधर दौड़ी। इसकी जानकारी उसने पड़ौसियों को भी दी। करीब डेढ़ घंटा तक ग्रामीण दौड़ धूप करते रहे। अचानक मनप्रीत का ध्यान डिग्गी की ओर गया। डेढ़ वर्षीय गुरविंद्र डिग्गी में डूबा हुआ था। पड़ौस में रहने वाले गुरमेल सिंह ने इसकी जानकारी जसविंद्र सिंह को दी। गुरविंद्र को शाम करीब 8 बजे इलाज के लिए तुरंत डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जसविंद्र सिंह का यही एक बेटा था।
मामले के जांच अधिकारी गोरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि मृतक गुरविंद्र के पिता जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसके डेढ़ वर्षीय बेटे की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। जसविंद्र के ब्यान के आधार पर पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
भुजिया टेस्टी न लगने पर सालों ने जीजा पर किया हमला
डबवाली (लहू की लौ) लालपरी के साथ रखा गया भुजिया पसंद न आने पर कुछ लोग अपने जीजा के गल पड़ गए। गाली-गलौज होने के बाद मामला झगड़े तक जा पहुंचा। इन लोगों ने अपने जीजा पर हमला कर दिया। बीच में आए पिता-पुत्र अपना सिर फुटवा बैठे। जिन्हें घायल अवस्था में सरकारी अस्पताल में लाया गया। झगड़ा मंगलवार रात करीब 9.30 बजे कबीर बस्ती में हुआ।
कबीर बस्ती में रह रहे लाला राम भाट (30) ने बताया कि पीपेरन हाल गांव शेरगढ़ में रह रहे उसके साले राज, कृष्ण, प्रताप तथा ठाकर मंगलवार को उसके यहां आए हुए थे। उनके लिए उसने शराब का बंदोबस्त किया हुआ था। शराब के साथ उसने भुजिया भी रख दिया। लेकिन उसके सालों को भुजिया पसंद नहीं आया। वे लोग उससे गाली-गलौज करने लगे। उसने भी गाली निकाल दी। तैश में आए उपरोक्त चारों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता बल्लू राम (70) तथा भाई राजू (22) ने उसे उनसे छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक न चली। आरोपियों ने वहां पड़ा तेजधार हथियार उठा लिया उसे बचा रहे उसके पिता बल्लू राम के सिर पर दे मारा। उसके भाई से भी मारपीट की। उसने भागकर अपनी जान बचाई।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। घायलों के ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कबीर बस्ती में रह रहे लाला राम भाट (30) ने बताया कि पीपेरन हाल गांव शेरगढ़ में रह रहे उसके साले राज, कृष्ण, प्रताप तथा ठाकर मंगलवार को उसके यहां आए हुए थे। उनके लिए उसने शराब का बंदोबस्त किया हुआ था। शराब के साथ उसने भुजिया भी रख दिया। लेकिन उसके सालों को भुजिया पसंद नहीं आया। वे लोग उससे गाली-गलौज करने लगे। उसने भी गाली निकाल दी। तैश में आए उपरोक्त चारों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता बल्लू राम (70) तथा भाई राजू (22) ने उसे उनसे छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक न चली। आरोपियों ने वहां पड़ा तेजधार हथियार उठा लिया उसे बचा रहे उसके पिता बल्लू राम के सिर पर दे मारा। उसके भाई से भी मारपीट की। उसने भागकर अपनी जान बचाई।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। घायलों के ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
एनएच पर पड़े रहे घायल, किसी ने नहीं उठाए
डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच एक बाईक स्लिप करने से दो युवक घायल हो गए। वहां से गुजर रहे वाहनों ने घायलों को उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। बाद में घायलों ने अपने किसी परिचित को फोन करके मौके पर बुलाया। परिचित ने लोगों के सहयोग से दोनों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।
मेडिसन का स्टॉकिस्ट सिरसा निवासी राकेश (23) अपने कजन हर्ष उर्फ डिम्पल (25) निवासी सिरसा के साथ स्पलेण्डर प्लस बाईक पर डबवाली में मेडिसन के ऑर्डर लेने के लिए आ रहा था। बाईक को राकेश चला रहा था। गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच सड़क पर पड़े एक पत्थर से टकराकर उनकी बाईक पलट गई। जिससे दोनों घायल हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों को उठाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। घायल राकेश ने हिम्मत जुटाते हुए कालांवाली में आए मेडिसन का ऑर्डर लेने आए अपने एक परिचित जुगनू को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जुगनू ने लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सिरसा रैफर कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। बाईक स्लिप होने की वजह से दोनों घायल हुए हैं।
मेडिसन का स्टॉकिस्ट सिरसा निवासी राकेश (23) अपने कजन हर्ष उर्फ डिम्पल (25) निवासी सिरसा के साथ स्पलेण्डर प्लस बाईक पर डबवाली में मेडिसन के ऑर्डर लेने के लिए आ रहा था। बाईक को राकेश चला रहा था। गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच सड़क पर पड़े एक पत्थर से टकराकर उनकी बाईक पलट गई। जिससे दोनों घायल हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों को उठाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। घायल राकेश ने हिम्मत जुटाते हुए कालांवाली में आए मेडिसन का ऑर्डर लेने आए अपने एक परिचित जुगनू को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जुगनू ने लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सिरसा रैफर कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। बाईक स्लिप होने की वजह से दोनों घायल हुए हैं।
सरकार से लड़ाई के मूड में होमगार्ड
डबवाली (लहू की लौ) होमगार्ड जवान अपने हक के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लिहजे से अपनी मांगों के समर्थन में एक संदेश भेजा है। जवानों ने बुधवार को हरियाणा के गृह राज्य मंत्री गोपाल काण्डा के नाम कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ को एक ज्ञापन सौंपा।
होमगार्ड जवान शाखा डबवाली के अध्यक्ष विनोद कुमार, महावीर सिंह, राजेश, डिम्पल, राजू, हरपाल, महेंद्र, सोहन लाल, मोती लाल, राम सिंह के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुए और जग्गा सिंह बराड़ के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में गृह राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जवानों ने कहा कि वे लोग भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा वेयर हाऊस के गोदामों में सिक्योरिटी हेतू मात्र 150 रूपयों में डियूटी करते हैं। जबकि आम आदमी की मजदूरी 300 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। कमरतोड़ महंगाई में दी जा रही मजदूरी से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत पड़ौसी सूबे पंजाब में होमगार्ड जवानों को 300 रूपए प्रतिदिन गुजारा भत्ता दिया जाता है। लगातार डियूटी दी जाती है। जबकि हरियाणा में होमगार्ड जवानों को रोजगार देने के नाम पर साल भर में महज 89 दिन ही काम दिया जाता है।
जवानों ने ज्ञापन के जरिए गृह राज्यमंत्री से गुजारा भत्ता बढ़ाकर 350 रूपए, परेड़ का भत्ता बढ़ाकर 150 रूपए, हर माह की 1 तारीख को भत्ता देने, दूसरे राज्यों की भांति रेगुलर रोजगार दिए जाने की मांग की है। इन जवानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है तो वे सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के बाद कांग्रेस नेता जग्गा सिंह बराड़ ने होमगार्ड जवानों को ज्ञापन को गृह राज्य मंत्री तक पहुंचाकर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।
होमगार्ड जवान शाखा डबवाली के अध्यक्ष विनोद कुमार, महावीर सिंह, राजेश, डिम्पल, राजू, हरपाल, महेंद्र, सोहन लाल, मोती लाल, राम सिंह के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुए और जग्गा सिंह बराड़ के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में गृह राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जवानों ने कहा कि वे लोग भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा वेयर हाऊस के गोदामों में सिक्योरिटी हेतू मात्र 150 रूपयों में डियूटी करते हैं। जबकि आम आदमी की मजदूरी 300 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। कमरतोड़ महंगाई में दी जा रही मजदूरी से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत पड़ौसी सूबे पंजाब में होमगार्ड जवानों को 300 रूपए प्रतिदिन गुजारा भत्ता दिया जाता है। लगातार डियूटी दी जाती है। जबकि हरियाणा में होमगार्ड जवानों को रोजगार देने के नाम पर साल भर में महज 89 दिन ही काम दिया जाता है।
जवानों ने ज्ञापन के जरिए गृह राज्यमंत्री से गुजारा भत्ता बढ़ाकर 350 रूपए, परेड़ का भत्ता बढ़ाकर 150 रूपए, हर माह की 1 तारीख को भत्ता देने, दूसरे राज्यों की भांति रेगुलर रोजगार दिए जाने की मांग की है। इन जवानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है तो वे सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के बाद कांग्रेस नेता जग्गा सिंह बराड़ ने होमगार्ड जवानों को ज्ञापन को गृह राज्य मंत्री तक पहुंचाकर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।
कार्रवाई की मांग को लेकर डीसी से मिले सरपंच
डबवाली (लहू की लौ) बीडीपीओ डबवाली राम सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मसीतां स्टेडियम निर्माण घपले में फंसे बीडीपीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर डबवाली ब्लाक के बीस गांवों के सरपंच बुधवार को सिरसा में उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया तथा सांसद अशोक तंवर से मिले।
सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि सरपंचों ने उपायुक्त से शिकायत की कि बीडीपीओ डबवाली राम सिंह के खिलाफ दो विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार करे। उपायुक्त ने सरपंचों को बताया कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंचों ने सांसद अशोक तंवर से मुलाकात करके बीडीपीओ पर विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली ग्रांट में तथाकथित कमीशन मांगने का आरोप लगाया। सांसद ने उन्हें इस मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच सुरजीत सिंह देसूजोधा, हरबंस सिंह जोगेवाला, भरत सिंह बनवाला, राजा राम बिज्जूवाली, गुरदीप कौर रामपुरा बिश्नोईयां, देवीलाल चकजालू, इंदिरा देवी मुन्नांवाली, गोदीकां से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी लाल बिस्सू उपस्थित थे।
सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि सरपंचों ने उपायुक्त से शिकायत की कि बीडीपीओ डबवाली राम सिंह के खिलाफ दो विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार करे। उपायुक्त ने सरपंचों को बताया कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंचों ने सांसद अशोक तंवर से मुलाकात करके बीडीपीओ पर विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली ग्रांट में तथाकथित कमीशन मांगने का आरोप लगाया। सांसद ने उन्हें इस मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच सुरजीत सिंह देसूजोधा, हरबंस सिंह जोगेवाला, भरत सिंह बनवाला, राजा राम बिज्जूवाली, गुरदीप कौर रामपुरा बिश्नोईयां, देवीलाल चकजालू, इंदिरा देवी मुन्नांवाली, गोदीकां से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी लाल बिस्सू उपस्थित थे।
वन वीक में होगा फैसला
डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल के निर्माण के लिए प्रशासन अड़ा हुआ है। दूसरी ओर इसका विरोध कर रहे ग्रामीण अपनी जिद्द पर कायम है। बुधवार को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। तीखी नोक-झोंक के बाद धरनाकारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रशासन से सात दिन का समय मांगा।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।
पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच..
डबवाली (लहू की लौ) पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच, लेना ए ता ले लो। जी हां! गांव सांवतखेड़ा में पीने के पानी पर बोली लग रही है। गांव के चौराहे पर कुछ लोग पानी के टैंकर लेकर आते हैं और फिर पानी की बोली लगाते हैं, जो 250 रूपए से शुरू होकर 350 तक पहुंच जाती है।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
....सासू मां इसकी इजाजत नहीं देती
डबवाली (लहू की लौ) भले ही 21वीं सदी विज्ञान का युग कहलाती है, लेकिन फिर भी भारतीय समाज से एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे की इच्छा भय के कारण या फिर लड़की बाद लड़के की इच्छा जनसंख्या वृद्धि का कारण बन रही है। यह बात परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर पर सामने आई है।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
50 हजार के लालच में रिक्शा चालक ने तीन हजार गंवाए
डबवाली (लहू की लौ) यहां की एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक 50 हजार रूपए पाने के लालच में आकर अपने तीन हजार रूपये तथा मोबाइल खो बैठा।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
12 जुलाई 2011
'लाशों पर बना दो डिस्पोजलÓ
आबादी में डिस्पोजल के विरोध में उतरे नरसिंह कलोनी वासी, टीम बैरंग लौटाई
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास पर जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल का निर्माण करने आए पंजाब सरकार के वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।
जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए पिछले दो सालों से डिस्पोजल बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस डिस्पोजल का क्षेत्र आबादी में आ जाने पर ग्रामीण इस स्थान पर डिस्पोजल बनाए जाने के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के अनुसार डिस्पोजल आबादी से दूर बनाए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
डिस्पोजल बनाने के लिए सोमवार को नायब तहसीलदार लम्बी लखविंद्र सिंह, वाटर सप्लाई एण्ड सेनीटेशन विभाग के एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल गिदड़बाहा तथा ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह मौका पर पहुंचे। इसकी भनक पाकर ग्रामीण आनन-फानन में वहां जमा हो गए। उन्होंने डिस्पोजल बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने लोगों को समझा-बुझाकर मन बदलने की पुरजोर की। लेकिन ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि डिस्पोजल उनकी लाशों पर ही बन पाएगा। वे किसी भी सूरत में डिस्पोजल नहीं बनने देंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार की उपरोक्त टीम बैरंग लौट गई।
मौका पर उपस्थित पंजाब खेत मजदूर यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब के अध्यक्ष नानक चन्द सिंघेवाला, पंजाब किसान सभा के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह बनवाला, गांव नरसिंह कलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार, बलवंत सिंह, रिछपाल, मिट्ठू, मुख्तियार सिंह, चानन सिंह, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, बलवीर कौर, किरणा, हरजीत कौर, अमृतपाल कौर, तविंद्र कौर, सुदेश कुमारी, माया देवी ने बताया कि डिस्पोजल आबादी में आता है। आबादी में डिस्पोजल को बनाए जाने से गंदे पानी की बदबू के चलते वहां उन्हें रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त गंदे पानी के कारण बीमारियां भी फैलेंगी। उनकी मांग है कि डिस्पोजल को आबादी से बाहर बनाया जाए। लेकिन सरकार और प्रशासन जिद्द पकड़कर आबादी में ही डिस्पोजल बनाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि रात को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने डिस्पोजल बनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण महिलाओं के रोष को देखकर अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने बताया कि डिस्पोजल के लिए उन्होंने लोगों का रोष देखा है। वे लोगों की आवाज को अपने उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।
ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह ने बताया कि दो माह पूर्व ही उन्हें डिस्पोजल का ठेका अलॉट हुआ है। विभाग जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध करवा देगा, वे काम शुरू कर देंगे। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें डिस्पोजल का काम करने में मुश्किल आ रही है।
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास पर जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल का निर्माण करने आए पंजाब सरकार के वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।
जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए पिछले दो सालों से डिस्पोजल बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस डिस्पोजल का क्षेत्र आबादी में आ जाने पर ग्रामीण इस स्थान पर डिस्पोजल बनाए जाने के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के अनुसार डिस्पोजल आबादी से दूर बनाए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
डिस्पोजल बनाने के लिए सोमवार को नायब तहसीलदार लम्बी लखविंद्र सिंह, वाटर सप्लाई एण्ड सेनीटेशन विभाग के एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल गिदड़बाहा तथा ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह मौका पर पहुंचे। इसकी भनक पाकर ग्रामीण आनन-फानन में वहां जमा हो गए। उन्होंने डिस्पोजल बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने लोगों को समझा-बुझाकर मन बदलने की पुरजोर की। लेकिन ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि डिस्पोजल उनकी लाशों पर ही बन पाएगा। वे किसी भी सूरत में डिस्पोजल नहीं बनने देंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार की उपरोक्त टीम बैरंग लौट गई।
मौका पर उपस्थित पंजाब खेत मजदूर यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब के अध्यक्ष नानक चन्द सिंघेवाला, पंजाब किसान सभा के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह बनवाला, गांव नरसिंह कलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार, बलवंत सिंह, रिछपाल, मिट्ठू, मुख्तियार सिंह, चानन सिंह, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, बलवीर कौर, किरणा, हरजीत कौर, अमृतपाल कौर, तविंद्र कौर, सुदेश कुमारी, माया देवी ने बताया कि डिस्पोजल आबादी में आता है। आबादी में डिस्पोजल को बनाए जाने से गंदे पानी की बदबू के चलते वहां उन्हें रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त गंदे पानी के कारण बीमारियां भी फैलेंगी। उनकी मांग है कि डिस्पोजल को आबादी से बाहर बनाया जाए। लेकिन सरकार और प्रशासन जिद्द पकड़कर आबादी में ही डिस्पोजल बनाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि रात को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने डिस्पोजल बनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण महिलाओं के रोष को देखकर अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने बताया कि डिस्पोजल के लिए उन्होंने लोगों का रोष देखा है। वे लोगों की आवाज को अपने उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।
ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह ने बताया कि दो माह पूर्व ही उन्हें डिस्पोजल का ठेका अलॉट हुआ है। विभाग जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध करवा देगा, वे काम शुरू कर देंगे। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें डिस्पोजल का काम करने में मुश्किल आ रही है।
दबंगों के डर से दलित परिवार ने छोड़ा शहर
डबवाली (लहू की लौ) पड़ौस में रहने वाले दबंग युवकों से तंग आया वार्ड नं. 13 का एक दलित परिवार हरियाणा से पलायन करके पंजाब में चला गया है। इस परिवार का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इधर राज्य से परिवार के पलायन की खबर मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक युवक को हिरासत में ले लिया।
वाल्मीकि मोहल्ले में रह रहे 58 वर्षीय रामदेव के घर पर पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवकों ने 29 जून 2011 को हमला कर दिया था। जिससे उसके बेटे अजय तथा पुत्रवधू सरोज पत्नी बिट्टू के चोटें आई थी। पीडि़त परिवार इस मामले को पुलिस में ले गया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 58 वर्षीय रामदेव के अनुसार वह पिछले 28 सालों से अपनी पत्नी राज रानी के साथ यहां रह रहा है। यहीं अपने दो बेटों बिट्टू, अजय तथा बेटी रचना की परवरिश की। बेटों की शादियां की। लेकिन उसके पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवक उसके घर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीती 24 जून को उसके छोटे बेटे अजय की शादी में उन्होंने रूकावट डालने का प्रयास किया। 29 जून को उसके घर पर हमला करके अजय तथा गर्भवती पुत्रवधू सरोज के चोटें मारी। सरोज बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रामदेव के अनुसार पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण दबंगों के हौसला इतना बढ़ गया कि वे लोग उन पर कार्रवाई न होने देने की फब्तियां कसने लगे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने तथा दबंगों के हौसले को देखते हुए वे पंजाब में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए हैं।
सिटी थाना प्रभारी महा सिंह ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।
वाल्मीकि मोहल्ले में रह रहे 58 वर्षीय रामदेव के घर पर पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवकों ने 29 जून 2011 को हमला कर दिया था। जिससे उसके बेटे अजय तथा पुत्रवधू सरोज पत्नी बिट्टू के चोटें आई थी। पीडि़त परिवार इस मामले को पुलिस में ले गया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 58 वर्षीय रामदेव के अनुसार वह पिछले 28 सालों से अपनी पत्नी राज रानी के साथ यहां रह रहा है। यहीं अपने दो बेटों बिट्टू, अजय तथा बेटी रचना की परवरिश की। बेटों की शादियां की। लेकिन उसके पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवक उसके घर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीती 24 जून को उसके छोटे बेटे अजय की शादी में उन्होंने रूकावट डालने का प्रयास किया। 29 जून को उसके घर पर हमला करके अजय तथा गर्भवती पुत्रवधू सरोज के चोटें मारी। सरोज बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रामदेव के अनुसार पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण दबंगों के हौसला इतना बढ़ गया कि वे लोग उन पर कार्रवाई न होने देने की फब्तियां कसने लगे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने तथा दबंगों के हौसले को देखते हुए वे पंजाब में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए हैं।
सिटी थाना प्रभारी महा सिंह ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।
बलेरो सवारों ने ट्रक के शीशे तोड़े, लूट का प्रयास
डबवाली (लहू की लौ) गांव जगमालवाली के पास साईकलों के भरे एक ट्रक को बलेरो सवार लोगों ने लूटने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रक पर बरसायी गई ईंटों से ट्रक का परिचालक घायल हो गया।
ट्रक चालक जगसीर सिंह (26) पुत्र तेजा सिंह निवासी डोड ने बताया कि वह पंजाब के लुधियाना से शनिवार शाम को साईकिल भर कर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ था। लेकिन रविवार को अपने गांव डोड से रात्रि 9.30 बजे रवाना होने से पूर्व ट्रक परिचालक कुलविन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी सेमां को साथ लिया। वह लोग तलबंडी साबो होकर बाया कालांवाली से डबवाली की ओर आ रहे थे। उनका ट्रक जैसे ही कालांवाली क्रॉस करके जगमालवाली के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक बलेरो गाड़ी उनका पीछा कर रही है, इतनी देर में ही तेजगति से उनके ट्रक को क्रॉस करके बलेरो गाड़ी आगे आकर खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने ट्रक को नहीं रोका। थोड़ी ही दूरी पर इन लोगों ने पम्प के निकट उन पर पथराव शुरू कर दिया। जिससे ट्रक का शीश टूट कर परिचालक के पेट में जा लगा। इसके बावजूद भी वह अपने ट्रक को बचाता हुआ गांव डबवाली के नाका तक ले आया और वहां तैनात पुलिस को घटना की जानकारी दी।
थाना कालांवाली के प्रभारी विक्रम नेहरा ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें मिली है और अभी तक ट्रक चालक और परिचालक के ब्यान होने हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लेकिन फिर भी अपने स्तर पर इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।
ट्रक चालक जगसीर सिंह (26) पुत्र तेजा सिंह निवासी डोड ने बताया कि वह पंजाब के लुधियाना से शनिवार शाम को साईकिल भर कर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ था। लेकिन रविवार को अपने गांव डोड से रात्रि 9.30 बजे रवाना होने से पूर्व ट्रक परिचालक कुलविन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी सेमां को साथ लिया। वह लोग तलबंडी साबो होकर बाया कालांवाली से डबवाली की ओर आ रहे थे। उनका ट्रक जैसे ही कालांवाली क्रॉस करके जगमालवाली के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक बलेरो गाड़ी उनका पीछा कर रही है, इतनी देर में ही तेजगति से उनके ट्रक को क्रॉस करके बलेरो गाड़ी आगे आकर खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने ट्रक को नहीं रोका। थोड़ी ही दूरी पर इन लोगों ने पम्प के निकट उन पर पथराव शुरू कर दिया। जिससे ट्रक का शीश टूट कर परिचालक के पेट में जा लगा। इसके बावजूद भी वह अपने ट्रक को बचाता हुआ गांव डबवाली के नाका तक ले आया और वहां तैनात पुलिस को घटना की जानकारी दी।
थाना कालांवाली के प्रभारी विक्रम नेहरा ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें मिली है और अभी तक ट्रक चालक और परिचालक के ब्यान होने हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लेकिन फिर भी अपने स्तर पर इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।
तीन ट्रांसफार्मर से कॉपर चोरी
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली रकबा से अज्ञात चोर तीन किसानों के खेतों में लगे तीन बिजली के ट्रांसफार्मर चुरा ले गये। जिसकी सूचना संबंधित किसानों ने बिजली विभाग तथा पुलिस को दी है।
डबवाली के आढ़तिया हरबिलास निरंकारी ने बताया कि उसके बेटे कपिल जिन्दल के नाम गांव डबवाली में कालांवाली रोड़ पर कृषि भूमि है और इसमें बिजली विभाग का ट्रांस्फार्मर लगा हुआ था। जिसमें से अज्ञात व्यक्ति सारा सामान निकाल ले गये। उन्होंने यह भी बताया कि नजदीक के जगजीत सिंह पुत्र बाबू सिंह तथा नदान सिंह पुत्र मल सिंह के खेतों से भी अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर उतार कर उसमें से सामान चुरा ले गये। इसकी सूचना बिजली निगम के जेई गुरबख्श सिंह तथा थाना शहर में दी।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के जेई गुरबख्श सिंह ने बताया कि तीनों किसानों की शिकायत मिलने पर मौका का निरीक्षण किया। इस वारदात से निगम को प्रति ट्रांस्फार्मर 60 हजार रूपये का नुक्सान हुआ। अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर से तांबे की तार और तेल आदि निकाल ले गये। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि जांच के लिए एफएसएल टीम को मौका पर भेजा गया, जांच की जा रही है।
डबवाली के आढ़तिया हरबिलास निरंकारी ने बताया कि उसके बेटे कपिल जिन्दल के नाम गांव डबवाली में कालांवाली रोड़ पर कृषि भूमि है और इसमें बिजली विभाग का ट्रांस्फार्मर लगा हुआ था। जिसमें से अज्ञात व्यक्ति सारा सामान निकाल ले गये। उन्होंने यह भी बताया कि नजदीक के जगजीत सिंह पुत्र बाबू सिंह तथा नदान सिंह पुत्र मल सिंह के खेतों से भी अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर उतार कर उसमें से सामान चुरा ले गये। इसकी सूचना बिजली निगम के जेई गुरबख्श सिंह तथा थाना शहर में दी।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के जेई गुरबख्श सिंह ने बताया कि तीनों किसानों की शिकायत मिलने पर मौका का निरीक्षण किया। इस वारदात से निगम को प्रति ट्रांस्फार्मर 60 हजार रूपये का नुक्सान हुआ। अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर से तांबे की तार और तेल आदि निकाल ले गये। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि जांच के लिए एफएसएल टीम को मौका पर भेजा गया, जांच की जा रही है।
गंगा में विवाहिता ने चूहे मार दवा निगली
डबवाली (लहू की लौ) सोमवार सुबह गांव गंगा में एक विवाहिता ने चूहे मार दवा निगल कर अपनी जान देने की कोशिश की। जिसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल लाया गया।
गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में दाखिल सर्वजीत कौर (25) पत्नी बबला निवासी गंगा ने बताया कि उसने गुस्से में आज सुबह दवाई के भ्रम में चूहे मार दवा खा ली और गंभीर हालत में शोर मचाने पर उसका पति उसे इलाज के लिए पहले गोरीवाला के सरकारी अस्पताल में ले गया। वहां से रैफर होने पर उसे डबवाली लाया गया। मौका पर अस्पताल में उपस्थित सर्वजीत कौर की मां अमरजीत कौर निवासी गुरूसर सैहनेवाला जिला बठिंडा ने बताया कि उसकी बेटी के तीन बच्चे हैं। उसकी गंभीर हालत की सूचना पाकर वह यहां पहुंची है। लेकिन डाक्टर ने उसे फिलहाल खतरे से बाहर घोषित कर दिया है।
गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में दाखिल सर्वजीत कौर (25) पत्नी बबला निवासी गंगा ने बताया कि उसने गुस्से में आज सुबह दवाई के भ्रम में चूहे मार दवा खा ली और गंभीर हालत में शोर मचाने पर उसका पति उसे इलाज के लिए पहले गोरीवाला के सरकारी अस्पताल में ले गया। वहां से रैफर होने पर उसे डबवाली लाया गया। मौका पर अस्पताल में उपस्थित सर्वजीत कौर की मां अमरजीत कौर निवासी गुरूसर सैहनेवाला जिला बठिंडा ने बताया कि उसकी बेटी के तीन बच्चे हैं। उसकी गंभीर हालत की सूचना पाकर वह यहां पहुंची है। लेकिन डाक्टर ने उसे फिलहाल खतरे से बाहर घोषित कर दिया है।
पेंशन न मिलने पर वृद्ध ने जल त्यागा
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार की लापरवाही के चलते पेंशन धारकों को पिछले चार माह से पेंशन न मिलने से आ रही परेशानी से आहत इनेलो पेंशनधारकों के साथ सोमवार को सड़कों पर उतर आई और कलोनी रोड़ पर साढ़े तीन घंटे तक सड़क पर धरना देकर रोष प्रकट किया। एक वृद्ध पेेंशनधारक अनजल त्याग कर अनशन पर लेट गया।
सोमवार को निर्धारित स्थानों पर हरियाणा सरकार द्वारा फिेनो कम्पनी की मार्फत बुढ़ापा, विधवा और विकलांग पेंशन धारकों को पेंशन का वितरण करना था। लेकिन फिनो कम्पनी के कर्मचारी निर्धारित स्थानों पर नहीं पहुंचे। जबकि पेंशन धारक निर्धारित स्थानों पर पहुंच गये। करीब डेढ़ घंटे तक पेंशन धारकों ने कम्पनी कर्मचारियों का इंंतजार किया। पेंशन धारक पिछले दो दिनों से कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा पेंशन के लिए उन्हें बुला कर पेंशन न देने से खफा थे और स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे थे। आज फिर इंतजार के बावजूद भी पेंशन का वितरण न होने से पेंशन धारक रोषस्वरूप सड़कों पर उतर आये। इसकी सूचना पाकर इनेलो नेता रणवीर सिंह राणा, पार्षद टेक चन्द छाबड़ा, पार्षद सुभाष मित्तल, पार्षद नीलकांत मैहता के नेतृत्व में इनेलो कार्यकर्ता दीपक बागड़ी, लभू सेठी, दर्शन मोंगा, काली मिढ़ा, भगवान दास आरेवाला, अमन चुघ, विपिन मोंगा, मुनीश शर्मा, रामकिशन ग्रोवर, अमरनाथ बागड़ी, अमनदीप, सुनील बांसल, शलेन्द्र जौड़ा भी मौका पर पहुंचे और पेंशनधारकों के समर्थन सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। इसी के साथ ही पेंशन लेने पहुंचा वृद्ध ओमप्रकाश डांग अनजल त्याग कर तपती धूप में सड़क पर लेट गया।
पेंशनधारकों तथा इनेलो कार्यकर्ताओं ने हुड्डा सरकार तथा जिला प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। इसकी भनक पाकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गये। समाधान के लिए नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई धरनास्थल पर पहुंचे। लेकिन उसकी बातचीत से धरनाकारी संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उपायुक्त सिरसा से बातचीत करके उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल वहां पहुंचे और उन्होंने धरनाकारियों को शुक्रवार से पेंशन वितरण का आश्वासन दिया। जिससे पेंशनधारक सहमत हो गये। इसके बाद उपमंडलाधीश ने वृद्ध ओमप्रकाश को जल पिला कर उसका अनशन तोड़ा।
इनेलो के जिला प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर प्रशासन शुक्रवार के पेंशन वितरण के आश्वासन पर खरा नहीं उतरा तो सोमवार से इनेलो लोकतांत्रिक तरीके से पेंशनधारकों के साथ आंदोलन छेड़ देगी।
सोमवार को निर्धारित स्थानों पर हरियाणा सरकार द्वारा फिेनो कम्पनी की मार्फत बुढ़ापा, विधवा और विकलांग पेंशन धारकों को पेंशन का वितरण करना था। लेकिन फिनो कम्पनी के कर्मचारी निर्धारित स्थानों पर नहीं पहुंचे। जबकि पेंशन धारक निर्धारित स्थानों पर पहुंच गये। करीब डेढ़ घंटे तक पेंशन धारकों ने कम्पनी कर्मचारियों का इंंतजार किया। पेंशन धारक पिछले दो दिनों से कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा पेंशन के लिए उन्हें बुला कर पेंशन न देने से खफा थे और स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे थे। आज फिर इंतजार के बावजूद भी पेंशन का वितरण न होने से पेंशन धारक रोषस्वरूप सड़कों पर उतर आये। इसकी सूचना पाकर इनेलो नेता रणवीर सिंह राणा, पार्षद टेक चन्द छाबड़ा, पार्षद सुभाष मित्तल, पार्षद नीलकांत मैहता के नेतृत्व में इनेलो कार्यकर्ता दीपक बागड़ी, लभू सेठी, दर्शन मोंगा, काली मिढ़ा, भगवान दास आरेवाला, अमन चुघ, विपिन मोंगा, मुनीश शर्मा, रामकिशन ग्रोवर, अमरनाथ बागड़ी, अमनदीप, सुनील बांसल, शलेन्द्र जौड़ा भी मौका पर पहुंचे और पेंशनधारकों के समर्थन सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। इसी के साथ ही पेंशन लेने पहुंचा वृद्ध ओमप्रकाश डांग अनजल त्याग कर तपती धूप में सड़क पर लेट गया।
पेंशनधारकों तथा इनेलो कार्यकर्ताओं ने हुड्डा सरकार तथा जिला प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। इसकी भनक पाकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गये। समाधान के लिए नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई धरनास्थल पर पहुंचे। लेकिन उसकी बातचीत से धरनाकारी संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उपायुक्त सिरसा से बातचीत करके उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल वहां पहुंचे और उन्होंने धरनाकारियों को शुक्रवार से पेंशन वितरण का आश्वासन दिया। जिससे पेंशनधारक सहमत हो गये। इसके बाद उपमंडलाधीश ने वृद्ध ओमप्रकाश को जल पिला कर उसका अनशन तोड़ा।
इनेलो के जिला प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर प्रशासन शुक्रवार के पेंशन वितरण के आश्वासन पर खरा नहीं उतरा तो सोमवार से इनेलो लोकतांत्रिक तरीके से पेंशनधारकों के साथ आंदोलन छेड़ देगी।
स्कूटर की टक्कर से छात्र घायल
डबवाली (लहू की लौ) यहां के एफसीआई गोदाम के पास स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान का दूसरी कक्षा का छात्र स्कूटर की टक्कर से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया।
वार्ड नं. 6 के कबीर नगर निवासी सोमनाथ ने बताया कि उसका पांच वर्षीय बेटा दर्शन सोमवार को पढऩे के लिए कबीर नगर के पास स्थित आनंद मॉडल स्कूल में गया था। उसके अध्यापक ने फीस के लिए उसकी माता को बुलाया। दर्शन घर से अपनी माता सावित्री देवी को बुलाकर वापिस स्कूल जा रहा था। पीछे से आया एक स्कूटर दर्शन के बीच टक्कर मारकर फरार हो गया।
वार्ड नं. 6 के कबीर नगर निवासी सोमनाथ ने बताया कि उसका पांच वर्षीय बेटा दर्शन सोमवार को पढऩे के लिए कबीर नगर के पास स्थित आनंद मॉडल स्कूल में गया था। उसके अध्यापक ने फीस के लिए उसकी माता को बुलाया। दर्शन घर से अपनी माता सावित्री देवी को बुलाकर वापिस स्कूल जा रहा था। पीछे से आया एक स्कूटर दर्शन के बीच टक्कर मारकर फरार हो गया।
विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रतियोगिताएं आयोजित
डबवाली (लहू की लौ) राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा विश्व जनसख्या दिवस पर पेंटिंग तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रिंसीपल इन्द्रजीत सांगवान ने बताया कि प्रतियोगिता का विषय छोटा परिवार, सुखी परिवार था। पेंटिंग प्रतियोगिता में 10वीं की नेहा प्रथम, 7वीं की बरखा द्वितीय और 10वीं की अनु ने तृतीय स्थान पाया। जबकि भाषण प्रतियोगिता में 12वीं की मीनू प्रथम, 9वीं की वैशाली द्वितीय, 10वीं की वंदना तृतीय रही।
इस मौके पर सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू तथा दंत चिकित्सक मीना जिन्दल ने अपने विचार रखे और विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की अधिकारी परमजीत कौर ने छात्राओं को बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों की जानकारी दी। विजेताओं को प्रधानाचार्य ने पुरस्कार वितरित किए।
इससे पूर्व सरकारी अस्पताल में कार्यकारी एसएमओ एमके भादू, डॉ. मीना जिन्दल, डॉ. राहुल ने छोटा परिवार संपूर्ण विकास, छोटी लड़की खुशहाल परिवार विषय पर जानकारी देते हुए जनसंख्या स्थिरता पर बल दिया। इस मौके पर लगाए गए काऊंटर पर राज वर्मा ने लोगों को नलबंदी, नसबंदी और परिवार कल्याण के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही मच्छरों के प्रति भी लोगों को जागरूक किया।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रिंसीपल इन्द्रजीत सांगवान ने बताया कि प्रतियोगिता का विषय छोटा परिवार, सुखी परिवार था। पेंटिंग प्रतियोगिता में 10वीं की नेहा प्रथम, 7वीं की बरखा द्वितीय और 10वीं की अनु ने तृतीय स्थान पाया। जबकि भाषण प्रतियोगिता में 12वीं की मीनू प्रथम, 9वीं की वैशाली द्वितीय, 10वीं की वंदना तृतीय रही।
इस मौके पर सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू तथा दंत चिकित्सक मीना जिन्दल ने अपने विचार रखे और विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की अधिकारी परमजीत कौर ने छात्राओं को बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों की जानकारी दी। विजेताओं को प्रधानाचार्य ने पुरस्कार वितरित किए।
इससे पूर्व सरकारी अस्पताल में कार्यकारी एसएमओ एमके भादू, डॉ. मीना जिन्दल, डॉ. राहुल ने छोटा परिवार संपूर्ण विकास, छोटी लड़की खुशहाल परिवार विषय पर जानकारी देते हुए जनसंख्या स्थिरता पर बल दिया। इस मौके पर लगाए गए काऊंटर पर राज वर्मा ने लोगों को नलबंदी, नसबंदी और परिवार कल्याण के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही मच्छरों के प्रति भी लोगों को जागरूक किया।
टीचर पर मामला दर्ज
डबवाली (लहू की लौ) टयूशन पढऩे गई छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपी अध्यापक के खिलाफ थाना शहर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि किलियांवाली के अजीत नगर में रहने वाले शाम लाल गोयल की बारह वर्षीय बेटी की शिकायत पर आरोपी अध्यापक नरेश गोयल निवासी खूह वाली गली, वार्ड नं. 1, डबवाली के खिलाफ दफा 354/506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपी की तालाश शुरू कर दी है।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि किलियांवाली के अजीत नगर में रहने वाले शाम लाल गोयल की बारह वर्षीय बेटी की शिकायत पर आरोपी अध्यापक नरेश गोयल निवासी खूह वाली गली, वार्ड नं. 1, डबवाली के खिलाफ दफा 354/506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपी की तालाश शुरू कर दी है।
सड़क में बने खड्डे ने ली युवक की जान
डबवाली (लहू की लौ) गांव मांगेआना के पास खड्डे में बाईक गिरने से बाईक चालक की मौत हो गई। जबकि उसके साथ बेटा उसका चचेरा भाई घायल हो गया।गांव देसूजोधा का 22 वर्षीय बेअंत सिंह पुत्र गुरचरण सिंह रविवार रात करीब 9.30 बजे अपने चचेरे भाई राजा सिंह (23) पुत्र गुलजार सिंह के साथ बाईक पर उसकी गांव मौजगढ़ में स्थित परचून की दुकान से वापिस गांव लौट रहा था। बाईक को बेअंत सिंह चला रहा था। गांव मांगेआना रोड़ पर बाईक की लाईट अचानक बंद हो गई। जिससे बाईक सड़क में बने एक खड्डे में जा गिरा। बाईक का हैंडल बेअंत सिंह की छाती में जा लगा। घटना की सूचना घायल राजा ने अपने परिजनों को दी। मौका पर आए परिजनों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सक ने बेअंत सिंह को मृत घोषित कर दिया।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर पुलिस के एएसआई छबील दास ने बताया कि राजा सिंह के उपरोक्त ब्यान पर पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर पुलिस के एएसआई छबील दास ने बताया कि राजा सिंह के उपरोक्त ब्यान पर पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
11 जुलाई 2011
छात्रा से छेड़छाड़, अध्यापक की धुनाई
डबवाली (लहू की लौ) खूह वाली गली में एक अध्यापक द्वारा बारह वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है।मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर की 8वीं कक्षा में पढऩे वाली एक लड़की वार्ड नं. 1 में स्थित खूह वाली गली में शनिवार को पहले दिन टयूशन पर गई थी। अध्यापक ने रविवार को दोपहर बाद 2 बजे टयूशन पर आने के लिए कहा था। वह टयूशन पढ़कर घर लौटी। तो उसने अध्यापक द्वारा उससे की गई छेड़छाड़ की जानकारी अपने अभिभावकों को दी। किलियांवाली के अजीत नगर निवासी शाम लाल ने बताया कि उसकी 12 वर्षीय बेटी 8वीं कक्षा में पढ़ती है और रविवार को दूसरे दिन टयूशन पढऩे के लिए खूह वाली गली में अध्यापक नरेश गोयल के पास दोपहर बाद 2 बजे गई थी। लेकिन शाम को साढ़े तीन बजे जब वह घर लौटी तो उसने रोते हुए बताया कि अध्यापक ने पहले उसे मोबाइल पर ब्लू फिल्म दिखाई। फिर उससे छेड़छाड़ की। उस समय अध्यापक की पत्नी और बच्चे घर पर नहीं थे।
इधर अस्पताल में दाखिल घायल अध्यापक नरेश गोयल ने बताया कि लड़की पिछले वर्ष भी उसके पास पढ़ती थी। आज टयूशन का दूसरा दिन था। लेकिन उसने उसे यह कहकर पढ़ाने से इंकार कर दिया था कि उसके पास समय नहीं है। उसने यह भी कहा कि रविवार को छुट्टी होने की बात उसने लड़की से कही थी। लेकिन लड़की यह कहकर आज उनके घर पर आ गई कि उसका सोमवार को हिसाब का पेपर है और उसकी तैयारी करनी है। अध्यापक के अनुसार लड़की का किसी के साथ लफड़ा है। वह इसकी शिकायत उसके माता-पिता को न कर दे, इसलिए लड़की ने उस पर मनगढ़ंत और झूठा आरोप लगाया है। अध्यापक ने यह भी कहा कि लड़की के पिता व तीन-चार अन्य ने उसके घर पर आकर उससे मारपीट भी की। उसने बताया कि उसकी पत्नी सालासर गई हुई है। जबकि उसकी पांच वर्षीय बेटी उसके पास घर पर थी।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि लड़की की शिकायत उनके पास आई है। मामले की जांच की जा रही है।
इधर अस्पताल में दाखिल घायल अध्यापक नरेश गोयल ने बताया कि लड़की पिछले वर्ष भी उसके पास पढ़ती थी। आज टयूशन का दूसरा दिन था। लेकिन उसने उसे यह कहकर पढ़ाने से इंकार कर दिया था कि उसके पास समय नहीं है। उसने यह भी कहा कि रविवार को छुट्टी होने की बात उसने लड़की से कही थी। लेकिन लड़की यह कहकर आज उनके घर पर आ गई कि उसका सोमवार को हिसाब का पेपर है और उसकी तैयारी करनी है। अध्यापक के अनुसार लड़की का किसी के साथ लफड़ा है। वह इसकी शिकायत उसके माता-पिता को न कर दे, इसलिए लड़की ने उस पर मनगढ़ंत और झूठा आरोप लगाया है। अध्यापक ने यह भी कहा कि लड़की के पिता व तीन-चार अन्य ने उसके घर पर आकर उससे मारपीट भी की। उसने बताया कि उसकी पत्नी सालासर गई हुई है। जबकि उसकी पांच वर्षीय बेटी उसके पास घर पर थी।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि लड़की की शिकायत उनके पास आई है। मामले की जांच की जा रही है।
'भीखÓ मांगने को मजबूर पेंशन धारक!
डबवाली (लहू की लौ) चार माह से पेंशन से वंचित चले आ रहे विकलांग, विधवा और वृद्ध रोटी मांगकर पेट भरने को मजबूर हो गए हैं। रविवार को जिला प्रशासन के पेंशन प्रोग्राम के तहत शहर में पेंशन का वितरण होना था। सुबह 8 बजे ही तय स्थान पर पेंशन धारक जमा होना शुरू हो गए। सुबह से दोपहर हो गई। लेकिन पेंशन बांटने वाले नहीं आए। बाद में वार्ड पार्षदों ने मौका पर पहुंचकर वार्ड से संबंधित लोगों को समझा-बुझाकर घर भेजा।
गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में व्हील चेयर पर पेंशन लेने आए महेंद्र कुमार (45), सुखदेव सिंह (70) ने बताया कि उनकी जिन्दगी पेंशन के सहारे आगे बढ़ रही थी। लेकिन पिछले चार महीनों से पेंशन न मिलने से जिन्दगी की डगर ठहर गई है। कमाई का कोई साधन नहीं, आगे-पीछे पूछने वाला भी कोई नहीं। ऐसे हालातों में वे सड़क पर आ गए हैं। लोगों की दुकानों, घरों से रोटी के दो टुकड़ें मांगने को विवश हो गए हैं। जब रोटी मांगते हैं तो लोग दुत्कारते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है, लेकिन क्या करें, पापी पेट का सवाल है। जब पेंशन नहीं मिलेगी और रोजगार का साधन नहीं होगा तो रोटी कहीं से तो खानी ही पड़ेगी।
विद्या देवी (65) ने बताया कि उसके कोई बेटा नहीं है। जो उसे संभाल सके। सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन ही उसके गुजारे का साधन थी। इसी पेंशन से वह अपना गुजारा चलाती। पेंशन के सहारे उसने अपनी दो बेटियों को पढ़ाया और शादी की। लेकिन अब वह अकेली है। पेंशन न मिलने न मिलने के कारण दूसरों के आगे हाथ फैलाकर पेट पाल रही है।
विधवा कमलेश देवी (50) ने बताया कि पेंशन से वह केवल अपना ही गुजारा नहीं चलाती थी। बल्कि बुढ़ापे में सहारा बनने वाले अपने बेटे गणेश को भी पाल रही है। गणेश 12वीं का छात्र है। स्कूल में उसने 800 रूपए की राशि फीस के तौर पर अदा करनी है। लेकिन चार माह से पेंशन न मिलने से वह अपने बच्चे की फीस नहीं भर पाई और उसके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया। दूसरा पेट भरने के लिए उसे अब दूसरों से रोटी मांगकर खानी पड़ रही है।
इस मौके पर उपस्थित वृद्धा आशा रानी, माया देवी, लाजवंती ने बताया कि दो दिन पूर्व पेंशन बांटने के लिए आए फिनो कंपनी के एजेंटों तथा बाद में जिलाधीश ने समाचार पत्रों के माध्यम से कहा था कि 10 जुलाई को सभी पेंशन धारकों को पेंशन मिल जाएगी। लेकिन वे तपती दोपहर में 12 बजे तक पेंशन बांटने वाले कर्मचारियों का इंतजार करते रहे। लेकिन कोई नहीं आया। वे घर से पेंशन वितरण स्थल तक आने-जाने में रिक्शा पर 50 रूपए खर्च करती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन नसीब नहीं होती। वृद्धों ने कहा कि बार-बार उन्हें बुलाकर सरकार, प्रशासन और पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी बेइज्जत कर रहे हैं। ये कर्मचारी अब जब भी आएंगे तो अपना रोष उनके समक्ष अपने ही अंदाज में प्रकट करेंगे।
गुरूद्वारा में एकत्रित सैंकड़ों पेंशन धारकों में रोष की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संदर्भ में फिनो कंपनी के अधिकारी विनय कुमार से बात की। अधिकारी ने उन्हें जवाब दिया कि वे आज नहीं आ सकते। फिर कभी आएंगे। अब तो रिकॉर्ड पूरा कर रहे हैं। कर्मचारियों के न आने की सूचना पक्की होने पर इन पार्षदों ने वृद्धों की आंखों से टपक रहे आंसुओं को पौंछते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं। यदि उन्हें प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर आना पड़ा तो आएंगे। अपने पार्षदों का आश्वासन पाकर पेंशन धारक घरों को वापिस चले गए।
पार्षद जगदीप सूर्या, पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए प्रशासन के खिलाफ अपना रोष निकालते हुए कहा कि जिलाधीश पेंशन धारकों को पेंशन बांटे जाने की तिथि और समय निर्धारित करने के ब्यान अखबारों में प्रकाशित करवा देता है, लेकिन पेंशन बांटने वाले कर्मचारी निर्धारित समय और तिथि पर न पहुंचने से पेंशन धारकों का अपमान होता है। पेंशन न मिलने से पेंशन धारक रोटी मांगकर पेट भर रहे हैं। कई पेंशन धारकों को ऐसा करने से उन्होंने रोका है।
इंतजार करते रह गए पेंशन धारक
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को नगरपालिका में स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए वृद्ध, विधवा और विकलांग इंतजार करते रहे लेकिन स्मार्ट कार्ड बनाने वाले नहीं पहुंचे।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल, वार्ड नं. 6 के पार्षद ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि 10 जुलाई को स्मार्ट कार्ड बनाने वालों ने नगरपालिका में आना था। लेकिन पेंशनधारक स्मार्ट कार्ड बनवाने की इंतजार में सुबह से बाद दोपहर 2 बजे तक बैठे रहे। उन्होंने यह भी बताया कि वे भी सुबह से ही नगरपालिका में बैठे हुए थे। जब कार्ड बनाने वाला कोई भी नगरपालिका में नहीं पहुंचा। उन्होंने फिनो कम्पनी के आलम खां इंचार्ज ब्लॉक डबवाली से मोबाइल पर कई बार बातचीत की तो उन्हें हर बार यहीं कहा गया कि 10 मिनट में उनका आदमी नगरपालिका में पहुंच रहा है। जब धैर्य की सीमा टूटी तो और उससे पूछा गया कि बुजुर्गों को क्यों खराब किया जा रहा है तो आलम खां का जवाब था कि वह खराब नहीं कर रहा, खराब तो डीसी साहेब कर रहे हैं। पार्षदों ने इसकी शिकायत उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से की। उपमंडलाधीश ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए फिनो कम्पनी के अधिकारियों की खिंचाई की।
पार्षदों ने कहा कि सरकार ने पेंशन धारकों की राशि वितरण के लिए समय-समय पर एक्सीस बैंक में जमा करवा रखी है। लेकिन बैंक ने फिनो कम्पनी को ठेका दे रखा है। वितरण के मामले में बैंक और कम्पनी अपने दायित्व से भाग रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अन्य किसी बैंक को पेंशन की जिम्मेवारी सौंपे या पुराना सिस्टम बहाल करे।
वृद्धों को अपमानित नहीं होने देगी इनेलो-राणा
डबवाली। यदि सरकार ने वृद्धों का अपमान करने की नीति को नहीं त्यागा तो इनेलो वृद्धों के सम्मान के बहाली के लिए संघर्ष करने को मजबूर होगी। यह शब्द इनेलो जिला सिरसा के प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने वृद्धों को पेंशन देने के नाम पर बार-बार परेशान करने पर कहे। उन्होंने कहा कि वृद्धों को पेंशन देने के लिए बार-बार बुलाया जाता है लेकिन पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी स्वयं नहीं पहुंचते। इस प्रकार से सरकार फिनो कम्पनी की आड़ में वृद्धों को अपमानित कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल ने वृद्धों को सम्मान देने के लिए पेंशन योजना लागू की थी और साथ में कहा था कि यह वृद्धों का अधिकार है लेकिन कांग्रेस की हुड्डा सरकार वृद्धा पेंशन को खैरात समझ कर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धों के प्रति सम्मान को बहाल करे, अन्यथा इनेलो वृद्धों के साथ सड़कों पर उतरेगी।
गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में व्हील चेयर पर पेंशन लेने आए महेंद्र कुमार (45), सुखदेव सिंह (70) ने बताया कि उनकी जिन्दगी पेंशन के सहारे आगे बढ़ रही थी। लेकिन पिछले चार महीनों से पेंशन न मिलने से जिन्दगी की डगर ठहर गई है। कमाई का कोई साधन नहीं, आगे-पीछे पूछने वाला भी कोई नहीं। ऐसे हालातों में वे सड़क पर आ गए हैं। लोगों की दुकानों, घरों से रोटी के दो टुकड़ें मांगने को विवश हो गए हैं। जब रोटी मांगते हैं तो लोग दुत्कारते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है, लेकिन क्या करें, पापी पेट का सवाल है। जब पेंशन नहीं मिलेगी और रोजगार का साधन नहीं होगा तो रोटी कहीं से तो खानी ही पड़ेगी।
विद्या देवी (65) ने बताया कि उसके कोई बेटा नहीं है। जो उसे संभाल सके। सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन ही उसके गुजारे का साधन थी। इसी पेंशन से वह अपना गुजारा चलाती। पेंशन के सहारे उसने अपनी दो बेटियों को पढ़ाया और शादी की। लेकिन अब वह अकेली है। पेंशन न मिलने न मिलने के कारण दूसरों के आगे हाथ फैलाकर पेट पाल रही है।
विधवा कमलेश देवी (50) ने बताया कि पेंशन से वह केवल अपना ही गुजारा नहीं चलाती थी। बल्कि बुढ़ापे में सहारा बनने वाले अपने बेटे गणेश को भी पाल रही है। गणेश 12वीं का छात्र है। स्कूल में उसने 800 रूपए की राशि फीस के तौर पर अदा करनी है। लेकिन चार माह से पेंशन न मिलने से वह अपने बच्चे की फीस नहीं भर पाई और उसके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया। दूसरा पेट भरने के लिए उसे अब दूसरों से रोटी मांगकर खानी पड़ रही है।
इस मौके पर उपस्थित वृद्धा आशा रानी, माया देवी, लाजवंती ने बताया कि दो दिन पूर्व पेंशन बांटने के लिए आए फिनो कंपनी के एजेंटों तथा बाद में जिलाधीश ने समाचार पत्रों के माध्यम से कहा था कि 10 जुलाई को सभी पेंशन धारकों को पेंशन मिल जाएगी। लेकिन वे तपती दोपहर में 12 बजे तक पेंशन बांटने वाले कर्मचारियों का इंतजार करते रहे। लेकिन कोई नहीं आया। वे घर से पेंशन वितरण स्थल तक आने-जाने में रिक्शा पर 50 रूपए खर्च करती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन नसीब नहीं होती। वृद्धों ने कहा कि बार-बार उन्हें बुलाकर सरकार, प्रशासन और पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी बेइज्जत कर रहे हैं। ये कर्मचारी अब जब भी आएंगे तो अपना रोष उनके समक्ष अपने ही अंदाज में प्रकट करेंगे।
गुरूद्वारा में एकत्रित सैंकड़ों पेंशन धारकों में रोष की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संदर्भ में फिनो कंपनी के अधिकारी विनय कुमार से बात की। अधिकारी ने उन्हें जवाब दिया कि वे आज नहीं आ सकते। फिर कभी आएंगे। अब तो रिकॉर्ड पूरा कर रहे हैं। कर्मचारियों के न आने की सूचना पक्की होने पर इन पार्षदों ने वृद्धों की आंखों से टपक रहे आंसुओं को पौंछते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं। यदि उन्हें प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर आना पड़ा तो आएंगे। अपने पार्षदों का आश्वासन पाकर पेंशन धारक घरों को वापिस चले गए।
पार्षद जगदीप सूर्या, पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए प्रशासन के खिलाफ अपना रोष निकालते हुए कहा कि जिलाधीश पेंशन धारकों को पेंशन बांटे जाने की तिथि और समय निर्धारित करने के ब्यान अखबारों में प्रकाशित करवा देता है, लेकिन पेंशन बांटने वाले कर्मचारी निर्धारित समय और तिथि पर न पहुंचने से पेंशन धारकों का अपमान होता है। पेंशन न मिलने से पेंशन धारक रोटी मांगकर पेट भर रहे हैं। कई पेंशन धारकों को ऐसा करने से उन्होंने रोका है।
इंतजार करते रह गए पेंशन धारक
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को नगरपालिका में स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए वृद्ध, विधवा और विकलांग इंतजार करते रहे लेकिन स्मार्ट कार्ड बनाने वाले नहीं पहुंचे।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल, वार्ड नं. 6 के पार्षद ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि 10 जुलाई को स्मार्ट कार्ड बनाने वालों ने नगरपालिका में आना था। लेकिन पेंशनधारक स्मार्ट कार्ड बनवाने की इंतजार में सुबह से बाद दोपहर 2 बजे तक बैठे रहे। उन्होंने यह भी बताया कि वे भी सुबह से ही नगरपालिका में बैठे हुए थे। जब कार्ड बनाने वाला कोई भी नगरपालिका में नहीं पहुंचा। उन्होंने फिनो कम्पनी के आलम खां इंचार्ज ब्लॉक डबवाली से मोबाइल पर कई बार बातचीत की तो उन्हें हर बार यहीं कहा गया कि 10 मिनट में उनका आदमी नगरपालिका में पहुंच रहा है। जब धैर्य की सीमा टूटी तो और उससे पूछा गया कि बुजुर्गों को क्यों खराब किया जा रहा है तो आलम खां का जवाब था कि वह खराब नहीं कर रहा, खराब तो डीसी साहेब कर रहे हैं। पार्षदों ने इसकी शिकायत उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से की। उपमंडलाधीश ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए फिनो कम्पनी के अधिकारियों की खिंचाई की।
पार्षदों ने कहा कि सरकार ने पेंशन धारकों की राशि वितरण के लिए समय-समय पर एक्सीस बैंक में जमा करवा रखी है। लेकिन बैंक ने फिनो कम्पनी को ठेका दे रखा है। वितरण के मामले में बैंक और कम्पनी अपने दायित्व से भाग रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अन्य किसी बैंक को पेंशन की जिम्मेवारी सौंपे या पुराना सिस्टम बहाल करे।
वृद्धों को अपमानित नहीं होने देगी इनेलो-राणा
डबवाली। यदि सरकार ने वृद्धों का अपमान करने की नीति को नहीं त्यागा तो इनेलो वृद्धों के सम्मान के बहाली के लिए संघर्ष करने को मजबूर होगी। यह शब्द इनेलो जिला सिरसा के प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने वृद्धों को पेंशन देने के नाम पर बार-बार परेशान करने पर कहे। उन्होंने कहा कि वृद्धों को पेंशन देने के लिए बार-बार बुलाया जाता है लेकिन पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी स्वयं नहीं पहुंचते। इस प्रकार से सरकार फिनो कम्पनी की आड़ में वृद्धों को अपमानित कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल ने वृद्धों को सम्मान देने के लिए पेंशन योजना लागू की थी और साथ में कहा था कि यह वृद्धों का अधिकार है लेकिन कांग्रेस की हुड्डा सरकार वृद्धा पेंशन को खैरात समझ कर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धों के प्रति सम्मान को बहाल करे, अन्यथा इनेलो वृद्धों के साथ सड़कों पर उतरेगी।
निराला बाबा का जोरदार स्वागत
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कालांवाली (सिंगला) चतुर्मास के लिए पधारे आचार्य दिव्यानंद विजय महाराज (निराले बाबा) का मण्डी में नगर प्रवेश करने पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से हजारो की सख्ंया मे श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
रोड़ी रोड़ पेट्रोल पंप के पास निराला बाबा का चतुर्मास प्रवास सेवा समिति के सदस्यों जगदेव राय, सुरेश बंटू, अशोक टोनी, इंद्रजीत गर्ग, मुकेश गर्ग आदि ने स्वागत किया। बाबा जी के स्वागत समारोह में हाथी, घोड़े , ऊंट सहित विभिन्न प्रकार की बैंड पार्टियों ने भाग लिया। आसमान से श्रद्धालुओं व बाबा जी पर पुष्प वर्षा की गई। स्वागत समारोह में स्कूल के बच्चों ने ध्वज यात्रा व महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली।
यह यात्रा बस स्टैंड से शुरू होकर मॉडल टाऊन, अनाज मण्डी, भगत सिंह मार्किट, सब्जी मण्डी से होकर महाजन धर्मशाला में पहुंची। यात्रा का मंडी में तरणोद्वार लगाकर जगह-जगह स्वागत किया गया। धर्मशाला में पहुंचने पर मंडी की समाज सेवी संस्थाओं ने बाबा जी का जोर-शोर से स्वागत किया। धर्मशाला में आयोजित समारोह में पंजाब के वरिष्ठ अकाली नेता सरूप चंद सिंगला ने ध्वजारोहण कर कार्यक्र्रम की शुरूआत की।
इस मौके पर नायब तहसीलदार संजय चौधरी, कांग्रेस नेता ओमप्रकाश केहरवाला, इनेलो नेता विनोद मित्तल, बिल्ला कबाडिय़ा, नरेश सिंगला, संजय सैन, मदन लाल, युवा कांग्रेस के प्रधान ओमप्रकाश लुहानी, मास्टर परमानंद, हरिमोहन गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
10 जुलाई 2011
सरकारी कर्मचारी तंबाकू के धुएं में उड़ा रहे हैं कानून
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के एक पत्र से प्रदेश भर के सरकारी महकमों के कर्मचारियों में खलबली
डबवाली (लहू की लौ) धूम्रपान के लिए बनाया गया कानून, सरकार के कर्मचारी खुद तोड़ते हैं। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा राज्य के सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को जारी एक पत्र कह रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने राज्य को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त जोन बनाने के लिए कमर कस ली है। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा पंचकूला ने इस संदर्भ में राज्य के सभी सिविल सर्जन को एक पत्र भेजकर उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिला के तहत आने वाले सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को इस संबंधी जागरूक करें। महानिदेशक के निर्देशों पर राज्य के सभी सिविल सर्जन ने पुलिस अधीक्षकों, महाप्रबंधकों, जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्राईमरी शिक्षा अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों/चिकित्सा अधिकारियों/प्रभारी, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को निर्देश जारी करके कहा है कि धूम्रपान रोकने के लिए कानून बना हुआ है। लेकिन बड़े खेद की बात है कि उनके अंतर्गत आने वाले कर्मी खुद ही सिगरेट के धुएं को हवा में उड़ाकर...धूम्रपान संबंधी बने कानून को तोड़ते हैं।
इसकी पुष्टि करते हुए उप सिविल सर्जन (स्वास्थ्य) सिरसा डॉ. आरूष अरोड़ा ने बताया कि जिला सिरसा में भी सिविल सर्जन सिरसा ने धूम्रपान निषेध संबंधी बने कानून की पालना के लिए सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि उनके कार्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, चालक एवं परिचालक, अध्यापक तथा पुलिस कर्मचारी खुद धूम्रपान निषेध कानून तोड़ते हैं। उनसे भविष्य में जुर्माना वसूला जाए या कानूनी कार्रवाई की जाए। उनके अधिनस्थ आने वाली सार्वजनिक संस्थाओं/सरकारी संस्थाओं/स्कूलों में 100 वर्ग मी. के अंदर धूम्रपान एवं तंबाकू मुक्त जोन के अंदर कोई भी दुकानदार/व्यक्ति तंबाकू एवं धूम्रपान संबंधी सामग्री न बेचता हो। अगर उनके परिसर में धूम्रपान निषेध नियम का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ में यह भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित विभागों के परिसरों के बाहर और भीतर धूम्रपान निषेध के साईन बोर्ड लगाए जाएं।
डबवाली (लहू की लौ) धूम्रपान के लिए बनाया गया कानून, सरकार के कर्मचारी खुद तोड़ते हैं। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा राज्य के सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को जारी एक पत्र कह रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने राज्य को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त जोन बनाने के लिए कमर कस ली है। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा पंचकूला ने इस संदर्भ में राज्य के सभी सिविल सर्जन को एक पत्र भेजकर उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिला के तहत आने वाले सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को इस संबंधी जागरूक करें। महानिदेशक के निर्देशों पर राज्य के सभी सिविल सर्जन ने पुलिस अधीक्षकों, महाप्रबंधकों, जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्राईमरी शिक्षा अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों/चिकित्सा अधिकारियों/प्रभारी, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को निर्देश जारी करके कहा है कि धूम्रपान रोकने के लिए कानून बना हुआ है। लेकिन बड़े खेद की बात है कि उनके अंतर्गत आने वाले कर्मी खुद ही सिगरेट के धुएं को हवा में उड़ाकर...धूम्रपान संबंधी बने कानून को तोड़ते हैं।
इसकी पुष्टि करते हुए उप सिविल सर्जन (स्वास्थ्य) सिरसा डॉ. आरूष अरोड़ा ने बताया कि जिला सिरसा में भी सिविल सर्जन सिरसा ने धूम्रपान निषेध संबंधी बने कानून की पालना के लिए सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि उनके कार्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, चालक एवं परिचालक, अध्यापक तथा पुलिस कर्मचारी खुद धूम्रपान निषेध कानून तोड़ते हैं। उनसे भविष्य में जुर्माना वसूला जाए या कानूनी कार्रवाई की जाए। उनके अधिनस्थ आने वाली सार्वजनिक संस्थाओं/सरकारी संस्थाओं/स्कूलों में 100 वर्ग मी. के अंदर धूम्रपान एवं तंबाकू मुक्त जोन के अंदर कोई भी दुकानदार/व्यक्ति तंबाकू एवं धूम्रपान संबंधी सामग्री न बेचता हो। अगर उनके परिसर में धूम्रपान निषेध नियम का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ में यह भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित विभागों के परिसरों के बाहर और भीतर धूम्रपान निषेध के साईन बोर्ड लगाए जाएं।
धर्म लोगों को जोड़ता है तोड़ता नहीं-निराला बाबा
कालांवाली (संजीव सिंगला) संतों का काम लोगों को सही मार्ग पर चलने का संदेश देना है। संत किसी भी धर्म या समाज को नहीं मानते। यह बात ओजस्वी प्रखर वक्ता क्रांतिकारी आचार्य दिव्यानंद विजय महाराज निराले बाबा ने शनिवार को मॉडल टाऊन में इंद्रजीत गोयल के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमें धीरे-धीरे अपनी पुरानी रूढ़ीवादी सोच को बदलना होगा। लोगों को साथ जोडऩे व जुडऩे के लिए समाजिक कार्यक्रता बनना होगा। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्ेश्य सभी धर्म व वर्ग के लोगों को साथ जोडऩा है और समाजिक कार्यों के लिए जागरूक करना ताकि समाज सेवा के माध्यम से लोक भलाई के कार्य हो सके।
उन्होंने बताया कि उनकी प्रेरणा से व लोगों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर 12 गोशालाएं स्थापित हुई हैं। एक स्कूल स्थापित किया है जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा कालांवाली मण्डी में कई ऐसे सामाजिक कार्य करने की है जिससे लोगों को फायदा हो। निराले बाबा ने बताया कि हरियाणा में उनका प्रथम चतुर्मास है, जबकि वह पंजाब में 11 व राजस्थान में चतुर्मास कर चुके हैं। इससे पूर्व निराले बाबा का निवास स्थान पहुंचने पर इंद्रजीत गर्ग, अग्रवाल वैश्य समाज के हल्का प्रधान सुरेश गर्ग (बंटू), अशोक टोनी आदि ने उनका स्वागत किया। उनका रविवार को मंडी में चतुर्मास के लिए भव्य नगर प्रवेश होगा।
उन्होंने बताया कि उनकी प्रेरणा से व लोगों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर 12 गोशालाएं स्थापित हुई हैं। एक स्कूल स्थापित किया है जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा कालांवाली मण्डी में कई ऐसे सामाजिक कार्य करने की है जिससे लोगों को फायदा हो। निराले बाबा ने बताया कि हरियाणा में उनका प्रथम चतुर्मास है, जबकि वह पंजाब में 11 व राजस्थान में चतुर्मास कर चुके हैं। इससे पूर्व निराले बाबा का निवास स्थान पहुंचने पर इंद्रजीत गर्ग, अग्रवाल वैश्य समाज के हल्का प्रधान सुरेश गर्ग (बंटू), अशोक टोनी आदि ने उनका स्वागत किया। उनका रविवार को मंडी में चतुर्मास के लिए भव्य नगर प्रवेश होगा।
बडिंगखेड़ा में शुरू हुए क्रिकेट मुकाबले
डबवाली (लहू की लौ) गांव बडिंगखेड़ा में गांव की ओर से आवा मैदान में आयोजित पांच दिवसीय चौथा क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारम्भ गांव के पूर्व सरपंच दर्शन सिंह भोलू ने रिबन काट कर किया। इसमें पंजाब-हरियाणा की 25 टीमें भाग ले रही हैं।
शनिवार को टूर्नामेंट के पहले दिन 10 टीमों में मुकाबले हुए। टॉस जीत कर पहले खेलते हुए लोहगढ़ की टीम ने सभी विकेट खो कर मात्र रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए मुकबाले में उतरी नसिंग स्कूल सिंघेवाला की टीम ने बिना 3 विकेट खो कर 4 ओवर में जीत हासिल कर ली। नर्सिंग स्कूल के विक्की को 3 विकेट झटकने तथा 21 रन बनाने पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
दूसरा मुकाबला घुमियारा और बडिंगखेड़ा की टीम में हुआ। पहले खेलते हुए बडिंगखेड़ा की टीम ने 8 ओवर में एक विकेट खो कर 115 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी घुमियारा की टीम 38 रनों पर ही आलआऊट हो गई। बडिंगखेड़ा की टीम के जसप्रीत सिंह ने इस मुकाबले में 80 रनों का योगदान दिया। जसप्रीत को मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। तीसरा मुकाबला लौहारा-डबवाली की टीम के बीच में हुआ। लौहारा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 9 विकेट खो कर 31 रन बनाये। जबकि डबवाली की ने इस लक्ष्य को तीन ओवर में बिना विकेट खोये ही पूरा कर लिया। डबवाली टीम के मलिंगा को 5 विकेट झटकने और 6 रनों के योगदान पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
चौथा मुकाबला शेरगढ़ और बादल की टीम के बीच हुआ। पहले वैटिंग करते हुए शेरगढ़ टीम ने 8 ओवर में 3 विकेट खो कर 74 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी बादल की टीम 6 ओवर में ही 32 रन बना कर आलआउट हो गई। शेरगढ़ टीम के विक्की को 31 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच चुना गया। पांचवां मुकाबला किलियांवाली और बडिंगखेड़ा-बी टीम के बीच हुआ। बडिंगखेड़ा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 5 विकेट खो कर 52 रन बनायेे जबकि किलियांवाली टीम ने अपनी पारी खेलते हुए 7.5 ओवर में 3 विकेट खो कर इस लक्ष्य को भेदने में सफलता पायी। किलियांवाली टीम के हरमीत को 3 विकेट तथा 15 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। क्रिकेट मुकाबले रैफरी गुरसेवक सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्यार सिंह, निर्र्मल सिंह की देखरेख में करवाये जा रहे हैं।
शनिवार को टूर्नामेंट के पहले दिन 10 टीमों में मुकाबले हुए। टॉस जीत कर पहले खेलते हुए लोहगढ़ की टीम ने सभी विकेट खो कर मात्र रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए मुकबाले में उतरी नसिंग स्कूल सिंघेवाला की टीम ने बिना 3 विकेट खो कर 4 ओवर में जीत हासिल कर ली। नर्सिंग स्कूल के विक्की को 3 विकेट झटकने तथा 21 रन बनाने पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
दूसरा मुकाबला घुमियारा और बडिंगखेड़ा की टीम में हुआ। पहले खेलते हुए बडिंगखेड़ा की टीम ने 8 ओवर में एक विकेट खो कर 115 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी घुमियारा की टीम 38 रनों पर ही आलआऊट हो गई। बडिंगखेड़ा की टीम के जसप्रीत सिंह ने इस मुकाबले में 80 रनों का योगदान दिया। जसप्रीत को मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। तीसरा मुकाबला लौहारा-डबवाली की टीम के बीच में हुआ। लौहारा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 9 विकेट खो कर 31 रन बनाये। जबकि डबवाली की ने इस लक्ष्य को तीन ओवर में बिना विकेट खोये ही पूरा कर लिया। डबवाली टीम के मलिंगा को 5 विकेट झटकने और 6 रनों के योगदान पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
चौथा मुकाबला शेरगढ़ और बादल की टीम के बीच हुआ। पहले वैटिंग करते हुए शेरगढ़ टीम ने 8 ओवर में 3 विकेट खो कर 74 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी बादल की टीम 6 ओवर में ही 32 रन बना कर आलआउट हो गई। शेरगढ़ टीम के विक्की को 31 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच चुना गया। पांचवां मुकाबला किलियांवाली और बडिंगखेड़ा-बी टीम के बीच हुआ। बडिंगखेड़ा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 5 विकेट खो कर 52 रन बनायेे जबकि किलियांवाली टीम ने अपनी पारी खेलते हुए 7.5 ओवर में 3 विकेट खो कर इस लक्ष्य को भेदने में सफलता पायी। किलियांवाली टीम के हरमीत को 3 विकेट तथा 15 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। क्रिकेट मुकाबले रैफरी गुरसेवक सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्यार सिंह, निर्र्मल सिंह की देखरेख में करवाये जा रहे हैं।
बुरी आत्मा ने ली जान
डबवाली (लहू की लौ) कचहरी के पास रहने वाली विवाहित युवती का शव शनिवार सुबह कबीर बस्ती के नजदीक पंजाब क्षेत्र में रेलवे ट्रेक में संदिग्ध हालतों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। शव बुरी तरह से कटा हुआ था। मृतका के पति का कहना है कि उसकी पत्नी पर बुरी आत्मा का प्रभाव था। जबकि उसके मामा ने अपनी भानजी की हत्या की आशंका जताई है। जीआरपी बठिंडा पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में है।
शनिवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल रोजाना की तरह गश्त पर था। कबीर बस्ती के पास उसने रेलवे ट्रेक में एक युवती का शव देखा। उसने तत्काल इसकी सूचना सहायक स्टेशन मास्टर होशियार सिंह को दी। सूचना पाकर मौका पर जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह पहुंचे। मृतका की पहचान हलीमा बेगम (35) पत्नी अहमद अली निवासी नजदीक कचहरी, डबवाली के रूप में हुई।
मृतका के पति अहमद अली (37) निवासी डबवाली ने बताया कि हलीमा को किसी बुरी आत्मा ने अपने वश में कर रखा था। वह अजीब सी हरकतें करने लगी थी। इसका प्रभाव उसकी मानसिकता पर पड़ा और वह पिछले एक साल से परेशान रहने लगी। इलाज के लिए वे हलीमा को उनकी झोपड़ी के पास ही रहने वाले बाबा त्राव के पास ले गए। बाबा ने बताया कि हलीमा पर बुरी आत्मा की छाया है। बाबा ने उसे एक ताबीज बनाकर दिया। ताबीज गले में डालते ही बुरी आत्मा का प्रभाव खत्म हो गया। इस ताबीज ने ढाई माह तक कार्य किया। इस प्रकार वे हर ढाई माह बाद उसे बाबा के पास लेजाते और नया ताबीज बनाकर उसके गले में डाल देते। लेकिन पिछले तीन माह से बाबा यहां नहीं थे। जिसके कारण वे नया ताबीज नहीं बना पाए। बुरी आत्मा के प्रभाव में मानसिक परेशानी के चलते ही उसकी पत्नी ने रेलगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या की है। अहमद अली ने यह भी बताया कि वह 20 दिनों से पंजाब में गाय चराने के लिए गया हुआ था। शनिवार सुबह उसे उपरोक्त घटना के बारे में उसके भाई नियामत अली (25) ने सूचित किया। सूचना पाकर वह डबवाली पहुंचा। उसके तीन बच्चे रसमत खान (12), फिरोज उर्फ खनन (10) तथा नजमन खान (8) हैं।
इधर मृतका के मामा मंजूर खान (50) निवासी भागसर (राजस्थान) ने बताया कि उसकी भानजी हलीमा की शादी करीब पंद्रह साल पूर्व बुल्ली खान के बेटे अहमद अली से हुई थी। लेकिन पिछले तीन सालों से उसकी भानजी को दहेज के लिए तंग व परेशान किया जा रहा था। वहीं अहमद अली ने दूसरी शादी भी रचा ली। इस बात का पता लगने पर हलीमा अक्सर परेशान रहा करती। शुक्रवार रात करीब 8 बजे उसके पास हलीमा का फोन आया कि वे उसे यहां से ले जाएं, वरना उसका पति, जेठ बगैरा उसे मार देंगे। शनिवार सुबह करीब 4 बजे उन्हें सूचना मिली कि हलीमा ने गाड़ी तले आकर आत्महत्या कर ली है। मंजूर खान ने आरोप लगाया कि हलीमा ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि ससुरालियों ने उसकी हत्या कर शव को रेल ट्रेक पर डाला है। अब सजा के डर से बचने के लिए अहमद अली बुरी आत्मा की झूठी कहानी गढ़ रहा है।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने मृतका के पति अहमद अली के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। बठिंडा के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
एएसआई गुरमेल सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस ने मृतका की बेटी 10 वर्षीय फिरोज उर्फ खनन के ब्यान भी दर्ज किए हैं। फिरोज ने बताया कि उसकी माता उसके छोटे भाई को उसके साथ चारपाई पर लेटाकर लघुशंका का बहाना करके चली गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी।
शनिवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल रोजाना की तरह गश्त पर था। कबीर बस्ती के पास उसने रेलवे ट्रेक में एक युवती का शव देखा। उसने तत्काल इसकी सूचना सहायक स्टेशन मास्टर होशियार सिंह को दी। सूचना पाकर मौका पर जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह पहुंचे। मृतका की पहचान हलीमा बेगम (35) पत्नी अहमद अली निवासी नजदीक कचहरी, डबवाली के रूप में हुई।
मृतका के पति अहमद अली (37) निवासी डबवाली ने बताया कि हलीमा को किसी बुरी आत्मा ने अपने वश में कर रखा था। वह अजीब सी हरकतें करने लगी थी। इसका प्रभाव उसकी मानसिकता पर पड़ा और वह पिछले एक साल से परेशान रहने लगी। इलाज के लिए वे हलीमा को उनकी झोपड़ी के पास ही रहने वाले बाबा त्राव के पास ले गए। बाबा ने बताया कि हलीमा पर बुरी आत्मा की छाया है। बाबा ने उसे एक ताबीज बनाकर दिया। ताबीज गले में डालते ही बुरी आत्मा का प्रभाव खत्म हो गया। इस ताबीज ने ढाई माह तक कार्य किया। इस प्रकार वे हर ढाई माह बाद उसे बाबा के पास लेजाते और नया ताबीज बनाकर उसके गले में डाल देते। लेकिन पिछले तीन माह से बाबा यहां नहीं थे। जिसके कारण वे नया ताबीज नहीं बना पाए। बुरी आत्मा के प्रभाव में मानसिक परेशानी के चलते ही उसकी पत्नी ने रेलगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या की है। अहमद अली ने यह भी बताया कि वह 20 दिनों से पंजाब में गाय चराने के लिए गया हुआ था। शनिवार सुबह उसे उपरोक्त घटना के बारे में उसके भाई नियामत अली (25) ने सूचित किया। सूचना पाकर वह डबवाली पहुंचा। उसके तीन बच्चे रसमत खान (12), फिरोज उर्फ खनन (10) तथा नजमन खान (8) हैं।
इधर मृतका के मामा मंजूर खान (50) निवासी भागसर (राजस्थान) ने बताया कि उसकी भानजी हलीमा की शादी करीब पंद्रह साल पूर्व बुल्ली खान के बेटे अहमद अली से हुई थी। लेकिन पिछले तीन सालों से उसकी भानजी को दहेज के लिए तंग व परेशान किया जा रहा था। वहीं अहमद अली ने दूसरी शादी भी रचा ली। इस बात का पता लगने पर हलीमा अक्सर परेशान रहा करती। शुक्रवार रात करीब 8 बजे उसके पास हलीमा का फोन आया कि वे उसे यहां से ले जाएं, वरना उसका पति, जेठ बगैरा उसे मार देंगे। शनिवार सुबह करीब 4 बजे उन्हें सूचना मिली कि हलीमा ने गाड़ी तले आकर आत्महत्या कर ली है। मंजूर खान ने आरोप लगाया कि हलीमा ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि ससुरालियों ने उसकी हत्या कर शव को रेल ट्रेक पर डाला है। अब सजा के डर से बचने के लिए अहमद अली बुरी आत्मा की झूठी कहानी गढ़ रहा है।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने मृतका के पति अहमद अली के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। बठिंडा के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
एएसआई गुरमेल सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस ने मृतका की बेटी 10 वर्षीय फिरोज उर्फ खनन के ब्यान भी दर्ज किए हैं। फिरोज ने बताया कि उसकी माता उसके छोटे भाई को उसके साथ चारपाई पर लेटाकर लघुशंका का बहाना करके चली गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी।
09 जुलाई 2011
डबवाली शहर में गुपचुप तरीके से बंटी पेंशन
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने एक्सीस बैंक को पेंशन बांटने का नहीं, अपितु पेंशन धारकों से बदतमीजी करने का ठेका दिया है। अपनी गलत कार्यप्रणाली से बदनाम हो रहे एक्सीस बैंक तथा फिनो कंपनी के एजेंट शुक्रवार को बिना बताए ही डबवाली आ धमके। जिसकी सूचना संबंधित वार्ड पार्षद को भी नहीं दी थी। फिर भी किसी प्रकार सूचना पाकर पेंशन लेने के लिए पहुंचे अधिकांश पेंशन धारकों को बैरंग ही वापिस लौटना पड़ा।
वार्ड नं. 1 के निवासी रतन लाल (87), लाजवंती (85), संतोष रानी (65), सुमित्री देवी (65), भूपिंद्र कौर (65) पत्नी पिरथी सिंह, वार्ड नं. 3 निवासी बिमला विधवा ओमप्रकाश, पुष्पा देवी पत्नी मक्खन, वार्ड नं. 4 निवासी पुष्पा देवी, हरचरण सिंह, कौशल्या देवी ने बताया कि उन्हें जैसे ही पता चला कि पेंशन वितरण के लिए श्री कलगीधर सिंह सभा गुरूद्वारा में पेंशन बांटने वाले आए हैं, तो वे तुरंत वहां पहुंचे। लेकिन उन्हें यह कहकर वहां से टरका दिया गया कि उनके स्मार्ट कार्ड नहीं बने हैं और न ही उनके पास आई सूची में उनका नाम है। उन्होंने फिनो कंपनी द्वारा उन्हें दी गई उन पर्चियों को भी दिखाया। जिन पर फोटोग्राफी करने के बाद उन्हें नंबर दिए गए थे और कहा गया था कि इस पर उन्हें पेंशन मिल जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीनियर सिटीजन होने के नाते उनका सम्मान करना तो दूर, बल्कि पेंशन वितरण करने आए लोगों ने उनकी पर्चियां भी उनके मुंह पर मारकर उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा। 75 वर्षीय बलवंत कौर विधवा अजैब सिंह ने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण करने वालों ने उसके राशन कार्ड में दो माह मार्च तथा अप्रैल की पेंशन दी हुई भर दी है। जबकि उसे मात्र 750 रूपए दिए हैं।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि रात को करीब 10 बजे उसके पास फिनो कंपनी के मैनेजर का फोन आया कि कल पेंशन वितरण की जानी है। बांसल के अनुसार इतने कम समय में किसी को सूचित किया जाना भी मुश्किल है। इधर वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या ने बताया कि उन्हें शुक्रवार सुबह 9.15 पर पेंशन वितरण किए जाने की सूचना दी। सूर्या के अनुसार अधिकांश स्मार्ट कार्ड धारकों और सूची में उपलब्ध नाम वालों को एक-एक माह की पेंशन ही नसीब हुई। जबकि वे चार-चार बार पेंशन के लिए चक्कर लगा चुके हैं। पहले दो बार फोटो के लिए, फिर पर्चियां देने के नाम पर और अब पेंशन लेने के लिए नाम पर बुलाया। उन्होंने यह भी बताया कि पेंशन धारकों की पांच माह की पेंशन सरकार की ओर बकाया है।
वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि उन्हें पेंशन वितरण की सूचना दी ही नहीं गई। उनके अनुसार पेंशन वितरण की सूचना केवल सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षदों को ही दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अभी तक स्मार्ट कार्ड पूरे बने ही नहीं, तो फिर पेंशन का वितरण क्यूं। अगर पेंशन देनी भी दी थी तो पूरी पेंशन क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जब जिला समाज कल्याण विभाग सिरसा से बातचीत की गई तो उन्होंने सिर्फ यही जवाब दिया कि वे पेंशन वितरण कंपनी के अधिकारियों से इस संदर्भ में बात करेंगे।
मित्तल ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार पेंशन धारकों के साथ मजाक कर रही और वृद्धों को पेंशन न देकर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने मांग की कि नगरपालिका सूची के आधार पर पेंशन धारकों के स्मार्ट कार्ड बनाए जाएं और इसी सूची के आधार पर पेंशन वितरण किया जाए। पार्षद ने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण के लिए चार-चार वार्डों का एक ही स्थान निर्धारित किया गया। लेकिन बांटने वाला एक ही एजेंट नियुक्त किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण करने वाले शाम को साढ़े 3 बजे ही निर्धारित स्थल से नदारद मिले। जिसके चलते काफी पेंशन धारकों को बैरंग वापिस लौटना पड़ा।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि जितनी राशि सरकार ने भेजी थी, वह राशि बंट गई है। जिनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं है। उनके स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए नगरपालिका तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए बीडीपीओ कार्यालय को अंकित किया गया है। वहां पर स्मार्ट कार्ड बनाने की मशीन है।
वार्ड नं. 1 के निवासी रतन लाल (87), लाजवंती (85), संतोष रानी (65), सुमित्री देवी (65), भूपिंद्र कौर (65) पत्नी पिरथी सिंह, वार्ड नं. 3 निवासी बिमला विधवा ओमप्रकाश, पुष्पा देवी पत्नी मक्खन, वार्ड नं. 4 निवासी पुष्पा देवी, हरचरण सिंह, कौशल्या देवी ने बताया कि उन्हें जैसे ही पता चला कि पेंशन वितरण के लिए श्री कलगीधर सिंह सभा गुरूद्वारा में पेंशन बांटने वाले आए हैं, तो वे तुरंत वहां पहुंचे। लेकिन उन्हें यह कहकर वहां से टरका दिया गया कि उनके स्मार्ट कार्ड नहीं बने हैं और न ही उनके पास आई सूची में उनका नाम है। उन्होंने फिनो कंपनी द्वारा उन्हें दी गई उन पर्चियों को भी दिखाया। जिन पर फोटोग्राफी करने के बाद उन्हें नंबर दिए गए थे और कहा गया था कि इस पर उन्हें पेंशन मिल जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सीनियर सिटीजन होने के नाते उनका सम्मान करना तो दूर, बल्कि पेंशन वितरण करने आए लोगों ने उनकी पर्चियां भी उनके मुंह पर मारकर उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा। 75 वर्षीय बलवंत कौर विधवा अजैब सिंह ने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण करने वालों ने उसके राशन कार्ड में दो माह मार्च तथा अप्रैल की पेंशन दी हुई भर दी है। जबकि उसे मात्र 750 रूपए दिए हैं।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि रात को करीब 10 बजे उसके पास फिनो कंपनी के मैनेजर का फोन आया कि कल पेंशन वितरण की जानी है। बांसल के अनुसार इतने कम समय में किसी को सूचित किया जाना भी मुश्किल है। इधर वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या ने बताया कि उन्हें शुक्रवार सुबह 9.15 पर पेंशन वितरण किए जाने की सूचना दी। सूर्या के अनुसार अधिकांश स्मार्ट कार्ड धारकों और सूची में उपलब्ध नाम वालों को एक-एक माह की पेंशन ही नसीब हुई। जबकि वे चार-चार बार पेंशन के लिए चक्कर लगा चुके हैं। पहले दो बार फोटो के लिए, फिर पर्चियां देने के नाम पर और अब पेंशन लेने के लिए नाम पर बुलाया। उन्होंने यह भी बताया कि पेंशन धारकों की पांच माह की पेंशन सरकार की ओर बकाया है।
वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि उन्हें पेंशन वितरण की सूचना दी ही नहीं गई। उनके अनुसार पेंशन वितरण की सूचना केवल सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षदों को ही दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब अभी तक स्मार्ट कार्ड पूरे बने ही नहीं, तो फिर पेंशन का वितरण क्यूं। अगर पेंशन देनी भी दी थी तो पूरी पेंशन क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जब जिला समाज कल्याण विभाग सिरसा से बातचीत की गई तो उन्होंने सिर्फ यही जवाब दिया कि वे पेंशन वितरण कंपनी के अधिकारियों से इस संदर्भ में बात करेंगे।
मित्तल ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार पेंशन धारकों के साथ मजाक कर रही और वृद्धों को पेंशन न देकर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने मांग की कि नगरपालिका सूची के आधार पर पेंशन धारकों के स्मार्ट कार्ड बनाए जाएं और इसी सूची के आधार पर पेंशन वितरण किया जाए। पार्षद ने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण के लिए चार-चार वार्डों का एक ही स्थान निर्धारित किया गया। लेकिन बांटने वाला एक ही एजेंट नियुक्त किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पेंशन वितरण करने वाले शाम को साढ़े 3 बजे ही निर्धारित स्थल से नदारद मिले। जिसके चलते काफी पेंशन धारकों को बैरंग वापिस लौटना पड़ा।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि जितनी राशि सरकार ने भेजी थी, वह राशि बंट गई है। जिनके पास स्मार्ट कार्ड नहीं है। उनके स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए नगरपालिका तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए बीडीपीओ कार्यालय को अंकित किया गया है। वहां पर स्मार्ट कार्ड बनाने की मशीन है।
जनसंख्या में स्थिरता लाने के लिए पखवाड़ा 11 से
डबवाली (लहू की लौ) बढ़ती जनसंख्या में स्थिरता लाने के लिए जिला सिरसा में इस बार 11 से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश स्वास्थ्य केंद्रों को भेजे गए हैं। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस है। जनसंख्या में हो रही तीव्र वृद्धि को लेकर सरकार, प्रशासन तथा समाजसेवी चिंतित हैं। जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव खाद्यान्न तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं पर स्पष्ट गोचर होने लगा है। जनसंख्या में स्थिरता कैसे आए इस मामले को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने पहल करते हुए पखवाड़ा मनाने का निर्णय लिया है। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जिला के ब्लाक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। जिसमें केवल स्वास्थ्य कर्मियों को पखवाड़ा मनाने संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। पंद्रह दिनों के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोला जाएगा। काऊंटर पर नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों को परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी और आवश्यक साहित्य भी उपलब्ध करवाएगा। इस पखवाड़े के दौरान नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे और नसबंदी करवाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन राशि देकर अन्य लोगों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाएगा।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने उपरोक्त कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में परिचित करवाएंगे। पखवाड़े के दौरान सरकारी अस्पताल में चार नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने उपरोक्त कार्यक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी लोगों को परिवार नियोजन कार्यक्रम तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में परिचित करवाएंगे। पखवाड़े के दौरान सरकारी अस्पताल में चार नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे।
08 जुलाई 2011
रोड़वेज परिचालक जम्मूतवी के आगे कूदा, मौत
डबवाली (लहू की लौ) तबादले से परेशान हरियाणा रोड़वेज के परिचालक ने गुरूवार सुबह करीब 6.50 पर अहमदाबाद-जम्मूतवी गाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
गांव पिपली हाल वडिंगखेड़ा (जिला श्री मुक्तसर साहिब) में अपने ससुराल में रहने वाला मेजर सिंह (40) हरियाणा रोड़वेज के चण्डीगढ़ डिपू में परिचालक के पद पर तैनात था। 1985 में मेजर सिंह की पोस्टिंग रोड़वेज के उप डिपू डबवाली में हुई थी। करीब दो साल पहले उसका तबादला चण्डीगढ़ कर दिया गया था। तबादला होने के कारण वह मानसिक तौर पर परेशान रहने लगा। इसी परेशानी के चलते आज सुबह मेजर सिंह ने अहमदाबाद-जम्मूतवी गाड़ी के आगे अपनी जान दे दी। इस दुर्घटना में मेजर सिंह की दोनों टांगे और सिर बुरी तरह से क्रेश हो गया।
नशे का था आदि
मृतक के भाई बिकर सिंह (35) निवासी प्रेमनगर, डबवाली ने बताया कि मेजर अक्सर शराब, पोस्त तथा मेडिकल नशा करता था। तबादले के बाद से वह मानसिक तौर पर परेशान चला आ रहा था। मंगलवार शाम करीब 5 बजे वह उससे मिलने के लिए प्रेमनगर में आया था। लेकिन उसी समय चला गया। वह तभी से उसकी तालाश कर रहा थी। सुबह रोड़वेज कर्मियों ने उसे सूचना दी कि उसके भाई की गाड़ी के तले आने से मौत हो गई है। मृतक के दो बेटे सुखचरण उर्फ सुक्खी (17) तथा सुखबीर (15) हैं।
यूं हुई पहचान
स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि सुबह अहमदाबाद-जम्मूतवी एक्सप्रैस गाड़ी के चालक बालक राम सैनी तथा गार्ड मोहन लाल मीणा ने उन्हें सूचना दी कि एक व्यक्ति ने गाड़ी के आगे कूदकर अपनी जान दे दी है। जिसकी डायरी रेलवे लाईन के निकट पड़ी है। उन्होंने बताया कि डायरी में दर्ज नंबरों पर फोन करने पर मृतक की पहचान रोड़वेज परिचालक मेजर सिंह के रूप में हुई। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल जीआरपी बठिंडा को दी।
मामले की जांच कर रहे बठिंडा जीआरपी के हवलदार जगतार सिंह ने बताया कि मृतक मेजर सिंह के बेटे सुखचरण सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसका पिता हरियाणा रोड़वेज के सब डिपू डबवाली में तैनात था। कुछ समय पूर्व उनका तबादला चण्डीगढ़ डिपू में कर दिया गया। इन दिनों मेडिकल अवकाश पर चल रहा था। तबादले की वजह से वह मानसिक तौर पर परेशान था। मानसिक परेशानी के चलते उन्होंने उपरोक्त कदम उठाया। पुलिस ने सुखचरण के उपरोक्त ब्यान के आधार पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का बठिंडा के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
गांव पिपली हाल वडिंगखेड़ा (जिला श्री मुक्तसर साहिब) में अपने ससुराल में रहने वाला मेजर सिंह (40) हरियाणा रोड़वेज के चण्डीगढ़ डिपू में परिचालक के पद पर तैनात था। 1985 में मेजर सिंह की पोस्टिंग रोड़वेज के उप डिपू डबवाली में हुई थी। करीब दो साल पहले उसका तबादला चण्डीगढ़ कर दिया गया था। तबादला होने के कारण वह मानसिक तौर पर परेशान रहने लगा। इसी परेशानी के चलते आज सुबह मेजर सिंह ने अहमदाबाद-जम्मूतवी गाड़ी के आगे अपनी जान दे दी। इस दुर्घटना में मेजर सिंह की दोनों टांगे और सिर बुरी तरह से क्रेश हो गया।
नशे का था आदि
मृतक के भाई बिकर सिंह (35) निवासी प्रेमनगर, डबवाली ने बताया कि मेजर अक्सर शराब, पोस्त तथा मेडिकल नशा करता था। तबादले के बाद से वह मानसिक तौर पर परेशान चला आ रहा था। मंगलवार शाम करीब 5 बजे वह उससे मिलने के लिए प्रेमनगर में आया था। लेकिन उसी समय चला गया। वह तभी से उसकी तालाश कर रहा थी। सुबह रोड़वेज कर्मियों ने उसे सूचना दी कि उसके भाई की गाड़ी के तले आने से मौत हो गई है। मृतक के दो बेटे सुखचरण उर्फ सुक्खी (17) तथा सुखबीर (15) हैं।
यूं हुई पहचान
स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि सुबह अहमदाबाद-जम्मूतवी एक्सप्रैस गाड़ी के चालक बालक राम सैनी तथा गार्ड मोहन लाल मीणा ने उन्हें सूचना दी कि एक व्यक्ति ने गाड़ी के आगे कूदकर अपनी जान दे दी है। जिसकी डायरी रेलवे लाईन के निकट पड़ी है। उन्होंने बताया कि डायरी में दर्ज नंबरों पर फोन करने पर मृतक की पहचान रोड़वेज परिचालक मेजर सिंह के रूप में हुई। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल जीआरपी बठिंडा को दी।
मामले की जांच कर रहे बठिंडा जीआरपी के हवलदार जगतार सिंह ने बताया कि मृतक मेजर सिंह के बेटे सुखचरण सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसका पिता हरियाणा रोड़वेज के सब डिपू डबवाली में तैनात था। कुछ समय पूर्व उनका तबादला चण्डीगढ़ डिपू में कर दिया गया। इन दिनों मेडिकल अवकाश पर चल रहा था। तबादले की वजह से वह मानसिक तौर पर परेशान था। मानसिक परेशानी के चलते उन्होंने उपरोक्त कदम उठाया। पुलिस ने सुखचरण के उपरोक्त ब्यान के आधार पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का बठिंडा के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
प्रेशर कुकर फटा, महिला बेहोश
डबवाली (लहू की लौ) वार्ड नं. 15 में स्थित एक मकान में बुधवार शाम करीब 7.30 बजे धमाका होने से सनसनी फैल गई। गली में खड़े लोग धमाके से घबराकर अपने घरों में दुबक गए।
गली हीरा लाल वाली में रह रहे कबाड़ का काम करने वाले दुलीचन्द (34) की पत्नी राजबाला (32) बुधवार शाम को रात का खाना तैयार कर रही थी। चूल्हे पर प्रेशर कुकर में सब्जी बनने के लिए छोड़कर वह पास पड़ी एक खाट पर बैठ गई। अचानक विस्फोट के साथ प्रेशर कुकर फट गया। घबराई राजबाला बेहोश होकर वहीं गिर गई। इधर एकबारगी धमाका सुनकर गली में खड़े लोग अपने घरों में हो लिए। धमाके की गूंज इतनी थी कि यह साथ लगती तीन गलियों तक सुनाई दिया।
बाद में पड़ौसी युवक प्रवेश बहल तथा विजय कुमार दुलीचन्द के घर आए। वहां बेहोश होकर जमीन पर पड़ी राजाबाला को उठाया और उसे पास स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। युवकों ने घटना की सूचना मकान मालिक को भी दी। दुलीचन्द ने बताया कि दो दिन पूर्व ही उसने यह प्रेशर कुकर खरीदा था। प्रेशर कुकर फटने से गैस चूल्हे को भी नुक्सान पहुंचा। इस तरह उसका करीब 4000 रूपए का नुक्सान हो गया। धमाका होने से प्रेशर कुकर अलग-अलग हिस्सों में बंट गया। इसके टुकड़े अलग-अलग दिशाओं में स्थित काफी दूर स्थित घरों में बिखर गए।
गली हीरा लाल वाली में रह रहे कबाड़ का काम करने वाले दुलीचन्द (34) की पत्नी राजबाला (32) बुधवार शाम को रात का खाना तैयार कर रही थी। चूल्हे पर प्रेशर कुकर में सब्जी बनने के लिए छोड़कर वह पास पड़ी एक खाट पर बैठ गई। अचानक विस्फोट के साथ प्रेशर कुकर फट गया। घबराई राजबाला बेहोश होकर वहीं गिर गई। इधर एकबारगी धमाका सुनकर गली में खड़े लोग अपने घरों में हो लिए। धमाके की गूंज इतनी थी कि यह साथ लगती तीन गलियों तक सुनाई दिया।
बाद में पड़ौसी युवक प्रवेश बहल तथा विजय कुमार दुलीचन्द के घर आए। वहां बेहोश होकर जमीन पर पड़ी राजाबाला को उठाया और उसे पास स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए। युवकों ने घटना की सूचना मकान मालिक को भी दी। दुलीचन्द ने बताया कि दो दिन पूर्व ही उसने यह प्रेशर कुकर खरीदा था। प्रेशर कुकर फटने से गैस चूल्हे को भी नुक्सान पहुंचा। इस तरह उसका करीब 4000 रूपए का नुक्सान हो गया। धमाका होने से प्रेशर कुकर अलग-अलग हिस्सों में बंट गया। इसके टुकड़े अलग-अलग दिशाओं में स्थित काफी दूर स्थित घरों में बिखर गए।
दादू की पंचायत ने किया सरकारी स्कूल का निरीक्षण, कक्षा में नहीं मिले छात्र
कालांवाली (संजीव सिंगला) ग्राम पंचायत दादू द्वारा राजकीय उच्च विद्यालय में अध्यापकों द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं व खराब परीक्षा परिणाम को लेकर विद्यालय का औचक्क निरीक्षण किया। अध्यापकों द्वारा कक्षाएं न लगाए जाने पर विद्यार्थी इधर-उधर घूम रहे थे।
मुख्याध्यापक अपने कार्यालय में बैठकर आराम कर रहा था। पंचायत ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र ही विद्यालय के अनुशासन में सुधार न किया गया और अध्यापकों द्वारा ड्युटी में कोताही बरती गई तो स्कूल को ताला जड़ देंगे। राजकीय उच्च विद्यालय दादू का परीक्षा परिणाम खराब आने व ड्युटी समय से पहले घर चले जाने की शिकायत पंचायत को कई बार मिली है।
इसको लेकर सरपंच दलीप सिंह के नेतृत्व में आज विद्यालय का ओचक्क निरीक्षण किया तो अध्यापक कक्षाओं से नादारद मिले। 6वी , 7वीं, 8वीं व 10वीं की कक्षाओं में कोई भी अध्यापक उपस्थित न होने पर अध्यापकों को खुब खरी खोटी सुनाई। पंचायत द्वारा हाजिरी रजिस्टर का निरीक्षण किया गया तो एक कर्मचारी द्वारा हाजिरी ही नहीं लगाई गई थी। पंचायत ने मिड डे मील का भी निरीक्षण किया तो पता चला कि पिछले एक सप्ताह से मिड डे मील ही नहीं बनाया गया। और अध्यापकों द्वारा आंधी से गिरे पेड़ों की कटाई करवाकर कमरे में रखी हुई थी।
पंचायत ने आरोप लगाया कि पेड़ की कटाई करके मिड डे मील बनवाया जाना था। उधर प्राईमरी स्कूल का निरीक्षण करने पर पता चला कि लड़कियों के प्राइमरी स्कूल में स्टाफ छुट्टी पर होने पर छात्राओं को लड़कों के प्राईमरी स्कूल में ही बिठा रखा था। पंचायत ने बताया कि इस बार 10वीं का परीक्षा परिणाम 46 प्रतिशत ही रहा जबकि पिछले वर्ष 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम आया था। अध्यापकों द्वारा कक्षाओं से नादारद रहने व स्कूल की छुट्टी के समय से पहले ही घर चले जाने से विद्यालय का माहौल खराब हो रहा है। पंचायत ने स्टाफ को चेतावनी दी अगर समय पर स्कूल व अनुशासन में सुधार न किया तो स्कूल को ताला जड़ देंगे। इस अवसर पर उनके साथ पंचायत सदस्य सुखदेव सिंह, डिप्टी सिंह, चरणजीत सिंह, जोगिंद्र सिंह, वकील सिंह व अन्य पंचायत सदस्य उपस्थित थे।
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर से बात की तो उन्होने कहा कि उनके पास कोई ऐसी शिकायत नहीं आई फिर भी वह मिड डे मील न बनने व अध्यापकों के कोताही बरतने की मामले की जांच की जाएगी।
मुख्याध्यापक अपने कार्यालय में बैठकर आराम कर रहा था। पंचायत ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र ही विद्यालय के अनुशासन में सुधार न किया गया और अध्यापकों द्वारा ड्युटी में कोताही बरती गई तो स्कूल को ताला जड़ देंगे। राजकीय उच्च विद्यालय दादू का परीक्षा परिणाम खराब आने व ड्युटी समय से पहले घर चले जाने की शिकायत पंचायत को कई बार मिली है।
इसको लेकर सरपंच दलीप सिंह के नेतृत्व में आज विद्यालय का ओचक्क निरीक्षण किया तो अध्यापक कक्षाओं से नादारद मिले। 6वी , 7वीं, 8वीं व 10वीं की कक्षाओं में कोई भी अध्यापक उपस्थित न होने पर अध्यापकों को खुब खरी खोटी सुनाई। पंचायत द्वारा हाजिरी रजिस्टर का निरीक्षण किया गया तो एक कर्मचारी द्वारा हाजिरी ही नहीं लगाई गई थी। पंचायत ने मिड डे मील का भी निरीक्षण किया तो पता चला कि पिछले एक सप्ताह से मिड डे मील ही नहीं बनाया गया। और अध्यापकों द्वारा आंधी से गिरे पेड़ों की कटाई करवाकर कमरे में रखी हुई थी।
पंचायत ने आरोप लगाया कि पेड़ की कटाई करके मिड डे मील बनवाया जाना था। उधर प्राईमरी स्कूल का निरीक्षण करने पर पता चला कि लड़कियों के प्राइमरी स्कूल में स्टाफ छुट्टी पर होने पर छात्राओं को लड़कों के प्राईमरी स्कूल में ही बिठा रखा था। पंचायत ने बताया कि इस बार 10वीं का परीक्षा परिणाम 46 प्रतिशत ही रहा जबकि पिछले वर्ष 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम आया था। अध्यापकों द्वारा कक्षाओं से नादारद रहने व स्कूल की छुट्टी के समय से पहले ही घर चले जाने से विद्यालय का माहौल खराब हो रहा है। पंचायत ने स्टाफ को चेतावनी दी अगर समय पर स्कूल व अनुशासन में सुधार न किया तो स्कूल को ताला जड़ देंगे। इस अवसर पर उनके साथ पंचायत सदस्य सुखदेव सिंह, डिप्टी सिंह, चरणजीत सिंह, जोगिंद्र सिंह, वकील सिंह व अन्य पंचायत सदस्य उपस्थित थे।
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर से बात की तो उन्होने कहा कि उनके पास कोई ऐसी शिकायत नहीं आई फिर भी वह मिड डे मील न बनने व अध्यापकों के कोताही बरतने की मामले की जांच की जाएगी।
नशे ने ली युवक की जान, जेब से मिले भारी मात्रा में कैप्सूल
डबवाली (लहू की लौ) शहर में अंधाधुंध बिक रहे मेडिकल नशे ने युवाओं को बर्बादी के बाद अब उनकी जान को लेना शुरू कर दिया। रेलवे परिसर में मेडिकल नशे के चलते एक युवक की मौत हो गई। पुलिस को युवक के पास भारी मात्रा में नशे के कैप्सूल मिले हैं। रेलवे पुलिस के हवलदार ईश्वर सिंह ने बुधवार को रेलवे डिग्गी के पास एक युवक को पड़े हुए देखा। युवक सांस भर रहा था। लेकिन युवक का शरीर तप रहा था और बेहोशी की हालत में था। पहचान जानने के लिए उसकी तालाशी लेने पर जेब से नशे में प्रयुक्त होने वाले स्पाजमा प्रोक्सीवॉन कैप्सूल तथा लोमोटिल की गोलियां भारी मात्रा में मिली। जबकि अन्य कोई भी कागजात युवक की जेब में नहीं था। सूचना पाकर मौका पर पहुंची डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने युवक को सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन अस्पताल में कुछ समय बाद ही युवक ने दम तोड़ दिया।
जीआरपी चौकी प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मृतक के तन पर कबूतरी रंग की टी-शर्ट, जिस पर अंग्रेजी में न्यूयार्क लिखा हुआ, ग्रे कलर की पेंट पहनी हुई है। लेकिन पैर नंगे और तन पर न बनियान और न कच्छा। उम्र अनुमानत: 32-33 वर्ष, रंग सांवला, चेहरा लंबूतरा, कद 5 फुट 9 ईंच है। पहचान के लिए शव को सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में 72 घंटे के लिए रखा गया है।
जीआरपी चौकी प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मृतक के तन पर कबूतरी रंग की टी-शर्ट, जिस पर अंग्रेजी में न्यूयार्क लिखा हुआ, ग्रे कलर की पेंट पहनी हुई है। लेकिन पैर नंगे और तन पर न बनियान और न कच्छा। उम्र अनुमानत: 32-33 वर्ष, रंग सांवला, चेहरा लंबूतरा, कद 5 फुट 9 ईंच है। पहचान के लिए शव को सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में 72 घंटे के लिए रखा गया है।
गरीबों को बंटेगी शमशान भूमि!
महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत बंटने हैं सौ-सौ गज के प्लाट
डबवाली (लहू की लौ) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत दिए जा रहे प्लाटों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि ग्राम पंचायतें अपने चहेतों को प्लाट आवंटित करके जरूरतमंदों को इससे वंचित कर रही हैं। आरोप यह भी है कि पंचायतों ने प्लाटों के लिए मृत बालकों को दफनाने वाले स्थलों को भी नहीं बख्शा है। मामले की जांच करवाए जाने की मांग को लेकर दो गांवों के लोगों ने बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
गांव पन्नीवाला रूलदू के निवासी मग्घर सिंह, हरफूल सिंह, मक्खन लाल, बलदेव सिंह, बिल्लू, पिरथी, छोटा सिंह, गुरदीप, बलजीत कौर, शाम सिंह, करनैल कौर, सुखजीत कौर आदि ने बताया कि सरकार की ओर से उनके गांव में 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए जा रहे हैं। लेकिन आवंटन में भारी गोलमाल किया जा रहा है। अपात्र व्यक्तियों को पात्र बताकर प्लाट दिए जा रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि गांव में जिनके पास जमीन, जायदाद, ट्रेक्टर हैं, उन्हें भी प्लाट देकर जरूरतमंदों को वंचित किया जा रहा है।
इधर गांव कालूआना के प्रीतपाल नंबरदार, जगतपाल, प्रहलाद, लेखराम, विनोद, अभिमन्यु ने बताया कि उनके गांव में भी जरूरतमंदों पर कुठाराघात करते हुए ग्राम पंचायत अपने चहेतों को प्लाटों का आवंटन कर रही है। उनके अनुसार बेशकीमती जमीन जोकि बस अड्डा के नजदीक पड़ती है और खसरा नं. 514, 516, 522 है, को योजना के नाम पर कुंवारे युवकों को आवंटित किया जा रहा है। उपमण्डलाधीश को दी शिकायत में कहा है कि नथोर रोड़ पर स्थित मृत छोटे बच्चों को दफनाने के लिए बनाए गए शमशान घाट को भी प्लाटों में लाकर आवंटित किया जा रहा है। यह वह जमीन है, जिसमें ग्रामीण सालों से मृत बच्चों को दफनाते आ रहे हैं।
बाद में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव पन्नीवाला रूलदू तथा कालूआना के ग्रामीणों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए बीडीपीओ डबवाली को आवश्यक कार्यवाही करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। दोनों गांवों के ग्रामीणों की शिकायत को सूचनार्थ के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा गया है।
इधर एससीपीओ रामप्रकाश ग्रोवर ने बताया कि कई गांवों से 100-100 गज के प्लाट अपात्र व्यक्तियों को दिए जाने की शिकायतें ग्रामीणों से मिली हैं। शिकायतों के आधार पर जांच-पड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गांव कालूआना की पंचायत ने तीन-चार जगह प्लाट वितरण के लिए दर्शाई हैं। बच्चों को दफनाने वाली जगह किसी भी सूरत में जरूरतमंदों को वितरित नहीं करने दी जाएगी।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गांव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले जरूरतमंदों को सौ-सौ गज के प्लाट हरियाणा सरकार के नियमानुसार आवंटित किए जा रहे हैं। उनके अनुसार शमशान भूमि को गांव से बाहर निकाल दिया गया है और वहीं पर अलग से इसके लिए जगह पहले से निर्धारित की हुई है। जिस जगह की बात की जा रही है, वह जगह गांव के भीतर आती है और अब वहां पर मृतक बच्चों को दफनाने के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा। बल्कि इस खाली पड़ी जमीन को गरीबों को बांटकर इस भूमि को पंचायत उपयोग में ला रही है। उनके अनुसार प्लाटों का वितरण राशन कार्ड के आधार पर किया जा रहा है। अगर कोई कुंवारा लड़का जिसका राशन कार्ड अलग बना हुआ है, वो इसके अंतर्गत आता है, तो उसे भी प्लाट लेने से कैसे वंचित किया जा सकता है। उन्होंने शिकायतकर्ता जगतपाल पर आरोप लगाया कि उसने पंचायत की आधा एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा है। गरीबों को भूमि आवंटन के समय उसकी अवैध कब्जे वाली भूमि भी प्लाटों में चली जाएगी। इसलिए वह उसका विरोध कर रहा है।
डबवाली (लहू की लौ) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत दिए जा रहे प्लाटों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि ग्राम पंचायतें अपने चहेतों को प्लाट आवंटित करके जरूरतमंदों को इससे वंचित कर रही हैं। आरोप यह भी है कि पंचायतों ने प्लाटों के लिए मृत बालकों को दफनाने वाले स्थलों को भी नहीं बख्शा है। मामले की जांच करवाए जाने की मांग को लेकर दो गांवों के लोगों ने बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
गांव पन्नीवाला रूलदू के निवासी मग्घर सिंह, हरफूल सिंह, मक्खन लाल, बलदेव सिंह, बिल्लू, पिरथी, छोटा सिंह, गुरदीप, बलजीत कौर, शाम सिंह, करनैल कौर, सुखजीत कौर आदि ने बताया कि सरकार की ओर से उनके गांव में 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए जा रहे हैं। लेकिन आवंटन में भारी गोलमाल किया जा रहा है। अपात्र व्यक्तियों को पात्र बताकर प्लाट दिए जा रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि गांव में जिनके पास जमीन, जायदाद, ट्रेक्टर हैं, उन्हें भी प्लाट देकर जरूरतमंदों को वंचित किया जा रहा है।
इधर गांव कालूआना के प्रीतपाल नंबरदार, जगतपाल, प्रहलाद, लेखराम, विनोद, अभिमन्यु ने बताया कि उनके गांव में भी जरूरतमंदों पर कुठाराघात करते हुए ग्राम पंचायत अपने चहेतों को प्लाटों का आवंटन कर रही है। उनके अनुसार बेशकीमती जमीन जोकि बस अड्डा के नजदीक पड़ती है और खसरा नं. 514, 516, 522 है, को योजना के नाम पर कुंवारे युवकों को आवंटित किया जा रहा है। उपमण्डलाधीश को दी शिकायत में कहा है कि नथोर रोड़ पर स्थित मृत छोटे बच्चों को दफनाने के लिए बनाए गए शमशान घाट को भी प्लाटों में लाकर आवंटित किया जा रहा है। यह वह जमीन है, जिसमें ग्रामीण सालों से मृत बच्चों को दफनाते आ रहे हैं।
बाद में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव पन्नीवाला रूलदू तथा कालूआना के ग्रामीणों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए बीडीपीओ डबवाली को आवश्यक कार्यवाही करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। दोनों गांवों के ग्रामीणों की शिकायत को सूचनार्थ के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा गया है।
इधर एससीपीओ रामप्रकाश ग्रोवर ने बताया कि कई गांवों से 100-100 गज के प्लाट अपात्र व्यक्तियों को दिए जाने की शिकायतें ग्रामीणों से मिली हैं। शिकायतों के आधार पर जांच-पड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गांव कालूआना की पंचायत ने तीन-चार जगह प्लाट वितरण के लिए दर्शाई हैं। बच्चों को दफनाने वाली जगह किसी भी सूरत में जरूरतमंदों को वितरित नहीं करने दी जाएगी।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गांव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले जरूरतमंदों को सौ-सौ गज के प्लाट हरियाणा सरकार के नियमानुसार आवंटित किए जा रहे हैं। उनके अनुसार शमशान भूमि को गांव से बाहर निकाल दिया गया है और वहीं पर अलग से इसके लिए जगह पहले से निर्धारित की हुई है। जिस जगह की बात की जा रही है, वह जगह गांव के भीतर आती है और अब वहां पर मृतक बच्चों को दफनाने के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा। बल्कि इस खाली पड़ी जमीन को गरीबों को बांटकर इस भूमि को पंचायत उपयोग में ला रही है। उनके अनुसार प्लाटों का वितरण राशन कार्ड के आधार पर किया जा रहा है। अगर कोई कुंवारा लड़का जिसका राशन कार्ड अलग बना हुआ है, वो इसके अंतर्गत आता है, तो उसे भी प्लाट लेने से कैसे वंचित किया जा सकता है। उन्होंने शिकायतकर्ता जगतपाल पर आरोप लगाया कि उसने पंचायत की आधा एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा है। गरीबों को भूमि आवंटन के समय उसकी अवैध कब्जे वाली भूमि भी प्लाटों में चली जाएगी। इसलिए वह उसका विरोध कर रहा है।
06 जुलाई 2011
सुधारगृह बने अपराधियों की पाठशाला
सोनू का सनसनीखेज खुलासा : पंजाब-हरियाणा में कई सरपंच भी संलिप्त हैं नशे के कारोबार में
डबवाली। जेलों को सुधारगृह के नाम से पुकारा जाता है। अपराधियों को इसी लिए जेलों में भेजा जाता है कि वे सुधर जाएं और फिर से अपराध न करें। लेकिन ये सुधार गृह बिगाड़ गृह साबित हो रहे हैं। साधारण तस्करी में जेल गया एक युवक जब वहां से लौटा तो एक बड़ा समगलर बन गया।
बाईक चोरी के आरोप में थाना शहर पुलिस ने जिला बठिंडा के गांव जोधपुर रोमाना के 23 साल के कुलविंद्र उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया। पुलिस रिमांड पर रहे इस युवक ने अपने जीवन का कच्चा चिट्ठा पुलिस के आगे ही नहीं रखा, बल्कि रिमांड के बाद मंगलवार को जब उसे अदालत में पेश किया गया तो इस संवाददाता के समक्ष अपने जीवन की कहानी ब्यां की। सोनू ने बताया कि कुछ साल पहले डबवाली पुलिस ने उसे 4 किलोग्राम चूरा पोस्त के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय उसकी उम्र महज 15 साल थी। उसे सिरसा जेल भेजा गया। वहां जेल काट रहे लोगों से उसकी जान-पहचान हुई। जेल काट रहे अपराधियों ने उसे बताया कि बाहर निकलने के बाद वह उनसे मिले और चूरा पोस्त जैसा छोटा धंधा छोड़कर स्मैक के धंधे में उतरे। इस धंधे में मुनाफा अधिक है।
तीन माह जेल में रहने के बाद उसने स्मैक समगलरों से संबंध स्थापित किया और इस धंधे से जुड़ गया। इसके बाद वह स्मैक समगलिंग करता हुआ बठिंडा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बठिंडा जेल में रहते समय उसके संबंध अन्य स्मैक समगलरों से हो गए। उसने खुलासा किया कि स्मैक समगलिंग का धंधा पंजाब, हरियाणा में छोटे स्तर पर नहीं है। बल्कि इस धंधे में कुछ गांवों के सरपंच और उनके बेटे भी संलिप्त है।
वह भी हरियाणा के खण्ड कालांवाली तथा जिला बठिंडा के एक गांव के सरपंच के संपर्क में था। वह इन लोगों से स्मैक लेकर पीने लगा। हर रोज की करीब 5000 रूपए की स्मैक पी जाता। इतना बड़ा खर्च चलाना उसके लिए मुश्किल हो गया, तो इन लोगों तथा उसके दोस्तों ने उसे सलाह दी कि वह स्मैक पीए और साथ में समगलिंग भी करे। जिस पर वह समगलर की राह पर चल निकला। वह 250 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से स्मैक खरीदता और आगे जिला बठिंडा में 500 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से सप्लाई करता। उसके अनुसार इस कार्य में केवल युवक ही नहीं बल्कि युवतियां भी शामिल हैं। वह कॉलेजों की युवतियों को स्मैक सप्लाई करता। वह एक दिन में करीब 20 हजार रूपए की स्मैक बेच डालता। जिससे उसे अच्छा लाभ होने लगा।
सोनू ने समगलिंग करने के ढंग का राज खोलते हुए बताया कि स्मैक का सबसे बड़ा अड्डा राजस्थान का कोटा नगर है। वहीं से उन्हें स्मैक मिलती और इसके इंतजार में उन्हें कई-कई दिन कोटा के होटलों में भी गुजारने पड़ते। उसके अनुसार यह सारा सौदा कैश पेमेंट पर होता है। उसने बताया कि जो व्यक्ति कोटा में उसे स्मैक देने आता था, वह अपने पैरों में डाले हुए सैंडलों में करीब 500 ग्राम तक स्मैक डालकर लाता था।उसके अनुसार इन लोगों के सैंडल भी इस ढंग से बने हुए हैं कि एक सैंडल में आराम से 250 ग्राम स्मैक आ जाती है।
सोनू के अनुसार बीमारी के चलते पहले उसके पिता बलजिंद्र सिंह ने दम तोड़ा। फिर बीमारी के कारण ही उसकी माता सुनीता की भी मृत्यु हो गई। वह अब अपनी दादी महेंद्र कौर के साथ जोधपुर रोमाना में रह रहा है। लेकिन आय का कोई साधन न होने पर स्मैक ही उसका सहारा है। पंजाब में एनडीपीएस एक्ट में ढाई साल की कैद काटने के बाद 20 दिन पूर्व ही बाहर आया था। लेकिन स्मैक की तलब पूरी करने के लिए अपने साथी के साथ वह डबवाली आया और यहां से बाईक चुरा लिया और पकड़ा गया।
लाईसेंस मिल जाता तो तस्कर ना बनता!
बंदा इक बारी जेल च चला जावे सारा कुछ ही पता चल जांदा ए। बांत-बांत दी दुनियां मिलदी ए ओत्थे। मैं बठिंडा दे इक वकील दी गड्डी चलाऊंदा सी। मेरा लाईट लाईसेंस बनया होया सी। ऐस पीछों गंदे कम्मा विच पे गया। 2003 च मैं सिरसा जेल विच गया सी। तीन महीने मगरो बाहर आ के जदों मैं पुलिस तो अपना लाईट लाईसेंस मंगवा दे, मैंनूं नहीं मिलिया। जे उस वेले मैनूं मेरा लाईसेंस मिलिया हुंदा तां शायद अज मैं स्मैक समगलर ना हुंदा।
असामाजिक तत्वों से पुलिस का खौफ गायब
डबवाली (लहू की लौ) सिटी में असामाजिक तत्वों पर पुलिस का खौफ गायब हो गया है। जिसके चलते लगातार चोरियों की वारदातों में इजाफा हो रहा है। रात को दुकानों के ताले चटकाकर चोरी की जा रही है। दिन में बाईक उड़ाए जा रहे हैं।
सोमवार रात को अज्ञात चोरों ने जीटी रोड़ रेलवे फाटक के नजदीक स्थित पिंक मार्किट में इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान के ताले चटकाए। जबकि साथ लगती तीन अन्य दुकानों के ताले तोडऩे का प्रयास किया। रामू इलेक्ट्रेनिक्स के मालिक शिशुपाल (49) निवासी मण्डी किलियांवाली ने बताया कि मंगलवार सुबह उसके पड़ौसी दुकानदार जगमोहन ने उसे सूचना दी कि उसकी दुकान के शट्टर पर लगे ताले गायब हैं, शट्टर ऊपर उठा हुआ है। वह तत्काल दुकान पर आया। शिशुपाल के अनुसार अज्ञात चोर काऊंटर में रखी 30 किलोग्राम तांबे की तार चोरी करके ले गए हैं। जिसकी कीमत करीब पंद्रह हजार रूपए है। इसी दुकान के साथ स्थित जेएस इलेट्रिकल, शिव साईकिल स्टोर, सतनाम सिंह टीवी मैकेनिक की दुकान के भी ताले तोडऩे का प्रयास किया गया।
इसी रात को चौ. देवीलाल शॉपिंग कम्पलैक्स में स्थित बांसल डेयरी के ताले तोडऩे का प्रयास किया गया। डेयरी के मालिक राजकुमार बांसल के अनुसार रात को दूध की गाड़ी करीब दो बजे आ गई थी। संभव है कि गाड़ी को देखकर चोर वारदात को अंजाम न दे सके।
इधर मंगलवार दोपहर को गांधी चौक में छोले-भटूरे की रेहड़ी लगाने वाले जय नाथ उर्फ सागर निवासी वार्ड नं. 4 का बाईक (एचआर25बी/3153) उनके घर के आगे से अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया। जय नाथ के अनुसार वह आर्य विद्या मंदिर के पास अपने घर में गया था। लेकिन पंद्रह मिनट बाद जब वह घर से बाहर निकला तो उसका सीडी डिलक्स बाईक घर के बाहर से गायब मिला।
15 मिनट में दो बाईक चोरी!
मंगलवार दोपहर करीब 12.45 पर पुलिस को सूचना मिली कि गोल बाजार क्षेत्र से एक बाईक चोरी हो गया है। दस मिनट बाद फिर थाना की घंटी बज उठी। कॉल थी कि अनाज मण्डी में दुकान नं. 3 के आगे खड़ा एक बाईक चोरी हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। क्षेत्र के तहत आने वाली सभी पुलिस चौकियों को अलर्ट जारी करके चौकसी बढ़ाने के आदेश दिए गए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि अनाज मण्डी से गायब हुआ बाईक वापिस लौट आया है। गलती से कोई व्यक्ति उसे अपना बाईक समझकर उठा ले गया था। एक बाईक मिलने से पुलिस ने कुछ राहत की सांस ली।
डबवाली शहर में सांड़ों को जिन्दा जलाने का प्रयास!
डबवाली (लहू की लौ) दूध, दही की नदी कहे जाने वाले हरियाणा के छोटे से कस्बे डबवाली में गौधन पर तेजाब फेंककर जिन्दा जलाए जाने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। शहर के भीतर एक सप्ताह में तीन सांड़ों का शरीर तेजाब से फूंकने की तीन घटनाएं लगातार घटित हो गई हैं। जिससे गौ भक्तों में रोष फैल गया है। इस मामले को पुलिस के समक्ष भी उठाया गया है।
शहर में अवारा घूम रहे गौधन की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसकी संभाल न तो प्रशासन कर रहा है और न ही गौशाला। लोग अपने बचाव के लिए गौधन को भगाने के लिए डंडों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सात दिनों में सांड़ों पर कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जलाने की घटनाएं होने लगी हैं।
गौशाला प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जवाहर कामरा, सचिव अनिल धारणियां ने बताया कि सात दिनों में लवकुश पार्क, मार्किट कमेटी तथा जीटी रोड़ क्षेत्र में सांडों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जिंदा जलाने के प्रयास किए गए हैं। सूचना मिलने पर घायल सांडों को गौशाला में लाया गया। यहां उनका उपचार किया जा रहा है। गौशाला पदाधिकारियों ने बताया कि संभव है कि यह कार्य उन लोगों का हो सकता है जो सांड़ों से परेशान हैं। लेकिन वारदात का क्षेत्र अलग-अलग होने से यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह काम शरारतियों का भी हो सकता है।
गौशाला प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य गोवर्धन दास गोयल ने गौधन पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर जलाने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए इस मंदभागी बताया है। साथ में थाना शहर पुलिस को एक शिकायत पत्र सौंपकर गौधन की रक्षा करने तथा ज्वलनशील पदार्थ फेंककर गौधन को जलाने का प्रयास करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया है।
गौशाला में गौधन का इलाज करने वाले डॉक्टर सूबे सिंह के अनुसार गौधन पर फेंका गया ज्वलनशील पदार्थ तेजाब हो सकता है। उनके अनुसार सांड की चमड़ी दो प्रकार की होती है। ऊपरी भाग को एपी डरमिस कहते हैं, जोकि शरीर पर दो से ढाई एमएम के बीच होती है। दूसरी चमड़ी डरमिस कही जाती है। चमड़ी की यह लेयर चार से साढ़े चार एमएम मोटी होती है। जोकि एपी डरमिस के नीचे होती है। डॉक्टर ने बताया कि ज्वलनशील पदार्थ ने सांड़ों की एपी डरमिस चमड़ी को खत्म कर दिया। यह पदार्थ इतना तेज था कि इससे डरमिस को भी कुछ नुक्सान पहुंचा। उनके अनुसार अगर इससे डरमिस लेयर समाप्त हो गई होती तो यह ज्वलनशील पदार्थ सांड़ों की मौत का कारण बन सकता था।
थाना शहर पुलिस प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास मामला आया है। शिकायत के आधार पर इसकी जांच की जाएगी।
05 जुलाई 2011
धधकती आग में कूदकर बचाई जान
डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में अपनी किराएदारनी को आग की लपटों से बचाने के लिए मकान मालकिन संकट मोचन बनकर आई। उसने अपनी जान पर खेलकर आग की लपटों के बीच बेहोश पड़ी किराएदारनी को बाहर निकाला।
सोमवार सुबह 7 बजे थे। अजीत नगर के सुभाष उर्फ शुभकरण के मकान के एक कमरे में अचानक आग लग उठी। आंगन में खेल रहे बच्चों पंकज (12), राजन (10) तथा पिंकी (14) ने कमरे में लगी आग को देखकर शोर मचा दिया। शोर सुनकर बच्चों की माता परमेश्वरी देवी (40) कमरे के पास आई। उसने देखा कि रविवार को उनके मकान में किराए पर रहने के लिए आई अमरजीत कौर (50) बेहोशी की हालत में पड़ी है। जबकि कुंकिंग गैस सिलेण्डर के पास आग की लपटे निकल रही हैं। उसने साहस बटोरा और कमरे के भीतर घुसी। बेहोश अमरजीत कौर को उठाकर आंगन में ले आई।
परमेश्वरी देवी ने बताया कि वह एकदम किराएदार के कमरे में गई और उसने बेहोश अमरजीत को पहले बाहर निकाला। फिर घर की मेन स्विच ऑफ कर दी, ताकि आग बिजली के उपकरणों को न पकड़ ले। उसने इसी दौरान कमरे का बाहरी दरवाजा भी खोला और एक लोहे की रॉड लेकर कुकिंग गैस सिलेण्डर को रॉड की सहायता से गली में निकालकर पटक दिया और गैस सिलेण्डर को लगी आग बुझ गई। इसी दौरान सूचना पाकर फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने कमरे के भीतर सामान को लगी आग पर नियंत्रण स्थापित किया।
बेहोशी टूटने के बाद किराएदारनी अमरजीत कौर ने बताया कि उसने अपने कुकिंग गैस चूल्हे पर चाय बनाने के लिए नया सिलेण्डर लगाया था। दियासिलाई जलाते ही गैस सिलेण्डर को आग लग गई। आग को देखकर वह कमरे के भीतर ही गिरकर अपनी सुधबुध खो बैठी। उसके अनुसार परमेश्वरी देवी ने उसे आग की लपटों में गिरने के बावजूद बाहर निकालकर जो उसकी सहायता की है, वह उसके लिए भगवान की शुक्रगुजार है तथा परमेश्वरी देवी की ऋणी है। उसके अनुसार काश! प्रत्येक किराएदार को ऐसे ही मकान मालिक मिलें।
आग से सब राख
डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में कुकिंग गैस सिलेण्डर बदलते समय आग लगने से कमरे में पड़ा लाखों रूपए का सामान जलकर राख हो गया। मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली के दमकल केंद्र की गाड़ी ने एक घंटा के प्रयासों से आग पर काबू पाया।
कल ही आए थे यहां
गाड़ी चालक धन्ना राम का परिवार जिला बठिंडा के गांव जस्सी बागवाली से रविवार को ही मण्डी किलियांवाली के अजीतनगर में रह रहे पेट्रोल पंप कर्मचारी शुभकरण उर्फ सुभाष के मकान में किराए पर रहने के लिए आया था। रविवार को ही धन्ना राम तथा उसके बेटे हरविंद्र (19) तथा जसविंद्र (17) काम पर गए हुए थे। कमरे में धन्ना राम की पत्नी अमरजीत कौर (50) अकेली थी। इस बीच कुकिंग गैस सिलेण्डर खत्म हो गया। सोमवार सुबह करीब 7 बजे उसने नया गैस सिलेण्डर लगाकर चाय बनाने के लिए जैसे ही स्विच ऑन किया तो सिलेण्डर को आग लग गई।
आग ने कमरे में पड़े सामान को अपने आगोश में ले लिया। कुछ ही मिनटों में टीवी, फ्रिज, बैड तथा कमरें में पड़ा सारा सामान जलकर राख हो गया। सूचना पाकर मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली की फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।
कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से पांच बेहोश
डबवाली (लहू की लौ) कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से एक ही परिवार के 5 सदस्य बेहोश हो गये। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
डबवाली के टेलर मास्टर जावेद खान ने बताया कि वह वार्ड नं. 14 की गली गंगा वाली में स्थित अपने ससुर इन्द्र सिंह के घर रविवार रात को अपनी पत्नी उर्मिला के पास आया हुआ था। रात को करीब 9.30 बजे उसकी सास सावित्री देवी (45) ने सभी के लिए दूध में कोक मिला कर पेय तैयार करके स्वयं पीया और अपने बेटे ईशान (22), सुनील (12), रवि (18) तथा पुत्री ज्योति (15) के साथ उसे भी पिलाया। लेकिन सुबह 6 बजे जब वह उठा तो उसने देखा कि उसके अतिरिक्त उपरोक्त पांचों बेहोशी की हालत में हैं, उल्टियां कर रहें हैं, बोल कुछ नहीं रहे। उसने इसकी जानकारी गली वासियों को दी और गली वासियों के सहयोग से जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस से सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया।
डॉक्टर ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद दोपहर को उन्हें छुट्टी दे दी। डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि दूध में कोक मिलाकर पीने से संभव है कि उपरोक्त को फूड प्वाईजन हुआ होगा। उन्हें उपचार देकर छुट्टी दे दी गई।
84 बोतल शराब पकड़ी
डबवाली (लहू की लौ) क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। माईनरों के किनारे सूने पड़े घरों की आड़ में इस धंधे को चलाया जा रहा है। रविवार शाम को चौटाला पुलिस ने इसी प्रकार के एक धंधे पर छापा मारा। धंधा चला रहा व्यक्ति फरार हो गया। लेकिन मौका से पुलिस को 84 बोतल शराब बरामद हुई। पुलिस ने फरार हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।
चौटाला पुलिस चौकी इंचार्ज जीत सिंह ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि गांव गिदडख़ेड़ा रकबा में चौटाला माईनर पर स्थित सूने पड़े एक घर के सामने एक व्यक्ति धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री कर रहा है। मुखबर की सूचना पाते ही एएसआई महेंद्र कुमार ने अपनी टीम के साथ मौका पर छापा मारा। पुलिस को देखते ही आरोपी खेतों में भाग खड़ा हुआ। मौका से पुलिस को सात पेटी यानि 84 बोतल ठेका देसी शराब बरामद हुई। उन्होंने बताया कि फरार हुए आरोपी की पहचान जीत राम पुत्र भागीरथ निवासी आसाखेड़ा के रूप में हुई है। आरोपी के विरूद्ध मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी गई है।
विवादों के घेरे में डबवाली सीआईए तोड़ी
डबवाली (लहू की लौ) काफी समय से विवादों में घिरी डबवाली सीआईए को हटा दिया गया है। सीआईए डबवाली के प्रभारी एसआई हवा सिंह का तबादला सिटी थाना सिरसा में कर दिया गया है। जबकि अन्य स्टाफ को पुलिस लाईन सिरसा में भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि सीआईए डबवाली काफी लम्बे समय से चर्चा में चल रही है। इन दिनों गांव जोतांवाली में सीआईए की एक रेड काफी चर्चा का विषय बनी हुई थी। बताते हैं कि इस रेड की वजह से सीआईए की काफी किरकरी हुई। उसी दिन से जिला पुलिस के उच्च अधिकारी सीआईए पर टेढ़ी नजर बनाए हुए थे। रविवार को इसे हटाने के आदेश दे दिए गए।
एसपी सिरसा सतिंद्र गुप्ता ने सीआईए डबवाली तोडऩे की पुष्टि करते हुए बताया कि किसी आरोप की वजह से नहीं बल्कि सीआईए डबवाली को रूटीन में तोड़ा गया है। इसके प्रभारी एसआई हवा सिंह को सिटी थाना सिरसा तथा अन्य स्टॉफ को पुलिस लाईन सिरसा में लगाया गया है। एसपी के अनुसार स्टाफ को शीघ्र जिला के अन्य थानों में लगा दिया जाएगा।
गुप्तांग काटकर बना दिया हिजड़ा!
नकली हिजड़ा बनकर उगाही करने का सनसनीखेज आरोप, आरोपी ने कहा पहले लड़का था अब बना दिया हिजड़ा
डबवाली (लहू की लौ) शहर के एक युवक पर नकली हिजड़ा बनकर गांवों से बधाईयों के नाम पर उगाही इक्ट्ठी करने की शिकायत सिटी पुलिस के पास आई है। आरोपी का कहना है कि वह पहले लड़का था और उसे जबर्दस्ती हिजड़ा बनाकर इस कारोबार में उतारा गया है।
डबवाली की कबीर बस्ती निवासी मधु महंत ने थाना शहर पुलिस में एक शिकायत देकर घग्गड़ (पंजाब) हाल वार्ड नं. 17 निवासी राजा राम के बेटे प्रीति (20) पर आरोप लगाया कि प्रीति पिछले दो माह से हिजड़े के वेश में शेरगढ़, सकताखेड़ा, अबूबशहर, मटदादू, मौजगढ़ आदि गांवों में जाकर बधाईयां उगाह रहा है। जबकि वह लड़का है। मधु महंत ने बताया कि कुछ दिन पहले वे उपरोक्त गांवों में बधाई मांगने के लिए गई थी। लेकिन वहां के लोगों ने बताया कि उनका ही एक ग्रुप गांव से बधाईयां ले गया है। अब वे यहां क्या करने आए हैं?
इधर प्रीति ने बताया कि दस साल पूर्व मधु महंत उसे घर से ले गई थी। करीब पांच साल तक उसने उसे काम सीखाया। लालच देकर उसका गुप्तांग काट दिया और उसे हिजड़ा बना दिया गया। पांच साल तक वह मधु महंत के लिए उसके सहयोगी डूना तथा सरवी के साथ गांव मौजगढ़, लम्बी, अबूबशहर, सकताखेड़ा, शेरगढ़, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, रामपुरा बिश्नोईयां, झुट्टीखेड़ा में काम करता आ रहा है। उन्हें बधाईयों के रूप में जो भी राशि मिलती वह इसे मधु महंत के सुपुर्द कर देते थे। लेकिन पिछले कुछ माह से मधु महंत उसे अनावश्यक रूप से मारने पीटने लगा। जिस पर उसने उससे किनारा कर लिया। अपने स्तर पर गांवों में जाकर बधाईयां मांगने लगा।
थाना शहर में रविवार को इस मामले को सुलझाने के लिए एक पंचायत हुई। जिसमें भोला महंत, वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान आदि शामिल हुए। इस मौके पर प्रीति तथा उसके पिता राजा राम को भी बुलाया गया। प्रीति ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। लेकिन पंचायत के सहयोग से दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया।
वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान ने बताया कि प्रीति उनके वार्ड के हर्ष नगर में रह रहा है। वह पिछले काफी सालों से उसे हिजड़े के वेश में देखती आ रही है। इसी वेश में वह गांवों में बधाईयां मांगने भी अक्सर जाता है। पार्षद ने कहा कि प्रीति अब लड़का है या हिजड़ा इसके संबंध में वह कुछ नहीं कह सकती।
मामले के जांच अधिकारी सिटी पुलिस के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि उनके पास मधु महंत की शिकायत आई थी। लेकिन पंचायत द्वारा समझौता करवा देने और मधु महंत द्वारा अपनी शिकायत वापिस लेने पर इस मामले को फाईल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजा राम ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा कि प्रीति उसका बेटा था। अब वह हिजड़ा है या नहीं इसकी जांच तो डॉक्टर ही कर सकता है।
04 जुलाई 2011
टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग से लाखों का नुक्सान, परिंदे भी जल मरे
डबवाली (लहू की लौ) शनिवार रात किलियांवाली में स्थित मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग लगने से लाखों रूपए का धागा, मशीनरी जलकर राख हो गई। इंडस्ट्री को जलता देख सदमे में आया इंडस्ट्री मालिक का पिता बेहोश हो गया। कड़ी मशक्कत के बाद रविवार अल सुबह करीब 3 बजे आग पर नियंत्रण पाया जा सका। वहीं इंडस्ट्री के शैड पर घर बनाए परिंदे भी आग में जल मरे।
धमाका के साथ उठा धुआं
इंडस्ट्री में कार्यरत पिंटू, रामप्रवेश, सूरज, विजय, संजू, गुरिया, विनय ने बताया कि रात करीब 11 बजे वह इंडस्ट्री के आंगन में अपनी-अपनी चारपाई पर लेटे हुए आपस में बातचीत कर रहे थे। इंडस्ट्री के भीतर स्थित एक बिजली के बोर्ड में अचानक धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। आग ने वहां पड़ी बान (चारपाई के लिए प्रयुक्त होने वाला धागा) को पकड़ लिया। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा पुत्र नत्थू राम मिढ़ा निवासी वार्ड नं. 11, डबवाली को दी। इधर इसकी सूचना दमकल केंद्र डबवाली को दी गई।
सूचना पाकर इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा तथा नत्थू राम मिढ़ा मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों के सहयोग से बाल्टी में पानी भरकर आग आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। आग के विकराल रूप को देखकर सदमे में आए नत्थू राम मिढ़ा बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। मौका पर पहुंचे अग्निश्मक दस्ते ने आग पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास शुरू किए।
इंडस्ट्री के कर्मचारियों ने बताया कि इंडस्ट्री के जिस हिस्से में आग लगी हुई थी वह हिस्सा चारों तरफ से बंद था। धुआं निकलने का कहीं से मार्ग नहीं था। जिसके चलते मशीनरी रूम में गैस भर गई और उसमें प्रवेश करना मुश्किल हो गया। उन्होंने आग पर नियंत्रण पाने के लिए और गैस को रूम से बाहर निकालने के लिए रूम के चारों तरफ लगे शीश तोड़े। तब कहीं जाकर अग्निश्मक दस्ते ने रविवार सुबह करीब 3 बजे आग पर काबू पाया।
परिंदे भी जले
कर्मचारियों ने बताया कि आग की तपिश इतनी तेज थी कि इंडस्ट्री के ऊपर बनी शैड की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई। इन शैड़ों में घौंसला बनाकर रहने वाले करीब बीस-पच्चीस कबूतर आग की भेंट चढ़ गए।
इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा पुत्रान नत्थू राम ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। आग से उसका करीब 8 लाख रूपए का नुक्सान हुआ। जिसमें मशीनरी, तैयार किया गया बान, बिल्डिंग, दरियां आदि का नुक्सान शामिल है।
करीब चार माह पहले इंडस्ट्री के मीटर रूम में आग लगने से इंडस्ट्री का ढाई लाख रूपए का नुक्सान हुआ। इसके बाद मशीनों के पास पड़े कुछ माल को आग लगी। जिसमें करीब 25 हजार रूपए का नुक्सान हुआ। करीब 20 दिन पूर्व मशीनरी रूम में आग लगने से डेढ़ लाख की मशीनरी जल गई। अब चौथी बार आग लगी।
कहां जाता है माल
मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री के मालिक ने बताया कि वे रूईं से धागा निर्मित करके सीतापुर, बम्बई, कानपुर, बरेली आदि जगहों में बेचते हैं। इससे वहां पर दरियां आदि बनती हैं।
03 जुलाई 2011
हे भगवान क्राइम खत्म करने की शक्ति दो, हवन करके मांगी दुआ
डबवाली (लहू की लौ) सिटी में बढ़ रहे क्राईम तथा बढ़ते नशे को रोकने के लिए सिटी पुलिस ने हवन करवाकर भगवान से अपराधियों को गिरफ्तार करने की शक्ति मांगी। साथ में सिटी में सुख शांति रहे के लिए दुआ मांगी।
डबवाली शहर क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। अपराधी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ते। पुलिस अपराधियों को शीघ्र पकडऩे की इच्छा के साथ ईश्वर से दुआ करती है। शनिवार को मंत्रोच्चारण के बीच सिटी थाना के सभी कर्मचारियों ने मिलकर हवन यज्ञ करवाया।
कार्य स्थल पर गूंजे मंत्र
शनिवार को थाना शहर परिसर में धार्मिक माहौल था। सभी कर्मचारी पूजा अर्चना के लिए सुबह सवा 6 बजे ही हवन कुंड के पास बैठ गए। करीब सवा घंटा तक हवन यज्ञ करवाने वाले पुरोहित बालकृष्ण की आज्ञा से यज्ञ में आहुतियां डालते रहे। इस मौके पर मुख्य यजमान के रूप में डीएसपी बाबू लाल उपस्थित रहे।
हालांकि पुलिस थाना परिसर में रामभक्त हनुमान का मंदिर बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भगवान सीधी दृष्टि थाना में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों पर रहे, इसलिए मंदिर की अपेक्षा कार्य स्थल को हवन यज्ञ के लिए चुना गया।
एएसआई ने दी सलाह
एएसआई राजकुमार धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। इसलिए उन्होंने बढ़ते क्राईम, नशाखोरी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए डंडे की बजाए भगवान का सहारा लेने की सलाह अपने साथियों को दी। उन्हीं की सलाह पर इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वप्रथम श्री गणेश की पूजा अर्चना के बाद धरती पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रहों के पूजन के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की अराधना तथा गायत्री मंत्र के साथ पूर्णाहुतियां डाली गई।
दुआ मांगी
हवन में आहुति डालते हुए डीएसपी बाबू लाल, सिटी थाना प्रभारी एसआई महावीर सिंह, एएसआई राजकुमार, एएसआई कृष्ण कुमार, एएसआई तुलसी राम, एचसी भरत सिंह, अजीत सिंह, जयप्रकाश, चरणजीत सिंह, कांस्टेबल राजकुमार, विजय कुमार, अमरजीत सिंह, नफे सिंह सहित अन्य पुलिस मुलाजिमों ने ईश्वर से दुआ की कि वह सिटी में ऐसा माहौल पैदा करे कि अपराध और अपराधियों के इरादों पर पानी फिर जाए। लोगों में भाईचारा पैदा हो। सभी को सदबुद्धि मिले। अमन-चैन रहे। स्वयं ने जाने या अनजाने में जो कुछ गलतियां हो गई, उनके लिए क्षमा याचना की।
हवन के बाद अपराध होंगे कम
हवन के बाद डीएसपी बाबू लाल ने कहा कि ईश्वर का नाम लेना कोई बुराई नहीं है। इस प्रकार के आयोजन कार्य करने की शक्ति को बढ़ाते हैं। नगर की सुख-शांति और समृद्धि तथा पुलिस की रक्षा के लिए इस प्रकार का आयोजन करना हमारी संस्कृति में शामिल है। हवन यज्ञ से यहां देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। वहां वातावरण भी शुद्ध होता है। जिससे आरोग्य प्राप्त होता है। हवन यज्ञ के बाद अपराधों में कमी आएगी।
डबवाली का बीडीपीओ घोटालेबाज!
दो जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ रहस्योद्घटन, साढ़े तीन लाख में से एक लाख का घपला
डबवाली (लहू की लौ) देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला का भूत डबवाली पहुंच गया है। उपमण्डल के गांव मसीतां में प्रस्तावित खेल स्टेडियम के निर्माण से पहले खरीदे गए सामान में बड़ा घपला सामने आया है। दो अधिकारियों की जांच के दौरान पाया गया कि सामान को बाजार भाव से ऊंची दरों में खरीदा गया। वहीं सामान के वजन तथा मोटाई में भी अंतर निकला है। साढ़े तीन लाख के सामान में करीब एक लाख घपला उजागर हुआ है। तीन माह के भीतर आई दो जांच रिपोर्ट में खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली को राजकोष का 'घोटालेबाजÓ तय किया गया है।
नींव रखी नहीं, सामान पहुंचा
गांव मसीतां में निर्माणाधीन खेल स्टेडियम के हाल कमरे का निर्माण होना है। जिसका नींव पत्थर अभी तक नहीं रखा गया है। लेकिन हाल कमरे के लिए खिड़की, दरवाजे, रोशनदान, ग्रिल बगैरा का निर्माण पहले ही हो लिया। यह सारा सामान प्रस्तावित खेल स्टेडियम स्थल पर पहुंच गया। सामान का निर्माण बीडीपीओ डबवाली द्वारा करवाया गया था। बीडीपीओ ने सामान के बदले 3 लाख 74 हजार 333 रूपए का भुगतान किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने सामान के निर्माण में गोलमाल की आशंका जाहिर की। गांव के सरपंच शिवराज सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि सरपंच पद के लिए चुनाव जून 2010 में हुए थे। 25 जुलाई को उसने सरपंच पद की शपथ ग्रहण करनी थी। लेकिन इससे पूर्व ही बीडीपीओ ने बैंक से 3 लाख 74 हजार 333 रूपए निकलवा लिए और इन पैसों को उपरोक्त सामान पर खर्च किया हुआ दिखा दिया।
जांच से कर दिया था इंकार
सरपंच की शिकायत पर उपायुक्त ने डीडीपीओ को जांच के आदेश दिए। लेकिन डीडीपीओ ने इस मामले की जांच करने से इंकार कर दिया। जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल के पास आ गई। एसडीएम ने मामले की जांच एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को सौंप दी। एसडीई ने 1 अप्रैल 2011 को अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम डबवाली को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट
पंचायती राज के एसडीई शेषकरण बिश्नोई ने एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने खरीदे गए सामान का जो बिल प्रस्तुत किया है उसमें दरवाजों की मोटाई 14 गेज, माप 2018 फुट दर्शाई गई है। जबकि वास्तविक मोटाई 16 से 18 गेज है तथा माप 1971.31 फुट है। इनमें लगे पल्लों की लम्बाई बिल में 18 गेज तथा क्षेत्रफल 1123.19 वर्गफुट दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक मोटाई 19 गेज है तथा कुल क्षेत्रफल 1057.35 वर्गफुट है। इसी प्रकार ग्रिल का वजन बिल में 1238 किलोग्राम दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक वजन 787 किलोग्राम है। कब्जों की संख्या 496 की बजाए मौके पर 467 नग मिले हैं। खरीद किए गए इस सामान का बाजार मूल्य 55 रूपए, 90 रूपए तथा 55 रूपए का है, जबकि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इसकी अदायगी 72 रूपए, 105 रूपए तथा 60 रूपए के हिसाब से की गई है। जांच में सामने आया है कि खरीदे गए सामान पर 99703 रूपए अधिक खर्च किए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अधिक दरों पर की गई खरीद से खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डबवाली ने राजकोष को जानबूझकर नुक्सान पहुंचाया है।
दूसरी रिपोर्ट भी खिलाफ
पंचायती राज के एसडीई की जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली ने उपायुक्त सिरसा से दोबारा जांच की मांग की। बीडीपीओ की मांग पर उपायुक्त ने पीडब्ल्यूडी सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान को जांच का दायित्व सौंपा। उनकी जांच में भी बीडीपीओ को राजकोष के नुक्सान को दोषी करार दिया गया है। दोनों ही रिपोर्ट उपायुक्त के पास भेजी गई हैं।
जांच के संबंध में ये बोले अधिकारी
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली (बीडीपीओ) द्वारा जिस दर पर सामान खरीदा गया है, वह बाजार मूल्य से काफी अधिक है। वहीं सामान के वजन तथा गिनती में भी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष का दुरूपयोग किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंप दी है।
-शेषकरण बिश्नोई, एसडीई पंचायती राज
उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने गांव मसीतां में प्रस्तावित स्टेडियम के लिए खरीदे गए सामान की जांच की थी। सामान का वजन, मूल्य तथा बिलों में दर्शाई गई गिनती में काफी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष को करीब करीब एक लाख रूपए की चपत लगाई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है।
-एमएस सांगवान, एक्सीयन पीडब्ल्यूडी सिरसा
जांच के लिए डीडीपीओ के इंकार करने पर उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को जांच का कार्यभार सौंपा था। उनकी जांच में बीडीपीओ सरकारी पैसे के दुरूपयोग का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट को उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम
वह बिल्कुल पाक साफ है। उसने कोई घोटाला नहीं किया। जांच में आया है कि उसके द्वारा खरीदे गए सामान की मोटाई अधिक है, जबकि उसने कम मोटाई के सामान पैसे दिए हैं। वह हर जांच रिपोर्ट का स्वागत करता है और उसका सामना करने के लिए तैयार है।
-राम सिंह, बीडीपीओ डबवाली
कार्रवाई में आनाकानी क्यों?
दो जांच अधिकारियों द्वारा सामान खरीद घोटाले का पर्दाफाश करने के बावजूद भी प्रशासन ढिलमुल रवैया अपनाए हुए है। बीडीपीओ राम सिंह के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के दो माह बीतने के बावजूद भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया है। जिला प्रशासन बीडीपीओ के खिलाफ केस दर्ज करवाकर, बीडीपीओ को कानूनी सजा दे। डबवाली में रहते हुए बीडीपीओ द्वारा किए गए सभी कार्यों की विभागीय कार्रवाई भी आरंभ करे। अगर ऐसा नहीं होता तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
-शिवराज सिंह सरपंच ग्राम पंचायत मसीतां एवं अध्यक्ष सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली
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