11 जुलाई 2011

'भीखÓ मांगने को मजबूर पेंशन धारक!

डबवाली (लहू की लौ) चार माह से पेंशन से वंचित चले आ रहे विकलांग, विधवा और वृद्ध रोटी मांगकर पेट भरने को मजबूर हो गए हैं। रविवार को जिला प्रशासन के पेंशन प्रोग्राम के तहत शहर में पेंशन का वितरण होना था। सुबह 8 बजे ही तय स्थान पर पेंशन धारक जमा होना शुरू हो गए। सुबह से दोपहर हो गई। लेकिन पेंशन बांटने वाले नहीं आए। बाद में वार्ड पार्षदों ने मौका पर पहुंचकर वार्ड से संबंधित लोगों को समझा-बुझाकर घर भेजा।
गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में व्हील चेयर पर पेंशन लेने आए महेंद्र कुमार (45), सुखदेव सिंह (70) ने बताया कि उनकी जिन्दगी पेंशन के सहारे आगे बढ़ रही थी। लेकिन पिछले चार महीनों से पेंशन न मिलने से जिन्दगी की डगर ठहर गई है। कमाई का कोई साधन नहीं, आगे-पीछे पूछने वाला भी कोई नहीं। ऐसे हालातों में वे सड़क पर आ गए हैं। लोगों की दुकानों, घरों से रोटी के दो टुकड़ें मांगने को विवश हो गए हैं। जब रोटी मांगते हैं तो लोग दुत्कारते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है, लेकिन क्या करें, पापी पेट का सवाल है। जब पेंशन नहीं मिलेगी और रोजगार का साधन नहीं होगा तो रोटी कहीं से तो खानी ही पड़ेगी।
विद्या देवी (65) ने बताया कि उसके कोई बेटा नहीं है। जो उसे संभाल सके। सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन ही उसके गुजारे का साधन थी। इसी पेंशन से वह अपना गुजारा चलाती। पेंशन के सहारे उसने अपनी दो बेटियों को पढ़ाया और शादी की। लेकिन अब वह अकेली है। पेंशन न मिलने न मिलने के कारण दूसरों के आगे हाथ फैलाकर पेट पाल रही है।
विधवा कमलेश देवी (50) ने बताया कि पेंशन से वह केवल अपना ही गुजारा नहीं चलाती थी। बल्कि बुढ़ापे में सहारा बनने वाले अपने बेटे गणेश को भी पाल रही है। गणेश 12वीं का छात्र है। स्कूल में उसने 800 रूपए की राशि फीस के तौर पर अदा करनी है। लेकिन चार माह से पेंशन न मिलने से वह अपने बच्चे की फीस नहीं भर पाई और उसके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया। दूसरा पेट भरने के लिए उसे अब दूसरों से रोटी मांगकर खानी पड़ रही है।
इस मौके पर उपस्थित वृद्धा आशा रानी, माया देवी, लाजवंती ने बताया कि दो दिन पूर्व पेंशन बांटने के लिए आए फिनो कंपनी के एजेंटों तथा बाद में जिलाधीश ने समाचार पत्रों के माध्यम से कहा था कि 10 जुलाई को सभी पेंशन धारकों को पेंशन मिल जाएगी। लेकिन वे तपती दोपहर में 12 बजे तक पेंशन बांटने वाले कर्मचारियों का इंतजार करते रहे। लेकिन कोई नहीं आया। वे घर से पेंशन वितरण स्थल तक आने-जाने में रिक्शा पर 50 रूपए खर्च करती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन नसीब नहीं होती। वृद्धों ने कहा कि बार-बार उन्हें बुलाकर सरकार, प्रशासन और पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी बेइज्जत कर रहे हैं। ये कर्मचारी अब जब भी आएंगे तो अपना रोष उनके समक्ष अपने ही अंदाज में प्रकट करेंगे।
गुरूद्वारा में एकत्रित सैंकड़ों पेंशन धारकों में रोष की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संदर्भ में फिनो कंपनी के अधिकारी विनय कुमार से बात की। अधिकारी ने उन्हें जवाब दिया कि वे आज नहीं आ सकते। फिर कभी आएंगे। अब तो रिकॉर्ड पूरा कर रहे हैं। कर्मचारियों के न आने की सूचना पक्की होने पर इन पार्षदों ने वृद्धों की आंखों से टपक रहे आंसुओं को पौंछते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं। यदि उन्हें प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर आना पड़ा तो आएंगे। अपने पार्षदों का आश्वासन पाकर पेंशन धारक घरों को वापिस चले गए।
पार्षद जगदीप सूर्या, पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए प्रशासन के खिलाफ अपना रोष निकालते हुए कहा कि जिलाधीश पेंशन धारकों को पेंशन बांटे जाने की तिथि और समय निर्धारित करने के ब्यान अखबारों में प्रकाशित करवा देता है, लेकिन पेंशन बांटने वाले कर्मचारी निर्धारित समय और तिथि पर न पहुंचने से पेंशन धारकों का अपमान होता है। पेंशन न मिलने से पेंशन धारक रोटी मांगकर पेट भर रहे हैं। कई पेंशन धारकों को ऐसा करने से उन्होंने रोका है।

इंतजार करते रह गए पेंशन धारक
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को नगरपालिका में स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए वृद्ध, विधवा और विकलांग इंतजार करते रहे लेकिन स्मार्ट कार्ड बनाने वाले नहीं पहुंचे।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल, वार्ड नं. 6 के पार्षद ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि 10 जुलाई को स्मार्ट कार्ड बनाने वालों ने नगरपालिका में आना था। लेकिन पेंशनधारक स्मार्ट कार्ड बनवाने की इंतजार में सुबह से बाद दोपहर 2 बजे तक बैठे रहे। उन्होंने यह भी बताया कि वे भी सुबह से ही नगरपालिका में बैठे हुए थे। जब कार्ड बनाने वाला कोई भी नगरपालिका में नहीं पहुंचा।  उन्होंने फिनो कम्पनी के आलम खां इंचार्ज ब्लॉक डबवाली से मोबाइल पर कई बार बातचीत की तो उन्हें हर बार यहीं कहा गया कि 10 मिनट में उनका आदमी नगरपालिका में पहुंच रहा है। जब धैर्य की सीमा टूटी तो और उससे पूछा गया कि बुजुर्गों को क्यों खराब किया जा रहा है तो आलम खां का जवाब था कि वह खराब नहीं कर रहा, खराब तो डीसी साहेब कर रहे हैं। पार्षदों ने इसकी शिकायत उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से की। उपमंडलाधीश ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए फिनो कम्पनी के अधिकारियों की खिंचाई की।
पार्षदों ने कहा कि सरकार ने पेंशन धारकों की राशि वितरण के लिए समय-समय पर एक्सीस बैंक में जमा करवा रखी है। लेकिन बैंक ने फिनो कम्पनी को ठेका दे रखा है। वितरण के मामले में बैंक और कम्पनी अपने दायित्व से भाग रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अन्य किसी बैंक को पेंशन की जिम्मेवारी सौंपे या पुराना सिस्टम बहाल करे।
वृद्धों को अपमानित नहीं होने देगी इनेलो-राणा
डबवाली। यदि सरकार ने वृद्धों का अपमान करने की नीति को नहीं त्यागा तो इनेलो वृद्धों के सम्मान के बहाली के लिए संघर्ष करने को मजबूर होगी। यह शब्द इनेलो जिला सिरसा के प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने वृद्धों को पेंशन देने के नाम पर बार-बार परेशान करने पर कहे। उन्होंने कहा कि वृद्धों को पेंशन देने के लिए बार-बार बुलाया जाता है लेकिन पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी स्वयं नहीं पहुंचते। इस प्रकार से सरकार फिनो कम्पनी की आड़ में वृद्धों को अपमानित कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल ने वृद्धों को सम्मान देने के लिए पेंशन योजना लागू की थी और साथ में कहा था कि यह वृद्धों का अधिकार है लेकिन कांग्रेस की हुड्डा सरकार वृद्धा पेंशन को खैरात समझ कर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धों के प्रति सम्मान को बहाल करे, अन्यथा इनेलो वृद्धों के साथ सड़कों पर उतरेगी।

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