14 जुलाई 2011

पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच..

डबवाली (लहू की लौ) पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच, लेना ए ता ले लो। जी हां! गांव सांवतखेड़ा में पीने के पानी पर बोली लग रही है। गांव के चौराहे पर कुछ लोग पानी के टैंकर लेकर आते हैं और फिर पानी की बोली लगाते हैं, जो 250 रूपए से शुरू होकर 350 तक पहुंच जाती है।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं: