Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

20 दिसंबर 2014

अवारा पशुओं के लिये बनेगी नंदीशाला

डबवाली (लहू की लौ) शहर में अवारा पशुओं के इंतजाम के प्रयास शुरू हो गये हैं। वीरवार को पहली दफा नगर परिषद कार्यालय में शहर की समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक तहसीलदार मातू राम नेहरा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें बीडीपीओ राजेश शर्मा तथा नगर परिषद सचिव ऋषिकेश चौधरी भी उपस्थित थे।
समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रशासनिक अधिकारियों के आगे अवारा पशुओं को पकडऩे की मांग रखते हुए सुझाव दिया कि गांव डबवाली में स्थित गौशाला खाली है। वहां नंदीशाला बनाई जा सकती है। सर्वप्रथम गौशाला की मैनेजिंग कमेटी बनाकर उसे रजिस्टर्ड करवाये जाने का प्रस्ताव लाया गया। सभी ने इस पर सहमति जताई। सिरसा से आये गौशाला संघ के सदस्य अजीत सिंह ने गौशाला में जाने वाले पशुओं का रजिस्ट्रेशन करके टैग लगाये जाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर भी सहमति बनी। फिलहाल गौशाला की प्रबंधक कमेटी के गठन का फैसला लिया गया। ताकि रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार से मिलने वाली ग्रांट प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर विनोद बांसल, पवन गर्ग, नसीब गार्गी, राम लाल बागड़ी, शाम लाल, कर्ण कामरा, वियोगी हरि शर्मा, हरबंस भीटीवाला, दलीप चंद, मनोज शर्मा, हेमराज जिंदल, कामरेड गणपत राम उपस्थित थे।

अग्निकांड पीडि़ता ने प्रतिभा के दम पर दिया राजनीतिकों को जवाब

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड में सौ फीसदी जलने के बाद सीमा ने अपनी दोनों टांगें गंवा दी। यहीं नहीं एक हाथ की चार अंगुली भी कट गई। इसके बावजूद डबवाली की इस बेटी ने अपना हौंसला नहीं खोया। भाईयों ने राखी के बंधन का फर्ज निभाते हुये उसकी पढ़ाई पूरी करवाई। उसके बाद हाथ थामने के लिये एक युवक आगे आया। अब उसका हमसफर हर मुश्किल में साथ दे रहा है। राजनीतिकों की ओर से दरकिनार हुई यह बेटी अपनी प्रतिभा के बल पर पंजाब के कपूरथला में बच्चों को शिक्षा दे रही है।
वर्ष 1995 में सीमा का एडमिशन बीए में हुआ था। 23 दिसंबर 1995 को डीएवी स्कूल का वार्षिक समारोह देखने के लिये सीमा अपनी भाभी प्रवीण रानी, भतीजे ऋषभ, भतीजी शैफी के साथ राजीव मैरिज पैलेस में गई। समारोह में भड़की आग के बीच उसकी भतीजी शैफी ने दम तोड़ दिया। खुद सीमा सौ फीसदी जल गई। आग ने सीमा से उसकी दोनों टांगे तथा एक हाथ की चार अंगुली छीन ली। लेकिन आगे बढऩे की हिम्मत और जज्बा ने उसे इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकाला। उपचार के तुरंत बाद पुन: सीमा ने अपनी पढ़ाई शुरू की। पांच भाईयों की इकलौती बहन सीमा को पग-पग पर उसके भाईयों का सहयोग मिला। भाई ही थे, जिनकी वजह से उसकी पढ़ाई पूरी हो सकी। भाई ही उसे शिक्षा के मंदिर तक लेजाते और फिर वापिस घर तक लाते। अपने जख्मों को देखकर कमजोर पडऩे वाली सीमा की हौंसला अफजाई भाई ही करते। भाईयों ने सहारा दिया और सीमा वर्ष 1998 में बीएड कर गई।
नौकरी के लिये राजनीतिकों की मिन्नतें : सीमा के भाई गोल्डी बलाना ने बताया कि अग्निकांड के तुरंत बाद राजनीतिकों ने अग्निकांड पीडि़तों को नौकरी देने का वायदा किया था। इस लहजे से शिक्षा पूरी करवाने के बाद बहन को नौकरी दिलाने के लिये उन्होंने कई राजीतिकों के आगे मिन्नतें की। लेकिन कोई भी सीमा का सहारा नहीं बना। चाहे कांग्रेस हो, चाहे इनेलो, फिर चाहे भाजपा के प्रतिनिधि ही क्यों न हो। प्रत्येक ने अग्निकांड पीडि़ता की खिल्ली उड़ाई। बहन को नौकरी दिलाने के लिये कई बार चंडीगढ़ का सफर तक किया। नेता मिले, कागज लिया, शक्ल देखी और फिर वहीं आश्वासन दिया, देख लेंगे। लेकिन नौकरी नहीं दी।
कपूरथला वासी ने खुद मांगा पीडि़ता का हाथ : पंजाब के कपूरथला में आरओ की शॉप करने वाले अशोक मनचंदा पर पूरा बलाना परिवार गर्व करता है। ये वो शख्स हैं, जो वर्ष 2000-01 में सीमा का हाथ थामने के लिये स्वयं डबवाली पहुंचे। बलाना परिवार ने बिना झिझक दोनों की शादी करवा दी। विवाह बंधन में बंधने के बाद अग्निकांड पीडि़ता अपने हमसफर पर बोझ नहीं बनी। खुद आत्मनिर्भर होने का अपना सफर जारी रखा। कपूरथला में बच्चों को घर पर ट्यूशन देने लगी। इसके बाद एक निजी बैंक मे करीब दो वर्षों तक नौकरी की।
अब शिक्षक बन गई
शादी से पहले यहां भाईयों ने शिक्षा पूरी करने में मदद की, तो शादी के बाद हमसफर का साथ मिला। जिसके चलते सीमा लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ती चली जा रही है। अपनी प्रतिभा के बल पर करीब एक साल पूर्व ही डबवाली की यह बेटी पंजाब में बतौर सरकारी अध्यापिका तैनात हुई है। कपूरथला से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाती है। सीमा को स्कूल छोडऩे तथा वापिस लाने का कार्य उनके हमसफर अशोक मनचंदा करते हैं। स्कूली बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ यह अग्निकांड पीडि़ता अपने बेटे कुणाल की परवरिश बड़े अच्छे से कर रही है।

अग्निकांड में सौ फीसदी जलने के बाद सीमा में जोश तथा उमंग थी। बेशक मैं उसे शिक्षण संस्थान तक छोड़कर आता और वापिस घर लेजाता, इसकी भी प्रेरणा मेरी बहन थी। राजनीतिकों ने अपना वायदा पूरा नहीं किया, अग्निकांड पीडि़ता को देखकर मुंह फेरने का काम किया। उसकी बहन ने अपनी प्रतिभा के दम पर नौकरी पाई है। जिसकी वह सही हकदार है। -गोल्डी बलाना
(पीडि़ता सीमा का भाई)

शहर से बाहर जायेगी लोडिंग लाईन

डबवाली (लहू की लौ) मजदूरों की पुकार पर रेलवे करीब एक शताब्दी बाद जागा है। डबवाली रेलवे स्टेशन पर अपनी लोडिंग-अनलोडिंग लाईन को शिफ्ट करने जा रहा है। रेलवे महाप्रबंधक जयपुर से नई लोडिंग लाईन को मंजूरी मिलने के बाद अस्टीमेट बनना शुरू हो गया है। अपने इस प्रोजेक्ट पर रेलवे करीब चार करोड़ रूपये खर्च करने जा रहा है। नई लोडिंग लाईन से यहां मजदूरों को सुविधाएं मिलेंगी। वहीं शहर वासियों को जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
अब मुश्किल पर मुश्किल
लोडिंग लाईन शहर के बीचों-बीच होने के कारण शहर वासियों को जाम जैसी समस्या से दो-चार होना पड़ता है। स्पैशल के दौरान कलोनी रोड़ रेलवे फाटक से लेकर नई अनाज मंडी रोड़ तक ट्रकों की लंबी कतार लगने से लोग हादसों का शिकार होते हैं। यहीं नहीं फाटक पर घंटों तक जाम में फंसना पड़ता है। हर माह ऐसे दस मौके आते हैं। पूरे वर्ष में 120 बार स्पैशल लगती हैं। वहीं लोडिंग लाईन पर सुविधाएं न होने के कारण मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मजदूर बोगियों के नीचे खाना खाने को बाध्य होते हैं। गेहूं लोडिंग का कार्य देर रात तक चलना है, लेकिन रेलवे की ओर से मौका पर बिजली का पुख्ता प्रबंध नहीं है। ऐसे में मजदूरों को मोमबत्ती की रोशनी में काम चलाना पड़ता है। मजदूर लंबे समय से लोडिंग लाईन शिफ्ट करने की मांग करते आ रहे थे।
भविष्य में क्या होगा
मजदूरों की मांग पर सुनवाई करते हुये रेलवे महाप्रबंधक ने लोडिंग-अनलोडिंग लाईन को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिये मंजूरी दे दी है। अब यह लाईन रामबाग के नजदीक बनाई जायेगी। मंजूरी मिलने के बाद अस्टीमेट का कार्य शुरू हो गया है। करीब चार करोड़ रूपये की लागत से नई लोडिंग लाईन, प्लेटफार्म, मजदूरों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये शौचालय, पानी की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ-साथ मजदूरों के आराम करने के लिये रूम तथा एक कार्यालय भी बनाया जाएगा।
अतीत के झरोखे से
रेलवे पिछले करीब 100 वर्षों से वर्तमान लाईन से गेहूं की लोडिंग करवा रहा है। यहीं नहीं खाद की अनलोडिंग भी इसी लाईन से होती है। रेलवे करीब एक शताब्दी पुरानी व्यवस्था को बदलने जा रहा है। रेलवे की इस क्रांतिकारी पहल से मजदूरों के साथ-साथ शहरवासियों को फायदा मिलेगा।

सही श्वास न लेने से मानव रोगी बनता है-गोपाल कृष्ण

डबवाली (लहू की लौ) योगाचार्य गोपाल कृष्ण ने कहा कि सही श्वास न लेने से मानव रोगी बनता है। अगर सही श्वास लेने की विधि मालूम हो जाये और मानव सही श्वास लेने लग जाये तो दुनिया में न रोगी होंगे और न दवाइयों की जरूरत पड़ेगी। चूंकि खाने के बिना हम जी सकते हैं लेकिन श्वास के बिना कुछ मिनट भी नहीं जी सकते।
वे वीरवार को लायन क्लब सुप्रीम मंडी डबवाली द्वारा महाराजा पैलस में आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर में अपने विचार प्रकट कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्वास ही वह संजीवनी बूटी है जिस के बल पर अस्वस्थ व्यक्ति भी स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब फेफड़े काम नहीं करेंगे तो हृदय रोग होंगे और हृदय सही रूप से काम नहीं करेगा तो डाईजस्ट सिस्टम ठीक  नहीं रहेगा। इस प्रकार पूरा शरीर रोगी होकर दम तोड़ देगा।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि किस प्रकार से सही श्वास से फेफड़े, दिल  तथा डाईजिस्ट सिस्टम ठीक रखा जा सकता है। किस प्रकार से घुटनों के दर्द, दमा, कमर दर्द, थायरॉड, मधुमेह रोग को ठीक किया जा सकता है। लीवर व किडनी को स्वास्थ्य रख कर किस प्रकार से 100 वर्ष तक जीवन जीया जा सकता है।
इसके बाद उन्होंने सतलुज पब्लिक स्कूल, भगवान श्री कृष्ण बीएड कॉलेज तथा डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों और स्टॉफ को भी ओंकार, योग की तकनीकी और वैज्ञानिक जानकारी दी। इस मौके पर उनके  साथ  अनन्द योग अमृत दिल्ली के ट्रस्टी आनन्द जैन तथा कल्ब के प्रधान नरेश गुप्ता, भूपेन्द्र पाहूजा, गुरदीप कामरा, संजीव कुमार, दीपक सिंगला, एमएल ग्रोवर भी थे।

प्रीतम बांसल शाखा डबवाली के अध्यक्ष बने

डबवाली (लहू की लौ) अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की 10 जनवरी से 12 जनवरी 2015 तक हरिद्वार में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद रामदास अग्रवाल की अध्यक्षता में होने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को लेकर हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष बजरंग दास गर्ग के हिसार निवास पर प्रदेश कार्यसमिति की एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई जिसमें राष्ट्रीय कार्य समिति के सभी विषयों को लेकर बैठक में विस्तृत जानकारी दी गई।
महासम्मेलन के राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि दिसंबर तक सभी जिलाध्यक्ष एवं शाखाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर गहन विचार विमर्श के उपरांत डबवाली शाखा के लिए प्रीतम बांसल का नाम घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि स्थानीय शाखा की एक आवश्यक बैठक शाखाध्यक्ष प्रीतम बांसल की अध्यक्षता में 20 दिसंबर को रात्रि 7 बजे रखी गई है।
विस्तृत चर्चा होगी
यह जानकारी देते हुए शाखा महामंत्री कुलदीप बांसल ने बताया कि बैठक में उपस्थित होने वाले सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को राष्ट्रीय कार्यसमिति में जिन विषयों पर मंथन किया जाना है, उनकी विस्तृत जानकारी बैठक में दी जाएगी। गुप्ता ने बताया कि स्थानीय शाखा के सदस्य बड़ी संख्या में हरिद्वार बैठक में शामिल होंगे।

अग्निकांड शहीदों की स्मृति में लगेगा ब्लड कैंप

डबवाली (लहू की लौ) स्थानीय युवा रक्तदान सोसायटी (रजि.) द्वारा अग्निकांड के शहीदों की स्मृति में 23 दिसंबर को प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक अग्रवाल धर्मशाला में संदीप चौधरी के सानिध्य में लगाए जा रहे 96वें विशाल रक्तदान शिविर का उद्घाटन देवकुमार शर्मा करेंगे।
यह जानकारी देते हुए संस्था के संस्थापक सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि शिविर में अरोड़वंश धर्मशाला सभा के अध्यक्ष प्रेम सिंह सेठी, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के शाखा अध्यक्ष प्रीतम बांसल, पंजाब नैशनल बैंक के शाखा प्रबंधक परमजीत कोचर, यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा, डॉ. जीडी जिंदल एवं लोहा व्यापारी वरूण सिंगला विशिष्ट अतिथि होंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले महानुभावों से रक्त प्राप्त करने के लिए महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ. ऋचा नैन के सानिध्य में 16 सदस्यीय टीम पहुंचेगी। स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले सभी रक्तदानियों की मौके पर स्वास्थ्य जांच उपरांत रक्त लिया जाएगा। लायंस क्लब सुप्रीम के अध्यक्ष नरेश गुप्ता, सचिव दीपक सिंगला ने बताया कि शिविर की सफलता में उनके क्लब का अहम योगदान रहेगा।

20 दिसंबर को गांव डबवाली में भरेगा जोड़ मेला

डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली के बाबा जीवन सिंह जागृति मंच द्वारा चमकौर साहिब, पंजाब में शहीद हुए बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह व अमर शहीद बाबा जीवन सिंह की स्मृति में होने वाले सलाना जोड़ मेले के उपलक्ष्य में गांव डबवाली के शिव नगर में एक भव्य धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मंच के प्रवक्ता भाई वरियाम सिंह ने बताया कि गांव वासियों के सहयोग से 20 दिसंबर को प्रात: 10 बजे सहिज पाठ का भोग एवं 11 बजे से 2 बजे तक गांव के शिवनगर में विशाल रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। शिविर का उद्घाटन नायब तहसीलदार छोटू राम करेंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले महानुभावों से रक्त प्राप्त करने के लिए सिरसा के सामान्य अस्पताल के ब्लड बैंक से जिला रेडक्रॉस सोसायटी के परियोजना अधिकारी अश्विनी शर्मा के सानिध्य में चिकित्सकों की टीम उपस्थित होगी। शिविर की सफलता के लिए युवा रक्तदान सोसायटी के संस्थापक सुरेंद्र सिंगला, मंच के डॉ. मदन लाल, करनैल सिंह चक्कीवाले, रेशम सिंह मिस्त्री, निर्मल सिंह गंगा, जगरूप सिंह धालीवाल, गुरमेल सिंह, रूप सिंह, डॉ. मंदर सिंह, मा. जगदीश सिंह सहित अन्य साथियों का अहम योगदान रहेगा।

बेटे के बर्थ-डे से दो दिन पहले उठी पिता की अर्थी


मलोट रोड़ पर हादसा, टयूब्बैल के कनेक्शन करके बाईक पर बेटे के साथ वापिस लौट रहा था

डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार रात को मलोट रोड़ पर ट्राला की टक्कर से बाईक सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उपचार के लिये दोनों को अस्पताल लेजाया गया। किलियांवाली पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
रात करीब 9 बजे गांव डबवाली निवासी 40 वर्षीय वीरभान सिंह अपने 18 वर्षीय बेटे सतीश कुमार तथा डबवाली के धालीवाल नगर में रहने वाले 20 वर्षीय गगनदीप के साथ बाईक पर डबवाली की ओर आ रहा था। बाईक को सतीश चला रहा था। डबवाली से कुछ ही दूरी पर पंजाब क्षेत्र में स्थित ईंट भट्ठा के सामने मलोट की ओर जा रहे एक ट्राला ने अपनी दाईं ओर मुड़ते हुये बाईक में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वीरभान तथा गगनदीप बुरी तरह से जख्मी हो गये। जबकि सतीश बाल-बाल बच गया। डबवाली निवासी ठेकेदार रवि ग्रोवर ने दोनों को उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सक ने वीरभान को मृत घोषित कर दिया।
टयूब्बैल कनेक्शन करके लौट रहे थे
गगनदीप ने बताया कि रवि ग्रोवर ने पंजाब क्षेत्र में टयूब्बैल कनेक्शन करने का ठेका लिया हुआ है। वे पिछले कुछ दिनों से पंजाब के मलोट के निकट स्थित गांव घग्घा में कनेक्शन करने में लगे हुये थे। रात को डबवाली वापिस लौट रहे थे। उनके साथ गांव लंबी का हरवीर भी था। जिसे उन्होंने मार्ग में लंबी गांव में उतार दिया था।
मामला दर्ज
मामले की जांच कर रहे किलियांवाली पुलिस के हवलदार गुरमीत सिंह ने बताया कि मृतक के बेटे सतीश के ब्यान पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बुधवार को डबवाली के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।

मेरे बर्थ-डे पर कार खरीदनी थी
मृतक वीरभान के बेटे सतीश ने बताया कि उसका पिता करीब बीस वर्षों से टयूब्बैल कनेक्शन स्थापित करने का कार्य कर रहा था। दूर-दराज के क्षेत्र में जाने के लिये बाईक का इस्तेमाल करता था। एक साल पूर्व ही वह अपने पिता के साथ काम पर जाना शुरू हुआ था। इस बार भी उन्हें शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव में काम मिला था। वह अपने पिता के साथ 300 रूपये प्रतिदिन दिहाड़ी पर कार्यरत था। उसके पिता की तमन्ना अब कार खरीदने की थी। 19 दिसंबर 2014 को उसका जन्म दिन है। उस दिन ही उन्होंने कार खरीदनी थी। बर्थ-डे से दो दिन पहले ही उसके पिता की मौत हो गई 

ठंड का कहर, दो की मौत

कोहरे ने रोकी जिंदगी की रफ्तार, बस और ट्रेन हुई लेट

डबवाली (लहू की लौ) बुधवार को कड़ाके की ठंड के साथ आये कोहरे ने जिंदगी की रफ्तार रोक दी। ठंड की वजह से डबवाली रेलवे स्टेशन पर एक मुसाफिर की मौत हो गई। वहीं कोहरे की वजह से हरियाणा रोड़वेज तथा रेलवे का पहिया जाम हो गया। सड़क मार्ग पर विजिबलिटी शून्य होने पर वाहन रेंगते दिखाई दिये।
सुबह प्लेटफार्म नं. 2 पर मिला शव
बुधवार सुबह जीआरपी को रेलवे प्लेटफार्म नं. 2 पर एक वृद्ध का शव मिला। मोबाइल के आधार पर मृतक की पहचान गांव अहमदपुरा (पीलीबंगा) निवासी 62 वर्षीय विचित्र सिंह के रूप में हुई। मृतक के बेटे कालू राम ने पुलिस को बताया कि 14 दिसंबर को उसका पिता रामदेवरा के दर्शन के लिये गया था। वापिसी में उसने पीलीबंगा रेलवे स्टेशन पर उतरना था। आंख लगने की वजह से वे डबवाली पहुंच गये। ठंड से बचने के लिये उनके पास कोई गर्म वस्त्र नहीं था। जिसके चलते प्लेटफार्म नं. 2 पर उसकी मौत हो गई। जीआरपी डबवाली के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुये शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बस आधा घंटा लेट हुई
घने कोहरे की वजह से हरियाणा रोड़वेज की बसें निर्धारित समय पर नहीं पहुंच सकीं। बस अड्डा के प्रभारी विजय कोचर ने बताया कि बसें करीब आधा से पौना घंटा देरी से पहुंची। हालांकि एक भी बस मिस नहीं हुई।
एक घंटा लेट आई पैसेंजर ट्रेन : कोहरे की वजह से सड़क के साथ-साथ रेल मार्ग भी प्रभावित हुआ। डबवाली रेलवे स्टेशन पर ठीक 11 बजकर 05 मिनट पर पहुंचने वाली अनूपगढ़-बठिंडा पैसेंजर ट्रेन 12 बजकर 05 मिनट पर पहुंची। 12 बजकर 10 मिनट पर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई।

ड्राईवर की मौत

गांव डूमवाली टैक्स बैरियर पर एक ड्राईवर ट्रक में सोया रह गया। माना जा रहा है कि ठंड की वजह से उसकी मौत हुई है। पटियाला के रहने वाले लखविंद्र सिंह उर्फ गोल्डी ने बताया कि वह कुरूक्षेत्र निवासी महिपाल के साथ कर्नाटक से बठिंडा के लिये निकला था। बैरियर से करीब 20 किलोमीटर दूर महिपाल ने गाड़ी उसे थमा दी। बैरियर पर पहुंचकर जब उसने महिपाल को संभाला तो वह मृत मिला। संगत पुलिस के एएसआई सुखपाल सिंह ने डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सहयोग से शव को पोस्टमार्टम के लिये बठिंडा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।

धर्मशाला प्रबंधकों के रवैये के खिलाफ धरना देने की चेतावनी

डबवाली (लहू की लौ) सालासर स्थित डबवाली धर्मशाला में एडवांस बुकिंग को लेकर विवाद शुरू हो गया है। एक ट्रक ऑपरेटर ने धर्मशाला प्रबंधकों के रवैये के खिलाफ धरना देने की चेतावनी दी है। वहीं ओम बाबा का कहना है कि ट्रस्टियों ने कमरों की एडवांस बुकिंग की है। 
ट्रक ऑपरेटर जसमिंद्र सिंह उर्फ चिड़ी बराड़ ने कहा कि सालासर स्थित डबवाली धर्मशाला का निर्माण शहरवासियों के चंदे से हुआ है। लेकिन धर्मशाला के दरवाजे शहर के लोगों के लिये बंद हैं। उन्होंने नया वर्ष मनाने के लिये सालासर जाना था। लेकिन पता चला कि धर्मशाला के सभी कमरे ही एडवास में बुक हो गये हैं। बराड़ ने कहा कि धर्मशाला के लिये ईंटें भेजने के लिये फ्री में ट्रक यूनियन के ट्रक लेजाये जाते हैं। अन्य कामों के लिये भी यूनियन पर दबाव बनाया जाता है। लेकिन जब कमरा मांगने की बात आती है तो उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है। यह सरासर गलत है। प्रबंधकों का रवैया असहनीय है। वह इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
इधर धर्मशाला के प्रवक्ता ओम बाबा ने कहा कि धर्मशाला के ट्रस्टियों ने ही कमरों की बुकिंग की है।

पंचायती राज के वित्तायुक्त ने सुनाया फैसला



सस्पेंड रहेगा मौजगढ़ का सरपंच

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में हरियाली योजना में हुये घपले के मामले में वित्तायुक्त पंचायती राज हरियाणा ने अपना फैसला सुना दिया है। सरपंच को सस्पेंड करने के उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है। जिसके बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय डबवाली ने कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करवाने के लिये गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
साल 2011 में हरियाली योजना के तहत गांव मौजगढ़ में पौधारोपण हुआ था। पौधारोपण पर पंचायत ने 3.90 लाख रूपए खर्च दिखाए। गांव मौजगढ़ के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता 48 वर्षीय अमरीक सिंह ने 19 मई 2011 को आरटीआई के जरिए पौधारोपण की जानकारी मांग की। आधी-अधूरी जानकारी देकर पंचायत ने काम चलता करने का प्रयास किया। अपील में जाने के बाद उसे जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद कार्यकर्ता ने सूचना में दर्शाए गए पौधारोपण के स्थान स्कूल, जलघर, गांव की फिरनी, शमशान घाट, बिश्नोई मंदिर, महाशा धर्मशाला आदि का निरीक्षण किया। पौधारोपण में गड़बड़ी की शिकायत बिश्नोई ने जिला प्रशासन को की। तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत को गलत बताते हुए मामला फाईल करने की सिफारिश कर दी।
जांच रिपोर्ट को प्रशासन ने दबा लिया। शिकायतकर्ता को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। बाद में आरटीआई के जरिए अमरीक बिश्नोई को जांच रिपोर्ट मिल पाई। जांच से असंतुष्ट बिश्नोई ने जिला प्रशासन से दोबारा जांच करवाने की मांग की। जांच का जिम्मा तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्यारोण को सौंपा गया। उपमंडलाधीश ने जांच के लिए तत्कालीन तहसीलदार राजेन्द्र कुमार की नियुक्ति की। तहसीलदार ने जांच के बाद 9 मई 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। जिसके आधार पर सरपंच ओमप्रकाश को दोषी पाया गया। 11 जून 2013 को वर्तमान तहसीलदार परमजीत सिंह चहल ने मौका का निरीक्षण करने के बाद पुन: अपनी रिपोर्ट पेश की। दोनों रिपोर्टों को आधार बनाकर तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्योराण ने पौधारोपण की राशि 3.90 लाख रूपए के दुरूपयोग तथा नियमों की पालना न करने का दोषी मानते हुए सरपंच ओमप्रकाश तथा गांव के तत्कालीन पंचायत सचिव कुलदीप सिंह के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए 9 जुलाई 2013 को पत्र उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया था। साथ में तत्कालीन बीडीपीओ की रिपोर्ट को आधारहीन तथा तथ्यों से परे बताया था। उपरोक्त मामले में संलिप्त पंचायत सचिव को चार्जशीट करने के बाद सरपंच ओमप्रकाश को सस्पेंड कर दिया था। उपायुक्त के निर्णय के विरूद्ध सरपंच वित्ताायुक्त पंचायत विभाग के पास चला गया था। स्टे मिलने के बाद वह 15 जुलाई 2014 तक बहाल हो गया। लेकिन अमरीक बिश्नोई का पक्ष जानने तथा जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद वित्तायुक्त पंचायत विभाग हरियाणा ने उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है।
एसईपीओ रामप्रकाश ग्रोवर के अनुसार वित्ताायुक्त का पत्र मिला है। जिसके बाद गांव मौजगढ़ के कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करने के लिये गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इसके लिये जल्द तारीख निर्धारित कर दी जायेगी।

मां को दिया वायदा पूरा करने के लिये जख्मों की परवाह न करते हुये पढ़ी गुंजन कामरा

डबवाली (लहू की लौ) मां से वायदा किया था, एक दिन डॉक्टर बनूंगी। अग्निकांड में मां तथा दादी को खो दिया। उससे मुझे जो जख्म मिले, वह वायदे से बढ़कर नहीं थे। मुझे वायदा पूरा करने पर खुशी है। गम इस बात का है कि वह आज इस दुनियां में नहीं, जिससे वायदा किया था। यह कहना है गुंजन कामरा का। अग्निकांड से पीडि़त गुंजन कामरा शहर की ऐसी पहली लड़की है, जो लड़कों को पछाड़कर चिकित्सक बनी। आज यह पीडि़ता ऑस्ट्रेलियन को चिकित्सीय सेवाएं दे रही है।
23 दिसंबर 1995 को गुंजन अपने पिता मुकेश कामरा, मां नरेश उर्फ प्रीति कामरा, भाई वरूण कामरा के साथ डीएवी स्कूल का वार्षिक कार्यक्रम देखने के लिये राजीव मैरिज पैलेस में गई थी। उन दिनों गुंजन का एमबीबीएस के लिये कर्नाटक स्थित हुबली में एडमिशन हुआ था। वहीं डीएवी स्कूल की प्रिंसीपल उनकी मां नरेश कामरा ही थीं। गुंजन तथा मुकेश कामरा आग में झुलसने के बाद बाहर आ गये। वरूण भी अपनी मां नरेश कामरा के साथ बाहर आ गया थे। मैरिज पैलेस से सही सलामत बाहर आने के बावजूद प्रिंसीपल नरेश कामरा बच्चों को आग में जलता नहीं देख सकी। वह बच्चों को बचाने के लिये दौड़ी। लेकिन उनके पति मुकेश कामरा ने उनकी बाजू पकड़ ली। अपने पति की बाजू छुड़वाते हुये वह बच्चों को बचाने के लिये आग के दरिया में कूद गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी। आग में झुलसने के बाद गुंजन तथा मुकेश कामरा को डीएमसी लुधियाना में लेजाया गया। आग में 25 से 30 फीसदी तक झुलसने के बाद गुंजन तीन माह तक उपचाराधीन रही।
पांच साल तक चला उपचार
आग में झुलसने के बावजूद गुंजन एमबीबीएस करने के साथ-साथ करीब पांच साल तक उपचार लेती रही। वर्ष 2000 में एमबीबीएस की डिग्री हाथ में आई। वर्ष 2002 में गुंजन की शादी बंगलुरू निवासी साईकोट्रिस्ट प्रसून्न से हुई। बंगलुरू में एक साल तक प्रेक्टिस करने के बाद वर्ष 2004-06 में पेथोलॉजी की डिग्री प्राप्त की। बाद में अपने पति के साथ जुलाई 2006 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गई।
ऑस्ट्रेलिया ने सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक के अवार्ड से नवाजा
भारत में चिकित्सीय डिग्री लेकर ऑस्ट्रेलिया गई इस अग्निकांड पीडि़ता ने वहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सा सेवाएं देने के लिये उसने एक वर्ष तक कड़ी मेहनत की। बाद में उसका इग्जाम हुआ। जिसमें उसने करीब 80 फीसदी से ऊपर अंक प्राप्त किये। ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सीय क्षेत्र मे सरकारी जॉब मिलने पर गुंजन ने फिजिशयन के तौर पर टैंमब्रथ सिटी में कार्य शुरू किया। ऑस्ट्रेलियन सरकार ने उसे वर्ष 2012 की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक के अवार्ड से नवाजा। इन दिनों वह क्वींसलैंड (ब्रिसबेन) में कार्यरत है। डबवाली अग्निकांड को 19 वर्ष बीत चुके हैं। यह पहला मौका है कि गुंजन डबवाली में है। वह तीन साल बाद भारत लौटी है। हादसे के बाद पहली बार वह अग्निकांड स्मारक पर कदम रखेगी।
प्रतिदिन कमा रही 1000 डॉलर
ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सीय सेवा दे रही गुंजन काम के बदले प्रतिदिन 1000 डॉलर कमा रही है। अगर इसकी तुलना भारतीय मुद्रा से की जाये तो वह हर रोज 63 हजार रूपये से ज्यादा कमा रही है। गुंजन के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में पैसा काम के बदले मिलता है। जिस दिन काम नहीं, उस दिन वेतन नहीं। यहीं नहीं ऑस्ट्रेलिया में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप के तहत काम किया जा सकता है।
आज भी सताता है अग्निकांड का दर्द
गुंजन के अनुसार अग्निकांड का दर्द उसे हमेशा सताता है। वह इतना आग में नहीं झुलसी थी। लेकिन गलत चिकित्सीय सेवा मिलने के कारण उसके जख्म बढ़ गये। उसे हाथों पर ग्राफटिंग करवानी पड़ी। अग्निकांड पीडि़ता के अनुसार आज भी चिकित्सीय सेवाओं का अभाव है। मैं मानती हूं कि प्रत्येक मेडिकल संस्थान में बर्न यूनिट स्थापित नहीं किया जा सकता। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की तरह टेली कांफ्रेंसिंग की जा सकती है। विशेषज्ञ डॉक्टरों से संबंधित मरीज का पूरा बायोडाट शेयर करके उपचार किया जा सकता है।
अग्निकांड पीडि़तों की काऊंसलिंग जरूरी
ऑस्ट्रेलिया की बेहतरीन चिकित्सकों शुमार इस अग्निकांड पीडि़ता का कहना है कि वह चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चली जाये, उसे हमेशा अग्निकांड का दर्द सताता रहेगा। अग्निकांड में ऐसे परिवार भी आये, जिनकी आर्थिक हालत इतनी बेहतर नहीं थी, जो आज तक भी इससे उभर नहीं पाये हैं। कुछ ऐसे परिवार थे, जिनकी आर्थिक हालत बेहतर थी, उन परिवारों के युवा बेशक आगे बढ़ गये हैं। मेरा मानना है कि अग्निकांड पीडि़तों की काऊंसलिंग होनी चाहिये। वर्तमान समय में काऊंसलिंग करके ही उनकी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
दादी गई थी, बाद में पता चला
गुंजन का कहना है कि मां को दिया वायदा बेशक पूरा हो गया। लेकिन वो आज इस दुनियां में नहीं हैं। 23 दिसंबर 1995 को उसके भाई ने कार्यक्रम में भागीदारी की थी। अपने पोते को कार्यक्रम करता देखने के लिये दादी रेशमा देवी उनसे पहले ही बिना बताये चली गई। उनकी मृत्यु की खबर हादसे के आठ दिन बाद लगी।

21 दिसंबर को होगा अखंड पाठ प्रकाश

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड की 19वीं पुण्यतिथि पर 23 दिसंबर को अग्निकांड स्मारक पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। डबवाली अग्निकांड पीडित संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि इस संदर्भ में 21 दिसंबर को श्री गुरू ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का प्रकाश किया जाएगा। जबकि श्री रामायण पाठ का आरंभ 22 दिसंबर को होगा। बांसल ने बताया कि 23 दिसंबर को प्रात: 10 बजे हवन यज्ञ होगा। इसके पश्चात रीति-रिवाजों से श्री अखंड पाठ व श्री रामायण पाठ के भोग डाले जाएंगे। सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। जबकि घटना के समय दोपहर 1:47 बजे हादसे के शहीदों को मौन श्रद्धांजलि दी जाएगी।

अवारा पशुओं को संभालने के लिये नप में बैठक आज

डबवाली (लहू की लौ) शहर में भारी संख्या में घूम रहे आवारा पशुओं को संभालने के लिए शहर की सभी सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के अलावा अन्य गणमान्य लोगों की एक बैठक वीरवार शाम साढ़े तीन बजे नगर परिषद कार्यलय में रखी गई है। नगर परिषद सचिव ऋषिकेश चौधरी ने बताया कि बैठक में अवारा पशुओं को संभालने के लिए नंदीशाला बनाने के बारे विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा शहर की अन्य समस्याओं के बारे में भी विचार किया जाएगा।

पाकिस्तानी बच्चों को मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) नगर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं ने पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा शहीद किये गये बच्चों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई और साथ में दरिंदों को सद् बुद्धि दिये जाने की भगवान से प्रार्थना की गई।
एचपीएस शेरगढ़ के आचार्य रमेश सचदेवा ने बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए तथा आतंकवादियों को नसीहत देते हुए कहा कि खून के नापाक ये धब्बे, ख़ुदा से कैसे छिपाओगे, मासूमों की क़ब्र पर चढ़कर, कौन सी जन्नत में जाओगे। पाकिस्तान में पेशावर शहर के एक आर्मी स्कूल पर तालिबान के हमले में कुल 141 लोग मारे गए हैं जिनमें 132 बच्चे हैं और नौ स्कूल के स्टॉफ सदस्य हैं। इस अवसर पर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तथा बर्बतापूर्वक कार्य करने वाले दरिंदों को सदबुद्धि के लिए समूचे विद्यालय द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया।
राजा राम गल्र्ज सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने भी दो मिनट का मौन रख कर बच्चों को श्रद्धांजलि दी वहीं एक स्वर में आतंकियों की इस हरकत की निन्दा की।
बार एसोसिएशन ने की निंदा
बार एसोसिएशन डबवाली ने बार अध्यक्ष धर्मवीर कुलडिय़ा की अध्यक्षता में एक आपात बैठक करके पेशावर में हुई उक्त घटना की एक प्रस्ताव पारित करके निन्दा की।

पाकिस्तानी बच्चों को मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) नगर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं ने पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा शहीद किये गये बच्चों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई और साथ में दरिंदों को सद् बुद्धि दिये जाने की भगवान से प्रार्थना की गई। 
एचपीएस शेरगढ़ के आचार्य रमेश सचदेवा ने बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए तथा आतंकवादियों को नसीहत देते हुए कहा कि खून के नापाक ये धब्बे, ख़ुदा से कैसे छिपाओगे, मासूमों की क़ब्र पर चढ़कर, कौन सी जन्नत में जाओगे। पाकिस्तान में पेशावर शहर के एक आर्मी स्कूल पर तालिबान के हमले में कुल 141 लोग मारे गए हैं जिनमें 132 बच्चे हैं और नौ स्कूल के स्टॉफ सदस्य हैं। इस अवसर पर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तथा बर्बतापूर्वक कार्य करने वाले दरिंदों को सदबुद्धि के लिए समूचे विद्यालय द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया।
राजा राम गल्र्ज सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने भी दो मिनट का मौन रख कर बच्चों को श्रद्धांजलि दी वहीं एक स्वर में आतंकियों की इस हरकत की निन्दा की।
बार एसोसिएशन ने की निंदा
बार एसोसिएशन डबवाली ने बार अध्यक्ष धर्मवीर कुलडिय़ा की अध्यक्षता में एक आपात बैठक करके पेशावर में हुई उक्त घटना की एक प्रस्ताव पारित करके निन्दा की।

मसीतां में धूमधाम से मनेगा जन्म दिहाड़ा

डबवाली (लहू की लौ) गांव मसीतां स्थित गुरूद्वारा भोरा साहिब में संत महाराज हरकिशन सिंह तथा बाबा बलवंत सिंह का जन्म दिहाड़ा बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। इस संदर्भ में 22 से 24 दिसंबर तक तीन दिवसीय धार्मिक दीवान सजाये जाएंगे।
उपरोक्त कार्यक्रम के तहत को युवाओं ने बस अड्डा से गुरूद्वारा साहिब तक स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान युवाओं ने सड़क को चकाचक कर दिया। किनारे पड़ी वन छंटियों तथा गंदगी को हटाया। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह बराड़, मनिंद्र सिंह बराड़, निर्भय सिंह, प्रगट सिंह, गुरसेवक सिंह, विक्रम, रमनदप, नरिंद्रजीत सिंह, सिकंदर सिंह दलेह, अमनदीप सिंह सरां, रविंद्र सिंह दलेह, चरणजीत सिंह दलेह, सर्वजीत सिंह सीड़ा, रामआसरा सरां, लखवीर सिंह, सुखविंद्र सिंह, बब्बू सिंह, लवप्रीत सिंह दलेह, लखविंद्र सिंह बराड़, गोबिंद सिंह, प्रदीप सिंह सीड़ा, कुलदीप सिंह दलेह, गगनदीप शर्मा, भूपिंद्र सिंह दलेह तथा लवली मौजूद थे।
अब गलियां चमकाएंगे
युवाओं ने बताया कि सफाई अभियान के दूसरे चरण में वे गांव की गलियों को साफ करेंगे।

सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी, 22 दिसंबर को जिला में गरजेंगे कर्मचारी

डबवाली (लहू की लौ) स्थानीय चौहान नगर में स्थित जलघर में हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी वर्करज यूनियन जनस्वास्थ्य शाखा डबवाली की एक जनरल बैठक यूनियन के प्रधान रामकुमार बिश्नोई की अध्यक्षता में हुई। इसमें तमाम जलघरों से सैंकडों कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में यूनियन के राज्य महासचिव कृष्ण लाल गुर्जर, राज्य उपाध्यक्ष निर्मल सिंह, राज्य संगठन सचिव गुरदीप सिंह, बीएंडआर सिरसा के कोषाध्यक्ष मदन लाल शर्मा व उपाध्यक्ष राम सिंह गिल ने विचार रखे। बैठक का संचालन कोषाध्यक्ष गणेशी लाल ने किया।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए महासचिव कृष्ण लाल गुर्जर ने बताया कि मौजूदा राज्य सरकार ने सत्ता प्राप्ति से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों बारे घोषणाएं की थी लेकिन सत्तासीन होने क बाद खट्टर सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को भी वापिस लेने का काम शुरू कर दिया है। रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से कम कर दोबारा 58 वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा पंजाब के समान वेतनमान देने व कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांगें भी पूरी नहीं की जा रही। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित भर्ती न करके प्रदेश के युवाओं व कर्मचारी वर्ग के साथ धोखा किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूनियन की राज्य कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार 22 दिसंबर से 27 दिसंबर तक सभी जिलों में जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। उपाध्यक्ष निर्मल सिंह व संगठन सचिव स. गुरदीप सिंह ने बताया कि 22 दिसंबर को सिरसा में कर्मचारियों द्वारा रोष प्रदर्शन किया जाएगा व इसी की तैयारियों को लेकर सभी शाखाओं में कर्मचारियों की बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने बैठक में उपस्थित कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर 22 दिसंबर के रोष प्रदर्शन में भाग लें। इससे पहले बैठक में शाखा सचिव मंगतराम के पिता, कश्मीरी लाल की माता, साहब राम के पिता व परमजीत के पिता के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर उनकी आत्मिक शंाति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक में गणेशी लाल, निर्मल सिंह, जगपाल सिंह, दीवान चंद, लालचंद, मनमोहन सिंह, राज सिंह, सुभाष चंद्र, राजकुमार, बलबीर सिंह, बृजलाल, शंकर लाल, धर्मेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार ने भी विचार रखे एवं आश्वासन दिया कि 22 दिसंबर को जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन में डबवाली से सैंकडों कर्मचारी भाग लेंगे।

19 Dec. 2014