17 दिसंबर 2014

जमीन पर बैठकर पढऩे को मजबूर मासूम

डबवाली (लहू की लौ) प्रदेश में बर्फबारी के बाद ठंड अपने चरम पर है। कंपकंपाती ठंड के बीच खंड डबवाली की प्राथमिक पाठशालाओं में बच्चे जमीन पर बैठकर पढऩे को मजबूर हैं। महज तीन दिनों में ही स्कूलों में बच्चों की तादाद दिन ब दिन घटनी शुरू हो गई है। करीब चालीस से पचास बच्चे प्रतिदिन गैरहाजिर हो रहे हैं।
बैठने को फटी दरी और बोरी
पिछले तीन दिनों में डबवाली का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तथा सबसे कम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रहा है। लेकिन राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में शिक्षा ग्रहण करने के लिये आने वाले बच्चों को खुले आसमान के नीचे फटी दरी या फिर मिड-डे मील का राशन भरकर आई बोरियों तथा प्लास्टिक बैग ही मुहैया करवाये जा रहे हैं। डबवाली के चौहान नगर में राजकीय प्राथमिक पाठशाला एक धर्मशाला में चल रही है। जिसमें महज दो कमरे है। जिसमें से एक में मिड-डे मील का राशन तथा दूसरे में ऑफिस चलता है। जबकि पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों की संख्या 170 है। बच्चे पाठशाला के प्रांगण या फिर बरामदे में जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। इधर कलोनी रोड़ स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला में भी कमोबेश यहीं स्थिति है। पाठशाला में बच्चों की संख्या 382 है। लेकिन बैठने के लिये कमरे महज छह। शेष कक्षाएं बरामदे में लगाई जाती हैं। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं।
पाठशाला की छत पर सड़ रहे डेस्क
कुछ वर्ष पूर्व राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में डेस्क मुहैया करवाये गये थे। टूटने पर इनकी मैंटीनैंस के लिये शिक्षा विभाग को लिखा गया। लेकिन कोई सुनवाई न होने पर पाठशाला मुखियों ने इन डेस्कों को पाठशाला की छत पर रखवा दिया। लापरवाही की वजह से जो इन दिनों छत पर पड़े सड़ रहे हैं। वहीं करीब एक वर्ष पूर्व भी शिक्षा विभाग ने डयूल डेस्क मुहैया करवाये थे। पाठशाला में कम कमरों की वजह से ये डेस्क स्टोर रूमों में पड़े हुये हैं। जिन्हें दीमक चाट रही है।
खंड में 20 हजार बच्चों का स्वास्थ्य दांव पर
खंड डबवाली में 81 प्राथमिक पाठशालाओं में करीब 20 हजार बच्चों का दाखिला है। इतनी बढ़ी संख्या होने के बावजूद बच्चों के स्वास्थ्य से सरासर खिलवाड़ हो रहा है। डेस्क तो छोडिय़े कंपकंपाती ठंड में जमीन पर बैठने के लिये बच्चों को दरी या टाट पट्टी तक उपलब्ध नहीं करवाई जा रही।
राशन जरूरी बच्चे जायें भाड़ में : पाठशाला प्रभारियों ने बताया कि शिक्षा विभाग के लिये मिड-डे मील का राशन संभालना जरूरी है। बच्चों की चिंता बिल्कुल नहीं। यहां बच्चे छत के नीचे बैठने चाहिये वहां राशन पड़ा है। कई बार आपत्ति उठा चुके हैं, लेकिन विभाग अपने आदेश को अंतिम आदेश मानता है।

छत या स्टोर में पड़े डेस्क अपनी कस्टडी में लेगा विभाग
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बच्चों के लिये स्कूलों में डेस्क उपलब्ध करवाये गये हैं। स्कूलों की छतों या फिर स्टोर रूम में पड़े डेस्कों को शिक्षा विभाग अपनी कस्टडी में करेगा। जिस भी स्कूल में डेस्कों की जरूरत होगी, वहां पहुंचा दिये जाएंगे। यहां तक दरी या टाट पट्टी का सवाल है तो पाठशाला प्रभारी दरी या टाट पट्टी की मांग कर सकता है। पाठशालाओं का निरीक्षण करके कमियों को दूर किया जायेगा।
  -संत कुमार बिश्नोई, बीईओ, डबवाली

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