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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

08 जनवरी 2011

ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में आग, लाखों का नुक्सान


डबवाली (लहू की लौ) ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स में शुक्रवार अल सुबह अचानक आग लग गई। आग से लाखों रूपए के बिजली उपकरण जलकर राख हो गए। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है। अग्निश्मक दस्तों ने करीब दो घंटे के कड़े संघर्ष के बाद आग पर काबू पाया।
यूं लगा पता
बैंक के बाहर स्थित एटीएम के गार्ड कमलेश ने सुबह करीब 4 बजे बैंक के भीतर धुआं उठता देखा। उसने इसकी सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी। सूचना पाकर मौका पर फायर ब्रिगेड के एफएसओ हरमिंद्र सिंह, लिडिंग फायरमैन श्याम सुंदर, चालक रामप्रताप, फायरमैन विक्रम दास तथा नन्द राम पहुंचे।
शोरूम के शीशे तोड़ आग पर पाया काबू
बैंक के भीतर से धुंआ उठ रहा था। फायर ब्रिगेड कर्मचारी भी धुएं और घुटन के चलते भीतर जाने में मुश्किल अनुभव कर रहे थे। आग कहां लगी है, इसका पता नहीं चल पा रहा था।  करीब आधा घण्टा तक यह मालूम नहीं हो पाया कि आग बैंक के किस हिस्से में लगी है। फायर ऑफिसर हरमिंद्र सिंह के अनुसार आधा घंटा बाद बैंक के पीछे स्थित वोडाफोन के शोरूम के शीशे तोड़कर आग का पता लगाया गया और वहां से पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू हुआ। मौका पर पहुंची नगरपालिका की दोनों फायर ब्रिगेड ने करीब ढ़ाई घण्टे के कड़े संघर्ष के बाद आग पर काबू पाया।
पांच लाख का नुक्सान
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बैंक के शाखा प्रबंधक प्रेम भूषण गर्ग ने बताया कि आग लगने का कारण शार्ट-सर्किट हो सकता है। उनके अनुसार आग से एटीएम का पांच किलोवाट का यूपीएस, एक अन्य तीन किलोवाट का यूपीएस, यूपीएस की बैटरियां, इसी रूम में पड़ी बैंक की स्टेशनरी, बैंक में लगे चार एसी तथा अन्य इलेक्ट्रोनिक सामान जलकर राख हो गया। करीब पांच लाख रूपए का नुक्सान हुआ है। लेकिन स्ट्रॉंग रूम बाल-बाल बच गया। उन्होंने बताया कि इस आग के कारण हाल ही में करवाई गई पीओपी भी नष्ट हो गई। आग से छत को भी नुक्सान पहुंचा।
यूपीएस रहते हैं ऑन
बैंक के मैनेजर प्रेम भूषण गर्ग के अनुसार बैंक के स्टेशनरी रूम में दो यूपीएस लगे हुए हैं। जिनमें से पांच किलोवाट का यूपीएस एटीएम तथा तीन किलोवाट का यूपीएस बैंक के कार्य के लिए लगा हुआ है। ये दोनों यूपीएस हमेशा ऑन रहते हैं। इन्हीं में से किसी में शार्ट सर्किट हुआ होगा, जो आग लगने का कारण बना।
भवन मालिक केके सेठी के अनुसार अगर समय रहते आग पर काबू न पाया जाता तो उनके ऊपर स्थित निवास को भी नुक्सान पहुंचता। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस भी फोन करने के ढाई घण्टे के बाद घटनास्थल पर पहुंची। जबकि उपमण्डलाधीश को फोन किए जाने के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी मौका पर नहीं पहुंचे और न ही उन्होंने उनका फोन रिसीव किया।
कोई केजूअलटी नहीं हुई
ढाई घण्टे विलम्ब से पहुंचे थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू से जब केके सेठी ने कहा कि वह कई बार थाना में फोन कर चुका है। लेकिन किसी ने उठाया नहीं। अगर उठाया तो पहुंचा नहीं। इसके जवाब में थाना शहर प्रभारी ने बताया कि वह बाहर गश्त पर थे। उन्हें जैसे ही आग की सूचना मिली, वे मौका पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि कोई केजूअलटी नहीं हुई।
आग से पुराना नाता
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का आग से पुराना नाता है। बैंक में पिछले साल की 3 जुलाई को भी अचानक आग लग गई थी। उस समय इलेक्ट्रोनिक रूम में लगा बिजली का मीटर जलकर राख हो गया था। आग का कारण शार्ट सर्किट ही माना गया था।

07 जनवरी 2011

तस्करी में प्रेमी जोड़ा काबू

डबवाली (लहू की लौ) पोस्त तस्करी में एक महिला और पुरूष को कार के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पिछले कई दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी कि संगरिया से कुछ लोग पोस्त लाकर आसपास के गांवों में बेच रहे हैं और साथ में यह लोग पंजाब में भी ले जाकर पोस्त की स्मगलिंग करते हैं। इसी मुखबरी के आधार पर थाना सदर के एएसआई आत्मा राम ने गुरूवार शाम को गांव आसाखेड़ा क्षेत्र में नाकाबंदी की हुई थी।
संगरिया साईड से पुलिस को एक मारूति कार आती हुई दिखाई दी। जिसको रूकवा कर तालाशी ली गई तो कार की डिग्गी में रखा 10 किलोग्राम चूरा पोस्त बरामद हुआ। कार में सवार लोगों में से पुरूष ने अपनी पहचान सुखपाल (30) पुत्र मिट्ठू सिंह निवासी रामा मंडी तथा महिला ने अपनी पहचान सर्वजीत कौर (28) पत्नी अवतार सिंह निवासी रामा मंडी के रूप में करवाई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
एएसआई आत्मा राम ने बताया कि आरोपियों ने स्वीकार किया कि वह इससे पहले पांच बार कार पर चूरा पोस्त की तस्करी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गये आरोपियों में से महिला सर्वजीत कौर ने बताया कि 10 माह पूर्व उसके पति अवतार सिंह ने उसे छोड़ दिया था। इस दौरान उसकी मुलाकात सुखपाल सिंह से हुई और तभी से वह सुखपाल सिंह के साथ रह रही है। उन दोनों में प्रेम संबंध हैं।

दवाई एजेंट से पिस्तौल की नोक पर कार छीनी

डबवाली (लहू की लौ) राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर थाना औढ़ां क्षेत्र में निर्माणाधीन एक पुलिया के पास कारों पर सवार होकर आए सात अज्ञात व्यक्ति पिस्तौल की नोक पर एक दवाई एजेंट से उसकी आई20 गाड़ी छीनकर फरार हो गए।
बठिंडा के एलोपेथिक दवाई एजेंट जतिन कीनरा (37) ने थाना औढ़ां पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि वह बुधवार शाम को फतेहाबाद से बठिंडा वापिस अपनी आई20 गाड़ी से लौट रहा था। वह बड़े शहरों में मेडिकल स्टोर पर दवाई सप्लाई करने का कार्य करता है। वह जब फतेहाबाद से बठिंडा लौट रहा था तो मार्ग में एक निर्माणाधीन पुली के पास सामने से आ रहे ट्रक को देखकर उसने अपनी कार एक साईड पर लगा ली। इसी दौरान उसके पास आकर एक स्विफट और वरना गाड़ी रूकी। जिसमें से छह-सात युवक उतरे और उन्होंने उसे डराया-धमकाया तथा पिस्तौल लगाकर गाड़ी से उसे नीचे उतार लिया तथा उसकी गाड़ी लेकर फरार हो गए।
थाना औढ़ां प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि जतिन किनरा के ब्यान पर कार छीनने का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।

लाल चौक में हर हाल में फहराएंगे तिरंगा

कालांवाली (नरेश सिंगला) भारतीय अस्मिता का प्रतीक तिरंगा जिसके लिए कुर्बानी देकर हर हिन्दुस्तानी धन्य महसूस करता है। तिरंगा आस्था का प्रतीक है उसी तिरंगे के बारे में कुछ देशद्रोही तत्वों द्वारा यह कहना कि लाल चौंक पर तिरंगा नहीं फहराने देंगे उनकी संकुचित मानसिकता को प्रदर्शित करता है, ऐसे लोगों को हिन्दुस्तान में रहने का कोई हक नहीं है। परन्तु केन्द्र सरकार की नपुंसकता के चलते मोहम्मद यसिन मलिक जैसा कुच्चा सा नेता आए दिन ऐसे बयान देता रहता है।
ये शब्द भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा जिला सिरसा के अध्यक्ष नरेश गर्ग ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि तिरंगा न फहराने देने की बातें करने वाले लोग भारत में रहते हैं। भारत की खाते हैं और पैरवी करते हैं, पाकिस्तान जैसे आतंकी मुल्क की, ऐसे लोगों को जेल में बन्द करके उन पर देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए। यदि उन्होंने पाकिस्तान सांसद पर भी तिरंगा ध्वज लहराने की ठान ली तो भारतीय युवा मोर्चा पाकिस्तान में भी तिरंगा लहराने की हिम्मत रखता है और यासीन मलिक जैसे गिदड़ भारतीय युवा शेरों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
इस मौके पर युवा मोर्चा के जिला महामंत्री जितेन्द्र गर्ग औढां, जिला सचिव संजय गर्ग, जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्र सोनी भी उपस्थित थे।

3 लाख से अधिक महिलाएं बनी मतदाता

डबवाली (लहू की लौ) भारत निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हरियाणा के निर्देशानुसार 5 जनवरी को जिला की मतदाता सूची का सभी प्रकाशन स्थलों पर सफलतापूर्वक प्रकाशन कर दिया गया। इस मतदाता सूची में कुल 7 लाख 39 हजार 604 मतदाताओं को शामिल किया गया है। जिनमें 3 लाख 96 हजार 222 पुरुष तथा 3 लाख 43 हजार 382 महिला मतदाता है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सीजी रजिनीकांथन ने बताया कि मतदाता सूची का आरंभिक प्रकाशन 10 नवम्बर 2010 को किया गया था। जिसमें 7 लाख 21 हजार 120 मतदाता शामिल थे। इस प्रकार अब 18 हजार 884 नए मतदाता शामिल किए गए है। इस प्रकार से इस बार पूरे जिला में 2.56 प्रतिशत मतदाताओं की वृद्धि हुई है जिनमें 18 से 20 आयु के 5427 नए मतदाता जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि 42-कालांवाली 4709, 43-डबवाली में 3032, 44-रानियां में 3448, 45-सिरसा में 5378 तथा 46-ऐलनाबाद में 1717 मतदाताओं की वृद्धि हुई है।
उनके अनुसार मतदाता संबंधित मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाता सूची में अपने नामों की जांच कर ले। यदि किसी पात्र व्यक्ति का मतदाता सूची में दर्ज न हुआ हो तो वह अपना नाम दर्ज करवाने के लिए संबंधित निर्वाचक पंजीयन अधिकारी के पास किसी भी कार्य दिवस में फार्म नंबर-6 भरकर दर्ज करवा सकता है। इसी प्रकार किसी दर्ज नाम के बारे में आक्षेप हो तो वह फार्म नंबर-7 भरकर दे सकता है। किसी मतदाता के नाम में व अन्य दस्तावेज में त्रुटि हो तो वह फार्म नंबर-8 भरकर त्रुटि दूर करवा सकता है। फार्म नंबर-6, 7 व 8 संबंधित बूथ लैवल अधिकारियों से निशुल्क प्राप्त किए जा सकते है।

चोर गिरोह का पर्दाफाश

डबवाली। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को काबू किया है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से हुई चोरी की करीब दो लाख रूपए की संपत्ति भी बरामद कर ली है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुछताछ कर शहर की कोर्ट कालोनी, तेलियान वाली गली व द्वारकापुरी में हुई चार चोरियों की गुत्थी सुलझाने में सफलता हासिल की है। सीआईए सिरसा पुलिस ने आरोपियों से पुछताछ के दौरान उनके दो अन्य साथियों की भी पहचान कर ली है, जिन्हे शीध्र दबिश देकर गिरफ्तार किया जाएगा। विस्तृत जानकारी देते हुए सीआईए सिरसा के प्रभारी निरीक्षक किशोरी लाल ने बताया कि सिरसा के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने शहर सिरसा में हुई चोरी की वारदातों का जांच करने का जिम्मा उन्हें सौंपा था। उन्होंने बताया कि घटनाओं की गुत्थी सुलझाने के लिए सहायक उपनिरीक्षक ओमप्रकाश, तरसेम लाल व रण ङ्क्षसह पर आधारित स्टाफ की कई टीमों का गठन कर महत्वपूर्ण सुराग जुटाए गए।
सीआईए प्रभारी ने बताया कि महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए सर्वप्रथम घटना के दो आरोपियों संजय उर्फ संजू पुत्र लोकनाथ निवासी प्रीतनगर सिरसा व शकीलखान पुत्र अमीनखान निवासी कीर्तीनगर को 2 जनवरी को शहर सिरसा क्षेत्र से काबू किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ पर इनके तीसरे साथी रवि पुत्र राजकुमार निवासी कीर्तिनगर की पहचान हुई, जिसे 3 जनवरी को सिरसा क्षेत्र से काबू किया गया। सीआईए प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को 3 जनवरी को सिरसा अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एनके सिंघल की अदालत में पेश कर पूछताछ हेतू तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया।
उन्होने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों की निशानदेही पर करीब दो लाख रूपए की चोरीशुदा संपत्ति बरामद कर ली है, जिसमें नकदी तथा सोने के जेवरात शामिल है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के दो अन्य साथियों की भी पहचान कर ली गई है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

छेड़छाड़ की वारदातों को रोकने के लिए सादी वर्दी में तैनात होंगे पुलिस वाले

डबवाली (लहू की लौ) जिला पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र गुप्ता ने जिलाभर में गैर कानूनी धंधा करने वालों व असमाजिक तत्वों के खिलाफ अभियान में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। वे बुधवार सायं अपने कार्यालय में जिला के सभी उपपुलिस अधीक्षकों, थाना प्रभारियों एवं सैलों के इंचार्जों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ तस्करों, सट्टाखाईवाली करने वालों ,जुआ खेलने वालों, बेलजंपरों तथा संपत्ति विरूद्ध अपराधियों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जाए।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जनसहयोग से असमाजिक तत्वों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को और अधिक गति प्रदान करें। सभी पुलिस अधिकारी वैज्ञानिक तरीकों से मुकद्दमों की जांच करें, ताकि आरोपी किसी खामी का फायदा न उठा पाए। अदालत में विचाराधीन मुकद्दमों की सही ढंग से पैरवी की जाए ताकि कोई भी मुजरिम सजा से बच न पाए। गुप्ता ने राजस्थान से सटी सीमा पर स्थित इलाकों पर विशेष चैकिंग अभियान चलाकर मादक पदार्थ तस्करों पर शिकंजा कसने के निर्देश भी दिए। पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में दूसरे राज्यों के साथ लगते संदिग्ध रास्तों पर अचानक नाकेबंदी कर अपराधियों पर नकेल कसे। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र के गांवों में ठीकरी पहरा सुनिश्चित करवाए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि किसी घटना की पुनरावृति न हो पाए।
इस अवसर पर उन्होंने यातायात थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे बिना नंबर वाले वाहनों, ट्रिपल राइडिंग तथा बिना अनुमति के काली फिल्म लगाने वाले वाहनों पर कार्रवाई करें।
एसपी सत्येंद्र गुप्ता ने शिक्षण संस्थानों के आस-पास बिना नंबर वाले वाहनों पर घूमने वाले मनचले युवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। ताकि छेडख़ानी व छीनाझपटी जैसी वारदातों पर नकेल कसी जा सकें। इसके लिए शिक्षण संस्थानों के आसपास सिविल वर्दी में कर्मचारी भी तैनात करने को कहा।

06 जनवरी 2011

मेडिकोज पर छापा

डबवाली (लहू की लौ) क्षेत्र में मेडिकल शॉप की आड़ में चल रही नशे की दुकानों पर स्वास्थ्य सेवाओं के ड्रग विभाग की छापामारी डबवाली में लगातार जारी है। बावजूद इसके इलाके में नशा का धंधा बेखौफ जारी है।
बुधवार को ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने सरप्राईज विजिट करके मेडिकल स्टोर संचालकों को अचम्भे में डाल दिया। धानीवाल नशे की आपूर्ति के लिए प्रयुक्त होने वाले चोर मार्गों को तलाशते हुए पीरखाना के सामने स्थित मोंगा मेडिकोज पर पहुंचे। मौका पर उपस्थित दुकान मालिक नितिन मोंगा की उपस्थिति में दुकान का रिकॉर्ड खंगाला और दवाईयों की जांच की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि मोंगा मेडिकोज से नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां मिली हैं। जिनमें 14 बोतले रेकोडेक्स, ब्रो जेकोडेक्स, 2200 टेबलेट मोमोलिट, 26 टेबलेट केरीसोल, 13 टेबलेट अल्प्राजोलम, 100 टेबलेट लोमोटिल, छह बोतल ब्रो जेकोडेक्स शामिल हैं। उन्होंने बताया कि रेकोडेक्स और ब्रो जेकोडेक्स शैड्यल एच की दवाईयां हैं। बिना डॉक्टर की पर्ची के इन्हें बेचा नहीं जा सकता। जबकि अन्य उपरोक्त दवाईयां मेडिकल नशे में प्रयोग की जाती हैं।
उनके अनुसार रेकोडेक्स और ब्रो जेकोडेक्स जैसे कफ सिरप बाजार में नकली भी बिक रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए मेडिकोज से लिए गए इनके नमूने जांच के लिए चण्डीगढ़ लैब में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि मोंगा मेडिकोज पर फार्मासिस्ट भी उपलब्ध नहीं था। न ही दुकान मालिक खरीद और बेच का रिकॉर्ड दिखा सका। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व इस दुकान का अनियमितताओं के चलते लाईसेंस सस्पेंड किया गया था। लेकिन अब दोबारा फिर उपरोक्त अनियमितताएं पाए जाने पर लाईसेंस कैंसल की सिफारिश वे उच्च अधिकारियों से करेंगे।
ड्रग इंस्पेक्टर ने इस बात को स्वीकार किया कि लगातार छापामारी के बावजूद भी डबवाली में मेडिकल नशे की बिक्री जारी है। उनके अनुसार उन्हें मुखबरी मिली है कि राजस्थान का कोई व्यक्ति डबवाली में बड़े पैमाने पर मेडिकल नशे की होम डिलीवरी दे रहा है। उसको पकडऩे के लिए ड्रग विभाग पुलिस के सहयोग से सक्रिय है। उनके अनुसार डबवाली क्षेत्र में छापामारी का क्रम एक माह तक लगातार जारी रहेगा।

सर्दी से मौत

डबवाली (लहू की लौ) सर्दी के कारण गांव मसीतां के वृद्ध आश्रम में रहने वाले 35 वर्षीय व्यक्ति की मंगलवार शाम को मौत हो गई। जिसका बुधवार को पोस्टमार्टम डबवाली के सामान्य अस्पताल से करवा कर शव को वारिसों को सौंप दिया।
गांव मसीतां निवासी पूर्ण सिंह पुत्र दलीप सिंह ने बताया कि उसका साला सुरजीत सिंह (35) पुत्र जंगीर सिंह निवासी मणियांवाली (राजस्थान) पिछले 4-5 वर्षों से वृद्ध आश्रम मसीतां में अकेला रह रहा था और लक्कड़ मिस्त्री का काम करता था।  लेकिन पिछले कुछ समय से उसकी तबीयत ठीक नहीं थी और उसने दो दिन से कुछ खाया भी नहीं। अधिक सर्दी के कारण उसकी मंगलवार को मौत हो गई।
थाना शहर पुलिस के एएसआई सूबे सिंह यादव ने पूर्ण सिंह के ब्यान पर 174सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए बुधवार को शव का पोस्टमार्टम डबवाली अस्पताल से करवाने के बाद शव को वारिसों को सौंप दिया।
सामान्य अस्पताल के डॉ. श्रवण बांसल ने बताया कि व्यक्ति की मौत ठंड से हुई है। लेकिन और जानकारी के लिए विसरा लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला मधुबन में भेजा गया है।

05 जनवरी 2011

किसान को लूटा

डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में पिस्तौल के बल पर एक किसान को लूटने का मामला सामने आया है। लूट के बाद लुटेरों ने किसान को नहर में फेंकने का प्रयास किया। घटना सोमवार देर रात की है। दोनों लुटेरे बाईक पर सवार थे।
सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन किसान बलदेव सिंह (62) निवासी अबूबशहर ने बताया कि रात को उनके खेत में पानी की बारी थी। उसका बेटा गुरप्रीत सिंह तथा भतीजा सुखदीप सिंह पानी लगा रहे थे। करीब साढ़े सात बजे वह खेत में गया। वहां उसके भतीजे सुखदीप ने पिछले दिनों धान की बिकवाली से प्राप्त हुई बारह हजार रूपए की नकदी उसे दी। जो उसे धान का एक व्यापारी उसे देकर गया था। रात करीब 9 बजे वह खेत से पैदल अपने घर जा रहा था। मार्ग में बाईक पर पीछे से आए दो युवकों ने उसे पिस्तौल के बल पर रोक लिया और अपने साथ काला तितर पर्यटन स्थल की ओर ले गए। यहां झाडिय़ों में उन्होंने उससे मारपीट करते हुए पिस्तौल के बटों से चोटें मारी।
इस दौरान लुटेरों ने उससे उसकी जेब में रखी बारह हजार रूपए की नकदी, सोने की अंगूठी, घड़ी भी छीन ली। लूट के बाद लुटेरों ने उसे राजस्थान कैनाल में फेंकने का प्रयास किया। लेकिन उसके शोर मचाने पर पास के खेतों में काम कर रहे युवकों को उसकी ओर आते हुए देखकर लुटेरे हवाई फायर करते हुए वहां से भाग खड़े हुए।
चौटाला पुलिस चौकी इंचार्ज जीत सिंह ने बताया कि शिकायत उनके पास पहुंची है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

सरेबाजार युवती को बाहों में भरकर चुंबन लिया

डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर के सामने एक युवक ने एक युवती को अपनी बाहों में भर कर उसका चुंबन ले लिया। युवती के चिल्लाने पर राह चलते लोगों ने युवक को दबोचकर उसकी अच्छी खातिरदारी की और थाना में पुलिस को सौंप दिया।
सोमवार दोपहर को थाना शहर के सामने एक ऑटो रिक्शा से एक महिला और उसकी बेटी उतरी। इसी दौरान एक युवक ने लड़की को अपनी बाहों में ले लिया और देखते-ही-देखते युवती का चुंबन ले लिया। युवक की इस हरकत से युवती भयभीत हो गई और चिल्लाने लगी। युवती की चिल्लाहट को सुनकर आस-पास के दुकानदार इक्ट्ठे हो गए। उन्होंने युवक को दबोच लिया। पहले तो युवक की अच्छी तरह धुनाई की और बाद में उसे थाना में लेजाकर पुलिस को सौंप दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार युवक ने अपनी पहचान जसविंद्र निवासी कालझरानी के रूप में करवाई।
इधर जसविंद्र निवासी कालझरानी ने बताया कि वह अपने गांव से डबवाली के बस अड्डा पर अपनी माता नसीब कौर तथा पत्नी सुखबीर कौर को छोडऩे के लिए आया था। अचानक जैसे ही वह घूमा तो वह अनियंत्रित होकर उक्त लड़की से टकरा गया। लड़की के चिल्लाने पर लोगों ने उसे पकड़ लिया।
इस संदर्भ में थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है।

प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगतों में विवाद

डबवाली (लहू की लौ) सरबंस दानी श्री गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगठन आमने-सामने आ गए हैं। सिक्खों के पांच संगठनों ने गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव को नानकशाही कलेण्डर-2003 के अनुसार मनाने की घोषणा करते हुए आज से इस संदर्भ में श्री अखण्ड पाठ भी शुरू कर दिए हैं।
साल 2003 में सिक्खों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से नानकशाही कलेण्डर जारी किया गया था। इस कलेण्डर पर अकाल तख्त के जत्थेदार जोगिन्द्र सिंह वेदांती, जत्थेदार बलवंत सिंह नन्दगढ़, जत्थेदार इकबाल सिंह, जत्थेदार त्रिलोचन सिंह सहित श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर के ग्रंथी गुरबचन सिंह के भी हस्ताक्षर थे। लेकिन साल 2010 में इस कलेण्डर में फेरबदल करके दोबारा इसे जारी कर दिया गया। कई सिक्ख संगठनों ने नए कलेण्डर को तुम्मा छाप कलेण्डर कहते हुए मानने से इंकार किया हुआ है। नए व पुराने कलेण्डर का विवाद अभी भी जारी है।
श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह ने बताया कि पुराने कलेण्डर के अनुसार साल 2011 में 5 जनवरी को श्री गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव की तिथि आती है। उन्होंने नए कलेण्डर को तुम्मा-बादल छाप कलेण्डर करार देते हुए कहा कि इस कलेण्डर के अनुसार प्रकाशोत्सव की एक तिथि 11 जनवरी, जबकि एक तिथि दिसंबर माह में आ रही है। साल 2012 में प्रकाशोत्सव दिखाया ही नहीं गया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन 2003 के नानकशाही कलेण्डर को ही असली कलेण्डर मानता है। जिसमें प्रकाशोत्सव सही ढंग से प्रदर्शित है।
नानकशाही कलेण्डर 2003 का समर्थन करने वाले सिक्ख संगठनों खालसा एक्शन कमेटी, अखाडा बाबा दीप सिंह गतका पार्टी, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा, एचएसजीपीसी, गुरमत प्रचार सभा, शिरोमणि अकालीदल पंच प्रधानी के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के अंतर्गत आने वाले डबवाली के गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में 5 जनवरी को गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव मनाने की घोषणा करते हुए सोमवार श्री अखण्ड पाठ का प्रकाश कर दिया।
इस अवसर पर उपरोक्त संगठनों के बलकरण सिंह, कुलवंत सिंह, हरनेक सिंह, विचित्र सिंह, मनदीप कूका, राजेन्द्र सिंह, गुरदास सिंह, देवेन्द्र सिंह काला आदि उपस्थित थे।

04 जनवरी 2011

कंडोम के डिब्बों से मिली नशे की दवाईयां

डबवाली (लहू की लौ) इलाके में चल रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के तहत सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने शहर के दो मेडीकोज पर छापा मारकर भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां पकड़ी।
बठिंडा रोड़ पर स्थित सोनिया मेडीकोज पर ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने अचानक छापामारी करके मेडीकोज का रिकॉर्ड खंगाला। छापामारी के दौरान कंडोम के डिब्बों से नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाई मिली। यहां तक की मौका पर उपस्थित युवक दुकान का सेल-परचेज भी नहीं दिखा सका। मौका पर मिली दवाईयों के बिल भी प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद चौटाला रोड़ पर स्थित चावला मेडीकोज पर ड्रग इंस्पेक्टर ने दस्तक दी। वहां पर भी भारी मात्रा में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां बरामद की।
ड्रग इंस्पेक्टर रजनीश धानीवाल ने बताया कि ड्रग विभाग को पिछले कई दिनों से डबवाली में नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयों का धड़ल्ले से व्यापार होने की शिकायतें मिल रही थीं। इसी के मद्देनजर आज मेडीकल की दुकानों पर छापामारी की गई। उनके अनुसार सोनिया मेडीकोज से कंडोम के डिब्बों में छिपाकर रखी गई रेक्सकोफ की ११ बोतल, रेकोडेक्स की छह बोतल बरामद हुई। मौका पर फार्मासिस्ट नदारद मिला। मौका पर उपस्थित दीपक कुमार पकड़ी गई दवाईयों का सेल-परचेज का रिकॉर्ड भी नहीं दिखा सका।धानीवाल के अनुसार चावला मेडीकोज से छापामारी के दौरान नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईयां लोमोटिल के १९ डिब्बे, ११८ टेबलेट कैरीसोमा, अल्टो .५ के १० टेबलेट, एटी-टू २ एमजी के २० टेबलेट, यूनि जोलम.५ के १०० टेबलेट, माईक्रोलिट के १०० टेबलेट, ४५ टेबलेट ट्राईका .५ बरामद हुए। उन्होंने बताया कि दुकान मालिक फार्मासिस्ट राजेन्द्र कुमार संबंधित दवाईयों का सेल-परचेज रिकॉर्ड नहीं दिखा सका।
उनके अनुसार इन दुकानों का लाईसेंस कैंसल करने के लिए वे अपनी रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर हिसार एनके आहूजा को भेजेंगे। दुकानों से भरे गए सैम्पल को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजेंगे और इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

भाषण से युवाओं ने की नशे पर चोट

डबवाली (लहू की लौ) वरच्युस क्लब के स्थापना दिवस पर सोमवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नशे के कारण, निवारण और परिणाम पर स्कूली बच्चों की भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छह विद्यालयों के आठ बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि पूर्व प्रिंसीपल आत्मा राम अरोड़ा ने कहा कि नशा काम का होना चाहिए, न कि दवाईयों से शरीर खराब करने का नशा। विद्यालय के प्रिंसीपल बलजिन्द्र सिंह भंगू ने कहा कि युवा पीढ़ी के समक्ष इस समस्या सबसे बड़ी समस्या नशे की है। युवा पीढ़ी को नशे छोड़कर देश के रचनात्मक विकास की ओर ध्यान देना चाहिए।
इस मौके पर क्लब के संस्थापक केशव शर्मा ने क्लब के 28वें स्थापना दिवस पर पिछले सताईस सालों के कार्यों की जानकारी दी और आगामी प्रोजेक्टस के संबंध में बताया। मंच का संचालन नरेश शर्मा ने किया।
प्रतियोगिता में नव प्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की जपिंदर गिन्नी प्रथम,क्राईस्ट मिशन स्कूल की छात्रा अलका ने दूसरा, सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय की शालिनीे ने तीसरा स्थान पाया। जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्मिक विद्यालय के छात्र तर्किश को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मण्डल की भूमिका संजीव शाद, परमजीत कोचर तथा नवजोत शर्मा ने निभाई।
इस अवसर पर गेस्ट आईटम के तौर पर नवप्रगति सीनियर  सैकेण्डरी स्कूल के बच्चों ने नशे पर चोट करने वाली कोरियाग्राफी देश होया परदेस पेश करके उपस्थित युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का आह्वान किया। कोरियाग्राफी के माध्यम से कलाकारों ने प्रत्येक व्यक्ति को इसे सांझी समस्या मानकर नशे की लत में फंसे युवा को बाहर निकालने के लिए भी प्रेरित किया।
इस अवसर पर जितेन्द्र शर्मा, वीरचन्द गुप्ता, मथरा दास चलाना, प्रवीण सिंगला, वेद कालडा, तरसेम जिन्दल,
दीदार सिंह, सुमित भारती आदि उपस्थित थे।

तीक्ष्ण,राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए कल्याणकारी संस्थाओं को आगे आना होगा।
मंजू, खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
नशा घर तबाह कर देता है। वर्तमान दौर में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश को बचाने के लिए युवा पीढ़ी को इससे बचाना होगा।
मीनू,राजकीय सीनियर सैकेण्डरी स्कूल (गल्र्स)
नशा दीमक की भांति खोखला करता जा रहा है। नशीले पदार्थों की बिक्री हर गली की नुक्कड़ पर की जा रही है।
शालिनी,सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय
नशे से सदा भयभीत रहना, यह पाप तथा अनाचार की जननी है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि वे देश में शराबी देखने की बजाए अनपढ़ देखना पंसद करेंगे।
लक्ष्मण,राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय
घर में नशा, घर की दुर्दशा। नशे को जड़ से मिटाना होगा, स्वच्छ समाज बनाना होगा।
जपिंदर गिन्नी,नवप्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
देसां में देस हरियाणा, यहां दूध-दही है खाना। लेकिन आज यहां जाम छिड़के जाते हैं। नशा स्टेटस का सिम्बल माना जाता है। पंजाब को पंज दरियांओं वाला राज्य कहा जाता था। लेकिन आज वहां 6वां दरिया नशे का है।
अलका,क्राईस्ट मिशन सीनियर सैकेण्डरी स्कूल
नशा व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देता है। नशा करने वाले व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता। उसकी जिन्दगी नरक हो जाती है। हमें इस बुराई का खात्मा करना होगा।
रजनी,अरोड़वंश आदर्श हाई स्कूल
आज समाज के सामने सबसे बड़ी समस्या नशा आन पड़ी है। हम सबको मिलकर इसका मुकाबला करना होगा। वरना नशा हमारी युवा पीढ़ी को तहस-नहस करके रख देगा।

03 जनवरी 2011

दुर्घटना में घायल युवक ने दम तोड़ा

डबवाली (लहू की लौ) डेरा मनसा दास के पास सिरसा रोड़ पर दुर्घटना में घायल हुए युवक अजीत बिश्नोई ने सिरसा के सामान्य अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने अज्ञात जिप्सी चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है। वार्ड नं. 18 निवासी जगदीश बिश्नोई का बेटा अजीत शनिवार शाम को बाईक पर बाजार से घर वापिस जा रहा था। मनसा दास डेरा के पास पीछे से आई एक तेज रफ्तार जिप्सी ने उसमें टक्कर मार दी। दुर्घटना में अजीत बुरी तरह से घायल हो गया। घटना के बाद जिप्सी चालक मौका से फरार हो गया। घायल को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। यहां से चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में उसे सिरसा रैफर कर दिया। सिरसा में उपचार के दौरान अजीत ने दम तोड़ दिया। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस डबवाली के एएसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि मृतक अजीत के पिता जगदीश बिश्नोई की शिकायत पर अज्ञात जिप्सी चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने के आरोप में मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी गई है। अजीत के शव का सिरसा के सामान्य अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया।

एनपीएस का वार्षिक समारोह आयोजित

दूल्हे ने लालटेन लेकर खोजी दुल्हन
डबवाली (लहू की लौ) नवप्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के वार्षिक समारोह महक में विद्यार्थियों ने सांस्कृति कार्यक्रम द्वारा नशे और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अपना संदेश दिया।
इस कार्यक्रम में बच्चों ने गीत के माध्यम से सेहत जरूरी है का संदेश दिया। जबकि कविता कश्मा के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या पर चोट करते हुए एक दूल्हे को लालटेन लेकर दुल्हन खोजते हुए दिखाया। मां बोली पंजाबी और देश हुआ परदेस कोरियाग्राफी द्वारा नशों के खिलाफ जागरूक किया। फैन्सी ड्रेस जुबी, डुबी.., बम-बम बोले, डांडियां के द्वारा श्रोताओं का मनोरंजन किया। राजस्थानी डांस आएओ रे म्हारो ढोलना... के माध्यम से देश की विभिन्न संस्कृतियों से दर्शकों को परिचित करवाया।
स्कूल प्रबंधक समिति के निदेशक वेद भारती ने मुख्यातिथि बीएस श्योकंद सीनियर को-ऑर्डिनेटर कृषि विज्ञान केन्द्र सिरसा, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राईमरी) कुमकुम गोवर का स्वागत किया। इस मौके पर कुमकुम ग्रोवर ने कहा कि बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करने के लिए सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बच्चों को जागरूक करना आज की आवश्यकता है। इस मौके पर विद्यालय की पिं्रंसीपल चन्द्रकांता ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। मुख्यातिथि बीएस श्योकंद ने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। इस अवसर पर सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह, मल्लिकपुरा के सरपंच इकबाल सिंह, ठेकेदार मंगतराय बांसल भी उपस्थित थे।

बॉयोलोजी की प्रवक्ता का तबादला रोके जाने की मांग

डबवाली। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत बॉयोलोजी की प्रवक्ता को सिरसा स्थानांतरित किये जाने से विद्यार्थियों में रोष फैल गया है और उन्होंने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री हरियाणा को फैक्स भेज कर तबादल तुरन्त प्रभाव से रद्द करने का अनुरोध किया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के +1, +2 की बॉयोलॉजी के विद्यार्थी जयप्रकाश, विजय कुमार, विनीत शर्मा, अजय अग्रवाल, नीतिश, हरप्रीत सिंह, पायल, सुमन बाला, डिम्पल सचदेवा, भागीरथ, अनिता रानी, लवदीप, प्रवीन कुमार बगैरा ने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री को भेजे फैक्स में कहा है कि इन दिनों उनकी पढ़ाई पीक पर है और दो माह ही वार्षिक परीक्षा में बचे हैं। ऐसे मौके पर उनकी बॉयोलॉजी की अध्यापिका जयदीप कौर को एपीसी बना कर डेपुटेशन पर सिरसा भेजना उचित नहीं है। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी। उन्होंने मांग की कि उनकी बॉयोलॉजी की अध्यापिका का तबादला रोका जाये। अन्यथा वह जिला शिक्षा अधिकारी सिरसा के कार्यालय पर धरना देने को मजबूर होंगे। इस सन्दर्भ में विद्यालय के प्रिंसीपल बलजिन्द्र सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व नेट पर शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई सूची में जयदीप कौर को एपीसी बना कर सिरसा भेजा गया था। लेकिन इस दौरान अध्यापक संघ ने निदेशक स्कूल एजूकेशन हरियाणा से मिल कर डेपूटेशन रद्द करने का अनुरोध किया था जिस पर निदेशक ने एक बार डेपूटेशन को स्थगित करने का आश्वासन दिया था। उनके अनुसार उनके पास फिलहाल अधिकारिक रूप से कोई आदेश नहीं आये हैं। पिं्रसीपल ने कहा कि बच्चों के भविष्य के मद्देनजर जयदीप कौर को डेपूटेशन पर सिरसा नहीं भेजा जायेगा।

शराब तस्करी व सट्टा खाईवाली में काबू

सिरसा। सिरसा पुलिस द्वारा जिला भर में शराब तस्करों व सार्वजनिक स्थल पर सट्टा खाईवाली करने वालों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है। जिला भर में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए बीते दिवस पुलिस ने 8 लोगों को शराब एवं सट्टाराशि के साथ काबू किया। पकड़े गए सभी आरोपियों के विरुद्ध संबंधित थानों में अभियोग दर्ज कर दिये गये हैं। जिला की डिंग पुलिस ने विश यादव पुत्र राधे यादव निवासी डिंग मोड़ को 10 बोतल देसी शराब के साथ डिंग मोड़ से काबू कर लिया है। वहीं शहर डबवाली पुलिस ने सट्टा खाईवाली करने के आरोप में अमृतपाल पुत्र कृष्णलाल निवासी वार्ड नंबर 17 मंडी डबवाली को 460 रुपये की सट्टा राशि सहित कस्बा डबवाली से काबू कर लिया है। शहर डबवाली पुलिस ने एक अन्य मामले में सट्टा खाईवाली करने के आरोप में सुरेन्द्र पुत्र प्रकाश चन्द्र निवासी वार्ड नंबर 4 मंडी डबवाली को 510 रुपये की सट्टा राशि के साथ मंडी डबवाली से काबू कर लिया है। जिला की कालांवाली पुलिस ने मोहन पुत्र जागर सिंह निवासी कालांवाली को सट््टाखाईवाली करने के आरोप में 210 रुपये की सट्टा राशि के साथ, जबकि शहर सरसा पुलिस ने रामू पुत्र बजरंगी निवासी फ्रैंडर्स कॉलोनी सिरसा को 505 रुपये की सट्टा राशि के साथ खैरपुर क्षेत्र से काबू कर लिया है। जिला की औढां पुलिस ने गुरनाम सिंह पुत्र हाकम सिंह निवासी टप्पी को 7 बोतल देसी शराब के साथ उसी के गांव से काबू कर लिया है। जिला की रानियां पुलिस ने सुरजाराम पुत्र इस्सर राम निवासी मत्तूवाला को 9 बोतल देसी शराब समेत उसी के गांव मत्तूवाला से  जबकि मक्खन सिंह पुत्र रामप्रसाद निवासी मम्मडख़ेड़ा को 8 बोतल देसी शराब समेत उसी के गांव मम्मडख़ेड़ा से काबू कर लिया है।

इनेलो की राज्य कार्यकारिणी पुनर्गठित

डबवाली। इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी राज्य कार्यकारिणी का पुनर्गठन करते हुए नए पदाधिकारियों की घोषणा कर दी है। अशोक अरोडा की अध्यक्षता में गठित की गई नई राज्य कार्यकारिणी में पूर्व कृषि मंत्री  जसविंद्र सिंह संधु (कुरूक्षेत्र), कांता देवी (झज्जर), बलवान सिंह मायना (रोहतक), सतवीर वर्मा (हिसार), रामभगत गुप्ता (हिसार), राव अजीत सिंह (रेवाड़ी), सुरजीत सिंह सौंढ़ा (अंबाला) को प्रदेश उपाध्यक्ष, डबवाली के विधायक डा. अजयसिंह चौटाला को प्रधान महासचिव नियुक्त किया है।  प्रदेश के छह नए महासचिवों में पूर्व विधायक रामकुमार सैनी (सोनीपत), सुंदरलाल सेठी (रोहतक), अशोक शेरवाल (पंचकूला), डा. रामचंद्र जांगड़ा (जींद), डा. हरिचंद मिढ़ा विधायक (जींद), सुरेंद्र दहिया (सोनीपत) बनाए गए हैं।
इनके अलावा नए नियुक्त किए गए नौ प्रदेश सचिवों में श्रीमती सुमित्रा देवी (जींद), धर्मवीर बागोडिया (गुडगांव), अशोक कश्यप  विधायक (करनाल), करतार सिंह सैनी (जींद), सरेश मित्तल (पानीपत), बलदेव सिंह घनघस (भिवानी), राव अमरसिंह (महेंद्रगढ़), लीलाराम गुज्र्जर (कैथल), रामकुमार ऐबला (करनाल) शामिल हैं। इसके अलावा कलायत के विधायक रामपाल माजरा को संगठन सचिव व डा. के सी बांगड़ को प्रदेश प्रवक्ता और राजकुमार रिढाउ को प्रचार सचिव, ईश्वर नारा को सहप्रचार सचिव व कृष्णगुप्ता (सोनीपत) को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इनेलो के नए जिलाध्यक्षो में विधायक प्रदीप चौधरी को पंचकूला, बलविंद्र सिंह पूनियां को अंबाला, बुटासिंह लूखी को कुरूक्षेत्र, कैलाश भगत कैथल, पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला को जींद, पदम जैन को सिरसा, पूर्व विधायक निशान सिंह को फतेहाबाद, लौहारू के विधायक धर्मपाल ओबरा को भिवानी, उम्मेद लोहान को हिसार, विधायक राव बहादुर सिंह को महेंद्रगढ़, पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत को गुडगांव, बलदेव अहलावलपुर को फरीदाबाद, धर्मपाल मकडौली को रोहतक, सतपाल पहलवान को झज्जर, पूर्व विधायक पदम सिंह दहिया को सोनीपत, शुगनचंद रोड़ को पानीपत, यशवीर राणा को करनाल, विधायक बिशनलाल सैनी को यमुनानगर, पूर्व चेयरमैन बदरूद्दीन को मेवात, महेंद्र चौहान को पलवल व सुनील चौधरी एडवोकेट को रेवाडी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पार्टी राज्य कार्यकारिणी के नए सदस्यों में यमुनानगर के पूर्व विधायक डा. मलिक चंद गंभीर, पूर्व विधायक कर्मसिंह डांगरा, पूर्व विधायक स्वतंत्र बाला चौधरी, पूर्व विधायक जिले सिंह जाखड, पूर्व विधायक पवन दिवान, पूर्व विधायक सूरजभान काजल, इंद्र सिंह ढुल, राव होशियार सिंह, अमीचंद सहरावत, बलवीर सिंह बहादुरगढ, कुलदीप सिंह शेखपुरा, जयप्रकाश कंबोज, धर्मवीर सिहाग, मायाराम, दरियावसिंह एडवोकेट, हरफुलखान भट्टी, जयभगवान कश्यप, रणबीर दहिया, बलवान सुहाग, भूपेंद्र सिंह जुलानी, पूर्व विधायक भागी राम, पूर्व विधायक राकेश कंबोज, पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह कंबोज, पूर्व विधायक रणसिंह बैनिवाल, पूर्व विधायक ओमप्रकाश बेरी, पूर्व विधायक बलवीर बाली, पूर्व विधायक शाहिदा खान, कंवरजीत सिंह प्रिंस, राजेंद्र धानक, महेंद्रसिंह लाकडा, पूर्व मंत्री कंवलसिंह, राजेंद्र गोयल, पूर्व विधायक डा.सीताराम, जगमाल सिंह, बलिंद्र सिंह लंडा, श्रीमती अनीता गोस्वामी, पूर्व चेयरमैन महेंद्रसिंह सैनी, जसवीर सिंह जस्सा, कृष्णगोपाल त्यागी, अशोक शर्मा व खिल्लाराम नरवाल के अलावा पार्टी के सभी मौजूदा सांसद व विधायक कार्यकारिणी के सदस्य होंगे।
राज्य कार्यकारिणी में नियुक्त किए गए विशेष आमंत्रित सदस्यों में सुरेश कांसल, राजवीर संतौडी, ईश्वरसिंह पूजम, कर्नल गजराज सिंह, अशोक भारद्वाज, ओमप्रकाश काला, सुंदर सिंह मलिक, बाबूराम गोयल, सतपाल चौहान, रविंद्र बतौड, राजकुमार सैनी, मेजर उमराव सिंह शेरगिल, रामसिंह कोडवा, रामराज मेहता, सज्जन सिंह ढुल्ल, ओमप्रकाश गुप्ता, नरेश जैन, प्रहलाद शर्मा, मास्टर महेंद्र मोर, राजेंद्र गोयल, शिव कुमार गुप्ता, बनारसी दास बाल्मिकी, बलदेव बाल्मिकी, सतीश यादव, धर्मपाल गुप्ता, श्रीमती रेखा राणा, रामपाल राणा, अशोक गोयल (लिलू), रामभगत शर्मा, श्रीमती पूनम सांगवान, पन्नालाल जैन, सूरतसिंह खटक, सतीश भल्लौट, भानाराम सैनी, डा. के सी काजल, जसवंत सिंह चीमा व पूर्व आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश इंदौरा व हवा सिंह धनखड़ भी शामिल हैं।

मासूमों के लिए आग में कूद गया था संजय ग्रोवर

डबवाली (डीडी गोयल) मेरे आंगन का चिराग बुझ गया, मुझे इसका गम नहीं है। बल्कि फक्र है इस बात का कि मेरे बेटे की शहादत से आज ओरों के आंगन के चिराग जगमगा रहे हैं।
ये शब्द हैं 23 दिसंबर 1995 को डबवाली अग्निकांड में करीब तीन दर्जन बच्चों को बचाने वाले डबवाली के शौर्य संजय ग्रोवर के पिता प्यारे लाल ग्रोवर के हैं। संजय ग्रोवर 23 दिसंबर 1995 को डबवाली अग्निकांड में बच्चों को बचाते समय बुरी तरह से झुलस गए थे। 1 जनवरी 1996 को उन्होंने संसार को अलविदा कह दिया था। एक ऐसा युवक जिसकी रग-रग में समाजसेवा बसी हुई थी। जरूरतमंदों की सहायता, जिसको वह अपना धर्म समझता था। ऐसा नौजवान जिसने मात्र 5वीं कक्षा में चिल्ड्रन क्लब बनाकर समाजसेवा करने का बीड़ा उठा लिया। 10वीं में उसने रोटरी इंट्रेक्ट नाम की संस्था खड़ी की। जिसने समाजसेवा में अग्रणि कार्य किए।
प्यारे लाल ग्रोवर के अनुसार संजय ग्रोवर को बचपन से ही समाजसेवा का बड़ा शौक था। अपने जेब खर्च को किसी जरूरतमंद पर लगा देना, उसने अपना कत्र्तव्य बना लिया था। संजय ग्रोवर की याद ताजा करते हुए उनके पिता ने बताया कि साल 1992 में उनके घर में धूमधाम से दीवाली मनाई जा रही थी। संजय के पास किसी का फोन आया कि एक गर्भवती महिला की हालत खराब है। फोन सुनते ही वह दौड़ चला। जब उसे रोका गया तो संजय का जवाब था कि यदि महिला का बच्चा या महिला मर गई, तो यह दीवाली उसके लिए काली दीवाली होगी। अगर उस घर में चिराग न जला तो दीवाली पर अपने घर में रोशनी का दीपक जलाने का क्या फायदा। ऐसी अनगिनत मिसाल हैं, जो केवल शब्दों में ब्यां नहीं की जा सकतीं।जरूरतमंद लड़कियों की शादी करने की बात हो या फिर मृत्यु शैय्या पर पड़े घायल को रक्त देने की बात हो। ऐसे कार्यों में संजय ग्रोवर हमेशा आगे रहता था।
संजय ग्रोवर ने जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते हुए 1 जनवरी 1996 को सीएमसी लुधियाना में सुबह करीब 2.30 बजे प्राण त्याग दिये। इससे पूर्व उनके साथ उनके पिता प्यारे लाल ग्रोवर, माता मथरा देवी, भाई प्रवीण कुमार भी थे। बर्न यूनिट से इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट करते समय संजय ग्रोवर ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि अब मेरे जाने का समय हो गया है। मुझे खुशी-खुशी विदा करो। मेरे मरने के बाद रोना मत। बस! मेरी जिन्दगी इतनी ही थी। यदि मेरा बस चलता तो मैं और भी बच्चों को बचाता। मुझे अफसोस रहेगा कि मैं और बच्चे नहीं बचा पाया। इसके कुछ देर बाद संजय ने दम तोड़ दिया।
 वे छात्र जीवन में मेधावी छात्र के रूप में जाने जाते थे। कालेज जीवन में यहां वे पढ़ाई में होशियार थे वहीं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय थे। उन्होंने 1991 में हरियाणा के बहादुर गढ़ में हरियाणा राज्य विज्ञान प्रर्दशनी में भाग लेकर दूसरा स्थान पाया। जबकि 1985 में गुरू नानक कॉलेज किलियांवाली की तरफ  से डल्हौजी में लगे यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग शिविर में वैस्ट कैम्पर का पुरस्कार जीता था। 1984-85 में उन्हें कॉलेज के बेस्ट एक्टर का खिताब भी मिला। बीए की शिक्षा के बाद उन्होंने अपने व्यवसाय के साथ—साथ 19 बार रक्तदान करके कई जिंदगियों को बचाने का प्रयास किया।
उन्होंने अपने जीवन काल में जिला कांगड़ा में एक पहाड़ी पर बने माता जयंती मन्दिर के लिए सीढिय़ों के लिए सहयोग दिया और डबवाली में स्थित वैष्णों माता मन्दिर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और उसके सदस्य तथा मंदिर लंगर कमेटी के महासचिव रहे। 1992 और 1995 में सिरसा में घग्गर की बाढ़ के समय वहां जाकर पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की । यहीं नहीं वह अरोड़वंश हाईस्कूल, डीएवी स्कूल की स्थानीय कमेटी और डबवाली सिटीजन फोरम व रामबाग प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी रहे। ग्रोवर रोट्रेक्ट क्लब के अध्यक्ष और महासचिव, रोटरी जिला 309 द्वारा 1992 में आयोजित रोटेशिया-92 कान्फ्रैंंस के अन्तर्गत कलकत्ता व नेपाल का 27 दिन के टूर पर रहे और जिला सिरसा से जाने वाले सदस्यों में बैस्ट सदस्य का पुरस्कार जीता।
नहीं मिला शौर्य पुरस्कार
डबवाली अग्निकांड के बाद अग्निकांड पीडि़त परिवारों से संवेदना व्यक्त करने आए उस समय के एमपी चन्द्रशेखर ने संजय ग्रोवर को शौर्य पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए भारत सरकार को अपनी सिफारिश की थी। बाद में चन्द्रशेखर देश के प्रधानमंत्री भी रहे। लेकिन अपनी सिफारिश और संजय की बहादुरी उन्हें याद नहीं रही। अब समय है कि सरकार इस पर गौर करे और संजय ग्रोवर को मरणोपरांत शौर्य पुरस्कार से सम्मानित करे। हालांकि ग्रोवर को मरणोपरांत उनके शौर्य के लिए 16 जनवरी 1996 को रेड एण्ड व्हाईट कम्पनी ने कोलकत्ता में आयोजित एक समारोह में छटे बहादुरी पुरस्कार तथा भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया।
पिता के नक्शेकदम पर बेटा
संजय ग्रोवर के दोनों बेटे पारूल ग्रोवर और नवनीत ग्रोवर अपने पिता के नक्शे कदम पर हैं। पारूल ग्रोवर अपने पिता की तरह रक्तदान के क्षेत्र में उतरा हुआ है। वहीं उसने अपने पिता संजय ग्रोवर के अधूरे रह गए सपने को  पूरा करने का संकल्प लिया है। वह अपने पिता शहीद संजय ग्रोवर के नाम पर एक संस्था का निर्माण करने जा रहा है। जोकि गरीब कन्याओं की शादी और रक्तदान के क्षेत्र में अपना योगदान देगी। पारूल ग्रोवर के अनुसार ब्लड के बदले ब्लड की परम्परा तो ठीक है। लेकिन ब्लड के बदले पैसे मांगना यह ठीक नहीं। रक्तदान महादान है और मृत्यु शैय्या पर पड़े व्यक्ति से ब्लड के बदले पैसे मांगना उचित नहीं। इसी के कारण वह अपने पिता शहीद संजय ग्रोवर के नाम पर संस्था गठित करने जा रहा है, जिसका प्रत्येक सदस्य रक्त की जरूरत पडऩे पर रक्तदान के लिए तैयार खड़ा होगा।

26 दिसंबर 2010

पत्नी, दो बेटियों को भाखड़ा में फेंका

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी सहित दो बेटियों को भाखड़ा नहर में धकेल दिया। जबकि एक बच्ची जीवित बाहर निकाल ली गई और उसकी पत्नी तथा एक बेटी पानी में बह गई।
शनिवार सुबह 9 बजे भाखड़ा नहर मौजगढ़ पर तैनात कैनाल गार्ड अमित कुमार ने देखा कि नहर में डबवाली-रानिया रोड़ पर स्थित मौजगढ़ हैड बुर्जी नं. 401500 साईड  से एक बालिका बहती हुई आ रही है। वह तुरन्त नहर में कूद गया उसे बाहर निकाल लाया। अमित कुमार (26) पुत्र हरबन्स लाल दीवानखेड़ा ने बताया कि जब बच्ची को बाहर निकाला गया तो बच्ची रो रही थी तथा सर्दी से कांप रही थी। उसने बच्ची के लिए आग जलाई और उसे आग सेंका कर सर्दी से राहत दिलाई और घटना की सूचना गांव वालों को दी। उसके अनुसार बच्ची इतनी घबराई हुई थी कि वह रोने के सिवाय कुछ भी नहीं बोल रही थी।
भाखड़ा नहर से बच्ची मिलने की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे ग्रामीणों को देख कर बच्ची में हौसला और उसने पूछने पर अपना नाम शबनप्रीत बताते हुए आपबीती बताई। शबनप्रीत (7) ने बताया कि उसके डैडी ने उसे, उसकी मां तथा उसकी बहन को नहर में फेंक दिया था। इस बच्ची को गांव वालों ने गांव की दाई भजनों पत्नी कौर सिंह के हवाले कर दिया ताकि इसको किसी प्रकार की परेशानी न हो और अपने बारे में सही ढंग से बता सके।
मौका पर पहुंचे थाना सदर प्रभारी एसआई रतन लाल ने भी शबनप्रीत से पूछताछ की जिसमें लड़की ने यहीं कहा कि उसके डैडी ने उसे, उसकी मां तथा बहन को नहर में फेंक दिया था। थाना प्रभारी ने बताया कि नहर में धकेली गई बच्ची की माता तथा बहन को निकालने के लिए गोताखोरों का प्रबंध किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार यह नहर लगभग 25 फुट गहरी है। इतनी गहराई में जाने के बाद संभव है कि नहर में धकेली गई महिला और उसकी बेटी का बचना मुश्किल है।
गांव दोदा जिला मुक्तसर के शेरा सिंह उर्फ काला (27) पुत्र टहल सिंह ने बताया कि वह गांव से पिछले अढ़ाई माह पूर्व ही गांव मौजगढ़ के एकाप्त फार्म हाऊस पर नौकरी के लिए आया है। खेत मजदूरी के साथ-साथ वहां रसोईए का काम भी करता है और पास ही ढाणी में वह अपने परिवार के साथ रह रहा है। उसकी पत्नी कुलदीप कौर (25) जब कभी बीमार होती तो वह गांव के आरएमपी डॉक्टर से उसे दवा दिला देता। लेकिन शुक्रवार रात को वह उल्टियां करने लगी तो शनिवार सुबह वह उसे लेकर गांव के डॉक्टर के पास पैदल ही आ रहा था कि रास्ते में मौजगढ़ हैड के पास आकर उसकी पत्नी ने कहा कि वह नहर में गिर कर मरेगी। चंूंकि वह उसे किसी अच्छे डॉक्टर को नहीं दिखाता। साथ में उसने यह भी कहा कि उसने चूहे मारने वाली गोलियां रात को निगल ली हैं और इससे तो वह मरी नहीं अब नहर में कूद कर जान देगी।
शेरा के अनुसार उसने उसे मनाने का प्रयास किया। वे नहर की पटरी-पटरी पर चलते गये। इसी दौरान उन्होंने नहर की पटरी के पास बैठ कर आग भी सेंकी। उसे लगा कि शायद वह इस दौरान अपनी पत्नी को मना लेगा। उसने उसे बताया कि उसकी मात्र 3000 रूपये प्रतिमाह पगार है और उनका खाता गांव के डॉक्टर के पास चल रहा है तो वह उसी से ही दवा ले ले। लेकिन बार-बार उसके कहने पर वह तो आज नहर में कूद कर मरेगी ही। इस पर वह तैश में आ गया और उसने उसे अपनी दो बेटियों सहित नहर में धक्का दे दिया। उसने यह भी बताया कि देर रात को काम से घर वापिस लौटने के कारण उसकी पत्नी उसके चरित्र पर संदेह करती थी और उससे इस बात को लेकर झगड़ती रहती थी।

25 दिसंबर 2010

खाद्य वस्तुओं पर टैक्स समाप्त करे सरकार-गर्ग

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा प्रदेश व्यापार मण्डल के प्रदेशाध्यक्ष तथा कॉन्फेड के चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने कहा कि 1 अप्रैल 2010 को करों का सरलीकरण करते हुए सरकार ने जीएसटी नाम से कर लगाने की योजना बनाई है। जिसका व्यापारियों को कर अदा करने में सुविधा रहेगी। उन्हें अलग-अलग से कर अदा नहीं करने पड़ेंगे।
वे शुक्रवार को मण्डल के शाखा अध्यक्ष इन्द्र जैन के निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को जीएसटी लागू करने से पूर्व सोच-विचार कर खाद्य वस्तुओं को कर मुक्त तथा आम प्रयोग वाली वस्तुओं पर न्यूनतम टैक्स घोषित कर देना चाहिए, ताकि आम व्यक्ति को राहत मिल सके। गर्ग ने कहा कि सरकार उद्योग नीति 2005 का सरलीकरण करने जा रही है। नीति के लागू होते ही सिंगल विंडो सिस्टम शुरू हो जाएगा। उद्योग स्थापित करने के लिए जरूरी एनओसी लेने के लिए पहले व्यापारी को विभिन्न विभागों के धक्के खाने पड़ते थे। लेकिन अब एक ही विंडो पर उसे किसी भी विभाग की एनओसी मिल सकेगी। नई उद्योग नीति जनवरी 2010 में लागू होने की उम्मीद है। नीति लागू होते ही शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्राम स्तर पर भी उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अपने निजी फायदे के लिए व्यापारी को दबाने वाले किसी भी सरकारी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, सरकार की मदद से उसे खुड्डे लाईन लगा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार बनाने में प्रदेश के व्यापारियों ने अहम रोल अदा किया है। व्यापारियों की बदौलत ही हुड्डा दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। चौटाला सरकार में प्रदेश के किसान, व्यापारी तथा आम व्यक्ति पर जुल्म ढहाए जाते थे। प्रदेश में कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं था। इसके चलते ही प्रदेश के कई व्यापारी पलायन करने को मजबूर हुए। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने सही मायने में प्रदेश में प्रजातंत्र की स्थापना की है। जिसके कारण व्यापारियों को उनका हक मिला।
व्यापारी नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का दम भरने वाले चौटाला ने आज तक एक भी कार्य किसानों के हित में नहीं किया। अलबत्ता वे आज हरियाणा की सबसे अहम योजना भूमि अधिग्रहण की आलोचना कर रहे हैं। जिसमें किसान को लाखों रूपए मुआवजा तथा वर्षों तक रॉयल्टी देने का प्रावधान है। हालांकि चौटाला के राज्यकाल में किसान को उसकी जमीन के अधिग्रहण के बदले दो-अढ़ाई लाख रूपए से ज्यादा राशि नहीं दी जाती थी।
इस अवसर पर व्यापारी नेता हीरा लाल शर्मा, इन्द्र जैन, प्रकाश चन्द बांसल, बख्तावर मल दर्दी, जगसीर सिंह मिठड़ी, प्रवीण सिंगला, दविन्द्र मित्तल, प्रेम सिंह सेठी, पवन गर्ग, जगदीप सूर्या, केके कामरा, सुरेंद्र सिंगला, मनीष जैन, आशू जैन आदि उपस्थित थे।

खत्म हुई लव स्टोरी

घर से भागे प्रेमी जोड़े ने जहर निगला, मौत
डबवाली (लहू की लौ) रामा मंडी से भागे पे्रमी जोड़े ने जहर निगल कर मंडी किलियांवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में अपनी जान दे दी। पंजाब और हरियाणा पुलिस ने घटना की तो पुष्टि की लेकिन अपनी परिसीमा में न होने की बात कह कर कार्यवाही से पल्ला झाड़ लिया।
बुधवार को रामा मंडी का एक प्रेमी जोड़ा भाग कर डबवाली में आ गया और रात को पे्रमी ने अपने जीजा को फोन करके बताया कि उन्होंने अपनी जो कार्यवाही डालनी थी वह डाल दी। अब वह उन्हें डबवाली के बठिंडा चौक से आकर ले जाये। प्रेमी का जीजा जब बठिंडा चौक डबवाली में पहुंचा तो उसने देखा कि उसका साला और साथ आयी लड़की उल्टियां कर रहे हैं। इसका कारण पूछने पर उसके साले ने बताया कि उन्होंने तो जहर निगल लिया है। वह तुरन्त उन्हें मंडी किलियांवाली स्थित राज अस्पताल में उपचार के लिए ले गये। लेकिन रात को करीब पौने 11 बजे प्रेमी जोड़े ने दम तोड़ दिया। इसकी सूचना किलियांवाली पुलिस चौकी को अस्पताल के डॉक्टर ने दी।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल ने बताया कि उन्हें घटना की जैसे ही जानकारी मिली तो उसने मौका पर हवलदार गमदूर सिंह को भेजा। लेकिन दोनों गंभीर हालत में होने के कारण ब्यान देने के काबिल नहीं थे। इस मौके पर उन्हें बादल कलोनी, मंडी किलियांवाली निवासी सुरेन्द्र सिंह मिला। जिसने हवलदार को बताया कि गंभीर हालत में पड़ा हुआ युवक उसका जगजीत सिंह (15) पुत्र मेजर सिंह निवासी तिगड़ी है जो कि रामा मंडी की गैस एजेंसी पर नौकरी करता है। बुधवार को उसका साला एक लड़की को रामा मंडी से ही भगा कर डबवाली ले आया और उसे फोन पर इन लोगों ने बठिंडा चौक डबवाली आने के लिए कहा। वह वहां पहुंचा तो इन्होंने बताया कि उन दोनों में प्रेम चलता था लेकिन वह इक्_े नहीं हो सकते थे। जिसके चलते उन्होंने जहर निगल लिया है। वह इन्हें राज अस्पताल मंडी किलियांवाली में उपचार के लिए ले आया। उसने यह भी बताया कि उसके साले के साथ जो लड़की है उसका नाम सरोज (14) पुत्री हंसराज निवासी रामा मंडी है।
इसी दौरान मौका पर रामा मंडी का हंसराज भी पहुंच गया। जिसने बताया कि उसकी बेटी सरोज 8वीं कक्षा की छात्रा है। बुधवार सुबह वह स्कूल जाने का कह कर घर से गई थी। उसके बाद शाम को उन्होंने तालाश भी की लेकिन उन्हें पता नहीं चला। लेकिन उन्हें रात को जैसे ही फोन मिला कि उसकी बेटी अस्पताल में दाखिल है तो वह यहां चला आया। चौकी प्रभारी ने बताया कि जांच के बाद उन्होंने पाया कि रकबा हरियाणा की डबवाली पुलिस या रामा मंडी पुलिस की कार्यवाही है तो उन्होंने तुरन्त इसकी सूचना रामा मंडी पुलिस को दी।
मौका पर पहुंचे थाना रामा मंडी के एएसआई जगदीप सिंह ने बताया कि कार्यवाही क्षेत्र उनका नहीं बनता। किलियांवाली पुलिस या मंडी डबवाली पुलिस इस पर अपनी कार्यवाही कर सकती है। वैसे दोनों पक्षों में समझौता हो गया है और वह किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करवाना चाहते।
थाना शहर डबवाली पुलिस के प्रभारी इंस्पेक्टर जसवन्त जस्सू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सूचना हमारे पास आई थी लेकिन घटनास्थल रामा मंडी का है इसलिए कार्यवाही का दायित्व रामा मंडी पुलिस का है।
राज अस्पताल के डॉक्टर मुकेश गोयल ने बताया कि बुधवार रात को लगभग 9 बले उनके पास सरोज तथा जगजीत को उपचार के लिए लाया गया था। इन दोनों ने सल्फास निगली हुई थी। उन्होंने उपचार का भरसक प्रयास किया लेकिन इन दोनों ने जहर के असर के चलते रात्रि पौने 11 बजे दम तोड़ दिया। वीरवार दोपहर बाद शवों को उनके अभिभावकों को रामा मंडी पुलिस के एएसआई जगदीप सिंह की उपस्थिति में सौंप दिया।

माईनर से युवती का शव मिला


डबवाली (लहू की लौ) थाना सदर पुलिस को डबवाली माईनर में लखुआना रोड़ पर गोबिंदगढ़ गांव के पास एक युवती की लाश मिली है।
मामले को देख रहे थाना सदन के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस को गांव मसीतां के सरपंच शिवराज सिंह ने सूचना दी कि उनके गांव के पास गोबिंदगढ़ रकबा में लखुआना रोड़ पर डबवाली माईनर में युवती की लाश बह रही है। वह मौका पर पहुंचे और उन्होंने लाश को माईनर से निकलवाया। उनके अनुसार अज्ञात लड़की की आयु 20-22 वर्ष आंकी जा रही है। युवती ने नीली सलवार और नीला ही अण्डरवियर तथा सफेद रंग की पजामी पहनी हुई है। जबकि गले में सफेद रंग की ब्रा है। कान में झुमके डाले हुए हैं, एक कान का झुमका टूटा हुआ है, पैरों में नीले और सफेद रंग के स्पोट्र्स शू पहने हुए हैं और साथ में नीली जुराबें भी। उन्होंने बताया कि फिलहाल शव पर कोई चोट का निशान नहीं मिला है। पुलिस का मानना है कि लाश एक-आध दिन पुरानी हो सकती है। मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा।
लाश को पहचान के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में डैड हाऊस में रखा गया है। उनके अनुसार लगता है कि पीछे से यह लाश बहकर आई है।
शक पैदा करने वाले प्रश्न?
लड़की के शरीर पर कम कपड़े हैं। अगर लड़की ने आत्महत्या की होती, तो उसके शरीर पर कपड़े पूरे होते? पहने कपड़ों के रंग से लगता है कि युवती छात्रा या किसी भी संस्था की सदस्य हो सकती है।

स्कूल वैन पलटी, 9 बच्चे घायल

डबवाली (लहू की लौ) वीरवार सुबह 8.30 बजे गांव डबवाली के पास नैशनल हाईवे-10 पर एक स्कूल की बस पलट जाने से चालक सहित 10 बच्चों के चोटें आयीं। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया गया।
ईस्टवुड इंटरनैशल स्कूल डूमवाली (बठिंडा) की एक बस गांव किंगरे, मलिकपुरा, मसीतां, मटदादू, मौजगढ़ से करीब 38 स्कूली बच्चों को लेकर सुबह स्कूल की ओर आ रही थी लेकिन जैसे ही गांव डबवाली से दो बच्चों को चढ़ा कर चली तो डबवाली साईड से आये एक ट्रक-ट्राला की साईड लगने से अचानक पलट गई और उसमें सवार बच्चों में से 10 बच्चों को चोटें आयीं। जिन्हें ग्रामीणों ने डबवाली के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया।
गांव डबवाली के पूर्व पंच रेशम सिंह, गुरूद्वारा में बनी दुकान में वर्कशाप का काम करने वाले मक्खन सिंह, मलकीत सिंह और अन्य प्रत्यक्षदर्शी लाला ङ्क्षसह ने बताया कि बस बच्चों से भरी हुई थी और सामने से आ रहे ट्राला से बचती हुई जैसे ही सड़क की साईड में गई और अचानक पीछे से ट्राला की भी साईड लग गई तथा पलट गई। बस पलटते ही बच्चों में कोहराम मच गया। इस दृश्य को देख कर उन सहित गांव के लोग वहां जमा हो गये और उन्होंने बच्चों को बस से निकाला।
घायल स्कूल बस चालक जसमेल सिंह (22) पुत्र खेता राम मलिकपुरा ने बताया कि वह हर रोज की तरह वीरवार सुबह छह गांवों के बच्चों को लेकर स्कूल की ओर आ रहा था। वह जैसे ही गांव डबवाली में बच्चों को बस में चढ़ा कर चला तो उसने देखा कि एक तेजगति से ट्रक आगे जा रही ट्रेक्टर-ट्राली को ओवरटेक करता उसकी ओर आ रहा है। उसने ट्रक को साईड देते हुए बस को सड़क के किनारे लगा लिया। इसी दौरान बस सड़क से कुछ नीचे उतर गई और पीछे से ट्रक की साईड लगते ही पलट गई। उसने बताया कि उसने अपनी इस वैन नं. 1 का तत्काल शीशा तोड़ा और बाहर निकल कर हादसे की सूचना स्कूल कार्यालय में दी। इधर गांव डबवाली के लोगों की मदद से बच्चों को बस से बाहर निकाला। उसने बताया कि बस में लगभग 40 बच्चे सवार थे।
घायल बच्चों में +2 की रेणू (17) पुत्री राजेन्द्र कुमार मौजगढ़, रमनदीप कौर (17) पुत्री गुरदीप सिंह मौजगढ़, गुरजीत कौर (17) पुत्री जगसीर सिंह मसीतां, कमलजीत कौर (17) पुत्री गुरजन्ट सिंह मौजगढ़, 7वीं कक्षा की सिमरनजोत (12) पुत्री कुलदीप सिंह मौजगढ़, द्वितीय कक्षा का अभितेश (8) पुत्र सतविन्द्र सिंह मटदादू, तृतीय कक्षा की लवलीन (10) पुत्री स्वर्ण सिंह मटदादू, प्रथम कक्षा की गुरजोत सिंह (7) पुत्र जगतार सिंह किंगरा, 8वीं कक्षा का विजयनूर (14) पुत्र कुलदीप सिंह मौजगढ़ के नाम शमिल हैं। इनमें से रेणू और सिमरनजोत के अधिक चोटें हैं।
ईस्टवुड इंटरनैशनल स्कूल प्रबंधक समिति के सचिव संजम बादल ने इस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते ही यह घटना घटित हुई। उनके अनुसार पिछले तीन माह से नैशनल हाईवे-10 को चौड़ा करने के नाम पर अढ़ाई-अढ़ाई फुट तक खोद कर रख रखा है। उन्होंने यह भी बताया कि घायल  बच्चों के बेहतर उपचार के लिए उन्हें सरकारी अस्पताल से प्राईवेट अस्पताल में ले जाकर एक्सरे बगैरा करवाये गये हैं। अब सभी बच्चे ठीक हैं।

'परम पिता परमेश्वर तूने किस भांति संसार रचा....Ó

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड की 15वीं पुण्यातिथि पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके कांड में शहीद होने वाले बच्चों, महिलाओं एवं पुरूषों को श्रद्धांजलि दी गई।
चिल्ड्रन मैमोरियल डीएवी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में हवन यज्ञ करके और भजन गाकर स्कूल स्टॉफ के साथ-साथ बच्चों ने पंद्रह साल पूर्व बिछुड़ी आत्माओं को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। विद्यालय के विद्यार्थी भानू प्रिया, गौतम, अभिषेक, लोकेश, कर्ण, सार्थक, जयंत, सिरत, लोकन्द्र, आकाशदीप, सुखतेज, आकाश शर्मा, सिरत, जीनिया, रीना, कशिश, नैनिता ने 'परम पिता परमेश्वर तूने किस भांति संसार रचा....Ó, 'जिसको तेरी ज्योति का प्रकाश मिल गया...Ó, 'इतनी शक्ति हमें दे न दाता...Ó आदि भजनों से श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या सरिता गोयल, भारत मित्र छाबड़ा, अध्यापक केशव राज भाटी, बीएल सागर, जसवंत सिंह, सतिन्द्र पाल, सुभाष गर्ग, संदीप कुमार, चन्द्रकांता, अंजना, शकुंतला चुघ, सीमा, सोनिया, भाग्यलक्ष्मी, भारती, नीलम, रेणू, मंजू, मधु गंभीर, सर्वजीत कौर आदि उपस्थित थे।
इधर अग्निकांड में शहीद हुए सरस्वती विद्या मंदिर प्रबंधक समिति के सदस्य अशोक वढ़ेरा की स्मृति में सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में हवन यज्ञ आयोजित किया गया। इस अवसर पर विजय वढ़ेरा पत्रकार, रणवीर सिंह प्रिंसीपल आदि उपस्थित थे।

बिछुड़ों को नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड स्मारक स्थल पर गुरूवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अग्निकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर उन्हें याद किया। श्रद्धांजलि समारोह में अग्निकांड पीडि़तों ने अपनी व्यथा भी प्रशासन और सरकार के समक्ष व्यक्त की।
अग्निकांड स्मारक पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की गई। सुबह हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। तत्पश्चात् श्री गुरूग्रंथ साहिब के रखे गए अखंड पाठ तथा श्री रामायण पाठ का भोग डाला गया। धर्मसभा में सांसद अशोक तंवर, स्वामी सूर्यदेव, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल सहित प्रशासन तथा सरकार के नुमाईंदों ने भी अग्निकांड में काल का ग्रास बने लोगों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
धर्म सभा के बाद मंच संचालन कर रहे आचार्य रमेश सचदेवा ने अग्निकांड पीडि़तों की ओर से मांगे प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने कहा कि अग्निकांड पीडि़त मुआवजा की राशि पर कोई बात न करके केवल अपनी समस्याओं के समाधान की बात कर रहे हैं। उनके अनुसार जिन अग्निकांड में घायल लोगों को इलाज की जरूरत है, उनका इलाज करवाया जाए। मुआवजा राशि से उनका इलाज असंभव है। उन्होंने स्मारक स्थल के रखरखाव पर भी ध्यान देने का अनुरोध प्रशासन से किया और साथ में कहा कि जिन लोगों को अभी भी नौकरियों की जरूरत है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां दी जाएं। भविष्य में इस प्रकार की ट्रेजडी फिर कभी न घटित हो, इस दिन को अग्नि सुरक्षा जागरूकता दिवस के रूप में पूरे देश में मनाया जाना चाहिए।
सांसद की जुबान फिसली
इस मौके पर सांसद अशोक तंवर ने कहा कि इस त्रासदी के बाद पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए कितना भी कुछ किया जाए, वह कम है। लेकिन कम से कम पीडि़त परिवारों और व्यक्तियों की समस्याओं का समाधान तो होना ही चाहिए। उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की मांग के संदर्भ में प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीडि़तों की मांगे पूरी होनी चाहिए और इसके लिए जो फाईल तैयार की जाए, उसे तुरंत सरकार के पास भेजा जाना चाहिए। कहीं वह इसी प्रकार दबकर न रह जाएं, जिस प्रकार से पीडि़तों की समस्याएं पंद्रह सालों से दबी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि वे अग्निकांड पीडि़तों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक तौर पर प्रयास करेंगे। लेकिन उस समय लोग स्तब्ध रह गए जब उन्होंने कहा कि डबवाली का सिविल अस्पताल 60 बिस्तर का बन गया है या फिर घोषणा ही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सभी सुविधाएं पीडि़तों को मिलें, इसके लिए वे मुख्यमंत्री के समक्ष  25 दिसंबर को सिरसा आगमन के दौरान उठाएंगे।
आश्वासन का लॉलीपाप
इस दौरान सांसद को अग्निकांड पीडि़तों का एक शिष्टमंडल पीडि़तों की अधिवक्ता अंजू अरोड़ा, अग्निकांड फायर विक्टम एसोसिएशन के अध्यक्ष हरपाल सिंह, आचार्य रमेश सचदेवा,  गुरतेज सिंह, विनोद बांसल के नेतृत्व में मिला। सांसद को साल 1995 में सरकार द्वारा किए गए वायदे याद करवाए और कहा कि पीडि़तों को जिन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, उस संदर्भ में सर्वेक्षण करवाया जाए और  उनकी जरूरतों के अनुसार उन्हें सुविधाएं दी जाएं। इस मौके पर सांसद ने शिष्टमंडल को आश्वासन देते हुए कहा कि वे जनवरी माह में अपोलो अस्पताल, दिल्ली के डॉक्टरों को डबवाली बुलाकर अग्निकांड में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए राय लेंगे और उनसे इलाज करवाएंगे। इस मौके पर यह सवाल भी उठा कि घायलों में दस ऐसे बच्चे हैं, जिन पर कांड का प्रभाव आयु भर रहेगा और उनको दोबारा समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए नौकरी दी जानी जरूरी हैं। शिष्टमंडल ने सांसद के समक्ष एमबीएड कर चुकी अग्निकांड में बुरी तरह से झुलसी सुमन को प्रस्तुत किया और बताया कि वह विकलांगता के कारण अध्यापक की सरकारी नौकरी नहीं पा सकी। अग्निकांड पीडि़तों को सरकारी नौकरी देने के संदर्भ में उठे सवाल पर सांसद ने सरकार से इस बारे में विचार-विमर्श करने की भी बात कही।
इस मौके पर मलकीत सिंह खोसा, कुलदीप गदराना, नवरतन बांसल, टेकचंद छाबड़ा, जगसीर सिंह मिठड़ी, पवन गर्ग, लवली मैहता, गुरजीत सिंह, लाभ सिंह एडवोकेट, हेमराज जिन्दल, सुरिन्द्र छिन्दा, प्रकाश चन्द बांसल, सतपाल सत्ता, पालविन्द्र शास्त्री, शमशेर सिंह, मथरा दास चलाना, ओमप्रकाश बांसल आदि उपस्थित थे।

15 वर्ष बाद भी हरे हैं नेहा के जख्म

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के पंद्रह साल बाद भी इस कांड के शिकार हुए कई बच्चों के जख्म अभी भी वैसे के वैसे हैं। जैसे पंद्रह साल पूर्व थे। युवा अवस्था में भी प्रभावित बच्चे ही नजर आ रहे हैं। फिलहाल तो मां-बाप इनकी संभाल कर रहा है। लेकिन भविष्य में उनकी संभाल कौन करेगा। विशेषकर उन परिस्थितियों में जब वह लड़की है।
अग्निकांड में आई डीएवी की चौथी कक्षा की नेहा पंद्रह साल बाद भी जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उसकी हालत उसका दर्द ब्यां कर रही है। पंद्रह साल पूर्व हुए अग्निकांड के बाद नेहा का परिवार चण्डीगढ़ चला गया था। डबवाली कोर्ट परिसर में अपने पिता संजय मिढ़ा के साथ मुआवजा राशि लेने आई नेहा की हालत देखकर कोर्ट परिसर में खड़े सैंकड़ों लोगों की आंखे नम हो गई। अग्निकांड में स्वयं झुलसे संजय मिढ़ा (45) ने बताया कि अग्निकांड से पूर्व उसका डबवाली में ट्रेक्टरों का अच्छा कारोबार था। लेकिन वह और उसकी बेटी नेहा मिढ़ा इस अग्निकांड का शिकार हुई। तभी से उनके पांव नहीं लगे और उन्हें यहां चण्डीगढ़ शिफ्ट होना पड़ा। उनके अनुसार उनकी बेटी नेहा उस समय डीएवी में चौथी कक्षा की छात्रा थी और आठ वर्ष की थी। इन दिनों उसकी आयु 23 वर्ष है।
मिढ़ा के अनुसार 23 दिसंबर 1995 की घटना को पंद्रह साल बीत चुके हैं। लेकिन नेहा के जख्मों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उसकी हालत इतनी नाजुक है कि वह न तो उठ-बैठ सकती है और न ही आगे पढऩे के लायक रही है। वह कमजोर इतनी हो चुकी है कि डॉक्टर ने उसकी प्लास्टिक सर्जरी करने से भी इंकार कर दिया है। आयु 23 वर्ष होने के बावजूद भी उसका शारीरिक विकास रूक जाने से वह छोटी बच्ची ही लग रही है। उन्हें चिंता है तो केवल यहीं कि इस समय तो वे उसे संभाल रहे हैं। लेकिन उनके बाद नेहा की परवरिश कौन करेगा।
अग्निकांड त्रासदी का शिकार इस नन्हीं बच्ची की जिन्दगी कैसे बीतेगी और इसको संसार में जीने का अधिकार दे रखने के लिए सरकार इसके लिए क्या करेगी, यह प्रश्न अब भी स्वयं नेहा के जहन में हिलोरे खा रहा है।

.....नहीं रूकते 'सागरÓ के आंसू

डबवाली (लहू की लौ) 23 दिसंबर को डबवाली के इतिहास का काला दिन कहा जाता है। कहा भी क्यूं ना जाए। 23 दिसंबर 1995 को हुए अग्निकांड ने सैंकड़ों परिवारों को उजाड़कर रख दिया। अग्निकांड में झुलसे लोगों की पहचान तक नहीं हुई। उस दिन सगे-संबंधियों ने अंदाजे भर से शव को अपने सीने से लगाया और मुखाग्नि दी। इतने साल बीतने के बावजूद भी वह दिन किसी को नहीं भूलता। हर साल दिसंबर माह की शुरूआत जख्म कुरेदती है। दिसंबर 23 को प्रत्येक शहर वासी की आंख भर आती है। इस दिन शहर का प्रत्येक व्यक्ति नम आंखों से अग्निकांड स्मारक पर पहुंचकर अग्निकांड में झुलसे लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
दिसंबर 22, 2010। समय 12 बजकर 06 मिनट। अग्निकांड स्मारक स्थल के एक कोने में बैठ इधर-उधर देखता एक व्यक्ति। जैसे किसी को ढूंढ रहा हो। बार-बार आंखे पौंछ रहा। लेकिन उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। संवाददाता की नजर इस व्यक्ति पर पड़ी। भरी आंखों से इस व्यक्ति ने संवाददाता को अपनी पहचान विद्या सागर (50) निवासी एकता नगरी, डबवाली के रूप में करवाई और अपनी दर्द भरी कहानी से भी अवगत करवाया।
विद्या सागर ने बताया कि उसके दो बच्चे नेहा गुप्ता (7) और जतिन (5) डीएवी में पढ़ते थे। 23 दिसंबर 1995 को डीएवी के सातवें वार्षिक समारोह में उन्होंने हिस्सा लिया था। समारोह के लिए दोनों बच्चों में बढ़ा उत्साह था। उन्होंने नई ड्रेसज भी सिलवाई थी। उसकी पत्नी किरण गुप्ता सवा साल के बेटे दीपक को गोद में उठाए समारोह में बच्चों की परफोरमेंस देखने के लिए चली गई।
23 दिसंबर 1995 को वह मेन बाजार में स्थित अपनी खल-बिनौले की दुकान में व्यस्त था। दोपहर बाद करीब 1 बजे उसने समारोह से किरण को लाने के लिए स्कूटर स्टार्ट किया ही था। अचानक दुकान पर ग्राहक आ गया और वह उसी में व्यस्त हो गया। 2 बजे के करीब उसे सूचना मिली कि समारोह में आग लग गई है। सैंकड़ों बच्चे, दर्शक झुलस गए हैं। यह सुनकर वह समारोह स्थल पर पहुंचा। शवों के बीच उसे सवा साल के बेटे दीपक तथा धर्मपत्नी किरण का शव मिला। दीपक अपनी मां किरण से लिपटा हुआ था। बिखरे शवों में से उसके दूसरे बेटे जतिन का शव भी मिल गया। लेकिन उसकी बेटी नेहा का शव नहीं मिला। 24 दिसंबर को उसने पुन: तालाश शुरू की। लेकिन शव बुरी तरह से जले हुए थे। जिन्हें पहचान पाना नामुमकिन था। कलेजे पर पत्थर रखकर उसने कद के अंदाजे से नेहा को पहचाना और अन्य शवों के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन उसे नहीं मालूम वह शव उसकी नेहा का था या किसी ओर का।
विद्या सागर के अनुसार हर साल दिसंबर माह शुरू होते ही 23 दिसंबर 1995 की हृदय को पिघला देनेे वाली घटना दोबारा जेहन में उतर आती है। आंखों में दर्द लिए हर साल दिसंबर 23 को अग्निकांड स्मारक पर आता है। करीब पंद्रह साल पहले घर से सज्ज-संवरकर निकले अपने पारिवारिक सदस्यों को ये आंखे न जाने क्यूं स्मारक में आकर ढूंढने लग जाती हैं। नेहा, जतिन, दीपक और किरण के साथ बिताया जिन्दगी का एक-एक पल खुद-ब-खुद सामने आने लगता है।
विद्या सागर ने बताया कि विश्व के सबसे बड़े अग्निकांड को हुए करीब पंद्रह साल हो चुके हैं। लेकिन आज तक देश की सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। सरकार को ऐसे प्रबंध करने चाहिए ताकि डबवाली अग्निकांड की पुनर्रावृत्ति न हो। उन्हें इस बात का दु:ख है कि 23 दिसंबर 1995 के बाद फौरी तौर पर सरकार ने डबवाली के लोगों तथा अग्निकांड पीडि़तों को इस गम से उबारने के लिए कुछ घोषणाएं की थी। लेकिन पंद्रह साल बाद भी वे महज घोषणाएं हैं।

24 दिसंबर 2010

कानों में गूंजती है बच्चों की किलकारियां

डबवाली (लहू की लौ) बचपन में हिन्दोंस्तान-पाकिस्तान बंटवारे का दंश सहन करके डबवाली में आए। जवानी में मेहनत करके अपने आपको स्थापित किया। लेकिन बुढ़ापे में जब आराम का समय आया तो 23 दिसंबर 1995 ने उनके सपनों को उजाड़ दिया। पल भर में परिवार के सदस्य सदा के लिए जुदा हो गए। इस सदमें ने ऐसी टीस दी कि ताउम्र नहीं भुलाई जा सकती।
डबवाली की रामनगर कलोनी के निवासी बिशन कुमार मिढ़ा (72) तथा उनकी धर्मपत्नी कृष्णा मिढ़ा (70) ने बताया कि उनकी पुत्रवधू डिम्पल और बेबी तथा साथ में पौत्रियां रीतू, गुड्डू और पौत्र नन्नू पंद्रह साल पहले डीएवी स्कूल के सालाना समारोह में भाग लेने के लिए गए थे। लेकिन वहां पंडाल में लगी आग ने युवा पुत्रवधुओं सहित पौत्र-पौत्रियों को उनसे छीन लिया। घर के जिस आंगन में बच्चों की किलकारियां गूंजती थी, पुत्रवधुओं का स्नेह घर में चार चांद लगा रहा था, वह आंगन कुछ पलो में सुनसान हो गया। भगवान का क्रूर खेल यही समाप्त नहीं हुआ। बल्कि पुत्रवधू डिम्पल और पौत्री गुड्डू की मौत के बाद जो सदमा उसके बेटे भूपिन्द्र सिंह को लगा, उसने उसके बेटे को भी छीन लिया।
बिशन कुमार मिढ़ा के अनुसार साल 1948 में वे लोग पाकिस्तान में अपना कपड़े का बढिय़ा कारोबार लूटा-पुटा कर भारत आए थे। डबवाली में आकर उन्होंने सख्त मेहनत की। जिसका फल उन्हें अच्छे कारोबार के रूप में मिला। क्षेत्र में उनका नाम था। लेकिन 1995 की विभित्सय घटना ने उन्हें बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया। जिसके चलते वे लोग अपनी दुकान छोड़कर घर पर बैठने को मजबूर हो गए।
आंखों में आंसू, चेहरे पर उदासी लिए हुए बिशन मिढ़ा ने बताया कि सदमें ने उन्हें जवानी में ही बुढ़ापा दे दिया। अब तो उनकी हालत यह है कि घर से दो कदम बाहर भी नहीं रख सकते। इन हालतों में उन्हें सरकार या डीएवी से कोई उम्मीद नहीं है। तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने पीडि़त परिवारों के सदस्यों को नौकरी देने का वायदा किया था, वह वायदा भी अब काफूर है। उन्होंने कहा कि मुआवजा किसी की जिन्दगी वापिस नहीं लौटा सकता। लेकिन जो गम पंद्रह साल पूर्व उन्हें मिला, वह अब भी उन्हें पहले जैसा दर्द दे रहा है। उठते-बैठते, सोते-जागते उनके कानों में केवल रीतू, गुड्डू और नन्नू की किलकारियां गूंजती हैं।

दर्द भरी कहानी है शैरी की

मां का साया उठने के बाद, पिता ने भी दुत्कारा, सरकारी मदद की जरूरत
डबवाली (लहू की लौ) दो साल की उम्र में मां ममता की ममतामयी छाया सिर से उठ गई। महज पांच साल की उम्र में पिता ने दुत्कार दिया। दादा-दादी, अपाहिज बुआ और चाचा ने परवरिश करके 17 साल का कर दिया। चार जनें मिलकर महज कुल 2500 रूपए महीना की पेंशन से अपने इस दुलारे को इंजीनियर बनाना चाहते हैं।
यह कोई हिन्दी फिल्म की कहानी नहीं। बल्कि यह दर्दभरी कहानी शैरी नामक युवक की है। जिसने 23 दिसंबर 1995 को डबवाली में घटित हुए अग्निकांड में अपनी माता को गंवा दिया। पिता के हाथ उसकी परवरिश आई, लेकिन पिता ने नई शादी के बाद बेटे को भूला दिया। जिसका सहारा बने वृद्धा अवस्था में उसके दादा-दादी तथा अपाहिज बुआ और चाचा।
शैरी शहर की रामनगर कलोनी में अपने दादा बिहारी लाल मिढ़ा (76), कृष्णा देवी (72), अपाहिज बुआ सरोज रानी (42), चाचा अशोक कुमार (35) के साथ रह रहा है। शैरी (17) ने बताया कि वह इस समय डीएवी स्कूल डबवाली में 12वीं कक्षा के नॉन मेडीकल ग्रुप का छात्र है। उसका सपना है कि वह इंजीनियर बनकर देश की सेवा के साथ-साथ अपने वृद्ध दादा-दादी और अपाहिज बुआ तथा चाचा का सहारा बन सके। लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए उसे पढ़ाई में मदद की जरूरत है। यहीं नहीं बल्कि इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की भी जरूरत है।
शैरी के दादा बिहारी लाल मिढ़ा (76) ने बताया कि 1948 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उन्हें अपना अच्छा चलता कपड़े का व्यवसाय पाकिस्तान से गंवाकर भारत के नगर डबवाली में आना पड़ा। यहां उन्होंने मेहनत की और शहर में नाम तथा यश पाया। अच्छा कारोबार था लेकिन डबवाली अग्निकांड ने उन्हें बुरी तरह से बिखेर दिया। उसकी आलीशान कोठी महज 8 लाख में बिक गई और नगर के मुख्य बाजार में स्थित कपड़े की बढिय़ा चलती दुकान महज 11 लाख में बेचनी पड़ी। जैसे-तैसे कर्ज तो चुका दिया। लेकिन अब उनके पास सहारे के लिए कुछ नहीं बचा। अग्निकांड में उसकी पुत्रवधू ममता मिढ़ा, जोकि डीएवी डबवाली में होनहार म्यूजिक अध्यापिका थी, 23 दिसंबर 1995 को वह मंच पर बच्चों का कार्यक्रम करवा रही थी, इस समारोह में लगी आग ने उसे उनसे छीन लिया। अब उन्हें तथा उनकी धर्मपत्नी को 500-500, अपाहिज बेटे अशोक तथा बेटी सरोज को 750-750 रूपये पेंशन मिलती है। इसी से ही वे गुजारा चलाते आ रहे हैं। उनकी इच्छा अपने पौत्र शैरी की इच्छा के अनुरूप उसे इंजीनियर बनाने की है। लेकिन आर्थिक हालतों के गुजरते वे उसे इंजीनियर कैसे बनाएं, यह समस्या उनके सामने है।
मिढ़ा ने कहा कि बुढ़ापे से जूझ रहे अग्निकांड पीडि़तों को सरकार मुआवजे के अतिरिक्त इतनी मासिक पेंशन दे कि उनका बुढ़ापा आसानी से गुजर सके। उनके आश्रय में पल रहे बच्चों को भी वे सहारा दे सकें। जिक्र योग है कि बिहारी लाल मिढ़ा की हालत इन दिनों काफी नाजुक है। वे मुश्किल से ही चल-फिर सकते हैं। हृदय और मधुमेह की समस्या ने उसकी आंखों की रोशनी भी छीन ली है। उसे सहारे की जरूरत है, जो सरकार आर्थिक सहायता करके ही कर सकती है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि 23 दिसंबर 1995 को डीएवी स्कूल के सालाना समारोह में धधकी आग से वहां मौजूद 1300 दर्शकों में से 442 लोग शहीद हुए। जबकि 150 से भी ज्यादा घायल हुए। लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें अग्निकांड ने इतना भयंकर सदमा दिया है, कि वो अब तक भी इस सदमें से नहीं उठ पाए हैं। उनकी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्थिति बुरी तरह डांवाडोल है।

पंद्रह सालों से राजनीति का शिकार बनाए जा रहे अग्निकांड पीडि़त

डबवाली (लहू की लौ) पंद्रह साल से अग्निकांड पीडि़तों को राजनीतिक अपनी राजनीति का ही शिकार बनाते आ रहे हैं। वोटों में पीडि़तों को सुविधाएं देने के नाम पर वोट तक बटोरते रहे हैं। लेकिन उन्हें पंद्रह सालों में कड़े संघर्ष के बाद केवल मुआवजा ही मिल पाया है। वह भी अभी अधूरा है। जबकि आश्वासनों के नाम पर कई लालीपॉप थमाए जा चुके हैं।
अग्निकांड के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने डबवाली आकर शहीदों की स्मृति में मेडीकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी और इसके साथ ही डबवाली के प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामान्य अस्पताल का दर्जा देकर 100 बिस्तर का अस्पताल देने के साथ-साथ इसमें बर्न यूनिट भी बनाने का वायदा किया था। लेकिन अभी तक यह अस्पताल 60 बिस्तरों तक ही सीमित है, वह भी कागजों में। बर्न यूनिट तो बनाने का नाम तक नहीं है।
सरकारों ने अग्निकांड पीडि़तों के नाम पर सहानुभूति बटोरने के लिए डबवाली में स्टेडियम बनाने की घोषणा की और स्टेडियम बना भी दिया। लेकिन इसे अग्निकांड में शहीद हुए बच्चों की स्मृति में केवल नाम दिया गया है। जबकि राजनीतिक फायदे के बाद इसका नाम चौ. दलबीर सिंह स्टेडियम रखा गया। हालांकि राजीव गांधी की स्मृति में कम्युनिटी हाल बनाया गया। लेकिन बाद में इसे भी यह कहकर प्रचारित किया गया कि इसे डबवाली अग्निकांड में आए बच्चों की स्मृति में बनाया गया है। अधिकांश अग्निकांड पीडि़तों का मानना है कि केवल भवन बनाने से उनके पेट की भूख शांत नहीं हो सकती। जिनको नौकरियों की जरूरत है, उन्हें नौकरी देकर और जिनको इलाज की जरूरत है, उन्हें इलाज देकर ही उनकी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
अग्निकांड में अपने पति रविन्द्र कौशल को खो चुकी सरोज कौशल का कहना है कि उसके दो बेटे और एक बेटी है। मेहनत-मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से उसने उन्हें पाला-पोसा है। अग्निकांड के बाद सरकार ने मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन सरकारी नौकरी तो दूर सरकार ने उसकी कोई सहायता भी नहीं की।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा के अनुसार पिछले पंद्रह सालों से डबवाली अग्निकांड को लेकर सरकारों की भूमिका नकारात्मक ही रही है। जबकि सरकार को चाहिए कि वह इस दिन को पूरे देश में अग्नि सुरक्षा दिवस के रूप में मनाए और अग्नि से कैसे सुरक्षित रहा जा सकता है, इस संबंध में जन जागरण अभियान चलाए।
उन्होंने कहा कि आज भी ऐसे पीडि़त परिवार हैं, जिनकी परिवारिक स्थिति काफी नाजुक हो चुकी है। कुछ की हालत तो रि-मैरिज के बावजूद भी पेचिदा हो चुकी है। उनको समाज की मुख्यधारा में लाने तथा उन्हें पुर्नस्थापित करने के लिए सद्भावना कमेटी का गठन किया जाए। जो उनके जख्मों पर मरहम लगाए। उनके अनुसार कुछ ऐसे परिवार भी हैं, जिनको आज नौकरी की जरूरत है। सरकार उन्हें उनकी योग्यता अनुसार नौकरी दे। बॉबी और सुमन जैसे ऐसे भी बच्चे हैं, जिनके लिए उनके पूरे जीवन भर के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए और जो बच्चे इस कांड के कारण अपनी पढ़ाई को आगे जारी नहीं रख सके, उन्हें भी गुजारा करने के लिए व्यापक आर्थिक सहायता की जरूरत है, जो उन्हें दी जानी चाहिए।
इधर कई अग्निकांड पीडि़तों ने तो हर साल की ब्यानबाजी के बाद अब अपना दुखड़ा भी सुनाना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि वे पिछले पंद्रह बरसों से सरकारों को अपनी दु:ख भरी कहानी सुनाते आ रहे हैं। जब उनकी सुनवाई ही नहीं होनी, तो बेहतर है कि मन मसोस कर भीतर ही भीतर अपने दु:ख को पी लिया जाए।
सरकार ने अग्निकांड में शहीद हुए बच्चों की स्मृति में नाम में तो डबवाली नगर में अस्पताल, कम्युनिटी हाल और स्टेडियम बनाया है। लेकिन वास्तव में अग्निपीडि़तों के अनुसार उन्हें भूल-भुलैया में ही रखा गया है।

ज्यों के त्योंअग्निकांड के कारण

डबवाली (लहू की लौ) विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड जिन कारणों को लेकर घटित हुआ, वह कारण आज भी ज्यों के त्यों कायम है। इससे न तो प्रशासन ने और न ही सरकार ने कोई सबक लिया है।
डबवाली अग्निकांड फायर विक्टम एसोसिएशन के पूर्व प्रवक्ता रामप्रकाश सेठी ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी यह ट्रेजडी डबवाली में घटित हुई, तो उस समय केवल डबवाली का प्रशासन ही नहीं बल्कि प्रदेश, देश और विश्व की सरकारें हिल गई थीं। उस समय अग्निकांड के लिए जिम्मेवार कमियों को दूर करने के प्रयास किए जाने पर जोर दिया जाना शुरू हो गया था। लेकिन इस घटना को बीते पंद्रह वर्षों के बाद भी सरकार की सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
आज भी विद्यालयों में अग्निश्मक यंत्र नहीं है, प्रशासन की अनुमति के बिना पण्डाल बन रहे हैं और उनमें निर्धारित संख्या में गेट नहीं रखे जाते, यहां तक की समारोह पंडालों के पास भी आग जलाकर भोजन आदि की व्यवस्था की जाती है। हरियाणा में उस समय यह भी आदेश जारी किए गए थे, कि जब भी कहीं सार्वजनिक स्थल पर कोई विवाह समारोह, जागरण आदि हो तो उसकी स्वीकृत्ति नगरपालिका से ली जाए, ताकि वहां पर फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की जा सकें। यह सब भी नदारद है।
इससे भी बढ़कर अगर कहीं कोई कमी रह गई है, तो वह डबवाली नगर में आज भी देखी जा सकती है। नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को चलाने के लिए चालक ही नहीं है। यदि चालक नहीं होगा, तो फायर ब्रिगेड किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कैसे पहुंच पाएगी। जानकार सूत्रों के अनुसार फायर ब्रिगेड पर तीन चालकों की जरूरत है और सात फायरमैन लेकिन न तो चालक हैं और न ही पूरे फायरमैन।
इस संदर्भ में उपमण्डलाधीश तथा डबवाली नगरपालिका के कार्यकारी प्रशासक डॉ. मुनीश नागपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वे प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त थे। हालांकि इस संबंध में साक्षात्कार लिया जा चुका है और शीघ्र ही इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।

अग्निकांड पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी

डबवाली (लहू की लौ) करीब पंद्रह साल पूर्व डबवाली में घटित अग्निकांड की दुखद छाया अभी भी नगर का पीछा नहीं छोड़ रही है। पीडि़तों में इस कांड का दर्द भले ही छुप गया है। लेकिन भीतर ही भीतर मधुमेह की तरह उन्हें खा रहा है। पीडि़तों को सरकारों से बड़ी आशाएं थी। लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। अगर कहीं से कुछ मिला, तो वह न्याय अदालत से ही मिला। जिससे पीडि़तों के जख्म कुछ शांत हुए, लेकिन अभी भी जख्मों पर मरहम लगाने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।
23 दिसंबर 1995 को 1 बजकर 47 मिनट पर डबवाली के डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह में अचानक आग लगने से 442 दर्शक काल का ग्रास बन गए। जिसमें 136  महिलाएं, 258 बच्चे शामिल थे। जबकि 150 से भी अधिक घायल हुए। विश्व में अब तक का यह सबसे बड़ा अग्निकांड है। जिसमें इतनी भारी संख्या में जीवित लोग झुलस कर शहीद हो गए और घायल हुए। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चला और कुछ घायल हो ऐसे भी हैं, जिनका आज भी इलाज चल रहा है।
अग्निकांड पीडि़त एसोसिएशन डबवाली के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि साल 1996 में न्याय पाने के लिए एसोसिएशन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। अदालत ने एसोसिएशन की याचिका पर साल 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके उन्हें संबंधित पक्षों पर मुआवजा निर्धारित करने का अधिकार दिया। मार्च 2009 को आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दी। नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने मुआवजा के संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को 45 प्रतिशत और डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत मुआवजा राशि पीडि़तों को अदा करने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को 45 प्रतिशत मुआवजा के रूप में 21 करोड़, 26 लाख, 11 हजार 828 रूपए और 30 लाख रूपए ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए। जबकि डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत के रूप में 30 करोड़ रूपए की राशि अदा करने के लिए कहा।
आदेश के बावजूद भी करना पड़ा संघर्ष
अग्निकांड पीडि़तों को अदालत द्वारा मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी करने के बावजूद भी जब सरकार ने इसके विरूद्ध अपील करने की ठानी तो इसकी भनक पाकर इनेलो से डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला को अग्निकांड पीडि़तों को साथ लेकर संघर्ष करना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने तो अपने हाथ पीछे खींच लिए। लेकिन डीएवी मुआवजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
डीएवी को भरना पड़ा 10 करोड़
सुप्रीम कोर्ट में मुआवजा से राहत पाने के लिए गए डीएवी संस्थान को उच्चतम न्यायालय ने 10 करोड़ रूपए की राशि पीडि़तों को देने के आदेश दिए और इसके बाद सुनवाई करने की बात कही। इससे मजबूर होकर 15 मार्च 2010 को डीएवी संस्थान ने 10 करोड़ रूपए की राशि अदालत में जमा करवाई। अब 5 जनवरी 2011 को इस याचिका पर सुनवाई होनी है। पीडि़तों को अदालत से न्याय की आशा है, जिसके चलते पीडि़तों को उम्मीद बंधी है कि उच्चतम न्यायालय केवल पीडि़तों के पक्ष में ही निर्णय नहीं करेगी, बल्कि उन्हें जो मुआवजा कम मिला है, उसे भी बढ़ाकर देगी।
अग्निकांड पीडि़तों को उच्च न्यायालय ने मुआवजा राशि अदा करने के आदेश देकर उनके जख्मों पर मरहम तो लगाई है। लेकिन जख्मों की टीस अभी भी पीडि़तों के बदन और मन पर कायम है। जिसको समय के साथ-साथ उनके रिहबेलीटेशन के लिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। जिसमें बेरोजगारों के लिए रोजगार, पीडि़तों के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा और जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें आर्थिक सहायता।

21 दिसंबर 2010

बोले काण्डा, बड़ा दिन विकास की नई दिशा तय करेगा

कालांवाली (नरेश सिंगला)   हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्य मंत्री गोपाल कांडा ने कहा है कि 25 दिसम्बर का दिन सिरसा के विकास की नई दिशा तय करेगा और इलाके के विकास में एक नए अध्याय की शुरूआत करेगा।  इस दिन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा यहां आयोजित बढ़ते कदम रैली में करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं की घोषणा एवं अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन कर जिलावासियों को नव वर्ष का तोहफा देंगे।
कांडा गांव सुखचैन में ग्रामीणों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है और दूसरा मुख्य व्यवसाय पशुपालन है, जो एक दूसरे के पूरक हैं। मौजूदा राज्य सरकार ने किसानों को उनकी फसल का उचित भाव देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अनेक ठोस फैसले भी लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान व मजदूर की खुशहाली से ही प्रदेश की समृद्धि का रास्ता खुलता है। ग्रामीण सभा को सम्बोधित करते हुए गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वे जनसेवा के उद्देश्य से राजनीति में आए हैं और बिना किसी भेदभाव के अपने क्षेत्र व जिला के लोगों की निस्वार्थ सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जनआंकाक्षाओं पर खरा उतरने और इस इलाके के लोगों की समस्याओं का स्थाई समाधान कर उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करवाने की भरपूर कोशिश करेंगे।
उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि उनके दरवाजे हमेशा आम आदमी के लिए खुले हैं। कांडा ने कालांवाली, भादड़ा, झोरडऱोही तथा रोड़ी में भी ग्रामीण सभाओं को सम्बोधित किया और लोगों की समस्याएं सुनी। आज के दौरे के दौरान खेल राज्य मंत्री ने कई गांवों में स्कूली कमरों का उद्घाटन भी किया। उन्होंने गांव झोरडऱोही में सर्वशिक्षा अभियान के तहत राजकीय उच्च विद्यालय में 2 लाख 51 हजार रुपए की लागत से बनने वाले एक कमरे व एक बरामदे की आधारशिला रखी। कालांवाली में जिम खोलने की स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक गांव में कांडा का ग्रामीणों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया और 25 दिसम्बर की रैली में भारी तादाद में पहुंचने का भरोसा भी दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाज सेवी गोबिन्द कांडा,दलजीत सिंह तिलोकेवाला, कृष्ण सैनी, सूरत सैनी, भूपेश गोयल, प्रेम शर्मा, भागीरथ गुप्ता, कुलदीप सिंह गदराना, तरसेम गोयल, गोबिन्द गोयल आदि उपस्थित थे।

अपनी डयूटी समझें कार्यकर्ता-जैन

डबवाली (लहू की लौ) इण्डियन नेशनल लोकदल जिला सिरसा के कार्यकर्ताओं की बैठक सोमवार को यहां के इनेलो कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिला अध्यक्ष पदम जैन ने की।
बैठक को संबोधित करते हुए पदम जैन ने कार्यकर्ताओं को आपसी द्वेष भावना भूलकर पार्टी हित में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को जो भी जिम्मेवारी सौंपी गई है, उसे वह ईमानदारी से निभाए। पार्टी कार्यकर्ता सप्ताह में दो घंटे पनवाडी, आढ़ती, चाय विक्रेता, बारबर की दुकान पर बिताए और वहां एकत्रित लोगों को हरियाणा सरकार की तुगलकी नीतियों से परिचित करवाए। पार्टी का प्रत्येक पदाधिकारी अपने बूथ को मजबूत करे। बूथ मजबूत होगा, तो पार्टी का कैडर मजबूत होगा। जिला अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अगर कोई कार्यकर्ता कैडर में सही तरीके से कार्य नहीं करता, तो उसकी शिकायत पार्टी पदाधिकारियों को करें, ताकि उसे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
जैन ने कहा कि लगातार छह साल से प्रदेश में राज कर रही कांग्रेस सरकार ने जिला सिरसा में विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लगाई। लूट-खसूट करके अपने घर भरने वाली कांग्रेस जिला सिरसा में बढ़ते कदम रैली करने जा रही है। रैली को भ्रष्टाचार में बढ़ते कदम नाम दिया जाना चाहिए था। चूंकि कांग्रेस नेताओं ने कदम केवल अपने और अपने रिश्तेदारों के ही बढ़ाएं हैं। बैठक को बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ हरियाणा के सदस्य राम सिंह चहल, केएल लूथरा, धर्मपाल बालासर, सूरजभान खनगवाल, एडवोकेट प्रदीप मैहता, धर्मवीर नैन, जसवीर सिंह जस्सा, कृष्णा फौगाट, चरणजीत रोड़ी एमएलए कालांवाली, कृष्ण कम्बोज एमएलए रानियां, जगरूप सिंह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर रणवीर सिंह राणा, राधेराम गोदारा, डॉ. गिरधारी लाल, विनोद अरोड़ा, नरेन्द्र सिंह बराड़, संदीप सिंह सन्नी गंगा, सर्वजीत सिंह मसीतां, दर्शन मोंगा, रूकमा सिहाग, गुरप्रीत सिंह कुलार, गिरधारी लाल बिस्सू, लखविंद्र सिंह लक्खा, गुरजीत सिंह, भजन लाल नम्बरदार अबूबशहर, कृष्ण गुम्बर, सुरेश कुक्कू, कश्मीर करीवाला, गुलजिन्द्र सिंह सोना, हरी सिंह, सीता देवी, पुष्पा दैड़ान, बलदेव गर्ग, कुलदीप सिंह जम्मू, सुखविंद्र कुलार, नसीब गार्गी, नीलकांत मैहता लवली, सुरिन्द्र छिन्दा, सुभाष मित्तल, रणजीत सिंह अलीकां, गुरचरण सिंह, सुखजिन्द्र सिंह काला जापानी, जोगिन्द्र सिंह डाल, विक्की चोरा, देवीलाल लूगरिया, दर्शन सोनी, गुरविन्द्र सिंह भोला, गुरपाल सिंह पाली, रवि कुक्कड़, आत्मा राम चौटाला, पवन कुमार सुकेराखेड़ा, राजा पेन्टर, जगसीर सिंह मांगेआना, दलबीर सिंह हैबूआना, टेकचंद छाबड़ा, महेन्द्र डुडी, प्रहलाद राय, अश्विनी शर्मा, जग्गा सिंह बराड़ आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर मंच का संचालन दीपक बागड़ी उपाध्यक्ष श्रमिक प्रकोष्ठ इनेलो जिला सिरसा ने किया।

रेहड़ी मालिक पर उबला रिफाईंड तेल डाल दिया

डबवाली (लहू की लौ) एक अंडा व पकौड़ा रेहड़ी मालिक पर उबलता हुआ रिफाईंड तेल डाल कर एक युवक ने उसे बुरी तरह से झुलसा दिया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया। घायल पृथ्वी चन्द (36) पुत्र शिवचरण निवासी भाटी कलोनी, किलियांवाली ने बताया कि वह डबवाली के एफसीआई गोदाम के पास शाम को अंडा और ब्रेड पकौड़ा की रेहड़ी लगाता है। रविवार शाम को वह एफसीआई गोदाम के पास रेहड़ी लगाये हुए था। कड़ाही में डाले हुए रिफाईंड में ग्राहक के लिए ब्रेड तल रहा था। इसी दौरान वहां पर शराब के ठेके पर काम करने वाला विक्की नामक युवक आया और उसने दो ट्रे अंडा तथा बने हुए पकौड़ फेंक  दिये। यहीं नहीं बल्कि आरोपी युवक ने छालनी की सहायता से कड़ाही को उसकी ओर उड़ेल दिया। जिससे उसकी एक टांग बुरी तरह झुलस गई। उसने बताया कि विक्की शराब के नश्ेा में धुत्त था और उसे कह रहा था कि वह शराब पीने वालों को यहां गिलास न दे। जबकि वह तो गिलास रखता ही नहीं।
तथ्य तो यह है कि यह मामला राजकीय रेलवे पुलिस और थाना शहर पुलिस के बीच में उलझ कर रह गया है। थाना शहर पुलिस घटनास्थल को जीआरपी के अन्तर्गत बताती है जबकि जीआरपी इसे थाना शहर पुलिस का क्षेत्र बताती है। परिणामस्वरूप घायल न्याय के लिए दोनों पुलिसों के बीच पिस रहा है। जीआरपी डबवाली के कार्यकारी प्रभारी हवलदार रणवीर सिंह ने बताया कि वह मौका पर गये थे। लेकिन घटनास्थल थाना शहर के अन्तर्गत आने के कारण उनकी कार्यवाही में नहीं आता। इधर थाना शहर के एएसआई गोपाल राम ने कहा कि उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। घटनास्थल जीआरपी का क्षेत्र बनता है।

रेल तले आकर कटा

डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी तले आने से एक युवक की मौत हो गई। मरने वाला युवक कौन है, इसका पता नहीं चल पाया। फिहाल युवक के शव को बठिंडा के सरकारी अस्पताल के डैड रूम में पहचान के लिए रखा गया है।
रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह गश्त पर था। किलोमीटर 38/12-13 के निकट किलियांवाली (पंजाब) क्षेत्र में उसे रेल लाईन में एक शव पड़ा हुई दिखाई दिया। उसने इसकी जानकारी तुरंत डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन को दी। हालांकि युवक किस गाड़ी तले आया इसका पता नहीं चल पाया।
काफी दूर तक घसीटा
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के अध्यक्ष आरके नीना तथा एम्बूलैंस चालक कुलवंत सिंह पथराला ने बताया कि रेलगाड़ी ने युवक को काफी दूर तक घसीटा। बाद में अवारा कुत्ते शव को रेलवे लाईन से घसीटकर काफी दूर ले गए। उन्होंने मौका पर पहुंचकर कुत्तों को हटाया और शव को कब्जे में लिया।
बठिंडा जीआरपी पहुंची
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा जीआरपी के हैंड कांस्टेबल परमजीत सिंह ने बताया कि मृतक युवक की पहचान नहीं हो पाई है। युवक की आयु 24-25 साल है। उसने लाईट ब्लू रंग का लॉअर, पीले रंग की नीली धारी वाली टी-शर्ट, जामनी कलर की लाल धारीदार शर्ट तथा ग्रे रंग की जॉकेट पहनी हुई है।  युवक की दाईं बाजू पर अंग्रेजी में जीएसडी खुदा हुआ है। दाईं बाजू के हाथ की एक अंगुली में छल्ला भी पहना हुआ है। पुलिस ने स्टेशन मास्टर महेश सरीन के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई है। युवक के शव को पहचान के लिए 72 घण्टे के लिए बठिंडा के सरकारी अस्पताल के डैड रूम में रखा गया है।

कांग्रेस का होगा नपा अध्यक्ष-काण्डा

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा हरियाणा राज्य गृहमंत्री गोपाल कांडा के अनुज गोबिन्द कांडा ने कहा कि डबवाली नगरपालिका का अध्यक्ष कांग्रेस का ही बनेगा। लेकिन इस पद पर किसका चयन होगा यह अभी निश्चित नहीं है।
वे शनिवार को नगरपालिका की पूर्व अध्यक्षा सिम्पा जैन के निवास स्थान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह 25 दिसम्बर को सिरसा में होने जा रही मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा की बढ़ते कदम रैली के लिए कांग्रेस जनों को न्यौता देने के लिए आये थे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पालिका का अध्यक्ष कांग्रेस का हो इसके लिए वह अपनी पूरी भूमिका निभायेंगे और जो पार्षद रूठे हुए हैं उन्हें मनायेंगे। उनकी शिकायतों को दूर करते हुए उन्हें जो मान सम्मान मिलना चाहिए वह मान सम्मान भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में कांगे्रस कार्यकर्ताओं की भरमार है लेकिन नेताओं ने पार्टी में ही अपने आदमी बना रखे हैं। जिसके चलते आम वर्कर का नुक्सान हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नेता चाहे बड़ा है या छोटा वह अपना काम निकाल ही लेता है। लेकिन अगर कहीं नुक्सान होता है वर्कर का होता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह नेताओं के चंगुल में फंसने की अपेक्षा पार्टी के लिए काम करें और पार्टी के ही बनकर रहें। यदि कार्यकर्ताओं में एकता रहेगी तो नेता भी उनके काम भाग कर करेंगे।
डबवाली के विकास के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विकास के काम तो हो रहे हैं, कहीं मैटीरियल की कमी के कारण ऐसा हो रहा है। लेकिन कांग्रेस में कमी है तो केवल यहीं है कि उनमें कोई भी कार्यकर्ताओं को जगाने वाला नहीं है।
उनके अनुसार 25 दिसम्बर की रैली केवल जिला की रैली नहीं होगी बल्कि यह प्रदेश स्तर की रैली होगी जिसमें डबवाली की कॉलेज भवन बनाने, ओवरब्रिज के निर्माण तथा कलोनियों को मंजूरी दिलवाने की मांग भी रखी जायेगी। उन्होंने कहा कि हुड्डा की खेल नीति और जमीन अधिग्रहण नीति श्रेष्ठ होने के कारण उनकी देश विदेश में प्रशंसा हो रही है। जिसके चलते सिरसा जिला के लोग भी हुड्डा को सुनना पसन्द करते हैं।
इस मौके पर राजेन्द्र जैन तथा उसकी धर्मपत्नी सिम्पा जैन ने गोबिन्द कांडा को दोशाला देकर सम्मानित किया। गोपाल मित्तल और नवरतन बांसल ने भगवान कृष्ण की बाल-गोपाल मूर्ति देकर सम्मानित किया। इस मौके पर प्रेम कुमार सिरसा, कुलदीप गदराना, जग्ग सिंह बराड़, संजय हिटलर, मलकीत सिंह गंगा, छोटू सहारण, गुरजन्ट सिंह बराड़, जसवन्त सिंह बराड़, वेदपाल नेहरा, पार्षद बिन्दिया महंत, हरनेक सिंह, पूर्व पार्षद इन्द्रजीत सिंह, आरके वर्मा, सुखविन्द्र सूर्या, संतोष अरोड़ा, भीम सिहाग, महिन्द्रपाल सुथार, चौटाला के पूर्व सरपंच कृष्ण लाल बिश्नोई उपस्थित थे।

खस्ता हाल है कालांवाली की मुख्य सड़कें

कालांवाली (नरेश सिंगला) मण्डी कालांवाली में मुख्य सड़क मार्गों की हालत खस्ता होने के कारण सैंकड़ों पैदल व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
डबवाली व ओढ़ां से आकर मण्डी कालांवाली में प्रवेश करने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए टूटी-फूटी सड़क हमेशा तैयार रहती है। इस सड़क की दयनीय स्थिति को देखते हुए वाहन चालक धीमी गति से वाहन चलाने में ही अपनी भलाई समझते हैं। यहीं नहीं अधिकारियों व नेताओं के वाहन भी प्रतिदिन यहां से होकर गुजरते हैं लेकिन शायद इस सड़क मार्ग को दुरूस्त करना जरूरी नहीं समझा गया। मण्डी कालांवाली में पंजाब बस स्टैंड वाला सड़क मार्ग कहने को ही सड़क मार्ग है और यह मार्ग वर्षों से अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहा है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। काफी समय पूर्व जब ये सड़क मार्ग बनाया गया था उसके कुछ माह बाद ही इस मार्ग की हालत पहले जैसे हो गई थी और अब यहां सड़क की बजाय यहां सिर्फ  पत्थर ही दिखाई देते हैं। सड़क नीची होने के कारण बरसात के दिनों में यहां पानी भर जाता है जो कि कई दिन तक खड़ा रहता है। इसी प्रकार रोड़ी रोड़ भी अपनी अत्यंत जर्जर हालत के कारण वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
मण्डी का मुख्य सड़क मार्ग होने के कारण यहां पर वाहन चालकों को परेशानियों से जूझते आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा रेलवे फाटक रोड़, देसू रोड़ व सहारा क्लब के पास वाली रोड़ का बीचों बीच से टूटा होना भी अक्सर दुर्घटनाओं को निमन्त्रण देता रहता है। मण्डी वासियों की मांग है कि इन टूटे हुए सड़क मार्गों की रिपेयर करवाकर मण्डी वासियों की परेशानियों को विराम दिया जाए।

गुण्डागर्दी : रेहड़ी पलटाई, पुलिस वाले को जड़ा थप्पड़

डबवाली (लहू की लौ) एक महिला द्वारा रेहड़ी से मूंगफली उठाने पर शुक्रवार रात को पंजाब बस अड्डा के सामने बवाल खड़ा हो गया। महिला के तामीरदारों ने नंगी किरपानों, कापों तथा डंडों से एक रेहड़ी चालक पर धावा बोल दिया। सूचना पाकर मौका पर आए पंजाब पुलिस के कर्मचारियों को थप्पड़ तक जड़ दिया।
पंजाब बस अड्डा के सामने बजरंग नाम का एक व्यक्ति मूंगफली, गज्जक बेचता है। शुक्रवार शाम को उसके पास एक महिला आई और मूंगफली उठा ली। महिला और बजरंग में कहासुनी हो गई। महिला ने इसे अपनी बेईज्जती समझा और उपरोक्त मामले की जानकारी अड्डा के पास ही खड़े अपने किसी परिचित को दी। रोजमर्रा की तरह बजरंग अपनी दुकान बंद कर चलता बना। कुछ देर बाद महिला सात-आठ व्यक्तियों के साथ दोबारा वहां आ धमकी और आस-पास के दुकानदारों से बजरंग का पता पूछा। लेकिन दुकानदारों ने बजरंग के बारे में पता होने से अनभिज्ञता जताई।
बजरंग का पता न मिलने से तिलमिलाए ये लोग बस अड्डा के सामने मूंगफली की रेहड़ी लगाने वाले राजेन्द्र कुमार (40) निवासी डबवाली के पास पहुंचे। उससे बजरंग का पता पूछा। लेकिन राजेन्द्र ने भी पता मालूम न होने की बात कही। राजेन्द्र के अनुसार गुस्से से लाल हुए इन लोगों ने उस पर नंगी तलवारों, कापो तथा डंडों से हमला कर दिया। वह तो बाल-बाल बच गया। लेकिन उसकी रेहड़ी पलट दी। जिससे उसका करीब बारह हजार रूपए का नुक्सान हुआ।
इधर बस अड्डा पर खड़े पंजाब पुलिस के सुखमन्दर नामक हवलदार ने इसकी सूचना पुलिस चौकी में दी। भनक पाकर आरोपी उससे भी जा भिड़े। उसका मोबाइल छीन लिया और थप्पड़ जड़ दिया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे किलियांवाली पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल तथा एक अन्य हवलदार लक्खा से भी इन लोगों ने बदसलूकी की।

अग्निकांड पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी

डबवाली (लहू की लौ) करीब पंद्रह साल पूर्व डबवाली में घटित अग्निकांड की दुखद छाया अभी भी नगर का पीछा नहीं छोड़ रही है। पीडि़तों में इस कांड का दर्द भले ही छुप गया है। लेकिन भीतर ही भीतर मधुमेह की तरह उन्हें खा रहा है। पीडि़तों को सरकारों से बड़ी आशाएं थी। लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। अगर कहीं से कुछ मिला, तो वह न्याय अदालत से ही मिला। जिससे पीडि़तों के जख्म कुछ शांत हुए, लेकिन अभी भी जख्मों पर मरहम लगाने के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है।
23 दिसंबर 1995 को 1 बजकर 47 मिनट पर डबवाली के डीएवी स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह में अचानक आग लगने से 442 दर्शक काल का ग्रास बन गए। जिसमें 136  महिलाएं, 258 बच्चे शामिल थे। जबकि 150 से भी अधिक घायल हुए। विश्व में अब तक का यह सबसे बड़ा अग्निकांड है। जिसमें इतनी भारी संख्या में जीवित लोग झुलस कर शहीद हो गए और घायल हुए। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चला और कुछ घायल हो ऐसे भी हैं, जिनका आज भी इलाज चल रहा है।
अग्निकांड पीडि़त एसोसिएशन डबवाली के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि साल 1996 में न्याय पाने के लिए एसोसिएशन को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जाना पड़ा। अदालत ने एसोसिएशन की याचिका पर साल 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके उन्हें संबंधित पक्षों पर मुआवजा निर्धारित करने का अधिकार दिया। मार्च 2009 को आयोग ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दी। नवंबर 2009 में हाईकोर्ट ने मुआवजा के संबंध में अपना फैसला सुनाते हुए हरियाणा सरकार को 45 प्रतिशत और डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत मुआवजा राशि पीडि़तों को अदा करने के आदेश दिए। अदालत ने सरकार को 45 प्रतिशत मुआवजा के रूप में 21 करोड़, 26 लाख, 11 हजार 828 रूपए और 30 लाख रूपए ब्याज के रूप में अदा करने के आदेश दिए। जबकि डीएवी संस्थान को 55 प्रतिशत के रूप में 30 करोड़ रूपए की राशि अदा करने के लिए कहा।
आदेश के बावजूद भी करना पड़ा संघर्ष
अग्निकांड पीडि़तों को अदालत द्वारा मुआवजा दिए जाने के आदेश जारी करने के बावजूद भी जब सरकार ने इसके विरूद्ध अपील करने की ठानी तो इसकी भनक पाकर इनेलो से डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला को अग्निकांड पीडि़तों को साथ लेकर संघर्ष करना पड़ा। जिसके चलते सरकार ने तो अपने हाथ पीछे खींच लिए। लेकिन डीएवी मुआवजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
डीएवी को भरना पड़ा 10 करोड़
सुप्रीम कोर्ट में मुआवजा से राहत पाने के लिए गए डीएवी संस्थान को उच्चतम न्यायालय ने 10 करोड़ रूपए की राशि पीडि़तों को देने के आदेश दिए और इसके बाद सुनवाई करने की बात कही। इससे मजबूर होकर 15 मार्च 2010 को डीएवी संस्थान ने 10 करोड़ रूपए की राशि अदालत में जमा करवाई। अब 5 जनवरी 2011 को इस याचिका पर सुनवाई होनी है। पीडि़तों को अदालत से न्याय की आशा है, जिसके चलते पीडि़तों को उम्मीद बंधी है कि उच्चतम न्यायालय केवल पीडि़तों के पक्ष में ही निर्णय नहीं करेगी, बल्कि उन्हें जो मुआवजा कम मिला है, उसे भी बढ़ाकर देगी।
अग्निकांड पीडि़तों को उच्च न्यायालय ने मुआवजा राशि अदा करने के आदेश देकर उनके जख्मों पर मरहम तो लगाई है। लेकिन जख्मों की टीस अभी भी पीडि़तों के बदन और मन पर कायम है। जिसको समय के साथ-साथ उनके रिहबेलीटेशन के लिए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है। जिसमें बेरोजगारों के लिए रोजगार, पीडि़तों के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा और जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें आर्थिक सहायता।

विशेष बच्चे सर्वजीत ने बनाई सबसे सुन्दर पेंटिंग

डबवाली (लहू की लौ) सैंट जोसफ हाई स्कूल डबवाली के प्रबंधक फादर रोसेरियो ने कहा कि समाज में हम सभी किसी न किसी कमी के चलते विकलांग हैं। विकलांगता को दूर करने के लिए दो ही रास्ते हैं एक डाक्टर का और दूसरा विकलांग बच्चों को प्यार और सेवा करके।
वे विश्व विकलांग दिवस के संबंध में प्रैजिनटेशन सिस्टर्ज संस्था शाखा डबवाली द्वारा विकलांगों की आयोजित एक दिवसीय प्रतियोगिताओं के समापन पर उपस्थित विकलांग बच्चों तथा उनके अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मां के लिए बच्चे में कभी भी कोई कमी नहीं होती, क्योकि बच्चे और मां के बीच प्यार होता है, जो कमी की अनदेखी कर देता है। यदि हम सभी को प्यार करेंगे तो कमियां नहीं रहेंगी। समाज से विकलांगता भी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मदर टरेसा ने ईसा मसीह से सभी से प्यार करने की शिक्षा ली और संसार की सेवा की। इसी प्रकार हमें भी मदर टरेसा से शिक्षा लेते हुए एक दूसरे से प्यार करना चाहिए।
इस मौके पर मुख्यातिथि तथा सरकारी अस्पताल डबवाली में तैनात डॉ. अमरदीप जस्सी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकलांग बच्चों को भले ही किस्मत ने धोखा देकर विकलांग बना दिया। लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने खेलों का प्रदर्शन किया है, उससे उन्होंने यह दिखा दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। वातावरण, अभिभावकों या बीमारियों के चलते विकलांग होने के बावजूद भी यदि व्यक्ति दृढ निश्चयी है, तो विकलांगता उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने बताया कि न देखने वाली और न सुनने वाली महिला हैलन ने इस बात को साबित कर दिया कि वह इस प्रकार की विकलांगता होते हुए भी बहुत कुछ कर सकती है।
उन्होंने कहा कि शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग होना ही विकलांगता नहीं, बल्कि उसकी राय में जो नास्तिक हैं और काम करना नहीं चाहते, ऐसे लोग ही वास्तव में विकलांग हैं। हमें जीने का नजरिया बदलना होगा, हमेशा खुश रहकर काम करना होगा। जो हिम्मत से काम करते हैं और भगवान का नाम लेकर अपने मार्ग पर चलते हैं, विकलांगता उनके आड़े नहीं आ सकती।
प्रैजिनटेशन सिस्टर्ज की स्थानीय प्रभारी निशा ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान तेईस विशेष बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि मटर गेम्स में गुरप्रीत कौर प्रथम, आकाश द्वितीय, बलविंद्र तृतीय रहा। जबकि कैंडल गेम में आकाश ने बाजी मारी। गुरप्रीत, बलविंद्र, किरण, ममता, वीरपाल और मेघा ने भी विजय पाई। पेंटिंग प्रतियोगिता में सर्वजीत कौर प्रथम रही। जबकि अजय और गुरप्रीत द्वितीय, भूषण और किरणजीत कौर ने तृतीय स्थान पाया। इस मौके पर विशेष बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। संस्था की सिस्टर सलमा और रोजी भी उपस्थित थी। जबकि मंच का संचालन रविंद्र कौर ने बखूबी निभाया।

'ऐट पीएमÓ पर भावुक हुए केवी

डबवाली (लहू की लौ) बढ़ते कदम रैली में अधिक से अधिक भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेसी नेता जनता के सामने तेवर बदलकर आ रहे हैं। कोई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में नेता के नाम पर फूट डालने की बात करता है, तो कोई बेचारा अपना दर्द जनता के समक्ष रखकर लोगों के जज्बात कांग्रेस के साथ जोडऩे का प्रयास करता है। शनिवार को डबवाली में जनता को रिझाने के लिए कांग्रेसी नेता मक्खियों की तरह भिनभिनाते रहे। तरह-तरह के प्रलोभन और आश्वासन देते रहे। लोगों का विश्वास जीतने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस की ही आलोचना करनी शुरू कर दी। गोबिंद कांडा ने वर्करों की सहानुभूति के लिए नेताओं को रौंदा, तो शाम की ऐट पीएम पर डॉ. केवी सिंह ने अपने दर्द लोगों को सुनाए, सुनाते-सुनाते इतने भावुक हो गए कि उन्होंने अपने आकाओं पर यह आरोप जड़ दिया कि वह यहां भी कहीं विकास करवाते हैं, तो उन्हें पुरस्कार के रूप में हल्का से बनवास दे दिया जाता है। लेकिन इस बार वह किसी भी कीमत पर बनवाास पर नहीं जाएंगे। भले ही उन्हें हल्का बदलने के लिए कहा जा रहा है। वे डबवाली में ही अपने भाग्य को अजमाएंगे। डबवाली उनका अपना घर है।
शनिवार को ऐट पीएम का समय था। वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल के निवास स्थान पर डॉ. केवी सिंह की सभा चल रही थी। लोगों को 25 दिसंबर की बढ़ते कदम रैली में शामिल होने का न्यौता दिया जा रहा था। न्यौता देते-देते केवी सिंह एकदम भावुक हो उठे और बोल पड़े कि ओएसडी रहते समय करीब साढ़े तीन साल तक उन्होंने रानियां हल्के में विकास की गंगा बहाई।  करीब 16 स्कूल अपग्रेड करवाए। यहीं नहीं गलियां व सड़कें पक्की करवाई। चूंकि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने उन्हें वहां से टिकट देने का आश्वासन दिया था। जब हुड्डा को सीआईडी रिपोर्ट मिली कि डबवाली और ऐलनाबाद से चौटाला परिवार का सदस्य चुनाव मैदान में उतर रहा है, तो उन्हें वहां से डबवाली भेज दिया गया। डबवाली में उन्होंने 10 माह के भीतर कांग्रेस को डबवाली नगरपालिका की सत्ता, फिर लोकसभा चुनाव में विजय दिलाई। यहीं नहीं बल्कि कई करोड़ रूपए खर्च करके क्षेत्र की गलियां, सड़कें बनवाई। लेकिन अब उस पर हल्का बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस बार उसने ठान ली है, कि वह अपना हल्का नहीं बदलेंगे। डबवाली में रहेंगे, डबवाली के लोगों के काम करवाएंगे, डबवाली के लोगों के लिए लड़ेंगे और स्वयं भी डबवाली में ही अपना भाग्य अजमाएंगे।
उन्होंने लोगों को भी उलाहना दिया कि कांग्रेस ने तो उन्हें डबवाली से टिकट दी लेकिन अगर लोग मेरा साथ देते और मुझे जीता देते, आज डबवाली का नक्शा ओर होता। जीते हुए व्यक्ति को सरकार में जितना सम्मान मिलता है, हारे हुए को उतना सम्मान नहीं मिलता। यही वजह है कि आज उनके काम करवाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। अन्यथा चुटकी में उनके काम हो जाते।

तारे आसमां से धरती पे किसने उतारे..

डबवाली (लहू की लौ) बाल वाटिका मॉडल स्कूल मंडी किलियांवाली का वार्षिक अभिभावक एवं पारितोषिक वितरण समारोह रविवार को डबवाली के भगवान श्रीकृष्णा कॉलेज ऑफ एजूकेशन में स्थित मदन मैमोरियल हाल में सम्पन्न हुआ। जिसमें विद्यालय के एलकेजी से लेकर द्वितीय कक्षा तक के 198 बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि रणवीर सिंह राणा जिला प्रधान महासचिव इंडियन नैशनल लोकदल ने मां सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित करके की। द्वितीय कक्षा के दिव्यांश ने हम तकदीर हैं कल के हिन्दुस्तान की कविता सुनाई। यूकेजी के दिव्यांश ने चाचा नेहरू के जीवन पर प्रकाश डाला। एलकेजी के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने फिल्मी गीत मैं इधर चला, मैं उधर चला, न जाने मैं किधर चला पर नृत्य किया। जबकि द्वितीय कक्षा के विद्यार्थियों ने मइया यशोदा तेरा कन्हैया गाकर माहौल भक्तिमय बना दिया।
यहां यूकेजी के विद्यार्थियों ने तारे आसमां से धरती पे किसने उतारे...., प्रथम कक्षा के विद्यार्थियों ने जूबी डूबी... पर डांस करके दर्शकों की वाहवाही लूटी वहीं द्वितीय कक्षा की रेणुका ने घर को जन्नत सा बना देती हैं बेटियां, पर कविता सुना कर सभी को भाव विभोर कर दिया। वाटिका की प्रिंसीपल वन्दना मैहता ने स्कूल की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी और आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया। जबकि मंच संचालन अध्यापिका राज वधवा ने किया।
मुख्य अतिथि रणवीर सिंह राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ रहे हैं। समाज के लिए यह अच्छा संकेत है। इससे देश के विकास को नई दिशा मिलेगी।
इस मौके पर सुभाष गुप्ता एडवोकेट, वेदप्रकाश जिन्दल, अरूण जिन्दल, नीरज जिन्दल, एसके दुआ, प्रिंसीपल बाल मंदिर स्कूल किलियांवाली एमएस देवगुन, भगवान श्रीकृष्ण कॉलेज ऑफ एजूकेशन की प्रिंसीपल पूनम गुप्ता, रिटायर्ड बैंक अधिकारी राजकुमार गर्ग, रविन्द्र गर्ग मैनेजर हरियाणा ग्रामीण बैंक रोहतक, आढ़तिया सुरेन्द्र बांसल, विजय गुप्ता एडवोकेट, अनिल गोयल एडवोकेट उपस्थित थे।

18 दिसंबर 2010

बाल-बाल बचे डीएसपी

डबवाली (लहू की लौ) जीटी रोड़ रेलवे फाटक पर वीरवार शाम को एक ट्रक डीएसपी डबवाली की गाड़ी से टकरा गया। गाड़ी मामूली नुक्सान हुआ लेकिन चालक इसमें सवार डीएसपी बाल-बाल बच गये।
जीटी रोड़ रेलवे फाटक वीरवार शाम को बन्द था। लगभग आधा घंटे के बाद जैसे ही फाटक खुला तो दोनों साईडों के वाहनों को एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लग गई। इसी दौरान बाजार साईड से सायरन बजाती हुई डीएसपी बाबू लाल की गाड़ी भी इस जाम की लपेट में आ गई। इसी दौरान फाटक क्रॉस करता एक ट्रक इस गाड़ी से जा टकराया।
डीएसपी गाड़ी के चालक बघेल सिंह ने बताया कि उसने साईड से आ रहे ट्रक को रूकने का इशारा किया, ट्रक रूक भी गया। लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी क्रॉस करने लगी तो ट्रक चालक ने अचानक ट्रक चला दिया जो गाड़ी में आ लगा। जिससे वे बाल-बाल बच गये। उसने कहा कि ट्रक चालक ने शराब पी रखी थी।
ट्रक चालक सुखजिन्द्र सिंह निवासी सुखदेव सिंह निवासी मलेरकोटला ने बताया कि उसके ट्रक में मूंगफली भरी हुई है। लेकिन व्यापारियों ने उन्हें सुरक्षित मूंगफली पहुंचाने की खुशी में शराब पिलाई। लेकिन वह इस गाड़ी को जल्दबाजी में निकाल कर किलियांवाली बैरियर पर ले जा रहे थे कि फाटक के पास यह हादसा हो गया। सूचना पाकर मौका पर थाना शहर प्रभारी बलवन्त जस्सू अपने दल बल के साथ पहुंच गये।

जन्म प्रमाण पत्र के बदले मांगी रिश्वत

डबवाली (लहू की लौ) गांव अलीकां के युवक ने डबवाली के सामान्य अस्पताल के हैल्थ सुपरवाईजर पर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में सुविधा शुल्क का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत एएमओ डबवाली को की है।
गांव अलीकां के शुकरपाल सिंह पुत्र दलौर सिंह ने बताया कि उसने अपने बड़े भाई  गुरपाल सिंह, भांजे गुरमेल सिंह पुत्र जगसीर का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना था। इसके लिए उसने सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी करके फाईलों को डबवाली सामान्य अस्पताल के हैल्थ सुपरवाईजर दर्शन सेठी को प्रमाण पत्र बनाने के लिए दे दी। लेकिन सेठी पहले तो चक्कर लगवाता रहा। लेकिन बाद में बुधवार को 500 रूपये प्रति जन्म प्रमाण पऋ की मांग करने लगा और कहने लगा कि इसमें सभी प्रकार की फीस आ जायेगी।  इस संबंध में शुक्रवार को शिकायतकर्ता ने डबवाली सामान्य अस्पताल के एसएमओ विनोद महिपाल को शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। इस सन्दर्भ में दर्शन सेठी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 5 दिन पहले उनके पास शुकरपाल सिंह दो फाईलें लेकर आया था। लेकिन व्यस्तता के चलते उसका काम समय पर नहीं हो सका। उसने मात्र 35 रूपये प्रति फाईल सरकारी फीस ही मांगी थी न कि 500 रूपये प्रति फाईल।
एसएमओ विनोद महिपाल ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर 7 दिन के भीतर हैल्थ सुपरवाईजर दर्शन सेठी से जवाब मांगा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेठी की उनके पास मौखिक रूप से पहले भी काफी शिकायतें आयी हैं लेकिन इसे समझाने पर भी इसमें कोई सुधार नहीं हुआ।