14 जुलाई 2011

वन वीक में होगा फैसला

डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल के निर्माण के लिए प्रशासन अड़ा हुआ है। दूसरी ओर इसका विरोध कर रहे ग्रामीण अपनी जिद्द पर कायम है। बुधवार को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। तीखी नोक-झोंक के बाद धरनाकारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रशासन से सात दिन का समय मांगा।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।

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