05 जनवरी 2011

प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगतों में विवाद

डबवाली (लहू की लौ) सरबंस दानी श्री गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव की तिथि को लेकर सिक्ख संगठन आमने-सामने आ गए हैं। सिक्खों के पांच संगठनों ने गुरूगोबिंद सिंह के प्रकाशोत्सव को नानकशाही कलेण्डर-2003 के अनुसार मनाने की घोषणा करते हुए आज से इस संदर्भ में श्री अखण्ड पाठ भी शुरू कर दिए हैं।
साल 2003 में सिक्खों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से नानकशाही कलेण्डर जारी किया गया था। इस कलेण्डर पर अकाल तख्त के जत्थेदार जोगिन्द्र सिंह वेदांती, जत्थेदार बलवंत सिंह नन्दगढ़, जत्थेदार इकबाल सिंह, जत्थेदार त्रिलोचन सिंह सहित श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर के ग्रंथी गुरबचन सिंह के भी हस्ताक्षर थे। लेकिन साल 2010 में इस कलेण्डर में फेरबदल करके दोबारा इसे जारी कर दिया गया। कई सिक्ख संगठनों ने नए कलेण्डर को तुम्मा छाप कलेण्डर कहते हुए मानने से इंकार किया हुआ है। नए व पुराने कलेण्डर का विवाद अभी भी जारी है।
श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह ने बताया कि पुराने कलेण्डर के अनुसार साल 2011 में 5 जनवरी को श्री गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव की तिथि आती है। उन्होंने नए कलेण्डर को तुम्मा-बादल छाप कलेण्डर करार देते हुए कहा कि इस कलेण्डर के अनुसार प्रकाशोत्सव की एक तिथि 11 जनवरी, जबकि एक तिथि दिसंबर माह में आ रही है। साल 2012 में प्रकाशोत्सव दिखाया ही नहीं गया है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन 2003 के नानकशाही कलेण्डर को ही असली कलेण्डर मानता है। जिसमें प्रकाशोत्सव सही ढंग से प्रदर्शित है।
नानकशाही कलेण्डर 2003 का समर्थन करने वाले सिक्ख संगठनों खालसा एक्शन कमेटी, अखाडा बाबा दीप सिंह गतका पार्टी, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा, एचएसजीपीसी, गुरमत प्रचार सभा, शिरोमणि अकालीदल पंच प्रधानी के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर के अंतर्गत आने वाले डबवाली के गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में 5 जनवरी को गुरू गोबिंद सिंह का प्रकाशोत्सव मनाने की घोषणा करते हुए सोमवार श्री अखण्ड पाठ का प्रकाश कर दिया।
इस अवसर पर उपरोक्त संगठनों के बलकरण सिंह, कुलवंत सिंह, हरनेक सिंह, विचित्र सिंह, मनदीप कूका, राजेन्द्र सिंह, गुरदास सिंह, देवेन्द्र सिंह काला आदि उपस्थित थे।

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