डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार को राजा राम कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के एनसीसी एयरविंग कैडट्स संसद के शैक्षणिक भ्रमण के लिए दिल्ली रवाना हुए। विद्यालय प्रधानाचार्य प्रवीण कुमार गौड़ ने बताया कि स्कूल प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेन्द्र गुप्ता ने कैड्टस को हरी झण्डी देकर रवाना किया। विद्यालय के एनसीसी एयरविंग कैडिट एनसीसी एयरविंग अधिकारी सत्यपाल जोशी के नेतृत्व में संसद भवन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। यह शैक्षणिक भ्रमण नम्बर एक हरियाणा एयर स्कवाड्रन एनसीसी हिसार के कमांडिंग ऑफिसर विंग कमांडर राजेश शर्मा के नेतृत्व में सम्पन्न होगा। जिसमें हरियाणा के विभिन्न कॉलेजों तथा स्कूलज के एनसीसी कैडिट भाग लेंगे।
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Lahoo Ki Lau
17 दिसंबर 2014
बिश्नोई महासभा के चुनावों की तैयारियां शुरू
डबवाली (लहू की लौ)अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इन चुनावों में ग्राम सभा के सदस्य से लेकर महासभा के अध्यक्ष तक का चुनाव किया जाएगा। इसके तहत सभा के नए सदस्य बनाने के लिए प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। यह जानकारी देते हुए बिश्नोई सभा डबवाली के सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि सदस्यता अभियान के प्रथम चरण में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक व दूसरे चरण में 26 जनवरी से 10 फरवरी तक स्थानीय सभा के सदस्य बनाए जाएंगे। इससे पहले 22 दिसंबर को बिश्नोई धर्मशाला में प्रधान कृष्ण जादूदा की अध्यक्षता में महासभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक होगी। इस बैठक में मुख्य चुनाव अधिकारी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राम सिंह बिश्नोई, राज्य चुनाव अधिकारी रामरख जाखड़ जोधपुर व जिला चुनाव प्रभारी कृष्ण देव पंवार हिसार विशेष तौर पर पहुंचेंगे व चुनाव संबंधी निर्देश देंगे। इसके अलावा सभी गांवों से ग्राम चुनाव प्रभारियों को भी बैठक में बुलाया जाएगा व उन्हें सदस्यता फार्म उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी के बाद किसी को भी स्थानीय सभा का सदस्य नहीं बनाया जाएगा।
योग 100 वर्ष तक निरोग जीवन जीने की संजीवनी-गोपाल कृष्ण
डबवाली (लहू की लौ) हमारे ऋषि मुनियों की धरोहर योग ऐसी संजीवनी है जिसको अपनाकर हम 100 वर्ष तक निरोग रहकर जीवन जी सकते हैं।
वे मोबाईल पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्वास रूपी वायु हमारे शरीर की संजीवनी है। यहीं हमारी प्राण शक्ति है। क्योंकि मनुष्य बिना पीए कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है। परन्तु बिन श्वास के कुछ ही पलों में मृत्यु अवस्था में पहुंच जाता है। शरीर में श्वास का इतना महत्व होने पर भी हम श्वास क्रिया के सही उपयोग को नहीं समझ पायें हैं और अक्सर गलत श्वास प्रक्रिया द्वारा रोग ग्रस्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत लोग हॉस्पिटल में इसलिए बीमार पड़े हैं कि उसका मूलभूत कारण सिर्फ गलत श्वास प्रणाली है। क्योंकि रक्त का एक-एक कण बिना हवा के हिल नहीं सकता। यदि हमारी श्वासन प्रणाली ठीक होगी तो हमारी प्राण ऊर्जा बढ़ेगी और हम रोगों के गिरफ्त में आने से बचेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि पहले की अपेक्षा योग की आज अधिक आवश्यकता है। पहले पर्यावरण, वातावरण, रहन-सहन सभी कुछ आज की अपेक्षा बहुत ही प्राकृतिक था। परन्तु आज दूषित वातावरण, प्रदूषित पर्यावरण, फास्ट फूड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, विटामिन और प्रोटीन रहित खानपान, बदलता परिवेश और विकृत मानसकिता इन सभी ने हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि योग महिलाओं, पुरूषों,बच्चों एवं वृद्धों व युवाओं के लिए आवश्यक है। योग प्राचीन भारतीय ऋषि मुनियों द्वारा अन्वेषित सुखी जीवन जीने की एक ऐसी श्रेष्ठ कला है जिसके द्वारा मनुष्य अंतिम क्षण तक शरीर में अखण्ड स्वास्थ्य, इन्द्रियों में अखण्ड शक्ति, मन में अखण्ड आनन्द, बुद्धि में अखण्ड ज्ञान एवं अहम अखण्ड प्रेम पाकर सदैव सुखी रह सकता है। अर्थात् योगाम्यास से शरीर से रोग, मन से चिंता,हृदय से भय एवं अहम् से वियोग की पीड़ा से मनुष्य अपने को सदैव के लिए मुक्त कर सकता है।
उन्होंने बताया कि वे 18 से 20 दिसम्बर तक डबवाली के महाराजा पैलेस में सुबह और सायं दो-दो घंटे योगासन, प्राणायाम, प्राकृतिक जीवन शैली पर साधकों को फ्री निरोग रहने के टिप्स देंगे और योग से संबंधित जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास करेंगे।
16 दिसंबर 2014
आशू के आगे फीके पड़ रहे अग्निकांड के जख्म
अग्निकांड पीडि़त हर माह कर रहा एक करोड़ से ज्यादा का कारोबार

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड में मिले जख्म पीडि़त आशीष बांसल उर्फ आशू की प्रतिभा के आगे फीके नजर आते हैं। पंचकूला में सेटल यह युवक हर माह करीब एक करोड़ रूपये से अधिक का टाईल का कारोबार करता है। एक सफल बिजनेसमैन बनने की ओर अग्रसर इस अग्निकांड पीडि़त के हौंसले बुलंद हैं। वह टाईल की इंडस्ट्री स्थापित करने का सपना पाले हुये है। जिसे मूर्त रूप देने के यह युवक खूब मेहनत कर रहा है।
महज 9 वर्ष थी
अग्निकांड के समय आशीष की उम्र महज 9 वर्ष थी। वह डीएवी स्कूल की 5वीं कक्षा में पढ़ता था। जबकि उसका छोटा भाई दीपक पहली कक्षा में पढ़ता था। 23 दिसंबर 1995 को दोनों अपनी मां रेखा बांसल के साथ विद्यालय का वार्षिक कार्यक्रम देखने के लिये राजीव मैरिज पैलेस में गये थे। आग की लपटों में गिरे पैलेस में मची भगदड़ के बीच दीपक तथा रेखा की मृत्यु हो गई। आशीष जैसे-तैसे बाहर आने लगा। साईकिल में फंसने के कारण वह गिर गया। पैलेस में लगाया गया टैंट जलते हुये उसके ऊपर आ गिरा। इस युवक ने हिम्मत नहीं हारी। आग की लपटों के साथ वह कुछ दूरी पर पड़े पानी से भरे पड़े एक ड्रम में कूद गया। पचास फीसदी से अधिक जलने पर उसे डीएमसी लुधियाना में लेजाया गया। मुंह सहित शरीर का एक हिस्सा जलने के बाद भी आशीष ने हिम्मत नहीं हारी। उपचार के बाद पुन: पढ़ाई शुरू की। अग्निकांड में मिले जख्म काफी तकलीफदेय थे। लेकिन उसने पढ़ाई निरंतर जारी रखी।
पिता ने डबवाली छुड़वा दी
घावों ने आशीष को हमेशा विचलित किये रखा। दिसंबर माह में ये घाव उसे झकझोर कर रख देते। अपने बेटे की पीड़ा समझते हुये विजय बांसल ने उसे डबवाली से अलग कर दिया। चंडीगढ़ में 12वीं करने के बाद 2009 में उसने चंडीगढ़ स्थित एक शिक्षण संस्थान से इलेक्ट्रोनिक्स कम्युनिकेशन में बीटेक पास की। आशीष की प्रतिभा का सम्मान करते हुये एक अमेरिकी कंपनी ने कैंपस के दौरान उसे गुडग़ांव में नौकरी दे दी। करीब साढ़े चार लाख रूपये के सालान पैकेज पर एक साल नौकरी की। इस अग्निकांड पीडि़त के हौंसले बुलंद थे। किसी के नीचे काम न करने की अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते उसने पंचकूला में अपना बिजनेस सेटल करना शुरू कर दिया। पहले रिटेल में टाईल कारोबार की शुरूआत की। अब पिछले करीब छह माह से टाईल का होलसेलर बन गया है। प्रतिमाह करीब एक करोड़ रूपये से अधिक का कारोबार कर रहा है।
इंडस्ट्री लगाने की जिद्द
टाईल कारोबारी बने इस अग्निकांड पीडि़त की जिद्द सफल बिजनेसमैन के रूप में स्थापित होने की है। इसके चलते यह युवक अथक मेहनत कर रहा है। उसके पिता विजय बांसल बताते हैं कि आशीष के मन में टाईल की इंडस्ट्री स्थापित करने का विचार चल रहा है। इसके लिये वह देश की कई टाईल फेक्टरी का विजिट कर चुका है।
बीटेक से पहले मांगा विकलांगता का सर्टिफिकेट
अग्निकांड के फौरन बाद आशीष को पचास फीसदी से अधिक का विकलांगता संबंधी सर्टिफिकेट मिला। इसके बाद कई वर्षों तक आशीष का उपचार चला। उपचार के बाद यह विकलांगता कम हो गई। उपचार के बाद बाईं बाजू बिल्कुल सही होकर ऊंची उठने लगी। लेकिन बीटेक में एडमिशन लेते समय उसे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एडमिशन के दौरान संस्थान ने उससे विकलांगता संबंधी सर्टिफिकेट मांगा। जिसे बनाने के लिये उसे काफी माथा पच्ची की। एडमिशन की अंतिम तिथि को एडमिशन हो सका।
जीवन संगिनी ने जख्म नहीं, प्रतिभा देखी
आशीष के पिता विजय बांसल ने बताया कि शादी का रिश्ता तय करते समय उन्हें काफी मुश्किल सहनी पड़ी। जो भी आशीष को देखने के लिये आया, उसके बेटे के जख्म देखकर वापिस हो गया। करीब दो वर्ष पूर्व राजस्थान की घड़साना मंडी से एक रिश्ता आया। लड़की के मां-बाप ने आशीष को पसंद कर लिया। लेकिन उन्होंने उसकी मुलाकात लड़की से करवाई। जीवन संगिनी ने जख्मों को पहल न देते हुये उसकी प्रतिभा का सम्मान किया। आज दोनों पंचकूला में रह रहे हैं।
दिसंबर माह देता है दर्द
जैसे ही वर्ष का आखिरी माह शुरू होता है दर्द शुरू होने लग जाता है। जैसे-जैसे हादसे की तारीख नजर आती है, वैसे ही दर्द बढ़ता जा रहा है। अपने बेटे को पंचकूला भेजकर सकून मिला है। चूंकि इन दिनों वह करीब होता है तो उसके जख्म देखकर आंखों से आंसू नहीं रूकते।
-विजय बांसल
युवतियों ने 9 मिनट में उड़ाये एक लाख
पंजाब नेशनल बैंक में दिया वारदात को अंजाम, मामला दर्ज
डबवाली (लहू की लौ) सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक में घुसकर दो युवतियां एक लाख रूपये निकाल ले गर्इं। वारदात को अंजाम देने में युवतियों ने महज 9 मिनट लगाये। शहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
दोपहर 12 बजकर 50 मिनट
वार्ड नं. 18 के जवाहर नगर निवासी 56 वर्षीय जसपाल सिंह अपने बेटे संदीप सिंह के साथ पंजाब नेशनल बैंक में एक लाख 60 हजार रूपये जमा करवाने आया था। रकम को एक पॉलीथीन में डाल रखा था। संदीप ने फार्म भरकर अपने पिता को लाईन में खड़ा कर दिया। खुद बाईक की निगरानी रखने के लिये बैंक के बाहर चला गया।
12 बजकर 58 मिनट
बैंक के बाहर खड़ी दो लड़कियां भीतर आर्इं। लाईन में खड़े जसपाल सिंह के पास आकर खड़ी हो गईं। जैसे ही जसपाल काऊंटर के नजदीक पहुंचा तो एक लड़की ने पॉलीथीन पर ब्लेड चला दिया। एक लाख रूपये निकालकर फरार हो गई। दोपहर बाद करीब 1 बजकर 07 मिनट पर वह बैंक से निकल भागी। शातिर लड़कियों ने पूरी वारदात को महज 9 मिनट में अंजाम दिया। युवतियों ने हरे तथा जामुनी रंग के पंजाबी सूट पहने हुये थे। दोनों युवतियों के पास पर्स थे। सूचना पाकर पुलिस मौका पर पहुंच गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा मुख्य बाजार में दबिश दी। लेकिन युवतियों का कोई सुराग नहीं लग पाया।
साफ नहीं युवतियों की तस्वीर
पीएनबी में लगे निम्न स्तरीय कैमरों की वजह से सीसीटीवी फुटेज में युवतियों की तस्वीर धुंधली नजर आई। शाखा प्रबंधक परमजीत कोचर ने बताया कि फिलहाल बैंक में दस सीसीटीवी कैमरे लगे हुये हैं। डिजिटल क्वालिटी के कैमरे लगवाने के साथ-साथ तीन ओर कैमरे लगवाने के लिये उच्च अधिकारियों को लिखा जायेगा।
शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह तथा मामले की जांच कर रहे एएसआई भूप सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
डबवाली (लहू की लौ) सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक में घुसकर दो युवतियां एक लाख रूपये निकाल ले गर्इं। वारदात को अंजाम देने में युवतियों ने महज 9 मिनट लगाये। शहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
दोपहर 12 बजकर 50 मिनट
वार्ड नं. 18 के जवाहर नगर निवासी 56 वर्षीय जसपाल सिंह अपने बेटे संदीप सिंह के साथ पंजाब नेशनल बैंक में एक लाख 60 हजार रूपये जमा करवाने आया था। रकम को एक पॉलीथीन में डाल रखा था। संदीप ने फार्म भरकर अपने पिता को लाईन में खड़ा कर दिया। खुद बाईक की निगरानी रखने के लिये बैंक के बाहर चला गया।
12 बजकर 58 मिनट
बैंक के बाहर खड़ी दो लड़कियां भीतर आर्इं। लाईन में खड़े जसपाल सिंह के पास आकर खड़ी हो गईं। जैसे ही जसपाल काऊंटर के नजदीक पहुंचा तो एक लड़की ने पॉलीथीन पर ब्लेड चला दिया। एक लाख रूपये निकालकर फरार हो गई। दोपहर बाद करीब 1 बजकर 07 मिनट पर वह बैंक से निकल भागी। शातिर लड़कियों ने पूरी वारदात को महज 9 मिनट में अंजाम दिया। युवतियों ने हरे तथा जामुनी रंग के पंजाबी सूट पहने हुये थे। दोनों युवतियों के पास पर्स थे। सूचना पाकर पुलिस मौका पर पहुंच गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा मुख्य बाजार में दबिश दी। लेकिन युवतियों का कोई सुराग नहीं लग पाया।
साफ नहीं युवतियों की तस्वीर
पीएनबी में लगे निम्न स्तरीय कैमरों की वजह से सीसीटीवी फुटेज में युवतियों की तस्वीर धुंधली नजर आई। शाखा प्रबंधक परमजीत कोचर ने बताया कि फिलहाल बैंक में दस सीसीटीवी कैमरे लगे हुये हैं। डिजिटल क्वालिटी के कैमरे लगवाने के साथ-साथ तीन ओर कैमरे लगवाने के लिये उच्च अधिकारियों को लिखा जायेगा।
शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह तथा मामले की जांच कर रहे एएसआई भूप सिंह ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
एसडीएम छुट्टी पर, ठप हुआ कामकाज
डबवाली (लहू की लौ) एसडीएम संजय राय के छुट्टी पर जाने के बाद कामकाज ठप हो गया है। पिछले करीब सोलह दिनों से एक भी ड्राईविंग लाईसेंस, वाहन रजिस्ट्रेशन जारी नहीं हुआ है। जिसके चलते कार्यालय में कागजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। वहीं कागजात पाने के लिये लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।
30 नवंबर को छोड़ा था चार्ज
गौरतलब है कि एसडीएम सतीश कुमार ने 30 नवंबर को भिवानी में बतौर एसडीएम ज्वाईन किया था। उनकी जगह एचसीएस संजय राय ने चार्ज संभाला था। 1 दिसंबर को कुछ समय के लिये कार्यालय में आने के बाद वे अचानक छुट्टी पर चले गये थे। जिसके बाद से पूरा कामकाज ठप पड़ा है। इस हालत में उनकी जगह पर अतिरिक्त एसडीएम की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। जबकि डबवाली में रोजाना करीब 40 से 45 वाहन पंजीकृत होने के लिये आते हैं। इससे ज्यादा संख्या में प्रतिदिन लाईसेंस लेने के लिये लोग पहुंचते हैं।
30 नवंबर को छोड़ा था चार्ज
गौरतलब है कि एसडीएम सतीश कुमार ने 30 नवंबर को भिवानी में बतौर एसडीएम ज्वाईन किया था। उनकी जगह एचसीएस संजय राय ने चार्ज संभाला था। 1 दिसंबर को कुछ समय के लिये कार्यालय में आने के बाद वे अचानक छुट्टी पर चले गये थे। जिसके बाद से पूरा कामकाज ठप पड़ा है। इस हालत में उनकी जगह पर अतिरिक्त एसडीएम की नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। जबकि डबवाली में रोजाना करीब 40 से 45 वाहन पंजीकृत होने के लिये आते हैं। इससे ज्यादा संख्या में प्रतिदिन लाईसेंस लेने के लिये लोग पहुंचते हैं।
पहले दिन बिकी 80 हजार रूपये की सब्जी
डबवाली (लहू की लौ) मंडी किलियांवाली में सब्जी मंडी शुरू हो गई है। पहले दिन आढ़तियों ने 80 हजार रूपये की सब्जी बेची। सब्जी आढ़ती जगतार सिंह फतूहीवाला, गुरमेल सिंह, सरपंच अवतार सिंह, ननदीप पाल ने बताया कि सोमवार को 10-12 रेहडिय़ां लगी। सब्जी मंडी में बिजली, पानी तथा शौचालय की व्यवस्था कर दी गई है। पहले दिन गाजर, मटर, मूली, अदरक, आलू, बैंगनी, पालक बिकने के लिये पहुंची।
एनएचएआई का दो टूक
रास्ता मिलना असंभव दर्ज करवाएंगे एफआईआर
डबवाली (लहू की लौ) मुख्य बाजार के लिये आरओबी के बीच मार्ग की मांग कर रहे गुरू तेग बहादुर नगर के लोगों का संघर्ष जारी है। सोमवार को लोग तहसीलदार से मिले। उधर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि ड्राईंग में परिवर्तन होना मुमकिन नहीं। अगर कार्य में कोई बाधा बना उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी।
मुख्य बाजार के लिये रास्ते की मांग लेकर गुरू तेग बहादर नगर के लोग विपिन मोंगा, सुभाष चंद्र, गगन गुंबर, मोनू, दर्शन कुमार, रीना बांसल, सत्या देवी, वीना रानी, चांद रानी के नेतृत्व में सोमवार को तहसीलदार मातू राम नेहरा के पास पहुंचे। अपनी समस्या बताते हुये उन्होंने कहा कि अगर उनकी गलियों के आगे दीवार बन गई तो उनका मुख्य बाजार से सदा के लिये नाता टूट जायेगा। परिस्थितियां ऐसी हो जाएंगी कि दुर्घटना के समय आपातकालीन वाहन वहां तक नहीं पहुंच पाएंगे। भाजपा नेता देवकुमार शर्मा के जरिये उन्होंने फाईल सड़क मंत्रालय को भेज दी है। आप निचले स्तर पर प्रयास कीजिये।
तहसीलदार ने कहा मेरे बस का रोग नहीं
तहसीलदार ने लोगों की बात सुनने के बाद कहा कि ड्राईंग में परिवर्तन करवाना मेरे बस का रोग नहीं है। मैं आपको झूठा आश्वासन नहीं दूंगा। आपका ज्ञापन उच्च अधिकारियों को भेज दिया जायेगा। फैसला उच्च अधिकारी करेंगे। मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।
रूका हुआ है दीवार का कार्य
बीते शुक्रवार को गुरू तेग बहादुर नगर के लोगों ने आरओबी की दीवार निकाले जाने के विरोध में धरना दिया था। भाजपा नेता देवकुमार शर्मा के आश्वासन के बाद लोगों ने धरना उठाया था। शनिवार को लोगों ने नायब तहसीलदार छोटू राम को भी ज्ञापन सौंपा था। पिछले चार दिनों से दीवार का निर्माण रूका हुआ है।
जनहित में बन रहा है पुल, व्यक्ति विशेष के लिये नहीं
अभी तक लोगों का ज्ञापन मेरे पास नहीं पहुंचा है। फिलहाल रिपोर्ट ली जा रही है। ड्राईंग रेल तथा सड़क मंत्रालय से पास आऊट है। उसमें तबदीली होना असंभव है। आरओबी का निर्माण जनहित में किया जा रहा है। इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिये। किसी विशेष व्यक्ति के लिये कार्य नहीं रोका जा सकता। कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ एफसीआई दर्ज करवाई जायेगी।
-वीके जैन,
प्रोजेक्ट डायरेक्टर
एनएचएआई, हिसार
सास, मौसेरी सास पर मारपीट का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) अस्पताल में उपचाराधीन एक महिला ने अपनी सास तथा मौसेरी सास पर मारपीट कर स्वर्ण आभूषण लेजाने का आरोप लगाया है। वार्ड नं. 7 के इंदिरा नगर में रहने वाली गुरजीत कौर ने बताया कि उसकी सास तथा मौसेरी सास उससे पैसों की मांग करते हैं। रात को वे उससे पैसे मांगने के लिये आये थे। उसके इंकार करने पर उसे बुरी तरह से पीटा। उसकी चैन, कांटे उतार ले गये।
नील गाय पकाने को तैयार आरोपियों पर ठोका जुर्माना
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में नील गाय के मांस को पकाने की तैयारी करते पकड़े गये पप्पू, दर्शन तथा लछमन सिंह पर वाईल्ड लाईफ डिपार्टमेंट ने जुर्माना ठोका है। सोमवार को वन्य प्राणी रक्षक परमजीत सिंह, लीलू राम तथा दविंद्र कुमार डबवाली पहुंचे।
आरोपियों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुये माफी मांगी। जिस पर तीन सदस्यीय टीम ने 5500 रूपये का जुर्माना वसूल किया।
आरोपियों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुये माफी मांगी। जिस पर तीन सदस्यीय टीम ने 5500 रूपये का जुर्माना वसूल किया।
शादी का रिश्ता सिरे चढऩे जा रहा था, पुलिस ने लूट के मामले में दबोच लिया
17 नवंबर 2014 को हुई लूट की गुत्थी सुलझी, चार गिरफ्तार, एक गिरफ्त से बाहर
डबवाली (लहू की लौ) सरसों से भरी ट्राली लूटने की गुत्थी सुलझाते हुये शहर थाना पुलिस ने सोमवार शाम को चार लुटेरों को गांव चौटाला से संगरिया बाईपास से दबोच लिया। गांव चौटाला के रहने वाले तीनों आरोपी एक ही मोहल्ले के हैं। पकड़े गये एक आरोपी की शादी का रिश्ता तय होने वाला था। जबकि दूसरे आरोपी के साले की शादी थी। पुलिस मंगलवार को चारों आरोपियों को अदालत में पेश करेगी।
17 नवंबर 2014 को गांव शेरगढ़ के नजदीक पांच युवक सरसों से भरी ट्रेक्टर-ट्राली के चालक तथा परिचालक को बंधक बना तीन लाख रूपये की सरसों लूट ले गये थे। इसी मामले में सोमवार को शहर थाना पुलिस तथा सीआईए डबवाली संयुक्त रूप से संगरिया की ओर छापामारी कर रही थी। उनके साथ बीजबायला निवासी सुखदेव सिंह भी था। इसी दौरान संगरिया बाईपास पर एक बाईक सहित चार युवक एक होटल के बाहर खड़े थे। सुखदेव सिंह ने आरोपियों की पहचान कर ली। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के समक्ष आरोपियों ने अपनी पहचान गांव चौटाला निवासी सलीम खान (22), आरएमपी कृष्ण कुमार उर्फ डॉक्टर (24), अनिल उर्फ लाला (20), जिला हनुमानगढ़ के गांव रतनपुरा निवासी रघुवीर उर्फ रंगा (24) के रूप में करवाई।
पंद्रह दिन पहले बनी थी लूट की योजना
आरोपियों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि लूट की योजना पंद्रह दिन पूर्व बन गई थी। उनकी योजना गांव चौटाला से बिकने के लिये डबवाली जा रही कॉटन से भरी ट्राली लूटने की थी। 16 नवंबर 2014 को रात्रि करीब साढ़े 9 बजे वे दो बाईक पर वारदात को अंजाम देने के लिये निकल गये थे। ठीक आधा घंटा में कॉटन की भरी ट्राली गांव सकताखेड़ा के निकट पहुंच गई। उन्होंने पीछा किया। लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में चालक ने ट्रेक्टर-ट्राली को पंजाब क्षेत्र में स्थित एक पेट्रोल पंप पर लगा दिया और सो गया। रात करीब डेढ़-दो बजे उन्होंने चौटाला की ओर से एक ट्राली आते हुये देखी। सुरजीत, सलीम खान तथा कृष्ण तीनों पीछे से ट्राली में सवार हो गये।
वारदात में पिस्टल नहीं पोटाश का प्रयोग किया
ट्राली में भरी सरसों पर सो रहे एक व्यक्ति को काबू कर लिया। सुरजीत के पास पोटाश थी। उसके धमाका करते ही चालक ने अपना ट्रेक्टर वहीं रोक दिया। ट्राली से उतरकर उन लोगों ने उसे भी दबोच लिया। इसी दौरान एक अन्य बाईक पर सवार होकर अनिल तथा रघुवीर वहां आ गये। चालक तथा परिचालक को बंधक बनाकर खेतों में फेंक दिया। वे ट्रेक्टर-ट्राली लेकर निकल गये।
बराबर में बंटना था हिस्सा, लेकिन नहीं बंटा
सरसों से भरी ट्राली को ढाणी चौटाला में रहने वाले सुरजीत ने अपनी ढाणी में गिराया। ट्राली में 60 क्विंटल सरसों होने का बताया गया। सलीम खान को 30 हजार, कृष्ण को 22 हजार तथा अनिल को पांच हजार रूपये दिये गये। जबकि रघुवीर को 60 हजार रूपये देने का वायदा था। लेकिन रघुवीर को फूटी कौड़ी नहीं दी गई।
रिश्ता होने से पहले ही टूटा
आरोपी कृष्ण कुमार आरएमपी है। वह गांव में डॉक्टरी की दुकान चलाता है। पहले भी नशा बेचने के आरोप में उस पर छापामारी हो चुकी है। पुलिस के पकड़े जाने से पूर्व उसके घर रिश्ता पक्का करने के लिये लड़की वाले आने थे। लेकिन उसके पकड़े जाते ही सब उलटफेर हो गया। शादी का रिश्ता तय होने से पहले ही टूट गया। वहीं सलीम खान को अपने साले की शादी में जाना था। इससे पहले ही पुलिस उसे उठा ले आई।
अदालत में पेश किये जाएंगे
शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलीप सिंह तथा सीआईए प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि पकड़े आरोपियों को पकडऩे में साईबर सैल का विशेष योगदान रहा। आरोपियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया जायेगा। मुख्य आरोपी सुरजीत अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
प्रतिक्रिया
साहस को सलाम
अग्निकांड का दंश झेल चुकी डबवाली के उन प्रतिभावान बच्चों के दर्द को अपने पत्र में जिस विलक्षण शैली में जिस तरह से आप लिखते आ रहे हैं उससे आम व्यक्ति को उनके दर्द का बखूबी अहसास करवा रहे हैं, जो काबिले तारीफ है। वाकई इन बच्चों के प्रति सहानुभूति के अलावा इन्हें प्रोत्साहन की अधिक आवश्यकता है। मैं आपके इस कालम का नियमित पाठक हूं, इन सब को न्याय दिलाने का यह अनूठा प्रयास मुझे बेहद पसंद आया। इससे शिकार बच्चों ने अग्निकांड के जख्मों को जहां सहा है, वहीं उनके समक्ष आज भी जो दरपेश परेशानियां हैं वे भी उजागर हुई हैं, ये वो जख्म हैं, जो हम कभी नहीं भूल सकते, इन प्रतिभाशाली बच्चों ने इस सकंट के समय हो आदम्य साहस का परिचय दिया है वो एक मिसाल है।
नवगीत इसी स्कूल का विद्यार्थी रहा है, वह बचपन से ही स्वाभिमानी रहा है। सहानुभूति की जगह प्रोत्साहन में विश्वास करता था। मैंने उससे कभी सहानुभूति नहीं दिखाई, मेरे इतना कहने मात्र से कि आप किसी से कम नहंीं हो, वह नयी ऊर्जा से भर जाता था। बहुत ही होनहार आज्ञाकारी विद्यार्थी रहा वह 10वीं तक इस विद्यालय का।
आज लहू की लौ समाचार पत्र में कम्पनियों ने अपाहिज कह कर रूलाया पढ़कर उसके स्कूली जीवन की सारी स्मृतियां मेरे मानसिक पटल पर उभर आईं। आज माता पिता के साथ-साथ विद्यालय को भी गर्व है कि वह आज इण्डियन ऑयल कम्पनी में सीनियर प्रचेजिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत है, ऐसा पढ़कर रह रह कर उसकी याद आ रही है कि उसने जब पहली बार गुवाहटी (असम) में ज्वाईन किया था तो उसने सब से पहले फोन कर मम्मी पापा को स्कूल में मिठाई का डिब्बा देकर आने को कहा था।
अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, अपनी प्रतिभा व स्वाभिमान उमंगों व उत्साह के साथ जीवन को फिर से जीने के नवगीत की महत्वाकांक्षा जैसे साहस को मेरा सलाम......
विद्यालय परिवार आज उसकी इस उपलब्धि पर गौरवन्वित महसूस कर रहा है।
-वेदप्रकाश भारती, निदेशक,एनपीएस मंडी डबवाली
पाठकों से : आप भी लहू की लौ में अग्निकांड पर प्रकाशित किये जाने वाले समाचारों पर अपनी प्रतिक्रियाएं भेज कर साहस जुटाने वाले युवाओं को प्रोत्सोहित करें और इस बार अधिक से अधिक संख्या में अग्निकांड स्थल पर पहुंच कर शहीदों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दें।-संपादक
अग्निकांड का दंश झेल चुकी डबवाली के उन प्रतिभावान बच्चों के दर्द को अपने पत्र में जिस विलक्षण शैली में जिस तरह से आप लिखते आ रहे हैं उससे आम व्यक्ति को उनके दर्द का बखूबी अहसास करवा रहे हैं, जो काबिले तारीफ है। वाकई इन बच्चों के प्रति सहानुभूति के अलावा इन्हें प्रोत्साहन की अधिक आवश्यकता है। मैं आपके इस कालम का नियमित पाठक हूं, इन सब को न्याय दिलाने का यह अनूठा प्रयास मुझे बेहद पसंद आया। इससे शिकार बच्चों ने अग्निकांड के जख्मों को जहां सहा है, वहीं उनके समक्ष आज भी जो दरपेश परेशानियां हैं वे भी उजागर हुई हैं, ये वो जख्म हैं, जो हम कभी नहीं भूल सकते, इन प्रतिभाशाली बच्चों ने इस सकंट के समय हो आदम्य साहस का परिचय दिया है वो एक मिसाल है।
नवगीत इसी स्कूल का विद्यार्थी रहा है, वह बचपन से ही स्वाभिमानी रहा है। सहानुभूति की जगह प्रोत्साहन में विश्वास करता था। मैंने उससे कभी सहानुभूति नहीं दिखाई, मेरे इतना कहने मात्र से कि आप किसी से कम नहंीं हो, वह नयी ऊर्जा से भर जाता था। बहुत ही होनहार आज्ञाकारी विद्यार्थी रहा वह 10वीं तक इस विद्यालय का।
आज लहू की लौ समाचार पत्र में कम्पनियों ने अपाहिज कह कर रूलाया पढ़कर उसके स्कूली जीवन की सारी स्मृतियां मेरे मानसिक पटल पर उभर आईं। आज माता पिता के साथ-साथ विद्यालय को भी गर्व है कि वह आज इण्डियन ऑयल कम्पनी में सीनियर प्रचेजिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत है, ऐसा पढ़कर रह रह कर उसकी याद आ रही है कि उसने जब पहली बार गुवाहटी (असम) में ज्वाईन किया था तो उसने सब से पहले फोन कर मम्मी पापा को स्कूल में मिठाई का डिब्बा देकर आने को कहा था।
अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, अपनी प्रतिभा व स्वाभिमान उमंगों व उत्साह के साथ जीवन को फिर से जीने के नवगीत की महत्वाकांक्षा जैसे साहस को मेरा सलाम......
विद्यालय परिवार आज उसकी इस उपलब्धि पर गौरवन्वित महसूस कर रहा है।
-वेदप्रकाश भारती, निदेशक,एनपीएस मंडी डबवाली
पाठकों से : आप भी लहू की लौ में अग्निकांड पर प्रकाशित किये जाने वाले समाचारों पर अपनी प्रतिक्रियाएं भेज कर साहस जुटाने वाले युवाओं को प्रोत्सोहित करें और इस बार अधिक से अधिक संख्या में अग्निकांड स्थल पर पहुंच कर शहीदों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दें।-संपादक
नील गाय की हत्या की निन्दा
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में कुछ लोगों द्वारा नील गाय की हत्या किए जाने की घटना की बिश्नोई समाज ने सख्त शब्दों में निंदा की है। बिश्नोई सभा के सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने कहा कि जीव हत्या किया जाना पाप है और कानूनन अपराध है। इसके बावजूद कुछ लोग वन्य प्राणियों की हत्या किए जाने से बाज नहीं आते। यदि इस अपराध को सख्ती से न रोका गया तो वन्य प्राणियों की कई प्रजातियां लुप्त हो जाएंगी। इससे पर्यावरण का संतुलन भी बिगडऩे का खतरा है। जीवों की हत्या किए जाने की ऐसी घटनाओं के बंद नहीं होने के कारण बिश्नोई समाज के लोगों में काफी रोष है। उन्होंने सरकार व पुलिस प्रशासन से मांग की कि वन्य प्राणी विहार में विचरने वाले वन्य प्राणियों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं जाएं ।
गेम्ज के माध्यम से मैनेजमेंट सिद्धांतों की जानकारी दी
डबवाली (लहू की लौ) गुरू नानक कॉलेज किलियांवाली में सोमवार को कॉमर्स विभाग की ओर से मैनेजमेंट गेम्ज करवाकर विद्यार्थियों को मैनेजमेंट के सिद्धांत समझाये। इस दौरान प्रो. ऊषा गोयल, डॉ. सीमा जिन्दल, प्रो. सुमित गोकलानी और प्रो. ज्योति रानी उपस्थित थे। विद्यार्थियों को ग्रुपों में बांटकर और अलग अलग परिस्थितियों में मैनेजमेंट के सिद्धांतों को लागू करना सिखाया गया।
मकान की छत गिरने से एक घायल
डबवाली (लहू की लौ) मंडी किलियांवाली में पूर्व सरपंच किशोर चंद वाली गली में सोमवार को एक मकान की छत गिरने से एक युवक घायल हो गया। कमरे में पड़ा सामान टूटने से करीब डेढ़ लाख रूपये का नुक्सान हुआ है। युवक को उपचार के लिये एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
अस्पताल में उपचाराधीन विक्रम ने बताया कि सुबह 10 बजे वह छत पर खड़ा था। इसी दौरान छत नीचे गिर गई। वह मलबे में दब गया। घर के आंगन में मौजूद उसकी चाची माला तथा भाभी कमला देवी के शोर मचाने पर पड़ौसी अरमान, मुनीष, शोभित, संजय, सोनू तथा पवन मौका पर पहुंचे। उन्होंने उसे मलबे से बाहर निकालकर उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया। वह बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। छत गिरने से कमरे में पड़ा टीवी, फ्रिज, फर्नीचर तथा अन्य सामान टूट गया। जिससे करीब डेढ़ लाख रूपये का नुक्सान हुआ है।
60वीं नेशनल फुटबाल स्कूल गेम्स मुकाबलों में खालसा स्कूल की अंजलि को ब्रॉंज मैडल मिला
डबवाली (लहू की लौ) 60वीं नेशनल फुटबाल स्कूल गेम्स अंडर-17 मुकाबलों में हरियाणा की टीम को तीसरा स्थान मिला है। जिला सिरसा की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाली खालसा सीनियर सैकेंडरी स्कूल की खिलाड़ी 14 वर्षीय अंजलि सियाल को टीम के साथ ब्रॉंज मैडल मिला है।
कैसे चला हरियाणा की टीम का अभियान
मणिपुर के इंफाल में आयोजित प्रतियोगिता से पूर्व हरियाणा ने अन्य प्रदेशों की टीम के साथ चार लीग मैच खेले। एक लीग मैच में बिहार के हाथों हार मिली। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हरियाणा की भिड़ंत उड़ीसा की लड़कियों से हुई। उड़ीसा को 7-1 से पराजित करने के बाद सेमीफाइनल में तामिलनाडु से मुकाबला हुआ। तामिलनाडु ने यह मुकाबला 1-0 से जीत फाइनल में जगह बनाई। मैच का नतीजा आखिरी मिनट पर आया। जब तामिलनाडु ने फ्री किक को गोल में बदल दिया। तीसरे मुकाबले के लिये पुन: हरियाणा तथा बिहार में टक्कर हुई। इस बार पिछली हार का बदला चुकाते हुये हरियाणा ने बिहार को 7-1 के करारे अंतर से शिकस्त दी और तांबे का मैडल अपने नाम किया।
दूसरी बार खेला नेशनल
अंजलि सियाल ने दूसरी बार नेशनल खेला है। पूरी टीम में वह सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थी। इससे वह पूर्व अंडर-14 मुकाबलों में नेशनल खेल चुकी है। उस समय उसे सिल्वर मैडल प्राप्त हुआ था। उसकी उम्र करीब 12 वर्ष थी। मैडल जितने के बाद पहले दिन विद्यालय आने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया। प्रिंसीपल गुरतेज सिंह ने उसे स्कूल का हीरा कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अंजलि ने सिद्ध कर दिखाया है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं। फिर चाहे खेल का ही मैदान क्यूं न हो। पूरे विद्यालय को अपनी इस बेटी पर नाज है।
पीटीआई पिता से सीख रही गुर
अंजलि सियाल ने बताया कि वह अपने पीटीआई पिता राजन से फुटबाल के गुर सीखकर बड़ी हुई है। दूसरी बार प्रदेश के लिये खेलकर गर्व महसूस कर रही हूं। प्रतियोगिता में मेरी जगह हॉफ बैक में थी। उस दौरान जो भी गलतियां हुई, उसे दूर करने का प्रयास करूंगी।
महिला के कानों से सोने की बालियां उतार ले गये युवक
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को दो युवक तथा एक बालिका रेलवे स्टेशन के नजदीक एक महिला के कानों से सोने की बालियां उतार ले गये। महिला ने इसकी शिकायत पुलिस में दी है।
वार्ड नं. 16 की गली मिस्त्री हरनेक सिंह वाली निवासी सुनीता देवी ने बताया कि दोपहर बाद करीब 1 बजे वह अपने पति कृष्ण लाल का भोजन लेकर सब्जी मंडी में गई थी। वापिस लौटते समय दो युवकों ने एक बालिका के साथ मिलकर उसका पीछा करना शुरू कर दिया। रेलवे स्टेशन से होते हुये वह शिव मंदिर के नजदीक पहुंची तो युवकों से उसे रोककर बातचीत शुरू कर दी।
युवकों ने उसकी नाक के नजदीक एक कपड़ा करते हुये अपनी सोने की बालियां उतारकर उसमें रखने के लिये कहा। जिस पर उसने इंकार कर दिया। युवक वहां से खिसक गये। वह कलोनी रोड़ पर रहने वाली अपनी बहन कमलेश के पास चली गई। उसे मालूम नहीं कि वह उसके घर पर कैसे पहुंची। वहां उसे पता चला कि उसके कानों की बालियां गायब हैं। जब उसने हाथ में पकड़े लिफाफे में से कपड़ा निकाला तो उसमें नकली सोने की बालियां मिलीं।
सुनीता ने बताया कि उसने अपने परिजनों के साथ मिलकर युवकों को काफी तलाशा। लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पाया। इसकी शिकायत उन्होंने शहर थाना पुलिस तथा जीआरपी में दर्ज करवाई है। युवकों की उम्र 20 वर्ष थी। जबकि लड़की की उम्र 10 वर्ष थी। सुनीता ने बताया कि बालियां आधा तोला की थी। माना जा रहा है कि महिला को नशीला पदार्थ सूंघाने के बाद ही आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।
डबवाली अग्निकांड ने जख्म दिये, कंपनियों ने अपाहिज कह रूलाया
डबवाली (लहू की लौ) इस अग्निकांड पीडि़त की कहानी जानने के बाद आंखों से पानी टपकने लगता है। अग्निकांड में 85 फीसदी जलने के बावजूद नवगीत सेठी ने जो प्रतिभा दिखाई
जब बड़े ने छोटे को बचाया
23 दिसंबर 1995 को नवगीत अपने बड़े भाई लवगीत के साथ अपने स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम को देखने के लिये पहुंचा था। आग लगने पर लवगीत अपने छोटे भाई को बाहर लेकर आया। नवगीत पहला बच्चा था जो आग की लपटों से बचता बचाता बाहर लाया गया था। उस समय लवगीत चौथी तथा नवगीत तृतीय कक्षा में पढ़ता था। बाहर आने के बाद एक राहगीर की सहायता से अपने झुलसे भाई को अस्पताल में पहुंचाया। बाद में इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। गंभीर हालत में नवगीत को डीएमसी लुधियाना लेजाया गया। सिर, हाथ तथा शरीर का पिछला हिस्सा बुरी तरह से जलने के बावजूद नवगीत ने हिम्मत नहीं हारी।
मैकेनिकल इंजीनियर बना
उपचार से पीछा छुड़वाने के बाद नवगीत ने डबवाली के निजी स्कूलों से 12वीं पास की। दायं हाथ की अंगुलियां कटी होने के बावजूद भी बेहतरीन अंक लेकर उत्तीर्ण हुआ। बीटेक के लिये प्रवेश परीक्षा पास करने पर एक अवसर आया कि नवगीत हरियाणा के किसी भी संस्थान में दाखिला ले सकता था। लेकिन कंप्यूटर इंजीनियरिंग को दरकिनार करते हुये उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के लिये हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित एक संस्थान में एडमिशन लिया। 85 प्रतिशत जख्मों के साथ मैकेनिकल में वेल्डिंग ट्रेड अपनाई।
42 कंपनियों के बोल नमक से कम नहीं
कैंपस सिलेक्शन के दौरान 42 कंपनियां जॉब देने के लिये आई। परीक्षा में पास होने के बावजूद भी कंपनियों ने नवगीत की सिलेक्शन नहीं की। इंटरव्यू के दौरान अग्निकांड के जख्मों के आधार पर उसे अपाहिज करार देकर कंपनी उसे नौकरी देने से मना कर देती। जिसके बाद यह युवक खुद को अकेला महसूस कर बहुत रोता। उसे ऐसा महसूस होता कि कंपनियां उसके जख्मों पर नमक छिड़क रही हैं।
आप मुझे यहां भेज दो, पर पैकेज बढिय़ा हो
वर्ष 2010 में आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका नवगीत बेसब्री से इंतजार कर रहा था। एमटेक के लिये गेट की परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली तथा रूड़की से उसे एडमिशन का ऑफर मिला। आईआईटी दिल्ली में दाखिला लेने के ठीक तीन दिन बाद इंडियन ऑयल कंपनी कार्पोरेशन ने उसका सिलेक्शन कर लिया। इंटरव्यू के दौरान अधिकारियों ने उसे अंडमान निकोबार में भेजने की चेतावनी दी। जिस पर नवगीत ने कहा कि उसे यहां मर्जी भेज दो, लेकिन पैकेज अच्छा होना चाहिये। अग्निकांड पीडि़त का हौंसला देख कंपनी ने उसे गुवाहटी में ए ग्रेड अधिकारी बनाकर भेजा। छह माह की सर्विस की बाद उसे सीनियर परचेजिंग अधिकारी बनाकर कंपनी ने पानीपत स्थित रिफाईनरी में भेज दिया। पिछले चार वर्षों से नवगीत उपरोक्त रिफाईनरी में सालाना 12 लाख रूपये के पैकेज पर कार्यरत है।
मेरे बेटे ने हिम्मत नहीं हारी
अग्निकांड के समय नवगीत की उम्र महज 8 साल थी। अग्निकांड में मिले जख्मों के आधार पर मेरे बेटे नवगीत को कंपनियां अपाहिज समझती थी। टेस्ट में नंबर वन रहने वाले मेरे बेटे को इंटरव्यू में निकाल दिया जाता। जबकि अन्य बच्चों को नौकरी मिल जाती। यह बात उसे बहुत खटकती थी। नवगीत सिलेक्शन न होने पर बहुत रोता था। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिये उन्होंने उस पर बहुत दबाव डाला। लेकिन एसी कमरों वाली आराम दायक ट्रेड अपनाने की बजाये उसने वेल्डिंग में जाना पसंद किया। अपनी प्रतिभा के बल पर आज इस मुकाम पर है।
-रमेश सेठी (नवगीत के पिता)
नील गाय को मारकर किये टुकड़े, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में नील गाय को मारने का मामला सामने आया है। बिश्नोई समाज की शिकायत पर मौका पर पहुंची शहर थाना पुलिस ने मौका से नील गाय के मांस के टुकड़े तथा अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
रविवार सुबह बिश्नोई समाज के कुलदीप जादूदा ने पुलिस में शिकायत देकर कहा कि गांव डबवाली में लछमन सिंह बावरिया के घर पर नील गाय को मारकर उसका मांस पकाने की तैयारी की जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस दौड़ पड़ी। मौका पर पशु चिकित्सक तथा वाईल्ड लाईफ विभाग के कर्मचारियों को बुलाया गया। पुलिस ने मौका से टोका, दात, छुरा बरामद कर लिया। मौका पर मिले पप्पू नामक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। हिरासत में पूछताछ के दौरान पप्पू ने बताया कि नील गाय मृत अवस्था में गांव मांगेआना रोड़ पर स्थित खेतों के पास से मिली थी। उसने लछमन, दर्शन बगैरा के साथ मिलकर उसे वहीं काट डाला। कुछ मांस गांव मांगेआना के लोग भी ले गये।
पशु चिकित्सक अरूण बांसल ने बताया कि मौका से मिला मांस तथा हड्डियां नील गाय की हैं। लेकिन यह बताना मुश्किल है कि उस समय नील गाय मृत थी या फिर जीवित।
वाईल्ड लाईफ इंस्पेक्टर राजेंद्र डांगी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जिसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जायेगी।
शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह तथा मामले की जांच कर रहे एएसआई भूप सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
कभी गवाह था, आज हाईकोर्ट का जस्टिस हूं
बच्चों पर स्ट्रेस बढ़ रहा है, प्रत्येक स्कूल में हो काऊंसलर-परमजीत सिंह
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ के जस्टिस परमजीत सिंह ने कहा कि बच्चों में अध्यापक बनना चाहता था, एक जज के सामने गवाह के तौर पर प्रस्तुत हुआ था, उन्होंने मुझे वकील बनने के लिये प्रेरित किया। वकील बन गया, लेकिन ताने बहुत सहे। जस्टिस बनने का सपना देखा था, पूरा हुआ तो अपनी मेहनत पर गर्व हुआ। आप सपना देखकर, उसे पूरा करने के लिये जी-जान लगाओ। फिर देखना, सपना कैसे पूरा होता है।
भाषण लिखकर लाये थे, लेकिन खोलकर तक नहीं देखा
जस्टिस रविवार को बाल मंदिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के 39वें वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे पहली बार किसी जनसमूह को संबोधित करने जा रहे हैं। इसलिये वे अपना भाषण लिखकर लाये थे। लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं है। चूंकि भाषण में जो बातें मैंने लिखी थी, वह बच्चों ने मंच के जरिये प्रस्तुत कर दी। बच्चों के साथ अपनी जिंदगी के पहलू सांझे करते हुये जस्टिस ने कहा कि उनकी प्राथमिक शिक्षा गोबिंदपुरा बरेटा के सरकारी स्कूल में हुई। आठवीं भी गांव के स्कूल में की। 10वीं रामपुरा फूल से पास की। बठिंडा के डीएवी कॉलेज से बीएससी की। वेयर हाऊसिंग कापोरेशन में नौकरी की। इसी विभाग में वरिष्ठ पद मिल गया। साथ में एलएलबी करने लगा।
जब जज ने कहा आप वकील क्यों नहीं बनते
पहली बार अदालत में गवाह के तौर पर जज के सवालों का सामना किया। उत्तर सुनकर जज ने कहा कि आप वकील क्यूं नहीं बन जाते। उसी समय नौकरी छोड़कर मानसा स्थित अदालत में प्रेक्टिस शुरू कर दी। फौजदारी केस लड़ते हुये एक वर्ष बीत गया। फिर सिविल सूट मामला आया। साथी वकीलों से मदद लेनी चाही तो ताने मिले। लेकिन पीछा नहीं छोड़ा। वो दिन के बाद आज का दिन है। सिविल सूट के लिये सलाह मांगने वाला वकील आज जस्टिस है।
हर विद्यालय में काऊंसलर जरूरी
उन्होंने बच्चों को थ्री पी हमेशा याद रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्ले, पेशन और परपज को जिंदगी में उतार लें। सफलता खुद ब खुद कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि आज के बच्चों पर स्ट्रेस बहुत ज्यादा है। बच्चों की स्ट्रेस दूर करने के लिये प्रत्येक स्कूल में काऊंसलर होना जरूरी है। ताकि बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का अच्छा वातावरण मिल सकें।
बच्चों को गिफ्ट नहीं समय की जरूरत
उन्होंने अभिभावकों को सलाह देते हुये कहा कि बच्चों को गिफ्ट नहीं समय की जरूरत होती है। इसलिये बच्चों को जितना भी समय दे सकें, उतना दें। 12-13 वर्ष की उम्र ऐसी होती है, जिसमें बच्चे को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इस स्थिति में बच्चे को वॉच करें, उसके साथ अच्छे मित्र वाला बर्ताव करें।
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