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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

20 दिसंबर 2014

ठंड का कहर, दो की मौत

कोहरे ने रोकी जिंदगी की रफ्तार, बस और ट्रेन हुई लेट

डबवाली (लहू की लौ) बुधवार को कड़ाके की ठंड के साथ आये कोहरे ने जिंदगी की रफ्तार रोक दी। ठंड की वजह से डबवाली रेलवे स्टेशन पर एक मुसाफिर की मौत हो गई। वहीं कोहरे की वजह से हरियाणा रोड़वेज तथा रेलवे का पहिया जाम हो गया। सड़क मार्ग पर विजिबलिटी शून्य होने पर वाहन रेंगते दिखाई दिये।
सुबह प्लेटफार्म नं. 2 पर मिला शव
बुधवार सुबह जीआरपी को रेलवे प्लेटफार्म नं. 2 पर एक वृद्ध का शव मिला। मोबाइल के आधार पर मृतक की पहचान गांव अहमदपुरा (पीलीबंगा) निवासी 62 वर्षीय विचित्र सिंह के रूप में हुई। मृतक के बेटे कालू राम ने पुलिस को बताया कि 14 दिसंबर को उसका पिता रामदेवरा के दर्शन के लिये गया था। वापिसी में उसने पीलीबंगा रेलवे स्टेशन पर उतरना था। आंख लगने की वजह से वे डबवाली पहुंच गये। ठंड से बचने के लिये उनके पास कोई गर्म वस्त्र नहीं था। जिसके चलते प्लेटफार्म नं. 2 पर उसकी मौत हो गई। जीआरपी डबवाली के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुये शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बस आधा घंटा लेट हुई
घने कोहरे की वजह से हरियाणा रोड़वेज की बसें निर्धारित समय पर नहीं पहुंच सकीं। बस अड्डा के प्रभारी विजय कोचर ने बताया कि बसें करीब आधा से पौना घंटा देरी से पहुंची। हालांकि एक भी बस मिस नहीं हुई।
एक घंटा लेट आई पैसेंजर ट्रेन : कोहरे की वजह से सड़क के साथ-साथ रेल मार्ग भी प्रभावित हुआ। डबवाली रेलवे स्टेशन पर ठीक 11 बजकर 05 मिनट पर पहुंचने वाली अनूपगढ़-बठिंडा पैसेंजर ट्रेन 12 बजकर 05 मिनट पर पहुंची। 12 बजकर 10 मिनट पर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई।

ड्राईवर की मौत

गांव डूमवाली टैक्स बैरियर पर एक ड्राईवर ट्रक में सोया रह गया। माना जा रहा है कि ठंड की वजह से उसकी मौत हुई है। पटियाला के रहने वाले लखविंद्र सिंह उर्फ गोल्डी ने बताया कि वह कुरूक्षेत्र निवासी महिपाल के साथ कर्नाटक से बठिंडा के लिये निकला था। बैरियर से करीब 20 किलोमीटर दूर महिपाल ने गाड़ी उसे थमा दी। बैरियर पर पहुंचकर जब उसने महिपाल को संभाला तो वह मृत मिला। संगत पुलिस के एएसआई सुखपाल सिंह ने डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सहयोग से शव को पोस्टमार्टम के लिये बठिंडा के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।

धर्मशाला प्रबंधकों के रवैये के खिलाफ धरना देने की चेतावनी

डबवाली (लहू की लौ) सालासर स्थित डबवाली धर्मशाला में एडवांस बुकिंग को लेकर विवाद शुरू हो गया है। एक ट्रक ऑपरेटर ने धर्मशाला प्रबंधकों के रवैये के खिलाफ धरना देने की चेतावनी दी है। वहीं ओम बाबा का कहना है कि ट्रस्टियों ने कमरों की एडवांस बुकिंग की है। 
ट्रक ऑपरेटर जसमिंद्र सिंह उर्फ चिड़ी बराड़ ने कहा कि सालासर स्थित डबवाली धर्मशाला का निर्माण शहरवासियों के चंदे से हुआ है। लेकिन धर्मशाला के दरवाजे शहर के लोगों के लिये बंद हैं। उन्होंने नया वर्ष मनाने के लिये सालासर जाना था। लेकिन पता चला कि धर्मशाला के सभी कमरे ही एडवास में बुक हो गये हैं। बराड़ ने कहा कि धर्मशाला के लिये ईंटें भेजने के लिये फ्री में ट्रक यूनियन के ट्रक लेजाये जाते हैं। अन्य कामों के लिये भी यूनियन पर दबाव बनाया जाता है। लेकिन जब कमरा मांगने की बात आती है तो उन्हें ठेंगा दिखा दिया जाता है। यह सरासर गलत है। प्रबंधकों का रवैया असहनीय है। वह इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे।
इधर धर्मशाला के प्रवक्ता ओम बाबा ने कहा कि धर्मशाला के ट्रस्टियों ने ही कमरों की बुकिंग की है।

पंचायती राज के वित्तायुक्त ने सुनाया फैसला



सस्पेंड रहेगा मौजगढ़ का सरपंच

डबवाली (लहू की लौ) गांव मौजगढ़ में हरियाली योजना में हुये घपले के मामले में वित्तायुक्त पंचायती राज हरियाणा ने अपना फैसला सुना दिया है। सरपंच को सस्पेंड करने के उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है। जिसके बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय डबवाली ने कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करवाने के लिये गतिविधियां शुरू कर दी हैं।
साल 2011 में हरियाली योजना के तहत गांव मौजगढ़ में पौधारोपण हुआ था। पौधारोपण पर पंचायत ने 3.90 लाख रूपए खर्च दिखाए। गांव मौजगढ़ के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता 48 वर्षीय अमरीक सिंह ने 19 मई 2011 को आरटीआई के जरिए पौधारोपण की जानकारी मांग की। आधी-अधूरी जानकारी देकर पंचायत ने काम चलता करने का प्रयास किया। अपील में जाने के बाद उसे जानकारी प्राप्त हुई। इसके बाद कार्यकर्ता ने सूचना में दर्शाए गए पौधारोपण के स्थान स्कूल, जलघर, गांव की फिरनी, शमशान घाट, बिश्नोई मंदिर, महाशा धर्मशाला आदि का निरीक्षण किया। पौधारोपण में गड़बड़ी की शिकायत बिश्नोई ने जिला प्रशासन को की। तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत को गलत बताते हुए मामला फाईल करने की सिफारिश कर दी।
जांच रिपोर्ट को प्रशासन ने दबा लिया। शिकायतकर्ता को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। बाद में आरटीआई के जरिए अमरीक बिश्नोई को जांच रिपोर्ट मिल पाई। जांच से असंतुष्ट बिश्नोई ने जिला प्रशासन से दोबारा जांच करवाने की मांग की। जांच का जिम्मा तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्यारोण को सौंपा गया। उपमंडलाधीश ने जांच के लिए तत्कालीन तहसीलदार राजेन्द्र कुमार की नियुक्ति की। तहसीलदार ने जांच के बाद 9 मई 2012 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। जिसके आधार पर सरपंच ओमप्रकाश को दोषी पाया गया। 11 जून 2013 को वर्तमान तहसीलदार परमजीत सिंह चहल ने मौका का निरीक्षण करने के बाद पुन: अपनी रिपोर्ट पेश की। दोनों रिपोर्टों को आधार बनाकर तत्कालीन उपमंडलाधीश सुभाष श्योराण ने पौधारोपण की राशि 3.90 लाख रूपए के दुरूपयोग तथा नियमों की पालना न करने का दोषी मानते हुए सरपंच ओमप्रकाश तथा गांव के तत्कालीन पंचायत सचिव कुलदीप सिंह के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए 9 जुलाई 2013 को पत्र उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया था। साथ में तत्कालीन बीडीपीओ की रिपोर्ट को आधारहीन तथा तथ्यों से परे बताया था। उपरोक्त मामले में संलिप्त पंचायत सचिव को चार्जशीट करने के बाद सरपंच ओमप्रकाश को सस्पेंड कर दिया था। उपायुक्त के निर्णय के विरूद्ध सरपंच वित्ताायुक्त पंचायत विभाग के पास चला गया था। स्टे मिलने के बाद वह 15 जुलाई 2014 तक बहाल हो गया। लेकिन अमरीक बिश्नोई का पक्ष जानने तथा जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद वित्तायुक्त पंचायत विभाग हरियाणा ने उपायुक्त के फैसले को बरकरार रखा है।
एसईपीओ रामप्रकाश ग्रोवर के अनुसार वित्ताायुक्त का पत्र मिला है। जिसके बाद गांव मौजगढ़ के कार्यवाहक सरपंच का चुनाव करने के लिये गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इसके लिये जल्द तारीख निर्धारित कर दी जायेगी।

मां को दिया वायदा पूरा करने के लिये जख्मों की परवाह न करते हुये पढ़ी गुंजन कामरा

डबवाली (लहू की लौ) मां से वायदा किया था, एक दिन डॉक्टर बनूंगी। अग्निकांड में मां तथा दादी को खो दिया। उससे मुझे जो जख्म मिले, वह वायदे से बढ़कर नहीं थे। मुझे वायदा पूरा करने पर खुशी है। गम इस बात का है कि वह आज इस दुनियां में नहीं, जिससे वायदा किया था। यह कहना है गुंजन कामरा का। अग्निकांड से पीडि़त गुंजन कामरा शहर की ऐसी पहली लड़की है, जो लड़कों को पछाड़कर चिकित्सक बनी। आज यह पीडि़ता ऑस्ट्रेलियन को चिकित्सीय सेवाएं दे रही है।
23 दिसंबर 1995 को गुंजन अपने पिता मुकेश कामरा, मां नरेश उर्फ प्रीति कामरा, भाई वरूण कामरा के साथ डीएवी स्कूल का वार्षिक कार्यक्रम देखने के लिये राजीव मैरिज पैलेस में गई थी। उन दिनों गुंजन का एमबीबीएस के लिये कर्नाटक स्थित हुबली में एडमिशन हुआ था। वहीं डीएवी स्कूल की प्रिंसीपल उनकी मां नरेश कामरा ही थीं। गुंजन तथा मुकेश कामरा आग में झुलसने के बाद बाहर आ गये। वरूण भी अपनी मां नरेश कामरा के साथ बाहर आ गया थे। मैरिज पैलेस से सही सलामत बाहर आने के बावजूद प्रिंसीपल नरेश कामरा बच्चों को आग में जलता नहीं देख सकी। वह बच्चों को बचाने के लिये दौड़ी। लेकिन उनके पति मुकेश कामरा ने उनकी बाजू पकड़ ली। अपने पति की बाजू छुड़वाते हुये वह बच्चों को बचाने के लिये आग के दरिया में कूद गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी। आग में झुलसने के बाद गुंजन तथा मुकेश कामरा को डीएमसी लुधियाना में लेजाया गया। आग में 25 से 30 फीसदी तक झुलसने के बाद गुंजन तीन माह तक उपचाराधीन रही।
पांच साल तक चला उपचार
आग में झुलसने के बावजूद गुंजन एमबीबीएस करने के साथ-साथ करीब पांच साल तक उपचार लेती रही। वर्ष 2000 में एमबीबीएस की डिग्री हाथ में आई। वर्ष 2002 में गुंजन की शादी बंगलुरू निवासी साईकोट्रिस्ट प्रसून्न से हुई। बंगलुरू में एक साल तक प्रेक्टिस करने के बाद वर्ष 2004-06 में पेथोलॉजी की डिग्री प्राप्त की। बाद में अपने पति के साथ जुलाई 2006 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गई।
ऑस्ट्रेलिया ने सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक के अवार्ड से नवाजा
भारत में चिकित्सीय डिग्री लेकर ऑस्ट्रेलिया गई इस अग्निकांड पीडि़ता ने वहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सा सेवाएं देने के लिये उसने एक वर्ष तक कड़ी मेहनत की। बाद में उसका इग्जाम हुआ। जिसमें उसने करीब 80 फीसदी से ऊपर अंक प्राप्त किये। ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सीय क्षेत्र मे सरकारी जॉब मिलने पर गुंजन ने फिजिशयन के तौर पर टैंमब्रथ सिटी में कार्य शुरू किया। ऑस्ट्रेलियन सरकार ने उसे वर्ष 2012 की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक के अवार्ड से नवाजा। इन दिनों वह क्वींसलैंड (ब्रिसबेन) में कार्यरत है। डबवाली अग्निकांड को 19 वर्ष बीत चुके हैं। यह पहला मौका है कि गुंजन डबवाली में है। वह तीन साल बाद भारत लौटी है। हादसे के बाद पहली बार वह अग्निकांड स्मारक पर कदम रखेगी।
प्रतिदिन कमा रही 1000 डॉलर
ऑस्ट्रेलिया में चिकित्सीय सेवा दे रही गुंजन काम के बदले प्रतिदिन 1000 डॉलर कमा रही है। अगर इसकी तुलना भारतीय मुद्रा से की जाये तो वह हर रोज 63 हजार रूपये से ज्यादा कमा रही है। गुंजन के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में पैसा काम के बदले मिलता है। जिस दिन काम नहीं, उस दिन वेतन नहीं। यहीं नहीं ऑस्ट्रेलिया में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप के तहत काम किया जा सकता है।
आज भी सताता है अग्निकांड का दर्द
गुंजन के अनुसार अग्निकांड का दर्द उसे हमेशा सताता है। वह इतना आग में नहीं झुलसी थी। लेकिन गलत चिकित्सीय सेवा मिलने के कारण उसके जख्म बढ़ गये। उसे हाथों पर ग्राफटिंग करवानी पड़ी। अग्निकांड पीडि़ता के अनुसार आज भी चिकित्सीय सेवाओं का अभाव है। मैं मानती हूं कि प्रत्येक मेडिकल संस्थान में बर्न यूनिट स्थापित नहीं किया जा सकता। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की तरह टेली कांफ्रेंसिंग की जा सकती है। विशेषज्ञ डॉक्टरों से संबंधित मरीज का पूरा बायोडाट शेयर करके उपचार किया जा सकता है।
अग्निकांड पीडि़तों की काऊंसलिंग जरूरी
ऑस्ट्रेलिया की बेहतरीन चिकित्सकों शुमार इस अग्निकांड पीडि़ता का कहना है कि वह चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चली जाये, उसे हमेशा अग्निकांड का दर्द सताता रहेगा। अग्निकांड में ऐसे परिवार भी आये, जिनकी आर्थिक हालत इतनी बेहतर नहीं थी, जो आज तक भी इससे उभर नहीं पाये हैं। कुछ ऐसे परिवार थे, जिनकी आर्थिक हालत बेहतर थी, उन परिवारों के युवा बेशक आगे बढ़ गये हैं। मेरा मानना है कि अग्निकांड पीडि़तों की काऊंसलिंग होनी चाहिये। वर्तमान समय में काऊंसलिंग करके ही उनकी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
दादी गई थी, बाद में पता चला
गुंजन का कहना है कि मां को दिया वायदा बेशक पूरा हो गया। लेकिन वो आज इस दुनियां में नहीं हैं। 23 दिसंबर 1995 को उसके भाई ने कार्यक्रम में भागीदारी की थी। अपने पोते को कार्यक्रम करता देखने के लिये दादी रेशमा देवी उनसे पहले ही बिना बताये चली गई। उनकी मृत्यु की खबर हादसे के आठ दिन बाद लगी।

21 दिसंबर को होगा अखंड पाठ प्रकाश

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड की 19वीं पुण्यतिथि पर 23 दिसंबर को अग्निकांड स्मारक पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। डबवाली अग्निकांड पीडित संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि इस संदर्भ में 21 दिसंबर को श्री गुरू ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का प्रकाश किया जाएगा। जबकि श्री रामायण पाठ का आरंभ 22 दिसंबर को होगा। बांसल ने बताया कि 23 दिसंबर को प्रात: 10 बजे हवन यज्ञ होगा। इसके पश्चात रीति-रिवाजों से श्री अखंड पाठ व श्री रामायण पाठ के भोग डाले जाएंगे। सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी। जबकि घटना के समय दोपहर 1:47 बजे हादसे के शहीदों को मौन श्रद्धांजलि दी जाएगी।

अवारा पशुओं को संभालने के लिये नप में बैठक आज

डबवाली (लहू की लौ) शहर में भारी संख्या में घूम रहे आवारा पशुओं को संभालने के लिए शहर की सभी सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं के अलावा अन्य गणमान्य लोगों की एक बैठक वीरवार शाम साढ़े तीन बजे नगर परिषद कार्यलय में रखी गई है। नगर परिषद सचिव ऋषिकेश चौधरी ने बताया कि बैठक में अवारा पशुओं को संभालने के लिए नंदीशाला बनाने के बारे विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा शहर की अन्य समस्याओं के बारे में भी विचार किया जाएगा।

पाकिस्तानी बच्चों को मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) नगर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं ने पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा शहीद किये गये बच्चों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई और साथ में दरिंदों को सद् बुद्धि दिये जाने की भगवान से प्रार्थना की गई।
एचपीएस शेरगढ़ के आचार्य रमेश सचदेवा ने बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए तथा आतंकवादियों को नसीहत देते हुए कहा कि खून के नापाक ये धब्बे, ख़ुदा से कैसे छिपाओगे, मासूमों की क़ब्र पर चढ़कर, कौन सी जन्नत में जाओगे। पाकिस्तान में पेशावर शहर के एक आर्मी स्कूल पर तालिबान के हमले में कुल 141 लोग मारे गए हैं जिनमें 132 बच्चे हैं और नौ स्कूल के स्टॉफ सदस्य हैं। इस अवसर पर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तथा बर्बतापूर्वक कार्य करने वाले दरिंदों को सदबुद्धि के लिए समूचे विद्यालय द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया।
राजा राम गल्र्ज सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने भी दो मिनट का मौन रख कर बच्चों को श्रद्धांजलि दी वहीं एक स्वर में आतंकियों की इस हरकत की निन्दा की।
बार एसोसिएशन ने की निंदा
बार एसोसिएशन डबवाली ने बार अध्यक्ष धर्मवीर कुलडिय़ा की अध्यक्षता में एक आपात बैठक करके पेशावर में हुई उक्त घटना की एक प्रस्ताव पारित करके निन्दा की।

पाकिस्तानी बच्चों को मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

डबवाली (लहू की लौ) नगर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, समाजसेवी संस्थाओं ने पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा शहीद किये गये बच्चों के परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की गई और साथ में दरिंदों को सद् बुद्धि दिये जाने की भगवान से प्रार्थना की गई। 
एचपीएस शेरगढ़ के आचार्य रमेश सचदेवा ने बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए तथा आतंकवादियों को नसीहत देते हुए कहा कि खून के नापाक ये धब्बे, ख़ुदा से कैसे छिपाओगे, मासूमों की क़ब्र पर चढ़कर, कौन सी जन्नत में जाओगे। पाकिस्तान में पेशावर शहर के एक आर्मी स्कूल पर तालिबान के हमले में कुल 141 लोग मारे गए हैं जिनमें 132 बच्चे हैं और नौ स्कूल के स्टॉफ सदस्य हैं। इस अवसर पर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तथा बर्बतापूर्वक कार्य करने वाले दरिंदों को सदबुद्धि के लिए समूचे विद्यालय द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया।
राजा राम गल्र्ज सीनियर सैकण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों ने भी दो मिनट का मौन रख कर बच्चों को श्रद्धांजलि दी वहीं एक स्वर में आतंकियों की इस हरकत की निन्दा की।
बार एसोसिएशन ने की निंदा
बार एसोसिएशन डबवाली ने बार अध्यक्ष धर्मवीर कुलडिय़ा की अध्यक्षता में एक आपात बैठक करके पेशावर में हुई उक्त घटना की एक प्रस्ताव पारित करके निन्दा की।

मसीतां में धूमधाम से मनेगा जन्म दिहाड़ा

डबवाली (लहू की लौ) गांव मसीतां स्थित गुरूद्वारा भोरा साहिब में संत महाराज हरकिशन सिंह तथा बाबा बलवंत सिंह का जन्म दिहाड़ा बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। इस संदर्भ में 22 से 24 दिसंबर तक तीन दिवसीय धार्मिक दीवान सजाये जाएंगे।
उपरोक्त कार्यक्रम के तहत को युवाओं ने बस अड्डा से गुरूद्वारा साहिब तक स्वच्छता अभियान चलाया। इस दौरान युवाओं ने सड़क को चकाचक कर दिया। किनारे पड़ी वन छंटियों तथा गंदगी को हटाया। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह बराड़, मनिंद्र सिंह बराड़, निर्भय सिंह, प्रगट सिंह, गुरसेवक सिंह, विक्रम, रमनदप, नरिंद्रजीत सिंह, सिकंदर सिंह दलेह, अमनदीप सिंह सरां, रविंद्र सिंह दलेह, चरणजीत सिंह दलेह, सर्वजीत सिंह सीड़ा, रामआसरा सरां, लखवीर सिंह, सुखविंद्र सिंह, बब्बू सिंह, लवप्रीत सिंह दलेह, लखविंद्र सिंह बराड़, गोबिंद सिंह, प्रदीप सिंह सीड़ा, कुलदीप सिंह दलेह, गगनदीप शर्मा, भूपिंद्र सिंह दलेह तथा लवली मौजूद थे।
अब गलियां चमकाएंगे
युवाओं ने बताया कि सफाई अभियान के दूसरे चरण में वे गांव की गलियों को साफ करेंगे।

सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी, 22 दिसंबर को जिला में गरजेंगे कर्मचारी

डबवाली (लहू की लौ) स्थानीय चौहान नगर में स्थित जलघर में हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी वर्करज यूनियन जनस्वास्थ्य शाखा डबवाली की एक जनरल बैठक यूनियन के प्रधान रामकुमार बिश्नोई की अध्यक्षता में हुई। इसमें तमाम जलघरों से सैंकडों कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में यूनियन के राज्य महासचिव कृष्ण लाल गुर्जर, राज्य उपाध्यक्ष निर्मल सिंह, राज्य संगठन सचिव गुरदीप सिंह, बीएंडआर सिरसा के कोषाध्यक्ष मदन लाल शर्मा व उपाध्यक्ष राम सिंह गिल ने विचार रखे। बैठक का संचालन कोषाध्यक्ष गणेशी लाल ने किया।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए महासचिव कृष्ण लाल गुर्जर ने बताया कि मौजूदा राज्य सरकार ने सत्ता प्राप्ति से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश के कर्मचारियों की मांगों बारे घोषणाएं की थी लेकिन सत्तासीन होने क बाद खट्टर सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को भी वापिस लेने का काम शुरू कर दिया है। रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से कम कर दोबारा 58 वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा पंजाब के समान वेतनमान देने व कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांगें भी पूरी नहीं की जा रही। विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित भर्ती न करके प्रदेश के युवाओं व कर्मचारी वर्ग के साथ धोखा किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूनियन की राज्य कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार 22 दिसंबर से 27 दिसंबर तक सभी जिलों में जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। उपाध्यक्ष निर्मल सिंह व संगठन सचिव स. गुरदीप सिंह ने बताया कि 22 दिसंबर को सिरसा में कर्मचारियों द्वारा रोष प्रदर्शन किया जाएगा व इसी की तैयारियों को लेकर सभी शाखाओं में कर्मचारियों की बैठकें की जा रही हैं। उन्होंने बैठक में उपस्थित कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर 22 दिसंबर के रोष प्रदर्शन में भाग लें। इससे पहले बैठक में शाखा सचिव मंगतराम के पिता, कश्मीरी लाल की माता, साहब राम के पिता व परमजीत के पिता के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव पारित कर उनकी आत्मिक शंाति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक में गणेशी लाल, निर्मल सिंह, जगपाल सिंह, दीवान चंद, लालचंद, मनमोहन सिंह, राज सिंह, सुभाष चंद्र, राजकुमार, बलबीर सिंह, बृजलाल, शंकर लाल, धर्मेंद्र कुमार, महेंद्र कुमार ने भी विचार रखे एवं आश्वासन दिया कि 22 दिसंबर को जिला स्तरीय रोष प्रदर्शन में डबवाली से सैंकडों कर्मचारी भाग लेंगे।

19 Dec. 2014





17 दिसंबर 2014

बुजुर्ग झेल रहे दर्द : कतार में चौदह घंटे, फिर भी फर्द नहीं

डबवाली (लहू की लौ) इन दिनों ई-दिशा केंद्र में फर्द के लिये बुजुर्गों को दर्द झेलना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी फर्द नसीब नहीं हो रही। मंगलवार को फर्द लेने आये लोग तहसीलदार से मिले। दो टूक लफ्जों में बात करते हुये कहा कि घंटों कतार में खड़े रहकर उनकी टांगों में सोजिश आ गई है। साहब आप कुछ इंतजाम कीजिये।
दो दिनों से ई-दिशा केंद्र में फर्द लेने के लिये लंबी कतार लग रही है। कई लोग ऐसे हैं, जो दोनों ही दिन कतार में खड़े रहे, लेकिन उनका नंबर नहीं आया। मायूस लोगों ने मंगलवार को तहसीलदार के कार्यालय में पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई। जिस पर तहसीलदार ने संबंधित पटवारी को तय समय सीमा से एक घंटा ज्यादा काम करने के निर्देश दिये। फर्द लेना यहां मुश्किल हो रहा है, वहीं दलालों की चांदी बन रही है। फर्द लेकर बाहर आये लोगों ने बताया कि ई-दिशा के भीतर कई दलाल सक्रिय हैं, जो फोन पर ही सारा काम कर देते हैं। बाद में चोरी मोरी से फर्द प्राप्त हो जाती है। गांव मांगेआना के नछत्तर सिंह, गांव कालूआना के पिरथी राज तथा जंडवाला बिश्नोईयां के मनी राम ने बताया कि वे सोमवार को भी आये थे। शाम करीब साढ़े चार बजे तक लाईन में खड़े रहने के बाद चले गये। चूंकि उनकी बस का समय निकले जा रहा था। आज फिर उन्हें कतार में खड़ा होना पड़ा है।
सुबह 8 बजे शुरू हो जाती है लाईन लगनी
फर्द लेने के लिये इन दिनों मारामारी जैसी स्थिति है। काऊंटर के आगे सुबह 8 बजे से लोग कतार में लगना शुरू हो जाते हैं। जो शाम करीब छह बजे तक जारी रहते हैं। ई-दिशा केंद्र एक दिन में करीब डेढ़ सौ से दो सौ फर्द जारी करने का दावा कर रहा है।
क्यों हो रही मारामारी
तत्कालीन एसडीएम सतीश कुमार ने फर्द के लिये टोकन सिस्टम लागू किया था। लेकिन उनके तबादले के साथ व्यवस्था में भी परिवर्तन आ गया है। अब टोकन की जरूरत नहीं, लाईन में लगने वाले व्यक्ति को ही फर्द दी जाती है।

टोकन सिस्टम लागू करेंगे
फर्द के लिये टोकन सिस्टम लागू किया जायेगा। ताकि लोगों को परेशानी न हो। भीड़ को देखते हुये फर्द के लिये एक कंप्यूटर तथा ऑपरेटर की मांग की जायेगी। कर्मचारियों को निर्देश दिये गये हैं कि जब तक एक भी व्यक्ति फर्द के लिये काऊंटर पर है, तब तक कार्य जारी रखा जाये।
-मातू राम नेहरा, तहसीलदार

जमीन पर बैठकर पढऩे को मजबूर मासूम

डबवाली (लहू की लौ) प्रदेश में बर्फबारी के बाद ठंड अपने चरम पर है। कंपकंपाती ठंड के बीच खंड डबवाली की प्राथमिक पाठशालाओं में बच्चे जमीन पर बैठकर पढऩे को मजबूर हैं। महज तीन दिनों में ही स्कूलों में बच्चों की तादाद दिन ब दिन घटनी शुरू हो गई है। करीब चालीस से पचास बच्चे प्रतिदिन गैरहाजिर हो रहे हैं।
बैठने को फटी दरी और बोरी
पिछले तीन दिनों में डबवाली का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तथा सबसे कम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रहा है। लेकिन राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में शिक्षा ग्रहण करने के लिये आने वाले बच्चों को खुले आसमान के नीचे फटी दरी या फिर मिड-डे मील का राशन भरकर आई बोरियों तथा प्लास्टिक बैग ही मुहैया करवाये जा रहे हैं। डबवाली के चौहान नगर में राजकीय प्राथमिक पाठशाला एक धर्मशाला में चल रही है। जिसमें महज दो कमरे है। जिसमें से एक में मिड-डे मील का राशन तथा दूसरे में ऑफिस चलता है। जबकि पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों की संख्या 170 है। बच्चे पाठशाला के प्रांगण या फिर बरामदे में जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। इधर कलोनी रोड़ स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में भी कमोबेश यहीं स्थिति है। पाठशाला में बच्चों की संख्या 382 है। लेकिन बैठने के लिये कमरे महज छह। शेष कक्षाएं बरामदे में लगाई जाती हैं। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं।
पाठशाला की छत पर सड़ रहे डेस्क
कुछ वर्ष पूर्व राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में डेस्क मुहैया करवाये गये थे। टूटने पर इनकी मैंटीनैंस के लिये शिक्षा विभाग को लिखा गया। लेकिन कोई सुनवाई न होने पर पाठशाला मुखियों ने इन डेस्कों को पाठशाला की छत पर रखवा दिया। लापरवाही की वजह से जो इन दिनों छत पर पड़े सड़ रहे हैं। वहीं करीब एक वर्ष पूर्व भी शिक्षा विभाग ने डयूल डेस्क मुहैया करवाये थे। पाठशाला में कम कमरों की वजह से ये डेस्क स्टोर रूमों में पड़े हुये हैं। जिन्हें दीमक चाट रही है।
खंड में 20 हजार बच्चों का स्वास्थ्य दांव पर
खंड डबवाली में 81 प्राथमिक पाठशालाओं में करीब 20 हजार बच्चों का दाखिला है। इतनी बढ़ी संख्या होने के बावजूद बच्चों के स्वास्थ्य से सरासर खिलवाड़ हो रहा है। डेस्क तो छोडिय़े कंपकंपाती ठंड में जमीन पर बैठने के लिये बच्चों को दरी या टाट पट्टी तक उपलब्ध नहीं करवाई जा रही।
राशन जरूरी बच्चे जायें भाड़ में : पाठशाला प्रभारियों ने बताया कि शिक्षा विभाग के लिये मिड-डे मील का राशन संभालना जरूरी है। बच्चों की चिंता बिल्कुल नहीं। यहां बच्चे छत के नीचे बैठने चाहिये वहां राशन पड़ा है। कई बार आपत्ति उठा चुके हैं, लेकिन विभाग अपने आदेश को अंतिम आदेश मानता है।

छत या स्टोर में पड़े डेस्क अपनी कस्टडी में लेगा विभाग
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बच्चों के लिये स्कूलों में डेस्क उपलब्ध करवाये गये हैं। स्कूलों की छतों या फिर स्टोर रूम में पड़े डेस्कों को शिक्षा विभाग अपनी कस्टडी में करेगा। जिस भी स्कूल में डेस्कों की जरूरत होगी, वहां पहुंचा दिये जाएंगे। यहां तक दरी या टाट पट्टी का सवाल है तो पाठशाला प्रभारी दरी या टाट पट्टी की मांग कर सकता है। पाठशालाओं का निरीक्षण करके कमियों को दूर किया जायेगा।
  -संत कुमार बिश्नोई, बीईओ, डबवाली

सरसों लूट के आरोप तीन दिन के रिमांड पर

डबवाली (लहू की लौ) शहर थाना पुलिस ने सरसों लूट मामले में पकड़े गये आरोपी सलीम खान, कृष्ण कुमार उर्फ डॉक्टर, अनिल उर्फ लाला निवासी चौटाला तथा रतनपुरा निवासी रघुवीर उर्फ रंगा को मंगलवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया।
शहर थाना के कार्यकारी प्रभारी एसआई इंद्राज ने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपियों से लूटी गई सरसों, वारदात में प्रयुक्त की गई बाईक तथा ट्रेक्टर-ट्राली प्राप्त करने का प्रयास किया जायेगा।

युवतियों की तालाश में तालाशी अभियान

डबवाली (लहू की लौ) पीएनबी में एक लाख रूपये की चोरी करने वाली युवतियों की तालाश में पुलिस ने सघन तालाशी अभियान छेड़ दिया है। शहर थाना के कार्यकारी प्रभारी इंद्राज तथा मामले के जांच अधिकारी भूप सिंह ने बताया कि बैंक से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त की गई हैं। इन फुटेज को सार्वजनिक करके युवतियों का पता लगाने का प्रयास किया जायेगा।

रूठी पत्नी नहीं मानी तो पति ने जहर निगला

डबवाली (लहू की लौ) पिछले छह माह से रूठकर अपने मायके बैठी पत्नी साथ चलने के लिये नहीं मानी तो पति ने शराब के नशे में धुत्त होकर जहर निगल लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है।
वार्ड नं. 1 के अंतर्गत आने वाले उत्तम नगर निवासी किरण पुत्री कुलवंत सिंह उर्फ छिंदा की शादी करीब 10 साल पूर्व बठिंडा के प्रताप नगर की गली नं. 11 निवासी सुखजीत सिंह पुत्र जरनैल सिंह के साथ हुई थी। शादी के बाद वह उससे मारपीट करने लगा। इस दौरान वह कई बार अपने मायके आ जाती। पिछले छह माह से किरण डबवाली आई हुई थी। इस दौरान कई बार सुखजीत ने अपनी पत्नी को वापिस उसके ससुराल लेजाने का प्रयास किया।
जान से मरने की धमकी दी थी
कुछ दिन पूर्व सुखजीत ने अपनी पत्नी को आत्महत्या की धमकी दी थी। सोमवार शाम को वह शराब के नशे में धुत्त होकर डबवाली पहुंचा। उत्तम नगर में स्थित अपने ससुराल पहुंचते ही उल्टियां करने लगा। उसने पत्नी के घर की चौखट पर अपना दम तोड़ दिया।
गोल बाजार पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई देसराज ने बताया कि मृतक के बड़े भाई जीत सिंह पुत्र जरनैल सिंह के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई गई है। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।

मुआवजा से दूसरों को जिंदगी दे रहे अग्निकांड पीडि़त

डबवाली (लहू की लौ) 19 वर्ष पहले आग की सुनामी ने सबकुछ तबाह कर दिया। अपने बिछुड़ गये। कभी न भूलने वाला दर्द दिया। लेकिन ऐसे दो अग्निकांड पीडि़त परिवार सामने आये हैं, जिन्होंने समाजसेवा के जरिये इस दर्द को भूलने की कोशिश की है। ये पीडि़त परिवार अदालत से मिले मुआवजे को जरूरतमंदों में बांट रहे हैं। यहीं नहीं एक परिवार तो ऐसा है, जो दूसरों को नई जिंदगी देने में लगा है।
एक परिवार ने खो दिये आठ लोग : डबवाली में बारदाना की दुकान चलाने वाले तीन भाईयों पवन, अनिल, सुशील के लिये 23 दिसंबर 1995 का दिन सबसे मनहूस घड़ी साबित हुआ। तीनों भाईयों ने आठ लोग खो दिये। उस दिन पवन का बेटा अनीश (10), बेटी ममता (9), सुशील की पत्नी कैलाश देवी (28), बेटा राजीव (8), राहुल (साढ़े छह साल), अनिल की पत्नी रेखा (20) अपने 9 माह के बेटे सागर के साथ डीएवी स्कूल का वार्षिक उत्सव देखने के लिये राजीव मैरिज पैलेस में गई थी। उनके साथ भाईयों की फुफेरी बहन रमन (18) भी थी। लेकिन इनमें से कोई वापिस नहीं लौटा। पवन कुमार ने बताया कि उसने धुआं उठते देखा था। तभी उसे एक कर्मचारी ने आकर सूचना दी कि उत्सव में लगी आग से सबकुछ नष्ट हो गया है। वे मौका पर पहुंचे। उन्होंने वहां कोई नहीं मिला।
अस्पतालों में ढूंढ़ते रहे अपने परिजन : पवन के अनुसार वे तीनों भाई तथा पूरा परिवार अपनों को सिरसा, लुधियाना, बठिंडा ढूंढ़ता रहा। उन्हें तरह-तरह की सूचना दी गई कि परिवार वहां है, उनका परिवार बच गया है। लेकिन उन्हें कहीं कोई नहीं मिला। बाद में उनके शव मिले। बताते हैं कि जिस समय हादसा हुआ उस समय भतीजा राहुल हाथी बनकर स्टेज पर था। पवन के अनुसार भाभी कैलाश देवी की मृत्यु आग में झुलसने से हुई। शेष सभी की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई थी।
आज भी लगता है डर
पवन के भाई सुशील कुमार ने बताया कि बेशक रि-मैरिज करके वे दोबारा सेटल हो गये हैं। लेकिन 19 वर्ष पूर्व जो दर्द मिला है, उसे आज तक नहीं भूले हैं। आज भी उस हादसे को याद कर डर लगता है। अग्निकांड में मिले दर्द ने मानसिकता को गहरा आघात पहुंचाया है। परिजन सुबह आंख खोलेंगे या नहीं, इस तरह के ख्यालात आते हैं। इसके अतिरिक्त अग्निकांड ने स्वास्थ्य आघात भी पहुंचाया है। जिसकी क्षति पूर्ति नहीं हो सकती।
ट्रस्ट बनाकर कर रहे समाजसेवा : पवन कुमार ने बताया कि हादसे के कुछ समय बाद उन्होंने अनीश कुमार गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट खड़ा किया था। उन्हें जो भी मुआवजा राशि मिली, उसमें से एक पाई भी उन्होंने अपने पर खर्च नहीं की। बल्कि ट्रस्ट के जरिये उसे धार्मिक, सामाजिक कार्यों में लगाया। जो आज भी जारी हैं।
......वापिस आने का वायदा किया था : अग्निकांड में अपनी पत्नी आशा रानी (27), बेटी स्माईल (5), किट्टू (ढाई साल) को गंवाने के बाद भी पीडि़त आरके नीना का समाजसेवा के प्रति हौंसला बुलंद है। यह शख्स मुआवजे के रूप में मिली राशि को समाजसेवा में बहा रहा है। डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के नाम से डबवाली में एंबुलैंस सेवा देकर सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाकर नई जिंदगी दे रहा है, जोकि किसी मिसाल से कम नहीं। इसके अतिरिक्त शहर में सात जगहों पर वाटर कूलर, टैंकी तथा शव वाहन भी दे चुका है। यहीं नहीं हर साल मुआवजा राशि से आने वाले गर्म कपड़ों को जरूरतमंदों में वितरित कर रहा है। एंबुलैंस राशि पर हर वर्ष खर्च आने वाले डेढ़ लाख रूपये को वह मुआवजा राशि से ही चुका रहा है।
वापिस आने का वायदा किया था : आरके नीना के अनुसार वह खुद अपनी बेटियों तथा पत्नी को कार्यक्रम में छोड़कर आया था। उस दिन उन्होंने बठिंडा जाना था। घर पर उसकी सास अपनी बेटी आशा के इंतजार में बैठी थी। इसी बीच उसे जानकारी मिली कि कार्यक्रम में आग ने सब खत्म कर दिया है। वह मौका पर पहुंचा उसकी पत्नी बुरी तरह से जल चुकी थी। गले में डाले राकेश-आशा के लॉकेट के आधार पर उसकी पहचान की। किट्टू की पहचान उसके चेहरे से हो गई। लेकिन स्माईल का पता नहीं चल पाया। डबवाली के रामबाग में अंतिम संस्कार के लिये जगह न मिलने पर उन्होंने जिला बठिंडा की संगत मंडी में शवों को मुखाग्नि दी।
किसी ओर ने कर दिया स्माईल का संस्कार : आरके नीना के अनुसार शव बुरी तरह से जलने के बाद पहचान के काबिल नहीं थे। उसकी बेटी स्माईल का अंतिम संस्कार किसने किया, वह नहीं जानता। जब उसने प्रशासन से अपनी बेटी का सुराग लगाने की मिन्नतें की तो उसे कुछ फोटोग्राफ दिखाये गये। एक शव के पहनी ड्रेस के आधार पर ही उन्होंने स्माईल की पहचान की। चूंकि उसकी बेटी फैंसी ड्रेस में थी। ड्रेस कुछ दिन पूर्व ही उसे दिलाई गई थी। उस दिन घटना हुये को 8 दिन बीत चुके थे।

थाना में दरी बिछाते ही सत्रह दिन पुरानी शिकायत पर हुई कार्रवाई

डबवाली (लहू की लौ) शहर थाना में मारपीट की शिकायत देने के बावजूद कार्यवाही न होने से खफा लोगों ने मंगलवार को शहर थाना में धरना देने के लिये जैसी ही दरी बिछाई, पुलिस दौड़ पड़ी। पिछले सत्रह दिनों से लटक रही शिकायत ने तुरंत असर कर दिखाया। पुलिस ने आरोपी का चालान काटकर उसे गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जांच अधिकारी ने संबंधित मामले की शिकायत ही गायब कर दी थी। जब पुन: शिकायत दी गई तो जांच अधिकारी ने उसे फेंक दिया।
भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला अध्यक्ष नत्थू राम, खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा, सुखदेव सिंह, मनदीप सिंह, गुरमीत सिंह के नेतृत्व में दोनों यूनियनों के सदस्य शहर थाना में एकत्रित हुये। एक मामले में शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज इन लोगों ने जैसे ही थाना में दरी बिछाई, पुलिस दौड़ पड़ी। कार्यकारी थाना प्रभारी इंद्राज से बातचीत करते हुये भाला राम भारूखेड़ा ने कहा कि 29 नवंबर 2014 को गांव मांगेआना निवासी गुरमेल सिंह, अंग्रेज सिंह गांव जोगेवाला में पंचायत के कहने पर नालियों का निर्माण कर रहे थे। इसी दौरान गांव के एक दबंग व्यक्ति ने आकर उनसे मारपीट शुरू कर दी। उसी दिन मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई गई। लेकिन संबंधित जांच अधिकारी भूप सिंह ने शिकायत ही गुम कर दी। कुछ दिनों बाद जब दोबारा उनके पास शिकायत लाई गई तो कार्रवाई करवाने की बात पर एएसआई उखड़ पड़े। शिकायत वापिस फेंक दी। मौका पर मौजूद एएसआई भूप सिंह ने किसी प्रकार के दुव्र्यवहार से इंकार किया। उन्होंने कहा कि वह एक समाजसेवी हैं, दुव्र्यवहार को तो सवाल ही नहीं उठता। कार्यकारी प्रभारी इंद्राज ने यूनियन सदस्यों को आगाह करते हुये कहा कि यूनियन सदस्यों के बड़ी गिनती में आने से पुलिस डरने वाली नहीं। जो भी जायज कार्रवाई होगी वही की जायेगी। जिस शिकायत पर पिछले सत्रह दिनों से कार्रवाई नहीं हो रही थी। यूनियन सदस्यों के थाना में आते ही पुलिस ने कार्रवाई कर दी। संबंधित व्यक्ति का चालान काटकर पुलिस ने उसे अदालत में पेश कर दिया।

जमानत पर छोड़ा
आरोपी कौर जीत सिंह को गिरफ्तार करने के बाद डयूटी मजिस्ट्रेट मातू राम नेहरा की अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने उसे जमानत पर छोड़ दिया।
-भूप सिंह, एएसआई,शहर थाना, डबवाली

डबवाली धर्मशाला फुल

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली धर्मशाला सालासर के सेवक ओम बाबा ने बताया कि धर्मशाला में 31 दिसम्बर को तपा मंडी की ओर से विशाल जागरण करवाया जा रहा है। जिसके चलते धर्मशाला के सभी कमरे फुल हो गये हैं। धर्मशाला में टैंट लगा कर 300 लोगों के सोने का इंतजाम किया गया है।